जानिए तोरी खाने से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं दूर


तोरी, जिसे तुरई भी कहा जाता है, एक हल्की और पौष्टिक सब्जी है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है। यह सब्जी पोषक तत्वों से भरपूर होती है और इसके नियमित सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है। तोरी में विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है, जो इसे एक संपूर्ण आहार विकल्प बनाते हैं। आइए जानते हैं तोरी खाने से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो सकती हैं:

1. पाचन तंत्र की समस्या:

तोरी में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। यह कब्ज की समस्या को दूर करने और पेट की सफाई में मदद करता है। इसके सेवन से आंतों की गति सुधरती है, जिससे खाना आसानी से पच जाता है।

2. वजन घटाने में सहायक:

तोरी का सेवन वजन घटाने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है और यह पानी से भरपूर होती है। इसे खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे अतिरिक्त कैलोरी का सेवन कम हो जाता है।

3. ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखे:

तोरी में पोटैशियम की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद मिलती है और हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं से बचाव होता है।

4. डायबिटीज के लिए लाभकारी:

तोरी में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। इसे खाने से शरीर में शुगर का स्तर तेजी से नहीं बढ़ता, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

5. हृदय स्वास्थ्य में सुधार:

तोरी में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ना के बराबर होती है, जिससे यह हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। इसका नियमित सेवन रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

6. त्वचा की समस्याएं:

तोरी में विटामिन ए और सी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। यह त्वचा को चमकदार और जवान बनाए रखने में मदद करता है। इसके सेवन से त्वचा की सूजन और एक्ने जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।

7. शरीर को ठंडक प्रदान करना:

तोरी का सेवन शरीर को ठंडक प्रदान करता है, जिससे गर्मी में होने वाली समस्याएं जैसे डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक से बचाव किया जा सकता है। तोरी का रस या इसके सूप का सेवन गर्मी के दिनों में विशेष रूप से लाभकारी होता है।

8. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए:

तोरी में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे शरीर विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनता है।

कैसे करें तोरी का सेवन?

तोरी का सेवन आप सब्जी, सूप, सलाद, जूस और चटनी के रूप में कर सकते हैं। इसे हल्की मसालों के साथ पकाकर या उबालकर सेवन करना सबसे अच्छा होता है, जिससे इसके पोषक तत्व नष्ट नहीं होते।

निष्कर्ष

तोरी एक साधारण और सस्ती सब्जी है, लेकिन इसके फायदे अनेक हैं। इसे अपने नियमित आहार में शामिल करके आप कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं। हालांकि, यदि आपको कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या है तो तोरी का सेवन शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

संतान प्राप्ति के लिए लाभकारी है ये फल और वृक्ष! जानें इनके औषधीय गुण, सही स्थान और धार्मिक महत्व

डेस्क:- भारतीय परंपराओं और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में पौधों और वृक्षों का विशेष महत्व है। इनमें से कुछ पौधे ऐसे हैं, जिनके फल और छाल संतान प्राप्ति के लिए विशेष रूप से उपयोगी माने जाते हैं। इनमें प्रमुख हैं अश्वगंधा, अनार, और पीपल जैसे पेड़। इस लेख में हम ऐसे ही एक विशेष वृक्ष और उसके फलों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

1. अशोक वृक्ष: संतान प्राप्ति और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

अशोक का पेड़, जो आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, संतान प्राप्ति के लिए उपयोगी माना जाता है। इसके फूल, फल, और छाल का औषधीय उपयोग कई प्रकार की स्त्री-रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसकी छाल विशेष रूप से गर्भधारण की संभावना बढ़ाने और गर्भाशय की सेहत सुधारने के लिए फायदेमंद मानी जाती है।

अशोक की छाल के औषधीय गुण: गर्भधारण की क्षमता बढ़ाने में सहायक: अशोक की छाल का सेवन मासिक धर्म चक्र को नियमित करने और महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक माना जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

गर्भाशय को मजबूत बनाता है:

 यह गर्भाशय की मांसपेशियों को ताकत प्रदान करने और रक्तस्राव को नियंत्रित करने में सहायक है, जो प्रसव के बाद महिलाओं के लिए विशेष लाभकारी है।

तनाव और चिंता को कम करता है: अशोक की छाल के सेवन से मानसिक तनाव कम होता है, जो गर्भधारण की संभावना बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक पहलू है।

2. अनार: संतान प्राप्ति के लिए उपयुक्त फल

अनार का फल न केवल संतान प्राप्ति में सहायक है, बल्कि इसके सेवन से शरीर में खून की कमी पूरी होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। अनार के नियमित सेवन से महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ती है और हार्मोनल असंतुलन को भी ठीक करने में मदद मिलती है।

अनार के अन्य फायदे:

रक्तसंचार सुधारता है: अनार में आयरन और विटामिन C की उच्च मात्रा होती है, जो रक्तसंचार में सुधार करता है।

फर्टिलिटी में सुधार: अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स अंडाणु (Egg) की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

3. पीपल: पवित्र वृक्ष और संतान प्राप्ति में सहायक

भारतीय परंपराओं में पीपल का पेड़ शुभ माना जाता है। इस पेड़ को घर के आंगन में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसके अलावा, आयुर्वेद के अनुसार, पीपल की पत्तियों और छाल का उपयोग संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।

पीपल के औषधीय गुण:

गर्भधारण की क्षमता बढ़ाता है: पीपल की छाल और पत्तों का उपयोग महिलाओं में फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है।

शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायक: पीपल की छाया में नियमित ध्यान और प्राणायाम करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है, जो संतान प्राप्ति के प्रयास में महत्वपूर्ण हो सकता है।

  

4. घर में पौधों को शुभ स्थान पर लगाना

घर में पौधे लगाने से न केवल वातावरण स्वच्छ रहता है, बल्कि यह वास्तुशास्त्र के अनुसार भी शुभ होता है। अशोक, अनार और पीपल के पौधे यदि घर के उत्तर-पूर्व दिशा में लगाए जाएं, तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इससे घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और संतान प्राप्ति की संभावनाएं भी बढ़ती हैं।

निष्कर्ष:

अशोक, अनार और पीपल जैसे पौधों का सेवन और इन्हें घर में सही स्थान पर लगाना न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि संतान प्राप्ति की संभावना भी बढ़ाता है। हालांकि, किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक दवा या घरेलू उपचार शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें, ताकि कोई विपरीत प्रभाव न हो।

इन वृक्षों का महत्व केवल आयुर्वेद में ही नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इनका सम्मान और उचित देखभाल करना हमारी पारंपरिक धरोहर को संजोने के समान है।

वजन के हिसाब से रोजाना कितना पानी पीना चाहिए! जानिए सही मात्रा और रहें स्वस्थ।

डेस्क:- हमारे शरीर का 60-70% हिस्सा पानी से बना होता है, और सही मात्रा में पानी का सेवन हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 

पानी हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जैसे कि शरीर के तापमान को नियंत्रित करना, हानिकारक तत्वों को बाहर निकालना, पाचन तंत्र को सुचारू रखना, और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखना।

लेकिन सवाल यह है कि एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए? अधिकतर लोग "8 गिलास पानी" का नियम जानते हैं, लेकिन यह नियम सभी के लिए सही नहीं है। 

सही मात्रा में पानी पीने के लिए आपका वजन, उम्र, और शारीरिक गतिविधि के स्तर को ध्यान में रखना जरूरी है। आइए, जानते हैं कि वजन के हिसाब से रोजाना कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए:

1. वजन के आधार पर पानी की मात्रा का निर्धारण कैसे करें?

वजन के आधार पर पानी की मात्रा निकालने के लिए एक साधारण फॉर्मूला है:

आपके शरीर के वजन (किलोग्राम में) को 0.033 से गुणा करें। इसका मतलब है कि आपके हर एक किलोग्राम वजन के लिए आपको 33 मिलीलीटर पानी की जरूरत होती है।

उदाहरण:

यदि आपका वजन 60 किलोग्राम है, तो आपको 60 × 0.033 = 1.98 लीटर यानी लगभग 2 लीटर पानी रोज पीना चाहिए।

2. विभिन्न वजन के अनुसार पानी की आवश्यक मात्रा:

50 किलोग्राम: 1.65 लीटर

60 किलोग्राम: 1.98 लीटर

70 किलोग्राम: 2.31 लीटर

80 किलोग्राम: 2.64 लीटर

90 किलोग्राम: 2.97 लीटर

100 किलोग्राम: 3.3 लीटर

3. शारीरिक गतिविधि और मौसम के अनुसार पानी की मात्रा को बढ़ाएं:

यदि आप शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय हैं, जैसे कि जिम में वर्कआउट करते हैं, दौड़ते हैं, या किसी खेल में शामिल हैं, तो आपके शरीर को अधिक पानी की आवश्यकता होगी। इसी प्रकार, गर्म मौसम में पसीना अधिक निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। ऐसे में आपको सामान्य से 0.5 से 1 लीटर अधिक पानी पीना चाहिए।

4. पानी पीने का सही तरीका:

एक ही बार में बहुत अधिक पानी न पीएं। इससे शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ सकता है।

दिनभर में छोटे-छोटे घूंट लेकर पानी पिएं।

सुबह उठकर खाली पेट एक या दो गिलास पानी पीना फायदेमंद होता है।

भोजन करने से 30 मिनट पहले और भोजन के बाद कम से कम 30 मिनट तक पानी न पिएं। इससे पाचन क्रिया बेहतर रहती है।

5. अन्य तरल पदार्थों से भी पानी की पूर्ति करें:

सिर्फ पानी पीने से ही शरीर की हाइड्रेशन की जरूरत पूरी नहीं होती।

आप नारियल पानी, सूप, हर्बल टी, और फलों के रस से भी पानी की पूर्ति कर सकते हैं। 

इसके अलावा, कुछ फल और सब्जियाँ भी पानी से भरपूर होती हैं, जैसे खीरा, तरबूज, संतरा, और अंगूर।

6. क्या अधिक पानी पीना नुकसानदायक हो सकता है?

जी हाँ, जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हाइपोनैट्रेमिया (Hyponatremia) जैसी समस्या हो सकती है, जिसे "वाटर इनटॉक्सिकेशन" भी कहते हैं। इसमें शरीर में सोडियम का स्तर घट जाता है, जिससे कमजोरी, सिरदर्द, और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए हमेशा संतुलित मात्रा में ही पानी पिएं।

निष्कर्ष:

हर व्यक्ति के लिए पानी की आवश्यकता अलग-अलग हो सकती है, जो उसके वजन, शारीरिक गतिविधि, और मौसम पर निर्भर करती है। इसलिए, वजन के हिसाब से पानी की मात्रा का ध्यान रखें और अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें। नियमित रूप से पानी पीने से आप स्वस्थ रहेंगे और शरीर की सभी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से चलेंगी।

सुझाव: यदि आपको कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या है, तो अपने डॉक्टर से पानी की सही मात्रा के बारे में सलाह लें।

मुलेठी के सेवन से पाएँ इम्युनिटी और पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा

मुलेठी, जिसे अंग्रेजी में Licorice कहा जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी के रूप में जानी जाती है। यह न केवल एक प्राकृतिक मिठास प्रदान करती है, बल्कि इसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। 

प्राचीन समय से ही इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इसके औषधीय गुणों के कारण यह इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर पाचन तंत्र को दुरुस्त करने तक, कई प्रकार की बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक होती है।

1. इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार:

मुलेठी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके सेवन से शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) की संख्या बढ़ती है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। यह बदलते मौसम में सर्दी-खांसी और बुखार से बचाव करने में सहायक है।

2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद:

मुलेठी का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी फायदेमंद है। यह पेट की गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है। इसके सेवन से आंतों की सूजन कम होती है और पेट में बनने वाले गैस्ट्रिक एसिड का संतुलन बना रहता है। यह कब्ज की समस्या को भी दूर करने में सहायक है।

3. गले की समस्याओं का समाधान:

मुलेठी का सेवन गले की खराश, खांसी और अन्य गले की समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही कारगर माना जाता है। इसमें मौजूद ग्लाइसीराइजिक एसिड गले की सूजन और जलन को कम करता है और श्वसन तंत्र को बेहतर बनाता है।

4. स्ट्रेस और चिंता को कम करे:

मुलेठी का सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद तत्व सर्पोटोनिन और एड्रेनलिन हार्मोन के स्तर को संतुलित रखते हैं, जिससे मूड बेहतर होता है और तनाव कम होता है।

5. त्वचा की समस्याओं के लिए फायदेमंद:

मुलेठी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो त्वचा की समस्याओं जैसे एक्ने, पिंपल्स, और डार्क स्पॉट्स को कम करने में मदद करते हैं। इसका उपयोग त्वचा की सूजन और रैशेज को दूर करने के लिए भी किया जाता है।

6. लिवर को स्वस्थ रखे:

मुलेठी लिवर की सफाई और उसकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसके नियमित सेवन से लिवर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है और लिवर के विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकाला जा सकता है।

7. महिलाओं के लिए विशेष फायदेमंद:

मुलेठी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होती है। यह मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और असंतुलन को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा, यह हार्मोनल असंतुलन को भी नियंत्रित करती है, जिससे पीसीओएस (PCOS) और मेनोपॉज की समस्याओं में आराम मिलता है।

मुलेठी का सेवन कैसे करें?

चूर्ण के रूप में: मुलेठी का चूर्ण बनाकर गर्म पानी या दूध के साथ सेवन करें।

काढ़ा बनाकर: मुलेठी की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी-खांसी में आराम मिलता है।

चाय के रूप में:

इसे अदरक, तुलसी और शहद के साथ मिलाकर चाय के रूप में भी पिया जा सकता है।

सावधानियां:

मुलेठी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इसका अत्यधिक सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और शरीर में पोटैशियम की कमी कर सकता है। गर्भवती महिलाओं और उच्च रक्तचाप के मरीजों को इसका सेवन चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए।

मुलेठी एक बहुउपयोगी जड़ी-बूटी है जो हमारे शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने में सहायक है। इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर पाचन तंत्र को सुधारने तक, इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में और सही तरीके से ही करना चाहिए ताकि इसके सभी लाभों का आनंद लिया जा सके।

अगर बढ़ गया है यूरिक एसिड, तो खाएं ये 6 सब्जियां, पाएं तुरंत आराम!

बढ़ गया है यूरिक एसिड? खाएं ये सब्जियां, तेजी से मिलेगा आराम

यूरिक एसिड का बढ़ना शरीर के लिए कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे जोड़ों में दर्द, सूजन, गठिया आदि। जब शरीर में प्यूरिन के मेटाबोलिज्म के दौरान यूरिक एसिड का उत्पादन अधिक हो जाता है, तो यह रक्त में जमा होने लगता है और इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ खान-पान का भी खास ध्यान रखना ज़रूरी है। कुछ विशेष सब्जियों का सेवन करके यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कौन-सी सब्जियां आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं:

1. कद्दू (Pumpkin)

कद्दू यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में बेहद सहायक है। इसमें पोटैशियम और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है, जो यूरिक एसिड के उत्पादन को नियंत्रित करती है। कद्दू का सेवन सलाद, सूप या सब्जी के रूप में किया जा सकता है।

2. खीरा (Cucumber)

खीरे में 96% पानी होता है, जो शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है। यह किडनी को स्वस्थ रखने के साथ-साथ शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन में भी सहायक होता है। खीरे को सलाद के रूप में या इसका जूस बनाकर सेवन किया जा सकता है।

3. लौकी (Bottle Gourd)

लौकी में पोटैशियम, सोडियम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। इसके अलावा, लौकी का सेवन शरीर को ठंडक भी पहुंचाता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।

4. पालक (Spinach)

पालक आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स का बेहतरीन स्रोत है। इसमें फ्लेवोनोइड्स और पोटैशियम की मात्रा होती है, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करती है। हालांकि, इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से यूरिक एसिड बढ़ भी सकता है।

5. गाजर (Carrot)

गाजर में बीटा-कैरोटीन, विटामिन ए और फाइबर होते हैं, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। गाजर को सलाद, जूस या सब्जी के रूप में शामिल कर सकते हैं। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करती है।

6. टमाटर (Tomato)

टमाटर में विटामिन सी और लाइकोपीन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो यूरिक एसिड को घटाने में सहायक होते हैं। इसका सेवन सलाद, सब्जी, जूस या सूप के रूप में किया जा सकता है। टमाटर का नियमित सेवन करने से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के अन्य उपाय

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: पानी की कमी से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए, दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रित रहता है और यूरिक एसिड के स्तर को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है।

प्रोटीन का सेवन सीमित करें: उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ जैसे मांस, मछली और अंडों का सेवन सीमित मात्रा में करें।

शराब और कैफीन से बचें: ये पदार्थ यूरिक एसिड को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इनका सेवन कम से कम करें।

इन सब्जियों और उपायों को अपनी जीवनशैली में शामिल कर यूरिक एसिड को नियंत्रित रखा जा सकता है। अगर फिर भी कोई समस्या हो, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

नींबू पानी के 5 चमत्कारी फायदे, वजन घटाने से स्किन चमकाने तक, जानें कैसे बनाएं इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा


नींबू पानी, एक ऐसा पेय है जो न केवल आपकी प्यास बुझाता है बल्कि सेहत और सौंदर्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। चाहे सुबह-सुबह खाली पेट हो या दिनभर किसी भी समय, नींबू पानी आपके शरीर को अंदर से स्वस्थ और बाहर से सुंदर बनाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स और मिनरल्स इसे एक बेहतरीन पेय बनाते हैं। आइए जानते हैं नींबू पानी के 5 ऐसे गजब के फायदे, जो आपके स्वास्थ्य और स्किन के लिए बेहद फायदेमंद हैं:

1. वजन घटाने में मददगार

नींबू पानी वजन घटाने के लिए सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। इसमें कैलोरी बहुत कम होती है, और यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। सुबह खाली पेट नींबू पानी पीने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है। इसमें मौजूद पेक्टिन फाइबर भूख को कम करता है, जिससे बार-बार खाने की आदत पर काबू पाया जा सकता है।

2. स्किन की चमक बढ़ाए

नींबू में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, जो त्वचा के लिए एक बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करती है। रोजाना नींबू पानी पीने से स्किन की रंगत निखरती है, और यह मुंहासे, झुर्रियां, और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है। यह त्वचा को हाइड्रेट रखता है और उसे ग्लोइंग और फ्रेश बनाता है।

3. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखे

नींबू पानी पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह पाचन तंत्र की सफाई करने में मदद करता है और कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है। इसमें मौजूद साइट्रिक एसिड लिवर के बाइल प्रोडक्शन को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलती है।

4 प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

नींबू में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है, जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक है। नियमित रूप से नींबू पानी पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी बीमारियों से बचाव होता है। यह शरीर को विषैले तत्वों से लड़ने की शक्ति देता है और बीमारियों से दूर रखता है।

5. लिवर को डिटॉक्स करे

नींबू पानी लिवर के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर का काम करता है। यह लिवर की सफाई करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे लिवर के कार्य बेहतर होते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है।

कैसे बनाएं नींबू पानी? 

नींबू पानी बनाना बहुत आसान है। इसके लिए आपको चाहिए:

1 गिलास गुनगुना पानी

आधा नींबू का रस

एक चुटकी काला नमक (इच्छानुसार)

विधि: गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़ें और उसमें काला नमक मिलाएं। अच्छे से मिलाकर तुरंत पिएं।

सावधानियां

नींबू पानी पीने के बाद, दांतों को तुरंत न ब्रश करें क्योंकि नींबू का अम्ल दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है।

अगर आपको गैस्ट्रिक या एसिडिटी की समस्या है, तो नींबू पानी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

इन सरल और प्राकृतिक फायदों के कारण नींबू पानी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।

दुबले-पतले शरीर को बनाएं मजबूत,केले को इस तरह से डाइट में शामिल करें और बढ़ाएं मांसपेशियों का विकास


शरीर में मांस बढ़ाने के लिए केले को डाइट में शामिल करने के उपाय

दुबला-पतला शरीर कई लोगों के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। शरीर में सही तरीके से मांसपेशियों का विकास न होना, कमजोरी महसूस करना और आकर्षक कद-काठी का अभाव होने से आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। ऐसे में, अपने आहार में सही पोषक तत्वों को शामिल करके आप अपने शरीर में मांसपेशियों को बढ़ा सकते हैं। केला, एक ऐसा फल है, जो शरीर में मांस और वजन बढ़ाने के लिए बेहद फायदेमंद है। आइए जानते हैं, केले को किस तरीके से डाइट में शामिल कर आप अपने शरीर में मांस बढ़ा सकते हैं।

1. दूध के साथ केले का सेवन:

दूध और केला एक क्लासिक कॉम्बिनेशन है, जो वजन और मांसपेशियों को बढ़ाने में सहायक है। दूध प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है, वहीं केला कार्बोहाइड्रेट और फाइबर का अच्छा स्रोत है। रोजाना सुबह के समय 1-2 केले को एक गिलास दूध के साथ सेवन करने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और मांसपेशियों का विकास होता है।

2. केले का शेक (Banana Shake):

केला शेक शरीर में तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसके लिए 1-2 केले, 1 गिलास दूध, 1 चम्मच शहद और थोड़े से ड्राई फ्रूट्स (बादाम, काजू आदि) को ब्लेंड करके शेक बनाएं। यह शेक नाश्ते में या वर्कआउट के बाद पीने से शरीर को पोषण मिलेगा और मांसपेशियों का विकास होगा।

3. केले और मूंगफली के मक्खन (Peanut Butter) का सेवन:

मूंगफली का मक्खन प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और केले के साथ इसका सेवन करना शरीर में मांस बढ़ाने के लिए लाभकारी हो सकता है। इसके लिए, 1-2 केले के टुकड़ों पर मूंगफली का मक्खन लगाएं और इसे नाश्ते या स्नैक के रूप में खाएं। यह मांसपेशियों के विकास में सहायक रहेगा।

4. केले और अंडे का कॉम्बिनेशन:

अंडे प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। केले के साथ अंडे का सेवन करने से शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे मांसपेशियों का विकास तेजी से होता है। इसके लिए नाश्ते में 1-2 उबले हुए अंडे के साथ 1-2 केले का सेवन करें।

5. केले और ओट्स (Oats) का मिश्रण:

ओट्स फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। आप 1-2 केले को ओट्स के साथ मिलाकर एक हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता बना सकते हैं। यह मिश्रण शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और मांसपेशियों के विकास के लिए फायदेमंद है।

केले के सेवन के फायदे:

कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत: केला शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसमें मौजूद नेचुरल शुगर शरीर को तेजी से कैलोरी और एनर्जी देती है, जो मांसपेशियों के विकास के लिए जरूरी है।

फाइबर और पोटैशियम: केले में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। वहीं, पोटैशियम मांसपेशियों को मजबूती देता है और वर्कआउट के बाद होने वाले मांसपेशियों के दर्द को कम करता है।

प्रोटीन का अच्छा स्रोत: हालांकि केले में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, लेकिन इसे अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर को प्रचुर मात्रा में प्रोटीन मिलता है, जो मांसपेशियों के विकास के लिए जरूरी है।

ध्यान देने योग्य बातें:

अधिक मात्रा में न करें सेवन: केला उच्च कैलोरी युक्त फल है, इसलिए इसे अत्यधिक मात्रा में न खाएं। रोजाना 2-3 केले का सेवन ही पर्याप्त होता है।

व्यायाम के साथ सेवन: केवल आहार से ही मांसपेशियों का विकास संभव नहीं है। इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम या वर्कआउट भी जरूरी है। केले का सेवन करने के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करें, जिससे मांसपेशियों का विकास तेजी से हो सके।

डॉक्टर की सलाह लें: अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं या किसी विशेष आहार का पालन कर रहे हैं, तो केले को अपने आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह अवश्य लें।

केले को सही तरीके से अपने आहार में शामिल करके आप दुबले-पतले शरीर में मांस बढ़ा सकते हैं और एक स्वस्थ और सशक्त शरीर पा सकते हैं।

डेंगू में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए इन खाद्य पदार्थों का करे सेवन तेजी से बढ़ेगा प्लेटलेट काउंट

आपने कई बार लोगों को कहते सुना होगा कि प्‍लेटलेट काउंट कम है। पर क्‍या आप जानते भी हैं कि प्‍लेटलेट होता क्‍या है। प्लेटलेट एक तरह की ब्‍लड सेल्‍स हैं जो आपके रक्त को थक्का बनाने में मदद करती हैं। शरीर में प्‍लेटलेट की संख्या का कम होना चिंता की बात है।अभी डेंगू के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में जो लोग डेंगू की चपेट में आ गए हैं या उनके परिवार का कोई सदस्‍य डेंगू से पीडि़त हैंं, उसके लिए प्‍लेटलेट काउंट पर नजर रखना बहुत जरूरी होता है।

अगर आपका प्‍लेटलेट काउंट गिर रहा है तो यह खतरे की बात हो सकती है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप खाने पीने में उन चीजों को शामिल करें जिनकी मदद से आपके सेहत में सुधार हो और प्‍लेटलेट काउंट में तेजी से बढ़ोत्‍तरी हो. कई ऐसे विटामिन व मिनरल्‍स हैं जो प्‍लेटलेट को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि आप डेंगू होने पर किन चीजों को खाकर अपने प्‍लेटलेट को तेजी से बढ़ा सकते हैं.

प्‍लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए इन चीजों को डाइट में करें शामिल

फॉलेट रिच फूड:  

फॉलेट यानी कि विटामिन बी हेल्‍दी ब्‍लड सेल को बढ़ाता है. ऐसे में आप डाइट में अधिक से अधिक बीफ लीवर, हरी पत्‍तेदार सब्जियां, बीन्‍स, चावल आदि शामिल करें.

विटामिन B12 रिच फूड:

रेड ब्‍लड सेल्‍स के फॉर्मेशन में विटामिन बी12 काफी फायदेमंद होता है. इसकी कमी से शरीर में प्‍लेटलेट कम होने लगते हैं. इसके लिए आप बीफ लीवर, अंडा, सैल्‍मन, बादाम दूध, सोया मिल्‍क आदि का सेवन करें.

विटामिन C रिच फूड:

विटामिन सी इम्‍यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है. यह प्‍लेटलेट को बढ़ाने में भी मदद करता है. इसके लिए आप ब्रोकोली, स्‍प्राउट, लाल हरा शिमला मिर्च, नारंगी आदि का सेवन करें.

विटामिन D रिच फूड:

शोधों में पाया गया है कि विटामिन डी बोन मैरो सेल्‍स के प्रोडक्‍शन में मदद करता है जो प्‍लेटलेट और रेड ब्‍लड सेल्‍स के प्रोडक्‍शन के लिए जरूरी है. इसके लिए आप रोज अंडा, ऑयल फिश, सीरियल, मशरूम आदि का सेवन करें.

विटामिन K रिच फूड:

विटामिन के ब्‍लड क्‍लॉट और बोन हेल्‍थ के लिए एक जरूरी चीज है. यह प्‍लेटलेट काउंट को इंप्रूव करने में मदद करता है. इसके लिए आप डाइट में सूरजमुखी, ब्रोकली, हरी सब्जियां, पत्‍तेवाली सब्जियां, सोयाबीन, कददू आदि का सेवन करें।

जेसीबी ने साइकिल सवार व्यक्ति को रौंदा ,घटनास्थल पर ही हुई दिहाड़ी मजदूर की मौत

धनबाद: कतरास तिलाटांड महिला थाना के समीप फोरलेन सड़क पर सुबह जेसीबी ने साइकिल सवार व्यक्ति को रौंद दिया.

 इससे घटनास्थल पर ही व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गयी.सूचना पर कतरास थानेदार असीत कुमार सिंह सहित अन्य पुलिस के जवान पहुचे और जेसीबी को अपने कब्जे में ले लिया.

मृतक कंको का रहने वाला है.वह दिहाड़ी मजदूरी के लिये साइकिल से भटमुड़ना के तरफ जा रहा था.

सेहत के लिए काफी फायदेमंद है काली मिर्च आईए जाने इससे होने वाले फायदे और उपयोग के सरल तरीके।


काली मिर्च, जिसे हम 'ब्लैक पेपर' के नाम से भी जानते हैं, एक ऐसी मसाला है जो हर भारतीय रसोई में पाया जाता है। यह न केवल भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती है, बल्कि इसमें मौजूद औषधीय गुण इसे सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी बनाते हैं। इसमें पिपेरिन नामक एक सक्रिय तत्व होता है, जो शरीर के लिए कई फायदेमंद होता है।

काली मिर्च के फायदे:

1 पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

काली मिर्च का सेवन पाचन में सुधार करता है। यह पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्राव को बढ़ाती है, जिससे भोजन का पाचन बेहतर तरीके से होता है। इससे कब्ज, गैस, और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।

2 वजन घटाने में सहायक

काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर की कैलोरी जलाने की क्षमता बढ़ती है। इससे वजन कम करने में सहायता मिलती है।

3 प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है

काली मिर्च एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है। इसके सेवन से शरीर संक्रमणों से लड़ने में अधिक सक्षम होता है।

4 सर्दी और खांसी में राहत

काली मिर्च प्राकृतिक रूप से गर्म होती है, इसलिए इसका उपयोग सर्दी, खांसी और गले की खराश में राहत के लिए किया जाता है। इसे शहद के साथ लेने से गले की समस्याओं में जल्दी आराम मिलता है।

5 स्किन के लिए फायदेमंद

काली मिर्च का सेवन त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।

6 मस्तिष्क के लिए फायदेमंद

काली मिर्च में पिपेरिन मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है और याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है। यह मानसिक तनाव और डिप्रेशन को कम करने में सहायक हो सकता है।

काली मिर्च का उपयोग कैसे करें: 

दूध के साथ 

एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाकर रोजाना पीने से शरीर को गर्मी मिलती है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

चाय में मिलाकर

काली मिर्च को अदरक, तुलसी और शहद के साथ चाय में मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है।

खाने में छिड़कें

रोजाना के भोजन में आप काली मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे सलाद, सूप, दाल, या सब्जियों पर छिड़ककर खाया जा सकता है।

शहद के साथ

गले की खराश या खांसी में काली मिर्च पाउडर को शहद के साथ मिलाकर सेवन करना बहुत लाभकारी होता है।

निष्कर्ष:

काली मिर्च न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि इसे नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करने से सेहत पर भी कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। चाहे वह पाचन तंत्र हो, प्रतिरोधक क्षमता हो, या मस्तिष्क का स्वास्थ्य, काली मिर्च हर रूप में लाभकारी है। इसका उपयोग सही मात्रा में और सही तरीके से करने से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।