"बूढ़े से जवान बन जाओ" थेरेपी से एक दंपति ने कानपुर में मचाई लूट, 35 करोड़ समेटकर हुए फरार


डेस्क: आपने अक्सर फिल्मों में कई बार ऐसा देखा होगा कि किसी मशीन में कोई बूढ़ा इंसान जाता है और बाहर आकार वो जवान हो जाता है। हालांकि, ये महज फिल्मों में ही संभव होता है। इसका रियल लाइफ में कोई सरोकार नहीं है, लेकिन इसी कॉन्सेप्ट को लेकर कानपुर में एक दंपत्ति ने शहर के हजारों लोगों को ठगी का शिकार बनाया और बूढ़े से जवान करने के नाम पर करीब 35 करोड़ रुपये ठगकर फरार हो गए। अब पीड़ित अपने पैसे वापस लेने के लिए पुलिस की चौखट पर पहुंचे हैं। कानपुर पुलिस ने फ्रॉड करने वाले इस दंपति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इनकी तलाश शुरू कर दी है और इन्हें पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर रही है।

शहर के बड़े-बड़े नामचीन चेहरे इस ठगी के शिकार हुए हैं। राजनेता से लेकर अधिकारी तक इस गैंग के झांसे में आ गए। दरअसल, कानपुर के किदवई नगर थाना क्षेत्र में एक थैरेपी सेंटर खोला गया, जिसमें बुजुर्गों को जवान करने की थैरेपी दी जाती थी। लोगों के बीच इस बात का प्रचार भी किया गया कि इजरायल से इस मशीन को मंगाया गया है, जो 60 साल के बुजुर्ग को 25 साल के नौजवान में तब्दील कर दिया जाएगा। 'रिवाइवल वर्ल्ड' नाम से एक सेंटर खोला गया, जिसमें बुजुर्गों को जवान करने की थैरेपी की बात सामने आई। किदवई नगर में किराए पर रहने वाले पति-पत्नी जो इस ठगी के मुख्य सरगना थे, ने बहुत से लोगों को इस बात का झांसा दिया कि खराब और दूषित हवा के चलते लोग जल्दी बुजुर्ग हो रहे हैं, ऑक्सीजन थैरेपी से उन्हें कुछ महीनों में जवान कर दिया जाता है।

ठग पति-पत्नी ने 6 हजार रुपये में एक राउंड थैरेपी के चार्ज बताकर लोगों को जोड़ना शुरू किया। एक चेन सिस्टम बनाया, जिसमें और लोगों को जोड़ने पर फ्री में ट्रीटमेंट दिए जाने की स्कीम भी दी। इसमें शहर के बड़े-बड़े लोग फंस गए। वहीं, ये ठग करोड़ों रुपये लेकर रफू-चक्कर हो गए। इन पति-पत्नी के गिरोह ने बहुत से लोगों से पैसे लेकर यूं ही फर्जी तरीके से सेंटर में थैरपी भी दी थी, लेकिन जवान होने में वक्त लगने और समय से थैरपी होने की बात कहते रहे। ये सभी लोग ठग दंपत्ति के जाल में फंसते रहे और ये ठग लोग एक मोटी रकम लेकर फरार हो गए। आशंका जताई जा रही है कि ये विदेश भाग गए हैं।

शिकायतकर्ता रेनू सिंह चंदेल ने बताया कि उन्हें रश्मि दुबे और राजीव नाम के दो लोगों ने संपर्क किया था और ऑक्सीजन थैरेपी के बारे में बताया था। इसके बाद रेनू सिंह ने भी बहुत से लोगों को इन ठग दंपति से जोड़ा था और बहुत से लोगों ने खुद को जवान करने के लिए इन्हें मेरे माध्यम से पैसे भी दिए थे। रेनू सिंह ने पुलिस में दिए शिकायत पत्र में उनके द्वारा चेक से दिए 1075000 रुपये की ठगी होने की शिकायत की है और सैकड़ों लोगों से करीब 35 करोड़ रुपये ठगी करने की भी शिकायत की है।

शिकायतकर्ता रेनू ने बताया, "आरोपियों ने मशीन को इजरायल से 25 करोड़ रुपये में खरीदने की बात कही। दो स्कीमों में 6 लाख और 90 हजार रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही स्कीम से लोगों को जोड़ने पर रिवॉर्ड और 50 आईडी एक साथ जोड़ने वालों को गिफ्ट हैंपर देने की बात कही गई। इस पर उन्होंने 150 आईडी के लिए 9 लाख रुपये और व्यापार को बढ़ाने के लिए खुद के लाखों रुपये निवेश किए।"

रेनू के मुताबिक, इस दौरान आरोपियों ने लोगों से करीब 35 करोड़ रुपये ले लिए, लेकिन न तो उन्हें ऑक्सीजन बार दिया गया और न ही एच वॉट (हाईपर बैरोक ऑक्सीजन थेरपी) की सुविधा दी गई। जानकारी मिली है कि आरोपियों ने नकली प्लांट तैयार किया है और वे करोड़ों की धोखाधड़ी कर विदेश भागने की फिराक में हैं। पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से शिकायत की, जिसके बाद कमिश्नर के आदेश पर किदवई नगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की।

शाही ईदगाह के पास लगने जा रही रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा, सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम




डेस्क: दिल्ली में शाही ईदगाह के पास DDA पार्क में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। देर रात क्रेन से प्रतिमा को DDA पार्क में शिफ्ट किया गया है, जहां पुलिस सुरक्षा में मूर्तियों को रखा गया है। मूर्ति लगाने के लिए सीमेंट और ईंट के तीन बेस तैयार किए गए हैं लेकिन अभी वह गीले हैं। बेस सूखने के बाद ही झांसी की रानी की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। DDA के पार्क में रानी लक्ष्मी बाई की मूर्ति के साथ उनके दो सेनापतियों की मूर्ति भी लगाई जानी है, जिसके लिए फाउंडेशन तैयार किया जा रहा है। बता दें कि शाही ईदगाह कमेटी ने रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने का विरोध किया था।

इसे लेकर शाही ईदगाह कमेटी का कहना था कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है। हालांकि फिलहाल कोई विवाद अबतक सामने नहीं आया है। दरअसल रानी लक्ष्मीबाई रोड पर DDA पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने का काम जोरों पर चल रहा है। यहां दिल्ली पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस ने पार्क की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है। किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली पुलिस ने इलाके में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू की है। यानी इस इलाके में  प्रदर्शन और जुलूस पर रोक है।

हालात को काबू में रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। पार्क की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद करने के साथ दो लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। इसके साथ ही पुलिस के अस्थायी कैम्प भी बनाए गए हैं। यह सारा सुरक्षा इंतजाम पुलिस को इसलिए भी करना पड़ा है, क्योंकि यहां पर प्रतिमा लगाए जाने को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। गौरतलब है कि शाही ईदगाह के पास डीडीए पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाए जाने का शाही ईदगाह कमेटी ने विरोध किया था। कमेटी ने दावा किया था कि यह DDA की नहीं बल्कि वक्फ की जमीन है। हाई कोर्ट ने कमेटी की अर्जी को खारिज कर दिया था और फटकार भी लगाई थी।
पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन के सामने आई बड़ी मुश्किल, ED ने इस मामले में भेजा समन


डेस्क: भारतीय पूर्व किक्रेटर व कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन के सामने एक बड़ी मुश्किल आन पड़ी है। ED ने मोहम्मद अजहरुद्दीन को समन भेजा है। ये समन आज गुरुवार को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन(HCA) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भेजा गया है। बता दें कि अजहरुद्दीन पहले हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनपर अपने कार्यकाल के दौरान फंड के दुरुपयोग का आरोप लगा है।

मोहम्मद अजहरुद्दीन को जारी किया गया यह पहला समन है, जिसके तहत उन्हें केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होना है। जानकारी के मुताबिक, यह मामला हैदराबाद के उप्पल में राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जनरेटर, फायर ब्रिगेड सिस्टम और कैनोपी के खरीद के लिए अलॉट किए गए 20 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी से जुड़ा हुआ है। इसी मामले में ईडी जांच कर रही है और मोहम्मद अजहरुद्दीन को आज पूछताछ के लिए बुलाया है।

जानकारी दे दें कि पिछले साल केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में तेलंगाना के 9 जगहों पर छापेमारी की थी, इसमें एचसीए के पूर्व पदाधिकारियों गद्दाम विनोद, शिवलाल यादव और अरशद आयूब के घर भी शामिल थे। इस छापेमारी में ईडी के हाथ कई जरूर डाक्यूमेंट लगे थे।

जानकारी के मुताबिक, ईडी की जांच हैदराबाद की एसीबी द्वारा दर्ज की गई तीन एफआईआर पर बेस्ड है, जिसमें खरीद प्रक्रियाओं में गंभीर अनियमितताओं, कार्यों में देरी और एचसीए को हुए नुकसान का जिक्र है। चार्जशीट में यह भी बताया गया कि एससीए के पदाधिकारियों ने निजी पार्टियों के साथ मिलकर बढ़ी हुई दरों पर टेंडर दिए, काम पूरा हुए बिना अग्रिम भुगतान किया। साथ ही बड़े मूल्य के नकद लेनदेन में भी लगे रहे।
दिल्ली पुलिस ने लोगों को ठगने वाले ऐप का किया भंडाफोड़, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर फुकरा इंसान, एल्विश यादव, लक्ष्य चौधरी, पूरव झा को भी भेजा नोटिस


डेस्क: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFS यूनिट ने HiBox एप्लीकेशन के जरिए गारंटीड रिटर्न देने के मामले में निवेशकों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस HIBOX घोटाले से संबंधित दो मामलों की जांच IFS टीम द्वारा की जा रही है। पुलिस को HiBox एप्लीकेशन मामले में अब तक 151 शिकायतें मिली थी। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई भी की है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है और उसके 4 बैंक खातों को सीज कर दिया है, इन खातों में 18 करोड़ रुपये जमा पाए गए हैं।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी पर HiBox मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए 30,000 से भी अधिक लोगों को ठगने का आरोप है। दरअसल गिरफ्तार आरोपी इस मोबाइल ऐप के जरिए निवेशकों को रोजाना 1 से 5 फीसदी तक ब्याज देने का लालच देकर फंसाता था। इतना ही नहीं गिरफ्तार आरोपी निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कई इनफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स से इस ऐप में निवेश करने के लिए ऐड भी करवाता था। इसी के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स को भी नोटिस जारी किया है। इनमें यूट्यूबर्स/सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अभिषेक मल्हान उर्फ फुकरा इंसान, एल्विश यादव, लक्ष्य चौधरी, पूरव झा के नाम शामिल हैं।

दरअसल 16 अगस्त को 29 अलग-अलग पीड़ितों ने दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट को शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि HiBox ऐप में 1 फीसदी से लेकर 5 फ़ीसदी तक रोजाना और 30 फीसदी से 90 फीसदी  तक मासिक गारंटी रिटर्न देने का वादा करके उनका पैसा ठगा गया। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच शुरू की। पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी लोगों को रिझाने के लिए कई सेलिब्रेटीज से ऐप का ऐड करवाता था, आरोपी ने जिन इनफ्लुएंसर्स और युटयुबर्स का इस्तेमाल किया उनमें सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान उर्फ फुकरा इंसान, पूरव झा, एलविश यादव, रिया चक्रवर्ती, भारती सिंह हर्ष लिंबाचिया (भारती सिंह के पति), लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित उर्फ क्रेजी XYZ और दिलराज सिंह रावत उर्फ इंडियन हैकर नाम शामिल हैं।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में इसी साल अगस्त के महीने में एफआईआर दर्ज की थी जिसमें 9 पीड़ितों की शिकायतों को जोड़ा गया था इसके बाद दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले की 30 शाहदरा जिले की 24 बाहरी जिले की 35 शिकायतों को भी बाद में जोड़ा गया इतना ही नहीं एनसीआरबी पोर्टल पर इसी तरह की धोखाधड़ी की तकरीबन 488 शिकायती भी बाद में जोड़ी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स की भूमिका को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने इस पूरे मामले की जांच करने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया और उस टीम ने इस धोखाधड़ी के मामले में शामिल गेटवे और बैंक खातों की जानकारी इकट्ठा की।

दिल्ली पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि EASEBUZZ और PhonePe के भुगतान गेटवे का उपयोग करके धोखाधड़ी की रकम को दूसरे अलग-अलग खातों में पहुंचाया गया। इसके बाद पुलिस की जांच में 4 अलग-अलग बैंक अकाउंट की डिटेल सामने आई। इन बैंक खातों का इस्तेमाल धोखाधड़ी के जरिए ठगी गई रकम को निकालने के लिए किया गया था और इसके बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपी जे.शिवराम को गिरफ्तार कर लिया।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पीड़ितों से ठगी हुई करीबन 18 करोड़ रुपए की रकम सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के 4 अलग-अलग बैंक खातों में जमा की गई। दरअसल आरोपी ने चेन्नई तमिलनाडु के न्यू वॉशरमैनपेट में सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से ऑफिस लीज पर लिया हुआ था।

दरअसल HiBox नाम से एक मोबाइल ऐप है जिसके जरिए आरोपी निवेशकों के पैसे इन्वेस्ट करवाकर उन्हें ठगता था। इस ऐप के जरिए वह निवेशकों को हाई रिटर्न देने का लालच देता था और निवेशकों को HiBox ऐप की तरफ आकर्षित करने के लिए आरोपी ने कई सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स की भी मदद ली थी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, जब HiBox प्लेटफार्म निवेदक के पैसे वापस नहीं दे सका तो आरोपी ने अपना नोएडा का ऑफिस बंद कर दिया। दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने अभी पूरे मामले की जांच के लिए इन सभी सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है।
'हवस का पुजारी क्यों, हवस का मौलवी क्यों नहीं', बाबा बागेश्वर बोले-समझो, मैंने क्यों कहा?


डेस्क : बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान, मैंने किसी मजहब के लिए ऐसा नहीं बोला कि हवस का पुजारी ही क्यों बोला जाता है, हवस का मौलवी क्यों नहीं। इस बयान पर किसी मौलवी के आपत्ति उठाये जाने पर पलटवार करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो इसपर आपत्ति कर रहे हैं वो नालायक हैं, इनको कोई ज्ञान नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि सभी पुजारी गलत नहीं होते, फिर सभी को क्यों टारगेट किया जाता है।

धीरेंद्र शास्त्री ने आतंकवादी संगठनो पर इजरायल की कारवाई पर कहा कि यही तो गलत है, हम जोड़ने वालों की बात करते हैं तो वह तोड़ने की बात करते हैं ,वहीं उन्होने नवरात्रि पर देवी आराधना पर कहा कि जब तक हम यह प्रण नहीं ले लेते कि हम बहू-बेटियों के ऊपर उठने वाली उंगली को तोड़ नहीं देते, तब तक देवी की आराधना का कोई औचित्य नहीं है।

बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सवाल उठाया था कि क्यों सिर्फ हवस के पुजारी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, हवस के मौलवी नहीं। उन्होंने कहा मुस्लिम मौलवियों की कभी बेइज्जती नहीं करते, लेकिन हिंदुओं के दिमाग में प्रायोजित तरीके से ऐसे शब्द भरे गए हैं, जैसे-हवस का पुजारी।

धीरेंद्र शास्त्री के इस विवादित बयान पर हल्ला मच गया और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आपत्ति जाहिर की। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन ने बाबा बागेश्वर के बयान को नफरती बयान बताया है।मौलाना शहाबुद्दीन ने  कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हमेशा आपत्तिजनक बातें करते हैं, यह उनके नजरिए और उनकी सोच को दर्शाता है। धार्मिक व्यक्ति होकर भी वह इस तरह की उल-जुलूल बातें करते रहते हैं, उनको ऐसे बयान देने में शर्म आनी चाहिए।

जब आप धर्म प्रचारक हैं तो आपको हमेशा अच्छी बात कहनी चाहिए, ऐसी बात कहनी चाहिए जो लोगों के लिए सबक हो। लेकिन ये तो हमेशा ऐसी बात करते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं। ऐसे बयान देकर तो उन्होंने सभी धर्म के प्रचारकों को, चाहें वो हिंदू हों या मुसलमान, कटघरे में खड़ा कर दिया है।
इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के हेड क्वॉर्टर समेत 150 ठिकानों को उड़ाया, कई आतंकी ढेर


डेस्क : इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बड़ा भीषण हवाई हमला किया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के लक्षित हवाई हमलों में हिज़्बुल्लाह के मुख्यालय, हथियार भंडारण सुविधाओं और रॉकेट लॉन्चरों सहित 150 से अधिक आतंकवादी बुनियादी ढांचे ध्वस्त हो गए हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में आतंकवादी भी मारे गए हैं। हालांकि अभी इनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इजरायल ने हिजबुल्लाह पर आज यह हमला 1 अक्टूबर को तेल अवीव पर ईरान के हमले के बाद किया है। इजरायल ने अभी ईरान पर भी जवाबी हमले करने की कसम खाई है।

इजरायली सेना ने कहा कि आईएएफ के सहयोग से हमारे सैनिकों ने सटीक-निर्देशित युद्ध-सामग्रियों और गतिविधियों के माध्यम से सीमा के करीब आतंकवादियों का सफाया कर दिया है और हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है। इजरायली सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह के हेडक्वॉर्टर समेत उसके अन्य बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है।

इसमें हिजबुल्लाह के रॉकेट लॉन्चर, विस्फोटक भंडार और अतिरिक्त सैन्य उपकरण शामिल हैं, जिन्हें इजरायली सेना ने ढूंढकर नष्ट कर दिया। इजरायली सेना ईरान के हमले के बावजूद लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले करना जारी रखा है। इजरायल की थल सेना भी जमीनी अभियान चला रही है, जिसमें हिजबुल्लाह आतंकियों को ढूंढ़-ढूंढ़कर मारा जा रहा है।
23 की उम्र में शहीद हुआ जवान लेकिन 56 साल बाद बरामद हुआ शव, अब होगा अंतिम संस्कार



डेस्क : कई बार जीवन में ऐसी घटनाएं देखने और सुनने को मिलती हैं, जिन पर विश्वास करना कठिन हो जाता है। लेकिन यूपी के सहारनपुर जिले के नानौता क्षेत्र के रहने वाले वायु सेना के एक जवान का शव 56 साल बाद सियाचिन ग्लेशियर के पास से बरामद हुआ है। इस बात को जानकर हर कोई दंग रह गया है। गुरुवार को उनका शव उनके गांव पहुंचेगा। जवान के परिजन रीति रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार कर सकेंगे। हैरानी की बात ये है कि बर्फ में दबे होने की वजह से उनका शव पूरी तरह खराब नहीं हुआ।

अपर पुलिस अधीक्षक (देहात क्षेत्र) सागर जैन ने बुधवार को जानकारी दी और बताया कि नानौता थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के निवासी मलखान सिंह वायु सेना के जवान थे और सात फरवरी 1968 को हिमाचल प्रदेश के सियाचिन ग्लेशियर के पास सेना के विमान के हादसे का शिकार होने की वजह से शहीद हो गए थे। इस हादसे में 100 से अधिक जवान शहीद हुए थे।

जैन ने बताया कि चूंकि ये एक बर्फीले पहाड़ का इलाका था, इसलिए शवों की बरामदगी नहीं हो पाई थी। ये काम कितना कठिन था, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि साल 2019 तक केवल पांच ही शव बरामद हुए थे। हालही में यहां से 4 और शव मिले थे, जिसमें से एक शव जवान मलखान सिंह का था।

मलखान जब शहीद हुए थे तो उनकी उम्र 23 साल थी। इस दौरान उनकी पत्नी शीलादेवी और एक डेढ़ साल का बेटा राम प्रसाद था। लेकिन अब जब उनका शव गांव पहुंचेगा तो उनकी पत्नी और बेटा मौजूद नहीं होंगे क्योंकि उनकी मौत हो चुकी है।

ऐसे में मलखान का अंतिम संस्कार उनके पौत्रों द्वारा किया जाएगा। यहां पर हैरानी की बात ये भी है कि मलखान की मौत के बाद उनकी पत्नी शीला का विवाह उनके छोटे भाई चंद्रपाल से हो गया था। ऐसे में उनके 2 बेटे और एक बेटी हैं। गांव के लोग मलखान को अंतिम विदाई देने का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी ये भी मिली है कि मलखान के भाई चंद्रपाल की भी मौत हो चुकी है।
बैलिस्टिक मिसाइल से हमला कर सकता है ईरान, इजरायल बोला- ईरान, लेबनान, इराक या यमन सबको देख लेंगे


डेस्क: मध्य पूर्व में बड़ी जंग के हालात बढ़ते जा रहे हैं। हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को हाल ही में इजरायल ने मार गिराया था। इसके बाद अब इजरायली सेना अब लेबनान में में जमीनी हमले के लिए भी घुस गई है। इजरायल का कहना है कि वह लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है। हालांकि, इस बीच खबर आई है कि ईरान, इजरायल के ऊपर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला करने की तैयारी कर रहा है।

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि ईरान इजरायल के ऊपर जल्द ही  बैलिस्टिक मिसाइल से हमले की तैयारी में है। अमेरिका ने ईरान को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि उसे इजरायल पर किसी भी सीधे सैन्य हमले का गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

कई ओर से हमले झेल रहे इजरायल ने भी खतरे को लेकर बयान जारी किया है। इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि उनके एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी खतरे के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इजरायल ने कहा है कि हम ईरान, लेबनान, इराक या यमन से किसी भी हमले का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

अमेरिकी अधिकारियों के जानकारी दी है कि हाल ही में ईरान में मिसाइल लॉन्च पैड की गतिविधियों का पता लगाया गया है। अमेरिकी सैन्य अधिकारी के मुताबिक, ईरान आज रात इजरायल पर ड्रोन और क्रूज मिसाइलें लॉन्च कर सकता है। इजरायल में अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों को हाई लेवल चेतावनी जारी की है। अमेरिकी दूतावास ने नागरिकों से घर लौटने और शेल्टर में जाने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
राम रहीम के जेल से बाहर आने का विरोध क्यों कर रही कांग्रेस? चुनाव आयोग को लिखा पत्र

डेस्क: हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले हरियाणा कांग्रेस ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल दिए जाने के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि हरियाणा में मतदान से पहले राम रहीम को पैरोल नहीं दी जाए, क्योंकि वो वोटर्स को प्रभावित कर सकता है। राम रहीम का पिछला इतिहास इस बात का गवाह है कि उसके हरियाणा में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। वो इसका इस्तेमाल कर सकता है, इसलिए उसे पैरोल नहीं दी जानी चाहिए।

इससे पहले चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को राम रहीम की पैरोल को मंजूरी दी थी। हालांकि, आयोग ने तीन शर्तें लगाई हैं। पैरोल के वक्त के दौरान गुरमीत राम रहीम के हरियाणा में दाखिल होने पर रोक रहेगी। गुरमीत राम रहीम किसी भी चुनाव प्रचार की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता है और ना ही सोशल मीडिया के जरिए किसी चुनाव प्रचार की गतिविधि में शामिल होगा।

यौन शोषण और मर्डर केस में राम रहीम रोहतक जेल में सजा काट रहा है। पैरोल के दौरान राम रहीम उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहेगा। साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 20 साल की कैद काट रहा है। उसने हाल ही में सरकार से इमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जेल विभाग को आवेदन कर 20 दिन की पैरोल देने के लिए कहा। इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहने की बात कही। इससे पहले राम रहीम अगस्त में 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था।

बता दें कि हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। ऐसे में तमाम दलों की ओर से वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर घोषित किए जाएंगे।
देश का "सबसे गरीब" परिवार, पूरे परिवार की सालाना आय है मात्र 2 रुपये, सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे आप

डेस्क: अक्सर छात्रवृति या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए या कहीं एडमिशन पाने के लिए आय प्रमाण पत्र की मांग की जाती है। अमूमन गांवों या देहात के इलाकों में वकीलों को पैसे दे दिए जाते हैं और वो आय प्रमाण पत्र बनवाकर दे देते हैं। अधिकांश आय प्रमाण पत्र में कम से कम आय 24 हजार रुपये सालाना दिखाई जाती है, ताकि कम आय की वजह से कई तरह की सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा देखा या सुना है कि किसी की सालाना आय 2 रुपये है और वकील द्वारा 2 रुपये की सालाना आय वाली आय प्रमाण पत्र भी बना दी जाए।

दरअसल ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले का है, जहां बंडा तहसील से अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां तहसील कार्यालस से एक शख्स का मात्र 2 रुपये सालाना आय का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। प्रमाण पत्र तहसीलदार के हस्ताक्षर के बाद ही जारी हुआ है। प्रमाण पत्र को देखने पर पता चलता है कि जनवरी 2024 में इसे बनाया गया है। बता दें कि यह मामला प्रकाश में सोशल मीडिया के जरिए आया। दरअसल इस आय प्रमाण पत्र में पूरे परिवार की कुल आय मात्र 2 रुपये सालाना दर्शाई गई है। बंडा तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह मामला प्रकाश में आया है। मेरी पदस्थापना से पहले का यह प्रकरण है। आय प्रमाण पत्र की जांच करा रहे हैं। यदि यह संशोधित नहीं हुआ है, तो इसे ठीक कराया जाएगा।

तहसीलदार ने कहा कि सोशल मीडिया पर इसके वायरल होने के बाद इसकी पड़ताल की गई। पता चला कि इनकम सर्टिफिकेट बंडा ब्लॉक के घूघरा गांव के रहने वाले बराम चढ़ार का है। उन्होंने जनवरी महीने में आवेदन किया था। इस वक्त बलराम चढ़ार ने सालाना इनकम 40 हजार रुपये लिखी थी, लेकिन संबंधित सेंटर में आवेदन को ऑनलाइन करते समय सलाना इनकम 2 रुपये लिख दी गई।

ऑनलाइन आवेदन में इनकम रुपये लिखने के बाद सर्टिफिकेट को बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान आवेदन क्लर्क से लेकर तहसीलदार तक पहुंचा। तत्कालीन बंडा तहसीलदार ज्ञानचंद्र राय ने आवेदन पर हस्ताक्षर कर 8 जनवरी 2024 को सर्टिफिकेट जारी कर दिया। उन्होंने इस दौरान यह भी नहीं देखा कि आवेदन की आय मात्र 2 रुपये लिखी है। उन्होंने कहा कि जब इस मामले में ज्ञानचंद्र राय से बात की तो उन्होंने बगैर जवाब दिए ही फोन काट दिया। तहसीलदार ने कहा कि मामले की पड़ताल की जा रही है।