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Sep 21 2024, 07:49

मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर आदिवासी क्षेत्र में युवाओं का संवर रहा भविष्य

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में युवाओं का भविष्य संवर रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश के बाद जिला प्रशासन की ओर से रोजगार एवं कौशल विकास को लेकर अनेक कार्य हो रहे है। जिससे विशेष पिछड़ी जनजातियों और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सार्थक पहल किया जा रहा है। इसी कड़ी में जशपुर जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की है, इससे युवाओं का जीवन बदल रहा है। यहां युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए जशपुर में आवासीय नवसंकल्प शिक्षण संस्थान संचालित है। जहां आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराई जा रही है। विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा दूरस्थ अंचल के बच्चों को वर्तमान में राज्य सेवा परीक्षा, उप पुलिस निरीक्षक, आरक्षक, शिक्षक भर्ती एवं नेट, सेेट, व्यापमं द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाएं, बैकिंग, अग्निवीर और एसएससी सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है।

जिला प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों को अध्ययन सामग्री निःशुल्क दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक बच्चे प्रतियोगी परीक्षा की तैयार करके अपना भविष्य संवार सके। नवसंकल्प शिक्षण संस्थान में रहकर तैयारी कर एसएससी जीडी उत्तीर्ण कर चुके जशपुर बेलडीपा के युवा नेहरूलाल ने बताया कि पहले क्षेत्रवासियों को सेंट्रल लेवल परीक्षा की तैयारी के लिए दूर जाना पड़ता था। अब जशपुर में ही उन्हें निःशुल्क पढ़ाई की सुविधा मिलने लगी है।

सोगड़ा के सोनकश्यप प्रधान ने कहा कि मेरे घर वाले इतना फीस नही दे पाते थे कि कही और जाकर एसएससी जीडी की तैयारी कर सकू। नवसंकल्प शिक्षण संस्थान द्वारा हमें प्रतियोगी परीक्षा तैयारी के साथ-साथ हॉस्टल और मेस की सुविधा प्रदान की जाती है। एसएससी जीडी उत्तीर्ण शेखरपुर की अमीना ने कहा कि वे नवसंकल्प शिक्षण संस्थान जशपुर में रहकर तैयारी करते हुए उन्हें एसएससी जीडी में सफलता मिली है।

नवसंकल्प शिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह संस्था आवासीय है। जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की बच्चों को तैयारी कराई जाती है और अब तक इसमें से करीब 150 बच्चें विभिन्न शासकीय सेवाओं के लिए सेलेक्ट हो चुके हैं। उन्होंने ने कहा कि संस्था में युवाओं का परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ सर्वांगीण विकास हो रहा है। विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयार कर रहे युवाओं ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए धन्यवाद दिए।

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Sep 21 2024, 07:46

पांच सूत्रीय मांगों को लेकर पंडो जनजाति ने खोला मोर्चा, 12 घंटे तक डटे रहे सड़क पर

कोरबा-    अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर बैठे पोड़ी उपरोड़ा के तीन पंचायतों के आदिवासी ग्रामीणों ने 12 घंटे के आंदोलन को समाप्त कर दिया है। एसडीएम के आश्वासन के बाद आंदोलनकारी माने हैं और सड़क से उठे हैं। एसडीएम ने ग्रामीणों को जल्द समस्या का हल करने का भरोसा दिया है।

दरअसल ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग बिंझरा चौक पर सुबह 11 बजे से चक्काजाम किया, जिससे पेंड्रा रोड तक हड़कंप मच गया है। पंडो जनजाति के आदिवासी समुदाय के तीन गांवों के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर सड़क पर कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत की तस्वीर लेकर अगरबत्ती से पूजा पाठ कर आंदोलन पर बैठे थे। चक्का जाम में राहगीर और आमजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जाम में यात्री बस और चार पहिया वाहन फंस गए। चक्का जाम के बाद सड़क के दोनों तरफ लगी वाहनों की कतार लगी रही।

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Sep 21 2024, 07:42

लोहारीडीह कांड के बाद साय सरकार की बड़ी कार्रवाई, कवर्धा कलेक्टर-एसपी हटाए गए

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कवर्धा जिले में ग्राम लोहारीडीह में 15 सितंबर को शिवप्रसाद साहू की मृत्यु के उपरांत घटित आगजनी में रघुनाथ साहू की मृत्यु की दुर्भाग्यजनक घटना के मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने इस घटना के परिप्रेक्ष्य में पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीणों से मारपीट किए जाने की घटना के चलते रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कबीरधाम जिले के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया है। कबीरधाम के कलेक्टर जन्मेजय महोबे के स्थान पर गोपाल वर्मा को कबीरधाम जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को हटाकर उनके स्थान पर राजेश कुमार अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक पदस्थ किया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा दिए गए मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश के परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कबीरधाम द्वारा अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी निर्भय कुमार साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा उन्हें 30 दिवस के भीतर निर्धारित बिन्दुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भविष्य में इस तरह की किसी भी प्रकार की घटना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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Sep 21 2024, 07:38

कलेक्टर और पर्यावरण संरक्षण मंडल से डीजे बजाने वालों पर कार्रवाई की मांग

रायपुर-    वाहनों में स्पीकर और डीजे बजाने वालों पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की मांग डॉ. राकेश गुप्ता ने कलेक्टर, पर्यावरण विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को पत्र लिख कर की है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय ने 27 अप्रैल 2017 को ध्वनि प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका के निर्णय में कहा है कि कानूनों के तहत कोर्ट में शिकायत करने की शक्ति प्राथमिक रूप से छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों के पास है। जिला प्रशासन की भी भूमिका है। मामले में किसी भी अधिकारी की ओर से किसी नागरिक के टेलीफोन का इंतजार करने का कोई सवाल ही नहीं है। राज्य शासन के आदेश 11 सितंबर 2024 में भी यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों को भी शिकायत दर्ज करना है।

कौन कोर्ट में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं

डॉ. गुप्ता ने अधिकारियों को याद दिलाते हुए लिखा है कि पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार जिला कलेक्टर, पर्यावरण विभाग के सचिव, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष, सदस्य सचिव पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने के लिए सक्षम घोषित किए गए हैं।

क्या कहता है ध्वनि प्रदूषण नियम

पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत अधिसूचित ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के अनुसार (1) लिखित अनुमति प्राप्त किए बिना लाउडस्पीकर उपयोग नहीं किया जा सकता, (2) लाउडस्पीकर उपयोग रात में (रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच) बंद परिसरों को छोड़कर नहीं किया जा सकता (3) इसके अलावा साइलेंस जोन (अस्पताल, एजुकेशन इंस्टिट्यूट, कोर्ट) में या मानक से अधिक ध्वनि विस्तार के लिए ध्वनि एम्पलीफायर का उपयोग करने पर या कोई भी साउंड इंस्ट्रूमेंट नहीं बजाया जा सकता।

क्या है साउंड लिमिटर का प्रावधान

4 नवंबर 2019 को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार किसी भी ध्वनि प्रणाली को किराए पर देने वाले और उपयोग या किराए पर लेने वाले को बिना साउंड लिमिटर के ध्वनि प्रणाली का उपयोग नहीं करना है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत ध्वनि प्रदूषण नियमों, आदेशों, दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर प्रत्येक उल्लंघन पर 5 साल की सजा या रुपए एक लाख का जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है।

क्या मांग की गई है

(1) गणेश त्यौहार के दौरान, गणेश मूर्ति स्थापना और गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान जिन लोगों ने स्पीकर और डीजे सिस्टम किराए पर देकर और लेकर, (2) त्यौहार के दौरान सड़कों पर रख कर, (3) गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान सड़क पर मंच पर रखकर या वाहनों में रखकर बजाए गए हैं उनके विरुद्ध पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने के लिए पत्र लिखा गया है।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि कुछ जिलों में खानापूर्ति कर डीजे छोड़ने की जानकारी मिलने पर उन्होंने मुख्य सचिव को भी सभी जिला कलेक्टर को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश देने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होने पर वे अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर करेंगे।

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Sep 21 2024, 07:33

लोहारीडीह हिंसा मामला : घटना को लेकर साहू समाज में आक्रोश, कांग्रेस के बंद को समर्थन देने से किया इंकार

कवर्धा-  लोहारीडीह आगजनी हत्याकांड मामला अब तूल पकड़ता जा रहा. इस घटना को लेकर साहू समाज में भारी आक्रोश है. गांव में 03 लोगों की मौत के बाद जिला साहू संघ की बड़ी बैठक हुई. 8 सूत्रीय मांग को लेकर समाज के लोगों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. वहीं कांग्रेस द्वारा लोहारीडीह मामले में प्रदेश बंद के आवाह्न का जिला साहू संघ ने समर्थन देने से इंकार किया है. मांगें पूरी नहीं होने पर साहू समाज ने उग्र आंदोलन का चेतावनी दी है.

ये हैं साहू समाज की प्रमुख मांगें

  • पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मी व जेलर को निलंबित कर एफआईआर दर्ज की जाए.
  • मृतक शिवप्रसाद साहू, रघुनाथ साहू और प्रशांत साहू के परिजन को 01-01 करोड़ मुआवजा राशि दी जाए.
  • मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिया जाए.

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Sep 20 2024, 19:34

भारत स्काउट्स और गाइड्स हीरक जयंती पर रायपुर में होगा जम्बूरी का आयोजन

रायपुर-      छत्तीसगढ़, भारत स्काउट्स और गाइड्स के 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी’ और प्रथम ’विश्व गर्ल गाइड्स जम्बूरी’ की मेजबानी करने जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

यह जानकारी छत्तीसगढ़ स्काउट्स एंड गाइड के राज्य अध्यक्ष एवं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दी। प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान श्री अग्रवाल ने बताया कि, यह कार्यक्रम भारत स्काउट्स और गाइड्स के हीरक जयंती वर्ष के दौरान आयोजित किया जाएगा जो सेवा और युवा सशक्तिकरण के 75 वर्षों की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है।

हीरक जयंती उत्सव ’नवंबर 2024’ से शुरू होकर ’नवंबर 2025’ में ’हीरक जयंती समापन समारोह ’’19वें राष्ट्रीय जम्बूरी और प्रथम ’विश्व गर्ल गाइड्स जम्बूरी के साथ समाप्त होगा। जम्बूरी का आयोजन नवंबर 2025 में किया जाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत समेत करीब 125 देशो के 35ए000 से अधिक प्रतिभागियों’ के शामिल होने की संभावना है।

जंबूरी का उद्देश्य मुख्य रूप से स्काउट्स और गाइड्स को राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मंच उपलब्ध कराना है जहां गाईडस एक साथ रहकर अपने अनुभवों को साझा करते हैै जिससे उनमें सेवा भाव और नेतृत्व क्षमता का विकास होगा साथ ही सांस्कृति क्षमता का अदान-प्रदान होगा इसके अलावा कौसल विकास, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही हस्तकला में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

जम्बूरी देश और दुनिया भर के स्काउट्स और गाइड्स को एकता और सीखने की भावना सें एक साथ लाता है। यह वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को चरितार्थ करता है। वैश्विक स्तर और भारत में, राष्ट्रीय जम्बूरी हर चार साल में आयोजित की जाती है। जनजातीय प्रदर्शनी थीम पर आधारित होगी जम्बूरी बृजमोहन अग्रवाल

छत्तीसगढ़ में जम्बूरी का मुख्य आकर्षण जनजातीय प्रदर्शनी होगी, जो छत्तीसगढ़ के हृदय और आत्मा का उत्सव होगा। आगामी जम्बूरी में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की ’आदिवासी धरोहर’ और ’युवा नेतृत्व’ पर जोर दिया जाएगा। जम्बूरी के माध्यम से छ.ग. की सांस्कृतिक विरासत (लोक नृत्य, लोक-गीत, तीज त्यौहार) और समृद्व आदिवासी कला (धोकरा कला, गोंड चित्रकला, माटी शिल्प) हस्तशिल्प को वैश्विक मंच मिलेगा। जिससे राज्य के ग्रामीण और आदिवासी रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे।

भारत स्काउट गाइड की शुरूआत 7 नवंबर 1950 को हुई थी। पहली जम्बूरी साल 1953 में हैदराबाद में हुआ था और 18वी. जंबूरी का आयोजन 2003 में राजस्थान के पाली जिले में हुआ था।
जंबूरी के आयोजन को लेकर कल माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के साथ हुई बैठक भी हुई थी जिसमें मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के.के. खंडेलवाल ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी पेश की जिस पर मुख्यमंत्री जी ने इस जम्बूरी की मेजबानी को सहमती देते हुए युवा विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और नेतृत्व प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित किया था।

छत्तीसगढ़ सरकार से इस आयोजन की सफलता के लिए ’₹25 करोड़’ के बजट को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया है, जिससे राज्य की संस्कृति और प्रगति को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके।प्रेस वार्ता में भारत स्काउट्स एंड गाइड के मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के.के. खंडेलवाल और पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

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Sep 20 2024, 19:28

कांग्रेस के छत्तीसगढ़ बंद को नहीं मिला चेंबर ऑफ कॉमर्स का समर्थन, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कही ये बात…
रायपुर-    चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कांग्रेस के 21 सितंबर के छत्तीसगढ़ बंद को समर्थन नहीं दिया है। चेंबर अध्यक्ष ने कहा है कि इतने अल्प समय में कार्यकारिणी की बैठक बुलाना संभव नहीं है। प्राइवेट स्कूल एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि इस तरह के आंदोलन में बसें संचालित करने वाले स्कूल आमतौर पर बंद रहते हैं। लेकिन सुरक्षा को ध्यान में देखते हुए निजी स्कूल संचालक अपना निर्णय ले सकते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन ने बताया कि 21 सितम्बर को प्रस्तावित बंद को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का 19 सितंबर का पत्र 20 सितंबर को दोपहर 12 बजे चेंबर कार्यालय को प्राप्त हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कराए जा रहे बंद को समर्थन देने का आग्रह किया गया है। बंद का समर्थन करना केवल कार्यकारिणी का क्षेत्राधिकार है। इतने अल्प समय में प्राप्त सूचना में कार्यकारिणी की बैठक बुलाना संभव नहीं है।

इसके अतिरिक्त चूंकि चेंबर से प्रदेश के छोटे-छोटे व्यापारी, रेहड़ी पटरी, एवं व्यापारिक संगठन जुड़े हुए हैं, जो फल-सब्जी, दूध और अन्य कच्चे सामान का व्यवसाय करते हैं। बिना पूर्व सूचना के आकस्मिक बंद से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इतने अल्प समय में बिना पूर्व सूचना अथवा व्यापारिक संघों की बैठक लिए बगैर ”छत्तीसगढ़ बंद” का समर्थन करने में चेंबर असमर्थ हैं।

प्राइवेट स्कूल एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि इस तरह के आंदोलन में बसें संचालित करने वाले स्कूल आम तौर पर बंद रहते हैं। कांग्रेस के बंद में समर्थन देने पर कहा कि सुरक्षा को ध्यान में देखते हुए निजी स्कूल संचालक अपना निर्णय ले सकते हैं।

बता दें कि कवर्धा जिले के बोडला विकासखण्ड अंतर्गत रेंगाखार थाना क्षेत्र के ग्राम लोहारीडीह में विगत दिनों हुई हत्या, आगजनी एवं पुलिस की बेरहम पिटाई से लगातार हुए तीन मौतों से पूरे प्रदेश में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई है। प्रदेश में बढ़ती गंभीर अराजकता तथा कवर्धा में पुलिस प्रताड़ना से हुई मौतों के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ ने 21 सितम्बर को सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक एकदिवसीय छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।

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Sep 20 2024, 17:38

स्कूल किताबों को रद्दी में बेचने के मामले में विकास उपाध्याय ने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, कहा-

रायपुर-   सरकारी किताबों को रद्दी के भाव में बेचने के मामले का खुलासा करने वाले पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक पर कार्रवाई से साफ है कि बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. सरकार को उन सभी जिलों में जांच करनी चाहिए, जहाँ से किताबें रियल पेपर मिल भेजी गई. संकुल से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक भ्रष्टाचार हुआ है. इसमें जिला शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

बता दें कि कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने रविवार को सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का खुलासा किया था. मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को जांच के निर्देश दिए थे. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार की ओर से कार्रवाई की गई है.

इसमें गुरुवार को छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इसके पहले स्कूल शिक्षा विभाग के जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर पाठ्यपुस्तक प्रभारी प्रमोद अमर बेल एक्का, भृत्य अजीत गुप्ता और सूरजपुर डीईओ कार्यालय में पदस्थ भृत्य जितेन्द्र साहू को निलंबित किया गया था. यह कार्रवाई सूरजपुर एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई थी.

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Sep 20 2024, 17:32

पीएचई में इंजीनियर्स सहित 181 पदों पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त, मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग ने दी स्वीकृति

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर वित्त विभाग ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर्स सहित अन्य पदों पर भर्ती को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से 181 रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। नई भर्ती से विभाग के कामकाज की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ पेयजल व्यवस्था भी बेहतर होगी।

पीएचई विभाग में उप अभियंता, अनुरेखक, सहायक ग्रेड-3 सहित विभिन्न रिक्त पदों को भरने के प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल गई है। इसमें उप अभियंता (सिविल) के 118, उप अभियंता (विद्युत/यांत्रिकी) के 10, अनुरेखक के 37, सहायक ग्रेड-3 के 02, केमिस्ट के 12 और वाहन चालक के 02 पद शामिल हैं।

नई भर्तियां न केवल विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि इससे नागरिक सेवाओं में भी सुधार होगा एवं योजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जा सकेगा। पेयजल की गुणवत्ता और आपूर्ति व्यवस्था भी बेहतर होगी। नल जल जैसी फ्लैगशिप योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सकेगा और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को निरंतर एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में सुगमता होगी।

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Sep 20 2024, 17:27

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए 

रायपुर-  विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक खत्म हो गयी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

राज्य मंत्रिमण्डल ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है। पांचों प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे।

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दी, जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है।

अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है।

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है।

बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।

- मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्ति एवं संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रूपये स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया।

- राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टी.डी.एस.) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है।

प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी।