कारों में आग से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स से कैंसर का खतरा: NGT ने 4 विभागों को भेजा नोटिस

देश में अधिकतर कारों में आग से बचाव के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन केमिकिल्स से उस कार में यात्रा करने वालों के लिए कैंसर का खतरा हो सकता है. इस खतरे को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित कुल चार डिपार्टमेंट को नोटिस भेजा गया है और उनसे जवाब तलब किया गया है. इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इस बात का अध्ययन करने से इनकार कर दिया था. बोर्ड का कहना था कि इन केमिकल के असर की जांच करने के लिए उनके पास आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं.

लोगों के स्वास्थ्य पर कमेमिकल का असर को देखते हुए एनजीटी ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और खुद इस मामले पर सुनवाई कर रहा है.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण को एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है कि आग बुझाने के लिए सीट फोम और तापमान कंट्रोल करने के लिए जिस तरह से उपाय किये जा रहे हैं. उनमें केमिकल्स का उपयोग होता है. इनसे लोगों को कैंसर का खतरा है, जो लंबे समय तक कार में मौजूद रहते हैं. इमें कार चालकों और विशेष रूप से बच्चों पर प्रभाव पड़ता है और उनकों कैंसर होने का खतरा होता है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 सितंबर को दी थी रिपोर्ट

एनजीटी को इस मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 सितंबर को इसके मद्देनजर रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में बताया कि केमिकल्स टीडीसीआईपीपी, टीसीआईपीपी और टीसीईपी की वजह से कैंसर का खतरा हो सकता है या नहीं, इसकी जांच किये जाने की जरूरत है और ये जांच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ही कर सकता है, क्योंकि उसके पास संसाधन हैं.

एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल और न्यायिक सदस्य जस्टिस अरूण कुमार त्यागी ने आदेश देकर आठ सप्ताह में सभी को कार में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से कैंसर का हो सकता है खतरा पर जवाब देने के लिए कहा है.

सीपीसीबी और आईसीएमआर के अतिरिक्त केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, नेशनल ऑटोमेटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के प्रशासनिक प्रमुख ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रशासनिक प्रमुख और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस (बीआईएस) के महानिदेशक नोटिस का जवाब अगली सुनवाई से पहले देने का निर्देश दिया है.

आग बुझाने वाले केमिकल्स से कैंसर का खतरा

पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि अधिकांश कारों की केबिन हवा में अग्निरोधी रसायन मौजूद हैं. अध्ययन में पाया गया कि ये ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर अग्निरोधी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं.

शोधकर्ताओं ने परीक्षण किए गए सभी 101 वाहनों की केबिन हवा में इन हानिकारक रसायनों का पता लगाया. ट्रिस (1-क्लोरो-इसोप्रोपाइल) फॉस्फेट के लंबे समय तक संपर्क से न्यूरोटॉक्सिसिटी और थायरॉयड फंक्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

निष्कर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को बढ़ाते हैं, खासकर लंबी यात्रा करने वाले व्यक्तियों और बच्चों के लिए खतरा और भी बढ़ जाता है. रिपोर्ट पर एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू किया है और इस मामले में अब चार विभागों से रिपोर्ट तलब किया है.

दिल्ली के नए कैबिनेट मंत्रियों का ऐलान: आतिशी के साथ 21 सितंबर को ये पांच विधायक लेंगे शपथ

दिल्ली में आतिशी कैबिनेट की घोषणा कर दी गई है. 21 सितंबर को आतिशी के सीएम बनने के साथ-साथ ये विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेंगे. दिल्ली में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन कैबिनेट मंत्री बनेंगे. इसके अलावा मुकेश अहलावत भी आतिशी की कैबिनेट में शामिल होंगे. मुकेश अहलावत को पहली बार दिल्ली कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है.

आतिशी की कैबिनेट में शामिल होने जा रहे मुकेश अहलावत सुल्तानपुर माजरा से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. मुकेश आम आदमी पार्टी के प्रमुख दलित नेता चेहरों में से एक हैं. आतिशी की कैबिनेट में जो पांच नाम हैं, इनमें से चार पहले भी मंत्री रहे हैं. मुकेश अहलावत को पहली बार मंत्री बनाया जा रहा है क्योंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक है और पार्टी नए चेहरे को आजमाना चाहती है.

दिल्ली में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 तक है. इसके बाद दिल्ली में कभी भी चुनाव हो सकते हैं. अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी विधायक दल की नेता चुनी गई थी. विधायक दल की बैठक में आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों ने आतिशी के नाम पर सहमति जताई. इसके बाद आतिशी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

21 सितंबर को सीएम पद की शपथ लेंगी आतिशी

आतिशी 21 सितंबर को सीएम पद की शपथ लेंगी. इस तरह आतिशी सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली का एक ही मुख्यमंत्री है और उनका नाम अरविंद केजरीवाल है. मैं खुश हूं कि अरविंद केजरीवाल ने मुझ पर इतना भरोसा किया, लेकिन मेरा मन दुखी है कि वो आज इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने मुझे पहले विधायक, फिर मंत्री बनाया और आज मुख्यमंत्री बनने की जिम्मेदारी दी है.

राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2024: आवेदन प्रक्रिया शुरू, 733 पदों पर भर्ती के लिए 18 अक्टूबर तक करें आवेदन

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2024 के लिए आज, 19 सितंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर जाकर 18 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं. आरपीएससी ने इसका नोटिफिकेशन पहले ही जारी कर दिया था. कुल 733 पदों पर भर्तियां की जानी हैं.

कुल पदों में राजस्थान राज्य सेवा के लिए 346 और अधीनस्थ सेवा के लिए 387 पद हैं. अभ्यर्थी भर्ती विज्ञापन के अनुसार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. कैंडिडेट इस बात का ध्यान रखें कि फाॅर्म केवल आनलाइन मोड में ही जमा किए जा सकते हैं. डाक या अन्य माध्यमों से किए गए आवेदन मान्य नहीं होंगे.

क्या है आवेदन की योग्यता?

इस भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. वहीं आवेदक की उम्र 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए. आरक्षित कैटेगरी के अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट भी दी गई है. उम्र की गणना 1 जनवरी 2025 से की जाएगी.

आवेदन शुल्क

सामान्य (अनारक्षित), पिछड़ा वर्ग के क्रीमी लेयर, अतिम पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 600 रुपए आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है. वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग-गैर-क्रीमी लेयर श्रेणी से संबंधित आवदकों को 400 रुपए एप्लीकेशन फीस देना होगा.

ऐसे करें आवेदन

RPSC की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर जाएं.

होम पेज पर दिए गए अप्लाई के लिंक पर क्लिक करें.

रजिस्ट्रेशन करें और आवेदन फाॅर्म भरें.

शैक्षणिक डाक्यूमेंट्स अपलोड करें.

फीस जमा करें और सबमिट करें.

RPSC RAS 2024: कैसे होगा सिलेक्शन?

आरपीएसएसी आरएएस के तहत चयन प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए होगा. प्रारंभिक परीक्षा में 200 नंबरों के वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों पूछे जाएंगे. इसमें सफल अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे. प्रारंभिक परीक्षा का पैटर्न और सिलेबस आयोग ने नोटिफिकेशन के साथ जारी कर दिया है.

राजस्थान की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई का इलाज के दौरान निधन, परिवार वालों ने वसुंधरा हॉस्पिटल पर लगाया लापरवाही का आरोप

राजस्थान के जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई का 15 दिन चले इलाज के बाद अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल में निधन हो गया. करीब 20 दिन पहले जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल ले जाया गया था. परिवार के लोगों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया था. 33 साल की प्रियंका बिश्नोई 2016 बैच की RAS अफसर थीं.

जानकारी के मुताबिक RAS अफसर प्रियंका बिश्नोई के पेट में दर्द होने पर डॉक्टरों से संपर्क किया. उन्हें डॉक्टरों ने बच्चेदानी में गांठ होना बताया था. वहीं डॉक्टरों ने इलाज के लिए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी. जिसके बाद उनका जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवाया गया था. बिश्नोई के परिवार वालों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था. इसी को लेकर जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को एक कमेटी बनाकर जांच करने की बात कही थी. वहीं उन्होंने तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे.

इलाज में लापरवाही का आरोप

परिवार वालों का आरोप है कि हॉस्पिटल ने इलाज में लापरवाही बरती. वहीं प्रियंका के ससुर ने कलेक्टर से जांच की मांग की थी. परिवार के लोगों का आरोप था कि इलाज के दौरान प्रियंका को बेहोशी की दवा ज्यादा दे दिया. इसलिए हालत बिगड़ गई. शिकायत के बाद कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को जांच के लिए कहा था. प्रिंसिपल डॉ. भारती सरस्वत ने बताया कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है.

प्रियंका बिश्नोई अपनी नौकरी के दौरान डूंगरपुर, चुरू, विजयनगर में तैनात रही है. अगस्त महीने में ही उन्होंने जोधपुर एसडीएम पद जॉइन किया था. प्रियंका बिश्नोई की सुसराल बीकानेर के नोखा में है. उनके पिता रिषपाल बिश्नोई वकील हैं. उनके पति विक्रम सिंह फलोदी में आबकारी इंस्पेक्टर हैं.

क्या बोले वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टर?

जोधपुर वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा कि सर्जिकल कोई कॉम्पिलकेशन नहीं था. प्रियंका बिश्नोई के ब्रेन में जन्म से एक ही प्रॉब्लम थी जो युवा अवस्था में कभी उनके लिए घातक हो सकता था. दुर्भाग्यवश ऐसा हमारे पास ऑपरेशन के 24 घंटे के बाद हुआ. प्रियंका में स्ट्रेस के कारण लक्षण आने शुरू हो गए थे और इस बात की जानकारी सीटी स्कैन में भी सामने आई थी.

प्रियंका बिश्नोई को 15 अगस्त को उनके प्रशंसनीय काम के लिए सम्मानित भी किया गया था. प्रियंका की मौत के बाद से परिवार और बिश्नोई समाज में शोक की लहर है.

मथुरा में मालगाड़ी पटरी से उतरी, आगरा-दिल्ली ट्रैक बाधित, कई ट्रेनें प्रभावित

आगरा से दिल्ली की ओर जा रही एक मालगाड़ी ट्रेन मथुरा में पटरी से उतर गई. ये ट्रेन झांसी से सुंदरगढ़ जा रही थी. . वृंदावन रोड के पास डाउनरुट पर मालगाड़ी के करीब बीस डिब्बे पटरी से उतर गए. इससे आगरा-दिल्ली का अप-डाउन ट्रैक पूरी तरह से रूक गया है.बताया जा रहा है इससे लगभग 15 ट्रेन प्रभावित है.

रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं. यातायात को दोबारा सुचारु रूप से चालू करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. ट्रैक के बाधित होने के बाद से आगरा, दिल्ली और ग्वालियर की तरफ जाने वाले वाले सभी यात्री परेशान हैं. ट्रेनों के न आने से और लेट होने से स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है.

ट्रैक को दुरस्त करने का काम शुरू

हादसे में किसी के भी हताहत होने की खबर सामने नही आई है. मालगाड़ी में कोयला भरा था. ट्रेन के डिब्बों के पटरियों से उतरने पर कोयला ट्रैक पर फैल गया है. ट्रेन के पटरी से नीचे उतरने पर कई ओएचई खंभे भी टूट गए. इससे अप-डाउन ट्रैक बाधित हो गया है. हालांकि मौके पर सभी संबंधित अधिकारी पहुंच गए हैं. ट्रैक को भी दुरस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है.

घंटो लेट होंगी ट्रेनें

इस रूट पर कर्नाटक एक्सप्रेस लगभग 2 घंटे की देरी से चल रही है, वहीं कई और ट्रेने भी प्रभावित हो गई है. बताया जा रहा है कि इस हादसे से करीब 15 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इस हादसे को लेकर डीआएरम ने कहा कि अप-डाउन दोनों लाइनों के साथ तीसरी लाइन पर भी ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है

सूरतगढ़ जा रही थी ट्रेन

हादसे के बाद लोको पायलट शेर सिंह और सहायक लोको पायलट शिव शंकर सहमे नजर आए. पायलट शेर सिंह की आंखे थी. उन्होंने कहा- मालगाड़ी सूरतगढ़ जा रही थी. हमारी ड्यूटी आगरा से तुगलकाबाद तक ही थी. इसके बाद दूसरे पायलट और लोको पायलट मालगाड़ी लेकर जाते. लेकिन, उससे पहले ही ये हादसा हो गया.

पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने दी चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट मंत्रियों की बैठक ने चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दे दी है.

इस मिशन का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आवश्यक तकनीकों को विकसित करना है. इसकी जानकारी सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्स पर साझा किया.

उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों को मंजूरी दे दी है.

इसमें चंद्रयान-4, जिसका बजट 2104.06 करोड़ रुपये है, और वीनस ऑर्बिटल मिशन जिसका बजट 1236 करोड़ रुपये शामिल हैं. ये दोनों मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को और अधिक मजबूत करेंगे.

चंद्रमा के वातावरण को समझने में मिलेगी मदद

इस मिशन को 2028 तक लॉन्च करने की योजना है. चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर लैंडिंग और सैंपल रिटर्न तकनीकों का प्रदर्शन करना है.

इस मिशन के तहत चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को पृथ्वी पर लाया जाएगा, जिनका अध्ययन किया जाएगा. मिशन के लिए दो अलग-अलग रॉकेटों का उपयोग होगा. हेवी-लिफ्टर LVM-3 और इसरो का भरोसेमंद वर्कहॉर्स PSLV, जो अलग-अलग पेलोड लेकर जाएंगे इसके अलावा, इस मिशन के तहत डॉकिंग, अंडॉकिंग, लैंडिंग, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी, और चंद्रमा से नमूना संग्रह एवं उसके विश्लेषण के लिए आवश्यक तकनीकों का विकास किया जाएगा.

मिशन से सूर्य के प्रभाव को समझने में मिलेगी मदद

वहीं, वीनस ऑर्बिटर मिशन का उद्देश्य शुक्र ग्रह के वातावरण, मौसम, तापमान और दबाव का अध्ययन करना है. यह मिशन हमें शुक्र ग्रह की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा.

इसके अलावा, वीनस मिशन का उद्देश्य शुक्र की सतह और वायुमंडल के साथ-साथ वायुमंडल पर सूर्य के प्रभाव को समझने में मदद करना है, जो भविष्य में छात्रों और वैज्ञानिकों के अध्ययन में सहायक होगा. इस मिशन का बजट लगभग 1236 करोड़ रुपये है और इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

इसके अलावा, कैबिनेट ने गगनयान कार्यक्रम के विस्तार के साथ भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस-1) के पहले मॉड्यूल के विकास को भी मंजूरी दे दी है. गगनयान कार्यक्रम की कुल फंडिंग 11,170 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,193 करोड़ रुपये कर दी गई है.

भाजपा और आरएसएस के खिलाफ प्रियंका गांधी वाड्रा का तीखा हमला,जाने क्या कहा

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोलता है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा किनेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जैसे-जैसे मजबूती से जनता की आवाज उठा रहे हैं, वैसे-वैसे उनके खिलाफ जुबानी और वैचारिक हिंसा बढ़ रही है.

उन्होंने सवाल किया कि क्या देश के करोड़ों पिछड़ों, आदिवासियों, दलितों और गरीबों की आवाज उठाना इतना बड़ा अपराध है? प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा की नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को को “उनकी दादी जैसा हाल” बना देने की धमकियां देने लगी है.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि लगातार एक के बाद एक अभद्र, हिंसक और अमानवीय बयानों से यह साबित होता है कि यह एक संगठित-सुनियोजित अभियान है. जो देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है.

हिंसा को लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं: प्रियंका

उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा खतरनाक है प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत समूचे आरएसएस-बीजेपी नेतृत्व का इसे शह देना और कोई कार्रवाई न करना.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरएसएस और बीजेपी से सवाल किया कि वे लोग क्या अब हिंसा और नफरत को ही लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं?

बता दें कि अमेरिकी दौरे पर सिखों की सुरक्षा का मुद्दा उठाने पर दिल्ली बीजेपी के नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा था कि राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ.

स्टालिन ने भाजपा नेता पर बोला हमला, बयान की निंदा की

इस बीच डीएमके के नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने भाजपा नेता के बयान की आलोचना की. उन्होंने ट्वीट कर कहा किमीडिया में आई खबरों से गहरा सदमा लगा है कि भाजपा नेता ने धमकी दी है कि राहुल गांधी का भी उसकी दादी जैसा ही हश्र होगा तथा शिंदे सेना के एक विधायक ने जीभ काटने पर इनाम घोषित किया है. साथ ही अन्य धमकी भी दी गई है.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के करिश्मे और बढ़ते जन समर्थन ने स्पष्ट रूप से कई लोगों को बेचैन कर दिया है, जिसके कारण इस तरह की घिनौनी धमकी दी जा रही है. केंद्र सरकार को विपक्ष के नेता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और यह पुष्टि करनी चाहिए कि हमारे लोकतंत्र में धमकी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.

आगरा में गणेश विसर्जन के दौरान डूब रहे चार युवकों को बहादुर लड़की ने बचाया

उत्तर प्रदेश के आगरा में गणेश विसर्जन करने आए चार युवक यमुना नदी में डूब गए. घटना से यमुना घाट पर चीख-पुकार मच गई. चारों युवक गहरे पानी में डूबने लगे. अचानक एक लड़की ने नदी में छलांग लगा दी. उसने एक-एक कर चारों युवकों को नदी से बाहर निकाल उनकी जान बचाई. लड़की की बहादुरी को देख हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है.

यमुना में डूबे चारों युवक आपस में दोस्त हैं. उन्हें बचाने वाली लड़की यमुना घाट स्थित मंदिर पर प्रसाद बेचती है. मंदिर कमेटी ने बहादुर लड़की को सम्मानित किया. नदी में डूबे चारों युवक फिरोजाबाद के रहने वाले हैं. युवकों के सकुशल बचने पर परिजनों ने खुशी जताई. मामला आगरा के तीर्थ बटेश्वर के यमुना घाट का है.

बटेश्वर के यमुना घाट पर डूबे चार दोस्त

गणेश विसर्जन को लेकर मंगलवार को बटेश्वर के यमुना घाट पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे. यमुना नदी में मूर्ति विसर्जित करने के लिए भक्तों की भीड़ जमा थी. फिरोजाबाद से भी मूर्ति विसर्जन के लिए भक्त आए हुए थे. अचानक फिरोजाबाद से आए चार दोस्त नदी में डूब गए. पहले 19 साल का आकाश यमुना नदी में उतरा, अचानक उसका पैर फिसला और वह पानी में बहने लगा. आकाश को डूबता देख उसे बचाने के लिए उसका 17 साल दोस्त हिमालय भी नदी में कूद पड़ा. उसे भी तैरना नहीं आता और वह भी डूबने लगा.

मोहिनी ने बहादुरी से बचाई जान

आकाश और हिमालय को डूबता देख उसके दो और दोस्तों ने नदी में छलांग लगा दी. लेकिन पानी में चारों डूबने लगे. यह देख वहां मौजूद लोगों में चीख-पुकार मच गई. तभी घाट किनारे प्रसाद बेचने वाली 18 साल की मोहिनी नदी में कूद गई. उसने एक-एक क्र चारों युवकों को पानी से बाहर निकाला. मोहिनी की बहादुरी से चारों युवकों की जान बच गई. मोहिनी की बहादुरी देख वहां मौजूद लोगों ने इसकी सराहना की. बहादुर मोहिनी के साहस को मंदिर प्रबंधन ने सराहा और उसे सम्मानित किया.

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन क्या दान करना चाहिए: जानें इसके लाभ और महत्व

हिंदू धर्म में भाद्रपद पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है. इस पर्व के मौके पर लोग पितरों के लिए श्राद्ध करना और दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. भाद्रपद पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष का आरंभ होता है. इस दौरान पितरों का श्राद्ध किया जाता है और उन्हें पिंडदान दिया जाता है. इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है. दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. इससे पापों का नाश होता है और मन शुद्ध होता है. इस दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है.

भाद्रपद पूर्णिमा को हिंदू धर्म में एक पवित्र दिन माना जाता है. इस दिन दान करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना ज्यादा फल देता है. भाद्रपद पूर्णिमा पर कुछ विशेष चीजों का दान करने का विधान भी है. इन चीजों का दान करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

इन चीजों का करें दान

1,कंबल: सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है. ऐसे में गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे गरीब लोगों को ठंड से राहत मिलती है और दान करने वाले को पुण्य की प्राप्ति होती है.

2,चावल: गरीबों को चावल का दान करने से घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती है. यह दान करने से लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है.

3,दूध: दूध का दान करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और साथ ही यह दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

4,फल: फल का दान करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और यह दान करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

5,वस्त्र: वस्त्र का दान करने से गरीबों को कपड़े मिलते हैं और दान करने वाले को पुण्य की प्राप्ति होती है.

इसके अलावा तेल, नमक, चीनी, साबुन और शैम्पू आदि का भी दान कर सकते हैं.

इन बातों का रखें खास ध्यान

भाद्रपद पूर्णिमा पर दान करते समय मन में किसी प्रकार की कोई अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए और हमेशा मुस्कुराते हुए दान करना चाहिए. दान करते समय जरूरतमंद लोगों को ध्यान में रखें और किसी भी प्रकार का दिखावा नहीं करना चाहिए. भाद्रपद पूर्णिमा पर दान करने से मन को शांति मिलती है और अनजाने में किए हुए पापों का नाश होता है. इसके अलवा दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

भाद्रपद पूर्णिमा पर क्या करें?

पितरों का श्राद्ध: इस दिन अपने पितरों का श्राद्ध करें और उन्हें पिंडदान दें.

दान: इस दिन अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करें.

पवित्र नदियों में स्नान: गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करें.

सत्यनारायण की कथा: सत्यनारायण की कथा का पाठ करें.

मंदिर में जाएं: किसी मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करें.

भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व

भाद्रपद पूर्णिमा अपने पितरों को याद करने और उनका आशीर्वाद लेने का अवसर देती है. यह हमें दान करने और सेवा करने का भी मौका देती है. इस दिन की गई पूजा और दान से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है.

नोट/इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के पंडित, ज्योतिष या किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

अरविंद केजरीवाल का बड़ा फैसला: सरकारी आवास और सुविधाएं छोड़ने का किया ऐलान

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल उन्हें मिलने वाली सरकारी सुविधाओं को छोड़ेंगे. केजरीवाल सरकारी आवास को कुछ हफ्ते में खाली करेंगे. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि वह कुछ हफ्ते में सरकारी आवास को खाली कर देंगे. मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद केजरीवाल को बहुत सी सुविधाएं मिली हुई हैं लेकिन कल इस्तीफा देते ही उन्होंने कहा कि सारी सरकारी सुविधाएं छोड़ देंगे.

उन्होंने आगे कहा कि दूसरे नेता चिपके रहते हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकारी मकान कुछ हफ्ते में खाली कर देंगे. केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर भी खतरा है. उनपर हमले भी हुए. हमने भी कहा कि यह घर जरुरी है लेकिन उन्होंने कहा कि मेरी रक्षा ईश्वर करेंगे. मैं 6 महीने जेल में खूंखार अपराधियों के बीच रहा.

मैं घर छोड़ूंगा’

इसके साथ ही संजय सिंह ने यह भी कहा कि अभी केजरीवाल कहां रहेंगे यह तय नहीं है लेकिन जल्द ही कोई ठिकाना तय किया जाएगा. केजरीवाल जी का कहना है कि अब ईश्वर ही मेरी रक्षा करेंगे. मैं घर छोड़ूंगा. बीजेपी जो कर रही है वह सभी आपके सामने है. पार्टी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है लेकिन केजरीवाल ने हौसले से जवाब देने का काम किया है. आप सोचिए कि अगर केजरीवाल नहीं होंगे तो दिल्ली का क्या होगा, मुफ्त शिक्षा और इलाज कौन देगा, आपको सोचना होगा.

भाजपा पर साधा निशाना

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने कल अपने पद से इस्तीफा दिया. उनके इस फैसले से दिल्ली की जनता, दुखी और गुस्से में है कि उनके मुख्यमंत्री ने उनके लिए इतना काम किया लेकिन इस्तीफा देना पड़ा. लोग पूछ रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा क्यों देना पड़ा. आपने देखा होगा कि पिछले 2 सालों से भाजपा अरविंद केजरीवाल को बदनाम कर रही थी. झूठे मुकदमे लगाए गए. उनको भ्रष्टचारी बताया. कोई मोटी चमड़ी का नेता होता तो इस्तीफा नहीं देता लेकिन अरविंद केजरीवाल ईमानदार है.