समंदर में तैनात होंगे 22 राफेल, रेंज 3700 किलोमीटर 50 हजार फीट की ऊंचाई तक भर सकता है उड़ान
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल दो दिन के दौरे पर फ्रांस में हैं। उनका मुख्य उद्देश्य राफेल सौदे पर चर्चा करना है। कुछ दिन पहले ही फ्रांस ने राफेल डील के लिए विस्तृत प्रस्ताव भारत को सौंपा था। भारत इस साल के अंत तक इस डील को अंतिम रूप देने की योजना बना रहा है। डोभाल के दौरे से पहले, फ्रांस की कंपनी ने कीमत घटाकर अपना अंतिम प्रस्ताव भी दे दिया है।
भारतीय नौसेना के लिए यह डील बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अगर यह डील फाइनल होती है, तो फ्रांस के राफेल विमानों से नौसेना के मिग-29K विमानों को बदलने की योजना है। इस सौदे में 22 सिंगल-सीट राफेल मरीन एयरक्राफ्ट और चार टू-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट शामिल हो सकते हैं। भारतीय नौसेना को आधुनिक विमानों और पनडुब्बियों की आवश्यकता है, और इस डील को उसकी ताकत बढ़ाने के लिए अहम माना जा रहा है। डिफेंस अक्विजिशन काउंसिल पहले ही इस डील को मंजूरी दे चुकी है।
इस सौदे की कीमत को लेकर ही अब तक चर्चा हो रही थी, लेकिन डोभाल के दौरे से पहले फ्रांस ने कीमत में कटौती कर अंतिम प्रस्ताव दिया है। हालांकि, सौदे की सही कीमत का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन यह अनुमान है कि सौदा 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। 2016 में भारत ने 36 राफेल विमान खरीदे थे, और भारत इसी आधार पर सौदे की कीमत रखना चाहता है। इसके अलावा, फ्रांस भारत को राफेल विमानों के साथ हथियार, सिमुलेटर, क्रू ट्रेनिंग, और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी प्रदान करेगा। साथ ही, भारतीय हथियारों को असेंबल करने में भी सहायता करेगा। इन विमानों को INS विक्रांत और INS डेगा पर तैनात किए जाने की संभावना है।
राफेल मरीन विमान की विशेषताओं में इसका शक्तिशाली इंजन, कम जगह से टेकऑफ और लैंडिंग की क्षमता, और उच्च गति शामिल हैं। इसका वजन 10600 किलोग्राम है और यह 1912 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है और यह विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसे एंटी-शिप स्ट्राइक के लिए एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। सौदे के बाद इन विमानों की पहली खेप भारत को 2-3 साल के भीतर मिल सकती है।





भारतीय टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज 2-0 से अपने नाम कर लिया है। चेन्नई टेस्ट को 280 रन के बड़े अंतर से अपने नाम करने के बाद कानपुर में चमत्कारी जीत दर्ज की। भारत के सामने बांग्लादेश ने जीत के लिए 95 रन का लक्ष्य रखा था जिसे आसानी से हासिल किया। इस जीत के साथ ही दो मैचों की सीरीज में बांग्लादेश का भारत ने क्लीन स्वीप कर दिया है। कानपुर टेस्ट का दूसरा और तीसरा दिन बारिश में धुलने के बाद ऐसा लग रहा था कि ये मुकाबला ड्रॉ हो जाएगा लेकिन टीम इंडिया ने ऐसा होने नहीं दिया। भारतीय टीम ने कानपुर टेस्ट के पांचवें दिन बांग्लादेश को एकतरफा अंदाज में हरा दिया। टीम इंडिया को दूसरा टेस्ट जीतने के लिए महज 95 रनों का लक्ष्य मिला था जिसे उसने आसानी से हासिल कर लिया। भारतीय टीम सिर्फ 17.2 ओवर में तीन विकेट खोकर ये मैच जीत गई। भारत ने बांग्लादेश को कानपुर टेस्ट में सात विकेट से हराकर दो मैचों की टेस्ट सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली है। टीम इंडिया को 95 रन का लक्ष्य मिला था, जिसे रोहित एंड कंपनी ने तीन विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। विराट कोहली 29 रन और ऋषभ पंत चार रन बनाकर नाबाद रहे। रोहित शर्मा आठ रन, शुभमन गिल छह रन और यशस्वी जायसवाल 51 रन बनाकर आउट हुए। विराट और यशस्वी के बीच तीसरे विकेट के लिए 58 रन की साझेदारी हुई। बांग्लादेश की ओर से मेहदी हसन मिराज ने दो विकेट लिए, जबकि तैजुल इस्लाम को एक विकेट मिला। यशस्वी ने अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश ने अपनी पहली पारी में 233 रन बनाए थे। जवाब में भारत ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 285 रन बनाकर घोषित कर दी थी। भारत को तब 52 रन की बढ़त मिली थी। दूसरी पारी में बांग्लादेश की टीम ने 146 रन बनाए और भारत के सामने 95 रन का लक्ष्य दिया था। टेस्ट में आधिकारिक तौर पर एक दिन में 90 ओवर फेंके जाते हैं। बांग्लादेश ने अपनी पहली पारी में 74.2 ओवर, भारत ने अपनी पहली पारी में 34.4 ओवर, बांग्लादेश ने अपनी दूसरी पारी में 47 ओवर और भारत ने अपनी दूसरी पारी में 17.2 ओवर खेले। इन सभी को मिला दें तो लगभग 174 ओवर बनते हैं और यह दो दिन के कुल ओवरों (180) से भी कम है। भारत ने इस टेस्ट में साहसिक खेल दिखाया। पहले दिन 35 ओवर का ही खेल हो पाया था। बारिश ने मैच में खलल डाला और फिर दूसरे और तीसरे दिन का खेल बारिश से धुल गया था। चौथे दिन खेल शुरू हुआ और भारत ने बांग्लादेश को समेटने के बाद फिर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर टेस्ट में किसी टीम द्वारा सबसे तेज 50, 100, 150, 200 और 250 रन बनाने का रिकॉर्ड बना डाला। इसके बाद बांग्लादेश को दूसरी पारी में जल्दी समेटकर आसान लक्ष्य का पीछा किया। इसके बाद पांचवें दिन भारतीय गेंदबाजों ने कहर बरपाते हुए बांग्लादेश को सिर्फ 146 रनों पर ढेर कर दिया और फिर यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली ने बेहतरीन बैटिंग कर टीम इंडिया को जीत दिला दी टीम इंडिया की घर में ये लगातार 18वीं सीरीज जीत है। भारतीय टीम के नाम पहले से ही घर में लगातार सबसे ज्यादा सीरीज जीतने का रिकॉर्ड है। इस मामलें में दूसरे नंबर ऑस्ट्रेलिया है जिसने अपने अपने घर में लगातार 10 सीरीज जीतने का बड़ा कारनामा किया था।बता दें, भारत पिछले 12 साल से घर में टेस्ट सीरीज नहीं हारा है। टीम इंडिया आखिरी बार घर पर 2012 में टेस्ट सीरीज हारी थी। तब इंग्लैंड ने भारतीय टीम को 2-1 से मात दी थी। इस सीरीज के बाद से टीम इंडिया अपने घर में कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी है। पिछले 12 साल में भारत ने घर में लगातार 18 बार टेस्ट सीरीज में विरोधी टीम को धूल चटाई है।


Oct 01 2024, 15:38
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