बिहार के इस जिले में गंगा के रौद्र रुप से कई लोग हुए बेघर, महिलाएं गंगा मैया से शांत होने की लगा रही गुहार
डेस्क : बिहार के कई जिलों में गंगा नदी अपना रौद्र रुप धारण कर ली है। प्रदेश के कई जिलों में गंगा के पानी से कई गांव जलमग्न हो गए है। लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर शरण लिए हुए है। गंगा के जलस्तर में हुई बढ़ोत्तरी से फसल भी बर्बाद हो गई।
इधर भागलपुर जिले में गंगा के किनारे बसे लोगों की स्थिति भयावह हो गई है। भागलपुर में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण कई घर गंगा में जलसमाधि ले रहे हैं। जिसके कारण कई लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण अब स्थानीय महिलाएं गंगा मैया के सामने उन्हें शांत होने की गुहार लगा रही है। ग्रामीण महिलाएं नदी किनारे बैठ गीत गाकर गंगा मैया से शांत होने की गुहार लगा रही हैं।
दरअसल, यह मामला भागलपुर के सबौर प्रखंड के मसाढू गाँव का है। जहां गंगा मैया घरों व सड़कों को अपने आगोश में समाते जा रही है। गंगा नदी यहां सब कुछ लील जाने को आमादा है। कटाव इतना भयावह है कि मंजर देखकर रुह कांप जा रही है। लगातार बढ़ते कटाव को देखते हुए अब यहां की महिलाओं को गंगा मैया पर ही भरोसा रह गया है।
गंगा नदी की धारा दूसरे ओर मुड़ जाए इसलिए गीत गाकर पूजा अर्चना कर रही है। बेघर हुई कई महिलाओं ने कहा कि आधी रोटी खाकर घर बनाया था, उस घर में उम्र कट गया, लेकिन अब मेरा बेटा-पोता कैसे रहेगा? कहां जाएगा ? क्या खायेगा? खुद मकान की ईंट तो तोड़ लिए लेकिन लेकर कहां जाएं? अब कोई ठिकाना नहीं बचा है।
महिलाओ का कहना है कि हर दिन सुबह शाम गंगा किनारे बैठ गंगा मैया को मना रहे हैं, कि हे मैया गांव के अंदर तो प्रवेश कर रही गए अब वापस हो जाइए हमलोग तबाह हो गए हैं। आशियाना उजड़ चुका है रहने को कोई ठिकाना नहीं है।। हे गंगा मैया गांव में तो घुस ही गईं अब लौट जाइये गरीब पर दया दिखाइए।
बता दें कि, इस गाँव में पिछले 12 दिनों से तेजी से कटाव हो रहा है। अब तक कई घर, 2 बीघा से अधिक जमीन, ग्रामीण सड़क, पेड़, बिजली के खम्भे, जलमीनार ने गंगा में जल समाधि ले ली, गाँव के लोग अपने हाथों अपना आशियाना उजाड़ रहे हैं।
Sep 18 2024, 17:10