सरायकेला:समाज सेवी सुखराम हेंब्रम ने चांडिल डैम से हुए विस्थापित परिवारों की मदद की
सरायकेला :- चांडिल सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना से डैम से विस्तापीत हुए उन गरीब परिवार का दुःख दर्द कोई नहीं समझे राज्य सरकार द्वारा अबतक उन परिवार को शुद्धि लेने नही पहुंचे सोमवार की रात्रि से स्कूल में लिया शरण।
घरों की सामग्री के साथ परिवार की जान माल की सुरक्षा खुद उठाने की पीड़ा लिया ।भोजन पानी के लिए तरसते लगे परिजन ।
आप को बता दू लगातार तीनो से चार दिनों भारी बारिश के कारण जन जीवन रहे अस्तबस्त ।घरों में घुसे पानी तो परिवार के साथ जो कुछ घरेलू सामग्री को बचा पाया उसे लेकर पहुंचे स्कूल भवन में लिया शरण ।
रविवार ओर सोमवार की रात्रि भूखे रहे परिवार चारो तरफ 15 से 20 फिट पानी हुए जलमंग हुए गांव , बाढ़ पीड़ित 50 परिवारों के बीच समाज सेवी सुखराम हेम्ब्रम ने सुखा खाद्य चावल दाल ,तेल ,आदि सामग्री एब तिरपाल विस्तापितो लोगो के बीच वितरण किया गया।
चांडिल डैम के विस्थापित गांव ईचागढ़ समित कालीचामदा के साथ दयापुर, लोपसोडिह, कुरुकतुपा गांव के कई घरों में मंगलवार को डैम का पानी 183.50 मीटर जलस्तर बड़ने से गांव में घुस में पानी घुसा जिसका सूचना सूचना स्वच्छ चांडिल स्वस्थ्य चांडिल के संस्थापक सह झारखंड आंदोलनकारी सह समाजसेवी सुखराम हेम्ब्रम को मिलने पर वे अपने समर्थकों के साथ कालीचामदा गांव पहुंचे ओर बाढ़ पीड़ित परिवारो के बीच सुखा राशन सामग्री ओर तिरपाल का वितरण किया।
ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के लोगो के लिए चांडिल डैम एक अभिशाप बना हुआ हे दो जून रोटी के लिए विस्तापित परिवार के लोग हक अधिकार को लेकर टूटे मकान में रहने पर मजबूर हैं। झारखंड सरकार द्वारा पांच बर्ष वित जाने के बाबजूद कोई विस्तापन नीति या विस्तपित आयोग नही बनाया गया जिसे विस्तापित हुए लोगो को 42 बर्ष वित जाने के बाद अबतक मुआवजा का राशि सरकार द्वारा नही दिए जाने कारण आज तक लंबी लड़ाई जारी हैं।सरकार उन लोगो उचित जमीन का राशि मिले उसके आश पर आपने पूर्वजों का जमीन में बने गांव रहने लगा ।
उन परिवार की समस्या दूसरी ओर हाथी की झुंड ने आतंक मचा रखा हे। जिस मैदान में लोगो ने तिरपाल लगाकर आश्रय लिए हैं। पानी भरने के बाद सांप बिच्छू की डर लगा हुआ हैं जिसके कारण विस्थापित परिवार के लोगो झारखंड सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर किया।
Sep 18 2024, 16:02