जम्मू कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़: सेना के तीन जवान और एक पुलिसकर्मी घायल!

जम्मू कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में सेना के तीन जवान घायल हो गए हैं. वहीं, गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गया है. सुरक्षाबलों ने आज सुबह कुलगाम के आदिगाम इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया था. यहां 2-3 आतंकियों के छिपे होने की खबर थी. सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग की. इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की.

सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी में ये जवान घायल हो गए. हालांकि, तलाशी अभियान अभी भी जारी है. पूरे इलाके को घेर लिया गया है. ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर आतंकियों को दबोचने की कोशिश हो रही है.

इस ऑपरेशन में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां भी शामिल हैं. वहीं प्रशासन पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं. जम्मू कश्मीर में आतंकियों पर लगातार प्रहार किया जा रहा है. घाटी में आतंकियों पर नकेल कसने के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं.

हाल ही में अभी किश्तवाड़ के गुरिनाल गांव में सुरक्षाबलों और के बीच मुठभेड़ हुआ था. डन्ना धार वन क्षेत्र के पास सुरक्षाबलों की ओर से संपर्क स्थापित होने के बाद गोलीबारी फिर से शुरू हुई थी.

पहले के तलाशी अभियान के दौरान इलाके में कुछ आतंकियों के होने का पता चला था. इसको देखते हुए सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया था. इसके बाद दोनों पक्षों से गोलाबारी शुरू हुई थी. इससे पहले कठुआ और पुंछ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुआ था.

जैश-ए-मोहम्मद के 6 सहयोगी गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को पुलवामा में आतंकियों के एक बड़े मंसूबे को नाकाम किया है. पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के 6 सहयोगियों को गिरफ्तार किया था. ये युवाओं को चिन्हित कर अपने आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे थे. खुफिया जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की. सहयोगियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए.

बिहार लोक सेवा आयोग 70वीं परीक्षा 2024: 1957 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, जानें

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा 2024 के लिए आज, 28 सितंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू करेगा. एसडीए और डीएसपी सहित कुल 1957 पदों पर भर्तियों के लिए अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in या onlinebpsc.bihar.gov.in पर जाकर 18 अक्टूबर तक अप्लाई कर सकते हैं. पहले कुल पदों की संख्या 1929 थी, जिसे बीपीएससी ने बाद में बढ़ाकर 1957 कर दिया. इसका नोटिफिकेशन पहले ही जारी किया जा चुका है.

अभ्यर्थी इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें नोटिफिकेशन में बताए गए नियमों के अनुसार ही आवेदन करना होगा अन्यथा फाॅर्म रद्द किया जा सकता है. आवेदन केवल ऑनलाइन मोड में ही करना है. आइए जानते हैं कि इन विभिन्न पदों के लिए आवेदन की योग्यता और उम्र सीमा क्या निर्धारित की गई है.

किसके कितने पद?

अनुमंडल पदाधिकारी/वरीय उप समाहर्ता (बिहार प्रशासनिक सेवा): 200 पद

पुलिस उपाधीक्षक (बिहार पुलिस सेवा): 136 पद

सहायक राज्य कर आयुक्त (बिहार वित्त सेवा): 168 पद

विभिन्न विभागों के पदों की रिक्तियां: 174 पद

ग्रामीण विकास अधिकारी (बिहार ग्रामीण विकास सेवा संवर्ग): 393 पद

राजस्व अधिकारी (बिहार राजस्व सेवा): 287 पद

आपूर्ति निरीक्षक (बिहार आपूर्ति सेवा): 233 पद

प्रखंड अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण अधिकारी : 125 पद

विभिन्न विभागों के पदों के लिए रिक्तियां: 213 पद

ब्लॉक अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग: 28 पद

कौन कर सकता है आवेदन?

बीपीएससी 70वीं प्रतियोगिता प्रांरभिक परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. वहीं आवेदक की उम्र पद के अनुसार अलग-अलग निर्धारित की गई है. अधिकतम उम्र सीमा में आरक्षित कैटेगरी के कैंडिडेट्स को छूट भी दी गई है.

कितना देना होगा आवेदन शुल्क?

प्रत्येक परीक्षा के लिए बायोमेट्रिक शुल्क 200 है. सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 600 रुपए परीक्षा शुल्क जमा करना होगा. वहीं बिहार राज्य के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और राज्य की महिला व दिव्यांग कैटेगरी के कैंडिडेट्स के लिए 150 रुपए परीक्षा शुल्क निर्धारित किया गया है.

ऐसे करें अप्लाई

बीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट

onlinebpsc.bihar.gov.in पर जाएं.

होम पेज पर दिए गए Apply Online टैब पर क्लिक करें.

डिटेल दर्ज कर रजिस्ट्रेशन करें और फाॅर्म भरें.

डाक्यूमेंट्स अपलोड करें और फीस जमा करें.

क्या है चयन प्रक्रिया?

इन सभी पदों पर आवेदकों का चयन प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए किया जाएगा. आयोग प्रारंभिक परीक्षा की डेट बाद में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी करेगा. एग्जाम के लिए एडमिट कार्ड निर्धारित समय पर जारी किए जाएंगे.

मुंबई यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव: आदित्य ठाकरे की युवा सेना ने सभी 10 सीटों पर की जीत दर्ज

मुंबई यूनिवर्सिटी में हाल ही में सीनेट चुनाव हुए, जिसमें आदित्य ठाकरे की शिवसेना के यूथ विंग युवासेना को बंपर जीत हासिल हुई. युवा सेना ने सभी 10 सीटों पर बाजी मारी. चुनाव के नतीजे शुक्रवार को सामने आए. मुंबई यूनिवर्सिटी में हुए चुनाव में सीधे मुकाबला युवा सेना और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच था, जिसमें एबीवीपी को बुरी तरह से हार हुई

अपनी इस बंपर जीत की खुशी आदित्य ठाकरे की युवा सेना आज आज 12 बजे मातोश्री पर मनाई जाएगी.

55 फीसदी हुई वोटिंग

मुंबई हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 24 सितंबर को 10 सीटों के लिए चुनाव हुआ था. सीनेट की 10 सीटों में से 5 सीटें रिजर्व और 5 सीटें ओपन थीं और कुल 28 उम्मीदवारों ने चुनाव में हिस्सा लिया था. इस बार करीब 55 फीसदी मतदान हुआ है. 2018 में हुए चुनाव की तरह ही युवा सेना ने इस चुनाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया. युवा सेना का नेतृत्व उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने किया.

किसके हाथ लगी जीत

विजयी उम्मीदवारों में प्रदीप सावंत, मिलिंद साटम, अल्पेश भोईर, परम यादव, शशिकांत ज़ोरे, शीतल देवरुखकर, धनराज कोहचडे, मयूर पांचाल और स्नेहा गवली के नाम शामिल हैं. अविभाजित शिव सेना के समय से ही युवा सेना यहां की मजबूत उम्मीदवार रही है. मुंबई यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव दो साल से अधिक समय से पेंडिंग थे और राजनीतिक विकास के कारण विवादों में भी घिरे थे, जिसके बाद 2018 के बाद एक बार फिर चुनाव कराए गए, जिसमें युवा सेना से जीत अपने नाम की.

आदित्य ठाकरे ने उम्मीदवारों को दी बधाई

युवा सेना (यूबीटी) के लीडर आदित्य ठाकरे ने सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह सभी की मेहनत और मतदाताओं के समर्थन से ही संभव हो पाया है. हार के डर से प्रदेश के शहरी और स्थानीय निकायों में चुनाव नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने चुनाव कराने का आदेश देने के लिए मुबंई हाईकोर्ट का भी आभार जताया.

सीनेट चुनाव क्यों है अहम?

सीनेट मुंबई यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी निर्णय और निगरानी संस्था है. जिसका प्रतिनिधित्व टीचर, प्रिंसिपल, कॉलेज के मैनेजमेंट के साथ-साथ रजिस्टर्ड ग्रेजुएट करते हैं. महाराष्ट्र में छात्र परिषद चुनाव पर रोक लगी है. एमयू के सीनेट चुनाव लड़ने वालों को संबंधित यूनिवर्सिटी का छात्र होना अनिवार्य है और यह दिल्ली यूनिवर्सिटी या जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनावों से अलग हैं.

जाने कैसा रहेगा इन राज्यों में बारिश का हाल,मुंबई में बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

अब मौसम करवट बदल रहा है. धीरे-धीरे मानसून विदाई की लेने की ओर बढ़ रहा है. दिल्ली में भी आज सुबह से ही बादलों का डेरा आसमान में बना हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस वीकेंड में दिल्ली का मौसम सुहावना रह सकता है. यहां आने वाले दो दिनों में कुछ इलाकों में बारिश का यूटर्न देखने को मिल सकता है. दिल्ली के कुछ हिस्सो में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. वहीं सोमवार यानि एक अक्टूबर से राजधानी में पूरे हफ्ते तेज धूप का मौसम बना रह सकता है. आने वाले शनिवार तक दिल्ली में बारिश की संभावना नहीं है. ऐसे में आधिकतम तापमान में थोड़ी बढ़त देखने को मिल सकती है.

वहीं महाराष्ट्र में बारिश से बुरा हाल है. लोगों को अपने हर दिन के जरूरी कामों को करने के लिए भी काफी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं. जगह-जगह सड़कों पर हुए जलजमाव के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या हर दिन बनी हुई है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक, महाराष्ट्र में सितंबर के अंत तक ऐसा ही मौसम बना रह सकता है. 28 और 29 अक्टूबर को महाराष्ट्र में तेज बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं मुंबई में बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. महाराष्ट्र में 1,2 और 3 अक्टूबर को बारिश से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन उसके बाद 4,5,6 अक्टूबर को यहां तेज बारिश की संभावना जताई गई है.

कैसा रहेगा यूपी-बिहार का मौसम?

मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में भी आज बारिश की मूसलाधार बूंदें देखने को मिल सकती हैं. आज शनिवार और रविवार को यहां तेज बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं सोमवार से पूरे हफ्ते मौसम साफ बना रहेगा. सोमवार यानि 1 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. ऐसे में उमस और गर्मी देखने को मिल सकती है. इस हफ्ते यहां न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस जा सकता है.

मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार में इस पूरे हफ्ते तेज बारिश हो सकती है. 28 सितंबर शनिवार से लेकर आने वाले शनिवार तक बारिश वाला मौसम बना रहने की आशंका है. ऐसे में पूरे सप्ताह बारिश होने से राज्य के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. आज पंजाब और हरियाणा में मौसम साफ बना रह सकता है.

फेसबुक यूजर्स की सुरक्षा खतरे में: मेटा पर लगा 10.16 करोड़ डॉलर का जुर्माना, क्या है पूरा मामला?

फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप जैसी सोशल मीडिया साइट्स की पैरेंट कंपनी मेटा एक बार फिर मुश्किल में फंस गई है. दुनिया की दिग्गज कंपनी मेटा पर फेसबुक यूजर्स के पासवर्ड से छेड़छाड़ के मामले में यूरोपीय संघ की सिक्योरिटी रेगुलेटर अथॉरिटी ने शुक्रवार को 10 करोड़ डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया है. वहीं, मेटा ने इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सुरक्षा समीक्षा में इस ‘गलती’ को पकड़ लिया गया था और इसे ठीक करने के लिए तत्काल कार्रवाई की गई थी.

इस साल फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चलाने वाली कंपनी मेटा पर लगा यह पहला जुर्माना है. इससे पहले किशोरों का डेटा गलत तरीके से संभालने के लिए इंस्टाग्राम पर 40.5 करोड़ यूरो, व्हाट्सऐप पर 55 लाख यूरो, और ट्रांसअटलांटिक डेटा भेजने के लिए मेटा पर 1.2 अरब यूरो का जुर्माना लगा चुका है.

फेसबुक यूजर्स के पासवर्ड से छेड़छाड़

आयरिश डेटा सुरक्षा आयोग ने कहा है कि इस मामले की जांच के बाद अमेरिका की कंपनी मेटा पर 9.1 करोड़ यूरो यानी 10.16 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया गया है.

यूरोपीय संघ के नियामक ने इस मामले की जांच 2019 में शुरू की थी, जब मेटा ने उन्हें सूचित किया था कि फेसबुक के कुछ यूजर्स के पासवर्ड अनजाने में आंतरिक रूप से संग्रहीत हो गए थे. इसका मतलब यह था कि उन पासवर्ड्स को फेसबुक के कर्मचारी आसानी से ढूंढ सकते थे.

क्या कहना है कमीशन का ?

आयोग के उपायुक्त ग्राहम डॉयल का कहना है कि मिसयूज का जोखिम देखते हुए यूजर्स के पासवर्ड को बिना किसी कोड के संग्रहीत नहीं किया जाना चाहिए था. मेटा ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सुरक्षा समीक्षा में इस ‘गलती’ को पकड़ लिया गया था और इसे ठीक करने के लिए तुरंत कदम उठाए गए थे. कंपनी ने अपने बयान में यह भी कहा कि “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इन पासवर्ड्स का दुरुपयोग किया गया था या अनुचित तरीके से उन तक पहुंच बनाई गई थी. हम इस मामले की जांच के दौरान आयरिश डेटा सुरक्षा आयोग के साथ सार्थक रूप से जुड़े रहे हैं.”

चाइनीज लहसुन मामला: हाई कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से मांगा जवाब, क्या होगी अगली कार्रवाई?

देश में बैन के बाद भी चाइनीज लहसुन मिल रहा है. इसे लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताया जा रहा है. शुक्रवार को इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई. चाइनीज लहसुन के बिकने के मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांग लिया है.

हाई कोर्ट ने दोनों सरकारों से पूछा गया है कि आखिर बैन के बाद भी चाइनीज लहसुन कैसे मिल रहा है. जस्टिस राजन रॉय और ओम प्रकाश शुक्ल की डबल बेंच अब इस मामले की सुनवाई एक अक्टूबर को करेगी. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र और यूपी सरकार से पूछा है कि प्रतिबंध के बाद भी चाइनीज लहसुन बाजार में क्यों मिल रहा है?

सस्ता और दिखने में अच्छा लगता है

चाइनीज लहसुन सस्ता होता है. दिखने में देसी लहसुन से अच्छा लगता है. छील कर इस्तेमाल करने में आसान रहता है. बैन के बावजूद लखनऊ में चोरी छिपे ये बाजार में बिक रहा है. कई दुकानदार भी इस बात को मान रहे हैं कि बैन के बाद भी बाजार में चाइनीज लहसुन धड़ल्ले से बिक रहा है. कुछ ऐसे ग्राहक जिनको पता रहता है वो तो लेने से मना कर देते हैं, लेकिन जिनको पता नहीं होता है वो चुप चाप खरीद लेते हैं.

कैसे होती है चाइनीज लहसुन की खेती ?

चाइनीज लहसुन की खेती सीवेज के पानी से होती है

लेड, आर्सेनिक, मरकरी से फसल तैयार होती है

सफेद दिखने के लिए क्लोरीन से ब्लीच होता है

ब्लीच के लिए मिथाइल ब्रोमाइड का भी इस्तेमाल

बोन कैंसर का बढ़ सकता है खतरा

अब जब इसकी खेती नाले के पानी से की जाती है तो इसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है. चीनी लहसुन में हेवी मेटल के कारण बोन कैंसर या फिर दूसरे प्रकार के कैंसर हो सकते हैं. संक्रामक और गैर संक्रामक बीमारियां हो सकती है, जबकि मिथाइल क्रोमाइड के कारण सांस की तकलीफ या फिर नर्वस सिस्टम में समस्या आ सकती है.

सबसे बड़ा फर्क रंग का होता है

रिपोर्ट से साफ है कि चीनी लहसुन सेहत के लिए बड़ा खतरा है, लेकिन सवाल है कि अब आप बाजार में देसी और चीनी लहसुन में फर्क कैसे पकड़पाएंगे. चीनी और देसी लहसुन में सबसे बड़ा फर्क रंग का होता है. चीनी लहसुन बिल्कुल सफेद दिखता है, जबकि देसी लहसुन हल्का पीला होता है. साइज में भी चीनी लहसुन बड़ा जबकि देसी लहसुन छोटा होता है.

इसके साथ ही दोनों लहसुन के स्वाद में भी फर्क होता है. चाइनीज लहसुन में स्वाद नहीं होता है और देसी लहसुन में तीखेपन का स्वाद होता है. देशी लहसुन में स्मेल बहुत अधिक होती है, और चीनी लहसुन में स्मेल ना के बराबर होती है, लेकिन चीनी लहसुन आपकी जेब पर भी भारी है इसकी बड़ी वजह है इसका सफेद दिखना और साइज में बड़ा होना.

मोतीलाल यादव नामक शख्स ने दायर की है याचिका

मोतीलाल यादव नामक शख्स ने चाइनीच लहसुन को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच के सामने जनहित याचिका दायर की है. यादव ने कहा कि बैन के बावजूद चाइनीज लहसुन बाजार में खूब बिक रहा है. भारत सरकार ने साल 2014 में ही इस पर बैन लगा दिया गया था. यादव आधा किलो चाइनीज लहसुन भी अपने साथ लेकर अदालत पहुंचे हुए थे. अब इसे जांच के लिए फूड सेफ्टी विभाग के लैब में भेजा गया है. रिपोर्ट आने में 15 दिन का समय लग सकता है.

ईयरबड्स के नुकसान दायक प्रभाव: जानें कैसे बचें और सुरक्षित रखें अपने कान!

ईयरबड्स आजकल सभी लोगो के पास दिखना आम हो गया है. इन्हें केवल यंगस्टर्स ही नहीं घर बड़े भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. लंबी वायर से छुटकारा दिलाने वाले वायरलेस ईयरबड्स काफी स्टाइलिश और यूजफुल लगते हैं. लेकिन अगर हम इसके साइड इफेक्ट्स पर नजर डालें तो ये काफी नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. बीते दिनों एक यूजर ने वायरलेस ईयरबड्स के फटने का मामला एक्स प्लेटफॉर्म पर शेयर भी किया है. जिसमें सैमसंग के Galaxy Buds FE ईयरबड्स उसके कान में फट गए.

बहरहाल इस मामले पर कंपनी, यूजर और कम्युनिटी फोरम सभी में सवाल-जवाब का प्रोसेस जारी है. यहां समझें कि ईयरबड्स का सही इस्तेमाल कैसे होता है, कितनी वॉल्यूम, डेसिबिलिटी और कितने देर ईयरबड्स लगाने पर नुकसान के चांस कम हो सकते हैं.

ईयरबड्स इस्तेमाल करने का सही तरीका?

अगर देखा जाए तो नॉर्मली, 85 डेसिबल से ज्यादा आवाज किसी के भी कानों के लिए नुकसानदायक मानी जाती है. वहीं एक बार में 60 मिनट से ज्यादा देर ईयरबड्स का कानों में लगे रहना आपको नुकसान पहुंचा सकता है.

अब सवाल आता है कि ईयरबड्स का वॉल्यूम कितना रखें? एक बात का ध्यान रखें कि आपको ईयरबड्स की आवाज कम ही रखना चाहिए. लगातार ईयरबड्स का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, यूज करते टाइम बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए.

नुकसान और बचाव

हमेशा सही साइज के ईयरबड्स सलेक्ट करें, ईयरबड्स को टाइम-टू -टाइम क्लीन करें. इससे इंफेक्शन से बचा जा सकता है.

ज्यादा शोर वाली जगहों पर ईयरबड्स यूज ना करें दरअसल ऐसे एरिया में आपको, ईयरबड्स का वॉल्यूम बढ़ानी पड़ती है, जिसकी वजह से आपके कानों को ज्यादा नुकसान हो सकता है.

ईयरबड्स को एक दिन में जितना कम समय के लिए यूज करेंगे वो ज्यादा अच्छा रहेगा अगर आप अपने जिम में या चलते-फिरते, घर या बाहर कोई काम करते टाइम यूज करने से कानों को ही नहीं और भी कई नुकसान हो सकते हैं.

उज्जैन में बारिश का कहर: महाकाल मंदिर के पास दीवार ढही, 2 की मौत, कई घायल!

उज्जैन के महाकाल मंदिर में शुक्रवार शाम को हुई तेज बारिश के दौरान गेट क्रमांक 4 की एक दीवार ढह गई. जिसके मलबे में कुछ लोग दब गए. घायल हो गए श्रद्धालुओं को रेस्क्यू टीम ने तुरंत मलबे से बाहर निकाला और इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है. उज्जैन में अभी भी तेज बारिश का दौर जारी है. हादसे में अब तक 2 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.

उज्जैन में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेज बारिश का दौर जारी है लेकिन इस बारिश से महाकाल मंदिर क्षेत्र में आफत आ गई. महाकाल मंदिर के गेट नंबर 4 पर ज्योतिशाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास के मकान के पास एक पुरानी दीवार भर-भराकर ढह गई. दीवार के पास सामान बेचने वाले कुछ लोग इसकी चपेट में आ गए. महाकाल मंदिर प्रशासन को सूचना दी गई कि दीवार गिरने की वजह से कुछ लोग मलबे में दब गए हैं.

आनन-फानन में सहायता बुलाई गई और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई. पुलिस और बचावकर्मियों को तुरंत मौके पर भेजा गया. जैसे ही इन लोगों के दबने की सूचना महाकाल मंदिर प्रशासन को लगी उन्होंने तुरंत महाकाल थाना पुलिस व मंदिर कर्मचारियों की सहायता से घायलों को मलबे से बाहर निकाला. उन्हें उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाया है. मलबे में कितने लोग दबे हैं और कितने को रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला है अभी इसकी जानकारी नहीं है. रेस्क्यू टीम लगातार बचाव कार्य करने में लगी हुई है. एसपी प्रदीप शर्मा ने दो लोगों की मौत की पुष्टि की है

दीवार के पास खड़े थे लोग

घटना के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बहुत तेज बारिश हो रही थी, हम छाता लेकर गेट नंबर 4 पर खड़े हुए थे. तभी अचानक दीवार गिर गई जिसमें दो महिला और एक बच्चा दीवार के नीचे दब गए थे. दीवार गिरने के कारण और कितने श्रद्धालु घायल हुए इसकी जानकारी महिला को नहीं है.

महोबा में ट्रक मालिक की परेशानी: राजस्थान में हुए चालान की जानकारी मिलने पर ट्रक मालिक दंग, कैसे चुकाएंगे लाखों रुपए?

महोबा के एक ट्रक मालिक को राजस्थान के चालबाज खनन माफियाओं ने लाखों रुपए का चूना लगा दिया. महोबा में खड़े ट्रक का राजस्थान के भरतपुर जिले में लाखों रुपए के चालान सहित खनन रॉयल्टी जारी होने के मामले से ट्रक मालिक के पैरों तले जमीन खिसक गई. ARTO में ट्रक का फिटनेस कराने गए ट्रक मालिक को राजस्थान में हुए चालान की जानकारी मिली तो वो दंग रह गया कि कैसे उसके ट्रक का नंबर इस्तेमाल कर राजस्थान के खनन माफियाओं ने न केवल बड़ा खेल खेल डाला, बल्कि 10 लाख रुपए का चूना भी लगा दिया. फिलहाल पीड़ित की शिकायत पर ARTO ने भरतपुर कलेक्टर को जांच के लिए पत्र लिखा है.

कबरई थाना क्षेत्र के विवेक नगर मोहल्ले के रहने वाले तारकेश्वर गुप्ता अपनी जीविका एक ट्रक के सहारे चला रहे हैं. उनके ट्रक का नंबर ‘UP95T3527’ है. हालांकि इस समय तारकेश्वर गुप्ता इसी ट्रक के नाम पर हुई ठगी को लेकर परेशान हैं. उनको चिंता सता रही है कि आखिर वह कैसे लाखों रुपए का चालान चुकाएंगे. तारकेश्वर गुप्ता ने बताया कि इसी ट्रक के जरिए वह कबरई में पत्थर ढोने का काम करते हैं. ट्रक की फिटनेस खत्म होने पर जब वह ATRO ऑफिस फिटनेस कराने पहुंचे तो विभागीय अधिकारी ने राजस्थान के भरतपुर जिले में 10 लाख रुपए का चालान होने पर फिटनेस करने से मना कर दिया.

6 महीने से घर पर खड़ा ट्रक

तारकेश्वर गुप्ता ने बताया कि यह सुनकर उनके होश उड़ गए कि जिले से बाहर कभी ट्रक नहीं गया और पिछले छह महीने से ट्रक खड़ा है तो फिर राजस्थान में लाखों रुपए के दर्जनों चालान कैसे कट गए. मामले को लेकर जब तारकेश्वर गुप्ता ने जब ARTO विभाग में जांच कराई तो पता चला कि भरतपुर के नागल पहाड़ी इलाके में अलग-अलग एक दर्जन से अधिक चालान ट्रक के नाम पर कटे हैं, जिनकी अनुमानित लागत 10 लाख रुपए है. जब उन्होंने ट्रक के नंबर को चेक कराया तो पता चला ट्रक के नाम पर खनन रॉयल्टी भी जारी की गई है.

10 लाख रुपए का हो गया चालान

इसी महीने बीते तीन सितंबर को भरतपुर के नागल पहाड़ी में संचालित सिंडिकेट स्टोन क्रेशर के नाम से उक्त ट्रक नंबर पर खनन रॉयल्टी WTNW107352555 जारी हुई थी, जिससे यह अंदाजा लगाना कठिन नहीं होगा कि ऐसे ही खनन माफियाओं द्वारा बड़ी संख्या में खनन रॉयल्टी भी इसी ट्रक के नंबर पर जारी की गई होंगी. सबसे बड़ी बात यह है कि 10 लाख रुपए का चालान ट्रक मालिक तारकेश्वर गुप्ता के लिए चिंता का कारण बना है. तारकेश्वर गुप्ता हैरान हैं कि कैसे महोबा में खड़े ट्रक के नंबर का इस्तेमाल कर खनन माफियाओं ने राजस्थान में बड़ा खेल कर डाला.

ARTO ने भरतपुर कलेकट्र को लिखा लेटर

मामले को लेकर तारकेश्वर गुप्ता ने अधिकारियों से मदद और न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित ने इस बाबत एक लिखित प्रार्थना पत्र ARTO विभाग में देकर जारी लाखों रुपए के चालान बाबत जांच और कार्रवाई की मांग की, जिस पर उप संभागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारी दयाशंकर ने गंभीरता दिखाते हुए उक्त मामले से संबंधित जांच हेतु भरतपुर राजस्थान के कलेक्टर को पत्र लिखा है.

तिरुपति लड्डू विवाद: जगन मोहन रेड्डी को पुलिस का नोटिस,तिरुपति का दौरा रद्द

विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में दिए जाने वाले लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाने से जुड़े विवाद के बीच आंध्र प्रदेश की सियासत लगातार गरमाती जा रही है. प्रसादम में मिलावट के आरोपों के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी आज शुक्रवार शाम तिरुमाला जाने वाले थे, लेकिन अब जानकारी आ रही है कि उनका दौरा रद्द हो गया है.

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और YSRCP प्रमुख जगनमोहन रेड्डी को बिना अनुमति तिरुपति आने के लिए मना किया गया है. पुलिस ने उनको नोटिस भेजा है और कहा कि आप बिना अनुमति तिरुपति में अपना कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते,

इससे तनाव बढ़ सकता है. पूर्व सीएम की शनिवार को भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करने की योजना थी.

पार्टी के नेताओं को भी नोटिस भेजी थी पुलिस

हालांकि, जगन मोहन रेड्डी के भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दर्शन के लिए जाने से पहले जिला पुलिस की ओर से उनकी पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को आज शुक्रवार को नोटिस जारी कर कहा गया है कि वे पुलिस अधिनियम की धारा 30 का उल्लंघन न करें. अब पुलिस ने सीधे पूर्व मुख्यमंत्री को नोटिस भेजा है.

दूसरी ओर राज्य में एनडीए गठबंधन सरकार के कई नेता और हिंदुत्व समर्थक जगन रेड्डी को तिरुमाला में एंट्री करने को लेकर चेतावनी दे रहे हैं. जगन मोहन रेड्डी के 2 दिवसीय तिरुमाला दौरे के कार्यक्रम के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री आज शाम चार बजे विजयवाड़ा एयरपोर्ट से रेनिगुंटा के लिए रवाना होने वाले थे. फिर वहां से वह तिरुमाला जाने वाले थे.

सोशल मीडिया पर एकजुटता दिखाने का प्रयास

इस बीच सोशल मीडिया पर YSRCP के कार्यकर्ताओं से पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए तिरुपति में कुछ जगहों पर पहुंचने को कहा जा रहा है. यही वजह है कि पुलिस की ओर से पार्टी के कई नेताओं को नोटिस जारी करना पड़ा.

सत्तापक्ष ने आस्था स्पष्ट करने की रखी थी मांग

दूसरी ओर, जगन मोहन रेड्डी के संभावित दर्शन को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए इस मांग पर अड़ा था कि पूर्व मुख्यमंत्री को मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपनी आस्था स्पष्ट करनी चाहिए. नियम के अनुसार, भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने के लिए प्रसिद्ध मंदिर में आने वाले गैर-हिंदुओं और विदेशियों को उनके प्रति अपनी आस्था स्पष्ट करनी होती है. गठबंधन के नेताओं का कहना था कि मंदिर में दर्शन से पहले जगन मोहन रेड्डी को डिक्लेरेशन देना होगा