पटना में डेंगू का कहर जारी, 31 नये मरीजों के साथ संख्या बढ़कर हुई 508

डेस्क : राजधानी पटना में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिन-प्रतिदिन इसके मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को पटना जिले में डेंगू के 31 नए मरीज मिले हैं।

सबसे अधिक कंकड़बाग में आठ, बांकीपुर में दो, नूतन राजधानी अंचल में चार, अजीमाबाद में चार, पटना सिटी में एक, पाटलिपुत्र में छह और बाकी मरीज जिले के अन्य ग्रामीण इलाके के रहने वाले हैं। इसके साथ ही पटना जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 508 हो गई है। गौर हो कि बीते 15 दिन में डेंगू के कारण छह मरीजों की मौत हो चुकी है।

ये इलाके बने डेंगू के हॉटस्पॉट

राजधानी पटना के कंकड़बाग अंचल का भूतनाथ रोड डेंगू का नया हॉटस्पॉट बन गया है। यहां एक ही परिवार के छह लोग डेंगू से पीड़ित होकर गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। सभी को कंकड़बाग के डॉक्टर्स कॉलोनी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भूतनाथ रोड और इसके आसपास के मोहल्ले बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी, एमआईजी, एलआईजी, टीवी टावर में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। घर-घर लोग इससे पीड़ित हैं। 

लोगों को सावधानी बरतने की सलाह

जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने लोगों से डेंगू से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील की। कहा कि मच्छरों से बचने के लिए घर में मॉस्किटो रिप्लेंट लगाने, मच्छरदानी लगाने, आसपास में पानी जमा हो तो उसमें किरासन या रसायन का छिड़काव करने की सलाह दी है।

कैबिनेट का बड़ा फैसला : राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 7559 नए पदों पर होगी बहाली

डेस्क : राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 7559 नए पदों पर बहाली होगी। बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति दी गई।

कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य के नए स्थापित 6421 उत्क्रमित उच्च माध्यमिक स्कूलों में एक-एक विद्यालय सहायक बहाल होंगे। नियत वेतन पर उनकी बहाली होगी। इन 6421 स्कूल सहायकों के पद सृजन और उन पर सालाना खर्च होने वाली 1.27 अरब रुपये की स्वीकृति कैबिनेट ने दी। इसी तरह योजना एवं विकास विभाग और पीएचईडी में 350-350 कनीय अभियंता की नियुक्ति को मंजूरी मिली। इनपर 26.50 करोड़ खर्च होंगे। 

उन्होंने बताया कि योजना एवं विकास विभाग के तहत एमपी-एमएलए-एमएलसी फंड से होने वाले वाले विकास कार्यों के क्रियान्वयन, सुपरविजन और निगरानी करने के लिए 350 कनीय अभियंता (सिविल) की बहाली के लिए तकनीकी पर्यवेक्षकों की सेवा आउटसोर्सिंग पर ली जाएगी। इन पदों पर काम करने वाले इंजीनियरों पर सालाना 13.25 करोड़ रुपये खर्च की मंजूरी दी गई है। वहीं, पीएचईडी में भी नल-जल, सरकारी चापाकल और पेयजल की अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन, सुपरविजन और निगरानी करने के लिए 350 कमीय अभियंता (सिविल) की बहाली के लिए तकनीकी पर्यवेक्षकों की सेवा आउटसोर्सिंग पर ली जाएगी। 

ग्रामीण कार्य विभाग में संविदा पर 231 सहायक अभियंताओं का नियोजन होगा। जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास एवं अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास के संचालन के लिए 91 छात्रावास प्रबंधक के पद सृजन की स्वीकृति दी गई है। वहीं बिहार स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी पटना में प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए पदाधिकारियों एवं कर्मियों के नए 60 पद सृजन की मंजूरी दी गयी। जल संसाधन विभाग के तहत 56 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है।

पटना के सुल्तान पैलेस को हेरिटेज होटल के रुप मे किया जायेगा विकसित, राजधानी में बनेगे तीन नये फाइव स्टार होटल

डेस्क : राजधानी पटना स्थित सुल्तान पैलेस हेरिटेज होटल के रूप में विकसित होगा। सुल्तान पैलेस की वर्तमान संरचना को ही विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही राजधानी में तीन नए पांच सितारा होटल का निर्माण का होगा। बीते मंगलवार को हुई राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई है।

पटना के बांकीपुर बस स्टैंड, होटल पाटलिपुत्र अशोक एवं सुल्तान पैलेस परिसर की भूमि पर फाइव स्टार होटल का निर्माण होगा। जन-निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) के तहत होटल बनेंगे।तीनों जगह पर होटल विकसित करने के लिए अब निविदा आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। तीनों जगह पर पहले भी होटल निर्माण का निर्णय लिया जा चुका है। 

पाटलिपुत्र अशोक होटल और बांकीपुर बस स्टैंड की जमीन पर स्थित वर्तमान संरचना को तोड़ा जाएगा। लीज अवधि पहली बार तय की गई है। यह अवधि 60 वर्ष की होगी। इसका विस्तार 30 वर्षों के लिए होगा। होटल के साथ रिटेल बाजार के लिए जगह होगी। यानी इन होटलों के निर्माण के लिए प्रस्तावित भूखंडों का मिश्रित उपयोग होगा। इसका हॉस्पिटैलिटी एवं रिटेल बाजार (मॉल) के लिए उपयोग होगा।

राज्य में फिर शुरु होगी सीएम ग्रामीण सेतु योजना, ग्रामीण कार्य विभाग करेगा 100 मीटर तक के लंबे पुल-पुलियों का निर्माण

डेस्क : बिहार में एकबार फिर से मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना प्रारंभ होगी। राज्य सरकार आठ साल बाद फिर से इस योजना को शुरु करने पर बीते मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक मे अपनी मुहर लगा दी है। 

कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध संपर्कता के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना की स्वीकृति दी गयी है। इसके तहत ग्रामीण पथों पर आवश्यकतानुसार पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना में 100 मीटर तक के लंबे पुल-पुलियों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग करेगा जबकि 100 मीटर से अधिक लंबे पुल-पुलियों का निर्माण पुल निर्माण निगम करेगा। हालांकि, निर्माण के लिए पुल-पुलियों का चयन ग्रामीण कार्य विभाग ही करेगा। वहां से लंबाई के अनुसार निर्माण की जिम्मेवारी अलग-अलग सौंपी जाएगी। 

बताते चलें कि 2016 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना को बंद कर दिया गया था। बीते दिनों दो दर्जन ग्रामीण पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने और इनके रख-रखाव को लेकर समस्या खड़ी होने के बाद राज्य सरकार ने इस योजना को फिर शुरू करने का निर्णय लिया था जिस पर मुहर लगी है।

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, कुल 46 एजेंडों को दी गई मंजूरी

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। आज मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में हुई कैबिनेट की बैठक में 46 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मंत्रिपरिषद की ओर से मंजूरी दी गई है।

ग्रामीण कार्य विभाग के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना की स्वीकृति दी गई है। कृषि उत्पादन के भंडारण, विपणन, मूल्य संवर्धन, निर्यात संवर्धन, ग्रामीण हाटों का विकास के लिए कृषि विभाग के अधीन कृषि विपणन निदेशालय के गठन की स्वीकृति दी गई है।

बिहार पर्यटन ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग नीति 2024 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई है। पर्यटकों की सुविधा के लिए पीपीपी मोड पर पटना में 3 पांच सितारा होटल के निर्माण एवं संचालन की स्वीकृति दी गई है।

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद प्रशासन एवं स्थापना संवर्ग विनियमावली 2024 की स्वीकृति दी गई है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के स्वामित्व वाली भूमि पर मीठापुर मेट्रो रेल स्टेशन के रैंप निर्माण के लिए 23 करोड़ 52 लाख के भुगतान पर पटना मेट्रो को उक्त जमीन हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी गई है।

बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों के लिए कल 60 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। ग्रामीण कार्य विभाग में संविदा के आधार पर 231 सहायक अभियंता की नियोजन की स्वीकृति दी गई है। योजना एवं विकास विभाग में कार्य हित में 350 तकनीकी पर्यवेक्षकों की सेवा आउटसोर्सिंग के माध्यम से कनीय  अभियंता के पद पर नियमित नियुक्ति होने तक प्राप्त किए जाने एवं उसे पर होने वाले अनुमानित वार्षिक व्यय 13 करोड़ 25 लाख 73000 की स्वीकृति दी गई है।

कैबिनेट ने लंबे से अनाधिकृत से अनुपस्थित रहने के आरोप में सात सरकारी चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया है। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिमुलतला के चिकित्सक डॉक्टर चमन लाल, सदर अस्पताल जमुई के चिकित्सक रवि कुमार चौधरी, रोहित कुमार बसाक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राणपुर के चिकित्सक रविश रंजन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धमदाहा के चिकित्सक शकील जावेद, कटिहार के डॉक्टर अमित कुमार और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवरा बाजार बी कोठी पूर्णिया के डॉक्टर मसीहुर रहमान शामिल हैं।  

बिहार के 6421 उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 6421 सहायक के पद सृजित किया गया है। इस पर एक अरब 27 करोड़ 13 लाख 58 हजार रुपए का वार्षिक व्यय होगा।

कारा निदेशालय में 10 कार्यालय परिचारियों के अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। बिहार विधान मंडल के सचेतक को उप मंत्री के बदले राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने को लेकर बिहार विधान मंडल नेता विरोधी दल, संसदीय सचिव, सचेतक और सदन नेता (वेतन भत्ता) नियमावली के संशोधन की स्वीकृति दी गई है।
कांग्रेस की तरह किसानों को झांसा देकर ठगने का काम नहीं करती है मोदी सरकार, उनकी आय बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार कटिबद्ध :- अरविन्द सिंह

डेस्क :- मोदी सरकार कांग्रेस की तरह किसानों को झांसा देकर उन्हें ठगने का काम नहीं करती हैं,  बल्कि अपने वादों को मंजूरी देकर किसानों के उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने का काम करती है। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कही है।

उन्होंने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए मोदी सरकार कटिबद्ध हैं इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार 14235.30 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली सात योजनाओं के जरिए किसानों का जीवन स्तर को बेहतर बनाने तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार दृढ़ता पूर्वक काम कर रही है।

मोदी सरकार अपने योजनाओं परियोजनाओं के जरिए लगातार किसानों के उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने का काम कर रही है। इसलिए 2,817 करोड़ रुपये कुल परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन के जरिए जो की सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के स्वररूप पर आधारित हैं। इसमें प्रौद्योगिकी का उपयोग के जरिए किसानों का जीवन को बेहतर बनाने का काम करेगी मोदी सरकार, वहीं कुल 3,979 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ खाद्यान्नब के लिए फसल विज्ञान और पोषण संबंधी सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त करने का काम कर रही है मोदी सरकार। इससे  किसानों को जलवायु लचीलेपन के लिए तैयार किया जाएगा और 2047 तक किसानों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करेगी मोदी सरकार। और तो और 2,291 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को मजबूत करने का काम करेगी मोदी सरकार, इसके द्वारा कृषि छात्रों और शोधकर्ताओं को वर्तमान चुनौतियों के लिए तैयार किया जाएगा।

श्री अरविन्द ने कहा कि मोदी सरकार साथ ही 1,702 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के जरिए पशुधन स्वास्थ्य एवं उत्पादन को बनाए रख कर पशुधन और डेयरी से किसानों की आय को बढ़ाना का काम करेगी। इसके अतिरिक्त किसानों की आय बढ़ाने के लिए 1129.30 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ बागवानी पौधों से किसानों की आय बढ़ाना की दिशा में काम सुनिश्चित करेगी मोदी सरकार।

जबकि दूसरी ओर मोदी सरकार कृषि क्षेत्र को और बेहतर बनाने के लिए 1,202 करोड़ रुपये के परिव्यय के द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण करने का काम करेगी।  और साथ ही प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए 1,115 करोड़ रुपये के परिव्यय के जरिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कर के *कृषि क्षेत्र और किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत होकर दृढ़ता पूर्वक काम कर रही है मोदी सरकार।

वहीं मोदी सरकार हर वह मुमकिन प्रयास और पहल कर रही है जिससे किसानों की उन्नति हो सके और उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सके। मोदी सरकार कांग्रेस की तरह सिर्फ कहने में नहीं जनता को किए गए अपने वादों को मंजूरी देकर के, अपने वादों पूरा कर के दिखाने में विश्वास रखती हैं।
बिहार के एक कोचिंग संस्थान में फायरिंग, गोली लगने से एक छात्रा गंभीर रुप से घायल

डेस्क : बिहार के शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों के हथियार लेकर पहुंचने और गोली चलाने की खबर कुछ ज्यादा ही मिलनी शुरु हो गई है। बीते दिनों प्रदेश के सुपौल जिले में एक निजी स्कूल के नर्सरी के छात्र ने तीसरी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे को गोली मार दी थी। वहीं अब एक ऐसी घटना मुजफ्फरपुर जिले से सामने आई है। जहां एक कोचिंग सेंटर में पिस्टल लेकर पहुंचे एक छात्र द्वारा गोली चलाने से एक छात्रा घायल हो गई है। जिसे इलाज के लिए अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। 

मिली जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र  स्थित मेंटोर वाटिका कोचिंग सेंटर में दसवीं कक्षा की पढ़ाई चल रही थी। कक्षा का ही एक छात्र घर से लोडेड पिस्टल लेकर पहुंच गया था। जैसे ही क्लास खत्म हुई और बच्चे जाने की तैयारी में थे, तभी हंसी मजाक में छात्र ने अपने बैग से पिस्टल निकाल लिया और गोली चला दी। गोली वहां मौजूद छात्रा को लग गई और छात्रा बेहोश होकर गिर गई।

घटना के बाद घायल छात्रा को गंभीर स्थिति में मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि छात्रा के साथ पढ़ने वाली ही एक छात्रा ने घटना को अंजाम दिया है। घटना के बाद इलाक़े में हड़कंप मच गया है।

इस दौरान छात्र ने मजाक-मजाक में गोली चला दी जो एक छात्रा को लग गई। छात्रा बेहोश होकर गिर गई। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। अन्य बच्चे भागने लगे, तभी उपस्थित शिक्षक ने इस बात की सूचना परिजनों को देते हुए तत्काल इलाज के लिए छात्रा को मुजफ्फरपुर के निजी अस्पताल में भेजा, जहां उसका इलाज चल रहा है।

गोली छात्रा के कमर के पास लगी है। वहीं छात्रा ने बताया कि कोचिंग क्लास में मेरे पीछे एक लड़का बैठा था। वह मेरे ही गांव का है, जिसके द्वारा गोली मार दी गई है। वहीं पुलिस इस बात की अब खोजबीन में जुट गई है कि आखिर यह हथियार बच्चे को मिला कहां से? क्या हथियार घर से लाया था या फिर किसी ग्रुप से खरीदा गया?

पूरे मामले में पूछे जाने पर सकरा थाना के थानेदार राजू कुमार पाल ने बताया कि घटना के बाद आरोपित छात्र फरार हो गया है। पुलिस की टीम कार्रवाई में जुटी है। जल्द उसकी गिरफ्तारी होगी।
बिहार के 14 डीएसपी को मिली प्रोन्नति, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार में अधिकारियों का स्थानांतरण और प्रोन्नति देने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में अब राज्य सरकार ने 14 पुलिस उपाधीक्षकों को वरीय पुलिस उपाधीक्षक में प्रोन्नति दी है। इस संबंध में गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें  इसके पहले भी बड़ी संख्या में पुलिस उपाधीक्षकों को वरीय पुलिस उपाधीक्षक में प्रोन्नति दी गई थी। वही अब वरीय पुलिस उपाधीक्षक को एएसपी और एएसपी को स्टाफ ऑफिसर में प्रोन्नत किया गया है। जिन 14 पुलिस उपाधीक्षक को वरीय पुलिस उपाधीक्षक में प्रोन्नति दी गई है, उनमें राजकुमार साह , संजीत कुमार प्रभात, संजीव कुमार, सिंधु शेखर सिंह, गणपति ठाकुर, सौरभ जायसवाल, अमित कुमार, कुमार सुमित, दिलीप कुमार, रंजन कुमार, अशोक कुमार पांडेय, संतोष कुमार ,ओम प्रकाश अरुण और रविशंकर प्रसाद शामिल हैं। यह सभी अधिकारी मूल कोटि के हैं।

इन्हें वेतनमान स्तर-11 में प्रोन्नति दी गई है।अब ये सभी पुलिस उपाधीक्षक वरीय पुलिस उपाधीक्षक कहे जाएंगे। पदभार ग्रहण करने की तिथि से इन सभी अधिकारियों का वरीय पुलिस उपाधीक्षक का वेतनमान मिलेगा।
*बिहार में बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर बड़ी पहल, अब ऐसे वाहनों को ही जारी होगा ई-चालान*

डेस्क : प्रदेश में बालू के अवैध खनन रोकने के लिए सरकार द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है। वाहनों की आवाजाही और इसके रूट निर्धारण को लेकर इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली की मदद से चौकसी शुरू की गई है। अब जिन वाहनों में जीपीएस उपकरण लगे होंगे, सिर्फ उन्हें ही ई-चालान जारी होंगे। बिना ई-चालान वाहनों का बालू घाटों से बाहर निकलना और चेक पोस्ट पार करना संभव नहीं होगा।

सभी बालू घाटों या खनन पट्टा वाले इलाकों की गूगल मैप पर को-ऑर्डिनेट (निर्देशांक) निर्धारित किया गया है, ताकि इनके सही स्थान की जानकारी हो सके। खनन वाले सभी घाटों पर सीसीटीवी कैमरे से चौबीस घंटे नजर रखी जा रही है। 

इसके लिए खनन विभाग के मुख्यालय में 24 घंटे काम करने वाले कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है। यहां बालू लोड करने के लिए आने वाले जीपीएस से लैस वाहनों के को-ऑर्डिनेट का मिलान किया जाता है। इसके बाद ही इनका ई-चालान जारी होगा। संबंधित वाहन का सही लोकेशन के साथ चालान में यह दर्ज हो जाता है कि किस घाट से कितने बजे बालू लोड किया और इसे कहां तक जाना है।

बिहार कैडर के प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों ने मुख्यालय में दिया योगदान, डीजीपी ने शिष्टाचार मुलाकात के दौरान दिए यह सुझाव*

डेस्क : बिहार कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2021-22 बैच के प्रशिक्षु पदाधिकारियों ने एनपीए, हैदराबाद में दूसरे चरण की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय में योगदान दिया है। उन्हें छह दिवसीय प्रशिक्षण के लिए पटना हाईकोर्ट के साथ संबद्ध किया गया है।

वहीं पुलिस मुख्यालय में योगदान देने के बाद इन प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों ने बिहार के पुलिस महानिदेशक आलोक राज से शिष्टाचार मुलाकात कर मार्गदर्शन प्राप्त किया। इस दौरान डीजीपी ने इन अफसरों को सुझाव दिया की स्पीडी ट्रायल से अपराधियों को त्वरित सजा दिलाएं। सोमवार को सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय में हुई इस मुलाकात के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेन्द्र सिंह गंगवार एवं पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) विनय कुमार भी मौजूद थे। 

प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों में मोहिबुल्लाह अंसारी, कोटा किरण कुमार, शैलेन्द्र सिंह, अतुलेश झा, अभिनव, सुश्री दिव्यांजली जायसवाल एवं शिवम धाकड़ शामिल थे। डीजीपी आलोक राज ने इन प्रशिक्षु पदाधिकारियों को बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दी। 

बिहार कैडर के प्रशिक्षु पुलिस पदाधिकारियों में शैलेन्द्र सिंह एवं अतुलेश झा मूल रूप से उत्तर प्रदेश, कोटा किरण कुमार तेलंगाना, सुश्री दिव्यांजली जायसवाल छत्तीसगढ़, शिवम धाकड़ मप्र, सुश्री भावरे दीक्षा अरुण महाराष्ट्र की एवं मोहिबुल्लाह अंसारी तथा अभिनव बिहार के हैं।