इन मजेदार ट्रिक्स को जानकर आप कभी नहीं फेंकेंगे पिघली हुई मोमबत्ती
डेस्क :– आमतौर पर घर में मौजूद कुछ सामान समय के साथ पुराने हो जाते हैं तो कुछ इस्तेमाल होने पर खत्म हो जाते हैं। पुराना या टूटा सामान होने पर अक्सर कचरे में फेंक दिया जाता है। जैसे कि कैंडल को लेकर लोगों की सोच बिल्कुल सीधी होगी कि जलने पर खत्म हो जाती है। लेकिन क्या आपने सोचा है पिघली हुई मोमबत्ती भी बहुत काम आ सकती है, इतना ही नहीं होम डेकोर के आइटम्स तक बन सकते हैं।

अब एक कैंडल को लेकर इतना दूर की सोचना हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन यह भी सच है कि पिघली हुई मोमबत्ती बेकार नहीं होती है मसलन इसे आप कुछ जरूरी कामों के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हो। अब आप सोच रहे होंगे कि कैंडल वैक्स का दोबारा यूज कैसे किया जा सकता है। ऐसे में आपको दिमाग पर ज्यादा जोर देने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम आपको ट्रिक्स बता रहे हैं।


*पिघली हुई मोम से बनाएं दीपक* पिघली हुई मोमबत्ती का दोबारा इस्तेमाल करने का सबसे आसान और यूजफुल तरीका है कि आप इसकी मदद से नया दीपक बना सकती हैं। आपको सबसे पहले पिघली कैंडल को गर्म करना होगा। अब इसे एक दीपक में डाल दें, फिर एक कॉटन की बाती बनाकर उसे दीपक में डालकर करीब 5-8 घंटे के लिए छोड़ दें। आप चाहें तो खुशबू के लिए इसमे अपनी पसंद का एसेंशियल ऑयल भी डाल सकती हैं।

*शोपीस आइटम्स बनाने का तरीका* पिघली हुई मोमबत्ती का इस्तेमाल आप होम डेकोरेशन के यूनिक आइटम्स बनाने के लिए भी कर सकती हैं। इसके आपको अलग-अलग शेप के साचे लाने होंगे। अब अपनी मनपसंद के साचे में पिछली हुई मोमबत्ती डालने के बाद कुछ फूल की पंखुड़ियां भी डाल दीजिए। जब यह सूख जाए तो वैक्स को साचे से निकाल लीजिए। इस तरह आसानी से आपका शोपीस बन जाएगा। मोम से बनाएं जूलरी पिघली कैंडल से जूलरी बनाना भी बहुत आसान है। इसके लिए भी आपको साचे की जरूरत होगी। आप जिस तरह की जूलरी बनाना चाहती हैं उसी तरह का साचा बाजार से ले आइये। अब आपको पिघली हुई मोम को इस पर डालना है, और हुक लगाना है। जब यह सूख जाए तो आप इन्हें इस्तेमाल कर सकती हैं।
हर दिन एक नई कहानी पढ़ने को मिलती है। ऐसी ही एक कहानी जापान का रहने वाला एक शख्स जो कि 24 घंटे में केवल आधा घंटा सोता है

डेस्क:– इंसान के जीवन में सबसे पहली प्राथमिकता उसका सुकून होता है। किसी इंसान का सुकून खाना होता, किसी घूमना और किसी के लिए अच्छी नींद लेना सुकून होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी इंसान का सुकून जागना हो सकता है। वो भी एक दिन में साढ़े 23 घंटे जागे रहना। सोशल मीडिया पर हर दिन एक नई कहानी पढ़ने को मिलती है। ऐसी ही एक कहानी फिर से वायरल रही है।

जापान का रहने वाला एक शख्स सुकून में रहने के लिए केवल आधे घंटे की निंद लेता है। वो ये निंद केवल खुद के लिए नहीं तय किया है बल्कि दिन भर में केवल आधे घंटे सोने की ट्रेनिंग वो अबतक 21 हजार छात्रों को भी दे चुका है।

किसी भी बीमार इंसान को डॉक्टर अच्छी नींद लेने की हिदायत देता है। दिन भर में कम से कम 6 घंटे और हो सके तो 8 घंटे की नींद लेने के लिए कहा जाता है। लेकि जापान का एक बिजनेसमैन ने दावा किया है कि वो पिछले 12 सालों से केवल आधे घंटे ही सोता है। उसके इस दावे को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छीड़ गया है।

कुछ लोगों का कहना है कि ये मुमकिन नहीं है। वहीं कुछ लोग मानते हैं कि कम सोकर भी रहा जा सकता है। हालांकि कुछ लोगों ने उसके एक्टिवनेश पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि अगर कोई अच्छी नींद ना ले तो काम तो बिल्कुल नहीं कर सकता है।

जापान के रहने वाले 40 साल के बिजनेसमैन डायसूके होरी पूरी तरह से फिट है। वो दिन भर सुपर एक्टिव तरीके से काम करते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने दिमाग को इतने अच्छे तरीके से ट्रेन कर दिया है कि उन्हें अब 30 मिनट से ज्यादा नींद की जरुरत नहीं पड़ती है। उन्होंने यह फैसला अपने काम की क्षमता को बढ़ाने के लिए लिया है। वो सोने के बजाए जिम में बिताना पसंद करते हैं। स्पोर्ट्स में भी वो काफी एक्टिव हैं। उनका मानना है कि खाना खाने से एक घंटा पहले कॉफी पीने से आपकी नींद और थकान दोनों दूर हो जाते हैं।

डायसूके बताते हैं कि उन्होंने इसकी ट्रेनिंग देने के लिए 2016 में एक एसोसिएशन भी शुरू किया है। जिसमें वे हेल्थ से जुड़ी जानकारी देते हैं। उन्होंने कम सोने का हुनर अबतक 2100 बच्चों को सिखाया है। जिससे की वो अपना समय बाकी कामों में दे और जीवन में सफल बनें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

‘अनंत चतुर्दशी’ के दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखकर एवं उनकी पूजा करके अनंत सूत्र बांधने से समस्त बाधाओं से मिलती मुक्ति

डेस्क:–हिन्दू धर्म में ‘अनंत चतुर्दशी’ (Anant Chaturdashi 2024) व्रत का बड़ा महत्व है। हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ‘अनंत चतुर्दशी’ (Anant Chaturdashi) मनाई जाती है। इस साल यह पर्व 17 सितंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी।

इस दिन भगवान हरि की पूजा करते हैं और पूजा के बाद अनंत धागा धारण करते हैं। इस दिन गणेश के विसर्जन के साथ दस दिन चलने वाले गणेशोत्सव का समापन भी होता है। यह व्रत धन और संतान की कामना से किया जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि, ‘अनंत चतुर्दशी’ तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा कर रक्षासूत्र बांधने से व्यक्ति के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व-

शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ 16 सितंबर, 2024 को दोपहर 03 बजकर 10 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अनंत चतुर्दशी मंगलवार, 17 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त ये रहेगा।

पूजा विधि

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद व्रत संकल्प लें और पूजा घर की सफाई करने के साथ गंगाजल का छिड़काव करें। उसके बाद कलश स्थापित करें।फिर कलश में बर्तन रखें। इसमें कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करें। अगर अनंत बनाना मुश्किल है, तो भगवान विष्णु की तस्वीर भी रख सकते हैं।इसके बाद अनंत सूत्र तैयार करने के लिए एक धागे में कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर इसमें 14 गांठ बांध लें। उसके बाद भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने चढ़ा दें।

अनंत चतुर्दशी का क्या है महिमा

अनंत चतुर्दशी भगवान नारायण के पूजन का पर्व है। इस दिन ही भगवान विष्णु ने 14 लोकों यानी तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी। इस दिन ही गणेश जी को विसर्जित करते हैं। जिन लोगों के रोग ठीक नहीं हो रहे हैं। उन लोगों को ये व्रत जरूर रखना चाहिए। परिवार में कोई भी इस व्रत को रख सकता है। चाहे पति के लिए पत्नी, पत्नी के लिए पति, पिता के लिए पुत्र यह व्रत कर सकता है।

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नक्सल प्रभावित बस्तर अब नारियल की खेती के लिए चर्चा में

डेस्क:–छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में नारियल की खेती तेजी से उभर रही है। बहुस्तरीय खेती की मदद से न केवल नारियल की उपज में वृद्धि हुई है, बल्कि खेतों का भी अधिकतम उपयोग होता जा रहा है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल रहा है और आमदनी भी बढ़ने लगी है।

बस्तर इलाके को कभी नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता था, लेकिन नक्सल प्रभावित बस्तर अब नारियल की खेती के लिए चर्चा में है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के बीजापुर, दंतेवाड़ा आदि जिलों में भी केरल की तरह नारियल का उत्पादन होने लगा है। इसके साथ ही साथ महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के आधा दर्जन किसान अब नारियल की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। नारियल विकास बोर्ड के लोग इसमें सहयोग कर रहे हैं। वैसे भी नारियल को दुनिया का सर्वाधिक उपयोगी पेड़ कहा जाता है।

नक्सल प्रभावित बस्तर अब नारियल की खेती के लिए चर्चा में
डेस्क:–छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में नारियल की खेती तेजी से उभर रही है। बहुस्तरीय खेती की मदद से न केवल नारियल की उपज में वृद्धि हुई है, बल्कि खेतों का भी अधिकतम उपयोग होता जा रहा है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल रहा है और आमदनी भी बढ़ने लगी है।

बस्तर इलाके को कभी नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता था, लेकिन नक्सल प्रभावित बस्तर अब नारियल की खेती के लिए चर्चा में है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के बीजापुर, दंतेवाड़ा आदि जिलों में भी केरल की तरह नारियल का उत्पादन होने लगा है। इसके साथ ही साथ महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के आधा दर्जन किसान अब नारियल की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। नारियल विकास बोर्ड के लोग इसमें सहयोग कर रहे हैं। वैसे भी नारियल को दुनिया का सर्वाधिक उपयोगी पेड़ कहा जाता है।
साल का दूसरा चंद्रग्रहण 18 सितंबर को,पॉजीटिव एनर्जी के लिए करें इन मंत्रों का जाप

डेस्क:– इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण जहां पर 18 सितंबर को लगने वाला है वहीं पर इस दिन को लेकर हिंदू धर्म में अलग मान्यता होती है। खगोलशास्त्र के अनुसार, खगोलीय घटना के बारे में वर्णन मिलता है तो वहीं पर इस दिन धार्मिक अनुष्ठान कराए जाते है। इस दौरान चंद्रग्रहण में कई नियमों और पूजा-पाठ के नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना आवश्यक माना गया है तो वहीं पर मंत्रों का जाप मन ही मन किया जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जहां पर पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है तो वहीं पर इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है इसके लिए बताए गए मंत्रों का जाप करना जरूरी होता है।

जानिए किन मंत्रों का जाप करना है जरूरी

चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक उर्जा को दूर भगाने के लिए आप इन खास मंत्रों का जाप चंद्रग्रहण के दौरान कर सकते है इससे सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और निगेटिव चीजें दूर भागती है।

1- ॐ नमः शिवाय:

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्रों में से एक है. सभी राशियों के लोग इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

2- “ॐ चंद्राय नमः”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह मंत्र चंद्रमा के गुण और ऊर्जा को स्वीकार करने और उसकी शांति प्राप्त करने के लिए है

3- “ॐ श्री सोमाय नमः”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह मंत्र विशेष रूप से चंद्र ग्रहण के समय ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

4- “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह मंत्र लक्ष्मी जी को समर्पित है. धन प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।

5- “ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नमः”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप यह मंत्र चंद्र देव को समर्पित है. मन की शांति और शीतलता के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।

6- “ॐ नमः भगवते चंद्राय”

चंद्र ग्रहण के दौरान आप चंद्र देवता को सम्मान देने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए यह मंत्र उपयोगी माना जाता है।

चंद्रग्रहण के दौरान ये काम रहेंगे वर्जित

आपको बताते चलें कि, चंद्रग्रहण के दौरान कई चीजें वर्जित होती है यानि ग्रहण के इस दौरान कुछ घंटे के लिए सूतक काल लगा होता है। मान्यता कहती है कि, इस दिन भोजन बनाना, खाना, सोना और कुछ अन्य कार्य वर्जित माने जाते हैं. ग्रहण के दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। इस दिन मंदिर के पट बंद होने से पूजा-पाठ नहीं होती है लेकिन इस दौरान कई चीजों का दान आप कर सकते है। शुभ फल की प्राप्ति के लिए अपने प्रिय भगवान के लिए मंत्रों का जाप करना भी जरूरी मानते है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।

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मंकीपॉक्स महामारी लहर के बाद अब जापान में एक सिफलिस वायरस ने दिया दस्तक

डेस्क :– दुनियाभर में मंकीपॉक्स महामारी की लहर जहां पर खतरनाक होते जा रही है वहीं पर अब जापान में एक वायरस ने दस्तक दे दिया है जिसके अनुसार राजधानी टोक्यो में इस वायरस के लगातार 2500 से ज्यादा मामले सामने आ रहे है। इस बीमारी का नाता यानि फैलने का कारण भी मंकी पॉक्स की तरह है तो इस वायरस को सिफलिस वायरस का नाम दिया गया है।

चीन, जापान में फैली बीमारियों का खतरा पूरी दुनिया में फैलता है जिसका बचाव करना जरूरी है चलिए अच्छी तरह से जानते है इस सिफलिस वायरस के बारे में।

जानिए क्या होता है सिफलिस वायरस

इस सिफलिस वायरस की बात की जाए तो, इसमें सिफलिस ट्रेपोनेमा पैलिडम नामक बैक्टीरिया यौन संपर्क के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलता है। इसके अंतर्गत इस वायरस के फैलाव में कई चरण होते हैं प्राइमरी सिफलिस में संक्रमित व्यक्ति के शरीर के निजी अंग,मुंह, जीभ या बगल में घाव या दाना होता है जिसमें दर्द नहीं होता है। इस बीमारी का प्रसार सबसे ज्यादा 20 से 50 साल के पुरुषों के साथ साथ 20 से 30 साल की औरतों को संक्रमित कर रहा है। इस बीमारी के फैलने की शुरुआत में त्वचा पर दानें नजर आते है तो वहीं पर लिम्फ नोड्स में सूजन आती है, बुखार के साथ कमजोरी आती है.इसके साथ साथ व्यक्ति के बाल गिरने शुरू हो जाते हैं. गंभीर मामलों में इसका दिल, दिमाग और रक्त कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ता है।

क्या होते है बीमारी के वास्तविक लक्षण

इस खतरनाक बीमारी के वास्तविक लक्षण की बात की जाए तो, अलग होते है इसके अनुसार इसमें कई प्रकार के लक्षण नजर आते है जो इस प्रकार है।

इस बीमारी में बुखार, त्वचा पर रैशेज, वजन घटना, बाल गिरना, गले में खराश, थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिर में दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन आदि तो सामान्य लक्षण होते है। लेकिन अगर कोई गर्भवती महिला सिफलिस से संक्रमित है तो उसके होने वाले बच्चे को भी ये वायरस होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चे का समय से पहले जन्म, जन्म लेते समय मौत, जन्म के समय वजन कम होने की संभावनाएं पैदा होती है।

अंतिम चरण में घातक होता है वायरस

आपको बताते चलें कि, यह सिफलिस वायरस वैसे तो कभी अपने सामान्य लक्षणों में रहता है लेकिन यह लंबे समय में विकसित होने वाला वायरस है जो अपने आखिरी चरण में घातक साबित होता है. अगर समय रहते इसके शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इलाज करवाया जाए तो व्यक्ति ठीक हो सकता है।

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हिंदी सिनेमा और संगीत की समृद्ध विरासत को सम्मानित और संरक्षित करने वाले भारतीय ओटीटी प्लेटफॉर्म्स लॉन्च की

डेस्क:– अल्ट्रा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट ग्रुप ने शुक्रवार को हिंदी सिनेमा और संगीत की समृद्ध विरासत को सम्मानित और संरक्षित करने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लॉन्च की घोषणा की। कंपनी ने ‘अल्ट्रा गाने’ और ‘अल्ट्रा प्ले’ के लॉन्च के साथ क्लासिक बॉलीवुड फिल्मों और सदाबहार हिंदी सिनेमा के फैंस के लिए एक विशेष डिजिटल अनुभव प्रदान किया है।

इन प्लेटफॉर्म्स पर दशकों से भारतीय मनोरंजन का प्रतीक रहे फिल्मों और गानों का संग्रह उपलब्ध कराया गया है, जिसके माध्यम से बॉलीवुड के दिग्गजों को सम्मानित किया गया है। इनमें फिल्म इतिहास के प्रसिद्ध क्लासिक्स और मूल्यवान रत्न को रिस्टोर किए गए फॉर्मेट में शामिल किया गया है। ‘अल्ट्रा प्ले’ प्लेटफॉर्म पर 1950 से अब तक प्रदर्शित राज कपूर, शक्ति सामंता, गुरु दत्त, विधु विनोद चोपड़ा, सुभाष घईआदि दिग्गजों द्वारा बनाई गई 2000 से अधिक हिंदी क्लासिक फिल्मों का खजाना उपलब्ध है।

अल्ट्रा गाने का परिचय

भारत का पहला विशेष वीडियो गाने का ओटीटी प्लेटफार्म अल्ट्रा गाने है। अल्ट्रा गाने, 1940 से आज तक 4,000 से अधिक सदाबहार हिंदी गाने स्ट्रीम करता है। देख के सुनो इनकी टैगलाइन है, और इस प्लेटफार्म पर रूप तेरा मस्ताना, बाबूजी धीरे चलना जैसे कई लोकप्रिय गानों का समृद्ध अनुभव मिलेगा। अल्ट्रा गाने प्लेटफार्म पर हर सप्ताह दो नए ओरिजिनल हिंदी गानों का स्ट्रीमिंग किया जाएगा और ये गाने उभरते कलाकारों के होंगे। इसके अलावा, इस प्लेटफॉर्म पर मराठी, गुजराती और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के वीडियो गाने भी जोड़े जाने की योजना है।

विशेष सब्सक्रिप्शन और सेवाएं

‘अल्ट्रा प्ले’ और ‘अल्ट्रा गाने’ दोनों प्लेटफार्म भारत में सिर्फ ₹199 के वार्षिक शुल्क और 99 तीन महीना के शुल्क उपलब्ध हैं, और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मूल्य बिंदुओं के साथ पेश किए गए हैं। दर्शक इन फिल्मों और गानों का उच्च गुणवत्ता में, विज्ञापन-मुक्त आनंद ले सकते हैं, जिससे यह अनुभव वाकई खास बन जाता है।

अल्ट्रा के अन्य प्रयास

अल्ट्रा ने 2023 में ‘अल्ट्रा झकास’ नामक एक विशेष मराठी ओटीटी एसवीओडी प्लेटफार्म लॉन्च किया था। इस प्लेटफार्म पर वर्तमान में 1500+ शीर्षक और 3000+ घंटे का उच्चतम गुणवत्ता वाला मराठी कंटेंट उपलब्ध है। इसका वार्षिक सब्सक्रिप्शन प्लान ₹199/- की मामूली कीमत पर है, और इस प्लेटफार्म के 7 लाख डाउनलोड हो चुके हैं, जिनमें से 80% वॉचटाइम महाराष्ट्र से है और शेष 20% दुनिया भर से है।

आप व्हाट्सएप के नए फीचर को जरूर जान लें, अब सेलिब्रिटी की आवाज में कर सकेंगे चैट

डेस्क :– वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा बहुत जल्दी अपने इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप में टू-वे वॉयस चैट AI फीचर जोड़ने वाली है। वॉट्सऐप में इस फीचर के एडऑन होने के बाद यूजर्स को वॉयस चैट में एक अलग एक्सपीरियंस मिलेगा।

हाल में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप का ये नया फीचर्स यूजर्स को सेलिब्रिटी की वॉइस यूज करने का मौका देगी। इस फीचर की बदौलत वॉट्सऐप पर यूजर्स को नया एक्सपीरियंस मिलेगा ।

मेटा AI वॉइस मोड

वॉट्सऐप फीचर ट्रैकर WABetaInfo की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार मेटा के वॉयस चैट फीचर में AI वॉइस का ऑप्शन मिलेगा।साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वॉट्सऐप पर रोल आउट होने वाला ये फीचर फिलहाल एंड्रॉयड बीटा टेस्टर पर उपलब्ध है। जिसे जल्द ही OTA के जरिए यूजर्स तक पहुंचाया जाएगा।

WABetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप के AI वॉइस फीचर में यूजर्स को कई जानी-मानी हस्तियों की आवाज यूज करने के लिए मिलेगी। WABetaInfo के स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि मेटा AI वॉयस फ़ीचर अलग-अलग पिच, टोनलिटी और लहजे के साथ कई तरह की आवाज़ें पेश करेगा, जो एक कस्टमाइज़्ड इंटरैक्शन अनुभव प्रदान करेगा।

वॉट्सऐप में कैसी आवाज कर सकेंगे यूज

WABetaInfo के अनुसार वॉट्सऐप के AI वॉइस फीचर में यूजर्स को सिलेक्टिव सेलिब्रिटी की आवाज इस्तेमाल करने के लिए मिलेगी। इस फीचर में यूके और यूएस लहजे में भी वॉइस यूज करने का मौका मिलेगा। पिछले साल, मेटा ने मैसेंजर पर कस्टम AI चैटबॉट पेश किया था। जो सेलिब्रिटी के प्रोफाइल को दिखाता है।

इसके अलावा, इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म पर मेटा AI वॉयस मोड के लिए इंटरफ़ेस सीधा होने की उम्मीद है। सक्रिय होने पर, यूजर्स को नीचे की शीट पर “मेटा AI” प्रमुखता से दिखाई देगा और बीच में एक नीला रिंग आइकन होगा। वॉट्सऐप में इस फीचर के एडऑन होने के बाद मेटा AI चैटबॉट और पावरफुल होगा।

बारिश में रेफ्रिजरेटर को किस मोड पर करना चाहिए यूज? जान लेंगे तो नहीं होगा नुकसान, वरना पैसों की बर्बादी तय

बारिश के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे आपके घरेलू उपकरणों, विशेष रूप से रेफ्रिजरेटर (फ्रिज), पर इसका असर पड़ सकता है. अगर आप कुछ खास बातों का ध्यान नहीं रखते, तो यह फ्रिज की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और बिजली की खपत भी बढ़ा सकता है। यहां कुछ ऐसी गलतियां बताई जा रही हैं जो बारिश के मौसम में फ्रिज इस्तेमाल करते समय नहीं करनी चाहिए, और साथ ही, रेफ्रिजरेटर को किस मोड पर सेट करना चाहिए।

फ्रिज के बैक साइड वेंट्स को बंद न करें

कई लोग बारिश में नमी से बचाने के लिए फ्रिज के पीछे लगे वेंट्स को बंद कर देते हैं। ऐसा करने से फ्रिज के कूलिंग सिस्टम पर असर पड़ सकता है और यह ओवरहीट हो सकता है। इसलिए, बैक साइड के वेंट्स को साफ और खुला रखें।

डिफ्रॉस्ट मोड में करें सेट

बारिश के मौसम में फ्रिज के अंदर नमी अधिक हो सकती है, जिससे फ्रिज के अंदर बर्फ जमने लगती है. इस स्थिति में, रेफ्रिजरेटर को डिफ्रॉस्ट मोड पर सेट करें। इससे फ्रिज के अंदर जमी हुई बर्फ पिघल जाएगी और उसकी कार्यक्षमता बेहतर हो जाएगी।

कूलिंग टेम्परेचर को कम करें

बारिश में मौसम ठंडा रहता है, इसलिए आपको अपने फ्रिज का कूलिंग टेम्परेचर थोड़ा कम (1-5 डिग्री सेल्सियस) सेट करना चाहिए। इससे बिजली की बचत होगी और फ्रिज सही तरीके से काम करेगा। कई रेफ्रिजरेटर में मॉइश्चर कंट्रोल फीचर होता है। इसे बारिश के मौसम में ऑन करें ताकि अंदर की नमी को नियंत्रित रखा जा सके और फ्रिज के अंदर के खाने-पीने की चीज़ें ज्यादा देर तक ताज़ा रहें।

ओवरलोडिंग न करें

फ्रिज को जरूरत से ज्यादा सामान से भरने से इसकी कूलिंग एफिशिएंसी कम हो जाती है। बारिश के मौसम में नमी और अधिक होती है, जिससे फ्रिज को कूलिंग करने में और मेहनत करनी पड़ती है। फ्रिज को ठीक से काम करने के लिए उसमें पर्याप्त जगह होनी चाहिए।