देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है जन्माष्टमी का पर्व , कृष्ण मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
आज पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. हर तरफ कान्हा की भक्ति में रंगे श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की खुशी चारों ओर छाई हुई है. जन्माष्टमी के अवसर पर सभी मंदिर खूबसूरत रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगा रहे हैं. हर कृष्ण मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. मंदिरों में कृष्ण लीला और भजन से संबंधित प्रोग्राम चल रहे हैं. हर तरफ गोविंदा की धुन गूंज रही है. रात 12 बजे भगवान कृष्ण के जन्म के साथ ही सभी मंदिरों में भगवान कृष्ण और लड्डू गोपाल की विशेष पूजा-अर्चना होगी. लड्डू गोपाल को विशेष मिठाइयों और पकवानों का भोग लगाया जाएगा. लड्डू गोपाल के भोग के लिए इस खास दिन घरों में लोग तरह-तरह की मिठाइयां बनाते हैं
देश के कोने-कोने में सभी मंदिर दुल्हन की तरह सजे हुए हैं. बहुत से मंदिरों में झाकियां भी लगाई गई हैं. छोटे-छोटे बच्चे राधे-कृष्ण की वेशभूषा धारण किए हुए हैं. ज्यादातर मंदिरों में भजन-कीर्तन के प्रोग्राम हो रहे हैं. भक्तजन इन कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में मंदिरों में जमा हो गए हैं.
इन मंदिरों में जन्माष्टमी की विशेष धूम
यूं तो जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में ही पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है, लेकिन मथुरा-वृंदावन, जगन्नाथ पुरी, द्वारकाधीश मंदिर और सभी इस्कॉन मंदिरों में जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है. इस कारण यहां इस पर्व की विशेष धूम रहती है. इन स्थानों पर जन्माष्टमी के दौरान भव्य सजावट, भक्तिमय संगीत और विशेष आरतियां की जाती हैं. भक्तजन दूर-दूर से इन मंदिरों में आकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करते हैं और उनके जन्म का पर्व मनाते हैं. इन मंदिरों में जन्माष्टमी के दौरान आयोजित होने वाले उत्सवों में हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं.
मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि
मथुरा में जन्माष्टमी का मुख्य केंद्र श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर है. यहां मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण के जन्म का भव्य उत्सव मनाया जा रहा है. भगवान कृष्ण की मूर्ति को नवजात शिशु के रूप में सजाया गया है. उन्हें रत्नजड़ित आभूषण, पीले वस्त्र और मुकुट पहनाया गया है. मंदिर में भगवान कृष्ण का दूध, दही, घी और शहद से अभिषेक किया जा रहा है.
बांके बिहारी मंदिर वृंदावन
वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंदिर में भगवान बांके बिहारी को कई तरह के आभूषणों और वस्त्रों से सजाया गया है. जन्माष्टमी की रात को मंदिर में भक्तों द्वारा मध्य रात्रि जागरण किया जाता है. इस दौरान भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला यह त्योहार, इस्कॉन में विशेष महत्व रखता है. जन्माष्टमी के दिन, इस्कॉन मंदिरों में लगातार कीर्तन और संगीत का आयोजन हो रहा है. भक्त भगवान श्रीकृष्ण के नाम का जाप करते हैं और भक्तिमय गीत गाते हैं. भगवान की मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है.
द्वारकाधीश मंदिर
द्वारकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. द्वारका को भगवान श्रीकृष्ण की नगरी माना जाता है, इसलिए यहां जन्माष्टमी का पर्व विशेष महत्व रखता है. भगवान द्वारकाधीश को नवजात शिशु के रूप में कई तरह के आभूषणों और वस्त्रों से सजाया गया है. गुजरात के श्री द्वारकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी पर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है.
जगन्नाथ पुरी
ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान कृष्ण के जन्म की मध्यरात्रि को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाया गया है. मंदिर में विशेष रूप से तैयार किया गया भोग भगवान को अर्पित किया जाता है और फिर भक्तों में वितरित किया जाता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त आज रात 12 बजे से लेकर रात के 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. वहीं जन्माष्टमी व्रत का पारण 27 अगस्त की सुबह 11 बजे होगा.
Aug 26 2024, 21:52