मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सर्किट हाऊस में जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों से भेंटकर दी नवरात्र पर्व की बधाई

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान सर्किट हाऊस में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों से भेंटकर उन्हें नवरात्र पर्व की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने यहां आम नागरिकों से मिले और उनकी मांगों, समस्याओं से अवगत होकर उनके निराकरण का आश्वासन दिया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर की आराध्य देवी मां दन्तेश्वरी के दर्शन का आज सौभाग्य मिला, उनका आशीर्वाद सदैव आप सभी पर बना रहे। आज माता की कृपा से जिले को 166 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात मिली है। मां दन्तेश्वरी मंदिर परिसर में आकर्षक कारीडोर का निर्माण हुआ है, दूरस्थ ईलाके के ग्रामीणों को आवागमन सुविधाएं मुहैया कराने के लिए महिला स्व-सहायता समूह को बस संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। जिससे इन सुदूर क्षेत्रों में विकास के द्वार खुलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार इस अंचल के समग्र विकास के लिए अनवरत रूप से कटिबद्धता के साथ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में आमजनों की सहूलियत के हिसाब से प्राथमिकता देकर विकास कार्यों को किया जाएगा

मुख्यमंत्री के हाथों नक्सल हिंसा से 70 प्रभावितों को मिला विभिन्न विभागों में नियुक्ति आदेश

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर के जिला अस्पताल को सौ बिस्तर से बढ़ाकर दो सौ बिस्तर करने की घोषणा के साथ ही अंचल के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवार के 70 आश्रितों को शासकीय नियुक्ति आदेश पत्र भी सौंपा और 19 हजार से अधिक तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 14 करोड़ 9 लाख रूपए की बोनस राशि भी वितरित की।

ुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बीजापुर जिला मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में आयोजित नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवार के आश्रितों को शासकीय नियुक्ति आदेश और तेंदूपत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने 263 करोड़ 66 लाख से अधिक की लागत से 209 के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इनमें 228 करोड़ 53 लाख के 145 विकास कार्यों का भूमि पूजन और 35 करोड़ 13 लाख के 64 विकास कार्य का लोकार्पण शामिल है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में बीजापुर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना, भोपालपटनम में 132 केव्ही की विद्युत सब स्टेशन की स्थापना, 33 नए स्कूल खोलने, केंद्रीय पुस्तकालय और विशेषज्ञ चिकित्सकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जोड़ने की घोषणा की। साथ ही प्रयास आवासीय विद्यालय और प्रतियोगिता परीक्षा के लिए कोचिंग की व्यवस्था करने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में कहा कि बस्तर क्षेत्र में विकास कार्य को गति दी जा रही है। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से माओवाद-आतंक से प्रभावित क्षेत्रों में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक, खनिज, वन संपदा से परिपूर्ण है साथ ही यहाँ के निवासी भी ऊर्जावान है। प्रदेश के विकास में यहां के लोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, वनमंत्री और बीजापुर प्रभारी मंत्री केदार कश्यप, लोकसभा क्षेत्र बस्तर के सांसद महेश कश्यप ने भी संबोधित किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंर्तगत गृह प्रवेश (चाबी वितरण) और आवास स्वीकृति पत्र, तेंदूपत्ता बोनस, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत राशि, किसान क्रेडिट कार्ड, सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त नियद नेल्लानार हितग्राहियों को प्रमाण पत्र, स्व सहायता समूह चक्रीय निधि, आय, जाति-निवास प्रमाण पत्र और युवाओं को खेल सामग्री का वितरण किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए विभागीय स्टालों का निरीक्षण कर वन अधिकार प्रमाण पत्र, विश्वकर्मा योजना का प्रमाण पत्र, ई रिक्शा का वितरण सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों का सामग्री वितरण किया। कार्यक्रम में बस्तर के कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव, सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, गणमान्य जनप्रतिनिधि, नागरिकगण उपस्थित थे।

बस्तर अब शांति की ओर हो रहा अग्रसर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर प्रवास के दौरान विश्रामगृह में आत्मसमर्पित नक्सली एवं नक्सली हिंसा से पीड़ित युवाओं से संवाद किया। ये युवा छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत पुलिस विभाग में भर्ती होकर माओवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नक्सल संगठन को छोड़कर पुनर्वास नीति से लाभान्वित होने वाले युवाओं से मिलकर खुशी जाहिर की और कहा कि बस्तर अब शांति की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विगत दिवस नक्सलियों की हिंसा के शिकार 55 से ज्यादा नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली जाकर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु एवं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले और नक्सलवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली हिंसा के शिकार लोगों की बातों को सुनकर बहुत ही दुख लगा कि निर्दाेष लोग हिंसा के शिकार हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय से संवाद के दौरान नक्सली पीड़ित नव आरक्षक सुमित्रा ने बताया कि उनके पिता की नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत वे आरक्षक के पद पर नियुक्त हुए है। शासन के पुनर्वास नीति नक्सल पीड़ित परिवार के लिए वरदान साबित हो रही है।

वहीं चेरकंटी निवासी मंगल मोड़ियम पूर्व में 19 वर्षों तक नक्सल संगठन में शामिल था। माओवादियों के खोखली विचारधारा को छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जिन्हें पुनर्वास नीति के तहत पुलिस विभाग में नियुक्ति मिली। श्री मंगल मोड़ियम ने बताया कि बस्तर, बीजापुर में शांति स्थापित होना जरूरी है। भोले-भाले आदिवासियों का नक्सलियों द्वारा जल, जंगल, जमीन के नाम पर गुमराह किया जाता है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद महेश कश्यप, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह बस्तर आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार उपस्थित थे।

निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी, नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

रायगढ़-    जिले के लखीराम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस करने पर बड़ी चेतावनी जारी की गई है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अस्पताल के साथ-साथ अपने अधीनस्थ सभी 100 से अधिक विभागाध्यक्षों और डॉक्टरों को नोटिस भेजा है, जिसमें सरकारी कार्यों के दौरान नियमों के उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में मरीजों की परेशानी को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के बाद भी लगातार निजी प्रैक्टिस में लिप्त डाक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की गई है. शासन के नए आदेशानुसार मेडिकल कालेज में पदस्थ डॉक्टरों को अब अस्पताल के समय में ड्यूटी पर उपस्थित रहना अनिवार्य कर दिया गया है और इस तय अवधि में वे मरीजों के इलाज में अपनी सेवाएं देते रहें. अगर इस दौरान अगर किसी निजी चिकित्सालय या निजी क्लीनिक पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते पाए जाने पर ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ न केवल कार्रवाई की जाएगी बल्कि नियमानुसार अन्य कड़े कदम उठाये जा सकते हैं.

इस संबंध में स्व. लखीराम मेडिकल कालेज के डीन डाॅ. पीएम लुका ने बताया कि हाल ही में मिली शिकायत के बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष सहित मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी है और इस नोटिस में यह कहा गया है कि शासकीय कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही डॉक्टर न करें. साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में तय समय पर अगर वे अनुपस्थित पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे.

आकांक्षी जिला दंतेवाड़ा जैविक कृषि जिला बनने की ओर अग्रसर

रायपुर-     जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा आकांक्षी जिला दंतेवाड़ा को जैविक जिला बनाने की ओर वृहद स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में प्रमुख रूप से जिले के किसानों को जैविक खेती की विभिन्न तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है। किसानों को रासायनिक खेती को छोड़ कर जैविक खेती की ओर अग्रसर करना एवं किसानों का जैविक प्रमाणीकरण इत्यादि गतिविधियां शामिल है।

गौरतलब है कि दंतेवाड़ा जिले में रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का प्रचार-प्रसार और विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। इसके अतिरिक्त वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण अंतर्गत जिले के 110 गांव के 10 हजार 264 किसानों के 65 हजार 279 हेक्टेयर भूमि का जैविक प्रमाणीकरण किया जा चुका है जो कि देश में सबसे बड़ा क्षेत्र है।

जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य के सभी आकांक्षी जिले लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि दंतेवाड़ा जिले में वर्तमान में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिले के 220 ग्रामों में तीन चरणों में कृषक खेत पाठशाला का आयोजन के साथ-साथ जैविक कार्यकर्ताओं के माध्यम से तकनीकी सहयोग किसानों को दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ जैविक किसानों को विभिन्न जगहों पर अभ्यास भ्रमण एवं उनके लिए आवासीय प्रशिक्षणों का आयोजन भी किया जा रहा है।

जल जीवन मिशन के कार्यों को मिशन मोड में पूर्ण करें - उपमुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री अरुण साव ने आज लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने रायपुर के नीर भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में जल जीवन मिशन के कार्यों को मिशन मोड में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने गांवों में पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति के लिए भू-जल स्त्रोतों को रिचार्ज करने भू-जल संवर्धन के कार्य प्राथमिकता से करने को कहा। श्री साव ने 12 समूह जल प्रदाय योजनाओं के टेंडर में ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र सही नहीं पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने निविदा निरस्त कर निविदाकारों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही करने को कहा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुलहक और जल जीवन मिशन के संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में जल जीवन मिशन के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने क्रेडा (CREDA) द्वारा स्थापित किए जा रहे सोलर पंपों के मापदण्डों का क्रेडा के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए चयनित तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी के कार्यों को अलग से मॉनिटर करने को कहा। इन एजेंसीज द्वारा अच्छा कार्य करने से कार्यों की गुणवत्ता में निश्चित ही सुधार आएगा।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने जल जीवन मिशन के कार्य जहां पूर्ण हो चुके हैं, वहां योजना के प्रचार-प्रसार के साथ जल उत्सव का आयोजन करने को कहा। इससे अन्य गांव भी योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने विभाग के मैदानी अमले को लगातार कार्यस्थलों का भ्रमण कर कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता पर नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों को मिशन मोड में पूर्ण करने सभी अधिकारियों को फील्ड में निरंतर सक्रिय रहने को कहा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने समीक्षा बैठक में विभागीय कार्यों की भौतिक और वित्तीय प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन की नल जल योजनाओं में भू-जल स्त्रोतों की उपलब्धता सुनिश्चित करने विभागीय मशीनों के साथ ही जल जीवन मिशन के कार्यों में लगी मशीनों के लिए आगामी 15 नवम्बर तक की कार्ययोजना तैयार की गई है। मिशन के कार्यों का अवयववार (component wise) और योजनावार लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि योजनाओं के शेष कार्य दिसम्बर-2024 तक पूर्ण किए जा सकें। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता डॉ. एम.एल. अग्रवाल तथा रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर जोन के मुख्य अभियंता भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

युवा संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बीजापुर स्थित सेन्ट्रल लाइब्रेरी में युवा संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए, यहां उन्होंने युवाओं से सीधा संवाद किया। युवाओं से बातचीत के बीच मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रतिभाशाली युवाओ को आगे बढ़ने का पूरा अवसर दिया जाएगा, प्रदेश के युवाओं को अच्छे भविष्य के निर्माण की सम्भावनाएं मिल रही है। इस मौके पर युवाओं की मांग सुनकर मुख्यमंत्री ने बीजापुर कलेक्टर को आवश्यक निर्देश भी दिए। अब बीजापुर के युवाओं को जल्द ही शून्य प्रतिशत ब्याज में एजुकेशन लोन की सुविधा देने की पहल की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नवरात्रि के अवसर पर संवाद कार्यक्रम में युवाओं से मिलना एक शुभ अवसर है। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा के लिए सजग है, प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना के साथ ही जिलों में लाइब्रेरी की सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि रायपुर के नालंदा परिसर में प्रतियोगी परीक्षा के लिए विद्यार्थियों की सुविधाओं में वृद्धि की गई है।  दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी के लिए संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या बढ़ाई गई, पीजी में रहने वाले विद्यार्थियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उनका खर्च शासन द्वारा वहन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं के साथ उनके भविष्य, शिक्षा, और रोज़गार के मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार युवाओं के विकास और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। श्री साय ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया और सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी, जो उनके सशक्तिकरण में सहायक हो सकती हैं।

कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने भी मुख्यमंत्री से अपने सवाल पूछे और अपने अनुभव साझा किए। लाइब्रेरी में आयोजित इस युवा संवाद कार्यक्रम ने जिले के युवाओं को एक सकारात्मक मंच दिया, जहां वे अपनी समस्याओं को सीधे मुख्यमंत्री के सामने रख सकें और उनके समाधान के बारे में जान सकें।

मुख्यमंत्री से बातचीत में युवा राकेश ताती ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र का होने के कारण, मेरी प्रारंभिक शिक्षा दूसरे गाँव में हुई, आज मेरे गाँव में पुलिस कैंप के साथ-साथ स्कूल भी खुल गए हैं। राकेश ने बताया कि मैं सहायक प्रोफेसर की तैयारी कर रहा है, लाइब्रेरी से तैयारी करने में बहुत सहायता मिलेगी।

रूखसार खान ने बताया कि जिले में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से पढ़ाई का स्तर अच्छा हुआ है, रूखसार ने मुख्यमंत्री से बीएड-डीएड कॉलेज की खोलने की पहल मांग की। सामया हसरत ने साइंस विषय के लिए कॉलेज में प्रोफेसर की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

ग्राम मेड के निवासी जगपति कुर्सा ने बताया कि गाँव सड़क, बिजली और अन्य विकास कार्य को गति मिल गई है। जगपति ने नीट-जेईई की तैयारी के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी में कोचिंग की माँग रखी। पुजारी कांकेर निवासी लक्ष्मण ने बताया कि मेरे गाँव में पहले स्कूल नहीं था इसलिए मैंने अपनी पढ़ाई दूसरे गांव में जाकर की लेकिन मुझे ख़ुशी है कि अब मेरे गांव में स्कूल खुल गया है, अब गांव के बच्चे गांव में ही पढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं की बात सुनकर उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

CM की सभा में सस्पेंड पटवारी का हाईवोल्टेज ड्रामा : मुख्यमंत्री को आवेदन देने के बाद रो पड़ा दीवान, कहा –
दंतेवाड़ा-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शुक्रवार को दंतेवाड़ा प्रवास पर थे. यहां उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन किए. इसके बाद तमाम नवीन कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. इस कार्यक्रम के समापन के बाद सस्पेंड पटवारी किशोर दीवान का हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. उन्होंने पहले सीएम को एक आवेदन दिया. इसके बाद मीडिया के सामने रोने लगा.

सस्पेंड पटवारी दीवान ने रोते हुए कहा कि अधिकारियों की कितनी बेगारी करें? इस बेगारी को करने से मना किया तो उसका हड़ताल अवधि में तीन बार ट्रांसफर किया गया. इसी बात को लेकर वह एसडीएम जयंत नहाटा से मिलने गया तो उसे गार्ड ने पीटा और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई. इतना ही नहीं जब उसने एसडीएम जयंत नहाटा के खिलाफ आवेदन थाने में किया तो एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई. आखिर हम जैसे छोटे कर्मचारियों की भी तो कोई सुने. उसके ऊपर चल रही विभागीय जांच की भी जानकारी नहीं दी जा रही है. तीन-तीन बार सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांग चुका हूं. आखिर ये अधिकारी पीट रहा है और जांच भी करवा रहा है. इतना ही नहीं सस्पेंड भी कर रहा है. जब इस अधिकरी के खिलाफ मामला दर्ज करवाने जाते हैं तो पुलिस भी एफआईआर दर्ज नहीं करती है. पटवारी के ड्रामा मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका पक्ष नहीं आ सका.

जानिए क्या हुआ था तीन माह पहले

तीन माह पहले पटवारियों की हड़ताल चल रही थी. इसी दौरान पटवारी किशोर दीवान का ट्रांसफर कटेकल्याण किया गया. इससे पहले भी दो बार ट्रांसफर जिला प्रशासन द्वारा किए जाने की बात वह कह रहा है. इन्ही विषयों को लेकर किशोर दीवान एसडीएम जयंत नहाटा के पास गया था. उस दौरान चैंबर में विवाद हुआ था किसी ने आखों से नहीं देखा था. इस विवाद के बाद एसडीएम के गार्ड ने आवेदन दिया और पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. एक आवेदन पटवारी किशोर दीवान ने एसडीएम के खिलाफ लेकर गया, इस आवेदन पर मामला दर्ज नहीं हुआ. इसी दर्द को उसने मीडिया के सामने बयां किया है.

जिला प्रशासन ने 11 जुलाई को यह तर्क रखा

जिला प्रशासन ने हल्का नंबर-04 भैरमबंद में पदस्थ पटवारी किशोर दीवान को कार्यों में अनियमितता और ग्रामीणों द्वारा शिकायत सही पाए जाने पर भैरमबंद से हटाकर तहसील कार्यालय कटेकल्याण कर दिया था. पटवारी के विरुद्ध 18 सर्व मूल बस्तरिया समाज कल्याण संघ दन्तेवाड़ा सहित एवं ग्रामीणों से बिंदुवार शिकायत प्राप्त हुई थी. आय, जाति, निवास एवं भूमि संबंधी कार्यों के लिए पैसों की मांग करना, जमीन दलाली के कार्यों में लिप्त रहना, मंदिर एवं धार्मिक कार्यों में बेवजह हस्तक्षेप करना, मूल बस्तरिया समाज का व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर लोगों को भड़काने का काम करना, इन शिकायतों पर तहसीलदार दंतेवाड़ा की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया था. जांच समिति ने 24 जून 2024 को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. जांच प्रतिवेदन के अनुसार सरपंच पंचायत बालपेट, उप सरपंच, सर्व मूल बस्तरिया समाज के उपाध्यक्ष, सह सचिव, पंचायत टेकनार के सरपंच, उपसरपंच इसी प्रकार ग्राम कतियाररास के ग्रामीणों ने बताया कि किशोर दीवान हल्का पटवारी का व्यवहार लोगों के प्रति अच्छा नहीं है. वे शासकीय कार्यों के बदले पैसे के लेनदेन की बात भी उनके द्वारा कही गई है. ग्राम कतियाररास में भी अभिलेख में नाम अंकित किए जाने के लिए ढाई लाख रुपए की मांग की गई. जांच समिति ने भी पटवारी के विरुद्ध जांच रिपोर्ट में भी कार्यों के प्रति लापरवाही होने की बात कही. पटवारी के विरूद्ध पूर्व में भी पदस्थ पटवारी हल्कों में भी इस प्रकार लापरवाही बरतने के प्रमाण पाए गए हैं इसलिए जिला प्रशासन ने 11 जुलाई को ये कड़ी कार्रवाई की थी.

नाजायज संतान को भी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार, बिलासपुर हाईकोर्ट का अहम फैसला
बिलासपुर-   अनुकंपा नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. जस्टिस संजय के अग्रवाल ने कहा कि भले ही याचिकाकर्ता मृतक सरकारी कर्मचारी का नाजायज पुत्र हो, वह अनुकंपा के आधार पर विचार के लिए हकदार होगा. कोर्ट ने एसईसीएल प्रबंधन को नोटिस जारी कर कहा है कि आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से 45 दिनों के भीतर आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने की प्रक्रिया पूरी करें.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अनुकंपा नियुक्ति का उद्देश्य मृतक कर्मचारी के परिवार में अभाव और गरीबी को रोकना है. एक बार जब हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 16 में विवाह के दौरान जन्म लेने वाले बच्चे को वैध माना जाता है तो अनुच्छेद 14 के अनुरूप राज्य के लिए ऐसे बच्चे को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ लेने से वंचित करना उचित प्रतीत नहीं होता.

बता दें कि एसईसीएल में आम गार्ड मुनिराम कुर्रे की मृत्यु 25 मार्च 2004 को हो गई थी. उसकी मृत्यु के समय ग्रेच्युटी नामांकन फॉर्म ‘एफ’ में सुशीला कुर्रे का नाम दर्ज था और पेंशन नामांकन फार्म में विमला कुर्रे का नाम था. विमला कुर्रे के साथ उनकी चार बेटियां मनीषा लाल, मंजूसा लाल, ममिता लाल, मिलिंद लाल और बेटा विक्रांत भी थे.

याचिकाकर्ता ने भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 372 के तहत उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए आवेदन पेश किया था. मामले की सुनवाई कोरबा के प्रथम सिविल जज वर्ग एक के कोर्ट में हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने भविष्य निधि 4,75,000/- और ग्रेच्युटी राशि 95,000 रुपए याचिकाकर्ता, उसकी मां और बहनों के पक्ष में प्रदान करने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद सुशीला कुर्रे ने अधिनियम, 1925 की धारा 383 के तहत उत्तराधिकार प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए आवेदन दायर कर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता हो गया और सुशीला ने आवेदन वापस ले लिया.

समझौते के बाद कोर्ट ने 6 मार्च 2006 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता, उसकी मां विमला कुर्रे और बहनों को मुनिराम कुर्रे (मृतक) का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. आदेश में कहा गया है कि विमला कुर्रे, मुनिराम कुर्रे की पत्नी है और सेवानिवृत्ति लाभों के उद्देश्य से याचिकाकर्ता मुनिराम कुर्रे का पुत्र है. कोर्ट ने यह भी कहा कि उपलब्ध दस्तावेजों से यह तय हो गया है कि याचिकाकर्ता विक्रांत, मुनिराम कुर्रे का विमला कुर्रे के साथ विवाह से उत्पन्न पुत्र है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि उत्तराधिकार न्यायालय ने पहले ही माना है कि याचिकाकर्ता विक्रांत, मुनीराम कुर्रे (मृतक) का पुत्र है, जो विमला कुर्रे के साथ विवाह के बाद हुआ था. लिहाजा आश्रित रोजगार के लिए याचिकाकर्ता का आवेदन/अभ्यावेदन एसईसीएल द्वारा अस्वीकार नहीं किया जा सकता. एसईसीएल प्रबंधन ने अपने जवाब में विमल कुर्रे को मुनीराम कुर्रे (मृतक) की दूसरी पत्नी बताते हुए कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन के दौरान दूसरी शादी नहीं कर सकता था इसलिए याचिकाकर्ता लाभ के लिए हकदार नहीं है और याचिकाकर्ता के आवेदन को सही रूप से खारिज कर दिया गया है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि उत्तराधिकार के मामले में उत्तराधिकार न्यायालय का निष्कर्ष और आदेश अंतिम हो गया है, जिसमें कहा गया है कि विमला कुर्रे, मुनीराम कुर्रे (मृतक) की पत्नी है और याचिकाकर्ता विक्रांत, मुनीराम कुर्रे (मृतक) का पुत्र है. लिहाजा उत्तराधिकार न्यायालय का आदेश SECL पर बाध्यकारी है.

प्रदेश के बोर्ड कक्षाओं के 40 हजार बच्चों का नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन, माशिमं सचिव ने कहा- पालकों को नहीं, स्कूलों को देना होगा शुल्क

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में बोर्ड कक्षाओं में पढ़ रहे लगभग 40 हजार बच्चों का भविष्य दांव पर है. 587 स्कूल ने अब तक एक भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. इसके अलावा 553 स्कूलों में किसी में 5 तो किसी में 10 बच्चों का पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) नहीं हुआ है. पंजीयन ना होने पर यह बच्चे बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे. इन स्कूलों को नोटिस जारी करने के बाद भी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

बच्चों को नहीं स्कूल प्रबंधन को देना होगा पेनाल्टी शुल्क

माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि प्रदेश में लगभग 7 हजार स्कूलों में 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. इनमें से CGBSE बोर्ड और CBSE बोर्ड के 1140 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन में देर की है, जिनमें से 587 स्कूल ने अब तक एक भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. वहीं बाकी स्कूलों में किसी में 4 तो किसी में दस बच्चों का पंजीयन नहीं हुआ है. रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाला लेट फीस बच्चों के हिसाब से नहीं बल्कि प्रत्येक स्कूल प्रबंधन को देना होगा. इस शुल्क बच्चों को नहीं बल्कि स्कूलों को देना होगा. प्रतिदिन लेट के हिसाब से एक हजार रुपये तय किया गया है.

उन्होंने बताया कि, रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 18 जून से लेकर 16 अगस्त तक आवेदन करने का समय दिया गया था. इस अवधि को बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक का समय बढ़ाया गया. शिक्षा मण्डल के पोर्टल के माध्यम से जानकारी स्कूलों तक पहुंचाई गई. इसके बाद मैसेज के माध्यम से स्कूलों को सूचित किया गया फिर स्कूलों को लेटर भी भेजा गया था. इसके बावजूद भी इन लापरवाह स्कूलों ने बच्चों का पंजियन (रजिस्ट्रेशन) नहीं कराया है. इन लापरवाह स्कूलों को लेट फीस के साथ एक और मौका दिया गया है. अब 6 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 31 अगस्त के बाद से प्रति दिन 1 हजार रुपये लेट फीस जमा करना होगा.

शिक्षा कार्य से जुड़े लोगों ने बताया कि बच्चों के पालकों से पूरे शिक्षा सत्र के तमाम फीस एक साथ ले ली जाती है, चाहे परीक्षा फीस हो या खेल कूद जैसे अन्य फीस. सभी तरह के फीस लेकर बैंकों में जमा कर दिया जाता है और उसका ब्याज स्कूल खाता है.