शिवसेना विधायक का एक और विवादित बयान,कहा कांग्रेसी को दफना देंगे

शिंदे गुट के शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने एक और विवादित बयान दिया है. राहुल गांधी की जीभ काटने वाले वाले विवादित बयान के बाद उन्होंने ऐसी टिप्पणी की है, जो उससे भी भड़काव और विवादित है.

शिवसेना विधायक ने कहा कि वह अपने कार्यक्रम में आने वाले ‘कांग्रेस के कुत्तों को दफना देंगे’. इससे पहले उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम दूंगा.

बुलढाणा से शिवसेना विधायक को एक वीडियो में यह कहते हुए सुना गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके जिले में महिलाओं के लिए सरकार की मुख्यमंत्री ‘लाडकी बहिन योजना’ के बारे में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे. इस कार्यक्रम में ‘कांग्रेस के कुत्तों’ को नहीं आना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई कांग्रेसी कुत्ता मेरे कार्यक्रम में घुसने की कोशिश करेगा, तो मैं उसे वहीं दफना दूंगा.’

शिंदे गुट के शिवसेना गायकवाड़ का दूसरा वीडियो भी उसी दिन का बताया जा रहा है, जिस दिन उन्होंने राहुल गांधी की जीभ काटने वाला बयान दिया था. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने सोमवार रात को उनके खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया है. गायकवाड़ अपने विवादों के लिए जाने जाते हैं. पिछले महीने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक पुलिसकर्मी उनकी कार को धो रहा था.

गणेश विसर्जन के जश्न में बदला मातम, तीन बच्चों की मौत"

महाराष्ट्र के धुले में गणेश विसर्जन के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया. चित्तौड़ गांव के लोग नाचते-गाते हुए गणेश विसर्जन के लिए जा रहे थे. इसी दौरान एक ट्रैक्टर उन पर चढ़ गया, जिसके नीचे आने से तीन बच्चों की मौत हो गई. वहीं पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनको इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी ट्रैक्टर ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया.

धुले में गणेश विसर्जन के दौरान हुए हादसे तीन बच्चों की मौके पर मौत पर हो गई. वहीं, पांच लोगों की हालात गंभीर बताई जा रही. धुले के नजदीकी चित्तौड़ गांव के लोग मूर्ति विसर्जन के लिए जा नाचते-गाते हुए जा रहे थे. इसी दौरान एक ट्रैक्टर ने उन सभी लोगों को अचानक से आकर कुचल दिया, जिससे मौके पर ही तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग बुरी तरह से घायल हो गए.

ट्रैक्टर ड्राइवर ने पी रखी थी शराब

घटना के बाद मृतक बच्चों के परिवार में चीख-पुकार मच गई. हादसे के बाद आनन-फानन में सभी लोगों को अस्पताल में लेकर जाया गया. मौके पर पहुंची पुलिस आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर मेडिकल जांच के लिए ले गई. वहीं, शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपी ड्राइवर ने शराब पी रखी थी, जिस कारण उसने ट्रैक्टर पर नियंत्रण खो दिया और ट्रैक्टर लोगों पर चढ़ गया.

हादसे में 3 बच्चों की हुई मौत

घटना के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा फैल गया. वहीं मृतक बच्चों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक बच्चों की पहचान परी शांताराम बागुल (13), शेरा बापू सोनवने (6) और लड्डू पावरा (3) के तौर पर हुई. घायलों की पहचान रिया दुर्गेश सोनवने (17), अजय रमेश सोमवंशी (23), ललिता पिंटू मोरे (16), विद्या भगवान जाधव (27) और गायत्री निकम पवार (25) की तौर पर हुई. इन सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है

कोलकाता कांड: सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया,सुनवाई कल

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता कांड को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस की स्वतः संज्ञान वाली याचिका पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई कर सकता है. पिछली सुनवाई 9 सितंबर को की गई थी. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक ये याचिका चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष मंगलवार को सुनवाई के लिए पहली याचिका के रूप में लिस्टेड है.

इस याचिका पर सुनवाई इसलिए अहम है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी चिकित्सकों को राज्य सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश देने के बावजूद डॉक्टरों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. राज्य सरकार ने दावा किया है कि चिकित्सकों के काम पर न आने के कारण पश्चिम बंगाल में नौ सितंबर तक 23 मरीजों की मौत हो चुकी है.

बंगाल सरकार और जूनियर डॉक्टरों का गतिरोध जारी

इसी बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को सोमवार को पांचवीं और आखिरी बार बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. प्रस्तावित बैठक के लाइव प्रसारण के मुद्दे पर मतभेद के कारण सरकार और प्रदर्शनकारी डाक्टरों के बीच बातचीत की कोशिश दो दिन पहले विफल हो गई थी.

प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को भेजे एक ईमेल में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने उनसे बातचीत के लिए सोमवार को शाम पांच बजे कालीघाट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर पहुंचने के लिए कहा था. ममता ने 14 सितंबर को प्रदर्शन स्थल का दौरा कर आंदोलनकारी चिकित्सकों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. उन्होंने डॉक्टरों को उनकी मांगें मानने का भरोसा दिलाने की कोशिश की, बावजूद इसके दोनों पक्षों में बातचीत की कोशिश अभी तक सफल नहीं हो पाई है.

शनिवार को प्रस्तावित बैठक विफल हो गई, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री आवास के द्वार पर तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद उनसे अमर्यादित रूप से वहां से जाने के लिए कहा गया था. सरकार की बातचीत के सीधे प्रसारण की मांग को ठुकराए जाने के कारण डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था.

पिछली सुनवाई में जूनियर डॉक्टरों को दिए थे निर्देश

जूनियर डॉक्टरों के लगातार विरोध और बड़े पैमाने पर जन आक्रोश के बीच चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने पेश किए गए रिकॉर्ड में चालान की गैर-मौजूदगी पर नौ सितंबर को चिंता जताई थी. पीठ ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की थी. उसने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को राज्य सरकार की दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश भी दिया था.

शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद राज्य सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने आश्वासन दिया था कि अगर प्रदर्शनकारी डॉक्टर काम पर लौटते हैं तो उनके खिलाफ ट्रांसफर सहित कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.

गूगल अकाउंट बंद होने की तारीख नजदीक, बंद करेगा इन लोगों का Gmail, ऐसे बचाएं अपना अकाउंट,जाने

गूगल की जीमेल, ड्राइव और फोटो जैसी सर्विस का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. कंपनी कुछ यूजर्स का गूगल अकाउंट बंद कर सकती है. गूगल लगातार लोगों से समय-समय पर गूगल अकाउंट एक्टिव करने के लिए कहती है. अब तक जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया है, उनके जीमेल अकाउंट डिलीट होने की कगार पर हैं. 20 सितंबर से गूगल ऐसे अकाउंट्स को हटाने की प्रोसेस शुरू कर सकती है.

लंबे समय से गूगल अकाउंट यानी जीमेल, ड्राइव, यूट्यूब आदि में साइन इन न करने की वजह से लोगों को अपने अकाउंट से हाथ धोना पड़ सकता है. उनका सारा डेटा और कंटेंट डिलीट कर दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 सितंबर से गूगल ऐसे जीमेल अकाउंट बंद कर देगी, जिनका लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किया गया है.

क्यों बंद कर रहा है गूगल ये अकाउंट्स?

अगर आप जीमेल या गूगल ड्राइव जैसी सर्विस चलाते हैं, लेकिन इन सर्विस का बहुत कम इस्तेमाल करते हैं, तो आपके अकाउंट को डिलीट किया जा सकता है. गूगल इस कदम से अपने सर्वर स्पेस को खाली करना चाहता है और उन अकाउंट्स पर ध्यान देना चाहता है जो नियमित रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं.

ये अकाउंट होंगे डिलीट

गूगल उन अकाउंट्स को हटाएगा जिन्हें दो साल से ज्यादा समय से इस्तेमाल नहीं किया गया है. अगर पिछले दो साल से आपने अपना जीमेल नहीं चलाया है, तो आपके अकाउंट के डिलीट होने का खतरा है. गूगल इनएक्टिव पॉलिसी के तहत गूगल के पास अधिकार है कि वो दो साल तक इनएक्टिव गूगल अकाउंट को डिलीट कर सकता है.

अपने अकाउंट को कैसे बचाएं?

अगर आपने पिछले दो साल से गूगल अकाउंट पर लॉग इन नहीं किया है, तो ये डिलीट हो सकता है. अपने अकाउंट को डिलीट होने से बचाने के लिए आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं-

Gmail यूज करें: अपने जीमेल में लॉगइन करें, और कोई ईमेल भेजें या इनबॉक्स में मौजूद ईमेल को पढ़ें.

Google Photo पर फोटो शेयर करें: गूगल फोटो में साइन इन करके कोई फोटो अपलोड या शेयर करें.

YouTube वीडियो देखें: अपने Gmail अकाउंट से लॉग इन करके यूट्यूब पर कोई वीडियो देखें.

Google Drive का इस्तेमाल करें: गूगल ड्राइव में लॉगइन करके इसमें कोई फाइल अपलोड या डाउनलोड करें.

Google Search का इस्तेमाल करें: गूगल अकाउंट पर साइनइन करके गूगल सर्च इंजन पर कुछ सर्च करें.

ये तरीके अपनाकर आप गूगल अकाउंट को एक्टिव रख सकते हैं. याद रखें कि दो साल तक गूगल या जीमेल अकाउंट में लॉगइन न करने की वजह से कंपनी ऐसे अकाउंट को डिलीट कर सकती है. ऐसे अकाउंट डेटा भी खत्म हो जाता है.

मणिपुर सरकार ने पांच जिलों में इंटरनेट पर लगी पाबंदी को हटाया!

मणिपुर सरकार ने राज्य के पांच जिलों में इंटरनेट पर लगी पाबंदी को सोमवार को हटा दिया है. आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार के मुताबिक प्रदेश सरकार ने मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर इंटरनेट पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया है. राज्य में जारी हिंसा के मद्देनजर सरकार ने एहतियाती के तहत 10 सितंबर को इंटरनेट पर रोक लगा दी गई थी. इससे पहले राज्य सरकार ने 13 सितंबर को ब्रॉडबैंड सेवाओं से सशर्त रोक हटाई थी.

गृह विभाग ने एक आदेश जारी आदेश किया है. जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने मणिपुर में इंटरनेट पर लगी किसी भी प्रकार की रोक को हटाने का फैसला किया है. दरअसल पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. उनका आरोप है कि राज्य में लगातार हो रहे उग्रवादी हमलों से निपटने में डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार असमर्थ है, ऐसे में सरकार उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दे.

10 सितंबर को इंटरनेट पर लगाई थी रोक

छात्रों के प्रदर्शन के चलते सरकार ने इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में 10 सितंबर से इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था. कुछ दिन पहले ही राज्य में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई थी, इस झड़प में छात्रों और पुलिस कर्मियों समेत करीब 80 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे, जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई थीं. हालात को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी थी

गैर जरूरी पोस्ट ना डालने की अपील

गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में लोगों से अपील की गई है कि वो लोग ऐसी गतिविधियों से बचें, जिससे ऐसी परिस्थितियां पैदा हों कि भविष्य में फिर से इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करना पड़े. विभाग ने लोगों से राज्य में शांति बनाए रखने का आग्रह किया. एक दिन पहले ही सूबे के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था. जिसमें कहा गया था कि ‘राज्य में इंटरनेट पर लगाई गई रोक को हटाया जाएगा और सेवाओं को बहाल किया जाएगा. मैं सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि इंटरनेट का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ करें और ऐसी गैर जरूरी या भड़काऊ सामग्री को पोस्ट करने या साझा करने से बचें जिससे राज्य में शांति और सद्भावना बाधित हो सकती है’.

पिछले साल से जारी है हिंसा

पिछले साल मई में एक रैली के हिंसक होने के बाद से मणिपुर की आग में जल रहा है. अब तक इस हिंसा में करीब 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें आम लोगों के साथ ही पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. वहीं करीब 50 हजार से ज्यादा लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो चुके हैं. सरकार पूरी एतिहातिहात बरत रही है ताकि राज्य में शांति बहाल हो सके.

शिवसेना विधायक का विवादित बयान: राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को दूंगा 11 लाख !

महाराष्ट्र में शिंदे गुट के शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विवादित बयान दिया है. गायकवाड़ ने कहा कि राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख का इनाम दूंगा. शिवसेना विधायक ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने कहा कि संविधान खतरे में है. ऐसा फेक नरेटिव फैलाकर लोगों का वोट लिया और आज आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं.

वे आज पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं. राहुल ने जो ये भाषा बोली है कि आरक्षण खत्म करेंग. मैं कहता हूं जो राहुल की जीभ काटेगा मैं उसे 11 लाख दूंगा. राहुल गांधी पिछड़ों, आदिवासियों और अन्य लोगों का 100 फीसदी आरक्षण खत्म करना चाहते हैं. आरक्षण खत्म करने की मन की बात उनके जुबान पर आ गई. कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया.

मेरा ये बयान मेरी प्रसिद्धी के लिए नहीं है. हम पिछड़े वर्गों और ओबीसी की दुर्दशा देख रहे हैं. आज हमें उस समाज को अपने साथ लाने की जरूरत है. उनके दुखों को देखते हुए मैंने यह बयान दिया है.

BJP नेता बिट्टू ने राहुल गांधी को बताया आतंकवादी

संजय गायकवाड़ से पहले केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी पर हमला बोला था. उन्होंने राहुल को आतंकवादी बताया है. बिट्टू ने कहा कि राहुल गांधी देश के नंबर वन आतंकवादी हैं.राहुल गांधी को अपने देश के साथ ज्यादा प्यार नहीं है. उन्होंने कहा कि एक तो पहले वो हिंदुस्तानी नहीं है. ज्यादा समय उन्होंने देश के बाहर बिताया है. वो बाहर जाकर हर चीज उलटा-पुलटा बोलते हैं. देश की सुरक्षा एजेंसी इसे गिरफ्तार कर जांच करें.

दिल्ली में फर्जी वीजा बनाने का बड़ा रैकेट, पुलिस ने 7 लोगों को किया गिरफ्तार!

दिल्ली में फर्जी वीजा बनाने के नाम पर 300 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. दिल्ली के तिलक नगर इलाके में आरोपी 5 साल से फर्जीवाड़े का यह खेल चल रहा था.

पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने करीब 5 हजार फर्जी वीजा बनाए हैं, जिन पर लोग विदेश गए.

अधिकारियों के मुताबिक, इस साल 2 सितंबर को कुरुक्षेत्र के रहने वाला संदीप नाम का एक शख्स पुलिस की पकड़ में आया. उसके पास फर्जी स्वीडिश वीजा था.

वह इटली जाना चाहता था. जब इमिग्रेशन चेकिंग हो रही थी, तो वह पकड़ा गया. संदीप ने पुलिस को बताया कि उसी की तरह उसके गांव के कई लोगों ने ऐसे ही वीजा लिया है. इनमें से कई तो ऐसे वीजा पर विदेश में नौकरी भी कर रहे हैं. पुलिस की पूछताछ में संदीप ने बताया कि उसने वीजा के लिए एजेंट आसिफ अली को 10 लाख रुपये दिए थे.

आरोपियों ने पुलिस को बताया

संदीप ने पुलिस को आसिफ अली के अलावा शिवा गौतम और नवीन राणा का भी नाम बताया था, जिसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था. शिवा गौतम ने पुलिस को एजेंट बलवीर सिंह का नाम बताया. इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर बलबीर सिंह और उसके साथी जसविंदर सिंह को अरेस्ट कर लिया. इन दोनों ने पुलिस को मनोज मोंगा के बारे में बताया. मनोज मोंगा ही वह शख्स है जो कि तिलक नगर में फर्जी वीजा बनाने का काम करता था.

पुलिस की एक टीम ने तिलक नगर में छापा मारा. पुलिस की छापेमारी में मनोज मोंगा अरेस्ट हो गया. मनोज मोंगा को ग्राफिक्स डिजाइनिंग की अच्छी जानकारी थी. उसने डिप्लोमा भी किया था. मनोज ने पुलिस को बताया कि करीब 5 साल पहले वह जयदीप सिंह से मिला था. उसी ने उसको उकसाया था कि वह ऐसा काम करे.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी 50 से 60 वीजा महीने में बनाता था. इसके लिए फर्जी स्टीकर लगाता था. एक वीजा के लिए 8 लाख रुपया लेता था. आरोपी लोगों को फंसाने के लिए टेलीग्राम, सिग्नल और वाट्सऐप को उपयोग में लेते थे. इन्हीं एप के जरिए ये लोगों से डील करते थे. पुलिस को आरोपियों के पास से 18 पासपोर्ट मिले हैं. साथ ही उनके पास से नकली वीजा स्टिकर भी मिले हैं.

ईद-ए-मिलाद उन-नबी: पैगंबर मुहम्मद के जन्म का जश्न, जानें इनकी महत्व

ईद-ए-मिलाद उन-नबी का त्योहार साल 2024 में 16 सितंबर को मनाया जा रहा है. इस्लामिक कैलेंडर की मानें तो हर साल ये त्योहार रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है. इस दिन पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को खासतौर पर मनाया जाता है और इसे ईदों की ईद भी कहा जाता है. पैगंबर को अल्लाह का दूत और इस्लाम के मार्गदर्शक के तौर पर जाना जाता है. उनकी यौम-ए-पैदाइश को मुस्लिम धर्म में एक जश्न की तरह मनाया जाता है.

दो तरह से मनाया जाता है

ईद-ए-मिलाद को लेकर इस्लाम धर्म में कई सारी मान्यताएं प्रचलित हैं. जहां एक तरफ कई मुस्लिम ऐसे हैं जो इस दिन को पैगंबर मुहम्मद के जन्म के तौर पर मनाते हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि इस दिन पैगंबर मुहम्मद का इंतकाल भी हुआ था. इस वजह से ही इसे बारह-वफात मतलब मौत का दिन भी कहा जाता है.

इस्लाम धर्म में पैगंबर मुहम्मद का महत्व

इस्लाम धर्म में ऐसा माना जाता है कि अल्लाह समय-समय पर अपने दूत भेजते रहते हैं जो जनता को सही मार्ग पर चलने का उपदेश देते हैं. वे अल्लाह का संदेश, आवाम तक पहुंचाने के लिए इस धरती पर जन्म लेते हैं. इन्हें नबी और पैगंबर के नाम से जाना जाता है. हजरत मुहम्मद की बात करें तो उन्हें अल्लाह के आखरी दूत के तौर पर जाना जाता है. उनका जन्म साउदी अरब के मक्का में हुआ था. ऐसा माना जाता है कि वे साल 570 में जन्में थे. भारत के अलावा ये त्योहार बांग्लादेश, रूस, जर्मनी, श्रीलंका समेत कई सारे इस्लामिक देशों में मनाया जाता है

कैसे मनाते हैं?

इतिहास की मानें को मुहम्मद ने अपने जीवन में काफी संघर्ष झेले और समाज सुधारने के अपने सफर में उन्होंने कई सारे उतार-चढ़ाव का सामना किया. इसलिए इस दिन को उनके नाम पर डेडिकेट किया गया है और इस दिन उनकी इबादत की जाती है. वे काफी दयालु थे और करुणा से भरे हुए थे. उनके व्यक्तित्व को इस्लाम में एक आदर्श के तौर पर जाना जाता है. इस दिन लोग पैगंबर साहब को याद करते हैं और सजदा करते हैं.

तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में पांच बड़े विवाद, जानें क्या है लेटेस्ट विवाद!

सब टीवी पर पिछले करीब 15 सालों से लगातार चल रहा शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा अक्सर चर्चा में रहता है. इस शो को दर्शक दीवानों की तरह पसंद करते हैं. इतने लंबे वक्त से चलने के बावजूद इसकी टीआरपी कम नहीं हुई है. ये शो हमेशा ही टीआरपी चार्ट में बना रहता है. पर जितना इस शो की लोग तारीफ करते हैं, उतना ही विवाद इस शो और इससे जुड़े कलाकारों और प्रोड्यूर्स को लेकर होता रहा है. अब लेटेस्ट विवाद शो में सोनू भिड़े का किरदार निभाने वाली पलक सिंधवानी को लेकर हो रहा है. ऐसे में हम आपको शो से जुड़े पांच बड़े विवादों के बारे में बता रहे हैं.

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि लेटेस्ट विवाद आखिर है क्या? दरअसल कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि तारक मेहता के मेकर्स यानी प्रोड्यूसर असित कुमार मोदी एक्ट्रेस पलक को लीगल नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं. दावा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पलक ने प्रोडक्शन कंपनी से बिना मंजूरी लिए ही थर्ड पार्टी इंडोर्समेंट किया. उनका ऐसा करना कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन है. मगर पलक ने इन खबरों को खारिज कर दिया है. पलक ने कहा है कि उन्होंने मेकर्स से बात की है और सोमवार को वो उनसे मिलने वाले हैं. उन्होंने किसी भी लीगल नोटिस के मिलने की खबर से इनकार कर दिया है.

जेनिफर मिस्त्री के आरोप से सनसनी

पिछले साल की बात है. शो में मिसेज रोशन सोढ़ी का किरदार निभाने वाली जेनिफर मिस्त्री ने शो को प्रोड्यूसर असित मोदी और प्रोडक्शन टीम पर बड़े इल्जाम लगाए थे. उन्होंने दावा किया था कि असित मोदी ने उनका सैक्शुअल हैरेसमेंट किया है. इसके अलावा प्रोडक्शन टीम पर उन्होंने बदतमीजी करने का भी आरोप लगाया था. जेनिफर के दावों के बाद सनसनी मच गई थी. हालांकि असित मोदी ने आरोपों को खारिज कर दिया था.

गुरचरण सिंह के आरोपों से बवाल

तारक मेहता का उल्टा चश्मा में सोढी का किरदार निभाने वाले गुरचरण ने भी असित मोदी पर गंभीर आरोप लगाए थे. कुछ वक्त पहले उन्होंने दावा किया कि उन्हें बिना बताए ही शो से रिप्लेस कर दिया गया था. गुरचरण शो की शुरुआत से ही इसका हिस्सा थे. उन्होंने बताया था कि जब साल 2012 में उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट पर बात की तो उन्हें बिना जानकारी दिए शो से बाहर कर दिया गया.

शैलेश लोढ़ा वर्सेज असित मोदी

इस शो को लेकर कई विवाद हुए, पर सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट था शैलेश लोढ़ा का शो को छोड़ देना. शैलेश ही शो में तारक मेहता थे, उन्हीं के नाम पर पूरा शो था. पिछले साल सैलेश लोढ़ा ने शो को अचानक छोड़ दिया था. उन्होंने विवाद के बारे में एक इंटरव्यू में बात की थी. शैलेश का कहना था कि वो सब टीवी के ही एक दूसरे में गए थे, जिसमें स्टैड-अप कॉमेडियन आया करते थे. उन्हें शो में कवि के तौर पर गेस्ट बनाकर बुलाया गया था. पर ये बात असित मोदी को नागवार गुज़री. शैलेश ने दावा किया था कि इसको लेकर असित मोदी ने गलत तरीके से बात की, जिसके बाद उन्होंने शो को अलविदा कह दिया था. शैलेश ने पैसे को लेकर केस किया था, जिसके बाद असित मोदी को उन्हें एक करोड़ रुपये देने पड़े थे.

पैसों को लेकर विवाद

तारक मेहता का उल्टा चश्मा में अंजलि भाभी का रोल निभाने वाली नेहा मेहता ने भी मेकर्स पर पैसे नहीं देने का आरोप लगाया था. नेहा ने कहा था कि उन्हें शो छोड़ने के दो साल बाद भी पैसों का भुगतान नहीं किया गया था. नेहा ने इस शो में करीब 12 साल तक काम किया था.

प्रिया आहूजा का मेकर्स पर इल्जाम

प्रिया आहूजा तारक मेहता का उल्टा चश्मा में रीटा रिपोर्टर का किरदार निभाती थीं. उन्होंने आरोप लगाया था कि शो के डायरेक्टर मालव से शादी के बाद उनके ट्रैक को कम कर दिया गया था. इस बारे में प्रिया ने प्रोडक्शन हाउस से बात की, पर कोई जवाब नहीं मिला था.

इडली खाने की प्रतियोगिता में शख्स की गले में फंसी इडली,इलाज के दौरान हुई मौत

केरल में सबसे कम समय में सबसे ज्यादा इडली खाने की प्रतियोगिता हुई. इसमें 50 साल के एक शख्स ने भी भाग लिया. लेकिन यह प्रतियोगिता उस पर भारी पड़ गई. शख्स एक के बाद एक इडली गटकता गया, ताकि वो प्रतियोगिता जीत सके. तभी अचानक एक इडली उसके गले में जा फंसी. इससे शख्स को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. तुरंत शख्स के अस्पताल पहुंचाया गया. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

घटना पलक्कड़ जिले के कांजीकोड गांव की है. यगां ओणम का त्योहार मनाने के दौरान एक हादसा हो गया. 15 सितंबर को पूरे केरल में ओणम का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा था. कांजीकोड गांव में कुछ युवाओं ने त्योहार के मौके पर इडली प्रतियोगिता रखी. कई युवाओं ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. 50 के सुरेश भी प्रतियोगियों में शामिल थे. कम समय में सबसे ज्यादा इडली खाने वाले को इनाम मिलना था.

दूसरे अस्पताल किया रेफर

जैसे ही प्रतियोगिता शुरू हुई, सभी इडली खाने लगे. सुरेश भी एक के बाद एक इडली खाने लगे. लेकिन दुर्भाग्यवश एक इडली उनके गले में जा फंसी. उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. वो गश खाकर वहीं गिर पड़े. वहां मौजूद लोग आनन-फानन में उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टरों ने उन्हें दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया. वहां भी डॉक्टर मरीज की जान नहीं बचा पाए. सुरेश की इलाज के दौरान मौत हो गई.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

पुलिस को इस बारे में सूचना दी गई. शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है. वहीं, जब ये खबर सुरेश के परिजनों को लगी तो उनके घर में मातम मच गया. परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. इस तरह ओणम के दिन ही एक परिवार की खुशियां इस तरह मातम में तब्दील हो गईं. फिलहाल मामले में आगामी कार्रवाई जारी है. पुलिस इस केस की जांच कर रही है.