उन्होंने लिखा कि- जम्मू-कश्मीर में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा ‘आर्टिकल 370 और 35A’ हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में भी आरक्षण मिलना शुरू हुआ. लेकिन दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को उनका हक मिलना कांग्रेस को कभी भी रास नहीं आता है. इसीलिए कांग्रेस ने आरक्षण विरोधी नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन किया है जिसने घोषणापत्र में उल्लेखित दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने वाले आरक्षण विरोधी प्रस्ताव पारित किया है. इसका समर्थन करते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा उसके साथ गठबंधन करना राहुल गांधी जी की विभाजनकारी मानसिकता को दर्शाता है.
देखें CM साय का ट्वीट:
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए आगे लिखा कि सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस ने ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के साथ गठबंधन करके फिर से अपने राष्ट्रविरोधी, आरक्षणद्रोही मंसूबों को देश के सामने रखा है.
नेशनल कांफ्रेंस के घोषणा पत्र के वादों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दस सवालों का जवाब कांग्रेस को देना होगा. अगर राहुल गांधी जवाब नहीं दे पाए तो इससे फिर स्पष्ट होगा कि वे विभाजनकारी शक्तियों के कट्टर समर्थक हैं.
Aug 24 2024, 15:17