खेत में पराली व पत्ती न जलाने की उपजिलाधिकारी ने किसानों से की अपील
ब्रह्म प्रकाश शर्मा
जानसठ/ मुजफ्फरनगर ।शासन के निर्देशन तथा जिलाधिकारी के आदेशानुसार एसडीएम ने किसानों से गन्ने की पत्ती व परली खेत में न जलाने की अपील की ।सोमवार को शासन के निर्देशन के क्रम में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के निर्देश पर एसडीएम जानसठ सुबोध कुमार ने सभी क्षेत्र के किसानो को मीडिया के माध्यम से जागरुक करते हुए कहा कि क्षेत्र का कोई भी किसान खेत में गन्ने की पत्ती व परली खेत में न जलाएं जबकि यह देखने में आता है कि कृषकों द्वारा कृषि अवशेष के निस्तारण के लिए कृषि अवशेषों को खेत में ही जला दिया जाता है।
जिससे न केवल वायु प्रदूषण होता है, बल्कि भूमि की उर्वर परत को भी क्षति पहुंचती है। विगत वर्षों में उच्चतम न्यायालय के द्वारा कृषि अवशेषों को खेत में जलाये जाने पर गहन चिंता व्यक्त की थी किसानों के ऐसा करने पर वायु प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण कारण माना है तथा इसको लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किये गए । क्षेत्र के सभी किसान से अपील की जाती है कि कृषि अवशेषों के प्रबंधन के लिए कृषि विभाग से कृषि अवशेषों के निस्तारण हेतु कृषि वेस्ट डी-कन्पोजर प्राप्त कर वैज्ञानिक तरीके से कृषि अवशेषों का निस्तरण करने का कष्ट करे। बेस्ट डी-कम्पोजर के लिए कृषि बीज भण्डारण की दुकान से सम्पर्क करे।
वेस्ट डी-कम्पोजर का प्रयोग करके कृषि अवशेषों से जैविक खाद बनाकर खेत की उर्वरता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की धारा 24 एवं 26 के अन्तर्गत खेत में फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध है। उपजिलाधिकारी सुबोध कुमार ने बताया कि दो एकड से कम क्षेत्र के लिये 2500 रुपए व 2 से 5 एकड के लिये 5000/- प्रति 3-05 एकड से अधिक क्षेत्र के लिये अर्थदण्ड रू0 15000/- प्रति घटना अपराध की पुरावृत्ति करने पर अर्थदण्ड से दण्डित किया जायेगा तथा साथ ही साथ उक्त कृषकः को सरकारी सुविधा से प्रतिबंधित किया जायेगा। अतः किसी भी दशा में फसल अवशेष न जलाये जाये एवं पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग व योगदान करे।
Oct 14 2024, 19:27