Ranchi

Aug 21 2024, 16:19

राजधानी रांची में भी दिखा भारत बंद का असर, सत्ताधारी पार्टियों का मिला समर्थन


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद का असर कई राज्यों के साथ-साथ राजधानी रांची में भी देखने को मिल रहा है। बिहार और झारखंड में कई सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

 भारत बंद झारखंड की सत्ताधारी पार्टी के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया। वहीं पुलिस प्रशासन कि ओर से किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार नजर आई। 

भारत बंद का राजधानी रांची में मिला जुला असर दिख रहा है। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सड़कों पर छिटपुट वाहन चल रहे हैं लेकिन ज्यादार दुकानें बंद है। अलग अलग राजनीतिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता पहुंच कर विरोध करते नजर आए। राज्य के कई इलाकों में सड़क और रेल सेवा भी बाधित करने की खबर है. वहीं रांची से अन्य जिलों के लिए खुलने वाली बस सेवा बंद है।

Ranchi

Aug 21 2024, 10:26

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन दिल्ली से लौटे अपने आवास, बताया दिल्ली जाने का क्या था कारण

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची डेस्क : झारखंड सरकार में मंत्री चंपाई सोरेन दिल्ली से सरायकेला लौट आए हैं। बीते कुछ दिनों से झारखंड की राजनीति में चल रहे भूचाल के बीच मंगलवार को मीडिया के समक्ष आकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने स्थिति को साफ किया है। उन्होंने कहा कि मैं यहां अपने निजी काम से आया था।

चंपाई सोरेन ने दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मुलाकात की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने किसी से मुलाकात नहीं वल्कि दिल्ली अपने निजी काम के सिलसिले में पहुंचा था। मैं अपनी बच्ची से मिलने आया था, पोता है उसका चश्मा टूट गया था बोला आइये ना दादू चश्मा बनवा दीजिये उसको बनवाने गए थे।

उन्होंने झामुमो के सिंबल पर चुनाव लड़ने के सवाल का जवाब में कहा कि मैंने इन सारी बातों की जानकारी पहले दे दी है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पार्टी छोड़ने का संकेत दे दिया था। उन्होंने इसकी वजह पार्टी नेतृत्व द्वारा अपमान किये जाने को बताया था।

चंपई सोरेन जिस उम्मीद में दिल्ली आए थे फिलहाल उस पर पानी फिरता दिख रहा है। उनकी सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई है। चंपई को विधायकों का साथ भी नहीं मिला। जिन विधायकों को वो अपना करीबी समझ रहे थे वो अब हेमंत सोरेन के सामने वफादारी साबित करने में लग गए हैं।

हालांकि चंपाई सोरेन ने जिस तरह से सोशल मीडिया पर कहा था कि हमारे पास तीन विकल्प है। जिसमें राजनीति से संन्यास लेना संभव नहीं है। चंपाई ने कहा कि समर्थकों के अपार प्यार और समर्थन की बदौलत वे आगे भी सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि जीवन का नया अध्याय शुरू करेंगे। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि अब उनके पास दो विकल्प खुले हैं। जिसके तहत या तो संभव है कि वे किसी साथी की तलाश करें। अन्यथा नए सिरे से संगठन बनाए, लेकिन मंत्री चंपाई सोरेन ने स्थिति साफ नहीं किया है।

Ranchi

Aug 20 2024, 19:45

मुख्यमंत्री आवास के बाहर जब एक माहिला फुट -फुट कर रोने लगी जाने क्या है उनके रोने का कारण..?


सीएम हेमंत सोरेन ने सुनी आमजनों की समस्याएं दिया त्वरित निष्पादन का निर्देश 

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : मंगलवार को कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर एक महिला फुट -फुट कर रोने लगी। रोने की वजह जब हमने जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि उनके टोटो का परमिट नहीं मिलना और चालान कटना है। जिस वजह से महिला कुछ दिनों से परेशान चल रही थी और आज अपने कुछ साथियों के साथ वे मुख्यमंत्री आवास पहुंची।

 बता दें कि आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने आवास में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए आमजनों की समस्याओं को सुन रहे थे। और त्वरित कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिया।

वहीं महिला ने यह सोचकर आया कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से होगी लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई हालांकि उन लोगों की मुलाकात एक अधिकारी से हुई लेकिन बात नहीं बन पायी। आपको बता दें कि पिछले दिनों ई रिक्शा चालकों ने राजधानी रांची कि सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन भी किया था।

 इनका कहना है कि शहर में 7 से 8 हजार ई रिक्शा है जबकि सरकार के द्वारा परमिट महज लगभग 900 रिक्शा को ही मिला है। ऐसे में सड़क पर चलने से इनका चालान काट दिया जाता है। यह कहते हैं कि सरकार हमें परमिट मुहैया कराए और हम परमिट लेने के लिए तैयार हैं।

Ranchi

Aug 20 2024, 18:56

मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आमजनों की सुनी समस्या, त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को दिया निर्देश

रिपोर्टर : 

रांची : कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे आमजनों की समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री आवास पहुंचे लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी-अपनी समस्याएं बताईं। मुख्यमंत्री स्वयं एक-एक लोगों के पास पहुंचे और उनसे आवेदन लिया। 

मौके पर सभी लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आश्वासन के बाद मुख्यमंत्री आवास पहुंचे लोग संतुष्ट दिखाई दिए।

मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार जन समस्याओं के समाधान का निरंतर प्रयास कर रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि मूलभूत और बुनियादी सुविधाओं को आपके गांव-घर तक पहुंचाई जाए। पिछले साढ़े चार वर्ष में जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं को प्रतिबद्धता के साथ आप तक पहुंचाया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के आदिवासी-मूलवासी, गरीब, किसान, मजदूर सहित सभी वर्ग-समुदाय का सर्वांगीण विकास उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। आने वाले समय में भी जनहित का कार्य अनवरत चलता रहेगा। आमजनों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य के साथ राज्य सरकार निरन्तर आगे बढ़ रही है।

Ranchi

Aug 20 2024, 17:09

सियासी हलचलों के बीच सीएम आवास में बड़ी हलचल, कोल्हान के कई विधायक पहुंचे हेमंत के पास


चार विधायक पहुंचे सीएम आवास, पार्टी बदलने को लेकर कहा मीडिया की उपज

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में इस समय सियासी हलचल बढ़ी हुई है। इसके पीछे का कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री चंपई सोरेन का झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़ने को लेकर है। वही सियासी गलियारों में चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा भी जोरों पर है। 

जहां पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पिछले दो दिनों से दिल्ली में है। 

वहीअब मुख्यमंत्री आवास में हलचल तेज हो गई है। हेमंत सोरेन से मुलाकात करने कोल्हान के कई विधायक पहुंचे है।

खबरे यह भी आ रही थी कि चंपाई सोरेन के साथ कोल्हान के कई विधायक भी बगावत के सुर बुलंद कर सकते है। यह सब तब हो रहा है जब विधायकों के चंपाई के संपर्क में होने की चर्चा हो रही थी। 

लेकिन हेमंत ने हालात को भांप लिया और सभी विधायकों को रांची बुलाया है। उनके साथ बैठकें की और राजनीतिक हालात को समझा।

 बैठक के बाद बाहर निकले विधायको रामदास सोरेन और समीर मोहंती ने कहा हम अपने क्षेत्र के कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने आए थे। उन्होंने बगावत की बात को लेकर सिरे से इनकार कर दिया और कहा कि हम झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ है। 

अगर चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ रहेंगे तो हम लोग का साथ देंगे।

 

 कोल्हान के टाइगर कहे जाते है से आते हैं चंपाई सोरेन, ऐसे में अगर पार्टी बदलते हैं तो झारखंड में बड़ा खेल हो सकता है। पार्टी से नाराज अब पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन अलग राह तलाशने में लगे है। ऐसे में सरकार को कोई खतरा ना हो इसकी तैयारी में हेमंत भी लग गए है। विधायकों से बात कर आगे की रणनीति को तय करेंगे। अगर कुछ हालत बनते है तो इससे कैसे बाहर आना है। साथ यह बैठक एकजुटता दिखाने की कोशिश होगी। वही झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इन सारी मुद्दों को पार्टी मीडिया की उपज बताया। उन्होंने कहा कि आगामी कैबिनेट बैठक को देखते हुए अपने क्षेत्र की जनमुद्दों की बात करने के लिए सीएम से मिलने आए थे।

आखिर चंपाई के साथ क्या कुछ बात विधायकों के साथ हुई थी और दिल्ली जाने के बाद भी क्या चंपाई ने किसी से संपर्क किया था। इन सारे विषयों पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। वही सीएम आवास से बाहर निकलते समय विधायक मंगल कालिंदी और संजीव सरदार मीडिया से बचते नजर आए। इस पूरे प्रकरण से लोबीन हेमरॉम बचते नजर आ रहे है। वो किसी से बात भी नही कर रहे है। इसे में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पर ही पूरी निगाहें टिकी है।

Ranchi

Aug 20 2024, 16:41

झारखंड की सियासी हलचलो के बीच आज दिल्ली से कोलकाता जायेंगे चम्पई, अभी भी भाजपा में जाने का सस्पेंस बरकरार


सीएम हेमंत सोरेन ने चार विधायको के साथ सीएम आवास में की बैठक

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में इस समय सियासी हलचल बढ़ी हुई है। इसके पीछे का कारण पूर्व मुख्यमंत्री और सीएम हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री चंपई सोरेन का झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़ने को लेकर है। वही सियासी गलियारों में चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा भी जोरों पर है। पूर्व सीएम चंपाई सोरेन दो दिनों के दिल्ली दौरे के बाद आज दिल्ली से सीधा कोलकाता जायेंगे।

सूत्रों की माने तो चंपाई सोरेन के दो दिनों के दिल्ली प्रवास के दौरान उन्होंने बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं से मुलाक़ात की है। अभी भी बातचीत जारी है। हालांकि, अभी तक चंपाई और बीजेपी नेताओं के बीच मुलाक़ात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

 बताया जा रहा है कि आज शाम 7 बजे दिल्ली से कोलकाता पहुंचेंगे। वहीं कोलकाता के रास्ते जमशेदपुर अपने गांव खरसावां जाएंगे। 

पूर्व सीएम चंपई सोरेन पिछले रविवार 18 अगस्त से दिल्ली में हैं। इसी बीच उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर झामुमो छोड़ने के संकेत भी दिए थे। सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर उन्होंने पोस्टर जारी कर लिखा था कि जेएमएम में मेरे साथ अपमान हुआ है। 

वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो आज सीएम आवास में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चार विधायक रामदास सोरेन, समीर मोहंती, पोटका सरदार और मंगल कालिंदी के बैठक की। बैठक के बाद विधायकों ने कहा कि हम जेएमएम के साथ है। चंपाई सोरेन अगर जेएमएम में रहेंगे तो हम उनके साथ भी रहेंगे।

Ranchi

Aug 20 2024, 11:08

21 अगस्त को रांची आएंगे झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के नवनियुक्त अध्यक्ष केशव महतो कमलेश

रिपोर्टर जयंत कुमार 

राॅंची : अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव व झारखण्ड प्रभारी गुलाम अहमद मीर के साथ झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के नवनियुक्त अध्यक्ष केशव महतो कमलेश कल 21 अगस्त को रांची आएंगे।

 केशव महतो कमलेश के रांची आगमन पर बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा उनका भव्य स्वागत किया जायेगा। तदुपरान्त कर्पुरी ठाकुर चौक हिनू में माल्यार्पण, भगवान बिरसा मुण्डा चौक में माल्यार्पण, नागेश्वर महतो चैक होते हुए वीर बुद्धू भगत अरगोड़ा में माल्र्यापण करते हुए कांग्रेस भवन जायेंगे।

कांग्रेस भवन, राॅंची में नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का स्वागत सह अभिनंदन किया जायेगा। इसके पश्चात् केशव महतो कमलेश पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से पदभार ग्रहण करेंगे।

Ranchi

Aug 19 2024, 21:05

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बहनों ने हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन को बांधा राखी


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : पूरे देश में रक्षाबंधन का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है।भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम स्नेह और विश्वास का वादा लेकर आता है यह रक्षाबंधन का त्यौहार।

 राखी का ये त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। इस त्यौहार में बड़े से छोटे सभी बहने अपनी भाइयों की कलाई में राखी बांधती है। रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बहनों ने भी हेमंत सोरेन और भाई बसंत सोरेन को राखी बांधा। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बड़ी बहन अंजली सोरेन के साथ - साथ चचेरी बहनों ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कलाई पर राखी बांधकर उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की मंगल कामनाएं की। वही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सभी बहनों को सहृदय प्यार, आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी। 

रक्षाबंधन के इस अवसर पर सभी बहनों ने भाई बसंत सोरेन के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा और उनकी लंबी उम्र की कामना के साथ प्यार और आशीर्वाद दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी राज्यवासियों को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी। इस मौके पर हेमंत सोरेन के पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन माता रूपी सोरेन व पत्नी कल्पना सोरेन सहित परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे।

Ranchi

Aug 19 2024, 17:46

एयरफोर्स में निकली अग्निवीर वायु की भर्ती, 20-29अगस्त तक आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन कर सकते है पंजीकरण

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : भारतीय वायुसेना में भर्ती होने के सपने देख रहे युवाओं के लिए बेहतरीन मौका है. एयरफोर्स में अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की भर्ती निकली है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 20 अगस्त से शुरू होगी जो 29 अगस्त तक रहेगी।

भारतीय वायु सेना (IAF) ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर वायु(Sports) पदों के लिए अविवाहित भारतीय पुरुष उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते है।अग्निवीर वायु के लिए उम्मीदवार अपना पंजीकरण 20- 29 अगस्त तक आधिकारिक वेबसाइट agnipathvayu.cdac.in पर कर सकते है।

 अग्निवीर वायु भर्ती के लिए उम्मीदवार का जन्म 02 Jan 2004 से 02 Jul 2007 के बीच होना चाहिए। इसमें अविवाहित पुरुष उम्मीदवार ही भाग ले सकते हैं। 12वीं कक्षा या इसके समकक्ष परीक्षा विज्ञान संकाय में गणित, भौतिक और अंग्रेजी विषय के साथ कला और वाणिज्य संकाय में किसी भी विषय के साथ 50 फीसदी अंकों के साथ और अंग्रेजी विषय में भी 50 फीसदी अंक होना अनिवार्य है, या 3 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारक या 2 वर्षीय वोकेशनल कोर्स पास उम्मीदवार आवेदन के लिए पात्र हैं। साथ ही इच्छुक अविवाहित पुरुष उम्मीदवार भर्ती से संबंधित सभी नियमों की जानकारी भारतीय वायुसेना की वेबसाइट से ले सकते हैं।

Ranchi

Aug 18 2024, 21:06

पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का छलका दर्द, थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ करने की थी इच्छा...
चंपाई सोरेन ने JMM छोड़ने के दिए संकेत, कहा पार्टी में मेरा अपमान हुआ है, मेरे पास 3 विकल्प.. रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले बड़ी राजनीतिक उठापटक देखने को मिली। अब लगभग यह तय माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने हेमंत सोरेन का साथ छोड़ने का फैसला ले लिया है। हालाकि उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ने का फिलहाल अधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन इसी बीच अपने एक्स हैंडल पर उन्होंने एक लैटर पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने पिछले कुछ महीने में हेमंत सोरेन के साथ अपने रिश्ते को लेकर खुलकर लिखा है।

इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया साइट X के बायो से JMM लीडर और मंत्री हटा लिया है। पूर्व सीएम के घर सरायकेला-खरसावां जिले के गांव जिलिंगगोड़ा से JMM का झंडा हट गया है। आज दोपहर जब 1 बजे चंपाई सोरेन दिल्ली पहुंचे। बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'अभी मैं जहां पर हूं वहीं पर हूं। यहां मेरे बच्चे रहते हैं। मैं उनसे मिलने आता रहता हूं। मैं निजी काम से दिल्ली आया हूं।

चंपई सोरेन अपने सोशल मीडिया व एक्स हैंडल पर क्या पोस्ट जारी किया है, यहां पढ़े


जोहार साथियों,

आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।

अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज उठाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक, मैंने हमेशा जन-सरोकार की राजनीति की है। राज्य के आदिवासियों, मूलवासियों, गरीबों, मजदूरों, छात्रों एवं पिछड़े तबके के लोगों को उनका अधिकार दिलवाने का प्रयास करता रहा हूं। किसी भी पद पर रहा अथवा नहीं, लेकिन हर पल जनता के लिए उपलब्ध रहा, उन लोगों के मुद्दे उठाता रहा, जिन्होंने झारखंड राज्य के साथ, अपने बेहतर भविष्य के सपने देखे थे।

इसी बीच, 31 जनवरी को, एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के बाद, इंडिया गठबंधन ने मुझे झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की सेवा करने के लिए चुना। अपने कार्यकाल के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन (3 जुलाई) तक, मैंने पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ राज्य के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इस दौरान हमने जनहित में कई फैसले लिए और हमेशा की तरह, हर किसी के लिए सदैव उपलब्ध रहा। बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों एवं समाज के हर तबके तथा राज्य के हर व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए हमने जो निर्णय लिए, उसका मूल्यांकन राज्य की जनता करेगी।

जब सत्ता मिली, तब बाबा तिलका मांझी, भगवान बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू जैसे वीरों को नमन कर राज्य की सेवा करने का संकल्प लिया था। झारखंड का बच्चा- बच्चा जनता है कि अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने कभी भी, किसी के साथ ना गलत किया, ना होने दिया।

इसी बीच, हूल दिवस के अगले दिन, मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया है। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था। पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा 3 जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक आप सीएम के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।

क्या लोकतंत्र में इस से अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? अपमान का यह कड़वा घूंट पीने के बावजूद मैंने कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण सुबह है, जबकि दोपहर में विधायक दल की बैठक होगी, तो वहां से होते हुए मैं उसमें शामिल हो जाऊंगा। लेकिन, उधर से साफ इंकार कर दिया गया।

पिछले चार दशकों के अपने बेदाग राजनैतिक सफर में, मैं पहली बार, भीतर से टूट गया। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। दो दिन तक, चुपचाप बैठ कर आत्म-मंथन करता रहा, पूरे घटनाक्रम में अपनी गलती तलाशता रहा। सत्ता का लोभ रत्ती भर भी नहीं था, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी इस चोट को मैं किसे दिखाता? अपनों द्वारा दिए गए दर्द को कहां जाहिर करता?

जब वर्षों से पार्टी के केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं हो रही है, और एकतरफा आदेश पारित किए जाते हैं, तो फिर किस से पास जाकर अपनी तकलीफ बताता? इस पार्टी में मेरी गिनती वरिष्ठ सदस्यों में होती है, बाकी लोग जूनियर हैं, और मुझ से सीनियर सुप्रीमो जो हैं, वे अब स्वास्थ्य की वजह से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, फिर मेरे पास क्या विकल्प था? अगर वे सक्रिय होते, तो शायद अलग हालात होते।

कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था। बैठक के दौरान मुझ से इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था।

पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था। मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता। इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने हेतु मजबूर हो गया।

मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि - "आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।" इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे। पहला, राजनीति से सन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना।

उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।

एक बात और, यह मेरा निजी संघर्ष है इसलिए इसमें पार्टी के किसी सदस्य को शामिल करने अथवा संगठन को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं है। जिस पार्टी को हमने अपने खून-पसीने से सींचा है, उसका नुकसान करने के बारे में तो कभी सोच भी नहीं सकते। लेकिन, हालात ऐसे बना दिए गए हैं कि...

आपका,
चम्पाई सोरेन