*रेशम विकास के लिए सीएसटीआरआई से अनुबंध करेगा आईआईसीटी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। टेक्सटाइल के क्षेत्र में डिग्री प्रदान करने वाली एशिया की इकलौती भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) जूट के बाद अब रेशम विकास को लेकर समझौते के प्रयास में जुटी है। संस्थान इसको लेकर प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है। संस्थान जल्द ही केंद्रीय रेशम औद्योगिक अनुसंधान संस्थान (सीएसटीआरआई) के साथ इन बिंदुओं पर लेकर चर्चा करेगा। आईआईसीटी के निदेशक डाॅ. राजीव कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि ऊन के विकास के लिए संस्थान शुरू से ही काम कर रहा है। इसके लिए वस्त्र मंत्रालय ने संस्थान को विभिन्न प्रकार के टेस्टिंग लैब प्रदान किया है। जिससे उद्यमी लाभान्वित भी हो रहे हैं।इसी कड़ी में कालीन उद्यमियों को उच्च कोटि के जूट की उपलब्धता, जूट से संबंधित उत्पादों पर अनुसंधान, जूट के नकारात्मक पक्षों को जान कर उन्हें दूर करने और कौन से जूट यार्न कालीन और फ्लोर कवरिंग में सबसे उपयोगी सिद्ध होंगे। इस पर काम करने के लिए जेसीआई से समझौता किया गया है।इसको लेकर कालीन उद्यमियों के लिए कार्यक्रम भी शुरू कर दिया गया है। इसी दिशा में अब संस्थान रेशम (सिल्क) कालीनों और हस्तशिल्प के विकास के लिए सीएसटीआरआई, बंगलोर के साथ समझौते के लिए मसौदा तैयार कर रहा है। बताया कि भारत से भदोही, मिर्जापुर, कश्मीर, दिल्ली, पानीपत, जयपुर क्षेत्र से अच्छी मात्रा में सिल्क कालीनों का निर्माण और निर्यात हो रहा है। सिल्क से और क्या-क्या हस्तशिल्प बन सकता है। आने वाले दिनों में सीएसटीआरआई बंगलोर से समझौते के बाद इसी पर अनुसंधान और विकास करेंगे, जो कालीन और हस्तशिल्प उद्यमियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होने वाला है।
*फर्जी प्रमाणपत्र से की नौकरी, छह शिक्षकों की सेवा समाप्त*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। फर्जी प्रमाणपत्र एवं दूसरे के अभिलेख से नौकरी करने वाले छह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। विश्वविद्यालय एवं बोर्ड से सत्यापन रिपोर्ट आने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह कार्रवाई की। कई बार नोटिस भेजने के बाद भी जवाब न देने पर विभाग ने यह कदम उठाया। 15 से 20 साल तक विभाग में सेवा करने वाले ऐसे शिक्षकों से वेतन की वसूली की जाएगी। इसकी कवायद में विभाग जुटा है। जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। जिसमें चार हजार से अधिक शिक्षकों की तैनाती है। शासन स्तर से जरूरत के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। पिछले पांच से छह साल में नियुक्ति से लेकर अन्य गतिविधियां ऑनलाइन होने से प्रमाणपत्र की खामियां उजागर हो जाती हैं, लेकिन डेढ़ से दो दशक पूर्व की नियुक्ति प्रक्रिया कागजों में ही चलती थी।विश्वविद्यालय एवं बोर्ड स्तर पर होने वाले सत्यापन में भी गड़बड़ी से फर्जी एवं दूसरे के प्रमाणपत्र पकड़ में नहीं आते। प्रेरणा पोर्टल पर सभी अभिलेख ऑनलाइन होने के बाद प्रदेश स्तर पर बड़ी संख्या में शिक्षकों के प्रमाणपत्र संदिग्ध मिले। जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालय एवं बोर्ड से अभिलेखों का सत्यापन कराया गया। जिले में जनवरी से अप्रैल तक ऐसे छह शिक्षकों के निवास प्रमाणपत्र, आचार्य, शास्त्री, बीएड, यूपी बोर्ड के प्रमाणपत्र या तो फर्जी मिले या दूसरे विद्यार्थी के अंकित मिले। विभाग ने सभी को छह से अधिक नोटिस जारी कर जवाब मांगा, लेकिन स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। जिसको संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी। जिन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई वह विद्यालयों में 15 से 20 साल तक सेवा दे चुके हैं। ऐसे में सभी ने दो से तीन करोड़ रुपये सरकारी राजस्व का चुना लगाया। अब विभाग इन शिक्षकों से वेतन की रिकवरी कराने में जुटा है। इन शिक्षकों पर की गई कार्रवाई ज्ञानपुर। कंपोजिट विद्यालय गंगापुर तलिया के शिक्षक राजकुमार राय निवासी बरदह आजमगढ़, प्राथमिक विद्यालय लांगनबारी के निर्भय नारायण यादव निवासी ग्राम गोसलपुर गाजीपुर, कंपोजिट विद्यालय गड़ेरियापुर के शिक्षक चंद्रशेखर यादव निवासी बाराडीह, अवराई बलिया, कंपोजिट विद्यालय लक्षमणिया के इम्तियाज अहमद निवासी माधोसिंह, कंपोजिट विद्यालय द्वारिकापुर के रामचंद्र यादव निवासी कलापुर सुवधैं और एके मिश्रा शामिल हैं।

सत्यापन में किसी के प्रमाणपत्र फर्जी मिले तो किसी ने दूसरे अभ्यर्थी के प्रमाणपत्र को लगाया था। नोटिस के बाद भी जवाब न देने पर छह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। जुलाई 2022 से अब तक 14 शिक्षकों पर कार्रवाई की जा चुकी है। - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए।
*यूयॉर्क में अंतर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन में डॉ. भारतेन्दु द्विवेदी सम्मानित*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अमेरिका में न्यूयॉर्क स्थित होफ्स्ट्रा यूनिवर्सिटी में आर्य प्रतिनिधि सभा अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें अंतरराष्ट्रीय जगत के 800 से अधिक विद्वानों ने भाग लिया । इस सम्मेलन में डॉक्टर भारतेन्दु द्विवेदी पूर्व विभागाध्यक्ष संस्कृत काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर को भी व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था। जहां पर प्रभावी उद्बबोधन पर उन्हें सम्मानित किया गया। आयोजित कार्यक्रम में डॉ भारतेन्दु द्विवेदी को खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण पर शाकाहार का प्रभाव विषय दिया गया था । डॉक्टर भारतेन्दु द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शाकाहार में सभी आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। शाकाहार से मनुष्य के विचारों में परिवर्तन होता है । मानवीय दृष्टिकोण उद्बुद्ध होता है। मनुष्य का जीवन स्वस्थ, उन्नत मनोबल और चरित्रिक गुणों से पूर्ण होता है । वेद और गीता इसी का संदेश देते हैं । वाहनों से होने वाले प्रदूषण से अधिक प्रदूषण मांसाहार के लिए पशुपालन से होता है । पशुपालन से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैस ग्लोबल वार्मिंग सबसे गंभीर संकट विश्व के समक्ष है । इस सम्मेलन में डॉक्टर भारतेन्दु द्विवेदी को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया । इस सम्मेलन में भारत, सिंगापुर, मॉरीशस , ऑस्ट्रेलिया, कनाडा , सूरिनाम ,गुयान, केन्या ब्रिटेन , जर्मनी आदि देशों के विद्वानों ने भाग लिया तथा विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए । जिसमें वेद ,भारतीय संस्कृति और संस्कृत विषय से संबंधित विषय थे।
*भदोही में आरक्षण को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे भारत मोर्चा के कार्यकर्ता, जिला अधिकारी को दिया ज्ञापन*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। देश के सभी राज्यों में एक समान आरक्षण लागू करने से लेकर भारत मोर्चा के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी आवाज बुलंद किया। जिला अधिकारी को ज्ञापन दिया। जिला अध्यक्ष कैलाश नाथ गौतम ने बताया कि आरक्षण को लेकर तिथि वार आंदोलन किया जाएगा। भारत मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष कैलाश नाथ गौतम के नेतृत्व में मुख्यालय पहुंचकर अपनी आवाज बुलंद की। जिला अध्यक्ष ने कहा कि कई राज्यों में ओबीसी का 27% आरक्षण लागू नहीं है। सभी राज्यों में तत्काल मंडल कमीशन मे बताई गई ओबीसी की संख्या के आधार आरक्षण लागू किया जाए। कहां की रिजर्वेशन इंप्लीमेंटेशन एक्ट बनाया जाए, जिससे एसटी एससी ओबीसी के आरक्षण के साथ हो रही धोखाधड़ी को रोका जा सके। निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू किया जाए,एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए। जिला अध्यक्ष ने कहा कि अपने उक्त मांगों को लेकर विभिन्न आंदोलन किया जा रहा है। जिसके क्रम में आज राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन कार्यकर्ताओं द्वारा हो रहा है ।15 अक्टूबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर काफी संख्या में कार्यकर्ता व पदाधिकारी ग्राम मौजूद रहे।
*लगेगी मेहंदी और पीले होंगे 800 गरीब बेटियों के हाथ*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में गरीब परिवारों की 800 बेटियों की शादी कराई जाएगी। इसके लिए 14 सितंबर की तिथि तय कर दी गई है। प्रत्येक ब्लॉक में शहनाई बजेगी और गरीब बेटियों के हाथ पीले होंगे। उधर तिथि तय होते ही पात्र जोड़ों का चयन कर शादी संपन्न कराने की तैयारी में समाज कल्याण विभाग सहित ब्लाॅक कार्यालय व नगर निकाय जुट गए हैं। सभी बीडीओ को पात्रों का चयन करने का निर्देश दिया गया। समाज कल्याण विभाग की ओर से 14 सितंबर को होने वाले सामूहिक विवाह में करीब 800 बेटियों की शादी का लक्ष्य बनाया है। समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने बताया कि 14 सितंबर को सभी ब्लॉकों में सामूहिक विवाह का आयोजन होगा। नगर पंचायत अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों की शादी नजदीकी ब्लाॅक कार्यालयों की परिसर में होगी। इसके अलावा औराई, ज्ञानपुर, भदोही, सुरियावां,डीघ और अभोली ब्लॉक के बीडीओ को निर्देश दिया गया है।
*आलू और प्याज के दाम नहीं हो रहे कम , परेशानी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। बड़े व्यापारियों द्वारा आलू, प्याज समेत अन्य जरूरी खाद्य सामानों की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। परिणामस्वरूप जहां सामानों के दामों में आग लगी हुई है। वहीं लोगों का बजट बिगड़ जा रहा है। बाजार में आलू 25 से 30 रुपए किलो तथा प्याज 50 रुपए किलो बिक रहा है। समय रहते सरकार व प्रशासन के संज्ञान नहीं लिया तो आने वाले माह में शादी विवाह का सीजन शुरू होने के बाद आम आदमी की थाली से आलू के गायब होने से इनकार नहीं किया जा सकता। शिकंजा कसने की मांग है।
*दो लाख 95 हजार पशुओं का हुआ टीकाकरण*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मानसून सीजन में पशुओं को होने वाली गलाघोंटू बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिले भर में कुल 22 टीमें अलग-अलग क्षेत्र में इस अभियान लगीं हैं। अब तक जिले के दो लाख 95 हजार 552 पशुओं को गलाघोंटू का टीका लगाया जा चुका है। जिले भर में कुल तीन लाख 32 हजार पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य है। जिले में तीन स्थायी और 28 अस्थायी गोशालाओं में करीब आठ हजार गोवंश संरक्षित हैं। इसके अलावा करीब तीन लाख 24 हजार पशु गांवों में पालकों के यहां हैं। बारिश के सीजन में पशुओं में गलाघोंटू बीमारी की समस्या बढ़ जाती है। बारिश के सीजन में निकलने वाले घासों में कई ऐसी होती हैं, जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं।घासों में मौजूद अम्लीय तत्वों की वजह से पशुओं को गलाघोंटू की बीमारी हो जाती है। जिससे पशु कमजोर हो जाते हैं। हर साल पशुओं को इससे बचाने के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण किया जाता है। इस साल भी 15 जुलाई से अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत अब तक दो लाख 95 हजार पशुओं को गलाघोंटू का टीका लगाया जा चुका है। अभी तक जिन भी पशुओं को टीका नहीं लग सका है। विभाग उन पशुओं का सर्वे कर पशुपालकों से संपर्क कर पशुओं का टीकाकरण कर रही है।ज्ञानपुर पशु अस्पताल के डॉ. विनोद यादव ने बताया कि गलाघोंटू का नि:शुल्क टीका घर-घर जाकर पशुकर्मी लगा रहे हैं। 22 टीमें गठित कर टीकाकरण किया जा रहा है। यह टीका मवेशियों को साल में एक बार लगाया जाता है। टीका लगाने के बाद पशुुओं में गलाघोंटू नामक बीमारी न
*राजकीय स्कूलों में बनेंगे शौचालय, खर्च होंगे 1.32 करोड़ रुपये*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के छह राजकीय हाईस्कूल में 1.32 करोड़ की लागत से मल्टीपरपज शौचालय बनाए जाएंगे। इसमें छह बालक और छह बालिकाओं के लिए शौचालय के साथ यूरिनल बनेगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्यदायी संस्था का चयन कर निर्माण की तैयारी में जुट गया है।बालिकाओं को घर के पास हाईस्कूल तक की शिक्षा देने के लिए साल 2009 में 33 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को उच्चीकृत कर हाईस्कूल का दर्जा दिया गया था। एक-एक विद्यालय पर 58-58 लाख की लागत से भवन, शौचालय, लैब, पेयजल की सुविधाएं दी गई थीं। करीब डेढ़ दशक में देखरेख न होने से शौचालय और पेयजल की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, जिससे यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है।माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से कई बार प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। 2023-24 में प्रोजेक्ट अलंकार योजना शुरू होने से विद्यालयों में कई मूलभूत सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं। पेयजल, शौचालय से लेकर अन्य सुविधाओं को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है।छह राजकीय विद्यालयों में 22 लाख प्रति विद्यालय की दर से 1.32 करोड़ खर्च कर छह-छह शौचालय बनाए जाएंगे। इसमें तीन बालक और तीन बालिकाओं के लिए रहेंगे। इसमें यूरिनल की भी व्यवस्था की गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि परियोजना से 50 फीसदी बजट मिल चुका है। कार्यदायी संस्था चयनित हो गई है। कुछ विद्यालयों में निर्माण भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि दो से तीन महीने के अंदर शौचालय का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
*कुत्तों का हमला बढ़ा, एक दिन में 50 ने लगवाया एंटी रेबीज*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। बारिश के सीजन में कुत्तों से लेकर बंदरों तक के हमले बढ़ गए हैं। ब्लॉक क्षेत्र के अलग-अलग गांव में एक सप्ताह के अंदर 150 से अधिक लोग जानवरों के हमले के शिकार हो गए। बुधवार को सीएचसी औराई में 50 महिलाओं, बच्चों और पुरुषों ने एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाए। बारिश में भादों का महीना शुरू होने से कुत्तों में बदलाव शुरू हो जाता है। इससे वह लोगों पर हमला करना शुरू कर देते हैं। ग्रामीण अंचलों में जहां कुत्तों के हमले से लोग परेशान हैं, वहीं औराई चौराहे पर बंदर लोगों को घायल कर रहे हैं। मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक 50 से अधिक लोग सीएचसी औराई पहुंचे और एंटीरेबीज का इंजेक्शन लगवाए। कुत्ते के काटने से अमीरपट्टी निवासी अरुण कुमार (24), उपरौठ निवासी साडो देवी (38), गोरी निवासी विकास यादव (32), औराई निवासी बबलू (22) गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं बिल्ली के काटने से सांवरा निवासी शिवांश (11) और अंश पाल घायल हुए। बंदरों के आतंक से औराई निवासी पन्ना कुमार (52) भी गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे जानवरों को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
*जिले में पहली बार होगी स्ट्रॉबेरी की खेती, दो हेक्टेयर लक्ष्य तय*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी। एकीकृत बागवानी योजना के तहत किसानों को इसके लिए 40 फीसदी अनुदान भी मिलेगा। पहले साल दो हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी। विभाग में किसानों की चयन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। किसानों को प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर लाभ मिलेगा।किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। कई किसानों का परंपरागत खेती को छोड़ कर तकनीकी खेती की ओर रुझान बढ़ा है। अब तक अधिकतर किसान गेंहू और धान की खेती तक सीमित थे। हालांकि अब किसानों में बदलाव आ रहा है। किसान परंपरागत खेती को छोड़कर तकनीकी खेती की ओर बढ़े हैं। अब वे सब्जी सहित विभिन्न प्राकृतिक खेती में अपने हाथ आजमा रहे हैं। इस खेती में किसानों को कम लागत में बेहतर मुनाफा होता है। इस साल जिले में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी। इसके लिए शासन से किसानों को 40 फीसदी अनुदान भी मिलेगा। एक हेक्टेयर की स्ट्रॉबेरी की खेती में करीब 1.25 लाख रुपये अनुमानित खर्च आते हैं। उद्यान विभाग की ओर से किसानों को लागत का 40 फीसदी अनुदान मिलेगा। किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करके एक साल में करीब एक लाख से दो लाख रुपये तक प्रति हेक्टेयर इनकम कमा सकते हैं। शुरुआती दौर में थोड़ी दिक्कत होती है। इसके बाद व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाती हैं। जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव ने बताया कि एकीकृत बागवानी मिशन में सबसे अधिक 125 हेक्टेयर में सब्जी की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें कद्दू, नेनुआ, लौकी, करेला, बजर बट्टू, पातगोभी, फूलगोभी, भिंडी, शिमला मिर्च आदि शामिल है। एक हेक्टेयर में सब्जी की खेती करने पर करीब 50 हजार रुपये का खर्च भी है। इसी में दो हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी। कार्यालय से सत्यापन के बाद ही किसानों का चयन किया जाएगा।