आखिर क्यों सबसे पहले पूजे जाते हैं भगवान गणेश?जानें इनकी पीछे की कहानी

भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम देव माना जाता है. उनकी पूजा-अर्चना से सारे कष्ट दूर होते हैं. भगवान गणेश हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय देवों में से एक हैं. गणेश चतुर्थी के मौके पर देशभर में भगवान गणेश की पूजा होती है और खासतौर पर उनके जन्म के रूप में इस त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन भगवान गणेश हिंदू धर्म के ऐसे भगवान हैं जिनकी पूजा सबसे ज्यादा होती है. किसी भी काम को शुरू करने से पहले लोग भगवान गणेश का नाम लेते हैं और उनकी पूजा करते हैं. उन्हें हिंदू धर्म में भाग्य का देवता भी कहा जाता है. बता रहे हैं कि आखिर वो कौन सी कथा है जिस आधार पर भगवान गणेश हिंदू धर्म के प्रथम देव हैं.

क्यों सबसे पहले पूजे जाते हैं भगवान गणेश?

पौराणिक मान्यताओं की मानें तो सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. एक बार की बात है. सभी देवी-देवता ही आपस में भिड़ गए कि आखिर सबसे पहले किसकी पूजा की जानी चाहिए. आपस में देवताओं को इस तरह भिड़ता देख वहां पर नारद जी प्रकट हुए. उन्होंने सभी देवताओं को सलाह दी कि इस सवाल के समाधान के लिए वे शिव जी के पास जाएं. सभी देवता इसके बाद शिव जी के पास गए और उनके सामने ये सवाल रखा. बहुत सोचने के बाद शिव जी ने भी सभी के सामने एक प्रतियोगिता रखी. इस प्रतियोगिता का आधार यही था कि जो भी इसे जीतेगा वही सबसे पहले पूजे जाने का अधिकारी होगा.

क्या थी प्रतियोगिता और कौन जीता?

शिव जी ने कहा कि सभी देवी-देवताओं को अपने-अपने वाहन से पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाना होगा. जो भी सबसे पहले पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर वापिस आ जाएगा उसे सबसे पहले पूजा जाएगा. सभी देवी-देवता इसके बाद अपना-अपना वाहन लेकर ब्रह्मांड यात्रा पर निकल गए. लेकिन इस दौरान वहां पर मौजूद गणेश जी दुविधा में पड़ गए और सोच-विचार करने लग गए. दरअसल भगवान गणेश की सवारी चूहा है और चूहा बहुत छोटा होता है. साथ ही वो धीमे भी चलता है. ऐसे में भगवान गणेश को लगा कि इस सवारी के साथ वे ब्रह्मांड की यात्रा सबसे पहले कैसे कर पाएंगे. ये लगभग असंभव सा था.

कौन है हिंदू धर्म के प्रथम देवता?

इसके बाद भगवान गणेश ने एक तरकीब निकाली. उन्होंने पास खड़े अपने माता-पिता, शिव-पार्वती जी का 7 बार परिक्रमा किया और उनके सामने आकर खड़े हो गए. जब बाद में सभी देवी-देवता ब्रह्मांड की परिक्रमा कर के वापिस लौटे तो वहां पर पहले से ही गणेश जी मौजूद थे. गणेश जी को वहां पर देखकर सभी हैरान रह गए. सभी को लगा कि भगवान गणेश चूहे की सवारी से कैसे ब्रह्मांड की यात्रा इतनी जल्दी कर पाए. तब शिव जी ने गणेश भगवान को विजयी घोषित करते हुए बताया कि इस संसार में माता-पिता को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. उनसे ऊपर किसी का दर्जा नहीं है. ऐसे में माता-पिता की परिक्रमा करना साक्षात ब्रह्मांड की परिक्रमा के समान है. तभी से किसी भी भगवान से पहले गणेज जी का नाम आता है और वे हिंदू धर्म के प्रथम देव हैं.

मुंबई का सबसे अमीर गणपति मंडल: गणपति प्रतिमा का बीमा हुआ 400 करोड़ रुपए से अधिक

भारत में त्योहारों की रौनक अलग ही होती है. इस समय देश में गणपति उत्सव की धूम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में एक पंडाल ऐसा भी है जिसके गणपति इंश्योरेंस कंपनियों की पहली पसंद हैं. इसकी वजह भी साफ है, क्योंकि ये गणपति उनके लिए बड़े बिजनेस का मौका लेकर आते हैं. इस पंडाल की गणपति प्रतिमा का इस साल 400 करोड़ रुपए से भी अधिक का बीमा हुआ है.

यहां बात हो रही है, मुंबई के गौड़ सारस्वत ब्राह्मण सेवा मंडल के गणपति पंडाल की, जो मुंबई के किंग सर्कल पर गणपति प्रतिमा की स्थापना करता है. ये मुंबई का सबसे अमीर गणपति मंडल है. मंडल ने गणपति उत्सव के दौरान प्रतिमा के लिए 400.58 करोड़ रुपए का बीमा कराया है.गौड़ सारस्वत ब्राह्मण सेवा मंडल के गणपति की स्थापना 7 सितंबर को हुई है. ये उत्सव 5 दिन चलने वाला है और यहां के गणपति 11 सितंबर को विदा हो जाएंगे.

इंश्योरेंस कंपनियों के लिए बिजनेस का टाइम

ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में करीब 2,000 गणपति उत्सव समितियां हैं.इनमें से अधिकतर समितियां हर बीमा करवाती हैं.इस तरह इंश्योरेंस कंपनियों के लिए गणपति उत्सव पूरी तरह बिजनेस करने का मौका होता है. बीमा कवर में अक्सर भगवान गणेश की प्रतिमा को पहनाए जाने वाले सोने के आभूषण, दर्शन करने आने वाले भक्तों की सुरक्षा, आग या कोई अन्य दुर्घटना इत्यादि जोखिम को शामिल किया जाता है.

गौड़ सारस्वत ब्राह्मण सेवा मंडल के गणपति उत्सव में बैंक लॉकर से लाए जाने वाले सोने के आभूषण और उनके बैंक लॉकर में लौटने तक की अवधि के लिए बीमा कवर किया जाता है.

बीमा के प्रीमियम का कैलकुलेशन

अगर बात इन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम के कैलकुलेशन की करें, तो एक करोड़ रुपए के सम एश्योर्ड के लिए ये करीब 20,000 रुपए के बराबर होता है. इस पर जीएसटी अलग से देना होता है. मुंबई में गणपति उत्सव से ठीक पहले जन्माष्टमी के मौके पर ‘दही हांडी’ उत्सव भी जोर-शोर से मनाया जाता है. तब इसमें शामिल होने वाले गोविंदा के लिए बीमा कंपनियां 75 रुपए के प्रीमियम पर पर्सनल एक्सीडेंट कवरेज उपलब्ध कराती हैं. इस साल ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने इस बीमा से 75 लाख रुपए का प्रीमियम जमा किया था.

जम्मू-कश्मीर के अखनूर में पाकिस्तान की गोलीबारी, बीएसएफ का एक जवान घायल, हाई अलर्ट जारी

इस वक्त बड़ी खबर जम्मू-कश्मीर के अखनूर से आ रही है जहां बुधवार की सुबह करीब 2:35 मिनट पर सीमा पार पाकिस्तान की ओर से अकारण गोलीबारी की घटना सामने आई है. हालांकि इस गोलीबारी का BSF ने बहादुरी से जवाब दिया लेकिन इस जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया है. अब सीमा पर तैनात जवान पूरी तरह से हाई अलर्ट पर हैं.

गोलीबारी की यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब बीएसएफ के एक आला अधिकारी का बयान एक दिन पहले ही आया था, जिसमें कहा गया था कि सीमाओं पर घुसपैठ पर रोक के लिए उपाय किए गए हैं ताकि जम्मू-कश्मीर में 370 हटने के बाद पहली बार होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में आतंकवादी घुसपैठ कर गड़बड़ी न कर सकें.

दो आतंकवादी मारे गए

बयान में कहा गया था, “सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं क्योंकि बीएसएफ ने पुलिस समेत सहयोगी एजेंसियों के साथ घुसपैठ विरोधी सभी जरूरी इंतजाम किए हैं. मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ऐसी कोई एक्टिविटी नहीं होगी. इससे पहले इंडियन आर्मी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में LOC के पास नौशेरा इलाके में रविवार और सोमवार की रात को शुरू किए गए घुसपैठ विरोधी ऑपरेशन में घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया गया था.

एक्स पर किया था पोस्ट

दहशतगर्दों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया. यह जानकारी सुरक्षाबलों की ओर से दी गई. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, “दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है और दो AK-47 और एक पिस्तौल समेत बड़ी मात्रा में युद्ध जैसे सामान बरामद किए गए हैं. वहीं इससे भी पहले जम्मू के सुंजवान आर्मी बेस के बाहर आतंकवादियों की ओर से की गई गोलीबारी में एक सैनिक घायल हो गया था, जिसने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया था.

वायुसेना के हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण आपात स्थिति में लैंडिंग, दोनों पायलट सुरक्षित

भारतीय वायुसेना के एक प्रशिक्षण हेलीकॉप्टर को सोमवार को आपात स्थिति में लैंडिग कराना पड़ा है. वायुसेना के हेलीकॉप्टर में कुछ तकनीकी खराबी आने के कारण इसे तमिलनाडु के चेन्नई के पास इमरजेंसी लैंडिंग कराया गया. हेलीकॉप्टर को पोरपंडल के निकट धान के खेत में आपात स्थिति में उतरना पड़ा. पुलिस ने इसकी जानकारी दी है.

पुलिस ने बताया कि हेलीकॉप्टर को दो लोग उड़ा रहे थे और जब यह सालवक्कम थाना क्षेत्र के अंतर्गत पोरपंडल के पास पहुंचा तो अचानक इसमें तकनीकी खामी आ गई. वहीं, इसके बाद पायलट को इसे आपात स्थिति में धान के खेत में उतारना पड़ा. अधिकारियों ने कहा कि इसके तुरंत बाद, इस हेलीकॉप्टर को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए एक अन्य हेलीकॉप्टर भेजा गया

इससे पहले तेलंगाना में भी हुई थी ऐसी ही घटना

अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत का काम पूरा होने के बाद दोनों हेलीकॉप्टर अपने बेस पर लौट आए. इससे पहले पांच सितंबर को तेलंगाना के नलगोंडा में भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी. इस हेलीकॉप्टर ने विजयवाड़ा से उड़ान भरी थी, जिसके बाद कुछ तकनीकी खराबी के बाद नलगोंडा जिले में इसकी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी.

भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण इसे नलगोंडा जिले के चित्याला में एक खेत में उतारा गया था. वहीं वायुसेना के एक अन्य हेलीकॉप्टर को हेलीकॉप्टर की मरम्मत के लिए भेजा गया था. हालांकि इस घटना में पायलट समेत हेलीकॉप्टर में सवार किसी को भी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.

लद्दाख में अपाचे हेलीकॉप्टर की हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग

दुनिया के सबसे ताकतवर भारतीय वायु सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर की इस साल अप्रैल में लद्दाख में इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी थी. हालांकि, इस घटना के दौरान गनीमत रही कि पालयट दल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. लेकिन अपाचे हेलीकॉप्टर पहाड़ी इलाके के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था. वहीं, भारतीय वायुसेना ने अपाचे हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के कारण की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए थे.

पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू, पीएम मोदी ने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी संख्या में लोगों से देश के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों के लिए नामित करने का अनुरोध किया है. पीएम मोदी ने आज सोमवार को अपने एक पोस्ट में कहा कि पिछले एक दशक के दौरान जमीनी स्तर से जुड़े अनगिनत नायकों को पीपुल्स पद्म (लोगों के पद्म) से सम्मानित किया जा चुका है. अब और अधिक संख्या में लोगों को पुरस्कारों के लिए प्रेरक हस्तियों को नामित करने का आग्रह भी किया.

उन्होंने कहा कि पुरस्कार विजेताओं की जीवन यात्रा ने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, “पिछले एक दशक के दौरान, हमने पीपुल्स पद्म के साथ अनगिनत जमीनी स्तर के नायकों को सम्मानित किया है. पुरस्कार विजेताओं की जीवन यात्रा ने बड़ी संख्या में लोगों को प्रेरित भी किया है. उनके शानदार काम में उनका धैर्य और दृढ़ता साफ तौर से दिखाई भी देती है.”

कई नामांकन आने पर खुशीः PM मोदी

लोगों से बड़ी संख्या में पुरस्कारों के लिए नामित करने की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सहभागी बनाने के मकसद से, हमारी सरकार लोगों को अलग-अलग पद्म पुरस्कारों के लिए दूसरों को नामित करने के लिए आमंत्रित कर रही है.” मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें खुशी है कि पुरस्कार के लिए कई नामांकन आए हैं.

पीएम मोदी ने कहा, “नामांकन

दाखिल करने की अंतिम डेट इस महीने की 15 तारीख है. इसलिए मैं अधिक लोगों से पद्म पुरस्कारों के लिए प्रेरक हस्तियों को नामित करने का अनुरोध करता हूं.” प्रधानमंत्री ने साथ ही संबंधित ऑनलाइन पोर्टल का लिंक भी साझा किया है जहां पर जाकर पद्म पुरस्कारों के लिए प्रेरक हस्तियों का नामांकन किया जा सकता है.

सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में पद्म पुरस्कार

पद्म पुरस्कार को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में गिना जाता है. पद्म पुरस्कार के तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री आते हैं. साल 1954 में इन पुरस्कारों को स्थापित किया गया है. इन पद्म पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है. इन पुरस्कारों के अंतर्गत अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिग्गज हस्तियों को सम्मानित किया जाता है.

पद्म पुरस्कार कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, मेडिकल, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, सिविल सेवा, लोक कार्य, निर्माण, व्यापार एवं उद्योग जैसे सभी क्षेत्रों और विषयों में विशिष्ट तथा असाधारण उपलब्धियों या सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं. इन पुरस्कारों के लिए जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी लोग पात्र होते हैं. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले अन्य सरकारी सेवक भी शामिल हैं, वो पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं होते हैं.

आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को कोर्ट से बड़ी राहत, बिजली चोरी का केस हुआ खत्म

समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हमसफर रिसॉर्ट में बिजली चोरी का केस खत्म हो गया है. वो दोष मुक्त करार दी गई हैं. फातिमा ने जमा की गई 32 लाख रुपये की समन राशि के आधार पर केस को खत्म करने की अर्जी दी थी. सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद मुकदमा खत्म कर दिया है.

सपा नेता आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ शहर कोतवाली में 5 सितंबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसमें आरोप था कि तंजीम के हमसफर रिसोर्ट में बिजली की चोरी हो रही थी. उस वक्त डूंगरपुर बिजलीघर के जेई राहुल रंजन ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने इस मामले में विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी.

मई में तंजीम को हाई कोर्ट से मिली थी बड़ी राहत

इसके बाद मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चल रही थी. अब जाकर तंजीम फातिमा को बड़ी राहत मिली है. इसी साल मई में तंजीम फातिमा को इलाहाबाद हाई कोर्ट से एक केस में बड़ी राहत मिली थी. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में 24 मई को कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दी थी.

इस वजह से नहीं हो पाई थी आजम और उनके बेटे की रिहाई

जेल से बाहर आने के बाद तंजीम फातिमा ने कहा था कि न्याय की जीत हुई है. रामपुर की एक अदालत ने खान के परिवार के तीन सदस्यों को जालसाजी का दोषी पाया था. हालांकि हाई कोर्ट से सभी को जमानत मिली थी. मगर, आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की रिहाई नहीं हो पाई थी. इसकी वजह ये थी कि उनके खिलाफ और कई अन्य मामले भी चल रहे हैं.

3 जनवरी 2019 को बीजेपी नेता ने दर्ज कराई थी शिकायत

स्थानीय कोर्ट की ओर से दोषी ठहराए जाने के बाद 2023 के 28 अक्टूबर से तंजीम जेल में थीं. अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में कोर्ट ने उन्हें सात साल की कैद की सजा सुनाई थी. ये मामला 3 जनवरी 2019 का है. बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा था कि आजम और उनकी पत्नी ने बेटे अब्दुल्ला के लिए दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे.

दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: शराब घोटाला मामले में दो आरोपियों को मिली जमानत

दिल्ली में शराब घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाई कोर्ट ने आरोपी बिजनेसमैन समीर महेंद्रू और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मनप्रीत सिंह रयात को जमानत दे दी है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दी है. शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी भी न्यायिक हिरासत में है. उन्हें शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल चुकी है, लेकिन भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की ओर से आरोपी बनाए जाने के मामले में अभी तक जमानत नहीं मिली है.

ईडी ने समीर महेंद्रू को 28 सितंबर,

2022 में गिरफ्तार किया था. महेंद्रू पर आरोप है कि वह आबकारी नीति मामले में नियमों के उल्लंघन के प्रमुख लाभार्थियों में से एक है क्योंकि वो न केवल अल्कोहलिक बेवरेज मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चला रहा था बल्कि अपने रिश्तेदारों के नाम पर कुछ खुदरा लाइसेंस के साथ थोक लाइसेंस भी दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन था.

ईडी ने पिछले साल रयात को किया था गिरफ्तार

ईडी ने शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल रयात को गिरफ्तार किया था. जिस पर 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान के लिए कथित तौर पर नकद में पैसे के प्रबंधन करने का आरोप लगा. रयात की गिरफ्तारी के बाद मामला आगे बढ़ता चला गया है और 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.

पिछले सप्ताह विजय नायर को मिली थी जमानत

पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज रहे विजय नायर को जमानत दे दी थी. नायर की गिरफ्तारी शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और उसके बाद बीआरएस नेता के कविता को भी जमानत मिल गई. विजय नायर को करीब 23 महीने तक जेल में रहना पड़ा था. नायर की गिनती उन लोगों में से होती है जिन्हें शराब घोटाला मामले में पहले गिरफ्तार किया गया था.

तत्कालीन मुख्य सचिव की रिपोर्ट से हुआ था खुलासा

दिल्ली शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था. इसके बाद मामला सीबीआई के पास पहुंचा और फिर इसमें ईडी की भी एंट्री हो गई. सीबीआई और ईडी ने दावा किया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. दिल्ली के केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया.

स्मार्टफोन खो जाने पर क्या करें? जानें आसान तरीके से ट्रैक और रीसेट करने का तरीका

अपना स्मार्टफोन खो देना एक बहुत ही परेशानी भरा एक्सपीरियंस हो सकता है. इसमें न सिर्फ आपके पर्सनल डेटा की चोरी का खतरा होता है, बल्कि आपके लिए यह पैसों का भी नुकसान भी हो सकता है. लेकिन घबराएं नहीं, क्योंकि कुछ आसान तरीकों से आप अपने खोए हुए स्मार्टफोन को ट्रैक कर सकते हैं और उसे रीसेट भी कर सकते हैं.

ट्रैक और रीसेट करना इसलिए जरूरी है ताकि कोई व्यक्ति आपके फोन का गलत इस्तेमाल न कर सके.

स्मार्टफोन हमारी लाइफ का अहम हिस्सा बन चुका है. इसलिए इसमें प्राइवेट जानकारी भी रहती है. अगर ये इन्फॉर्मेशन गलत हाथों में चली जाए तो आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. कोई आपके साथ फ्रॉड भी कर सकता है. इसलिए स्मार्टफोन खोने पर समय रहते कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए, जिसमें फोन को ट्रैक और रीसेट करना सबसे अहम हैं.

खोया हुआ फोन ऐसे ट्रैक करें

Google Find My Device: अगर आपका एंड्रॉयड फोन खो गया है, तो गूगल फाइंड माई डिवाइस फीचर से इसे ट्रैक कर सकते हैं. यह फीचर तब काम करेगा जब आपने फोन में पहले से गूगल अकाउंट से साइन इन किया हुआ है. गूगल फाइंड माई डिवाइस ऐप पर जाकर गूगल अकाउंट से साइन इन करें. यहां आपको गूगल अकाउंट से साइन इन किए सभी फोन की लिस्ट मिल जाएगी.

जो फोन खो गया है, उसे चुने और लोकेशन ट्रैक करने के ऑप्शन से लोकेशन को ट्रैक करें. अगर आपका फोन चालू होगा और इंटरनेट एक्टिव होगा तो लोकेशन ट्रैक हो जाएगी. आप चाहें तो यहीं से फोन पर अलार्म बजा सकते हैं. इसके अलावा यहीं Erase Data के ऑप्शन से फोन का सारा डेटा डिलीट करने की सुविधा मिलती है. यहां से आप फोन को लॉक भी कर सकते हैं.

Apple Find My: अगर आपका iPhone खो गया है, तो इस फीचर का इस्तेमाल किया जा सकता है. ‘एपल फाइंड माई’ का इस्तेमाल करके आप अपने आईफोन को ट्रैक कर सकते हैं. यहीं से आप आईफोन को रीसेट कर सकते हैं. यह सर्विस गूगल फाइंड माई डिवाइस की तरह ही काम करती है.

फोन को कब रीसेट करें?

अगर आपको लगता है कि आपका फोन वापस नहीं मिलेगा, तो आप उसे रिमोटली फैक्ट्री रीसेट कर सकते हैं. इससे आपके फोन में मौजूद सभी डेटा मिट जाएगा और आपका फोन अपनी फैक्ट्री सेटिंग्स पर वापस आ जाएगा. ‘गूगल फाइंड माई डिवाइस’ और ‘एपल फाइंड माई’ के जरिए आप ऐसा कर सकते हैं

फोन खोने पर करें ये काम

SIM कार्ड ब्लॉक करें: अपने नेटवर्क प्रोवाइडर को कॉल करके अपनी SIM कार्ड को ब्लॉक करवा दें. इससे कोई भी व्यक्ति आपके फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.

पुलिस में शिकायत दर्ज करें: अगर आपको लगता है कि आपका फोन चोरी हो गया है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएं.

अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी को जनकारी दें

अगर आपके फोन में आपके बैंक या क्रेडिट कार्ड की जानकारी है, तो तुरंत अपनी बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी को इंफॉर्म करें.

अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को सिक्योर करें:

सोशल मीडिया अकाउंट्स को सिक्योर करने के लिए उनके पासवर्ड को बदल दें.

खोया हुआ फोन ढूंढना मुश्किल हो सकता है, लेकिन ऊपर बताए गए तरीकों से आप अपने खोए हुए फोन को ढूंढने और उसे सुरक्षित करने की कोशिश कर सकते हैं.

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा, पीएम मोदी से की मुलाकात

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का स्वागत किया और दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से गले मिलकर एक-दूसरे का अभिवादन किया।

क्राउन प्रिंस ने पीएम से की मुलाकात

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और एक-दूसरे से बातचीत की और फिर बैठक की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख खालिद बिन जायद अल नाहयान 8 सितंबर को भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे।

पीयूष गोयल ने किया स्वागत

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने क्राउन प्रिंस के आगमन पर उनका स्वागत किया। राष्ट्रीय राजधानी में उतरने के बाद उनका औपचारिक स्वागत भी किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ऐतिहासिक संबंधों में एक नया मील का पत्थर। महामहिम शेख खालिद बिन जायद अल नाहयान भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। पीयूष गोयल ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनका औपचारिक स्वागत किया।" जायसवाल द्वारा साझा की गई तस्वीरों में, पीयूष गोयल को शेख खालिद बिन जायद अल नाहयान का अभिवादन करते हुए और पूर्व को औपचारिक स्वागत करते हुए देखा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर 9-10 सितंबर को भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए मुंबई आएंगे

भारत की अपनी यात्रा के दौरान, उनका राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का कार्यक्रम है। वह महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी जाएंगे। 10 सितंबर को, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस एक बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए मुंबई आएंगे, जिसमें दोनों देशों के कारोबारी नेता भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "भारत और यूएई के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। हाल के वर्षों में, भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी राजनीतिक, व्यापार, निवेश, संपर्क, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में गहरी हुई है।" इसमें कहा गया है, "क्राउन प्रिंस की यात्रा भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी और नए और उभरते क्षेत्रों में साझेदारी के लिए रास्ते खोलेगी।"

पीएम मोदी ने यूएई का दौरा किया

इस साल फरवरी में, पीएम मोदी ने यूएई का दौरा किया। उन्होंने भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों पर यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ चर्चा की और आठ समझौतों का आदान-प्रदान किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति अल नाहयान ने भारत और यूएई के बीच भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर एक अंतर-सरकारी ढांचे के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन का स्वागत किया, जो क्षेत्रीय संपर्क को आगे बढ़ाने में यूएई और भारत द्वारा उठाए गए कदमों को दर्शाता है।

केरल होटल मालिक पर 1 लाख 10 हजार का लगा जुर्माना: ऑनलाइन बुकिंग के बावजूद कमरा देने से किया इनकार

केरल के एर्नाकुलम में एक शख्स ने OYO होटल में ऑनलाइन रूम बुक किए. लेकिन जैसे ही वो होटल पहुंचा तो उसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना उसने शायद कभी नहीं की होगी. होटल मालिक ने शख्स को कमरे देने से साफ इनकार कर दिया. मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट तक जा पहुंचा. कोर्ट ने होटल मालिक को 1 लाख 10 हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने होटल मालिक को जुर्माना लगाते हुए कहा- ऑनलाइन बुकिंग एप्लीकेशन के माध्यम से पहले से कमरे बुक करने के बावजूद होटल मालिक ने कस्टमर और उसके परिवार को कमरा नहीं दिया. इस कारण उन्हें जो दिक्कत हुई है, उसके लिए होटल मालिक को खामियाजा भुगतना होगा. इसलिए होटल मालिक एक लाख रुपये कस्टमर को देगा और 10 हजार रुपये अदालती खर्च भी देगा.

ग्राहक अरुण दास ने अपनी शिकायत में कहा था- मैं अपने बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रात में होटल गया था. लेकिन बुकिंग करने के बावजूद हमें होटल मालिक ने कोई कमरा नहीं दिया. उस रात दूसरा होटल ढूंढने के लिए हमें काफी परेशानी हुई. बड़ी मुश्किल से फिर एक होटल हमें मिला, जहां हम उस रात रुके.

कस्टमर ने बताया उस रात क्या हुआ था?

कोर्ट ने अरुण दास द्वारा दायर शिकायत के आधार पर होटल मालिक को 30 दिनों के भीतर एक लाख रुपये का मुआवजा और 10,000 रुपये का अदालती खर्च देने का निर्देश दिया है. शिकायतकर्ता ने कहा, जब हम रात 10 बजे के करीब होटल पहुंचे तो होटल मालिक ने हमें कमरे देने से मना कर दिया. उन्होंने प्रति कमरे 2,500 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी मांगा. इसके साथ ही हमें अपने बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रात भर यात्रा करनी पड़ी और दूसरा होटल ढूंढना पड़ा.

उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष डीबी बीनू और सदस्य वी रामचंद्रन और टीएन श्रीविद्या ने कहा, ‘होटल मालिक ने शिकायतकर्ता के परिवार के साथ विश्वासघात किया है. इसके कारण परिवार को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि मानसिक पीड़ा भी हुई है. इसलिए होटल मालिक पर यह जुर्माना लगाया गया है.’