हिंदी में शर्म नहीं सम्मान छुपा हुआ - बाल योगी संजय
मीरजापुर। हिन्दी देश की महज राष्ट्रभाषा ही नहीं बल्कि आम से लेकर खास जनों की भी सर्वप्रिय भाषा है जिसमें सम्मान-सत्कार और मधुरता समाया हुआ है। उक्त बातें यूओ कान्वेंट स्कूल गुरुकुलम कोटा शिव प्रताप सिंह में हिंदी दिवस पखवाड़ा सप्ताह अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने व्यक्त किए हैं।
वक्ताओं ने कहा कि हिंदी में शर्म नहीं सम्मान छुपा हुआ है। यह। महज एक भाषा ही नहीं बल्कि लोगों की विचारधारा भी है जिसका जुड़ाव जन-जन है। यह आम जनों की सर्वप्रिय भाषा है तो खास जनों की भी बोली भाषा है। इस दौरान हिंद की हिंदी को व मां सरस्वती की अभ्यर्थना हुए तत्पश्चात स्कूल के बच्चों द्वारा हिन्दी दिवस पखवाड़ा सप्ताह अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में विविध प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करते हुए धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम में नवरस सागर से काव्य कुम्भ में भरने का काम क्षेत्र के सम्मानित विद्वानों ने हिंदी के उन्नयन के विषय में अलगझ्र अलग विधाओं से काव्य पाठ कर चर्चा किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाल योगी संजय जी महराज ने मां वीणावादिनी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम आरम्भ किया।
तत्पश्चात बच्चों ने बाल संवाद किया। कार्यक्रम में कौतूहल का क्षण तब रहा जब कक्षा तृतीय के छात्र प्रिंस तिवारी ने राम को चौदह वर्ष का ही वनवास क्यो? पर सवाल उठाए जिसपर गुरु जी अपने सरल शब्दों में उत्तर देते हुए बालक के जिज्ञासा को शांत किया और हिंदी के उत्थान पर जोर दिया। जिनकी वाणी सुनकर सभी प्रभावित हुए। कार्यक्रम में हिंदी काव्य गोष्ठी प्रस्तुत करते हुए कवियों ने अपनी कविता के माध्यम से हिन्दी को भारत माता के माथे की बिंदी बताते हुए हिन्दी की उपयोगिता पर कविता के माध्यम से प्रकाश डाला। इस दौरान पंडित रामासरे मिश्र, प्रोफेसर डा नागेंद्र तिवारी, कुलदीप कुमार शुक्ला, पंडित सुधाकर तिवारी, श्रोता समाज सेवी दिलीप सिंह, राजेश मिश्रा, हिंदी के प्रवक्ता पंडित लक्ष्मीकांत गुरु, रवि शंकर पाण्डेय, नागेश, प्रवक्ता नवीन, जय शंकर दुबे आदि लोग मौजूद रहे।
Sep 17 2024, 19:30