*अब 30 और 31 को होगी परीक्षा*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में पुलिस भर्ती परीक्षा के तीन दिन बीत गए। अब 30 और 31 अगस्त को केएनपीजी कॉलेज, जिला पंचायत बालिका इंटर कॉलेज, जिला पंचायत बालिका इंटर कॉलेज गोपीगंज, सेवासदन इंटर कॉलेज मोढ़,राम सजीवन इंटर कॉलेज खमरिया और गुलाबधर मिश्रा इंटर कॉलेज गोपीगंज में परीक्षा होगी।
*हर दिन गुजरती हैं 24 से 36 ट्रेनें, 40 मिनट पर गिरता है फाटक*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के पर्यटनस्थल सीतामढ़ी से जोड़ने वाले जंगीगंज-धनतुलसी रोड पर रेलवे क्रॉसिंग के पास फ्लाईओवर न होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इस रूट से हर दिन पैसेंजर, एक्सप्रेस और मालगाड़ी मिलाकर कुल 24 से 36 ट्रेनें गुजरती हैं। इस कारण लगभग हर 40 मिनट पर एक बार फाटक गिराया जाता है। इससे फाटक के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग जाती है।माधोसिंह-प्रयागराज रेलखंड पर भदोही जिले में तीन से चार स्टेशन पड़ते हैं। इसमें ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन पर अधिकतर ट्रेनों का ठहराव होता है। इस रूट से करीब 24 घंटे में लगभग 32 पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। इसके अलावा करीब आधा दर्जन मालगाड़ी भी होती हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो हर एक 40 मिनट में एक ट्रेन का परिचालन होता है। लगातार ट्रेनों के आने के कारण बार-बार फाटक भी गिराना होता है। इस कारण आवागमन प्रभावित होता है।जिले का जंगीगंज-धनतुलसी मार्ग बहुत व्यस्त रहता है। यह मार्ग जिले के एक मात्र पर्यटन स्थल सीतामढ़ी को जोड़ता है। हर दिन बड़ी संख्या में इस मार्ग से पर्यटक सीतामढ़ी पहुंचते हैं। फाटक के पास फ्लाईओवर न होने के कारण पर्यटक से लेकर आम लोग भी फाटक गिरने के बाद यहां इंतजार करते नजर आते हैं। कई बार दो से तीन ट्रेनें गुजरती हैं तो लोगों को आधे से एक घंटे तक खड़ा रहना पड़ता है। इससे लोगों का समय तो नुकसान होता ही है। दूसरी तरफ धूप और बारिश से भी झेलनी होती है। यह मार्ग करीब 20 से 22 गांव को जोड़ता है। हर दिन इस गांव के लोग परेशान होते हैं।
*236 शिक्षक होंगे समायोजित, पठन-पाठन होगा बेहतर*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। एक या दो शिक्षकों के भरोसे संचालित विद्यालयों में अब शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी। समायोजन के जरिए शिक्षकों की कमी और अधिकता के अनुपात ठीक होगा। शासन से आए निर्देश के बाद समायोजन को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सूची तैयार कर ली गई है। 236 शिक्षकों का समायोजन दूसरे विद्यालयों में किया जाएगा।जिससे शिक्षण कार्य को सुचारू करने को लेकर आ रही समस्या को दूर हो सके। जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसमें करीब 5200 शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्र तैनात हैं। कई साल से समायोजन न होने से 100 से अधिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के अनुपात में शिक्षकों की कमी हो गई। जिससे संबंधित विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित होने लगा। परिषदीय विद्यालयों में कहीं अधिक शिक्षकों की तैनाती है, जबकि वहां बच्चे कम हैं। वहीं कहीं बच्चों की अधिकता के बाद भी शिक्षकों की संख्या कम है। जिसको लेकर कुछ माह पूर्व निदेशालय की ओर से समायोजन का निर्देश दिया गया था।


जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है। 16 हेडमास्टर और 220 सहायक अध्यापकों का समायोजन किया जाएगा। एक या दो शिक्षकों के सहारे चलने वाले विद्यालयों में शिक्षकों को भेजा जाएगा।
*आठवीं की मान्यता, इंटर तक चल रही कक्षाएं*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में आठवीं की मान्यता लेकर इंटर तक की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। सालों से चल रहे अटैचमेंट के खेल को शिक्षा विभाग खत्म नहीं कर पा रहा है। शिक्षा सत्र शुरू होने पर ऐसे विद्यालयों पर सख्ती का दावा तो किया जाता है, लेकिन कुछ दिनों बाद सब सामान्य हो जाता है। जिले में 38 राजकीय, 25 वित्तपोषित, 100 से अधिक वित्तविहीन समेत कुल 193 माध्यमिक एवं इंटरमीडिएट कॉलेज संचालित हैं। जिसमें एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। मान्यता लेने वाले विद्यालयों के अलावा कई ऐसे स्कूल हैं जो बेसिक शिक्षा परिषद से आठवीं तक की मान्यता लिए हैं, लेकिन वहां नौवीं, 11वीं तक के छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया जा रहा है। विद्यार्थियों को अच्छे नंबर से पास कराने का हवाला देकर उनका प्रवेश किसी दूसरे विद्यालय में कराते हैं। यह एक, दो नहीं बल्कि 15 से 20 साल से चल रहा है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। अभोली ब्लॉक के दशवतपुर, अभोली बाजार, सुरियावां, चौरी, औराई, कोइरौना समेत अन्य क्षेत्रों में करीब 50 से अधिक ऐसे विद्यालय संचालित हैं जो मान्यता तो आठवीं तक लिए हैं, लेकिन कक्षाएं इंटर तक चला रहे हैं। जिससे बोर्ड परीक्षा के समय छात्र-छात्राओं संग अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूलों में तैनात अप्रिशिक्षित शिक्षक उन्हें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं। इससे विद्यार्थी किसी तरह हाईस्कूल व इंटर उत्तीर्ण तो हो जाते हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा की दौड़ में पीछे रह जाते हैं। चिह्नित हो रहे अटैचमेंट वाले स्कूल ज्ञानपुर।


जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि आठवीं की मान्यता लेकर इंटर तक कक्षाएं चलाने वाले विद्यालय चिह्नित किए जा रहे हैं। अभी तक करीब 10 विद्यालय चिह्नित हुए हैं। सभी ब्लॉकों में ऐसे विद्यालयों की सूची बनाई जा रही है। जल्द ही टीम के साथ कार्रवाई की जाएगी।
*दुकानों पर सजा तिरंगा ध्वज और टोपी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस की तैयारी नगर समेत ग्रामीण अंचलों में तेज हो गई है। शिक्षण संस्थान हों या सरकारी कार्यालय हर तरफ साफ - सफाई संग पेंटिंग का काम चल रहा है। एक दिन पूर्व बच्चे स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभ्यास करते नजर आए। हर संस्थान अपने अंदाज में राष्ट्रीय पर्व मनाने को उत्साहित हैं। भदोही शहर, ज्ञानपुर, गोपीगंज, सुरियावां, औराई, उगापुर, जंगीगंज, सीतामढ़ी और मोढ़ समेत हर बाजारों सज गया है।
*20 लाख की आबादी पर एक ईएनटी चिकित्सक, जिला अस्पताल में पद खाली*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में 20 लाख की आबादी पर सिर्फ एक ईएनटी चिकित्सक है। जिला अस्पताल में बीते छह महीनों से नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ का पद खाली चल रहा है। इससे जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। छह माह माह पूर्व ईएनटी चिकित्सक डॉ. दिप्ती पांडेय की तैनाती जरूर थी, लेकिन वे महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल चली गईं। जिससे जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की समस्या बढ़ गई।जिले की आबादी 20 लाख के करीब है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। जिला अस्पताल में औसतन हर दिन 750 से 800 मरीजों की ओपीडी होती है। वर्तमान में अस्पताल में 17 चिकित्सकों की तैनाती है, लेकिन नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ का पद बीते छह माह से खाली चल रहा है। पूरे जनपद में केवल एक ईएनटी चिकित्सक हैं। जिनकी तैनाती महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल भदोही में हैं। छह माह पूर्व वे जिला अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. दिप्ती पांडेय तैनात थीं, लेकिन बाद में उनका स्थानांतरण भदोही एमबीएस में हो गया। जिसके बाद से ही अस्पताल में ईएनटी चिकित्सक का पद खाली चल रहा है। अस्पताल में हर दिन 08 से 10 मरीज नाक, कान और गला से जुड़े भी पहुंचते हैं, पहले यह संख्या और अधिक थी । लेकिन चिकित्सक न होने की दशा में उन्हें वापस लौटना पड़ता है। केस एक- एक सप्ताह पहले स्नान करते वक्त कान में पानी चला गया था। इससे बहुत तकलीफ था। जिला चिकित्सालय में ईएनटी के डाक्टर को दिखाने आया, लेकिन पता चला भदोही एमबीएस में हैं। फिजिशियन से दवा लिया। अभी आराम है। -अमित राव, ज्ञानपुर। केस दो - क्रिकेट मैच खेलते समय गेंद से कान पर चोंट लग गइ्र। दर्द होने पर जिला चिकित्सालय दवा लेने गया। ईएनटी के डाक्टर स्थानांतरण हो गया है। जिससे लौटना पड़ा। जिला अस्पताल में भी ईएनटी की एक चिकित्सक होना चाहिए।- धीरज गौड़, औराई। जिला अस्पताल में छह माह से पद रिक्त चल रहा है। भदोही एमबीएस में ईएनटी चिकित्सक की तैनाती है। उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है। -- डॉ. एसके चक, सीएमओ भदोही।
*जिले में नौ को मनेगी नांग पंचमी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। श्रावण मास का विशेष पर्व नागपंचमी है। आचार्य पंडित दीनानाथ शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष नाग पंचमी का पर्व शुक्रवार नौ अगस्त मनाया जाएगा। श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी बृहस्पतिवार आठ अगस्त को अर्धरात्रि 12.37 मिनट पर लगेगी।
*कोचिंग सेंटरों पर आग से बचाव के इंतजाम न आने-जाने की बेहतर व्यवस्था*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। दिल्ली में गत दिनों कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई। जिले में भूमिगत तो नहीं, लेकिन गली-मोहल्लों में सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर सैकड़ों सेंटर संचालित हैं। शिक्षा विभाग में मात्र 14 कोचिंग पंजीकृत हैं जबकि 450 का संचालन हो रहा है।जिले में माध्यमिक, इंटर, स्नातक और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए करीब 450 कोचिंग संस्थान संचालित हैं। कॉलेजों के साथ ही महाविद्यालयों में पठन-पाठन बेहतर न होने से छात्र-छात्राएं कोचिंग के सहारे अपना कोर्स पूरा करते हैं। ज्ञानपुर,भदोही ,गोपीगंज, सुरियावां, अभोली समेत अन्य क्षेत्रों में खोले गए कोचिंग सेंटरों पर सुरक्षा मानक का ध्यान नहीं रखा गया है। छात्र संख्या के साथ ही आने-जाने का बेहतर इंतजाम न होने के साथ ही अग्निशमन यंत्र भी नहीं लगाए गए हैं।Street buzz News की टीम ने सोमवार को ज्ञानपुर के पुरानी देहाती, पुरानी बाजार, पटेल नगर, दुर्गागंज रोड में करीब 10 संस्थानों की पड़ताल किया। जिसमें सिर्फ तीन सेंटरों पर ही अग्निशमन यंत्र मिला। सेंटरों पर वेंटिलेशन की हालत भी ठीक नहीं मिली। एक ही कमरे में 30 से 40 की संख्या में विद्यार्थियों को बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। गोपीगंज, भदोही समेत अन्य क्षेत्रों में भी कमोबेश यही स्थिति देखने को मिली। ई-लाइब्रेरी को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं ज्ञानपुर। जिले के विभिन्न नगरों में हाईटेक एवं कंप्यूटरीकृत शिक्षा ग्रहण करने के लिए करीब 10 से 12 ई-लाइब्रेरी है। प्रथम, द्वितीय तल पर स्थित इन सेंटरों में एंटी और एग्जिट प्वाइंट के लिए सिर्फ एक ही दरवाजा है। यही नहीं विद्युतीकरण होने के बाद भी केंद्रों पर अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं है। जिससे कभी शार्टसर्किट से आग लगी तो स्थिति विकट हो सकती है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अभी तक ई-लाइब्रेरी को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई है।


ये हैं कोचिंग संचालन के मानक कोचिंग का छात्र संख्या के आधार पर पंजीयन। कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक प्रशिक्षित व विषय विशेषज्ञ होना चाहिए। छात्रों की संख्या के आधार पर कमरों में बैठने की व्यवस्था। सेंटर में अग्नि सुरक्षा व प्राथमिक चिकित्सा आदि की पर्याप्त व्यवस्था।



छह ब्लॉकों में कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए प्रधानाचार्य को नामित किया गया है। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। पंजीकरण की संख्या कम है। जांच के बाद सेंटरों को बंद कराया जाएगा। - अंशुमान, डीआईओएस
*रोजगार मेला सात अगस्त को*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही ‌। भदोही ब्लॉक के फत्तूपुर स्थित राजकीय आईटीआई काॅलेज में जिला सेवायोजन संयुक्त तत्वावधान में सात अगस्त को रोजगार मेला आयोजन किया गया है। मेले में बेरोजगार अभ्यर्थियों का चयन करके रोजगार दिया जाएगा। जिला सेवायोजन अधिकारी शिवानी मिश्रा ने बताया कि सात अगस्त को सुबह दस फत्तूपुर आईटीआई काॅलेज में रोजगार मेला है। मेले में प्रतिभाग करने के लिए अभ्यर्थी सेवायोजन पोर्टल पर पंजीयन कराने के बाद आनलाइन आवेदन भी करना होगा। अभ्यर्थी साक्षात्कार के समय अपने बायोडाटा समस्त प्रमाण पत्र के साथ एक फोटो जरुर लेकर आए।
*मचान विधि से करें सब्जी की खेती, बढ़ेगी पैदावार*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मानसून सीजन में अधिक बारिश से खराब होने वाली सब्जी की फसलों को बचाने के लिए मचान विधि काफी उपयोगी हो सकती है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक मचान विधि को अपनाकर किसान 35 फीसदी तक पैदावार को बेहतर कर सकते हैं। जिले में 120 हेक्टेयर में सब्जी की खेती ।जिले में किसानों का एक तबका परंपरागत खेती को छोड़कर सब्जियों की खेती की ओर आकर्षित हुआ है। इस साल उद्यान विभाग की ओर से 120 हेक्टेयर में सब्जी की खेती किये जाने का लक्ष्य है। किसानों की समस्या है कि मानसून सीजन में जब अधिक बारिश होती है तो कई सब्जी की फसलें पानी के कारण खराब हो जाती हैं। जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। ऐसे में किसान मचान विधि को अपनाकर फसलों को बचा सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के फल एवं सब्जी विशेषज्ञ डॉ. एके चतुर्वेदी ने बताया कि इस पद्धति से खेती करने पर सब्जी की ग्रेडिंग, क्वालटी उत्तम होती है। मचान विधि से खेती करने पर पौधे करीब तीन फीट ऊपर हो जाते हैं। इसे मचान बनाकर ऊपर चढ़ा दिया जाता है। इससे सब्जी खराब नहीं होती। इसके अलावा बीमारी और कीड़ों से दूर रहती है। बारिश के मौसम में करेला, तोरई, लौकी, खीरा, नेनुआ आदि की सब्जियों बारिश के चलते गल जाती हैं। बारिश के मौसम में सब्जियों के दाम भी बढ़ जाते हैं। पौधा गल जाने के कारण किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है। किसान मचान पद्धति से खेती कर पैदावार 35 फीसदी तक बढ़ा सकते हैं। भिदिऊरा के किसान सुबाष दूबे मचान विधि से पांच बिस्वा लौकी की खेती करते हैं। बताया मचान से लेकर बुआई तक कुल 35 से 40 हजार का खर्च आता है। जबकि एक लाख रुपये की लौकी सीजन भर में बेची जाती है। मजदूरी लागत काट कर 50 फिसदी तक किसानों को आमदनी हो जाती है। मचान बनाने के लिए लोहे का तार, प्लास्टिक की रस्सी व बांस, खूंटे की आवश्यकता होती है। एक मचान का उपयोग करीब दो सालों तक किया जाता है।