जमानत मांगने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे ममता के पूर्व-मंत्री शिक्षा पार्थ चटर्जी, घर में मिले थे करोड़ों कैश, ईडी से मांगा गया जवाब
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। चटर्जी पर शिक्षक भर्ती घोटाले का आरोप है। जस्टिस सूर्य कांत की बेंच ने नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई को दो हफ्तों के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले, कलकत्ता हाई कोर्ट ने 30 अप्रैल को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज है।
टीएमसी नेता की ओर से पेश सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि पार्थ चटर्जी पिछले दो साल और दो महीने से जेल में हैं। उन्होंने बताया कि पीएमएलए की धारा 4 के तहत अधिकतम सजा सात साल है। इसके अलावा, चटर्जी 74 साल के हैं और बीमार भी रहते हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से ईडी के जवाब को जल्द से जल्द विचार करने का अनुरोध किया। ED ने जून 2022 में पार्थ चटर्जी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई ने भी उनके खिलाफ जांच शुरू की। उन पर आरोप है कि शिक्षक भर्ती के दौरान पैसे लेकर भर्तियां की गईं, जिसमें योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर दिया गया। यहां तक कि कुछ लोग जो परीक्षा में पास नहीं हुए थे, वे भी शिक्षक बन गए। भर्ती के लिए रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज किया है।
चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी में बड़ी मात्रा में नकदी और आभूषण बरामद हुए थे। उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से 49 करोड़ से अधिक नकदी और 5 करोड़ की जूलरी मिली थी। इसके अलावा, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए। फर्जी कंपनियों के भी सबूत उनके घर से मिले थे। ईडी को चटर्जी के घर से एक डिजिटल डिवाइस भी मिला, जिससे घोटाले में उनकी संलिप्तता का संकेत मिला। अर्पिता के फ्लैट से बरामद नकदी और जूलरी से चटर्जी ने खुद को दूर बताने की कोशिश की, लेकिन एजेंसियों ने उन पर अपना शिकंजा कस दिया।
Oct 01 2024, 15:41