शादी के नाम शारीरिक शोषण का आरोप, परिवार सहित पीड़िता पहुंची कलेक्ट किया प्रदर्शन

मीरजापुर। गांव निवासी एक युवक पर जबरन बलात्कार करने, शादी के नाम पर शारीरिक शोषण और झांसा देने का आरोप लगाते हुए पीड़िता परिवार सहित कलेक्ट्रेट धमक पड़ी। आरोप लगाया है कि युवक अपने प्रेमजाल में फांस कर शादी करने के आश्वासन के बीच लगातार शारीरिक शोषण करता रहा है। देहात कोतवाली क्षेत्र के बेदौली गांव की रहने वाली युवती ने गांव के ही एक गैर बिरादरी के युवक पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक सहित जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।

पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची युवती ने बताया कि 5 दिसंबर 2022 को वह रात्रि में जब शौच के लिए बगल के खेत में गई हुई थी तो वहां पहले से ही युवक छिपा हुआ था। जहां एकान्त का लाभ उठाते हुए युवक ने उसके साथ जबरन बलात्कार किया और धमकी दिया कि अगर अपने घर किसी से बताओगी तो तुम्हें मारकर लाश गायब कर देंगे। डर लोक-लज्जा के कारण किसी से उसने यह बात नहीं बतायी, इसी का फायदा उठाते हुए युवक उसको वीडियो वायरल करने का का भय दिखाकर अपने हवश का शिकार बनाता रहा है। जबरन बलात्कार करने के कारण जब वह पेट से हो गयी तो युवक ने उसको डरा-धमकाकर बच्चे को गिरवा दिया। युवती ने बताया कि युवक ने विवाह का वादा किया था, घटना के समय व नाबालिग थी, अब बालिग जब हो गई है तो युवक उससे विवाह करने से भी इंकार कर दिया है। ऐसे में पीड़िता ने न्याय की खातिर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

मंदिरों की पवित्रता के साथ हो रहे खिलवाड़ को कत्तई नही किया जाएगा बर्दाश्त : रामचन्द्र शुक्ल

मिर्जापुर। तिरुपति बालाजी मंदिर में वितरित होने वाले महाप्रसाद की पवित्रता के संबंध में आस्थावान हिंदुओं की बहुत श्रद्धा के साथ खिलवाड़ किये जाने के विरोध में विश्व हिंदू परिषद द्वारा राज्यपाल को संबोधित पत्र जिला प्रशासन को सौंप कर कार्यवाही की मांग की है। पत्रक में विहिप के पदाधिकारियों ने कहा है कि दुर्भाग्य से इस महाप्रसाद को बनाने वाले घी में गाय व सूअर की चर्बी तथा मछली के तेल की मिलावट के अत्यंत दुखद और हृदय विदारक कृत्य बताया हैं।

पूरे देश का हिंदू समाज आक्रोशित है,और हिंदुओं का क्रोध अलग-अलग रूप में प्रकट हो रहा है। इस पवित्र तीर्थ का संचालन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित बोर्ड के द्वारा होता है। वहां केवल महाप्रसाद बनाने के मामले में ही हिंदू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया, अपितु हिंदुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा भाव से अर्पित की गई देव राशि (चढ़ावा) के सरकारी अधिकारियों व राजनेताओं द्वारा दुरुपयोग के भी कष्टकारी समाचार मिलते रहते हैं। कई बार तो हिंदुओं के धर्म पर आघात कर हिंदुओं का धर्मांतरण करने वाली संस्थाओं को इस पवित्र राशि से अनुदान देने के समाचार भी मिलते रहे हैं। कई अन्य राज्य सरकारें भी मंदिरों की संपत्ति व आय का निरंतर दुरुपयोग करती रहती हैं तथा उनका उपयोग गैर हिंदू और हिंदू विरोधी कार्यो में करती रही है।

हमारे देश में संविधान के सर्वोपरि होने की दुहाई बार-बार दी जाती है, परंतु दुर्भाग्य से हिंदुओं की आस्थाओं के केंद्र मंदिरों पर विभिन्न सरकारें अपना नियंत्रण स्थापित कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ सबसे घृणित धोखाधड़ी संविधान की आड़ में ही कर रही हैं। जो सरकारें संविधान की रक्षा के लिए निर्माण की जाती हैं वे ही संविधान की आत्मा की धज्जियां उड़ा रही है। अपने निहित स्वार्थ के कारण मंदिरों का अधिग्रहण कर वे संविधान की धारा 12, 25 व 26 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही हैं।

स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 वर्ष बाद भी हिंदुओं को अपने मंदिरों का संचालन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती? अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक संस्थान चलाने की अनुमति है, परंतु हिंदू को यह संविधान सम्मत अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा? यह सर्व विदित है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिरों को लूटा और नष्ट किया था। अंग्रेजों ने चतुराई पूर्वक उन पर नियंत्रण स्थापित करके उन्हें निरंतर लूटने की प्रक्रिया स्थापित कर दी। स्वतंत्रता के 77 वर्ष बाद भी भारत की सरकारें इस औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त है और हिंदुओं के मंदिरों पर नियंत्रण स्थापित कर लूट रही है।

तिरुपति बालाजी व अन्य स्थानों पर की जा रही अनियमितताओं के कारण अब हिंदू समाज का यह विश्वास हो गया है कि अपने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराए बिना उनकी पवित्रता को पुनर्स्थापित नहीं किया जा सकता। यह स्थापित मान्यता है कि हिंदू मंदिरों की संपत्ति व आय का उपयोग मंदिरों के विकास व हिंदुओं के धार्मिक कार्यों के लिए ही होना चाहिए। वास्तविकता यह है कि मंदिरों की आय व संपत्ति की खुली लूट अधिकारियों व राजनेताओं के द्वारा तो की ही जाती हैं कई बार उनके चहेते हिंदू विरोधियों द्वारा भी की जाती है। पत्रक में राज्य सरकार को उनके द्वारा नियंत्रित सभी हिंदू मंदिर अविलंब मुक्त करके हिंदू संतो व भक्तों को एक निश्चित व्यवस्था के अन्तर्गत सौंपने के लिए प्रेरित करने की मांग की है।

इस व्यवस्था का प्रारूप पूज्य संतों ने कई वर्षों के चिंतन, मनन व चर्चा के बाद निर्धारित किया है। इस प्रारूप का सफलतापूर्वक उपयोग कई जगह किया जा रहा है। आशा है। सरकार को वांछित दिशा में शीघ्र निर्णय लेने के लिए प्रेरित करें। हमें विश्वास है कि परस्पर विमर्श से ही हमारे मंदिर हमको वापस मिल जाएंगे और हमें व्यापक आंदोलन के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। पत्रक देने वालो में सत्य प्रकाश, महेश, अमित पाठक, रामचंद्र शुक्ल, शशिकांत, प्रवीण, माता सहाय, दिनेश प्रकाश, कृष्ण सिंह, अभय शंकर, विनय सिंह, अरविन्द सारस्वत, अशोक, पवन, संतोष, पूनम केसरवानी, पार्वती गिरी, संगीता, राज माहेश्वरी, राहुल जैन, बृजेश, कुंवर साहब, विजय, गणेश, चंद्र प्रकाश, देव प्रकाश, लक्ष्मीकांत, प्रेम महाराज, शोभित, रितेश, विवेक पांडेय, अनिल जायसवाल, विकास, वेद प्रकाश, पारस, कमलेश, कुमार, शेखर केसरवानी, आदि सैकड़ो कार्यकर्ता व हिन्दू जनमानस उपस्थित रहे। उक्त आशय की जानकारी जानकारी मीडिया प्रभारी अरविन्द सारस्वत ने दी है।

सेवानिवृत्त दरोगा के घर से लाइसेंसी बंदूक और आभूषण चोरी

मीरजापुर। जिले के राजगढ़ थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव में सेवानिवृत्त दरोगा के बंद पड़े मकान का ताला तोड़कर अंदर घुसे अज्ञात चोर लाइसेंसी बंदूक, कारतूस सहित नगदी व जेवर चुरा ले गए। पीड़ित ने गुरुवार को राजगढ़ थाने में चोरी की तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।थाना क्षेत्र के विशनपुरा गांव में मिजार्पुर सोनभद्र मार्ग के किनारे चंद्रिका मौर्य का मकान है। चंद्रिका मौर्य दरोगा के पद से सेवानिवृत हुए हैं। पत्नी गाजीपुर में महिला कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है।

चंद्रिका ने बताया कि 17 सितंबर को घर में ताला बंद कर गाजीपुर पत्नी के यहां गए हुए थे। बुधवार की रात पत्नी सहित अपने घर विशुनपुरा पहुंचे, तो घर का ताला टूटा हुआ था। घर का सामान बिखरा तथा चोरी हुई देख उनके होश उड़ गए। उन्होंने तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस मौका मुआयना कर वापस लौट गई। पीड़ित चंद्रिका ने राजगढ़ थाने में तहरीर देकर बताया कि मकान का ताला तोड़कर अंदर घुसे चोर 25000 रुपए नगद, आभूषण, लाइसेंसी एसबीएल 12 बोर की बंदूक तथा कारतूस चुरा ले गए हैं। इस संदर्भ में राजगढ़ थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि चोरी की तहरीर मिली है। जांच कर कार्रवाई की जा रही है।

पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने लिया स्वामी अड़गड़ानंद का आशीर्वाद

राजगढ़ मीरजापुर /चुनार थाना क्षेत्र के सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम पर गुरुवार की शाम अचानक बाबा बागेश्वर नाम से सुप्रसिद्ध पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महराज का आगमन हुआ। आश्रम पहुंच कर उन्होंने बाबा अड़गड़ानंद जी महराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा बागेश्वर वाराणसी से चुनार होकर आश्रम पहुंचे थे। उनके आगमन की भनक पर चुनार से आश्रम तक बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर उनका स्वागत करने लगे।

उनके आगमन की सुगबुगाहट पर बड़ी संख्या में भक्तों का रेला उमड़ पड़ा।आश्रम के मुख्य द्वार पर बाबा बागेश्वर के गाड़ी से उतरते ही हरि नाम के जयघोष से वातावरण गूंज उठा।आश्रम के प्रवेश द्वार पर लोगों का अभिवादन स्वीकार करने के बाद वे सीधे आश्रम में स्वामी अड़गड़ानंद जी महराज के पास पहुंचे एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके आगमन की सूचना पर प्रशासन भी मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित करने में लग गया।

सरकार के पेंशन स्कीम के विरुद्ध अटेवा ने निकाली आक्रोश रैली

मीरजापुर। जनपद मुख्यालय पर बरियाघाट से कलेक्ट्रेट तक अटेवा के आह्वाहन पर विभिन्न विभाग के 28 कर्मचारी संगठनो ने सरकार की सरकारी कर्मचारियो की पेंशन योजनाओ के विरोध मे पैदल मार्च किया। अंजना सिंह मण्डल अध्यक्षा अटेवा मीरजापुर के मार्गदर्शन और दीपक सिंह जिला अध्यक्ष अटेवा के नेतृत्व मे सौकडो की संख्या मे आये कर्मचारियो ने हाथ मे झंडा, बैनर और अपने मांग के समर्थन के स्लोगन लिखी तख्तियो तथा तिरंगा के साथ नारे बाजी करते हुए शांति पूर्ण मार्च निकला।

जिला अध्यक्ष दीपक सिंह ने बताया की सरकार विभिन्न नई पेंशन स्कीम के माध्यम से कर्मचारियो के भविष्य पेंशन को कापोर्रेट कंपनियों और शेयर बाजार की अनिश्चितता के भरोसे छोड़, अपनी नैतिक जिम्मेदारी से मुँह मोड़ रही हैं. गौरतलब हैं की वर्ष 2004 के बाद से सरकारी सेवाओं मे योगदान दे रहे सभी संवर्ग को पुरानी पेंशन से वंचित कर शेयर बाजार

आधारित पेंशन योजना लागू की गई हैं, जिसमे रिटायरमेंट पर कोई गारंटी पेंशन राशि का प्रावधान नहीं हैं. ऐसे मे कर्मचारियो मे अपने भविष्य को लेकर निराश हैं।

मण्डल अध्यक्षा अंजना सिंह ने कहा की जो कर्मचारी 30-35 वर्षों तक सेवा करे उसके भविष्य बुढापे के सहारे पेंशन पर सरकार की नीति और नीयत दोनो ही गलत हैं. जिन कर्मचारियो के रात दिन मेहनत से सरकारी योजनाएं धरातल पर फलीभूत हो रही है, उनके साथ सरकार का यह व्यवहार ग्राही नहीं हैं. राजनेता तीन तीन चार चार पेंशन ले रहे हैं और कर्मचारियो को बाजार के हवाले कर दिया गया है.

कर्मचारियो ने पुरानी पेंशन बहाली तक संघर्ष का संकल्प लिया।

इस अवसर पर विभिन्न संगठनो के प्रतिनिधियो ने अपने कर्मचारियो के साथ प्रतिभाग किया यथा लेखपाल संघ अध्यक्ष विजय सिंह, मंत्री विनीत त्रिपाठी, प्राथमिक शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष प्रभु नारायण सिंह,माध्यमिक शिक्षक संघ से रमेश सिंह, सुशील कुमार, लोक निर्माण से मण्डल अध्यक्ष अशोक सिंह, सिचाई विभाग से अध्यक्ष आशीष सिंह, राम सिंह यादव, अटेवा जिला पदाधिकारी राकेश पटेल, अभिषेक सिंह, सोनू सिंह, आशिक इकबाल,गणेश सिंह, प्रभात श्रीवास्तव,संतोष सिंह, विनोद सरोज, शशि शेखर,विष्णु सिंह,सहित ब्लाक अध्यक्ष जमालपुर सुधीर सिंह मंत्री अविनास श्रीवास्तव, हालिया अध्यक्ष खेम चंद,मडीहान अध्यक्ष रविंद्र कुमार, मझवा अध्यक्ष अखिलेश चौधरी सहित सैकड़ो कर्मचारियो ने प्रतिभाग किया।

ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव पर सरकारी योजनाओं में गमन का आरोप

मीरजापुर। जिले के छानबे विकास खंड अन्तर्गत ग्रामसभा भाव सिंह का पुरा उर्फ अतरैला में ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा मिलकर सरकारी योजनाओं को कागज पर कार्य पूर्ण दिखाकर कागजी कार्यवाही पूरा करके सभी सरकारी योजनाओं का पैसा गमन करने के सम्बन्ध जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की गुहार लगाई गई है।

गांव निवासी रमाशंकर गुप्ता पुत्र स्वर्गीय रामनाथ गुप्ता ने ग्रामसभा भाव सिंह का पुरा उर्फ अतरैला में 2014 से लेकर आज तक ग्रामसभा में जो भी सरकारी योजनायें सरकार द्वारा संचालित की गई है में गोलमाल करने का आरोप लगाया है। जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि ग्राम सभा में ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा मिलकर सभी सरकारी योजनाओं को कागज पर व आॅनलाईन नेट पर पूरा करके पैसा को पास करा लिया गया और सारा पैसा आपस में मिलकर गमन कर लिया गया तथा गांव में सरकारी शौंचालय, गौशाला, आवास, नाली व इण्टरलॉकिंग का सारा पैसा मिलकर सभी लोग बन्दरबाट कर गये हैं।

जनता को किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल रहा है, गांव के व्यक्ति जब ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान के पास जाते हैं तो इन लोगों द्वारा कहा जाता है कि सरकार की तरफ से गांव के लिये अभी कोई योजना नहीं आ रही है। गांव वालों द्वारा कहा जाता है कि आॅनलाईन व कागजातों पर सारा काम पूरा हो गया है और पैसा भी पास करा लिया गया है। और तो और ग्राम सचिव कहता है कि तुम लोगों जो करना है कर लो हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता, गांव के सभी व्यक्ति एकदम हैरान व परेशान हैं, ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान की ग्रामसभा भाव सिंह का पुरा उर्फ अतरैला में उच्च अधिकारी से जांच कराना अति आवश्यक है।

दुकान बंद कर घर लौट रही महिला के साथ हुई नगदी और जेवरात की छिनैनी

मीरजापुर। शासन और पुलिस के आलाधिकारियों के तमाम सख़्ती के बाद भी दबंग और बदमाश बेखौफ बने हुए हैं। उन्हें न तो पुलिस का भय है और ना ही सरकार के बुल्डोजर नीति का डर है। बीती रात दुकान बंद कर पति के साथ घर लौट रही महिला दुकानदार को दबंगों ने धारदार हथियार के बल पर दस हजार नगदी व जेवरात छीन लेने के साथ अश्लिल हरकतें करने लगे। बाद में चुप रहने की धमकियां देते हुए सभी भाग निकले हैं।

पीड़ता ने मामले सूचना रात में ही पुलिस को दे दी है। आरोप है कि पुलिस सभी लोगों को पकड़ कर थाने लाने के बाद घटना को मामूली बताते हुए सुलह समझौता कर लेने की बात कहते हुए कार्रवाई करने से पीछे हट गई है।

गुरुवार को पुलिस अधीक्षक के पास फरियाद लेकर पहुंची जमालपुर थाना क्षेत्र के चरगोड़ा गांव निवासिनी

प्रियंका देवी पत्नी शिवशंकर त्रिपाठी ने गांव के ही चार लोगों के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपकर नगदी, गहना छीन कर अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक को बताया है कि उनकी अपनी गांव के बाहर सड़क पर परचून की दुकान है जो गांव के सड़क पर उनके घर से 200 मीटर के दूरी पर स्थित है। जहां वह और उसके पति बारी-बारी से दुकान पर रहते है।

बुधवार 25 सितंबर 2024 को वह अपने पति के साथ समय 9:30 रात परचुन की दुकान बन्द करके अपने घर जा रही थी कि अचानक बीच रास्ते में गांव के तालाब के पास सुनसान स्थान पर उनके ही गांव के चार लोग आ गयें और उनके गले पर

लोहे का लम्बा धारदार चाकू लगा दिया और दूसरे ने बगल में हाथ में लोहे की खन्ती लेकर खड़ा था। सभी मिलकर उनके साथ अश्लिल हरकत करने लगें इसी बीच धर्मेन्द्र ने उनके गले का सोने का लाकेट छीन लिया। अचानक हुई इस घटना से वह और उनके पति पूरी तरह डर गयें। आरोप है कि सभी ने धमकी दिया किया अगर आवाज करोगें तो अभी इसी चाकू से जान से मार देगें।

आरोप है कि उनकी साड़ी भी धर्मेन्द्र ने खींचकर बेईज्जत किया। वह अपने दुकान से नगद 10000 रूपया जो दुकानदारी से प्राप्त हुआ था अपने पर्स में रखा था उसे भी आरोपी धर्मेन्द्र छीन लिया।

सभी खन्ती व चाकू से जान से मारने की धमकी देते हुए नगदी व गलें में पड़ा सोने का लाकेट जबरदस्ती छीन लिये और जान से मारने की धमकी देते हुयें भाग गयें। जिसकी सूचना तत्काल पीड़िता के पति ने 112 नम्बर पर पुलिस दी है। जिसके एक घण्टे बाद पुलिस आयी और उन्हें व उनके पति को साथ थाने पर ले गयी जहां पर घटना की लिखित तहरीर दी है। दूसरे दिन पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने पर बुलवाया और विपक्षीगण के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं कियें और न ही विपक्षीगण के खिलाफ कोई रपट दर्ज कियें। आरोप है कि थाने से वापस आते समय आरोपी संत सिंह नामक व्यक्ति ने ने उन्हें रास्ते में धमकी दिया कि अगर थाने कचहरी गयी तो बहुत भारी पड़ेगा। पुरा परिवार घर में नहीं रह पायेगा। पुरे परिवार को जान से मरवा दूंगा। जिससे उसका पूरा परिवार काफी डरा सहमा और भयभीत है। पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की गुहार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ रपट दर्ज करते हुयें कार्यवाही की फरियाद लगाई है।

शारदीय नवरात्र पर प्रकृति के बिगड़े मिजाज़ का साया

विन्ध्याचल , मीरजापुर । तीन अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे शारदीय नवरात्र पर प्रकृति की प्रतिकूलता का असर पड़ता दिखाई दे रहा है ।

धरती पर बाढ़ का प्रभाव अभी पूरी तरह थमा नहीं कि आसमानी आफत बरसात के रूप में मेलाकार्यो में बाधा उत्पन्न करती प्रतीत हो रही है । सबसे अधिक परेशानी गंगाघाटों पर देखी जा रही है जहां बाढ़ के पश्चात गीली मिट्टी एवं कीचड़ को किसी तरह कड़ी मशक्कत के पश्चात साफ करने का प्रयत्न नगरपालिका द्वारा मेला कार्य के तहत किया जा रहा है ।

दो दिनों से मौसम के बिगड़े मिजाज़ ने उक्त कार्य पर लगातार अवरोधक उत्पन्न कर रहा है । नवरात्र के दौरान मेला क्षेत्र में तमाम ऐसी व्यवस्थाएं है जो खुले आसमान के नीचे संपन्न होती है , जैसे दर्जनभर बड़े वाहन स्टैंड , सैकड़ों अस्थाई शौचालय , रैन बसेरा , भंडारा अथवा प्रसाद वितरण स्थल इत्यादि । ऐसे में समस्त व्यवस्थाएं वर्षारोधी पंडालों के नीचे तो संभव नहीं है । बरसात होने के चलते कीड़ों का प्रभाव भी अत्यधिक होता है ।

साथ ही में प्रदूषण तथा संचारी रोग की संभावना भी काफी प्रबल हो जाती है । यातायात व्यवस्था भी काफी खराब हो जाती है । अस्थाई रूप से सड़कों का जो दुरुस्तीकरण किया गया है बरसात के पानी से फिर बिखर जायेगी । विन्ध्याचल में प्रवेश के लिए कुछ रेलवे अंडर पास ऐसे है जो थोड़ी वर्षा के बाद ही आवागमन प्रभावित कर देते है ।

इन सभी बिंदुओं को लेकर आम जनमानस तो परेशान है ही , साथ साथ लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए उत्तरदाई जिलाप्रशासन की चिंता में निरंतर वृद्धि होती दिखाई दे रही है ।

बाहर से दवा लिखने वाले डाक्टरों पर होगी कड़ी कार्रवाई -जिलाधिकारी


मीरजापुर 26 सितम्बर 2024- जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने आज मण्डलीय जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा चिकित्सालय के पीछे कूड़ा फैला देख नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया गया कि कूड़े को चिन्हित स्थलों पर ही एकत्रित किया जाए।

उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंचकर रजिस्ट्रेशन करा रहे मरीजो से वार्ता की एक मरीज के द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि ओ0पी0डी0 में डाक्टर को दिखाना है जिस पर उनके द्वारा मरीज के साथ स्वंय शिशु बाल रोग विशेषज्ञ ओपीडी पहुंचकर डाक्टर द्वारा लिखी जा रही दवाईयों की जानकारी प्राप्त की गयी, जिलाधिकारी के पूछे जाने पर बताया गया कि बच्चों के लिए एक ही ओपीडी चल रही है जिसमें डाक्टर राजेश सिंह सहायक प्रोफेसर नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ के द्वारा उपचार किया जाता हैं।

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया कि बच्चों हेतु एक कक्ष मे और ओपीडी संचालन कराते हुए बैठने हेतु व्यवस्था कराई जाए। निरीक्षण के दौरान सीढ़ियों पर लगी खिड़कियों पर अत्यधिक गंदगी देख कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए साफ सफाई कराने निर्देश दिया। उन्होंने वाहन पार्किंग को चिकित्सालय परिसर के पीछे स्थापित करने एवं आगे के स्थल की साफ सफाई व गढ्ढों को समतल कराने का निर्देश मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दिया।

उन्होंने मुख्य अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि ओपीडी में चिकित्सको के समस्त कक्षो की संख्या सहित सम्पूर्ण विवरण के साथ बोर्ड पर अंकित कर रजिस्ट्रेशन काउंटर के समीन लगवाने का निर्देश दिया। उन्होंने इमरजेंसी एवं ट्रामा सेंटर के मध्य से सी0सी0यू0 के पास से होकर पीछे जाने वाली रोड की मरम्मत करवाने के लिए निर्देश दिया। जिलाधिकारी दवा काउंटर पर जाकर दवाईयों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली तो वहीं पर दवा ले रहे एक मरीज के तीमारदार से वार्ता की गयी उसके द्वारा बताया गया कि कुछ दवाईयां अस्पताल से मिली है और शेष दवा डाक्टर द्वारा जनता मेडिकल स्टोर से लेने के लिए कहा गया है जिस पर जिलाधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए स्वंय मरीज के तीमारदार के साथ जनता मेडिकल स्टोर पहुंचकर दवाईयों के बारे में जानकारी ली। तत्पश्चात पुनः जिलाधिकारी द्वारा दवाई काउंटर पर आकर मरीज को दवाई उपलब्ध कराया गया।

उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि भविष्य में डाक्टरों द्वारा यदि बाहर से दवा लिखी जाती है सम्बन्धित डाक्टर के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि दवा पर्याप्त मात्रा उपलब्ध होनी चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय स्तर पर नियमानुसार दवाईयां क्रय की जाएं। जिलाधिकारी द्वारा दवा काउंटर पर कार्यरत राममूरत सिंह चीफ फार्मासिस्ट से इंडेक्स मांगने पर नहीं दिखाया गया, चीफ फार्मासिस्ट के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करने का निर्देश दिया। उन्होंने नेत्र विभाग में पहुंचकर डाक्टरों से आने रहे मरीजो के बारे में जानकारी ली गयी उनके द्वारा बताया गया कि 45 मरीजो द्वारा नेत्र परीक्षण कराया गया हैं।

जिलाधिकारी ने सिटी स्कैन मशीन के बारे में जानकारी ली मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि कतिपय तकनीकी कारणों से संचालन प्रारम्भ नही हो सका है, जिस पर उनके द्वारा निर्देशित किया गया कि जो भी कमियां उन्हें दूर कराते हुए संचालन प्रारम्भ कराए जिससे आने वाले मरीजो सिटी स्कैन के लिए बाहर न जाना पड़ें। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 सी0एल0 वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक मण्डलीय जिला चिकित्सालय सुनील श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित चिकित्सक उपस्थित रहें।

Mirzapur : ददरा गांव में दिखाई दिए भेड़िए के पैर के निशान, ग्रामीणों में मचा हड़कंप, रतजगा कर गुजारी रात

राजगढ़, मीरजापुर। जिले के विकास खंड राजगढ़ क्षेत्र के ददरा गांव में भेड़िए के पैर का निशान दिखने पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार बीती रात्रि में बारिश हो रही थी।

बारिश बंद होने पर ग्रामीण जब उमस और गर्मी से बेहाल होकर घर के बाहर निकले तो टार्च की रोशनी में भेड़िया के पैर के निशान दिखाई देने पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। एक दूसरे को फोन करके लोग अपने को सावधान और सुरक्षित करने की हिदायत देते हुए छोटे-छोटे बच्चों को घर में बंद कर दिया गया, ताकि बच्चों पर कहीं से अचानक भेड़िया हमला न बोल दें।

ग्रामीण टोली बनाकर हाथों लाठी और टार्च

लेकर पूरी रात गांव-घर की रखवाली करने में जुटे रहे हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य उत्कर्ष मौर्य ने बताया कि इसकी सूचना स्थानीय थाने पर रात में ही दे दी गई थी। सूचना पर मौके पर थाने के पुलिसकर्मी पहुंचे थे। इसके अलावा रात्रि में ही इसकी सूचना वन विभाग को दी गई।

वन विभाग की टीम रात्रि 10:00 बजे के आसपास अपनी टीम के साथ गांव में पहुंची।और ग्रामीणों संग भेड़िए की तलाश में पूरे गांव का चक्कर लगाया, लेकिन भेड़िया नहीं मिल पाया। रात में ही महिलाएं, पुरुष और बुजुर्ग लाठी लेकर अपने-अपने घर की रखवाली कर रहे हैं। सभी को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

वन दरोगा सुनील राव ने बताया कि भेड़िया के पैरों की निशान दिखाई दिए हैं, लेकिन भेड़िया नहीं मिला है उसकी तलाश करने के साथ ही लोगों को आगाह भी किया गया है। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वह बच्चों को खुले में न छोड़ें।

खेत-खलिहान की ओर अकेले में न जाएं। लाठी लेकर चले छोटे बच्चों को घर में कैद रखें, पशुओं को बचाएं क्योंकि भेड़िया घात लगाए बच्चों और जानवरों पर विशेष रुप से हमला करता है। इस संबंध में जब भवानीपुर सुकृत वन रेंजर राकेश कुमार सिंह से बात हुई तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के द्वारा फोन से सूचना दी गई थी।मौके पर जाकर देखना होगा कि अब किस जानवर के पंजे के निशान हैं, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। बहरहाल गांव में भेड़िए के पैरों के निशान को देख लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।