माइलेज, सेफ्टी और कीमत में स्विफ्ट या टियागो,कौन सी कार बेस्ट? आईए जानते हैं
डेस्क : –  मारुति सुजुकी ने ग्राहकों के लिए कुछ समय पहले स्विफ्ट CNG मॉडल को लॉन्च किया है. इस हैचबैक की मार्केट में सीधी भिड़ंत  टाटा टियागो सीएनजी और Hyundai Grand i10 Nios जैसे हैचबैक मॉडल्स से होगी। आप भी अगर नई स्विफ्ट या फिर टियागो सीएनजी मॉडल को खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो पहले आपको कुछ जरूरी चीजों के बारे में पता होना चाहिए।


नई स्विफ्ट सीएनजी में 1197 सीसी का इंजन दिया गया है और इस कार में 1.2 लीटर 3 सिलेंडर नेचुरली एसपिरेटेड इंजन मिलेगा। सीएनजी वेरिएंट 5700rpm पर 69bhp की पावर और 2900rpm पर 101.8Nm टॉर्क जेनरेट करता है।

ये गाड़ी 5 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ मिलेगी, माइलेज की बात करें तो कंपनी का दावा है कि ये कार एक किलोग्राम सीएनजी में 32.85 किलोमीटर तक साथ देगी।

वहीं, दूसरी तरफ टियागो के सीएनजी अवतार में 1199 सीसी इंजन मिलता है और इस कार में 1.2 लीटर नेचुरली एसपिरेटेड इंजन दिया गया है जो 6000rpm पर 72bhp की पावर और 3500rpm पर 95Nm टॉर्क जेनरेट करती है।

ये गाड़ी आपको 5 स्पीड मैनुअल और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में मिलेगी।मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ एक किलोग्राम में 26.49km तो वहीं ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के साथ एक किलो सीएनजी में 28.06km तक का माइलेज मिलेगा।

*फीचर्स और सेफ्टी रेटिंग*

नई स्विफ्ट सीएनजी में वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट, एपल कार प्ले, एंड्रॉयड ऑटो ऑटोमेटिक क्लाइमेट कंट्रोल, रियर एसी वेंट्स, 7 इंच स्मार्ट प्ले प्रो इंफोटेंमेंट सिस्टम दिया गया है. सेफ्टी के लिए इस हैचबैक में स्टैंडर्ड 6 एयरबैग्स, रिवर्स पार्किंग सेंसर, हिल होल्ड असिस्ट, EBD के साथ ABS और ESP (इलेक्ट्रॉनिक स्टेबलिटी प्रोग्राम) जैसे फीचर्स मिलेंगे।

नई वाली स्विफ्ट में कंपनी ने सिंगल सीएनजी सिलेंडर दिया है जो 55 लीटर कैपेसिटी के साथ आता है।2022 में आखिरी बार Global NCAP में स्विफ्ट की क्रैश टेस्टिंग हुई थी और उस वक्त इस कार को एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी में 1 स्टार सेफ्टी रेटिंग दी गई थी।

टियागो सीएनजी में फुल बूट स्पेस के साथ ट्वीन सीएनजी सिलेंडर मिलता है जिसकी कैपेसिटी 66 लीटर है, इस गाड़ी की खास बात यह है कि ये गाड़ी सीधे सीएनजी मोड पर भी स्टार्ट हो सकती है।

इस कार में 2 एयरबैग्स, EBD के साथ ABS, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, एपल कार प्ले, एंड्रॉयड ऑटो, 7 इंच इंफोटेंमेंट सिस्टम, रियर पार्किंग कैमरा, रेंस सेंसिंग वाइपर्स, फॉग लैंप्स और ऑटोमेटिक हेडलाइट्स जैसे फीचर्स दिए गए हैं।सेफ्टी की बात करें तो इस कार को Global NCAP क्रैश टेस्टिंग में 4 स्टार रेटिंग मिली हुई है।
आईए जानते हैं बिना सिम और टावर  के कैसे काम करता है पेजर
डेस्क :–लेबनान में 1000 पेजर फटने से तहलका मच गया है। इस घटना में करीब 3000 लोग घायल हो गए।खबरों के अनुसार, आतंकवादी संगठन हिज्बुल्लाह के लड़ाकों के पास थे।पेजर का इस्तेमाल आज दुनिया में बहुत कम होता है।ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हिज्बुल्लाह इसका इस्तेमाल क्यों कर रहा था और पेजर आखिर काम करता कैसे है. साथ ही यह स्मार्ट फोन से अलग कैसे होता है।

*क्या होता है और कैसे काम करता है पेजर?*

पेजर एक छोटा टेलीकम्युनिकेशन डिवाइस होता है जो पेजिंग नेटवर्क से रेडियो सिग्नल रिसीव करता है। पेजर में लगे ट्रांसमिटर्स एक खास फ्रीक्वेंसी पर सिग्नल ब्रॉडकास्ट करते हैं। इन ट्रांसमिटर्स की रेंज में जो दूसरे पेजर्स होते हैं वह सेम फ्रीक्वेंसी पर यह मैसेज प्राप्त करते हैं। पेजर द्वारा भेजा मैसेज एक सिग्नल में एन्कोड होकर जाता है। केवल न्यूमेरिक वाले पेजर्स के सिग्नल आमतौर पर बीप्स की एक सीरीज या फिर न्यूमेरिक कोड होते हैं। जबकि अल्फान्यूमेरिक पेजर्स के सिग्नल अधिक जटिल होते हैं।l

एन्कोड किए गए सिग्नल को फिर सेंट्रल ट्रांसमीटर के जरिए पेजिंग नेटवर्क को भेजा जाता है। यही सिग्नल रेडियो फ्रीक्वेंसी से ब्रॉडकास्ट होते हैं। दूसरा पेजर अपना एंटीना के माध्यम से यह सिग्नल प्राप्त करता है। यह एक खास फ्रीक्वेंसी पर ही सेट होते हैं जो पेजिंग नेटवर्क इस्तेमाल कर रहा होता है।

अगला चरण रिसीवर पेजर के पास डिकोडिंग का होता है। रिसीव करने वाला पेजर सिग्नल को डिकोड करता है. डिकोड का मतलब है जो संदेश टोन्स या कोड्स के रूप में आया है उसे नंबर में बदलना या फिर अल्फान्यूमेरिक वाले पेजर्स में इन कोड्स को टेक्स्ट में बदला जाता है जिसे रिसीवर पढ़ सकता है। एडवांस पेजर्स में रिसीवर रिप्लाई भी कर सकता है। गौरतलब है कि पेजिंग नेटवर्क्स किसी सेल्यूलर नेटवर्क से ज्यादा बेहतर होते हैं क्योंकि ये बहुत हाई फ्रीक्वेंसी पर सदेंश ट्रांसमिट करते हैं ।

*स्मार्टफोन से कैसे अलग*

पेजर जहां रेडियो सिग्नल का इस्तेमाल करते हैं वहीं स्मार्टफोन सेल्युलर नेटवर्क्स पर निर्भर होते हैं। पेजर का इस्तेमाल बहुत सीमित होता है। यह किसी को संदेश भेजने या अलर्ट करने के लिए यूज किया जाता है। इसमें कॉल या फिर मल्टीटास्किंग की सुविधा नहीं होती। कई पेजर्स में तो रिप्लाई का ऑप्शन भी नहीं होता है। वहीं, स्मार्टफोन ये कॉल, मैसेज, इंटरनेट, वीडियो स्ट्रीमिंग व कई अन्य तरह के काम कर सकता है। पेजर का स्टोरेज स्मार्टफोन के मुकाबले बहुत कम होता है।

*हिज्बुल्लाह क्यों करता है इनका इस्तेमाल*

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि पेजर ज्यादा सुरक्षित होते हैं। ये बहुत हाई फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं इसलिए ये संदेश पहुंचाने या रिसीव करने में काफी भरोसेमंद साबित होते हैं। इनका इस्तेमाल मुख्यत: क्लोज्ड जगहों के लिए किया जाता है जहां फोन आदि पर निर्भरता काम में देरी करा सकती है. मसलन, अस्पताल, सिक्योरिटीड कंपनीज और आपातकालीन सेवाओं का स्थान. यह सस्ते होते हैं और इसे ऑपरेट करने के लिए आपको कोई सिम वगैरह की जरूरत नहीं होती। इस पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आता है। ऐसा भी माना जाता है कि इन्हें हैक करना तुलनात्मक रूप से काफी मुश्किल है।
दो महिलाओं की पीट-पीटकर हत्या करने के बाद मचा हड़कंप,चार रिश्तेदार समेत 15 गिरफ्तार
डेस्क:– बंगाल के बीरभूम जिले में दो महिलाओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने के बाद हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक, दोनों महिलाएं अधेड़ उम्र की थी, जिन्हें जादू-टोना करने के शक में इतना पीटा गया कि उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि दोनों आदिवासी महिलाओं के शव मयूरेश्वर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत हरिसराह गांव के पास एक नहर में मिले।

अधिकारी ने बताया कि घटना शुक्रवार रात की है और मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।रस्सियों से बांधने के बाद लाठियों से पीटा: मृतका लोदगी किस्कू और डॉली सोरेन के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया, कि उन्हें रात में कुछ लोगों ने घरों से बाहर बुलाया और रस्सियों से बांधने के बाद लाठियों से पीटा । लोदकी किस्कू की बेटी रानी किस्कू ने बताया, मेरे चचेरे भाई और अन्य ग्रामीणों ने मेरी मां को घर से बाहर खींच लिया. मेरे दो भाई घर से बाहर थे, इसलिए हम उनको बचा नहीं सके।पुलिस ने 15 लोगों को किया गिरफ्तार।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया हत्या के पीछे जादू-टोना करने का संदेह प्रतीत होता है। लेकिन हम अन्य संभावनाओं से भी इनकार नहीं कर रहे हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल गांव पहुंचा और मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिये गए हैं।


पुलिस ने बताया कि उसे भीड़ द्वारा कथित पिटाई की एक वीडियो क्लिप मिली है और फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है।पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किये गये 15 आरोपियों को बाद में रामपुरहाट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में चार आरोपी एक मृतका के रिश्तेदार हैं, जिन्हें मजिस्ट्रेट अदालत ने छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि अन्य को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की बैठक बेनतीजा रहने के बाद भी जारी रहेगा आंदोलन

कोलकाता: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के दुष्कर्म-मर्डर केस को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों और बंगाल सरकार के बीच बीते बुधवार को दूसरे दौर की बातचीत हुई। इस दौरान डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर बंगाल के चीफ सेक्रेटरी मनोज पंत के साथ ढाई घंटे बैठक की, लेकिन इसका कोई भी नतीजा नहीं निकला। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि वे सरकार से हुई बातचीत से फिलहाल असंतुष्ट हैं और अपनी हड़ताल को जारी रखेंगे। डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि बैठक में डॉक्टरों राज्य सरकार ने बैठक की लिखित कार्यवाही मिनट्स ऑफ मीटिंग मांगे थे, जिसे देने से सरकार ने साफ इनकार कर दिया।

इस बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने घोषणा की कि वे अपना आंदोलन और ‘काम रोको’ अभियान तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार बैठक में हुई सहमति के अनुसार सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के संबंध में लिखित निर्देश जारी नहीं कर देती।

आपको बता दें कि बीते 16 सितंबर को जूनियर डॉक्टर और ममता के बीच मीटिंग हुई थी। इसमें ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली थीं। उन्होंने बीते मंगलवार को पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटाया भी था। उनकी जगह मनोज वर्मा को कमिश्नर बनाया गया। लेकिन डॉक्टर राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

राज्य ने आरजी कर अस्पताल की स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और हत्या के मद्देनजर स्वास्थ्य सचिव एन. एस. निगम के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की चिकित्सकों की मांग को भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया। प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या की घटना तथा सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक भ्रष्टाचार एवं छात्रों और प्रशिक्षु चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद से राज्य की राजधानी में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।

बीते 48 घंटों में चिकित्सकों और राज्य सरकार के बीच यह दूसरी वार्ता थी। पहले दौर की वार्ता सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर हुई थी। मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा कार्य बल और 30 कनिष्ठ चिकित्सक के प्रतिनिधिमंडल के बीच बुधवार को ‘नबन्ना’ (राज्य सचिवालय) में राज्य द्वारा तय समय से एक घंटे बाद शाम करीब साढ़े सात बजे बैठक शुरू हुई, जो साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली।

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने बैठक में राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पताल परिसर के अंदर अपनी सुरक्षा के मुद्दों और वादे के अनुरूप कार्य बल के गठन का विवरण एवं उसके कार्यों को रेखांकित किया। डॉक्टरों ने ‘रेफरल सिस्टम’ में पारदर्शिता, मरीजों को बिस्तर आवंटन, स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती और परिसरों में प्रचलित ‘‘धमकाने की संस्कृति” को खत्म करने से संबंधित मामले उठाए। चिकित्सकों ने कहा कि उनकी मांगें इस चिंता से जुड़ी हुई हैं कि आरजी कर अस्पताल में जो जघन्य अपराध हुआ है वैसा फिर कभी नहीं हो।

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि सरकार इस बात पर सहमत थी कि हमारी अधिकांश मांगें जायज हैं और उन्हें तत्काल लागू किया जाना चाहिए। लेकिन बातचीत के अंत में हमें इस बात से निराशा हुई जब मुख्य सचिव ने हमें बैठक की हस्ताक्षरित कार्रवाई का विवरण देने से इनकार कर दिया। बैठक के बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी बैठक के गैर हस्ताक्षरित विवरण में कहा गया है कि कनिष्ठ चिकित्सकों ने पिछले चार-पांच वर्षों में कथित कदाचार के लिए प्रधान स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ एक जांच समिति के गठन की मांग की, जिसमें स्वास्थ्य ढांचा प्रणाली को मजबूत करना भी शामिल है।

मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली की व्यापक जांच की जरूरत है। बैठक के विवरण से पता चला कि सरकार ने चिकित्सकों से अनुरोध किया कि वे बचाव और सुरक्षा पर राज्य कार्य बल में चार-पांच प्रतिनिधि भेजें, लेकिन चिकित्सकों ने सभी मेडिकल कॉलेजों से व्यापक प्रतिनिधित्व का प्रस्ताव रखा। बैठक के विवरण के अनुसार, ‘‘दोनों पक्ष रात्रि गश्त के लिए महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती, विभागों द्वारा पैनिक बटन लगाने और त्वरित हस्तक्षेप के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने के संबंध में केंद्रीय निर्देश को लागू करने पर सहमत हुए।” सोमवार को प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के साथ बैठक की कार्रवाई रिकॉर्ड करने के लिए स्टेनोग्राफर भी मौजूद थे।
अलग-अलग अकाउंट के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखना चाहिए, जानिए ये पांच चीजें जो याद रखना है जरूरी

डेस्क: –पासवर्ड ऐसी चीज है जो आपके किसी भी अकाउंट की सिक्योरिटी तय करता है. आपका हर पासवर्ड सिर्फ आपके लिए होता है और अगर आपका पासवर्ड किसी और को पता चल जाए तो समझ लीजिए कि वह खुला अकाउंट है जिसे वह जब चाहे देख सकता है, छेड़छाड़ कर सकता है । पासवर्ड होते ही इसलिए हैं ताकि आपकी चीज़ को सिर्फ आप ही एक्सेस कर सकें।लेकिन अब हर चीज़ के लिए आईडी पासवर्ड क्रिएट करवाए जाते हैं।

एक-एक को याद करने की झंझट से बचने के लिए हम सभी अकाउंट का पासवर्ड या तो एक तरह रख देते हैं या फिर मिलता-जुलता रख देते हैं। लेकिन ऐसा करना गलत है. आजकल हैकिंग की खबरों में इतनी तेजी आ गई है कि डिजिटल वर्ल्ड में थोड़ी सी भी लापरवाही से हैंकिंग का डर हो सकता है। इसलिए पासवर्ड सेट करने के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बता रहे हैं जो आपको पासवर्ड सेट करते समय जरूर ध्यान में रखने चाहिए। सलाह दी जाती है कि ऐसा पासवर्ड रखें जिसमें संख्याओं और अपरकेस, लोअरकेस अक्षरों को मिक्स किया गया हो। इसके अलावा आप #, जैसे चिह्न का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

जितना लंबा पासवर्ड रखा जाएगा, उतनी ज्यादा सिक्योरिटी होगी। लंबे पासवर्ड चुनें। हो सकता है लंबे पासवर्ड याद रखना आसान न हो लेकिन ये आपके डेटा को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। लंबे पासवर्ड को समझना या उसके बारे में अनुमान लगाना आमतौर पर मुश्किल होता है। कोशिश करें कि पासवर्ड कम से कम 12 से 15 अक्षर का हो। पाववर्ड ऐसा रखने की कोशिश करें जिनका अंदाजा लगाना कठिन हो।कुछ लोग पासवर्ड में नाम रख लेते हैं।लेकिन सामान्य नामों से बचना जरूरी है, क्योंकि इन्हें जल्दी से क्रैक किया जा सकता है. कभी भी अपना नाम, लोकेशन, डेट ऑफ बर्थ पर पासवर्ड न रखें।आसान रखने के चक्कर में आमतौर पर हम पासवर्ड रिपीट कर देते हैं, जिससे हैकिंग का खतरा हो सकता है। आपको अलग-अलग अकाउंट के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखना चाहिए।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
मोटोरोला का नया फोन Motorola Edge 50 नियो,पांच साल चलाएंगे तब भी पुराना नहीं होगा ये फोन
डेस्क:– बता दें कि अभी फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डेज़ सेल की शुरुआत नहीं हुई है लेकिन इस फोन को सेल स्पेशल के तहत पेश किया जा रहा है। बैनर पर लिखा है कि ये फोन सबसे हल्का मिलेट्री ग्रेड फोन होगा. लॉन्च से पहले फोन के टीज़र में फोन के कई फीचर्स का पता चल गया है। मोटोरोला का दावा है कि मोटोरोला एज 50 नियो देश में पैनटोन-क्यूरेटेड कलर और वेगन लेदर फिनिश के साथ उपलब्ध होगा। इस फोन को चार कलर ऑप्शन- ग्रिसेल, लैटे, नॉटिकल ब्लू और पॉइन्सियाना में पेश किए जाने की उम्मीद की जा रही है।

मोटोरोला ने कंफर्म किया है कि मोटो एज 50 नियो को MIL-810H मिलिट्री-ग्रेड सर्टिफिकेशन और धूल और पानी से बचाव के लिए IP68-रेटिंग मिलेगी. कंपनी ने ये दावा किया है कि ये फोन गिरने,  ज्यादा टेम्प्रेचर और ह्युमिडिटी को सहन कर सकता है। इसके अलावा इसपर शॉक और वाइब्रेशन का भी असर नहीं होगा।

फ्लिपकार्ट माइक्रोसाइट के मुताबिक मोटोरोला एज 50 नियो एआई स्टाइल सिंक और एआई मैजिक कैनवस जैसे जेनरेटिव मोटो एआई फीचर्स से लैस होगा। मोटोरोला के एज 50 नियो में 3,000 निट्स की पीक ब्राइटनेस दी जाती है, और इसमें SGS आई प्रोटेक्शन और कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास प्रोटेक्शन के साथ LTPO 120Hz एडेप्टिव डिस्प्ले होगा।

ये फोन एंड्रॉयड 14 पर बेस्ड हैलो यूआई के साथ आएगा और इसमें पांच साल के ओएस अपग्रेड के साथ-साथ पांच साल के सिक्योरिटी अपडेट भी मिलने का उम्मीद की जा रही है। यानी कि 5 साल तक फोन को अपडेट मिलता रहेगा और ये पुराना नहीं होगा। मोटोरोला एज 50 नियो का ग्लोबल वेरिएंट मीडियाटेक डाइमेंशन 7300 चिपसेट के साथ पेश किया गया था।


कैमरे के तौर पर इस फोन में 50-मेगापिक्सल का सोनी लिटिया 700C प्राइमेरी सेंसर के साथ ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट होगा। ये फोन 3x ऑप्टिकल ज़ूम और 30x डिजिटल ज़ूम सपोर्ट के साथ 10-मेगापिक्सल टेलीफोटो शूटर से लैस होगा। फोन में सेल्फी के लिए 32-मेगापिक्सल फ्रंट शूटर कैमरा होगा। पावर के लिए इसमें 68W वायर्ड चार्जिंग सपोर्ट के साथ 4,310mAh की बैटरी होने की बात कही गई है।

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108 मेगापिक्सल कैमरा और कई खासियत,AI फीचर वाला दमदार 5G फोन जल्द आ रहा है
प्रतीकात्मक तस्वीर

डेस्क :– Infinix Zero 40 5G भारत में लॉन्च होने के लिए तैयार है। बता दें कि इस फोन को ग्लोबली 29 अगस्त को ग्लोबली पेश किया जा चुका है, इसलिए फोन में कैसे फीचर्स होंगे इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।  91Mobiles की रिपोर्ट के मुताबिक, Infinix Zero 40 5G भारत में 18 सितंबर को दोपहर 12 बजे लॉन्च किया जाएगा। बताया गया है कि फोन को एक्सक्लूसिव तौर पर फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि कंपनी की तरफ से इसे लेकर कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं मिली है।

रिपोर्ट में जारी किए गए टीज़र में Infinix Zero 40 5G में Infinix AI दिखाई दे रहा है। यानी कि इसमें वॉलपेपर बनाने के लिए AI वॉलपेपर और फोटो से कुछ हटाने के लिए एआई इरेज़र फीचर का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

Infinix Zero 40 5G ग्लोबल वेरिएंट 6.78-इंच 3D कर्व्ड AMOLED डिस्प्ले के साथ 144Hz की रिफ्रेश रेट और 1,300 निट्स की पीक ब्राइटनेस दी जाती है। इसके डिस्प्ले को कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास प्रोटेक्शन और टीयूवी रीनलैंड आई-केयर मोड सर्टिफिकेशन दिया जाता है। इसमें मीडियाटेक डाइमेंशन 8200 SoC मिलता है, जिसे 24GB तक की डायनामिक रैम और 512GB तक के इंटरनल स्टोरेज के साथ बढ़ाया जा सकता है. ये फोन एंड्रॉयड 14 पर बेस्ड इनफिनिक्स यूआई पर काम करता है।


कैमरे के तौर पर Infinix Zero 40 5G में 108-मेगापिक्सल के प्राइमरी रियर कैमरे के साथ 50-मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड सेंसर और 50-मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिया जाता है. पावर के लिए Infinix Zero 40 5G में 5,000mAh की बैटरी है जो 45W (वायर्ड) और 20W (वायरलेस) फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है।

कंपनी ने नहीं बताई लॉन्च डेट
आपको ये जानना जरूरी है कि फिलहाल लॉन्च डेट और भारत में मिलने वाले फोन के फीचर्स को लेकर कंपनी ने ऑफिशियल तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है, इसलिए जब तक ऑफिशियल डिटेल न मिल जाए तब तक इन फीचर्स पर पूरा भरोसा करना ठीक नहीं है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
आइए जानते हैं एसी से टपकने वाला पानी किन कामों में आ सकता है, फायदे जानकर तुरंत भरने लेंगे बाल्टी
डेस्क:– एसी का इस्तेमाल अब कई घरों में होने लगा है। एसी की हवा लू वाले मौसम से लेकर बरसात के सीजन में भी खूब अच्छी लगती है। खासतौर पर उमस वाले बारिश के मौसम में एसी से बहुत राहत रहती है, क्योंकि एसी कमरे की हवा की सारी नमी सोख लेती है और इस तरह रूम की सारी चिपचिपाहट गायब हो जाती है। एसी जब हमरे की हवा को सोखता है तो वह पानी बनकर आउटर पाइप के जरिए कंडेंसेट पानी बनकर निकलता है । जिनके घर में एसी है उन्होंने गौर किया होगा कि बरसात के मौसम में एसी से ज्यादा पानी टपकता है ।

वजह साफ है कि बरसात में नमी ज्यादा होती है, इसलिए एसी ज्यादा पानी सोखता है। ज्यादातर घरों में एसी से पानी यूंही टपक-टपक कर बहता रहता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस पानी को इस्तेमाल में भी लाया जा सकता है।

एसी के पानी को घर में लगे पौधों में डाला जा सकता है। ये साफ और दूषित पदार्थों से मुक्त होते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो घर में लगी टंकी का काफी पानी बचा सकते हैं।

अगर आपके मन में अब ये सवाल है कि अगर एसी से टपकने वाला पानी साफ और दूषित पदार्थों से मुक्त होते हैं तो क्या इन्हें पी भी सकते हैं। तो जवाब है नहीं, एसी से निकलने वाला पानी पीने के लिए सेफ नहीं होता है क्योंकि ये डिस्टिल्ड वाटर की तरह शुद्ध नहीं किया जाता है।

किचन में तो हर रोज़ गंदे बर्तन निकलते हैं, और इसे धोनी भी जरूरी होता है। तो आप एसी के पानी से बाल्टी भर कर बर्तन धोने के इस्तेमाल में ला सकते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि टॉयलेट फ्लश करने के लिए दिन भर में कई गैलन पानी बर्बाद होता है। पानी की बचत करने के लिए आप एसी के पानी को बाल्टी में भर सकते हैं और फिर इसे फ्लश में इस्तेमाल कर सकते हैं।
40 वर्ष की उम्र के बाद जीवनशैली, खानपान और एक्सरसाइज की आदत को अपनाकर आप लंबी उम्र तक स्वस्थ रह सकते हैं
कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उम्र के साथ होने लगती हैं। 40 वर्ष की उम्र के बाद शरीर कमजोर होने लगता है। ऐसे में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बढ़ती उम्र में मांसपेशियों में दर्द, हड्डियों की समस्या, त्वचा पर झुर्रियां और झाइयां आ जाती है। महिलाओं की तरह पुरुषों को भी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन जीवनशैली, खानपान और एक्सरसाइज की आदत को अपनाकर लंबी उम्र तक स्वस्थ रह सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, योग कई तरह की शारीरिक समस्याओं और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। योगाभ्यास से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और बढ़ती उम्र में होने वाले नकारात्मक बदलावों को भी कम कर सकते हैं,जिसे 40 की उम्र के बाद पुरुषों को नियमित तौर पर करना चाहिए। इन योगासनों के अभ्यास से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, मांसपेशियों और हड्डियों संबंधित परेशानियां दूर रहती हैं और त्वचा में निखार बना रहता है।

*गोमुखासन* इस योगासन के अभ्यास से साइटिका की परेशानी ठीक होती है। गोमुखासन हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक है। यह योग कंधों की जकड़न, रीढ़ को लंबा करने, तनाव व चिंता कम करने और पीठ की मसल्स को मजबूत करने में मदद करता है।

*पद्मासन*
पद्मासन घुटनों और कूल्हों के जोड़ों को लचीला बनाता है। घुटनों और टखनों में खिंचाव लाकर मजबूत करता है। रीढ़, पेट और मूत्राशय को उत्तेजित करता है। साथ ही मन को शांत रखने और पाचन क्रिया बेहतर बनाने में भी सहायक है। महिलाएं भी पद्मासन का अभ्यास कर सकती है। मासिक धर्म, साइटिका में होने वाली तकलीफ से राहत दिलाने के साथ ही गर्भावस्था में इस मुद्रा को करने से प्रसव आसान होता है।

*विपरीतकर्णी*
विपरीत करणी योगासन के अभ्यास से पैरों को आराम मिलता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। मानसिक और शारीरिक रूप से चिंता मुक्त रखने में भी यह आसन फायदेमंद है। गठिया के मरीजों के लिए इस आसन का नियमित अभ्यास लाभकारी हो सकता है।


*अधोमुख श्वानासन*
अधोमुख श्वानासन के अभ्यास से शरीर को जबरदस्त फायदे होते हैं। 40 के बाद पुरुषों को इस योग का अभ्यास नियमित तौर पर करना चाहिए। इस योग से पेट की निचली मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पाचन में सुधार, रक्त संचार में वृद्धि और एंग्जाइटी पर काबू पाया जा सकता है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
अगर आपके घर पर भी एसी तो बारिश के मौसम आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए, जिससे कि एसी पर कोई बुरा असर न पड़े
डेस्क:– बरसात के मौसम की वजह से अब धीरे-धीरे मौसम में ठंडक आने लगी है। अगर लंबे समय तक बारिश हो जाए कमरा काफी ठंडा हो जाता है और पंखे से भी ठंडी हवा मिलने लगती है। हालांकि बरसात के मौसम में उमस के कारण कभी-कभी एसी चलाना जरूरी हो जाता है। बारिश के दिनों में एसी की हवा इसलिए भी ज्यादा अच्छी लगती है क्योंकि ये कमरे की नमी को सोख लेता है, और इससे चिपचिपाहट खत्म हो जाती है। लेकिन इस मौसम में एक चीज़ को देखना बहुत जरूरी हो जाता है।

अगर बहुत भारी बारिश हो रही हो तो खुले में रखे गए आउटडोर यूनिट के चारों ओर पानी जमा हो सकता है। अगर आपके आउटडोर यूनिट के आसपास पानी भर जाए तो ऐसी स्थिति में आपको एसी नहीं चलाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे करंट आने का खतरा हो सकता है।

इसके अलावा बारिश के मौसम में कुछ लोग इसे कवर करके चलाने लगते हैं जिससे कि ये खराब न हो जाए। लेकिन ऐसा करना गलत है। एसी आउटडोर यूनिट को कवर करके चलाने से उसकी गर्म हवा बाहर नहीं निकल पाती है जिससे एसी पर प्रेशर पड़ता है, और ये यूनिट के लिए सही नहीं रहेगा।इसलिए कभी भी एसी को ढक कर नहीं चलाना चाहिए। आप चाहें तो एसी को तब कवर कर सकते हैं जब एसा न चल रहा हो।

इसके अलावा अगर आप एसी को लंबे समय तक नहीं चला रहे हैं और फिर जरूरत महसूस होने पर इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं तो इसके फिल्टर को जरूर चेक कर लें। एसी के फिल्टर पर तेजी से धूल जमा हो जाती है।

अगर फिल्टर गंदगी से ब्लॉक हो गई है तो एसी के कंप्रेसर को बहुत जोर लगाना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि बारिश के मौसम में अगर रुक-रुक कर एसी चला रहे हैं चो ये तीन चीज़ों को जरूर याद रखें।


इसलिए कभी भी एसी को ढक कर नहीं चलाना चाहिए. आप चाहें तो एसी को तब कवर कर सकते हैं जब एसा न चल रहा हो.