भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद नहीं किया’, अमेरिका में बोले पीयूष गोयल, आतंकवाद पर भी रखी बात*
#piyush_goyal_said_that_india_has_not_stopped_trade_with_pak *
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिका के दौरे पर गए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और अमेरिका ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुला रखने और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़े एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर खुलकर बात की। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के मकसद से वाशिंगटन पहुंचे पीयूष गोयल ने पाकिस्तान के मसले पर कहा, साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने पाकिस्तान के साथ देश के रिश्ते सुधारने को लेकर हर संभव कदम उठाए थे। पीएम मोदी ने साल 2014, 2015 और 2016 में पड़ोसी मुल्क के साथ रिश्ते बेहतर करने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन अगर पाकिस्तान अपने यहां आतंकी गतिविधियां बंद नहीं करेगा। हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो यह स्वाभाविक है कि भारत उसका जमकर मुकाबला करेगा। हमने वही किया, चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक हो। पीयूष गोयल ने आगे कहा कि जहां तक व्यापार का सवाल है, भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद नहीं किया है। यह पाकिस्तान ही है जिसने भारत के साथ व्यापार बंद कर दिया है। भारत ने कभी भी किसी देश के साथ अपने रिश्ते ख़राब करने वाला कोई कदम नहीं उठाया है। हम कोई विस्तारवादी देश नहीं हैं। हमने हमेशा बातचीत, कूटनीति और दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूंढने में विश्वास किया है और हम वैश्विक विकास के लिए संवाद और कूटनीति को अपने उपकरण के रूप में कायम रखने और हर संभव प्रयास करना जारी रखेंगे, अगर कोई आतंकवाद को बढ़ावा देगा तो उसे भारत के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, माता का ये रूप है ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य*

आज आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा तप, शक्ति, त्याग ,सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि करती है और शत्रुओं का नाश करती है। नवरात्रि की पूजा में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मां दुर्गा की 9 शक्तियों के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन पूजन का विधान है। देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य रूप में होता है। देवी के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल लिए श्वेत वस्त्र में देवी विराजमान होती हैं। *मां ब्रह्मचारिणी की कथा* पौराणिक कथा के अनुसार पूर्वजन्म में मां ब्रह्मचारिणी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था। भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन तपस्या की। इसीलिए इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। मां ब्रह्मचारिणी ने एक हजार वर्ष तक फल-फूल खाकर बिताए और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया। इसके बाद मां ने कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप को सहन करती रहीं. टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रहीं। इससे भी जब भोले प्रसन्न नहीं हुए तो उन्होने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए और कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं। पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपर्णा नाम पड़ गया। मां ब्रह्मचारणी कठिन तपस्या के कारण बहुत कमजोर हो हो गई। इस तपस्या को देख सभी देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने सरहाना की और मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया। *मंगल ग्रह की अशुभता को दूर होती है* मां ब्रह्मचारणी की पूजा से मंगल ग्रह की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है। ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। जिन लोगों की जन्म कुंडली में मंगल अशुभ है उन्हें मां ब्रह्मचारणी की पूजा करनी चाहिए।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें, ईडी ने दर्ज की नई शिकायत, मुडा मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप

#mudascamcontroversydeepensnewcomplaintfiledagainstcm_siddaramaiah

मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री मूडा में कथित घोटाले को लेकर लगातार घिरते जा रहे हैं। अब उनके और अन्य लोगों के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई गई है। मुडा मामले में सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगा है। मूडा मामले में सुबूतों को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और उनके बेटे यतीन्द्रा के खिलाफ ईडी ने एक और शिकायत को दर्ज किया है।

प्रदीप कुमार नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सिद्धारमैया एवं अन्य के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के लिए जांच और मामला दर्ज करने की मांग की।इस शिकायत में दावा किया गया है कि मुडा अधिकारियों की संलिप्तता से साइटों को पुनः प्राप्त करके साक्ष्य नष्ट कर दिए गए हैं। प्रदीप कुमार ने जांच का अनुरोध किया है और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है।

25 सितंबर को विशेष अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया था। इस आदेश के बाद 27 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बीएम सिद्धरमैया, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी एवं देवराजू सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। ईडी ने भी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में मामला दर्ज किया है। वहीं पार्वती ने भूखंड लौटाने की पेशकश की तो एमयूडीए ने उनको आवंटित 14 भूखंडों को वापस ले लिया है।

कथित मुडा भूमि घोटाला क्या है?

मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया।

मुख्यमंत्री की पत्नी का 50:50 योजना से क्या संबंध?

आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।

मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया था, जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित की गई थीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं।

इजरायली का एक और दुश्मन ढेर, एयर स्ट्राइक में हमास के प्रमुख रावी मुश्तहा की हुई मौत

#israeli_airstrikes_eliminate_senior_hamas_leader_rawhi_mushtaha_

इजरायली से ने अपने एक और दुश्मन का खात्मा कर दिया है।मिडिल ईस्ट में जारी गंभीर तनाव के बीच इजरायल एक-एक कर अपने दुश्मनों को ढेर कर रहा है।हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को ठिकाने लगाने के बाद अब इजरायली सेना (आईडीएफ) ने हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा के खात्मे का दावा किया है।आईडीएफ ने गुरुवार को रावी की मौत का ऐलान करते हुए कहा कि उसे कुछ महीने पहले हुए हवाई हमलों में मार दिया गया था। इजरायल ने ये दावा ईरान, फिलिस्तीन और लेबनान स्थित हिजबुल्लाह संग जारी जंग के बीच किया है।

गुरुवार को इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) और इजरायल सिक्योरिटीज अथॉरिटी (आईएसए) ने ऐलान किया कि उन्होंने तीन महीने पहले एक हवाई हमले में गाजा स्थित हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा और उसके दो अन्य साथियों को मार गिराया है। इजरायली सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि तीन महीने पहले गाजा में आईडीएफ और आईएसए के संयुक्त हमले में तीन हमास आतंकियों को मार गिराया था। इनमें गाजा में हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा, हमास के राजनीतिक ब्यूरो और हमास की श्रम समिति में सुरक्षा विभाग संभालने वाला समेह अल-सिराज और हमास के सामान्य सुरक्षा तंत्र का कमांडर सामी औदेह शामिल हैं।

इजरायली सेना ने अपने बयान में कहा, 'रावी मुश्तहा ने याह्या सिनवार के साथ मिलकर हमास के सुरक्षा तंत्र की स्थापना की थी। रावी ने भी याह्या के साथ इजरायली जेल में सजा काटी थी। मुश्तहा ने गाजा पट्टी में युद्ध के दौरान हमास शासन पर नागरिक नियंत्रण बनाए रखा।

आईडीएफ ने करहा है कि उसकी वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इन तीनों पर तब हमला किया थास जब वे उत्तरी गाजा में एक मजबूत अंडरग्राउंड बंकर में छिपे हुए थे। यह बंकर हमास कमांड और नियंत्रण केंद्र के रूप में काम कर रहा था। हमास के वरिष्ठ कमांडर इसके अंदर रह रहे थे। इसमें लंबे समय तक छिपे रहने के लिए हर तरह की सुख सुविधाएं थीं। इस बंकर का प्रबंधन हमास के सामान्य सुरक्षा तंत्र के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा किया जाता था और यह मुश्तहा के नेतृत्व वाले हमास प्रमुखों के लिए एक ठिकाने के रूप में कार्य करता था।

इजरायली सेना ने कहा कि बंकर पर हमले और आतंकवादियों के खात्मे के बाद हमास ने इस वजह से मुश्तहा के मौत की पुष्टि नहीं कि क्योंकि उन्हें डर था कि इस खबर से आतंकवादी गुर्गों के मनोबल और कामकाज पर असर पड़ेगा।

भारत ने खारिज किया जापान का प्रस्ताव, 'एशियाई नाटो' पर असहमति की क्या है वजह?

# japan_pm_shigeru_ishiba_call_for_asian_nato_india_rejects_the_proposal

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने एशिया में नाटो जैसा एक सैन्य गुट बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसे लेकर भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि जापानी पीएम की ओर से 'एशियाई नाटो' के दृष्टिकोण से भारत सहमत नहीं है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि जापान की सैन्य गठबंधनों की सोच से अलग, भारत अपने सहयोगियों के साथ स्वतंत्र रूप से काम करता है। उन्होंने कहा कि भारत के पास एक अलग इतिहास और सुरक्षा को लेकर अलग नजरिया है।

अमेरिका के वॉशिंगटन में ‘कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस' में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत जापान की तरह सैन्य गठबंधनों पर निर्भर नहीं है और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए उसकी अपनी अलग रणनीति है। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, हम वैसे किसी रणनीतिक ढांचे के बारे में नहीं सोच रहे हैं। इशिबा के प्रस्ताव पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत कभी भी किसी अन्य देश का औपचारिक सैन्य सहयोगी नहीं रहा है और यही स्थिति बनी रहेगी।

इससे पहले इशिबा ने कहा था कि वह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अपने देश के सामने आए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए मित्र देशों के साथ गहरे संबंध बनाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने एशियाई नाटो के निर्माण, अमेरिकी धरती पर जापानी सैनिकों को तैनात करने और यहां तक कि जापान के परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों, चीन, रूस और उत्तर कोरिया के खिलाफ निवारक के रूप में वॉशिंगटन के परमाणु हथियारों पर साझा नियंत्रण के लिए आह्वान किया है। इशिबा का तर्क है कि ये परिवर्तन चीन को एशिया में सैन्य बल का प्रयोग करने से रोकेंगे।

बता दें कि अमेरिका पहले ही एशियाई नाटो के विचार को खारिज कर चुका है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेल सुलिवन ने पिछले साल कहा था कि अमेरिका इंडो-पैसिफिक में नाटो बनाने पर विचार नहीं कर रहा है। इस महीने पूर्वी एशिया और प्रशांत के लिए अमेरिकी सहायक सचिव डैनियल क्रिटेनब्रिंक ने कहा कि ऐसी बात करना बहुत जल्दी होगी।

हरियाणा चुनाव: वोटिंग से दो दिन पहले सोनिया गांधी से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, क्या है मुलाकात की वजह
#haryana_assembly_elections_kumari_selja_reached_to_meet_sonia_gandhi
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले आज गुरुवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम जाएगा। प्रचार थमने से पहले सांसद कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है। दरअसल, कुमारी सैलजा सोनिया गांधी से मिलने के लिए 10 जनपथ पहुंचीं और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। मतदान से पहले कुमारी सैलजा का सोनिया गांधी से मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सोनिया गांधी से मुकालात करने के बाद कुमारी सैलजा ने किसी से बात नहीं की। वो मीडिया से बात किए बगैर कार में वहां से निकल गईं। दोनों नेताओं की मुलाकात ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। सैलजा और सोनिया की मुलाकात ऐसे समय हुई जब प्रदेश कांग्रेस में खटपट मची हुई है। प् हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। ऐसे में गुटबाजी से ही बचने के लिए कांग्रेस ने राज्य में किसी को सीएम का चेहरा नहीं बनाया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा का अपने हाथों से हाथ मिलवाया। इस दौरान राहुल गांधी हरियाणा की जनता को संदेश देना चाहते थे कि हरियाणा कांग्रेस में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है और कांग्रेस के सभी नेता मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि कुमारी सैलजा टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी से नाराज चल रही थी। क्योंकि उनके गुट की टिकट बंटवारे में नहीं चली। सैलजा ने जिन नामों का ऐलान पब्लिक में किया था, उसे भी टिकट नहीं मिला। सैलजा बाबरिया के उन बयानों से नाराज थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधायकी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सैलजा का कहना था कि हाईकमान को ही फैसला करने का हक है। सैलजा हुड्डा गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई उनपर टिप्पणियों से भी नाराज थी।
हरियाणा चुनाव: वोटिंग से दो दिन पहले सोनिया गांधी से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, क्या है मुलाकात की वजह

#haryana_assembly_elections_kumari_selja_reached_to_meet_sonia_gandhi

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले आज गुरुवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम जाएगा। प्रचार थमने से पहले सांसद कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है। दरअसल, कुमारी सैलजा सोनिया गांधी से मिलने के लिए 10 जनपथ पहुंचीं और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। मतदान से पहले कुमारी सैलजा का सोनिया गांधी से मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सोनिया गांधी से मुकालात करने के बाद कुमारी सैलजा ने किसी से बात नहीं की। वो मीडिया से बात किए बगैर कार में वहां से निकल गईं। दोनों नेताओं की मुलाकात ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। सैलजा और सोनिया की मुलाकात ऐसे समय हुई जब प्रदेश कांग्रेस में खटपट मची हुई है। प्

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। ऐसे में गुटबाजी से ही बचने के लिए कांग्रेस ने राज्य में किसी को सीएम का चेहरा नहीं बनाया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा का अपने हाथों से हाथ मिलवाया। इस दौरान राहुल गांधी हरियाणा की जनता को संदेश देना चाहते थे कि हरियाणा कांग्रेस में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है और कांग्रेस के सभी नेता मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

बता दें कि कुमारी सैलजा टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी से नाराज चल रही थी। क्योंकि उनके गुट की टिकट बंटवारे में नहीं चली। सैलजा ने जिन नामों का ऐलान पब्लिक में किया था, उसे भी टिकट नहीं मिला। सैलजा बाबरिया के उन बयानों से नाराज थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधायकी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सैलजा का कहना था कि हाईकमान को ही फैसला करने का हक है। सैलजा हुड्डा गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई उनपर टिप्पणियों से भी नाराज थी।

सावरकर ब्राह्मण थे लेकिन गोमांस खाते थे’, कर्नाटक के मंत्री के विवादित बोल, चढ़ा सियासी पारा

# karnataka_health_minister_dinesh_gundurao_claims_savarkar_was_consumed_beef

कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडुराव ने विनायक दामोदर सावरकर को लेकर एक विवादित बयान दिया है। मंत्री के बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। दिनेश गुंडुराव ने दावा किया है कि वीर सावरकर ब्राह्मण थे लेकिन वे खुलेआम गोमांस खाते थे और इसका प्रचार भी करते थे। उन्होंने कभी गोहत्या का विरोध नहीं किया। दिनेश गुंडुराव के इस दावे पर सियासी बवाल मच गया है।

दिनेश गुंडुराव ने कहा, सावरकर ब्राह्मण थे, लेकिन वे बीफ खाते थे और मांसाहारी थे। विनायक ने गौहत्या का विरोध नहीं किया। उन्होंने खुद की पहचान नॉन वेजिटेरियन के तौर पर की है। गुंडू राव ने कहा कि दूसरी तरफ मोहम्मद अली जिन्ना एक अलग तरह के चरमपंथ का प्रतिनिधित्व करते थे, हालांकि वे कभी भी हार्ड कोर इस्लामिस्ट नहीं थे, कट्टरपंथी नहीं थे।

इस दौरान मंत्री दिनेश गुंडुराव ने महात्मा गांधी का भी जिक्र किया। दिनेश गुंडूराव ने कहा कि गोडसे जैसा व्यक्ति जिसने महात्मा गांधी की हत्या की, वह कट्टरपंथी थे क्योंकि उनका मानना था कि वो जो कर रहे थे वह सही था। यह कट्टरवाद है। मान लीजिए कि कोई गोरक्षक जाता है और किसी को मारता है या पीटता है, तो वह यह नहीं सोचता कि वह कुछ गलत कर रहा है। यह सावरकर के कट्टरवाद का खतरा है। यह कट्टरवाद देश में बड़ी जड़ें जमा रहा है। गांधी एक धार्मिक व्यक्ति थे। सावरकर के कट्टरवाद का मुकाबला करने का असली तरीका गांधी के लोकतांत्रिक सिद्धांत और उनका दृष्टिकोण है। कट्टरवाद का मुकाबला किया जाना चाहिए।

कांग्रेस के लोग अज्ञानी- नकवी

दिनेश गुंडुराव के इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। दिनेश गुंडुराव के बयान पर आपत्ति जताते हुएमुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, कांग्रेस के लोग अज्ञानी है। इनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।समाज इनको सीरियस नहीं लेता है। देश का बंटवारा करने वालों (जिन्ना) का महिमामंडन नहीं करना चाहिए।

राहुल गांधी ‘टुकड़े-टुकड़े’ की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे -अनुराग ठाकुर

बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस झूठ की फैक्ट्री है। भारत वीर सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले वीर सावरकर से कांग्रेस ने कभी कुछ नहीं सीखा। अनुच्छेद 370 कांग्रेस पार्टी द्वारा दिया गया था। यह जवाहरलाल नेहरू की गलती थी और हजारों लोग मारे गए। उन्होंने वीर सावरकर का अपमान करके यह दिखाया है कि वे कांग्रेस के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान नहीं करते हैं। देश को तोड़ने वालों को कांग्रेस पार्टी में शामिल कराकर राहुल गांधी ‘टुकड़े-टुकड़े’ की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं और वह बोलने वाले ‘आधुनिक जिन्ना’ हैं विदेश में देश की बुराई।

कौन है दिल्ली में कोकीन का कारोबार का “किंग”, 5 हजार करोड़ का ड्रग्स जब्त होने के बाद भाजपा हमलावर

#bjp_blames_congress_for_5000_crore_drug_case_in_delhi

दिल्ली में नशे की सबसे बड़ी खेप बरामद हुई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मादक पदार्थों की अपने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी खेप बरामद की है। इसकी कीमत 5 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। नशे का ये कारोबार राजधानी में दबे पैर चल रहा था।पुलिस को इसकी भनक तो पहले से ही थी, वह तो बस मौके का इंतजार कर रही थी कि सिर्फ खेप ही नहीं इसके तस्कर भी पकड़े जाएं। पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया और मौका लगते ही इस गैंग पर छापा मार ड्रग्स की खेप के साथ तस्करों को भी धर दबोचा।

दिल्ली पुलिस ने एक अंतरर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर चार मादक पदार्थ तस्कर तुषार गोयल, भरत कुमार जैन, औरंगजेब सिद्दीकी और हिमांशु कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस को दिल्ली में एक्टिव संदिग्ध ड्रग कार्टल के खुफिया मैसेज को रिकॉर्ड करने के दौरान इंटरनेशनल ड्रग रैकेट की भनक लगी थी। पता चला कि विदेश से कोकीन की बड़ी खेप लाई जा रही है, इसको दिल्ली के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचाया जाना था।

ड्रग की ये खेप पनामा पोर्ट से दुबई होते हुए गोवा पहुंची थी। सीक्रेट बातचीत के मुताबिक, इसको यूपी के हापुड़ और गाजियाबाद और फिर दिल्ली के महिपालपुर में पहंचना था। बस फिर क्या था, पुलिस ने जाल बिछाया और इसे पकड़ लिया।पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से पहले 15 किलो कोकिन बरामद किया है बाद में इनकी निशानदेही पर महिपालपुर के गोदाम में छापा मारकर बाकी का ड्रग्स बरामद किया। पुलिस टीम के मुताबिक ये ड्रग्स 23 कार्टून और 8 यूएस पोलो शर्ट के कवर के अंदर छिपाकर रखी गई थी। इस रैकेट को मिडिल ईस्ट का हैंडलर ऑपरेट कर रहा था, दिल्ली में ये ड्रग्स अलग-अलग शहरों से पहुंची थी।

भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि तुषार दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में आरटीआई सेल का हेड रहा है। भाजपा प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने देश को बर्बाद करने में शामिल ड्रग डीलरों के साथ कथित संबंधों के लिए कांग्रेस की आलोचना की और मुख्य विपक्षी दल से स्पष्टीकरण मांगा।

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'कल दिल्ली में 5,600 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। यह मात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीए सरकार (2006-2013) के दौरान पूरे भारत में केवल 768 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई थी। 2014-2022 तक भाजपा सरकार ने 22,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है। ड्रग सिंडिकेट का मुख्य आरोपी और किंगपिन तुषार गोयल भारतीय युवा कांग्रेस आरटीआई सेल का प्रमुख रहा है। कांग्रेस पार्टी का उसके (तुषार गोयल) साथ क्या संबंध है? क्या यह पैसा कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनावों में इस्तेमाल किया जा रहा था? क्या कांग्रेस के कुछ नेताओं का ड्रग तस्करों से कोई समझौता है? कांग्रेस खासकर हुड्डा परिवार को जवाब देना चाहिए कि आपका तुषार गोयल से क्या संबंध है?'

ईरान के हमले से इजरायल को हुआ भारी नुकसान! एयरबेस तक पहुंची मिसाइलें, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

#iransballisticmissileattackonisraeldamagednevatimairbase

ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है। ईरान ने मंगलवार को इजराइल पर लगभग 200 मिसाइलें दागीं। इनमें से कई को इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली ने रोक लिया, कुछ समुद्र में गिरीं, तथा अन्य ने धरती में गड्ढे कर दिए। ईरान का कहना है कि उसकी 90 फीसदी मिसाइलों ने अपने टारगेट को हिट किया है। ईरान द्वारा किए गए हमले में दो इजरायली एयरबेस, एक स्कूल का मैदान और मोसाद मुख्यालय के संदिग्ध क्षेत्र के निकट स्थित दो स्थान शामिल हैं। इसमें इजरायल को सबसे ज्यादा नुकसान नेवातिम एयरबेस और तेल नॉफ एयरबेस पर हुआ। हालांकि, इजराइल ने दावा किया है कि उसके मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने हमलों को नाकाम कर दिया।

इजरायल के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक है नेगेव रेगिस्तान में मौजूद नेवातिम एयर बेस। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों ने इस एयरबेस पर नुकसान पहुंचाया है। सैटेलाइट तस्वीरों में यह खुलासा हो रहा है। इन तस्वीरों को प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट ने लिया है। जिसे समाचार एजेंसी एपी ने जारी किया है।

हालांकि सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायली स्टेल्थ फाइटर जेट को नुकसान पहुंचा है या नहीं। वो उस हैंगर में थे या नहीं जिसपर मिसाइल हमले से ज्यादा नुकसान हुआ है। लेकिन एयरबेस पर कई क्रेटर यानी गड्ढे बने दिख रहे हैं, जो मिसाइलों की टक्कर से बने हैं।

नुकसान के दावों से इजराइल का इनकार

वहीं, इजरायल इस दावे को नकार रहा है। इजरायली सेना ने कहा कि हमले हुए हैं। मिसाइलें गिरी हैं। लेकिन उनसे किसी फाइटर जेट, विमान, ड्रोन, हथियार या जरूरी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचा है। मिसाइल हमले में ऑफिस बिल्डिंग और मेंटेनेंस एरिया क्षतिग्रस्त हुआ है।

इजरायल के लिए कितना अहम है नेवातिम एयरबेस

नेवातिम एयरबेस नेगेव रेगिस्तान में स्थित नेवातिम एयरबेस, जहां इजरायल के एफ-35 लड़ाकू विमान स्थित हैं, को अप्रैल में ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमले का निशाना बनाया गया था, जो दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले के जवाब में किया गया था। यह इजरायल के सबसे बड़े रनवे में से एक है और इसमें अलग-अलग लंबाई के तीन रनवे हैं। यहां स्टील्थ लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, टैंकर विमान और इलेक्ट्रॉनिक टोही/निगरानी के लिए मशीनें, साथ ही विंग ऑफ जियोन भी तैनात थे. इस एयरबेस पर ईरान का हमला मतलब इजरायल के लिए गहरी चोट के बराबर है। थोड़ा सा भी नुकसान इजरायल के लिए काफी भारी पड़ सकता है।

नेवातिम एयरबेस का इजरायल का क्या है महत्व?

नेवातिम एयरबेस एयर फोर्स बेस 8 के नाम से भी जाना जाने वाला यह बेस इज़रायली एयर फ़ोर्स (आईएएफ) का सबसे पुराना और मुख्य बेस है जो इजरायल के रेहोवोट से 5 किमी दक्षिण में स्थित है। तेल नॉफ में दो स्ट्राइक फ़ाइटर, दो हेलिकॉप्टर और एक यूएवी स्क्वाड्रन है। बेस पर फ़्लाइट टेस्ट सेंटर मनात और इज़राइल डिफेंस फ़ोर्स (आईएएफ) की कई विशेष इकाइयां भी स्थित हैं, जिनमें यूनिट 669 (हेलीबोर्न कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू (सीएसएआर) और पैराट्रूपर्स ब्रिगेड प्रशिक्षण केंद्र और उसका मुख्यालय शामिल हैं।