पटना जंक्शन पर यात्रियों से जबरन वसूली का चल रहा था खेल : जीआरपी थानेदार समेत 5 पर एफआईआर, 4 सस्पेंड

डेस्क : पटना जंक्शन पर जीआरपी द्वारा बड़ा खेल चल रहा था। जीआरपी जवानों की ओर से जेल भेजने का भय दिखाकर पश्चिम बंगाल निवासी यात्री से 39 हजार रुपये वसूल किया गया था। इस मामले में रेल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले में संलिप्तता पाए जाने पर जीआरपी थानेदार सहित छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

वहीं, आरोपित सिपाही और तीन ओडी ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही पटना जंक्शन थानेदार का तबादला कर दिया गया। थानेदार के निलंबन की अनुशंसा डीआईजी रेल से की गई है।

दरअसल मूलरूप से पश्चिम बंगाल निवासी सोमनाथ नाईया बीते एक अगस्त को हावड़ा की ट्रेन पकड़ने पटना जंक्शन पर गए थे। रात में वह स्टेशन पर बैठे थे। तभी जीआरपी के जवान चोर बताकर उन्हें थाने ले आए थे। थाने में सिपाही कृष्ण कुमार ठाकुर ने जेल भेजने की धमकी देकर सोमनाथ नाईया के पास मौजूद 20 हजार रुपये वसूल लिये थे। बाद में 30 हजार और रुपये की मांग की गई थी। इसके बाद पीड़ित के कहने पर उनके पिता ने कोलकाता से स्टेशन पर मेस चलाने वाले रवि के पास ऑनलाइन 19 हजार रुपये भेजे थे। रुपये लेने के बाद यात्री को हिरासत से छोड़ दिया गया था। चार अगस्त को रेलवे हेल्प लाइन नंबर-139 पर शिकायत की गई थी। 

वरीय पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) प्रभाकर तिवारी को जांच सौंपी गई थी।फुटेज और मोबाइल में मिले साक्ष्य में रुपये वसूली की पुष्टि पर कार्रवाई की गई।

शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारियों को सौंपा यह बड़ा अधिकार, विशेष परिस्थितियों डीएम ले सकते है यह निर्णय

डेस्क : शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारियों को बड़ा अधिकार सौंप दिया है। बाढ़ के समय विद्यालयों को बंद करने का निर्णय अब जिलाधिकारी ले सकेंगे। शनिवार को विभाग की ओर से इस आशय का निर्देश जारी कर दिया गया है। 

शिक्षा सचिव वैद्यनाथ यादव ने सभी डीएम से कहा है कि भीषण बाढ़ से प्रभावित होने की स्थिति में सुरक्षा को देखते हुए वे विद्यालय को बंद करने का निर्णय आपदा प्रबंधन के प्रावधानों के तहत खुद ले सकते हैं।

पिछले दिनों विभाग ने ऐसी आपदा के दौरान भी मुख्यालय के स्तर पर ही निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इसके बाद पूरे प्रदेश में उहापोह की स्थिति थी। लिहाजा, शिक्षा सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में खुद फैसला लेने का अधिकार दे दिया है। 

इसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि इसके लिए उन्हें अब कहीं से आदेश या निर्देश की प्रतीक्षा नहीं करनी है, वे खुद सक्षम हैं। विभाग ने पिछले दिनों ही एक शिक्षक के स्कूल जाने के क्रम में गंगा में डूबने की घटना को गंभीरता से लेते हुए इस संबंध में अलग से दिशा-निर्देश जारी किया था।

चेहल्लुम को लेकर राजधानी पटना में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, इन चीजों पर लगाया गया है पूर्णत: प्रतिबंध

डेस्क : आज रविवार 25 अगस्त को मुस्लिम समुदाय का पर्व चेहल्लुम मनाया जा रहा है। चेहल्लुम को लेकर राजधानी पटना में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये है। इस अवसर पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम एवं मोबाइल पार्टी सक्रिय रहेगी। छोटी-छोटी घटनाओं को भी गंभीरता से लिया जाएगा।

डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने उत्कृष्ट भीड़ प्रबंधन, सुचारु यातायात तथा विधि-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर बीते शनिवार को बैठक की। डीएम व एसएसपी ने कहा कि चेहल्लुम पर विधि-व्यवस्था संधारण तथा भीड़ प्रबंधन के दृष्टिकोण से मानकों के अनुसार दंडाधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। क्षेत्रीय पदाधिकारी असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखेंगे। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को क्रियाशील रखा गया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि बिना लाइसेंस के कोई भी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं है। पहलाम के जुलूसों में डीजे पूर्णत प्रतिबंधित रहेगा। पुलिस स्कॉर्ट की व्यवस्था की गई है। सभी जुलूसों की वीडियोग्राफी करायी जाएगी। अफवाह फैलानेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। बाइकर्स गैंग पर नज़र रखते हुए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

बिहार में बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, राजधानी पटना मे मिल रहे सबसे अधिक मरीज

डेस्क : बिहार में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि राजधानी पटना में ही सबसे अधिक मरीजों की संख्या मिल रही है। इस साल एक जनवरी से 23 अगस्त तक राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 519 लोग डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं। इसमें पटना में सबसे अधिक 205 पीड़ित मिले तो बेगूसराय में एक भी डेंगू पीड़ित नहीं मिले हैं।

राज्य के विभिन्न जिलों में शुक्रवार (23 अगस्त) को 24 डेंगू के नए मरीज मिले हैं। इसमें सबसे अधिक पटना में 10 मरीज हैं। गया और पश्चिम चंपारण में 3-3 मरीज मिले। गोपालगंज और वैशाली में 2-2 मरीज मिले हैं। औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर और पूर्वी चंपारण में 1-1 मरीज मिले हैं। एक जनवरी से 23 अगस्त तक सबसे अधिक पटना में 205 डेंगू मरीज मिल चुके हैं। 

गया में 36, मुजफ्फरपुर 31, वैशाली 19, मधुबनी 17, नालंदा 17, दरभंगा 15, सीवान 14, समस्तीपुर 14, भागलपुर 12, पश्चिम चंपारण 10, खगड़िया 9, सीतामढ़ी, जहानाबाद, भोजपुर, सीतामढ़ी में 8-8, जमुई 7, औरंगाबाद 7, नवादा 6, गोपालगंज 6, मधेपुरा 5, बांका 5, अररिया 5, शिवहर 4, कटिहार 4, बक्सर 4, सहरसा 3, लखीसराय 3, कैमूर 3, रोहतास 2, मुंगेर 2 डेंगू पीड़ित मिले हैं। शेखपुरा, किशनगंज और अरवल में एक-एक डेंगू पीड़ित मिले हैं।

आनंद विहार से सीतामढ़ी जा रही स्पेशल ट्रेन में लगी आग, यात्रियों में मची अफरातफरी

डेस्क: नई दिल्ली के आनंद विहार से बिहार के सीतामढ़ी जा रही स्पेशल ट्रेन संख्या 04022 में गौतम स्थान स्टेशन के पास अचानक आग लग गई. आग लगने की खबर मिलते ही ट्रेन में मौजूद यात्रियों में अफरातफरी मच गई. आनन-फानन में ट्रेन को गौतम स्थान स्टेशन पर रोका गया. इसके बाद रेलवे कर्मियों ने अग्निशमन यंत्र की मदद से आग पर काबू पाया.

इस दौरान ट्रेन की कई बोगियों के यात्री स्टेशन पर उतर गए. ट्रेन की बोगी में लगी आग को बुझाकर उसे छपरा जंक्शन भेजा गया. ट्रेन के छपरा जंक्शन पहुंचने के बाद आरपीएफ और विद्युत विभाग की टीम ने मौके पर जाकर जांच की. इस दौरान ट्रेन करीब 29 मिनट तक छपरा जंक्शन पर खड़ी रही. यह घटना बलिया-छपरा रेलखंड पर हुई.

छपरा जंक्शन के आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि आनंद विहार से सीतामढ़ी जा रही स्पेशल ट्रेन संख्या 04022 में गौतम स्थान के पास दो कोच जी-2 और जी-3 के बीच सर्किट बोर्ड में किसी तकनीकी कारण से आग लग गई. जिसे रेलकर्मियों ने अग्निशमन यंत्र की मदद से बुझा दिया. आग लगने की घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेजी जाएगी. प्रथम दृष्टया तकनीकी खराबी के कारण आग लगने की आशंका जताई जा रही है.

पुश्तैनी जमीन के बंटवारे में बेटों के साथ बेटियों को भी मिलेगा बराबर हिस्सा, खतियान में बेटियों का भी नाम होगा दर्ज

डेस्क: बिहार में जमीन सर्वे यानी भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया चल रही है. इसमें घर की बेटियों के लिए एक खुशखबरी है. अगर कोई पैतृक या पुश्तैनी जमीन है, उसका बंटवारा होगा तो उसमें बेटों के साथ बेटियों को भी बराबर का हिस्सेदार माना जाएगा. बता दें कि खातियान में बहन और बेटियों का भी नाम अनिवार्य रूप से दर्ज कराना होगा.

जानकारी के मुताबिक साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला जिसके के तहत हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 6 में संशोधन कर पैतृक संपत्ति में पुत्री को पुत्र के बराबर हक दिया गया था. इसी को आधार मानकर बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण में बेटियों के अधिकार को सुनिश्चित किया है.

गौरतलब है कि बिहार के सभी जिलों के गांव में जमीन सर्वे और जमीन मालिकों को जागरूक करने के लिए ग्राम सभा एवं शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में सारण जिले के जिला बंदोबस्त पदाधिकारी संजय कुमार ने सदर प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में बैठक की. इसी दौरान उन्होंने बताया कि जमीन खतियान में बेटियों का नाम दर्ज कराना अनिवार्य है. बिहार सरकार ने विशेष सर्वेक्षण में बेटियों को बराबर का हिस्सेदार माना है और खतियान में नाम दर्ज करने का आदेश जारी किया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा छः में संशोधन कर पैतृक संपत्ति में बेटी को बेटे के बराबर हक दिया गया है. इसी को केंद्र मानकर बिहार सरकार भूमि सर्वेक्षण में बेटियों के अधिकार को सुनिश्चित किया है. बता दें कि खतियान में अब बेटों के साथ-साथ बेटियों का नाम भी दर्ज किया जाएगा. इसको लेकर बिहार सरकार के राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूर्व जमीन के अंतिम बंटवारे पर भी नियम जारी कर दिया गया है. बता दें कि यह कानून 20 दिसंबर 2004 के बंटवारे पर प्रभावी नहीं होगा. हालांकि, अंतिम बंटवारा इस अवधि से पूर्व नियमत: सरकारी खतियान में वैध नहीं हुआ है, तब उस मामले में भी बहनों की रजामंदी के बिना पैतृक संपत्ति पर केवल भाई का अधिकार नहीं रहेग

कई राज्यों में नियुक्त किए जदयू के प्रभारी, जानिए किसे कहा की मिली कमान

डेस्क : राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जेडीयू पिछले कई सालों से जदोजहद कर रही है। वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के विस्तार को लेकर लगातार कोशिश में जुटे हैं। 

पिछले दिनों जेडीयू ने एलान किया था कि वह झारखंड में एनडीए के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी लेकिन अब राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। ललन सिंह से पार्टी की कमान अपने हाथ में लेने के बाद नीतीश कुमार जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए मुहिम में जुट गए हैं और राज्यों में पार्टी के विस्तार पर उनका फोकस है। यही वजह है कि उन्होंने जेडीयू नेताओं को बड़ी जिम्मेवारी सौंपते हुए कई राज्यों में प्रभारियों को नियुक्त कर दिया है।

सीएम नीतीश ने अपने करीबी मनीष कुमार वर्मा को उड़िशा और कर्नाटक का प्रभारी बनाया है जबकि श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को दिल्ली का प्रभारी, श्रवण कुमार को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है। इसके साथ ही साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी के अन्य नेताओं को राज्यों की जिम्मेवारी सौंपी है।

बिहार पुलिस और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच हुआ बड़ा करार, अब पुलिस के सेवारत कर्मियों को मिलेगा यह बड़ा लाभ

डेस्क : बिहार पुलिस ने अपने कर्मियों के कल्याण हेतु अभूतपूर्व पहल की है। इसके तहत बिहार पुलिस के सेवारत कर्मियों को दुर्घटना होने पर मिलनेवाली राशि अधिकतम ₹2.30 करोड़ तक की गई है। बिहार पुलिस और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच इसे लेकर ऐतिहासिक समझौता किया गया है, जिसका उद्देश्य बिहार पुलिस के कर्मियों और उनके परिवारों को बेहतरीन बैंकिंग और बीमा सेवाएं प्रदान करना है। 

बिहार पुलिस और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच इसके लिए शुक्रवार को करार हुआ। बिहार पुलिस के AIG (welfare) विशाल शर्मा, पुलिस अधीक्षक, कार्मिक 1 उपेन्द्र प्रसाद, पुलिस अधीक्षक कार्मिक 2 शशि शेखर की मौजूदगी में बैंक ऑफ़ बडौदा के महाप्रबंधक चंद्र मणि त्रिपाठी, डिप्टी महा प्रबंधक नलिन कुमार और वरिष्ठ प्रबंधक संजीत सिंह ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 

बिहार पुलिस के अनुसार इस विशेष सैलरी पैकेज से बिहार पुलिस के एक लाख से अधिक कर्मियों को लाभ मिलने की संभावना है। इस पैकेज के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा उन्नत बैंकिंग सेवाएं और विभिन्न प्रकार की बीमा सुविधाएं बिहार पुलिस के कर्मियों और उनके परिजनों को निःशुल्क प्रदान की जाएंगी। यह पैकेज सभी कर्मियों के लिए स्वैच्छिक है, अर्थात इसे अपनाना या न अपनाना कर्मियों की अपनी पसंद पर निर्भर करेगा। 

सेवारत कर्मियों के लिए लाभ 

बिहार पुलिस के सेवारत कर्मियों को इसके तहत कई प्रकार के लाभ मिलेंगे। व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर में पहले जहां व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर ₹5 से ₹20 लाख तक था, जो की इस साल जुलाई में बढ़ कर ₹50 लाख तक हुआ था। उसे इस विशेष सैलरी पैकेज में बढ़ाकर ₹150 लाख कर दिया गया है और कई अतिरिक्त लाभ भी दिए जा रहे है जो की सब मिला कर लगभग ₹2।30 करोड़ तक मिलने की सम्भावना है। इसके अतिरिक्त, हवाई दुर्घटना में मृत्यु पर ₹150 लाख का अतिरिक्त कवर भी प्रदान किया जाएगा।

स्थायी और आंशिक विकलांगता कवरः कर्मियों के लिए स्थायी पूर्ण विकलांगता पर ₹150 लाख और आंशिक विकलांगता के लिए ₹150 लाख तक का कवर प्रदान किया जाएगा, जो विकलांगता के प्रतिशत पर आधारित होगा।

आतंकवाद विरोधी या नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल कर्मियों को ₹150 लाख का कवर मिलेगा। इसके साथ ही प्लास्टिक सर्जरी, बर्न्स, इंपोर्टेड दवाओं की लागत, एयर एम्बुलेंस कवर, और कोमा के बाद मृत्यु (48 घंटे बाद) के लिए ₹10 लाख तक का अतिरिक्त कवर प्रदान किया जाएगा।

इस वर्ष पहली बार ₹20 लाख का टर्म लाइफ इंश्योरेंस भी शामिल किया गया है, जो आत्महत्या को भी कवर करेगा (बशर्ते 12 महीने से अधिक की सेवा हो)। सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए ₹75 लाख का बीमा कवर होगा, जिसमें स्थायी पूर्ण और आंशिक विकलांगता के लिए भी ₹75 लाख तक का कवर शामिल है। सेवानिवृत्त कर्मियों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए ₹7।5 लाख का कवर और बेटियों की शादी के लिए भी ₹7।5 लाख तक का कवर मिलेगा।

दिव्यांग आश्रितों के लिए खुशखबरी, अब शादी के बाद भी मिलता रहेगा यह लाभ

डेस्क : दिव्यांग आश्रितों के लिए एक बड़ी खबर है। अब शादी के बाद भी माता-पिता की रिटायरमेंट बाद मिलने वाली पेंशन राशि का लाभ मिलता रहेगा। इतना ही नहीं यदि उनके माता-पिता दोनों सरकारी सेवा में हो और उन्हें पेंशन मिल रही हो तो दिव्यांग अश्रितों को दोनों की पेंशन मिलती रहेगी। 

बता दें वर्तमान में दिव्यांग बच्चे या भाई-बहन तब तक फैमली पेंशन के पात्र होते हैं, जब तक उनकी शादी न हो जाये। शादी के बाद पेंशन रोक दी जाती है।

सरकार ने इसके लिए फैमिली पेंशन के नियमों में कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया है। दिव्यांगों की हितों को देखते हुए यह प्रस्ताव वित्त विभाग ने तैयार किया है। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट के अनुमोदन के लिए भेजा जायेगा। 

दरअसल, सरकार का उद्देश्य है कि दिव्यांग आश्रितों को शादी के बाद भी पेंशन मिलेगी तो उनकी शादी की संभावना बढ़ जाएगी।

बिहार में अब घर बैठे बच्चों का बनेगा आधार कार्ड, सात हजार डाकिया इस काम को देंगे अंजाम

डेस्क : बिहार के लोगों को लिए एक बड़ी खबर है। अब उन्हें अपने बच्चे का आधार कार्ड बनाने के लिए सेंटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। घर बैठे ही उनके बच्चों का आधार कार्ड बन जायेगा।

दरअसल राज्य में सात हजार डाकिया घर-घर जाकर बच्चों का आधार कार्ड बनाएंगे। इन डाकियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए विशेष अभियान चलेगा।

गौरतलब है कि राज्य में अभी दस हजार डाकिया हैं। फिलहाल 28 सौ डाकिया घर-घर जाकर मोबाइल किट से आधार कार्ड बना रहे हैं, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। अब सात हजार और डाकियों को आधार कार्ड बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद डाकिया का चयन लिखित परीक्षा से होगी। परीक्षा पास करने पर उन्हें ऑथेंटिकेशन नंबर मिलेगा। इसके लिए डाक विभाग ने यूआईडी से अगले 40 दिनों के लिए तीन स्लॉट बुक की हैं। इस तिथि में डाकिया लिखित परीक्षा में शामिल होंगे। यह काम 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

पांच साल तक के 10 लाख बच्चों का आधार कार्ड बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए डाक विभाग विशेष तैयारी कर रहा है। डाक विभाग की मानें तो पांच साल तक एक लाख 60 हजार बच्चों का ही अब तक आधार बना है।