मंडलीय अस्पताल में खून की दलाली का धंधा, अधिवक्ता की शिकायत पर हुआ खुलासा
मीरजापुर। मंडलीय अस्पताल में खून चढ़ाने के एवज में मरीज के तीमारदार से वसूली का धंधा फल-फूल रहा है। ऐसा ही एक मामला मंडलीय अस्पताल का सामने आया है जहां संविदा आउटसोर्स कर्मचारियों ने खून दिलाने के नाम पर मरीज के तीमारदार से 6 हजार रुपए ऐंठ लिए। जानकारी होने पर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता की सूचना पर मंडलीय अस्पताल के प्रमुख अधिक्षक डा एके सिन्हा ने जांच कराई तो जांच में दोषी पाए गए एक स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वॉय आगबबूला होकर मरीजों को धमकाने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि दोषी कर्मचारियों द्धारा पीड़ित पर शिकायत वापस लेने के लिऐ दबाव बनाया जा रहा था। प्रमुख अधिक्षक डा एके सिन्हा ने दोषी पाए गए कर्मचारियों पर कार्यवाही के लिऐ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र लिखा है। अब देखना यह है कि इस मामले में कार्रवाई क्या होती है। डाक्टर एके सिन्हा के मुताबिक, 16 सितंबर 2024 को प्रात: 10:39 बजे प्रयागराज से हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता का फोन उनके पास आता है जिसमें बताया गया कि जिला अस्पताल के पुरुष मेडिकल वार्ड में बेड संख्या 23 पर कृष्णा नाम का एक मरीज भर्ती है, जिसे खून चढ़वाने के एवज में एक स्टाफ द्वारा ? 6000 लिया गया है एवं उसके पश्चात खून चढ़ाया गया। उनके द्वारा बताया गया कि मरीज के माता पिता मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं और उन्होंने यह ?6000 किसी से उधार लेकर दिए हैं।
यह शिकायत मिलने पर मरीज के माता-पिता को बुलाया तो उनके द्वारा भी यही बात बताई गई कि पैसे लेकर मेरे मरीज को खून चढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि यहां के स्टाफ के द्वारा पहले मुझे रुपए 10000 की मांग की गई की जा रही थी, फिर ? 6000 पर बात तय हुई। उसके बाद ?6000 लेकर खून दिया गया। यह भी बताया गया कि कृष्णा को शौच के रास्ते से खून आ रहा था जिस कारण 9 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यह पूछने पर कि जिस स्टाफ ने आपसे पैसा लिया है क्या आप उसे पहचान सकते हैं तो उन्होंने कहा कि हम उन्हें पहचानते हैं और वह अभी सुबह की ड्यूटी में नहीं है। 16 सितंबर को ही दोपहर 2:45 पर मैट्रन की सहायिका तथा कुछ महिला पुलिस आरक्षी एवं पुरुष पुरुष आरक्षी को लेकर उक्त मरीज के पास वार्ड में जाने पर मरीज की मां ने श्रीमती प्रतिमा स्टाफ नर्स (आउटसोर्स) की ओर इशारा कर एवं उन्हें टच कर बताया कि यही मैडम मुझसे खून के लिए ?6000 ली है।
इनके द्वारा यह भी बताया गया कि एक और स्टाफ फोन पर बात कर कहीं से खून मंगवाने की बात कर रहा था। पूछने पर पता चला कि फोन पर खून मंगवाने वाले का नाम अजय वार्ड बाय (आउटसोर्स) है। दूसरे दिन 17 सितंबर 2024 को मरीज के माता, पिता एवं भाई ने बताया कि कल रात 8:00 बजे तक उक्त स्टाफ नर्स मुझे धमकाते रहे और आज सुबह भी धमका रहे हैं कि एक तो मैंने खून दिलवा कर तुम्हारे बेटे की जान बचाई और तुम मेरी शिकायत कर रहे हो। मुझे मेरा दिया हुआ खून लौटाओ तभी मैं तुम्हें ?6000 लौटाऊंगी। मरीज की मां ने हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही थी कि मेरा बेटा बहुत डरा हुआ है और अस्पताल में नहीं रहना चाह रहा है, किसी भी तरह आज शाम तक मेरे मरीज को छुट्टी कर दीजिए।
जिस ब्लड ग्रुप का खून मंगाया गया, उस ब्लड ग्रुप का खून उक्त दिवस को हमारे अस्पताल के ब्लड बैंक के स्टॉक में था। इस सम्पूर्ण प्रकरण की जानकारी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को देते हुए घटना की सूचना लिखित रूप में एवं सारे सबूत के साथ उपलब्ध करा दिया गया है तथा प्रधानाचार्य से आग्रह किया है कि उक्त प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लेकर संलिप्त स्टाफों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृति न हो सके और किसी मरीज के साथ अस्पताल में कोई अन्याय न हो पाए। अब देखना यह है कि इस मामले में प्रधानाचार्य क्या कार्रवाई सुनिश्चित करतें हैं।
Sep 19 2024, 19:54