इंसान को किन लोगों को करना चाहिए दान,और कौन सी चीजें दान करने से मिलता है लाभ?जाने

जीवन जीना एक हुनर है. इंसान अपना जीवन कैसे जीता है इस बात से काफी फर्क पड़ता है. हर आदमी अपनी सक्षमता के हिसाब से जीवन जीता है. ऐसा माना जाता है कि इंसान को अपनी सामर्थ्य के अनुसार लोगों की मदद करनी चाहिए. ये इंसानियत का भाव है. चाणक्य नीति में भी दान को लेकर विस्तार से बताया गया है और इसकी काफी महत्ता बताई गई है. चाणक्य नीति में दान को इंसान के हाथों का श्रंगार माना गया है. साथ ही ये भी बताया गया है कि इंसान को किन लोगों को दान करना चाहिए और कौन सी ऐसी चीजें हैं जिन्हें दान किया जा सकता है

दान करना जरूरी

चाणक्य नीति में दान के बड़े मायने बताए गए हैं. उनके मुताबिक हर इंसान को अपनी क्षमता के हिसाब से दान करना चाहिए. दान करने से कभी भी पैसों की दिक्कत नहीं होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. दान करने में कभी भी कंजूसी नहीं करनी चाहिए और नियमित रूप से दान करने की आदत डाल लेनी चाहिए.

किन्हें करना चाहिए दान?

दान हमेशा जरूरतमंद लोगों को ही देना चाहिए. किसी को भी दान नहीं कर देना चहिए. साथ ही उन लोगों को तो कभी भी दान नहीं करना चाहिए जो पैसों का दुरुपयोग करते हैं. इसके अलावा कभी भी लालच या स्वार्थ का भाव मन में रखते हुए दान नहीं करना चाहिए. मंदिर अथवा कई अलग संस्थाओं में भी अपनी श्रद्धा अनुसार दान किया जा सकता है.

क्या करना चाहिए दान?

दान करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि किस दिन क्या दान करना चाहिए. कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं जिन्हें कभी भी दान नहीं करना चाहिए. दान में कभी भी स्टील के सामान नहीं देने चाहिए. इससे सुख-सम्पत्ति चली जाती है और कलह पैदा होती है. गौ दान, घी का दान, कपड़ा, तिल और गुढ़ का दान कर सकते हैं. दान के लिए ये चीजें काफी शुभ मानी गई हैं. हिंदू धर्म में गौ दान को सर्वश्रेष्ठ दान माना गया है.

क्या दाढ़ी बढ़ाने शुभ होता है या अशुभ, इसे रखने से कौन सा ग्रह होता है खराब

हिंदू धर्म में दाढ़ी बढ़ाना शुभ नहीं माना जाता है. लेकिन आज के समय में अक्सर लोग इसे फैशन के तौर पर बढ़ाते हैं, लेकिन दाढ़ी रखना अशुभ माना जाता है

अगर विवाहित पुरुष दाढ़ी रखते हैं तो उनके दांपत्य जीवन या शादीशुदा लाइफ में विभिन्न प्रकार की मुश्किलें आ सकती है और रिश्ते खराब हो सकते हैं.

दाढ़ी का संबंध शुक्र ग्रह से हैं. अगर आपका शुक्र ग्रह खराब स्थिति में है तो शादीशुदा लाइफ के साथ-साथ आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.

बालों का संबंध शुक्र और बुध ग्रह से हैं. कुंडली में शुक्र और बुध के कमजोर होने के कारण दूसरी समस्याएं भी इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण होती हैं.

जो लड़के या आदमी सादगी से प्रेरित होते हैं वो अक्सर दाढ़ी नहीं बढ़ाते और जिंदगी में जाते हैं और तरक्की करते हैं.

प्राचीन ग्रंथ रावण संहिता के अनुसार शरीर पर अनचाहे बालों का बढ़ना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है. इसीलिए समय रहते हैं पुरुषों को दाढ़ी रोज बनानी चाहिए.

राहुल गांधी को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दिया बड़ा बयान,कहा अनुच्छेद 370 को बहाल करना चाहते हैं

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करना चाहते हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि इस कदम को देश स्वीकार नहीं करेगा.

केंद्रीय कपड़ा मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब लोकसभा में विपक्ष के नेता जम्मू कश्मीर दौरे पर हैं. जहां कांग्रेस नेता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की प्राथमिकता है. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य जम्मू कश्मीर के साथ-साथ लद्दाख के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार वापस दिलाना है.

‘कांग्रेस नेता तब से थके हुए लग रहे हैं जब से…,’

केंद्र सरकार ने साल 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था. और तत्कालीन राज्य को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. कपड़ा मंत्री सिंह ने यहां दिल्ली हाट में ‘शिल्प दीदी महोत्सव’ से इतर पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में यह बात कही है.

उन्होंने कहा, ‘यह राहुल गांधी के दिमाग में है. वह कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा.’ इस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता तब से थके हुए लग रहे हैं. जब से उनसे उनके ‘धर्म और जाति’ के बारे में पूछा गया है.

अनुच्छेद 370 पर रुख स्पष्ट करे कांग्रेस पार्टी

कांग्रेस मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही है, लेकिन उसने विशेष दर्जे को रद्द किए जाने के मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है. बीजेपी महासचिव और जेके में पार्टी प्रभारी तरुण चुघ ने भी राहुल गांधी के जम्मू कश्मीर दौरे पर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस नेता से अनुच्छेद 370 और 35ए पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करने को कहा था.

त्रिपुरा में बारिश ने मचाई तबाही,22 लोगों की मौत,17 लाख लोग प्रभावित

त्रिपुरा में पिछले कुछ दिन में हुई भारी बारिश के कारण कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए. अधिकारी ने बताया कि राज्य में 65,400 लोगों ने 450 राहत शिविरों में शरण ली है, क्योंकि भारी बारिश के कारण उनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा कि सांतिरबाजार में अश्वनी त्रिपुरा पारा और देबीपुर में भूस्खलन के बाद दस लोग मलबे के नीचे दब गए. उन्होंने कहाकि मैं मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करता हूं. यह अपूरणीय क्षति है. राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को चार लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है.

राज्य में भारी बारिश से तबाही

इससे पहले राजस्व विभाग के सचिव बृजेश पांडेय ने बताया था कि राज्य में भारी बारिश के बाद 12 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है और दो लोग लापता हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट में भौतिक बुनियादी ढांचे और कृषि फसलों के साथ-साथ घरों और पशुओं को भी भारी नुकसान होने की बात कही गई है.

राज्य में करीब 17 लाख लोग प्रभावित

अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य में करीब 17 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बृजेश पांडेय ने कहा कि 2,032 स्थानों पर भूस्खलन की खबरें आईं, जिनमें से 1,789 स्थानों को साफ कर दिया गया है, जबकि अन्य स्थानों पर बहाली का काम जारी है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने गोमती और दक्षिण त्रिपुरा जिलों में फंसे लोगों को निकालने के लिए दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं.

750 से ज्यादा लोगों को निकाला

असम राइफल्स ने बताया कि राज्य भर से 750 से अधिक लोगों को निकाला गया है. उन्होंने कहा कि असम राइफल्स की राइफल महिलाएं त्रिपुरा में राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व कर रही हैं. राज्य के विभिन्न भागों में चार बचाव टुकड़ियां उतारी गईं, जिनमें पूर्वी कंचनबाड़ी, कुमारघाट, उनाकोटी जिला, गोमती जिले का अमरपुर, बिशालगढ़, सिपाहीजाला और त्रिपुरा पश्चिम शामिल हैं.मौसम विभाग ने भी त्रिपुरा में कई स्थानों पर अत्यधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है.

कृष्ण जन्माष्टमी पर इस रंग के कपड़े पहनने से बाल गोपाल की बरसती है कृपा

श्रीकृष्ण का रंग, रूप बेहद ही मनमोहक था, श्यामवर्ण वाले कान्हा की एक झलक पाने के लिए गोपियां कई तरह के जतन करती थी. श्रीकृष्ण को कुछ खास रंग बेहद प्रिय थे, कहते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी पर उन रंग के कपड़े पहनने से बाल गोपल की कृपा बरसती है.

श्रीकृष्ण को गुलाबी, लाल, पीला, मोरपंखी रंग बेहद प्रिय है. 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर इस रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है. मान्यता है कि मां यशोदा भी कान्हा को ज्यादातर इन्हीं रंगों के कपड़े पहनाती थीं.

बाल गोपाल को गोपी चंदन बेहद प्रिय है, जन्माष्टमी पर पूजा में तो इसका इस्तेमाल करें साथ ही स्वंय भी गोपिका चंदन से तिलक करें. इससे मानसिक तनाव दूर होता है.

जन्माष्टमी के दिन रातरानी के फूलों का इत्र लगाना अच्छा माना जाता है. कहते हैं श्रीकृष्ण के शरीर से भी मादक गंध आती थी. ग्रंथों के अनुसार कान्हा के शरीर से अष्टगंध की सुगंध आती थी. इस खुशबू से वह जल्द प्रसन्न होते हैं.

जन्माष्टमी के अवसर पर कान्हा जी को बांसुरी प्रिय है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में बांसुरी रखने से सुख और समृद्धि का आगमन होता है.

कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन कान्हा को उनकी प्रिय वस्तु अर्पित करने से व्यक्ति की समस्याओं का अंत होता है.

क्या आप जानते हैं सिगरेट पीने से होंठ में भी हो सकता है कैंसर,जाने लक्षण

दुनियाभर में हर साल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है. आपके आमतौर पर लंग्स, ब्रेस्ट, पेट के कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैंसर होठों पर भी होता है. इसको लिप कैंसर कहते हैं. हालांकि इसके मामले अन्य कैंसर की तुलना में कम आते हैं, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे लक्षण हैं जो होठों के कैंसर के हो सकते हैं. ऐसे में आपको होठों के कैंसर के बारे में जानना जरूरी है.

लिप कैंसर होठों की स्किन पर होता है. यह ऊपरी या निचले होंठ पर कहीं भी हो सकता है, लेकिन यह निचले होंठ पर सबसे आम है. होंठ का कैंसर एक प्रकार का मुंह (मुंह) का कैंसर माना जाता है. इसको स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कहते हैं. होठों के आसपास की सेल्स का असामान्य रूप से बढ़ने से यह कैंसर होता है.

कैसे होता है होंठ का कैंसर?

ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ विनीत तलवार बताते हैं कि सिगरेट, तंबाकू और धूप में अधिक रहने से होंठ का कैंसर हो सकता है. सिगरेट की वजह से होंठों का काला पड़ना भी इसका रिस्क फैक्टर है. फेयर स्किन वाले लोगों में और कमजोर इम्यूनिटी वालों में इसका रिस्क अधिक होता है. होंठ के कैंसर के उपचार में आमतौर पर कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है, कुछ मामलों में कीमोथेरेपी भी की जा सकती है.डॉ तलवार बताते हैं कि होंठ के कैंसर के मामले अन्य कैंसर की तुलना में कम आते हैं, हालांकि डॉक्टर इसको माउथ कैंसर की श्रेणी में ही रखते हैं

होंठ के कैंसर के लक्षण

होंठ का सफेद रंग का होना ( सफेद पैच)

आपके होंठ पर एक घाव जो ठीक नहीं हो रहा

होठों या मुंह के आसपास की त्वचा में दर्द या सुन्न होना

बचाव कैसे करें

तम्बाकू का सेवन बंद करें. यदि आप तंबाकू का सेवन करते हैं तो बंद कर दें.

तंबाकू का उपयोग हो चाहे सिगरेट इससे आपके होठों की सेल्स खतरनाक केमिकल के संपर्क में आती हैं, जो कैंसर का कारण बन सकती है.

तेज धूप में जाने से बचें

शरीर पर बना टैटू सरकारी नौकरी में खड़ी कर सकती है मुश्किलें

शरीर पर बना टैटू भी सरकारी नौकरी मिलने में मुश्किल खड़ी कर सकता है. हाल में एक ऐसा ही मामला चर्चा में आया. उत्तर प्रदेश के बागपत के 20 वर्षीय दीपक यादव को टैटू के कारण दिल्ली पुलिस भर्ती में रिजेक्ट कर दिया गया. दीपक ने इसके लिए बकायदा कानूनी लड़ाई लड़ी. अब दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया है. फैसले में कहा गया है कि हल्के पड़ चुके टैटू के निशान के आधार पर उम्मीदवार को सरकारी नौकरी से रिजेक्ट नहीं किया जा सकता

जानिए सरकारी नौकरियों में टैटू क्यों बढ़ाता है रिजेक्शन, कौन-कौन सी नौकरियों में टैटू के कारण नहीं मिलती नौकरी, क्या है था हालिया मामला.

टैटू क्यों बढ़ाता है रिजेक्शन?

टैटू बनवाया है तो कोई भी सरकारी नौकरी के लिए रिजेक्ट कर दिया जाएगा, यह पूरी तरह से सच नहीं है. कुछ ऐसी जॉब प्रोफाइल हैं जहां पर टैटू को लेकर सख्ती है और कुछ में पाबंदियां हैं. टैटू के नाम पर उम्मीदवारों को रिजेक्ट क्यों कर दिया जाता है, अब इसे समझ लेते हैं. इसकी कई वजह बताई गई हैं.

माना जाता है कि टैटू कई तरह के रोगों जैसे एचआईवी, स्किन डिजीज, हेपेटाइटिस ए और बी को बढ़ावा दे सकता है. टैटू बनवाने वाले लोग अपने काम को गंभीरता से नहीं करते. सबसे बड़ा कारण यह बताया जाता है कि ऐसा नौकरियों में समानता दिखाने के लिए किया जाता है. वहीं, सेना में ऐसे उम्मीदवारों की भर्ती नहीं की जाती है जिनकी बॉडी पर बड़े टैटू होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि टैटू बनवाने से उस शख्स की पहचान आसानी से हो जाती है और सेना में सुरक्षा के लिहाज से ऐसा ठीक नहीं होता.

टैटू को लेकर क्या हैं नियम?

टैटू को लेकर कई बार मामले कोर्ट तक पहुंच चुके हैं. इसको लेकर फैसले भी आए. भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, जनजाति के प्रचलित रीति-रिवाजों और परंपराओं से जुड़े शख्स के शरीर में किसी भी हिस्से पर स्थायी टैटू पहनने की अनुमति है. हालांकि, अन्य लोगों के लिए केवल छोटे, सुरक्षित टैटू की अनुमति है. इसमें धार्मिक प्रतीक या किसी अपने प्रियजन का नाम नहीं होना चाहिए.

टैटू के ज्यादातर मामले सेना से जुड़ी भर्ती के रहे हैं, जहां इसको लेकर गाइडलाइन सख्ती से लागू की जाती है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय नौसेना, तटरक्षा और पुलिस विभाग में शामिल होने शख्स के शरीर के किसी बाहरी हिस्से में, कोहनी से कहलाई तक या हथेली के पिछले हिस्से में टैटू की अनुमति नहीं है. शरीर के अंदरूनी हिस्से में छोटे टैटू की अनुमति है. टैटू अभद्र, लैंगिकवादी या नस्लवादी नहीं होने चाहिए. आमतौर पर अगर टैटू आपत्तिजनक नहीं है तो भर्ती के कैंडिडेट को अयोग्य नहीं घोषित किया जा सकता.

टैटू के मामले जो कोर्ट तक पहुंचे

बागपत के दीपक ने साल 2023 में कर्मचारी चयन आयोग का विज्ञापन देखा, जिसमें दिल्ली पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती का जिक्र था. उन्होंने आवेदन किया. दिसम्बर 2023 में लिखित परीक्षा पास की. मेडिकल परीक्षा में फिटनेस टेस्ट के लिए दीपक के दाहिने हाथ पर बने मां के टैटू को मिटवाने की कोशिश की थी. फिटनेस टेस्ट में वो सफल रहे, लेकिन मिटाए हुए टैटू के कारण उन्हें अनफिट बता दिया गया. फिर मामला कोर्ट पहुंचा और दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया.

अब दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया है. फैसले में कहा गया है कि हल्के पड़ चुके टैटू के निशान के आधार पर उम्मीदवार को सरकारी नौकरी से रिजेक्ट नहीं किया जा सकता.

ऐसा ही एक मामला दो साल पहले आया था. एक शख्स ने अपने दाहिने हाथ के पिछले हिस्से में धार्मिक टैटू बनवाया था. उसने CRPF, NIA समेत अन्य बलों में भर्ती के लिए परीक्षा दी तो उसे रिजेक्ट कर दिया गया. इसके बाद मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा.

खाना खाने के तुरंत बाद भी लग जाती है भूख?,जाने कैसे करें कंट्रोल

ओवरईटिंग के कारण न सिर्फ हमारा वजन बढ़ता है बल्कि कई बीमारियां होने का खतरा भी होता है. कुछ लोगों का मानना है कि पेट में कीड़े होने के चलते उन्हें खाने के बाद भी भूख लग जाती है. लेकिन इसके कई सारे कारण हो सकते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आप अपनी डाइट में कम फाइबर वाली चीजें लेते हैं, तो भी बार-बार भूख लगती है.

न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. नमामी अग्रवाल कहती हैं कि स्ट्रेस में होने के चलते भी बेवजह भूख लगती रहती है. ऐसे में माइंडफुल ईटिंग टिप्स को फॉलो करके आप बार-बार खाने की समस्या को दूर कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि बेवजह लगने वाली भूख को किस तरह कंट्रोल किया जाए.

खुद को हाइड्रेट रखें

एक्सपर्ट के मुताबिक, कम पानी पीना भी कई बार बेवजह भूख लगने का कारण होता है. इससे हमारा शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है, जिसके चलते हमें भूख लगने जैसा फील होता है. कोशिश करें कि रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी पिएं. इससे शरीर के टॉक्सिंस भी बाहर निकल जाएंगे.

फाइबर और प्रोटीन लें

अगर आपको बार-बार भूख लग रही है तो ऐसे में पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है. अगर आपकी डाइट में प्रोटीन और फाइबर जैसी चीजें नहीं हैं या कम लेते हैं- तो भी बेवजह भूख लग सकती है. अपने हर खाने में इन दोनों चीजों को शामिल करें. इससे मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट रहेगा.

मील न करें स्किप

बिजी लाइफस्टाइल के चलते ज्यादातर लोग अपना मील स्किप कर देते हैं, लेकिन इससे परेशानी हो सकती है. इसके अलावा, अगर आपके खाने में ज्यादा गैप हो तो भूख बढ़ सकती है. ऐसे में आप मील में 3 से 4 घंटे का गैप न रखें.

हर्बल टी

हर्बल टी को डाइट में जरूर शामिल करें. आप मील लेने के एक घंटे के बाद ग्रीन टी ले सकते हैं. इससे भी बार-बार यानी बेवजह की भूख नहीं लगेगी. साथ ही, आप ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक फील करेंगे.इन 4 टिप्स को फॉलो करके आप बार-बार लगने वाली भूख से बच जाएंगे. इसके चलते आप ओवरईटिंग की समस्या से भी दूर रहेंगे.

पंजाब पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी,नाभा जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड रोमी को लाया जा रहा भारत वापस

पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. नाभा जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड रमन जीत सिंह उर्फ रोमी को वापस भारत लाया जा रहा है. 22 अगस्त को शाम 4 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर पंजाब पुलिस के सुरक्षा एजेंसियों के ऑपरेशन में मास्टरमाइंड को भारत लाया जा रहा है. रमन जीत नाभा जेल ब्रेक मामले में भगोड़ा है. एजेंसियों के मुताबिक नाभा जेल ब्रेक मामले में रमनजीत की मुख्य भूमिका थी, जिसमें कई गैंगस्टर पुलिसकर्मी बनकर जेल पहुंचे थे और हाई सिक्योरिटी जेल को तोड़कर 6 गैंगस्टर और बड़े अपराधियों को छुड़ाकर ले गए थे.

नाभा जेल ब्रेक के मामले में रोमी ने अपराधियों को पैसा, हथियार और दूसरे लॉजिस्टिक स्पोर्ट मुहैया कराए थे. रोमी के खिलाफ साल 2017 में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद हांगकांग पुलिस ने रोमी को साल 2018 में पकड़ लिया था और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हाल ही में 6 अगस्त 2024 को हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र ने 6 अगस्त को रमनजीत के सरेंडर का ऑर्डर जारी किया था.

6 साल बाद मिली सफलता

पंजाब पुलिस के मुताबिक साल 2018 से ही वो रमनजीत उर्फ रोमी के प्रत्यपर्ण की कोशिश कर रही थी. लेकिन रोमी को भारत लाने के लिए पंजाब पुलिस को काफी पापड़ बेलने पड़े. यहां तक की इस मामले के संबंध में पंजाब पुलिस हांगकांग भी गई थी. 6 साल बाद अब जाकर इस मामले में पुलिस को सफलता हाथ लगी है. जहां हांगकांग के एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन ने अब रोमी के प्रत्यर्पण की मंजूरी दी है और पंजाब पुलिस 22 अगस्त को उसे दिल्ली लेकर आ रही है.

शातिर अपराधी है रोमी

रोमी एक बहुत शातिर अपराधी है, जिसने फिल्मी तरीके से हाई सिक्योरिटी के बावजूद भी जेल को तोड़कर गैंगस्टर को भगा दिया था. अब जब रोमी को भारत वापस लाया जा रहा है तो अब पूरा खुलासा होगा कि इस पूरे गेम में उसके साथ और कौन-कौन शामिल था. उस पर गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह के साथ संपर्क में होने का भी आरोप था. गुरप्रीत सिंह उन 6 अपराधियों में शामिल है, जिसे रोमी ने जेल से भगाया था. साल 2016 में पंजाब के लुधियाना के नाभा जेल से 6 कैदी भागने वाले एक गैंगस्टर विक्की गौंडर का पुलिस एनकाउंटर कर चुकी है.

नोएडा में मंदिर की घंटी बजाने से हुआ ध्वनि प्रदूषण,AOA ने की सोसाइटी के लोगों से ये अपील

 ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सौंदर्यम सोसाइटी में मंदिर की घंटी बजने से एक निवासी को इतनी परेशानी हुई कि उसने इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कर दी. शिकायत के आधार पर यूपीपीसीबी ने एओए को नोटिस जारी जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. साथ ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए संबंधित अधिकारी को जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं.

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सौंदर्यम सोसाइटी में मंदिर की घंटी बजने से एक निवासी को इतनी परेशानी हुई कि उसने इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कर दी. शिकायत के आधार पर यूपीपीसीबी ने एओए को नोटिस जारी जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. साथ ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए संबंधित अधिकारी को जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं. 

यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने नोटिस में कहा है कि किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण न किया जाए, जिससे किसी को कोई समस्या हो. नोटिस मिलने के बाद एओए ने मंदिर की घंटी को धीरे से बजाने की अपील सोसाइटी के लोगों से की है. 

रोजाना घंटी बजने से होती है परेशानी

दरअसल, गौर सौंदर्यम सोसाइटी के फ्लैट नंबर 368 में रहने वाले मुदित बंसल ने 30 जुलाई को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ऑनलाइन एक शिकायत की थी. अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके फ्लैट के पास मंदिर बना हुआ है. जहां से रोजाना घंटी बजाने की आवाज आती है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है. 

मुदित बंसल की शिकायत मिलने पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान ध्वनि की तीव्रता अधिक मिली. जिसे देखते हुए एओए को एक नोटिस जारी किया गया. जिसमें ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए कहा गया है. मंदिर का घंटा बजने से किसी को कोई परेशानी ना हो. 

सोसाइटी के लोगों से ये अपील 

सोसाइटी के एओए बीके बंसल ने बताया कि विभाग से प्राप्त हुए नोटिस की सूचना सभी निवासियों दे दी है.लोगों से कहा गया है कि घंटी को इतना ज्यादा तेज न बजाएं कि किसी को परेशानी हो. 

क्षेत्रीय अधिकारी डीके गुप्ता ने बताया कि ऑनलाइन एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया. निरीक्षण में ध्वनि की तीव्रता 70 डेसीबल से अधिक मिली, जो मानकों से अधिक है. ध्वनि प्रदूषण अधिक होने के आधार पर एओए को नोटिस जारी किया गया. साथ ही एओए को ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने को कहा गया है.