झारखंड में आज जारी हो सकते हैं भाजपा प्रत्याशियों की सूची,जारी करने से पहले करना पड़ रहा मंथन, विरोध की संभावना

* झारखंड डेस्क रांची : झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की सूची का इंतजार गुरुवार को देर रात होता रहा, लेकिन यह जारी नहीं हो पायी. अब उम्मीद की जा रही है कि आज शुक्रवार को इसकी सूची जारी कर दी जाये. बताया जाता है कि इस बार जो सूची जारी की जायेगी, उन्हीं सीटों की घोषणा की जायेगी, जहां पर कोई विवाद नहीं है. बताया जाता है कि जमशेदपुर पूर्वी, बहरागोड़़ा , ईचागढ़,पोटका और घाटशिला विधानसभा सीट की घोषणा बाद में की जायेगी. पहले तो सीटों के बंटवारे की घोषणा होगी, जिसके बाद प्रत्याशियों की घोषणा की जायेगी. बताया जाता है कि प्रत्याशियों की घोषणा के पहले ही सोशल मीडिया में इसकी सूची लीक हो जाने के बाद पार्टी बैकफुट पर आ गयी है और फिर से विचार करने को मजबूर हो गयी है. इसको लेकर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा ही विरोध किया जा रहा है. खास तौर पर वैसी सीट, जहां भाजपा जीतती आयी है और वहां बाहर से नेताओं को बुलाकर टिकट दिया जा रहा है,इसको लेकर विरोध की स्थिति है. इसको देखते हुए पा्टी पुनर्विचार के मोड में है. रांची सीट और हटिया सीट को लेकर भी काफी उधेड़बुन चल रहा है. हटिया सीट से कांग्रेस के अजय शाहदेव को लाया जा रहा था, लेकिन इसका विरोध शुरू हो गया है.इसी तरह रांची से प्रत्याशी के तौर पर सीपी सिंह को बदला जा रहा था, जिसका विरोध हो रहा है.नवीन जायसवाल को लेकर सर्वे रिपोर्ट बेहतर नहीं है, जिस कारण भी पार्टी विचार करने के मूड में है. इसके अलावा जमशेदपुर पूर्वी में भी रघुवरदास या उनके परिवार को टिकट देने के बजाय कोई स्वतंत्र नेता को टिकट देने का दबाव आ गया है. पोटका से मीरा मुंडा को टिकट देने का भी विरोध हुआ है. चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से टिकट देने का विरोध भाजपा के नेता ही कर रहे है. इस कारण इस पर विचार चल रहा है. बहरागोड़ा से कई और प्रत्याशियों पर विचार चल रहा है. आभा महतो के अलावा दिनेशानंद गोस्वामी के साथ कुणाल षाडंगी और दिनेश षाडंगी पर भी पार्टी विचार कर रही है. इस कारण अभी घोषणा को रोका गया है.लेकिन यह तय माना जा रहा है कि शुक्रवार को प्रथम सूची जारी कर दी जायेगी.
आप अगर किसी व्हाट्सअप ग्रुप में एडमिन हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो पड़ सकते हैं कानूनी पचरे में

* रांची। क्‍या आप व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य हैं। अगर हां तो यह सूचना आपके लिए है। इसका पालन जरूर करें। चुनाव की घोषणा के साथ ही 15 अक्टूबर से 23 नवंबर, 2024 तक झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। अब चुनाव को लेकर कई तरह की खबरें सोशल मीडिया पर प्रचारित और प्रसारित की जाएगी। इसे लेकर सभी व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों से प्रशासन ने अनुरोध किया है कि वे जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं। इसके नाते किसी भी प्रकार की असत्य, भ्रामक या उकसाने वाली सूचना सोशल मीडिया पर साझा नहीं करें। इन बातों का ध्यान रखें सत्यापित सूचना ही साझा करें : किसी भी समाचार या जानकारी को फैलाने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांच लें। धार्मिक और राजनैतिक संतुलन बनाए रखें : किसी भी प्रकार की धार्मिक या राजनैतिक विवादों को जन्म देने वाले संदेशों से दूर रहें। कानूनी परिणामों का ध्यान रखें : गैर-जिम्मेदाराना पोस्ट के कारण आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। विवादित या भड़काऊ टिप्पणियों से बचें : ऐसी किसी भी पोस्ट पर विवादित या भड़काऊ प्रतिक्रिया देने से बचें।
सांसद चन्द्र प्रकाश चौधरी ने मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर दुमका रेंज के डीआईजी को चुनाव के दौरान पद मुक्त रखने की मांग की

* रांची: विधानसभा चुनाव के साथ हीं पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप और अधिकारियों के निष्पक्षता पर सवाल उठाने लगे हैं. इसी कड़ी में गिरिडीह सांसद चन्द्र प्रकाश चौधरी ने झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी के रवि कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में दुमका रेंज के डीआईजी संजीव कुमार को विधानसभा चुनाव के दौरान पद मुक्त रखने की मांग की है। विदित हो इन पर भाजपा के लोग आरोप लगाते रहे हैं. अब देखना है कि चुनाव आयोग का इस मामले में क्या जबाब आता है
ईचागढ़ विधानसभा सीट से भाजपा को टिकट देने की मांग पर कार्यकर्ताओं ने BJP प्रदेश कार्यालय रांची में की नारेबाजी, देखिए

* रिपोर्टर जयंत कुमार रांची : झारखंड के ईचागढ़ विधानसभा सीट से भाजपा को टिकट देने की मांग को लेकर रांची प्रदेश कार्यालय में विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की। हर हाल मे ईचागढ़ सीट से भाजपा को ही टिकट देने की मांग पर लोग अड़े रहे। भाजपा म नेता व ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के भतीजे अंकुर सिंह ने कहा कि ईचागढ़ विधानसभा भाजपा की पारंपारिक सीट है। भाजपा यहां से अपना परचम लहराती आई है। ऐसे में इस सीट पर भाजपा को ही टिकट मिलनी चाहिए। ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता ने भी लोकसभा चुनाव में भाजपा को ही सबसे ज्यादा वोट दिया था। जनता भी भाजपा को ही चाहती है। इस बार विधानसभा चुनाव झामुमो, बीजेपी, कांग्रेस, आजसू और जदयू के लिए बेहद खास है। बात अगर झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 की करें तो ईचागढ़ क्षेत्र से झामुमो की उम्मीदवार सविता महतो ने अपने निकटतम कैंडिडेट आजसू पार्टी के हरेलाल महतो को 18,710 मतों से हराकर क्षेत्र की पहली महिला विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया था। पिछली बार ईचागढ़ में झामुमो, भाजपा और आजसू पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। वही इस बार गठबंधन में यह सीट आजसू के खाते में चली गई है। ऐसे में भाजपा की ओर से दावेदारी करने वाले अरविंद कुमार सिंह के समर्थक नारेबाजी करते दिख रहे हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस पर हम लोग मिलकर विचार करेंगे और जब गठबंधन में चुनाव लड़ा जाता है तो किसी न किसी को त्याग देना पड़ता है।
राहुल गांधी के रांची आगमन को लेकर सियासी बयान बाजी तेज,कांग्रेस ने कहा वह बांग्लादेश के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं हम सामाजिक न्याय पर,

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर संविधान बचाओ सम्मेलन के माध्यम से झारखंड में चुनावी मुद्दों को टटोलेंगे और झारखंड विधानसभा चुनाव का शंखनाद करेंगे। इन दिनों राहुल गांधी के कोर कमेटी के सदस्य रांची में कैंप कर रहे है। संभावना जताई जा रही है कि19 अक्टूबर को रांची आएंगे। 

वही राहुल गांधी के रांची आगमन को लेकर कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध खान सहाय ने कहा कि भाजपा बांग्लादेशी मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है और हमारे नेता सामाजिक न्याय को लेकर बात करते हैं। यही फर्क है भाजपा और कांग्रेस में। 

वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राहुल गांधी को आउटडेटेड बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कब क्या कहते हैं उन्हें खुद नहीं मालूम। इसलिए आज की तारीख में राहुल गांधी के बातों को कोई सीरियसली नहीं लेता।

झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड में 109 करोड़ फर्जीवाड़ा मामले में चीफ फाइनेंस ऑफिसर का नाम अभी तक प्राथमिकी में नहीं

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खाते से 109 करोड़ रुपये झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (जेटीडीसी) के फर्जी खाते में हस्तांतरित होने का मामला सामने आया है। 

इस मामले में झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड में हुए 109 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े के मामले में चीफ फाइनेंस ऑफिसर का नाम अभी तक प्राथमिकी में नहीं होने पर गहरी चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, यह मामला निगम की वित्तीय स्थिति के साथ-साथ राज्य की आर्थिक स्थिरता के लिए भी खतरनाक है। ऐसे में चीफ फाइनेंस ऑफिसर मधुप कुमार को अभी तक नामजद नहीं किया जाना गंभीर सवाल उठाता है। इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए, न कि विभागीय जांच। विभागीय जांच से मामले की गंभीरता को कम करने की कोशिश की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि पूर्व में भी प्राथमिक में नामदज जयंत कुमार के कार्यकाल में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ था। लेकिन अभी तक एक अनस्किल्ड कर्मी के गिरफ्तारि के अलावा कही कुछ नहीं हुआ। 

उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधीन आने वाले इस विभाग में इतने बड़े पैमाने पर हुए फर्जी निकासी मामले को सरकार गंभीरता से लेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

इसबार के झारखंड विंधानसभा चुनाव में कई ऐसे चर्चित नए चेहरे होंगे मैदान में जिसपर रहेगी पूरे देश की नजर,आइए जानते हैं कौन हैं ये चेहरे...!

झारखंड डेस्क

झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा हो गयी है. चुनाव आयोग ने 2 चरण में राज्य में विधानसभा चुनाव करवाने का फैसला लिया है. पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. 23 तारीख को मतों की गिनती होगी. पूरे देश की नजर इस चुनाव पर है. हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सहित तमाम दिग्गजों के बीच कुछ ऐसे भी चेहरे हैं.

जिन चेहरों पर पूरे देश की नजर रहेगी उनमें सबसे पहला नाम कल्पना मुर्मू सोरेन का आता है जिन्होंने बहुत ही कम समय में झारखंड की राजनीति में एक अलग पहचान बनायी है. इसी तरह जयराम महतो, बाबूलाल सोरेन और चंद्रदेव महतो पर भी पूरे देश की नजर रहेगी.

कल्पना सोरेन ने बहुत ही कम समय में किया अपने आपको स्थापित

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने बहुत ही कम समय में झारखंड की राजनीति में अपने आपको स्थापित किया है. हेमंत सोरेन के सीएम बनने के बाद भी कल्पना सोरेन ने राजनीति से अपने आपको अलग रखा था. जब जेल जाने के कारण हेमंत सोरेन को पद छोड़ना पड़ा उस समय भी कल्पना सोरेन की राजनीति में डायरेक्ट एंट्री नहीं हुई थी. हालांकि बाद में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के माध्यम से उन्होंने राजनीति में एंट्री मारी.

महज पिछले 4-5 महीने में ही कल्पना सोरेन ने अपने आपको पूरी तरह से राजनीति में स्थापित कर लिया है. सोशल मीडिया पर उनके हजारों की संख्या में फॉलोअर्स हैं. महिला वोटर्स के बीच भी उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. सूत्रों के अनुसार मंइयां सम्मान योजना के पीछे भी कल्पना सोरेन की रणनीति ही बतायी जा रही है.

 इस विधानसभा चुनाव में पूरे देश की नजर कल्पना सोरेन पर होगी. कई विधानसभा सीटों पर अभी से ही उनकी सभा के लिए प्रत्याशियों की तरफ से तैयारी की जा रही है. 

जयराम महतो ने पुराने मुद्दों को दी नई धार

जेएलकेएम के नेता जयराम महतो इस विधानसभा चुनाव में लगभग 1 दर्जन सीटों पर प्रभावी साबित हो सकते हैं. जयराम महतो ने झारखंड में स्थानीयता और भाषा जैसे मुद्दों के दम पर पिछले 2-3 सालों में छोटानागपुर और कोल्हान के कुछ क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनायी है. हाल ही में उन्होंने अपनी पार्टी का भी गठन किया है. लोकसभा चुनाव में भी गिरिडीह सीट पर उन्होंने 3 लाख से अधिक वोट लाकर लोगों को चौका दिया था. 

कई अन्य सीटों पर भी उनके उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन किया था. हालांकि हाल के दिनों में उनकी पार्टी में हुई टूट के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. युवाओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ है. झारखंड की राजनीति में जयराम महतो की पार्टी को आजसू पार्टी के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है. 

ए.के. रॉय की विरासत संभालने आगे आए हैं चंद्रदेव महतो

झारखंड अलग राज्य आंदोलन को 60,70 और 80 की दशक में ए.के. रॉय ने नई दिशा दी थी. उनके प्रयासों से ही स्थापित झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बढ़ चढ़कर झारखंड आंदोलन में हिस्सा लिया. एक दौर में शिबू सोरेन, बिनोद बिहारी महतो और ए.के रॉय की तिकड़ी की चर्चा देश भर में होती थी. ए.के. रॉय शिबू सोरेन के कट्टर प्रशंसक थे और वो झारखंड की कमान आदिवासियों के हाथ में जाए इसके सबसे बड़े पैरवीकार रहे थे. 

ए.के रॉय के निधन के बाद उनकी पार्टी का हाल ही में भाकपा माले में विलय हो गया. ए.के. रॉय की पार्टी के नेता रहे चंद्रदेव महतो, ए.के रॉय की परंपरागत सीट सिंदरी से इस चुनाव में भाकपा माले की टिकट पर उतरने वाले हैं.

चंद्रदेव महतो बेहद ही इमानदार और ए.के. रॉय की ही तरह फक्कड़ स्वभाव के माने जाते हैं. चंद्रदेव महतो ने बतौर शिक्षक रहते हुए भी सिंदरी में जमकर काम किया और उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में एंट्री ली है. 

उन तमाम पुराने मुद्दों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं जिन्हें एक दौर में बिनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन और ए.के रॉय उठाते रहे थे.

झारखंड की राजनीति में सिंदरी सीट इस चुनाव में चंद्रदेव महतो के द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों के कारण तेजी से चर्चित हो रहा है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि भाकपा माले के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बाद उत्तरी छोटानागपुर के क्षेत्र में चुनाव परिणाम पर भी इसका असर पड़ सकता है.  

चंपाई के बेटे बाबूलाल सोरेन ने मान सम्मान को बनाया मुद्दा

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जेएमएम की तरफ से झारखंड के मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन ने बाद में विद्रोह कर दिया और वो बीजेपी में शामिल हो गए. 

चंपई सोरेन के बीजेपी में एंट्री और जेएमएम में विद्रोह के पीछे सबसे बड़े सूत्रधार के तौर पर बाबूलाल सोरेन का नाम सामने आया. बाबूलाल सोरेन चंपई सोरेन के पुत्र हैं. उन्होंने चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाने के जेएमएम के तरीके पर सवाल उठाया था और कहा जाता है कि बीजेपी के साथ दोस्ती के लिए भी पूरी कहानी के प्रमुख सूत्रधार वो रहे थे. 

बाबूलाल सोरेन के घाटशिला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है. हालांकि बीजेपी की तरफ से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं हुई है. लेकिन वो लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. चंपई सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में भी कार्यकर्ताओं की कमान बाबूलाल सोरेन के हाथ में ही लंबे समय से रही है. हालांकि जेएमएम की तरफ से उनके खिलाफ बड़ी तैयारी करने की योजना है. ऐसे में पूरे देश के लोगों की नजर है कि क्या बाबूलाल सोरेन राजनीति के मैदान में जोरदार एंट्री मार पाएंगे?

झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दलों में 18अक्टूबर को सीट शेयरिंग पर बनेगी बात

बोरो प्लेयर बोरो उम्मीदवार यह है झारखंड में भाजपा का करिश्मा - कांग्रेस

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे।

झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस ने कवायद तेज कर दी है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सांसद सुबोध कांत सहाय ने बताया 17 अक्टूबर की बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी। पिछली बात झामुमो 41, कांग्रेस 33 और राजद 7 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। वर्तमान में वामदल भी शामिल हुए है इसलिए घटक दलों को अपने-अपने हिस्से से उन्हें सीट देने की सहमति बनने के आसार हैं।

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने इंडिया गठबंधन के जीत की सुनिश्चितता को लेकर कहा कि वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार ने जनता से जुड़े कई लाभकारी योजनाएं चलाई है। भाजपा पर निशाना साधते हुए सुबोध काटने कहा कि झारखंड की सत्ता पर सबसे ज्यादा 18 साल तक भाजपा शासन की, लेकिन आम लोगों को सिर्फ आश्वासन ही मिला जमीनी हकीकत पर कार्य नहीं हुआ है। 

कांग्रेस के केंद्रीय महासचिव अजय नाथ शाहदेव के भाजपा में शामिल होने की खबर पर सुबोध कांत सहाय ने कहा की विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को अपना कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा इसलिए बोरो प्लेयर से वह चुनाव जीतना चाहती है। 

सूत्रों का कहना है कि चूंकि गठबंधन के प्रमुख घटक दलों के नेता एक साथ जुटेंगे। इससे पहले सभी पार्टियां यह तय कर लेंगी कि किसे कितनी और किस सीट से चुनाव लड़ना है। गौरतलब है कि चुनाव की तैयारियों को लेकर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव दोनों नेताओं की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह रांची डीसी वरुण रंजन ने पंडरा स्थित मतगणना स्थल का किया निरीक्षण, दिए जरुरी निर्देश


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : रांची उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी वरुण रंजन द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर पंडरा स्थित मतगणना स्थल का निरीक्षण किया।

इस दौरान रांची अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार, अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था, राजेश्वर नाथ आलोक, उप निर्वाचन पदाधिकारी रांची बिवेक कुमार सुमन, सभी निर्वाची पदाधिकारी, EVM नोडल पदाधिकारी और सम्बंधित सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।

रांची जिला निर्वाचन पदाधिकारी वरुण रंजन द्वारा वोटिंग काउंटिंग सेंटर पंडरा और वज्रगृह के पुरे परिसर का अवलोकन करते हुए यहाँ के तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यहाँ तमाम व्यवस्था को दुरस्त करने का निर्देश सम्बंधित अधिकारी को दिया गया। वरुण रंजन द्वारा निरीक्षण के क्रम में स्ट्रांग रूम में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (EVM) के रख-रखाव की व्यवस्था, काउंटिंग कक्ष, पोलिंग पार्टी रूट, पार्किंग सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

 मतगणना केंद्र का निरीक्षण के क्रम में वरुण रंजन ने सी.सी.टी.वी. कैमरा, पंडाल, स्ट्रांग रूम, पार्किंग व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, सुरक्षा कर्मियों, चुनाव में तैनात कर्मियों के लिए भोजन की व्यवस्था, शौचालय आदि की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया गया।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी वरुण रंजन ने निर्देश देते हुए कहा कि पुरे परिसर की साफ-सफाई विशेष रूप से करें, स्वच्छ वातावरण में मतगणना का कार्य हो इसके लिए जल्द से जल्द साफ-सफाई का कार्य शुरु कर दे। यह सुनिश्चित हो की मतगणना क्रम में पुरे परिसर में गंदगी नही रहें। उन्होंने सम्बंधित अधिकारी को बिल्डिंग का रंग-रोगन का भी निर्देश दिया।

लोकतंत्र और जम्हूरियत को बेचने में लगे है भाजपा और ECI, JMM ने कहा ये दोनों आज का नया बंटी और बबली




रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में राजनीति हलचल तेज हो गयी है। इसी कड़ी में झामुमो ने पिछले पांच साल के कार्यकाल में उपलब्धियां और चुनौतियों के बारे में बताया है। 

झामुमो ने चुनाव आयोग के द्वारा जारी तिथियो पर ऐतराज जताते हुए कहा कि चुनाव के तिथियां की घोषणा भाजपा के इशारे पर हुई है। झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पहले हरियाणा का चुनाव महाराष्ट्र के साथ होता था, लेकिन इस बार हरियाणा में अकेले चुनाव कराया गया और झारखंड महाराष्ट्र एक साथ हो रहा है। यह बताने को काफी है कि किसके इशारे पर चुनाव आयोग कम कर रही है। उन्होंने 2005 में आई फिल्म बंटी और बबली को याद दिलाते हुए कहा दोनों ने ताजमहल को भेजा था। वैसे ही वर्तमान में बंटी और बबली यानी भाजपा और चुनाव आयोग हो गई है, जो लोकतंत्र और जम्हूरियत को बेचने में लगी है।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पहले चरण में 43 सीट पर ही चुनाव की घोषणा क्यों हुई, 47 हो सकती थी। इसमें मांडू, रामगढ़ और खिजरी नहीं है। मांडू दो जिला में आता है रामगढ़ और हजारीबाग। रामगढ़ में खड़े हो कर रांची को प्रभावित करने का काम करेंगे भाजपा के नेता। इस तरह कई विधानसभा सीट है जो प्रभावित होगा।आखिर ये भाजपा और ECI पूरा खेल खेलने में लगी है। चुनाव को कैसे हाईजैक किया गया है। चुनाव आयोग कैसे काम करेगी, इसकी पटकथा पहले असम सरकार के भवन में लिखी गई, फिर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित कार्यालय में अनुमोदन हुआ फिर चुनाव आयोग ने पेश किया।