गरबा और डांडिया में क्या है अंतर? जानें नवरात्रि के दौरान क्यों खेला जाता है
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. इस त्योहार को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. साल 2024 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्तूबर से शुरू हो रही है. 2 अक्तूबर को श्राद्ध खत्म होते हैं और इसके ठीक बाद से ही नवरात्रि शुरू हो जाती है. नवरात्रि का त्योहार कई जगहों पर अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल में इसे लेकर लोगों का अलग ही उत्साह देखने को मिलता है. इसके अलावा गुजरात में इस खास त्योहार के दौरान गरबा भी खेला जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे की वजह क्या है. आइये जानते हैं कि आखिर नवरात्रि के दौरान ही गरबा किसलिए खेला जाता है.
क्या होता है गरबा-डांडिया में अंतर
गरबा और डांडिया दोनों ही गुजरात की लोक संस्कृति का हिस्सा है और इसे बहुत उत्साह के साथ परफॉर्म किया जाता है. लेकिन दोनों में अंतर भी होता है. कई लोगों को इस बात का भ्रम हो सकता है कि दोनों एक हैं लेकिन ऐसा नहीं है.
दोनों ही अलग-अलग हैं. गरबा हमेशा से मां दुर्गा की आरती के पहले खेला जाता है और डांडिया हमेशा मां दुर्गा की आरती के बाद खेला जाता है. डांडिया में आपके पास दो स्टिक होनी जरूरी होती है वहीं दूसरी तरफ गरबा तो किसी भी वस्तु के बिना ही परफॉर्म किया जा सकता है.
गरबा कैसे करते हैं?
गरबा नृत्य शुरू करने से पहले मां दुर्गा की पूजा की जाती है. इसके बाद मां दुर्गा के सामने महिलाएं मिट्टी के कलश में छेद करती हैं और उसमें दीया जलाती हैं. इसके बाद इसमें चांदी का सिक्का डाला जाता है.
इसके बाद उसी दीए की रोशनी में इस नृत्य को धीरे-धीरे किया जाता है. बू इसमें पुरुष और महिलाएं ग्रुप बनाकर डांस करते हैं. इसके लिए कुछ पोषाक भी तय की गई हैं उसे पहनने के बाद इस डांस को सही तरीके से किया जा सकता है.
डांडिया कैसे खेलते हैं?
गरबा के मुकाबले डांडिया को और भी उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इसमें छोटी-छोटी रंग-बिरंगी सजी हुई डंडियों का इस्तेमाल करते हैं. ढोल-नगाड़े और तबले का भी इस्तेमाल किया जाता है. छोटी डंडियों से उत्पन्न होने वाली आवाज लोगों के मन में और उमंग पैदा करती है और माहौल भी सकारात्मक हो जाता है. नवरात्रि 2024 की बात करें तो ये 3 अक्तूबर को शुरू हो रहा है और विजय दशमी का पर्व 12 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा.
Sep 29 2024, 13:14