बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों मीडिया और अधिकारियों के सामने जोड़ते है हाथ, क्या कमजोर पड़ गए है नीतीश कुमार या फिर यह है उनकी कोई स्ट्रेटजी !
डेस्क : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इनदिनों मीडिया और अधिकारियों के सामने सार्वजनिक तौर पर हाथ जोड़ ले रहे है। इतना ही नहीं कई मौकों पर तो मीडिया और अधिकारियों की पैर तक छूने की कोशिश कर चुके है।
सीएम नीतीश कुमार का हाथ जोड़ने का सिलसिला पिछले वर्ष से शुरु हुआ। बीते वर्ष 14 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पुनाईचक स्थित नेहरू पार्क में पहुंचे थे। यहां उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। कार्यक्रम के बाद जब वे बाहर निकले तो पत्रकार सवाल करना चाहते थे. पत्रकार सवाल करने लगे कि क्यों नाराज हैं सर? इस पर नीतीश कुमार हाथ जोड़ने लगे। एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार नीतीश कुमार ने ऐसा किया। नीतीश कुमार पत्रकारों के सामने झुक गए और आरती उतारने के स्टाइल में हाथ घुमा-घुमाकर प्रणाम करने लगे।
बता दें कि अक्सर कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मीडिया को बयान देते हैं। कई बार वो यह भी कह चुके हैं कि वो जो कहते हैं वो नहीं छपता है।
ताजा मामला इस वर्ष 15 अगस्त का है। जब पटना के गांधी मैदान में तिरंगा फहराकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने 18वीं बार बिहार में मुख्यमंत्री रहते हुए स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन किया। इस दौरान भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों की ओर हाथ जोड़ते हुए कहा, ''आप सभी पत्रकार मित्रों से मैं प्रार्थना करता हूं कि बिहार की पुरानी बातों को भी जनता तक पहुंचाएं। हमसे अगर आप नाराज़ हैं, तो क्या कहेंगे..., लेकिन हम काम करते हैं और करते रहेंगे। हम आप लोगों के प्रति सदैव इज्जत और सम्मान रखते हैं. हमारा उद्देश्य केवल यह है कि लोग जानें कि पहले क्या था और आज क्या है।
यह तो हुई मीडिया के सामने सीएम के हाथ जोड़ने की बात। आइए अब आपको वह वाक्या भी बताते है जब कई मौकों पर सीएम अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ते नजर आए।
इसी वर्ष जुलाई माह में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में चयनित अभ्यर्थियों के लिए नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह से हाथ जोड़ कर अपील करते हुए सख्त लहजे में कहा कि हम आपको हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं.. आपका हम पैर छू लें? हम सबको कहते रहते हैं कि जल्दी करिए.. हमारी ईच्छा है.. हमको जो तकलीफ आजकल हो रही है.. और सब काम बहुत करा दिए.. यह काम भी हो गया तो कितनी खुशी होगी.. बताईए जरा? काम हो रहा है लेकिन और तेजी से काम हो तो और अच्छा है।
वहीं पटना में जेपी गंगा पथ के थर्ड फेज के निर्माण के उद्घाटन कार्यक्रम में मंच पर ही सीएम नीतीश कुमार अचानक आईएएस प्रत्यय अमृत की तरफ हाथ जोड़कर सरेआम कहते दिखाई दिए थे 'कहो तो आपके पैर छू लूं'. इसके बाद नीतीश पैर छूने के अंदाज में प्रत्यय अमृत की तरफ बढ़ते भी दिखाई दिए थे। इस दौरान प्रत्यय अमृत उन्हें रोकते हुए पीछे की तरफ हटते दिखे थे। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर बेहद वायरल हुआ था। ऐसी कई घटनाएं है जब मुख्यमंत्री मीडिया और अधिकारियों के तरफ हाथ जोड़ते नजर आए।
वैसे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस अंदाज को लेकर कई तरह की बाते होती रहती है। नीतीश कुमार जब महागठबंधन के साथ सरकार में थे तो विपक्ष में बैठे बीजेपी ने इस मामले को जोर-शोर से उठाते हुए कहा था कि नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस हो रही है और इसके पीछे साजिश है। वहीं अब विपक्ष में बैठा राजद इसे सीएम नीतीश की कमजोरी बता रहा है। विपक्ष का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार अब थक चुके है। उनकी कोई सुनता नही है। स्थिति अब यह हो गई है कि उन्हें हाथ जोड़ना पड़ रहा है।
आइए अब आपको बताते है कि इसके पीछे की वजह क्या है और सीएम नीतीश कुमार क्यों ऐसा कर रहे है।
दरअसल बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की अपनी एक अलग छवि है। उन्हें ऐसे नेता के तौर पर जाना जाता है जो हमेशा सभ्य तरीके से किसी काम को करते है। यदि किसी पर तंज भी कसना हो तो उसे वे सभ्य तरीके से ही करते है।
अगले साल बिहार मे विधान सभा चुनाव है। सीएम नीतीश कुमार एकबार फिर बिहार की सत्ता पर कब्जा करना चाहते है। इसके लिए जरुरी है कि जनता के बीच वे ऐसे मुद्दे को लेकर जाए जो कि प्रभावशाली हो। बिहार में राजद के जंगलराज की दुहाई अब पुरानी हो चुकी है। वही विपक्ष लगातार प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर फेल होने की बात कर रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार यह चाहते है कि जिस विकास की बात वो करते रहते है उसे लेकर ही जनता के बीच जाए। वहीं नीतीश कुमार को यह भी पता है कि विकास कार्यों को नौकरशाह ही पूरा करा सकते है और यही वजह है कि अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर जब यह कहते है कि आप काम जल्द पूरा कराइए कहिए तो आपके पैर पकड़ लू। एक तरह से उन्हें यह साफ करना चाहते है कि मुझे हर हाल में काम पूरा मिलना चाहिए।
वहीं जहां तक मीडिया के सामने हाथ जोड़ने की बात है तो नीतीश कुमार को यह पता है कि मीडिया ही वह माध्यम है जिससे वह अपने काम को आमलोगों तक ज्यादा से ज्याद पहुंचा सकते है। कई मौको पर वे साफ कहते भी नजर आए है कि आपलोग मेरे काम को दिखाते नही है। छापते नही है। ऐसे में नीतीश कुमार अपनी सक्ष्य छवि को बरकरार रखते हुए यह हाथ जोड़ने वाली नीति अपनाकर मीडिया और अधिकारी दोनो को एकसाथ उनपर तंज भी कस रहे है और अपना काम भी करवा रहे है।
Aug 24 2024, 15:08
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