*सत्य और सेवा के जीवंत उदाहरण श्री सखी बाबा आसुदाराम*

अयोध्या- ब्रह्मनिष्ठ पुज्य संत श्री सखी बाबा असुदाराम जी के 64 में निर्माण महोत्सव के दिव्य अवसर लखनऊ स्थित शिव शांति आश्रम आगमन पर ॐ शिवालय परिवार श्री अयोध्या धाम जी के महंत गणेश राय दास जी ने जीने कहा सत्य और सेवा के जीवंत उदाहरण थे पूज्य बाबा श्री आसुदारम राम जी।

इस दिव्य अवसर पर महंत जी ने परम पूज्य मर्यादा पुरुषोत्तम संत श्री बाबा साई जी को शिव स्वरूप शिव पुराण भेट की और रुद्राक्ष की माला पहनकर उनका अभिनंदन किया इस अवसर पर पूज्य बाबा साई जी में महंत जी का आभार भेंट किया और महंत जी ने संत साई श्री मोहनलाल जी को निर्माण महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी।

इसी कार्यक्रम की कड़ी में महंत जी ने उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश ओम जी, अयोध्या धाम सिंधी समाज के मुखिया श्री राजकुमार मोटवानी जी के साथ अहमदाबाद के साई श्री जगदीश लाल जी , सदानी दरबार के संत उदय जी सहित अनेकों संतो महात्माओं को रामचरित्रमानस भेंट करके महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं और अयोध्या आगमन का निमंत्रण दिया और समस्त देशवासियों को पूज्य बाबा आसू राम जी के 64 में निर्माण महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी।

*साकेत महाविद्यालय अयोध्या प्राचार्य अभय कुमार सिंह ने दिया निर्देश*

अयोध्या- सत्र 2022-23 में महाविद्यालय में अध्ययनरत समस्त लाभार्थी छात्रों को सूचित किया जाता है कि उन्हें स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत डिवाइस (स्मार्टफोन/ टैबलेट) प्राप्त करने के लिये उत्तर प्रदेश शासन के नए दिशानिर्देश के अनुरूप डिजीशक्ति की वेबसाइट https://digishakti.up.gov.in के होम पेज पर दिये गये ‘e-KYC through MeriPehchaan Portal’ बटन के माध्यम से अपने आधार का प्रमाणीकरण (e-KYC) करना अनिवार्य है। e-KYC के लिये विस्तृत दिशानिर्देश एवं उक्त शासनादेश डिजीशक्ति पोर्टल पर उपलब्ध है।

आधार प्रमाणीकरण के लिये लाभार्थी छात्र के आधार के डेटा और महाविद्यालय में लाभार्थी के डेटा (यथा- नाम, जन्मतिथि, लिंग इत्यादि) में ठीक-ठीक समानता होना अनिवार्य है। अन्यथा की स्थिति में आधार प्रमाणीकरण 'FAIL' प्रदर्शित होगा।

लाभार्थी छात्र को यदि यह प्रतीत होता है कि उसके आधार का डेटा बिल्कुल ठीक है परन्तु उसके महाविद्यालय के डेटा में परिवर्तन की आवश्यकता है तो वह दिनांक 01 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक सभी कार्य दिवसों पर दोपहर 1:00 बजे से वनस्पति विज्ञान विभाग में अपने सभी आवश्यक दस्तावेजों (आधार कार्ड, हाईस्कूल के अंकपत्र/ प्रमाणपत्र, इस महाविद्यालय के किसी भी वर्ष के अंकपत्र व उन सभी की फोटोप्रति) के साथ महाविद्यालय के डिजिशक्ति नोडल समिति के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत करें जिससे उनके डेटाबेस में आवश्यक सुधार/ परिवर्तन करके डिजिशक्ति की साइट पर अपलोड किया जा सके। इसका निर्देश प्राचार्य अभय कुमार सिंह ने दिया है।

*एन0डी0 कृषि विश्वविद्यालय में 24 सितंबर को लगेगी जन कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित रजिस्ट्रेशन शिविर एवं प्रदर्शनी*

अयोध्या - जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग कल्याण अनुभाग-2 के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण दोनों विभागों के शासकीय योजनाओं में दिव्यांगजनों एवं पिछड़ा वर्ग के अधिकाधिक समावेशन हेतु विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों के सम्बन्ध में जागरूकता एवं प्रचार प्रसार के लिए जनपद में विशेष कार्यक्रम/शिविर (कैंप) का आयोजन करते हुए विभागीय योजनाओं के प्रचार प्रसार, जागरूकता, रजिस्ट्रेशन शिविर हेतु एलिम्को एवं अन्य संस्थाओं का सहयोग प्राप्त कर सुसंगत कार्यवाही सम्पन्न करायी जाए। इस क्रम में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के शासकीय योजनाओं में पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजनों के अधिकाधिक समावेशन के उद्देश्य से दिनांक 24.09.2024 दिन मंगलवार को नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज मिल्कीपुर के सभागार में एक विशेष कार्यक्रम/शिविर कैम्प का आयोजन किया जायेगा। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री नरेन्द्र कश्यप जी मा0 राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यागंजन सशक्तीकरण विभाग उत्तर प्रदेश एंव कार्यक्रम के सयोजक श्री राम चन्द्र प्रधान जी, एम0एल0सी0/प्रदेश महामंत्री, ओ0बी0सी0 मोर्चा तथा श्री शिवनायक वर्मा जी क्षेत्रीय अध्यक्ष, अवध क्षेत्र ओ0बी0सी0 मोर्चा है।

कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु निम्न अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है जिसमें उप निदेशक, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग को कार्यक्रम प्रभारी, मुख्य चिकित्साधिकारी को एम्बुलेंस, चिकित्सा हेल्पडेस्क एवं दिव्यांगजनों के चिन्हांकन/रजिस्टेªशन शिविर की व्यवस्था, जिला पंचायत राज अधिकारी को साफ सफाई व्यवस्था हेतु दिनांक 23 एवं 24 सितम्बर 2024 को 20 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी एवं एक सहायक विकास अधिकारी पंचायत को नोडल नामित करने हेतु, अधिशाषी अभियन्ता नगर पंचायत कुमारगंज को पेयजल व्यवस्था एवं मोबाइल टायलेट हेतु, मुख्य अग्नि शमन अधिकारी को कार्यक्रम स्थल पर फायर सेफ्टी हेतु, खण्ड विकास अधिकारी मिल्कीपुर/अमानीगंज/हरिग्टनगंज को पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के चिन्हित लाभार्थियों को कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षित लाने एवं वापस ले जाने हेतु आवश्यक व्यवस्था के लिए, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी/जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी को उक्त कार्यक्रम/शिविर के सफल आयोजन हेतु सम्बंधित अधिकारियों/कर्मचारियों से समन्वय एवं सहयोग करेंगे। केन्द्र एवं राज्य सरकार के महत्वपूर्ण तथा जनकल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी लगाये जाने हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपायुक्त राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र, प्रबन्धक लीड बैंक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला प्रोवेशन अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला सेवायोजन अधिकारी, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया है। जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि विभागों को सौपे गये समस्त कार्य/दायित्वों का समयानुसार निर्वाहन करते हुये कार्यक्रम का सफलता पूर्वक आयोजन सम्पन्न कराया जाना सुनिश्चित करें।

*कासु साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य ने राज्यपाल से सम्मानित हुए छात्रों को दी बधाई*

अयोध्या- कामता प्रसाद सुन्दर लाल साकेत महाविद्यालय अयोध्या प्राचार्य अभय कुमार सिंह ने महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हाथों सम्मानित हुए कालेज के सभी छात्रों को विद्यालय परिवार की तरफ से बधाई दिया है। इस अवसर पर प्राचार्य श्री सिंह ने बताया कि मनोविज्ञान (एम.ए.) अनन्या शुक्ला ने कुलाधिपति से स्वर्ण पदक प्राप्त कर महाविद्यालय एवं विभाग का नाम रोशन किया।

प्राचीन इतिहास (एम.ए.) के आशुतोष मिश्रा ने स्वर्ण पदक प्राप्त कर विभाग का नाम रोशन किया । उन्होने बताया कि एम0 ए0 राजनीति विज्ञान विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले साकेत महाविद्यालय के छात्र उज्जवल यादव को कुलाधिपति स्वर्ण पदक एवं स्वर्गीय प्रदीप कुमार सिंह मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की ओर से विभाग के समस्त प्राध्यापकों को प्राचार्य अभय कुमार सिंह ने अनन्त अशेष हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनायें दिया है।

*पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने चौपाल लगाकर चलाया भाजपा का सदस्यता अभियान*

अयोध्या- पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने विधानसभा बीकापुर में सोहावल पूर्वी तथा सोहावल पश्चिमी मंडल में जनचौपाल लगाकर लोगों को भाजपा की सदस्यता दिलाई। जनचौपाल में पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा पूर्व सांसद का स्वागत किया गया। इस दौरान सैकड़ों लोग डिजिटली भाजपा के सदस्य बनें।

जनचौपाल में सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि देश भाजपा सबका साथ सबका विकास के सिद्धान्तो पर चलते हुए सबका विश्वास भी हासिल करने में सफल हुई है। गरीबों के चहरे पर खुशहाली लाने का प्रयास योजनाओं के माध्यम से किया गया है। हर पात्र को बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ मिला है। इसके कारण भाजपा को लेकर जनता में उत्साह का माहौल है। अंतिम व्यक्ति की उत्थान की परिकल्पना को सार्थक करने के उपरान्त समाज के हर वर्ग का साथ भाजपा को मिल रहा है। सबका साथ सबका विकास के साथ हमारा उद्देश्य सबका विश्वास हासिल करना है। जनचौपाल में सुरेन्द्र कोरी, रवि तिवारी, विनोद गौड़, अरूण तिवारी सहित पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता व ग्रामीण उपस्थित रहे।

अयोध्या विधायक ने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ किया बैठक

अयोध्या। विधायक सदर वेद प्रकाश गुप्ता, जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर की अध्यक्षता में रामलीला, दुर्गा पूजा व दशहरा पर्व 2024 को सकुशल एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए पुलिस व कार्यदायी विभागों के अधिकारियों एवं दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को अपने-अपने सम्बंधित कार्यो को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये तथा समितियों के पदाधिकारियों से जिला प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा एवं शांति से कार्यक्रम सम्पन्न कराने हेतु जारी दिशा निर्देश का अनुपालन किये जाने की अपेक्षा की है।बैठक में मूर्ति विसर्जन हेतु सरयू नदी में निर्धारित जलस्तर के अनुसार व्यवस्था कराये जाने तथा प्लेटफार्म व बेरिकेटिंग आदि का कार्य समय से पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये। उन्होंने नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत, प्रमुख स्थलों व सड़कों एवं नालियों की साफ सफाई, समुचित प्रकाश व्यवस्था, टैंकरों से पेयजल की व्यवस्था, चूने एवं एन्टीलार्वा का छिड़काव, विसर्जन स्थलों पर पब्लिक एनाउंसमेंट की व्यवस्था आदि कराने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिये।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग आदि को अपने-अपने क्षेत्रों की सड़कों का निरीक्षण कर मरम्मत कराने (विशेष कर जिन मार्गो पर श्रद्वालुओं का अधिक आवागमन/प्रतिमा विसर्जन मार्ग) आदि कार्य समय पूर्ण करवाने के तथा विसर्जन घाटों/स्थलों पर आवश्यक प्लेटफार्म, पहुंच मार्ग एवं बेरीकेटिंग, विभागीय लाईटों आदि को ठीक कराने के निर्देश दिये गये। उन्होंने विद्युत विभाग को सम्पूर्ण जनपद को विद्युत कटौती से मुक्त करने हेतु पत्राचार एवं अनावरत विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था हेतु आवश्यक कार्यवाही करने, लटके हुये तारों/पोलों व खराब ट्रांसफार्मर को ठीक करने एवं मोबाइल ट्रांसफार्मर की व्यवस्था, विद्युत पोलों के पास पेड़ की डाली की कटाई छटाई/फन्टी बंधवाना तथा विद्युत कन्ट्रोल रूम की स्थापना एवं उपकरणों सहित कर्मचारी की ड्युटी लगाने के निर्देश दिये गये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को प्रमुख स्थलों का मेडिकल कैम्प/एम्बुलेंस की व्यवस्था, आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था, आकस्मिक स्थिति के लिए आरक्षित बेड की व्यवस्था व सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाई एवं स्टाक की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी को खाद्य पदार्थो की अनवरत चेकिंग करने तथा जिला आबकारी अधिकारी को अवैध शराब की बिक्री पर रोकथाम तथा विसर्जन के दिन बिक्री पर विचार विर्मश कर प्रतिबन्ध लगवाने के निर्देश दिये।

बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने कहा कि विसर्जन के दिन स्लाटर हाउस, गोश्त की दुकानों को बंद कराये जाने व पूजा पंडालों, रामलीला एवं भीड़ वाले प्रमुख चैराहों/क्रासिंग के पास अण्डे की दुकान/ठेलों को दूर हटाने की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही शहर के प्रमुख मार्गो पर भारी वाहनों व बसों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने तथा निर्मलीकुण्ड के पास मोड़ पर विसर्जन के दिन गड़ा खूंटा एवं गाय भैंस आदि को हटाये जाने के निर्देश दिये और जिलाधिकारी ने जनपद में विसर्जन के दिन आवारा पशुओं को मार्ग से पकड़ कर गौ-आश्रय स्थल पहुंचाने के निर्देश दिये। अधिकारी द्वय ने दुर्गा पूजा/दशहरा के दिन दुगार्पूजा/रामलीला समितियों को अनुमति प्रदान करने हेतु दिये जा रहे प्रार्थना पत्र में मूर्ति स्थापना करने का स्थान, दिनांक एवं समय, विद्युत सुरक्षा का प्रमाण पत्र व कम से कम 05 जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम, पता व मोबाइल नम्बर के साथ आवेदन करने की अपेक्षा की है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है कि उक्त पर्वों के दौरान कोई अश्लील गाने न बजने पायें तथा बिजली के तारों में कटिया कनेक्शन न लगाते हुए अस्थायी रूप से बिजली का कनेक्शन कराये जाने की अपील की गयी है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजय जैन, अपर जिलाधिकारी नगर सलिल कुमार पटेल, पुलिस अधीक्षक नगर मधुबन कुमार सिंह सहित पुलिस अधीक्षक ग्रामीण व सम्बंधित विभाग के अधिकारी गण एवं केन्द्रीय दुगार्पूजा/रामलीला समिति के अध्यक्ष मनोज जायसवाल, पूर्व चेयरमैन श विजय गुप्ता सहित अन्य समितियों के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।

अयोध्या में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया भव्य शुभारंभ

अयोध्या। पी0एम0 विश्वकर्मा योजना की एक वर्ष पूर्ण होने पर वर्धा महाराष्ट्र में मान् प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में हो रहे रंगारंग कार्यक्रम एवं समारोह के सीधे प्रसारण हेतु कार्यक्रम का आयोजन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अयोध्या के सभागार हॉल में समपन्न कराया गया।

जिसमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के उपस्थिति में 25 लाभार्थियों को प्रतीकात्मक प्रमाण पत्र एवं 05 लाभार्थियों को पी0एम0 विश्वकर्मा योजना के अर्न्तगत चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर माननीय विधायक रामचन्द्र यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अयोध्या रोली सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा संजीव सिंह की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री ने उद्बोधन/मार्गदर्शन प्रदान किया तथा उपमुख्यमंत्री ने समस्त लाभार्थियों एवं उपस्थित जनमानस को वर्तमान सरकार की लाभपूरक योजनाओ के महत्त्व को रेखांकित करते हुए सतत परिश्रम करने की प्रेरणा दी।

पी0एम0 विश्वकर्मा योजना के अर्न्तगत विगत एक वर्ष में आई0टी0आई0 अयोध्या से 1614 लोगो को कुल 09 सेक्टर में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उपमुख्यमंत्री द्वारा लाभार्थियों द्वारा बनाये गये मॉडल प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने मे मुख्य विकास अधिकारी अयोध्या, प्रधानाचार्य आई0टी0आई मयंक मणि शुक्ला, संयुक्त निदेशक आर के मिश्र, प्रधानाचार्य सोहावल धनंजय त्रिपाठी, सहायक निदेशक आरडीएसडीई शुभम शंकर, कौशल विकास एवं समस्त आई टी आई स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

राज्यपाल के हाथों 116 स्वर्णपदक पाकर छात्रों के चेहरे खिले

अयोध्या । डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 29 वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति एवं प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल व कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के हाथों स्वर्णपदक पाकर छात्र-छात्राओं के चेहरे खिल उठे। दीक्षांत समारोह में 102 छात्र-छात्राओं को कुल 116 स्वर्णपदक प्रदान किए गए। जिसमें 33 कुलपति स्वर्णपदक, 66 कुलाधिपति स्वर्णपदक एवं 17 दानस्वरूप स्वर्णपदक में से 14 छात्र-छात्राएं ऐसे है जिन्हें कुलपति व कुलाधिपति स्वर्णपदक भी प्रदान किए गए। इस समारोह में 65 स्वर्णपदक छात्राओं को मिला जिनका प्रतिशत 64 रहा। वही 37 स्वर्णपदक छात्रों को मिला, इनका प्रतिशत 36 रहा है।

दीक्षांत समारोह में कुल 33 कुलपति स्वर्णपदक पाने वालों में श्रद्धा यादव को बी०ए०, आर्यन प्रताप सिंह को बी०एस० सी०, वैभव पाण्डेय को बी0कॉम०, श्रिया श्रीवास्तव को बी०टेक० (ब्रान्च-आई०टी०) आवासीय परिसर, अर्पिता सिंह को बी०टेक० (ब्रान्च-एम०ई०) आवासीय परिसर, तनीषा जैन को बी०टेक० (ब्रान्च-सी०एस०) आवासीय परिसर, आयुष अग्रवाल को बी०टेक० (ब्रान्च-ई०सी०) आवासीय परिसर, आस्था त्रिपाठी को बी0टेक० (ब्रान्च-सिविल इंजीनियरिंग) आवासीय परिसर, आयुषी को बी०टेक० (ब्रान्च इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग) आवासीय परिसर, अमृता यादव को बी०वोक0-टूरिज्म एण्ड हॉस्पिटलिटी (आवासीय परिसर), परिनीता राय को बी०वोक० जनसंचार एवं पत्रकारिता (आवासीय परिसर), यशस्वी श्रीवास्तव को बी0एस0डब्ल्यू० (आवासीय परिसर), अंशिका शुक्ला को बी०वोक0- फैशन डिजाइन एण्ड गारमेंट टेक्नोलॉजी (आवासीय परिसर), नीलेश पाण्डेय को बी०एड०, कृष्ण प्रताप को एल०एल०बी० (त्रिवर्षीय), शिवांगी सिंह को एल०एल०बी० (पंचवर्षीय) की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर स्वर्णपदक प्रदान किया गया। वहीं अनिमेष राय को एल०एल०बी० (त्रिवर्षीय), श्रद्धा निगम को एल०एल०बी० (पंचवर्षीय), मयंक सिंह को बी०पी०एड०, अंजलि बिष्ट को एम०बी०बी०एस०, संदीप कुमार पॉल को बी०डी०एस०, इमराना बानो को बी०एस-सी० (नर्सिंग), प्रियंका यादव को बैचलर आॅफ फिजियोथेरेपी की, भानुप्रताप भारती को बी०एस-सी० (आपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी), आफिया परवेज खान को बी०एस-सी० (मेडिकल लेबोरेट्री टेक्निक्स), पारूल मिश्रा को बी०एस-सी० (आप्टोमेट्री), उत्कर्ष सिंह को बी०एस-सी०   कृषि, सत्येंन्द्र वर्मा को बी०एस-सी० कृषि, प्रतीक्षा सिंह को बी०पी०एड०, निखिल पाण्डेय को बी०पी०ई०एस०, विमल सिंह को बैचलर आफ फाइन आर्ट (आवासीय परिसर), मनीषा यादव को बी०एस-सी० एविएशन, शिवांगी श्रीवास्तव को बी०पी०ए० (आवासीय परिसर) परीक्षा में सर्वाधिक अंक के लिए स्वर्णपदक प्रदान किए गए।

 वही दूसरी ओर 66 कुलाधिपति स्वर्णपदक छात्र-छात्राओं को मिला जिनमें मानसी सिंह को एम०ए० हिन्दी, गौसिया नसीम को एम०ए० अंग्रेजी, शालू वर्मा को एम०ए० संस्कृत, हफसा खातून को एम०ए० उर्दू, चारू द्विवेदी को एम०ए० समाज शास्त्र, उज्ज्वल को एम०ए० राजनीति शास्त्र, आशुतोष मिश्रा को एम०ए० प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व, अनामिका राय को एम०ए० शिक्षाशास्त्र, तूलिका त्रिपाठी को एम०ए० मध्यकालीन तथा आधुनिक इतिहास, चन्द्र सेन यादव को एम०ए० अर्थशास्त्र, अभिषेक सिंह को एम०ए० भूगोल, गार्गी यादव को एम०ए० रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन, अनन्या शुक्ला को एम०ए० मनोविज्ञान, बविता को एम०ए० गृह विज्ञान, मुस्कान यादव को एम०ए० चित्रकला, सर्वेश कुमार सिंह को एम०एस-सी० भौतिक विज्ञान, दिव्या यादव को एम०एस-सी० वनस्पति विज्ञान, हर्षिता चैरसिया को एम०एस-सी० प्राणि विज्ञान, हसरत जहाँ को एम0एस-सी० (गणित), हिमाँशु प्रताप सिंह को एम०एस-सी० रसायन विज्ञान, मुहम्मद एजाजुद्दीन बागबान को एम० कॉम०, ऋषभ श्रीवास्तव को एम०एड०, अनुज पाल को एम०पी०एड०, प्रणव त्रिपाठी को एम०पी०एड०, जोया हसन को एम०बी०ए० (आवासीय परिसर), दीपांशु दूबे को एम०बी०ए० ब्रान्च-एग्री० बिजनेस (आवासीय परिसर), निकिता सिंह को एम०बी०ए० ब्रान्च-फाइनेन्स एण्ड कंट्रोल (आवासीय परिसर), तन्वी पाण्डेय को एम०बी०ए० ब्रान्च-हॉस्पिटैलटि मैनेजमेन्ट (आवासीय परिसर), ऋषि श्रीवास्तव को एम०सी०ए० (आवासीय परिसर), सुकृति पाठक को एम०एस-सी० जैव तकनीकी (आवासीय परिसर), सौम्या दुबे को एम0एस-सी० जैवरसायन विज्ञान (आवासीय परिसर), सूरज तिवारी को एम०एस-सी० गणित एवं सांख्यिकी (आवासीय परिसर), उन्नति मिश्रा को एम०ए० अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास (आवासीय परिसर) में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर स्वर्णपदक प्रदान किए गए।

वहीं शिवानी राय को एम०ए० इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व (आवासीय परिसर), अस्मा तारिक को एम०एस-सी० सूक्ष्म जीव विज्ञान, शिवांगी पाण्डेय को एम०एस-सी० पर्यावरण विज्ञान, शिवांशी गुप्ता को एम0एस-सी० भौतिकी (इलेक्ट्रॉनिक्स) (आवासीय परिसर), सुमेधा पाण्डेय को एम०एस-सी० इलेक्ट्रॉनिक्स (आवासीय परिसर), अंकुर वर्मा को एम०पी०एच० (आवासीय परिसर), अंकिता को एम०टी०ए० (आवासीय परिसर), कविता को एम०ए० हिन्दी लैंग्वेज एण्ड लिट्रेचर (आवासीय परिसर), काजल पाण्डेय को एम०ए० एप्लाइड साइकोलॉजी (आवासीय परिसर), अनामिका सिंह को एम०ए० अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध (आवासीय परिसर), अंकिता पाठक को एम०एस-सी० गृह विज्ञान (फूड न्यूट्रीशन), आयुषी प्रियदर्शिनी को एम0एस-सी० गृह विज्ञान (चाइल्ड डेवलपमेंट), निधि सिंह को एम०एस-सी०- कृषि (हार्टिकल्चर), शिखा वर्मा को एम०एस-सी०-कृषि (सॉयल साइंस एण्ड एग्रीकल्चर कमेस्ट्री), स्नेहम पाण्डेय को एम०एस-सी०- कृषि (एग्रोनॉमी), कृष्णानंद मौर्य को एम०एस-सी० एजी० (एनिमल हसबार्ड्री एण्ड डैयरिंग), निधि कुमारी को एम०एस-सी० एजी० (जेनेटिक्स एण्ण्ड प्लांट ब्रिडिंग), सपना को वर्ष-2023, एम०एस-सी० एजी० (एंटोमालॉजी), दीपांशु को एम०ए० जनसंचार एवं पत्रकारिता (आवासीय परिसर), अलीशा इद्रीशी को एम०ए० दर्शन एवं धर्म (आवासीय परिसर), आकांक्षा मिश्रा को एम०ए० मानव चेतना योग विज्ञान एवं चिकित्सा (आवासीय परिसर), शोभित मिश्रा को एम0एस-सी० कम्प्यूटर विज्ञान (आवासीय परिसर), उत्कर्ष सिंह को एल०एल०एम० (आवासीय परिसर), प्रज्ञा तिवारी को एम०एस०डब्ल्यू०, बिपेन्द्र कुमार पाण्डेय को एम०ए० गवर्नेन्स इन पब्लिक पालिसी (आवासीय परिसर), अजीत कुमार को वर्ष 2024 अनुक्रमांक 222201 एम०टेक० इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग (आवासीय परिसर), विपुल कुमार को एम०टेक० मैकेनिकल इंजीनिरिंग, (आवासीय परिसर), शिमाली पाण्डेय को एम०एस-सी० जियोलोजी (आवासीय परिसर), दिव्या सिंह को एम०पी०ए० (आवासीय परिसर), आशीष कुमार जादिया को एम०एफ०ए०-पेंटिंग (आवासीय परिसर), अंकिता मिश्रा को एम०एस० डब्ल्यू० अक्षिता शुक्ला को एम०पी०ए० (आवासीय परिसर) की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर स्वर्णपदक प्रदान किया गया।

 वही दानस्वरूप स्वर्णपदक के लिए 17 पदक छात्र-छात्राओं को दिए गए रणंजय स्वर्ण पदक मानसी सिंह को एम०ए० हिन्दी, रणवीर स्वर्ण पदक शालू वर्मा को एम०ए० संस्कृत, साहित्य महारथी डा० रमा शंकर तिवारी स्वर्ण पदक गौसिया नसीम को एम०ए० अंग्रेजी, गणेश दत्त शुक्ला स्वर्ण पदक आशुतोष मिश्रा को एम०ए० प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व, डा० डी०एस० भाकुनी स्वर्ण पदक हिमाँशु प्रताप सिंह को एम०एस-सी० रसायन विज्ञान, सेठ द्वारिका दास झुनझुनवाला स्वर्ण पदक श्रद्धा यादव को बी०ए०, राजा जगदम्बिका प्रताप नारायण सिंह स्वर्ण पदक आर्यन प्रताप सिंह को बी०एस० सी०, सर पदमपत सिंहानिया स्वर्ण पदक वैभव पाण्डेय को बी0कॉम०, रमेन्द्र मोहन मिश्र स्वर्ण पदक श्रद्धा वर्मा को बी०एस० सी० प्राणि विज्ञान, स्व० एस० पी० तिवारी स्मृति स्वर्ण पदक चन्द्र सेन यादव को एम०ए० अर्थशास्त्र, गौरव अरोड़ा स्वर्ण पदक जोया हसन को एम०बी०ए० (आवासीय परिसर), डा० विश्वमित्र उपाध्याय स्वर्ण पदक शिवानी राय को एम०ए० इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व (आवासीय परिसर), ई० एस० चन्द्रशेखर स्वर्ण पदक सूरज तिवारी को एम0एस-सी० गणित एवं सांख्यिकी (आवासीय परिसर), स्व० राम कृष्ण सिन्हा स्मृति स्वर्ण पदक उन्नति मिश्रा को एम०ए० अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास (आवासीय परिसर), स्व० राजीव रंजन राय स्मृति स्वर्ण पदक पीयूष तिवारी को एम०बी०ए० मार्केटिंग आवासीय परिसर, स्व० डॉ० प्रदीप कुमार सिंह स्मृति स्वर्ण पदक उज्ज्वल को एम०ए० राजनीति शास्त्र, स्व० विष्णु कुमार कपूर स्मृति स्वर्ण पदक कौशिकी पाण्डे को स्नातक स्तर पर संगीत विषय की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

भारत एक समृद्ध विरासत का राष्ट्र: राज्यपाल

अयोध्या । डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 29 वां दीक्षांत समारोह शुक्रवार को भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने समारोह में छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता में ज्ञान परंपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने में सदैव गुरुकुलों एवं विश्वविद्यालयों का रहा है। इसमें समाज के निर्माण एवं संवर्धन में विश्वविद्यालयों ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। संस्कृति, ज्ञान एवं परंपरा के संरक्षक एवं विभिन्न कालों में नवीन परम्पराओं के संवाहक एवं नवोन्मेष शोध केंद्र के रूप में ये समाज को सकारात्मक दिशा देने का कार्य रहे हैं। कुलाधिपति ने कहा कि स्वर्णपदक छात्र-छात्राओं से कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिदिन छात्राएं आगे बढ़ रही है। इनमें छात्राओं की संख्या काफी है। समाज के सवार्गीण विकास एवं सशक्त बनाने में इनकी भूमिका बढ़ जाती है। समारोह में राज्यपाल ने कहा कि आपकी सफलता में आपके माता-पिता, गुरूओं की विशेष भूमिका होती है। आप सभी भारत के सबसे युवा एवं सबसे बड़ी पूंजी है।

भारत युवा देश में से एक है। हमारी पचपन प्रतिशत से अधिक आबादी 30 वर्ष से कम उम्र की है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवे स्थान पर है। वर्ष 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे। देश के प्रधानमंत्री जी 2047 तक एक राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसलिए हम सभी के पास स्वर्णिम अपार संभावनाएं है। बल्कि उसके अनुरूप परिस्थितियां भी है। वर्ष 2047 में जब देश आजादी का वर्षगाठ बनायेगा। भारत का समृद्ध गौरवशाली इतिहास सदैव गौरान्वित करती रहती है। समारोह में राज्यपाल ने कहा कि भारत एक समृद्ध विरासत का राष्ट्र है, और इसका घ्वजवाहक आपको ही बनना है। अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आगे कठिन परिश्रम करें। भारत सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल की सौ दिन की रिर्पोट में मुद्रा लोन की धनराशि बढाकर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित है। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कुलाधिपति ने कहा कि प्रदेश के विकास में अपनी भूमिका निभाने के लिए कार्य करें। अयोध्या अपनी पुरातन संस्कृति के साथ सज-धज रही है। रेलवे स्टेशनों को पूनोर्धार किया गया। वंदे भारत टेज्ेनों का संचालन किया जा रहा है। यहां पर पर्यटन होटल धर्मनगरी के रूप में अयोध्या विकसित हो रही है। दुनिया के विश्वविद्यालय अब भारत में अपने केन्द्र खोल रहे हैं। भारत विश्व की अर्थव्यवस्था पांचवे से तीसरे स्थान की ओर अग्रसर हैं। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो शिक्षित होने के साथ आत्मनिर्भर भी बनाये। राष्ट्रीय शिक्षा नीति संचालित पाठ्यक्रमों का संचालन अवध विश्वविद्यालय कर रहा है।

समारोह में राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालय को पीएम उषा के तहत 100 करोड़ अनुदान दिया है जिससे शिक्षा के संसाधनों को विकसित किया जा सके। शिक्षा में सभी को समान अवसर मिले इसके लिए आस-पास के पिछडे़ जिलों को भी विकसित करना है। मेरा मत है के0जी0 से पी0जी0 तक आपस में एक दूसरे से जुड़े रहे। उसके लिए हॉयर एजुकेशन का सेतु बनाना होगा। वही बच्चें आगे बढकर एक दूसरे को सहयोग करेंगे। कुलाधिपति ने कहा कि प्रदेश की 34 विश्वविद्यालयों में पांच-पांच गांव गोद लिया हैं उन गांवों को उनके अधिकार दिला रहे है। देश को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं को कृत संकल्पित होकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। हमारा पर्यावरण जल, नदियां घरवार, सस्ंकार स्वच्छ होना चाहिए। स्वच्छता हमारा स्वभाव बनना चाहिए। कुलाधिपति ने कहा कि समाज में व्याप्त नशा विनाश की जड़ है। लोगों में नशा राष्ट्रवाद का होना चाहिए, विकसित राष्ट्र बनाने का होना चाहिए, नशा शरीर के साथ समृद्धि को नष्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों का नशे से दूर रहना होगा। सभी युवा संकल्प करें की वे नशा नही करेंगे। नशा और दहेज प्रथा यह समाज की सबसे बड़ी बुराई है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा का बजट 1.48 लाख करोड़ कर दिया गया है। उसके प्राप्त करने के लिए प्रपोजल बनाये और उसे प्राप्त करें तथा शिक्षा के स्तर को उच्चीकृत करें। उच्च क्वालिटी की शिक्षा अब योग्यता के आधार पर नही मिलेगी। प्रतिवर्ष एक लाख विद्यार्थियों को दस लाख रुपए ब्याज रहित लोन दे रही है। जिससे अपने युवा अपने लिए रोजगार के अवसर तैयार करे। अच्छी कम्पनियों में लाखों युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर मिलेंगे। मेडल के साथ अच्छे चरित्र का भी निर्माण करें।

समारोह में कुलाधिपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को सत्र ने 2021-22 से स्नातक स्तर पर तथा सत्र 2022-23 से परास्नातक स्तर पर विज्ञान, वाणिज्य तथा कला एवं मानविकी संकायों के अंतर्गत संचालित पाठ्यक्रमों हेतु विश्वविद्यालय द्वारा सफलता पूर्वक क्रियान्वित किया गया और जिसके त्रिवर्षीय स्नातक एवं परास्नातक के प्रथम बैच सत्र 2023-24 में सफलता पूर्वक पूर्ण हो चुके हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत संचालित समस्त पाठ्यक्रमों के परिणाम संतोषजनक रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर के शोधार्थियों तथा शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापरक शोध को प्रोत्साहित करने हेतु विश्वविद्यालय ने सत्र 2024-2025 से ह्यह्यशोध एवं विकास नीतिह्यह्य को क्रियान्वित किया है। उक्त के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ शोध पुरस्कार, सीडग्रांट को उपलब्ध कराना, गुणवत्ता युक्त शोध पत्रों हेतु नगद पुरस्कार, शोध छात्रों के लिए फेलोशिप, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के आयोजन हेतु तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रतिभाग करने हेतु वित्तीय सहायता इत्यादि सुविधाएं प्रदान किए जाने संबंधी प्रावधानों का समावेश विश्वविद्यालय परिसर के शोधार्थियों तथा शिक्षकों के शैक्षणिक विकास के लिए सुनिश्चित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पी-एच.डी. स्कॉलर के लिए पी-एच.डी. थीसिस को समुचित, समान तथा वैज्ञानिक ढंग से लिखने तथा उसको जमा करने हेतु एक मार्ग निर्देशिका तैयार कर सत्र 2024-2025 से भी लागू की गई है। समारोह में उन्होंने कहा कि सत्र 2024-2025 से विश्वविद्यालय ने आवासीय परिसर के शिक्षकों के लिए ह्यह्यपरामर्श नीतिह्यह्य को निर्मित करते हुए क्रियान्वित भी कर दिया है, जिसका उद्देश्य बाहरी संस्थाओं तथा संगठनों को उन समस्याओं के संबंध में पेशेवर सलाह तथा समाधान प्रदान करना है जिनको वह स्वयं समाधान करने में सक्षम नहीं होते हैं। इस परामर्श नीति के क्रियान्वित किए जाने से न केवल शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के पेशेवर ज्ञान तथा दक्षता में अभिवृद्धि होती है बल्कि विश्वविद्यालय शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से धन की प्राप्ति भी होती है ।

समारोह में राज्यपाल ने कहा कि छात्राएं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रही हैं। सत्र 2023-24 की परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले 200218 विद्यार्थियों में छात्राओं का प्रतिशत 55 है, और आज के दीक्षांत समारोह में संबंधित पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंको से उत्तीर्ण होने वाले 116 प्रदान किये जाने वाले स्वर्ण पदकों मे से 65 स्वर्ण पदक छात्राओं को प्राप्त हुए हैं, जो 64 प्रतिशत है। बालिकाओं का इस प्रकार का प्रदर्शन न केवल प्रसंशनीय है बल्कि स्वागत योग्य होने के साथ समाज के सर्वांगीण विकास में महिलाओं की सशक्त भूमिका के आह्वान का एक सुन्दर एवं सुखद संदेश है। अन्त में राज्यपाल ने सभागार में उपस्थित स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी कहा कि आप अपने ज्ञान, संस्कार व मूल्य आधारित ज्ञान एवं चेतना से देश व समाज की निस्वार्थ सेवा करेंगे।

शिक्षा ही प्रत्येक व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र के लिए विकास का साधन: प्रो0 भगवती प्रकाश शर्मा

विवि के 29 वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि यूनेस्को संचालित महात्मा गांधी शांति व सतत् विकासार्थ शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष प्रो0 भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि शिक्षा ही प्रत्येक व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र के लिए अद्यतन ज्ञान, उन्नत प्रौद्योगिकी, उत्कृष्ट, नैतिकता, उच्च सामाजिक संवेदना एवं उच्च राष्ट्रनिष्ठा के संस्कारों के प्रस्फुटन व विकास का साधन है। देश व समाज का आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास शिक्षा के अनुरूप व उसके समानुपात में ही होता है। देश के भावी विकास की दिशा व गति हमारे 15 लाख विद्यालयों के 27 करोड़ विद्यार्थियों एवं 1100 विश्वविद्यालयों सहित 45,000 महाविद्यालयों में अध्यनरत 4 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं की शिक्षा-दीक्षा पर ही निर्भर करेगी।

समारोह में उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय की विविध उपाधियों से विभूषित होने वाले ये छात्र-छात्राएँ देश के सभी ज्ञान आधारित आयामों को अपने अद्यतन ज्ञान व कौशल से स्पन्दित कर देश के समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे। हमारे उच्च शिक्षा से विभूषित युवा ही चतुर्थ औद्योगिक क्रान्ति के दौर में वैश्विक विकास को गति प्रदान करेंगे। हमारे सुशिक्षित छात्र-छात्राओं के सामाजिक सरोकार व मानवीय संवेदनायें ही देश व समाज में सामाजिक सौहार्द व समरसता के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक विरासत की सरिता को भी सतत् प्रवाहमान रखेगी। हमारी 143 करोड़ जनसंख्या के साथ, हम विश्व की 17.6 प्रतिशत जनसंख्या का निर्माण करते हैं। आज सम्पूर्ण यूरोप के 50 देशों एवं 26 लेटिन अमेरिकी देशों को मिलाकर कुल 76 देशों की संयुक्त जनसंख्या से भी हमारी जनसंख्या अधिक है। हमारी कार्यशील आयु की जनसंख्या आज 90 करोड़ से अधिक है और 2030 तक यह संख्या 100 करोड़ हो जायेगी।

यह विश्व की कुल कार्यशील जनसंख्या की 24.3 प्रतिशत होगी। यदि देश की कार्यशील आयु की सम्पूर्ण जनसंख्या को कार्य युक्त किया जा सके तो भारत 400 खरब डालर अर्थात 40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था भी आज 25 ट्रिलियन डालर तुल्य है। समारोह में प्रो0 शर्मा ने कहा कि प्राचीन समय में भी रामायण काल में महाराज दशरथ के अर्थशास्त्री एवं भगवान राम के शिक्षक रहे उपाध्याय सुधन्वा ने अर्थशास्त्र को परिभाषित करते हुए समाज के सभी कार्यक्षम परिजनों को कार्य सुलभ करवाने, उस कार्य से उन्हें समुचित आय की प्राप्ति, उस आय में सतत् विवर्धन और समाज में उसके सम्यक वितरण पर बल दिया है। भारतीय प्रतिभा की हमारे चतुर्दिक उत्कर्ष में सहभागिता उत्तरोत्तर बढ़े, इस दृष्टि से हमारे प्रधानमंत्री के भी मेक इन इण्डिया, मेड बाई इण्डिया, स्किलिंग कार्यक्रमों से जनित कौशल विकास और स्टार्ट-अप इण्डिया से स्टैण्ड-अप इण्डिया पर्यन्त स्वावलम्बन के आवाहनों के परिणामस्वरूप अब वह दिन दूर नहीं रह जायेगा, जब हम अपनी प्रतिभावान युवा शक्ति की बौद्धिक ऊर्जा के अभिनिवेश से देश के प्राचीन वैभवपूर्ण गौरव को लौटा लायेंगे।

इन आवाह्नों की प्रेरणा से ही भारत आज तीसरा सर्वाधिक स्टार्ट-अप वाला देश बन गया है। उद्यमिता विकास व स्वरोजगार प्रोत्साहन सहित अद्यतन प्रौद्योगिकी के विकास के प्रयासों के साथ-साथ सभी छात्र-छात्राओं में सामाजिक सरोकारों के प्रति संवेदनशीलता व उनके आचार व व्यवहार में उच्चतर नैतिकता व राष्ट्रनिष्ठा को गहराई से बद्धमूल करने के हमारे उदात्त लक्ष्य, उच्च शिक्षा के सम्मुख हिमालय सी ऊँचाई लिये हुये हैं। समारोह में उन्होंने बताया कि देश की उच्च शिक्षा-प्राप्त युवा पीढ़ी पर तो आज हमारी ही नहीं वरन् संपूर्ण विश्व अपनी आशाओं को केन्द्रित किये हुये है। हाल के जनसांख्यिकीय अनुमानों के अनुसार अमेरिका, जापान, यूरोप, चीन व दक्षिण पूर्व एशिया सहित विश्व के सभी प्रमुख औद्योगिक देशों में वृद्धों के बढ़ते अनुपात के कारण इन देशों में विविध ज्ञान आधारित उद्योगों में नियोजन हेतु युवा जनशक्ति का भारी अभाव हो जाएगा। वस्तुत: इन देशों में आगामी 7 वर्षों में होने वाली सेवानिवृत्तियों से सभी प्रमुख ज्ञान आधारित रोजगार-क्षेत्रों में नियोजन के लिये जो जनाभाव उत्पन्न होगा, उसकी पूर्ति भारत के उच्च व तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवा करेंगे।

कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि आज भी विश्व के प्रमुख औद्योगिक देशों के ज्ञान आधारित क्षेत्रों में भारत की उच्च शिक्षा प्राप्त प्रतिभाएं बड़ी संख्या में उनकी आर्थिक संवृद्धि व सामाजिक सेवाओं में उत्कृष्ट योगदान कर रही है। विश्व की अधिसंख्य बौद्धिक सम्पदा-आधारित शीर्ष कम्पनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सहित अधिकांश सामाजिक सेवाओं में आज भी मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पद सहित बड़ी संख्या में शीर्ष पदों पर भारतीय ही महती भूमिकायें सम्पादित कर रहे हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, कॉग्निजेण्ट, ग्लोबल फाउण्ड्रीज, हर्मन इण्टरनेशनल, नेट-एप, पेप्सीको, मास्टर कार्ड, बर्कशायर हाथवे इन्श्योरेन्स, सॉफ्टबैंक आदि विश्व की अधिकांश व सर्वाधिक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भारतीय रहे हैं, जिनके वार्षिक वेतन 200 करोड़ रुपए से भी अधिक हैं। यह हमारी उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा की श्रेष्ठता का ही परिणाम है कि देश औषधि उत्पादन, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं, अन्तरिक्ष अनुसंधान आदि अनेक क्षेत्रों में विश्व में उत्कृष्ट प्रतिष्ठा अर्जित किये हुये है।

सर्वाधिक उचित मूल्य पर औषधि उत्पादन के क्षेत्र में भारत, विश्व में क्रमांक 1 पर होने से, विश्व के 40 प्रतिशत रक्त कैंसर व 42 प्रतिशत एड्स रोगियों के लिये सुलभ कीमत पर औषधियों का एकमेव आपूर्तिकर्ता देश होने से ह्यह्यविश्व की फामेर्सीह्यह्य कहलाता है। इसी प्रकार सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की आउटसोर्सिंग में ।। प्रतिशत योगदान के साथ विश्व में क्रमांक एक पर है। देश में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात हाल के वर्षों में तेजी से बढ़कर 28.3 प्रतिशत तक पहुंच गया है। विश्वविद्यालयों में शोध, शोध प्रकाशनों व पेटेन्ट सहित विविध बौद्धिक सम्पदाधिकार के आवेदन व पंजीयन के लिए प्रेरक व उचित पारिस्थितिकीय तंत्र विकसित करना आज की एक अहम चुनौती है। उच्च विश्वसनीयता-युक्त शोध एवं उस शोध पर आधारित उत्तरोत्तर शोधों में बार-बार उद्धृत किए जाने योग्य प्रकाशनों में तेजी से वृद्धि भी आवश्यक है।

देश आज इस दिशा में अग्रसर है। अन्तरिक्ष विज्ञान में नैनो प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इण्टेलिजेन्स) से जैव प्रौद्योगिकी तक सभी क्षेत्रों में शिक्षा व शोध के क्षेत्र में भारत विश्व के अग्र पंक्ति के देशों में से एक है। परिणामत: आज विश्व के वैश्विक क्षमता विकास केन्द्रों (ग्लोबल केपेबिलिटी सेण्टर्स) में से 40 प्रतिशत भारत में केन्द्रित हैं। देश के विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षा संस्थानों में इन दिनों अनुसंधान, प्रकाशन व पेटेण्ट आवेदनों में आ रही तेजी हमें द्रुतगति से विश्व के अग्रणी देशों में स्थापित करने जा रही है । समारोह में प्रो0 भगवती प्रकाश ने बताया कि इस सम्पूर्ण प्रगति का लाभ देश के प्रत्येक व्यक्ति को पहुँचे, हमें देश के प्रत्येक उच्च शिक्षा प्राप्त एवं विश्वविद्यालयों की उपाधियों से विभूषित व्यक्ति में नैतिकता व सामाजिक संवेदना का स्तर भी इतना ऊँचा करना होगा कि आजीवन उसकी दृष्टि, आचार-विचार व समस्त कार्यकलाप देश, समाज व मानवता के सतत उत्कर्ष व सबके योगक्षेम के लिये संकल्पित रहे। हमें विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को सतत अद्यतन बनाये रखने के साथ ही ऐसी शिक्षण पद्धतियों का भी समावेश करना होगा कि छात्रों में ज्ञान की उत्कृष्टता के साथ नैतिकता व उपरोक्त सामाजिक संवेदनाओं का यथेष्ट विकास हो।

समारोह में प्रो0 शर्मा ने बताया कि हमें अपनी शिक्षा व शिक्षण विधियाँ जिन्हें आज पेडागॉजी, एण्ड्रागॉजी व ह्यूटागॉजी ट्रांसफार्मेशल पेडागाजी जैसी विविध शिक्षण उपागमों का भी इस प्रकार समावेश करना होगा कि हमारे दीक्षित छात्रों में ऐसे सभी विविध गुणों का सहवर्ती विकास हो और वे देश, समाज व मानवता के प्रति आजन्म संकल्पित रहें। आज विश्व में फैलती आर्थिक विषमता व तज्जनित अभावों, पर्यावरण के अविरल क्षरण और असहिष्णुताजन्य आतंकवाद जिस प्रकार से विश्व मानवता के लिये नित नये गम्भीर संकट उत्पन्न कर रहे हैं। उन्हें देखते हुये भारतीय जीवन मूल्यों से अनुप्राणित व 60 वर्ष पूर्व जिस ह्यह्यएकात्म मानव दर्शनह्यह्य को पण्डित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित किया वह आज अत्यन्त प्रासंगिक हो जाता है।

व्यक्ति, परिवार, समाज, देश, विश्व, सम्पूर्ण जीव सृष्टि व प्रकृति के बीच अंगांगी भाव से अनवरत सामजंस्य व सहयोग के एकात्म मानव दर्शन के विचार के अनुसरण से यह सम्भव है। अतएव आज देश के विश्वविद्यालयों में सतत् अर्थात् धारणीय विकास के साथ सामाजिक सौहार्द के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु ऐसे हमारे पारम्परिक चिन्तन व मूल्यों पर भी अध्ययन व शोध आवश्यक है। समारोह में प्रो0 शर्मा ने कहा कि विश्व में मूल्य परक व उत्कृष्ट शिक्षण की भारत की अनादिकालीन परम्परा व अति प्राचीन काल में अनेक सहस्राब्दियों पूर्व भारत द्वारा वेदों के प्रसार और वैदिक ज्ञान की प्राचीनता व गहनता को विश्व मानता है। ऋग्वेद की तीस प्राचीनतम पाण्डुलिपियों को ह्यह्यसंयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोगह्यह्य (यूनेस्को) ने वेदों में सन्निहित ज्ञान व उनकी प्राचीनता के आधार पर ऋग्वेद को तो विश्व की प्राचीन विरासत में सूचीबद्ध किया है और उन्हें विश्व की प्राचीनतम सर्वाधिक दीर्घ व अक्षुण्ण पाण्डुलिपि माना है। आज पुन: वह समय आ गया है, जब हम देश व विश्व मानवता के हितार्थ ज्ञान के सृजन में अपने युग-युगीन पारम्परिक दायित्व का निर्वाह और अधिक गम्भीरता पूर्वक करें।

विकसित भारत बनाने के लिए प्रतिभाओं को तराशना: उच्च शिक्षा मंत्री

दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि जीवन के पीछे माता-पिता की भूमिका और गुरू का पाथेय है। विश्वविद्यालय शिक्षा की पावन भूमि है। इसी स्थल पर अस्मिता के प्रतीक श्रीराम जी ने जन्म लिया है। अटक से कटक तक कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक राष्ट्र है। प्रभु श्रीराम ने शैव और वैश्णव को एम सूत्र में पिरोया। राम ने राष्ट्र को एक सूत्र में बाधा है। उन्होंने कहा कि भारत के तीन प्रमुख चिंतक माने जाते है। महात्मा गांधी, लोहिया, और पं दीनदयाल। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि यह युवाओं का दायित्व है कि देश को राष्ट्र के संकल्पित है। स्वामी विवेकानंद के कथन को उद्त करते हुए कहा कि स्वामी के संस्कार युक्त शिक्षा होनी चाहिए। शिक्षा की उच्चीकृत एवं तकनीकी युक्त होनी चाहिए। विकसित भारत बनाने के लिए प्रतिभाओं को तराशना एवं तलाशना होगा।

छात्र संस्था के ब्राण्ड अम्बेस्डर होते है: रजनी तिवारी

दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पर विद्यमान होकर प्रतिवर्ष लाखो का जीवन प्रतिमान कर रहा है। भारतीय ज्ञान परम्परा के विकसित करने के लिए कठिन साधना की आवश्यकता है। हमें अपनी प्राचीन शिक्षा का गौरव वापस पाने के लिए वैदिक शिक्षा का अपनाना होगा। किसी भी विश्वविद्यालय के छात्र उस संस्था के ब्राण्ड अम्बेस्डर होते है। सभी युवाओं से अपील है। कि राष्ट्र के निर्माण में सार्थक रूप से योगदान करें।

विद्यार्थी जीवन का उपयोग ज्ञान और मानवीय मूल्यों की सिद्धि में करें: कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल

दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने अतिथियो का स्वागत व विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को सत्र 2021-22 से स्नातक स्तर पर, तथा सत्र 2022-23 से परास्नातक स्तर पर विज्ञान, वाणिज्य तथा कला एवं मानविकी संकायों के अंतर्गत सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया है, इसके अंतर्गत प्रथम बैच के विद्यार्थी सत्र 2023-24 में उत्तीर्ण हो चुके हैं। विश्वविद्यालय परिसर में उ.प्र. कौशल विकास मिशन के कौशल विकासार्थ एक स्किल हब स्थापित किया गया है जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय तथा सम्बद्ध महाविद्यालय के विद्यार्थियों को फूलों से इत्र, टूरिस्ट गाइड एवं कृषि से सम्बन्धित क्षेत्रों में कौशल विकास संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिससे विद्यार्थियों के लिये रोजगार प्राप्ति के अवसर बढ़ेंगे। कुलपति ने बताया कि सत्र 2023-24 में विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए 200218 उपाधियाँ प्रदान की जा रही हैं जिनमे: छात्र एवं 58: छात्रायें हैं।

इन सफल विद्यार्थियों की उपाधियाँ आज आपके कर कमलों से, भारत सरकार के डिजिलॉकर में ई-प्रमाणपत्र के रूप में उपलब्ध करायी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस दीक्षान्त समारोह में सर्वोच्च अंकों से उत्तीर्ण होने वाले 116 प्रदान किये जाने वाले स्वर्ण पदकों मे 65 स्वर्ण पदक छात्राओं को दिए जा रहे हैं जो की कुल संख्या का 64 प्रतिशत है। समारोह में कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में अन्तर विभागीय, महाविद्यालयीय एवं विश्वविद्यालयीय खेल प्रतियोगिताओं के अतिरिक्त परिसर स्तर पर विभिन्न विषयों पर भाषण, निबंध, पोस्टर मेकिंग एवं पेन्टिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन समय-समय पर किया जाता है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर के छात्र-छात्राएं देश के महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों, ख्यातिलब्ध शोध व शैक्षणिक संस्थानों, बैंकिंग सेवा, भारतीय सेना एवं निजी क्षेत्र के उद्यमों के साथ-साथ विदेशों में स्थित महत्वपूर्ण संस्थानों में भी अपनी सेवाएं दे रहे है। समारोह में कुलपति प्रो0 गोयल ने बताया कि विश्वविद्यालय ने देश के विभिन्न उत्कृष्ट संस्थानों के साथ 55 शोध, शैक्षिक, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट संबंधी एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। इसके अतिरिक्त शैक्षिणिक विभागों द्वारा नवंबर 2023 के बाद एक अंतर्राष्ट्रीय तथा 86 राष्ट्रीय संगोष्ठीयाँ एवं कार्यशालायें तथा 69 सह शैक्षणिक गतिविधियाँ आयोजित की गयीं।

विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने सत्र 2023-24 में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में 2 स्वर्ण, 3 रजत और 19 कांस्य पदक प्राप्त किए हैं। उन्होंने बताया कि गुणवत्तापरक शोध को प्रोत्साहित करने हेतु विश्वविद्यालय ने सत्र 2024-2025 से ह्यह्यशोध एवं विकास नीतिह्यह्य को क्रियान्वित किया है। इसके अंतर्गत शोध पुरस्कार, सीडग्रांट, उत्कृष्ट शोध पत्रों हेतु नगद पुरस्कार, शोध छात्रों के लिए फेलोशिप, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठियों के आयोजन और प्रतिभाग हेतु वित्तीय सहायता सुविधाएं प्रदान किए जाने के प्रावधान हैं। इसके अतिरिक्त पी-एच.डी. स्कॉलर के लिए पी-एच.डी. थीसिस को समुचित, समान तथा वैज्ञानिक ढंग से लिखने तथा उसको जमा करने हेतु एक मार्ग निर्देशिका तैयार कर सत्र 2024-2025 से लागू की गई है। सत्र 2024-2025 से विश्वविद्यालय ने आवासीय परिसर के शिक्षकों के लिए ह्यपरामर्श नीतिह्य को निर्मित करते हुए क्रियान्वित किया है, जिसका उद्देश्य बाहरी संस्थाओं तथा संगठनों को उन समस्याओं के संबंध में पेशेवर सलाह तथा समाधान प्रदान करना है जिनको वह स्वयं समाधान करने में सक्षम नहीं होते हैं। इसके क्रियान्वन से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के ज्ञान तथा दक्षता में अभिवृद्धि होती है और आर्थिक प्राप्ति भी होती है।

समारोह में कुुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय महिला अभियान के अंतर्गत अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रहा है। महिलाओं एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा, पौष्टिक आहार एवं नियमित दिनचर्या सम्बन्धी सकारात्मक कदम उठा रहा है। महिलाओं तथा बेटियों के सशक्तिकरण के लिए माधवपुर मसौधा गाँव में 08 प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर आयोजित कराये गये। गोद लिए गए इस गाँव में क्षय रोग से ग्रसित मरीजों के स्वास्थ्य लाभ की समीक्षा की गई। टोनिया-विहारीपुर ग्राम पंचाय के भवन में सामूहिक कैंप का आयोजन कर क्षय रोग के लक्षणों एवं इसके निदान के बारे में जानका प्रदान की गई। नियमित उपचार हेतु दवाइयां भी उपलब्ध करवाई गईं। कुलपति ने बताया कि अनुभूति एक प्रयास के अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा

जिला ग्रामोद्योग अधिकारी राकेश कुमार ने दिया जानकारी

अयोध्या।जिला ग्रामोद्योग अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की कौशल सुधार प्रशिक्षण योजनान्तर्गत सामान्य वर्ग के 25 लाभार्थियों (दर्जी हेतु 25 अभ्यर्थी) तथा अनुसूचित जाति के 100 लाभार्थियों (ब्यूटी पार्लर हेतु 25 अभ्यर्थी दर्जी हेतु 50 अभ्यर्थी एवं फल प्रशोधन हेतु 25 अभ्यर्थी) को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।

प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु विभाग के वेबसाईट www.upkvib.gov.in पर जाकर प्रशिक्षण के निर्धारित पोर्टल पर इच्छुक अभ्यर्थी के द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। प्राप्त आवेदनों में स्कोर कार्ड के अनुसार प्रशिक्षण हेतु अभ्यर्थी का चयन जनपद स्तर पर गठित चयन कमेटी द्वारा किया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम मण्डलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केन्द्र बहराइच द्वारा कराया जायेगा। प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण अवधि 15 दिन हेतु प्रत्येक दिन रूपये 250/-की दर से मानदेय उपलब्ध कराने का प्राविधान है। ग्रामीण क्षेत्र/नगर पंचायत (जिनकी जनसंख्या 20,000 से अधिक न हो) के आवेदक ही प्रशिक्षण हेतु पात्र होंगे तथा संबंधित अभ्यर्थी की आयु न्यूनतम 18 वर्ष एवं अधिकतम 45 वर्ष के मध्य हो।

उपरोक्त पोर्टल पर निम्नलिखित अभिलेखों के साथ (नवीनतम् फोटो 02, आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र, तकनीकी योग्यता, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र व बैंक पासबुक) दिनांक 05 अक्टूबर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन के उपरान्त सम्पूर्ण साक्ष्य सहित अपना आवेदन कार्यालय में जमा कर दें। किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर इच्छुक अभ्यर्थी अपने अभिलेखों के साथ किसी भी कार्य दिवस में जिला ग्रामोद्योग कार्यालय, निकट देवकाली मंदिर, फैजाबाद अयोध्या में सम्पर्क कर सकते हैं।