पोलैंड के लिए रवाना हुए पीएम मोदी, यूक्रेन दौरे पर भी जाएंगे, क्या युद्ध के खात्मे पर होगी बात?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड के लिए रवाना हो गए हैं। पोलैंड के बाद पीएम मोदी यूक्रेन का भी दौरा करने वाले हैं। पिछले 45 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली पोलैंड यात्रा है। पोलैंड के वारसॉ में पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया जाएगा। यहां वो राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके अलावा, पीएम मोदी पोलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे। 

पीएम मोदी ने पोलैंड यात्रा से पहले कहा कि जब दोनों देश 70 साल के अपने डिप्लोमेटिक संबंध को पूरा कर रहे हैं तब ही मेरी यह यात्रा हो रही है। वहीं, उन्होंने पोलैंड को मिडिल यूरोप का प्रमुख इकोनॉमिक पार्टनर बताया। उन्होंने कहा कि अपनी इस यात्रा में ‘मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के लिए उत्सुक हूं।‘

बता दें कि जिस समय रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ उस समय पोलैंड की सरकार और वहां के लोगों ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने में बड़ा योगदान दिया था। ‘ऑपरेशन गंगा’ के दौरान पोलैंड ने भारत की मदद की थी। साल 2022 में पोलैंड के रास्ते ही 4,000 से अधिक भारतीय छात्रों युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकाला गया था।

पोलैंड की यात्रा के बाद पीएम मोदी यूक्रेन की यात्रा करेंगे।पीएम मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन जाएंगे। वे पोलैंड से ट्रेन के जरिए यूक्रेन पहुंचेंगे।1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यूक्रेन का पहला दौरा होगा। पीएम मोदी ने बुधवार को दिल्ली से उड़ान भरने से पहले कहा कि वह यूक्रेन में जारी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बातचीत के लिए इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने अपने बयान में उम्मीद जताई है कि युद्धग्रस्त क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की जल्द ही बहाल हो जाएगी।

कोलकाता केस में आरोपी संजय रॉय पर बड़ा खुलासा, हैवानियत से पहले पी शराब, रेड लाइट एरिया भी गया

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले में सीबीआई की जांच जारी है। सीबीआई लगातार इस मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय से पूछताछ कर रही है। इसी बीच मुख्य आरोपी संजय रॉय को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है।कोलकाता पुलिस के मुताबिक घटना की रात आरोपी संजय रॉय सोनागाछी के रेडलाइट एरिया स्थित दो वेश्यालयों में गया था।आरोपी संजय रॉय 8 अगस्त की रात शराब के नशे में धुत होकर सोनागाछी पहुंचा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना वाली रात को आरोपी संजय रॉय शराब के नशे में सोनागाछी स्थित दो वेश्यालयों में गया था।ये भी जानकारी मिली है कि उसने नशे में धुत्त होकर सड़क पर चल रही महिला से छेड़छाड़ की थी और उससे न्यूड फोटो भी मांगा था। जानकारी के मुताबिक घटना को अंजाम देने से पहले उसने अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में भी ताक-झांक की थी। आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी में सीसीटीवी फुटेज से मदद मिली, जिसमें उसे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में घुसते और अस्पताल से जाते हुए देखा गया था,जहां जूनियर डॉक्टर सो रही थी और इस जघन्य घटना का पता चला।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। इसके बाद 20 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई हुई थी।कोलकाता पुलिस ने मंगलवार को मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को घटना के दिन सुबह 4 बजे आरजी कर अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग में प्रवेश करते हुए दिखता है। इस दौरान उसने गले में ब्लूटूथ डिवाइस पहन रखी थी। लेकिन जब वह बिल्डिंग से बाहर निकला तो उसका ब्लूटूथ डिवाइस गायब था। पुलिस को पीड़िता के डेडबॉडी के पास से ब्लूटूथ डिवाइस पड़ी मिली। जांच में पुलिस ने ब्लूटूथ डिवाइस को आरोपी के मोबाइल से कनेक्ट पाया। इस तरह पुलिस ने कोलकाता रेप और मर्डर केस में आरोपी संजय रॉय को पकड़ा।

सीआईएसएफ को सौपी मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा

वहीं, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपने का आदेश दिया है। पहले आरजी कर हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा की जिम्मेदारी कोलकाता पुलिस के हाथों में थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई को 22 अगस्त तक पूरी घटना की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

सीबीआई ने इन लोगों से की पूछताछ

सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल समेत संदिग्धों से पूछताछ की। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष, संजय रॉय और कोलकाता पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक अनूप दत्ता, जिनकी रॉय के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर मिली थीं, उनसे एजेंसी के साल्ट लेक सीजीओ कॉम्प्लेक्स कार्यालय में सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ की। हत्या के कुछ दिनों बाद इस्तीफा देने वाले संदीप घोष से यह भी पूछा गया कि घटना के बाद सेमिनार हॉल के पास के कमरों के नवीनीकरण का आदेश किसने दिया था। सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या अपराध के पीछे कोई साजिश थी।

गला घोंटकर हत्या

कोलकाता रेप और मर्डर केस की घटना 9 अगस्त की है। यहां आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना ने देश भर में जनाक्रोश पैदा कर दिया है। महिला डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमीनार हॉल में अगली सुबह पाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि पीड़िता के शरीर पर 14 गंभीर चोट के निशान थे। पीड़िता की मौत को लेकर रिपोर्ट में सामने आया कि उसका गला घोंटा गया था।

दलित-आदिवासी संगठनों का भारत बंद, एसटी-एससी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर नए कानून की मांग

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एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज यानी 21 अगस्त को देशभर भारत बंद है। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एससी-एसटी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कई दलित संगठनों को आपत्ति है और वो इसका लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी को देखते हुए आज भारत बंद का ऐलान किया गया है।

भारत बंद में कौन-कौन शामिल?

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने आज भारत बंद बुलाया है। जिसको कम से कम तीन राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है। मायावती की बसपा, हेमंत सोरेन की जेएमएम और लालू प्रसाद याद की पार्टी राजद इस बंद के समर्थन में है। साथ ही भीम आर्मी ने भी इसका समर्थन किया है। भीम आर्मी जगह-जगह सुबह से जुलूस निकाल रही है।

भारत बंद का अखिलेश यादव ने किया समर्थन

भारत बंद के समर्थन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी। सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा. जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।

भारत बंद का कहां-कहां दिखेगा असर

भारत बंद देशव्यापी है। मगर सबसे अधिक राजस्थान, हरियाणा, केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार प्रभावित हो सकते हैं। इन राज्यों में विपक्षी पार्टियों का पूरा समर्थन मिलेगा। भारत बंद को देखते हुए राजस्थान के कुछ जिलों मसलन जयपुर, दौसा, भरतपुर, डीग और गंगापुर में स्कूलों और शिक्षण संस्थानों की छुट्टी है।

भारत बंद का दिल्ली में नहीं होगा असर

भारत बंद का दिल्ली में कोई असर नहीं होगा। दिल्ली में व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि हमने कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, खारी बावली, नया बाजार, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, करोल बाग, कमला नगर, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, आदि 100 से ज्यादा बाजारों के एसोसिएशन्स से इस विषय पर चर्चा की और सभी का ये कहना है कि भारत बंद को लेकर किसी ने भी व्यापारी संगठनों से ना ही संपर्क किया है और ना ही समर्थन मांगा है इसलिए दिल्ली के सभी 700 बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे, इसके अलावा सभी 56 इंडस्ट्रियल एरिया भी खुले रहेंगे।

राज्यसभा उप-चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की उम्मीदवार की सूची, लिस्ट में ये नाम शामिल
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हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।संसद के उच्च सदन राज्यसभा की खाली सीटों के लिए उप-चुनाव का आयोजन जल्द ही होने वाला है। सभी दलों ने इस उपचुनाव के लिए अपनी तैयारियों को शुरू भी कर दिया है। इसी क्रम में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने विभिन्न राज्यों से कुल 9 उम्मीदवारों का ऐलान किया है।

पार्टी ने हरियाणा से किरण चौधरी को मैदान में उतारा है। वहीं, राजस्थान की एक सीट के लिए रवनीत सिंह बिट्टू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। बिहार की एक सीट के लिए मनन मिश्रा, असम की दो सीट के लिए रामेश्वर तेली और मिशन रंजन दास को कैंडिडेट बनाया है।

बता दें कि लोकसभा चुनावों और दो सदस्यों के इस्तीफे के बाद राज्यसभा में 12 सीटें खाली हो गई हैं। जो सीटें खाली हुई हैं, उसमें असम, बिहार और महाराष्ट्र में दो-दो, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, ओडिशा और तेलंगाना में एक-एक सीट शामिल हैं। तेलंगाना और ओडिशा में राज्यसभा की दो सीट के लिए उपचुनाव भी होगा। तेलंगाना में हाल में के. केशव राव ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वहीं बीजू जनता दल (बीजद) की सांसद ममता मोहंता ने राज्यसभा सीट और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। मोहंता बीजद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गईं।
अजमेर कांड में 32 साल बाद फैसला, 6 दोषियों को आजीवन कारावास, सैकड़ों लड़कियों से ब्लैकमेलिंग-गैगरेप का मामला

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देश में बीते कई दिनों से कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर की खबर खुर्खियों में है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लेते हुए नेशनल टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं-लड़कियों के खिलाफ इस तरह के अपराधों को रोकना चाहिए, इसके लिए हम किसी नए मामले का इंतजार नहीं कर सकते। इसी बीच अजमेर रेप एंड ब्लैक मेलिंग केस में भी कोर्ट का फैसला आ गया है। 32 साल पहले हुए अजमेर गैंगरेप और ब्लैकमेल कांड के बाकी बचे 6 आरोपियों को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 5-5 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

साल 1992 में कॉलेज छात्राओं के साथ गैंगरेप हुआ था, जिस पर आज कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है। सभी आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। स्कूली छात्राओं की आपत्तिजनक फोटो खींचकर ब्लैकमेल करने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया।

यह मामला 1992 का है । जब राजस्थान के अजमेर में 100 से ज्यादा स्कूली और कॉलेज की लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार और ब्लैकमेलिंग की गई थी। अजमेर के एक गैंग ने 1992 में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली करीब 250 लड़कियों की नग्न तस्वीरें हासिल की। फिर उन्हें लीक करने की धमकी देकर 100 से अधिक छात्राओं के साथ गैंगरेप किया। गैंग के लोग स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को फार्महाउस पर बुलाते थे। उनके साथ गैंगरेप करते थे। कई स्कूल तो अजमेर के जाने-माने प्राइवेट स्कूल थे। इन बच्चियों की उम्र उस समय 11 से 20 साल की हुआ करती थी। 

एक अखबार ने इसका खुलासा किया तो मामला सामने आया। साल 1992 के मई महीने में अजमेर के एक स्थानीय अखबार दैनिक नवज्योति अखबार में इस मामले का खुलासा किया था। इसके लिए जिम्मेदार गिरोह धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में प्रभाव रखता था। इस पूरे स्कैंडल का मास्टर माइंड तत्कालीन अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती था। उसके साथ कई अन्य आरोपी भी थे। अजमेर जिला पुलिस ने पाया कि अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम परिवारों के कई युवा रईस इसमें शामिल थे।

फारूख अब्दुल्ला या उमर कौन लड़ेगा चुनाव? नेशनल कांफ्रेंस में पिता-पुत्र को लेकर असमंजस बरकरार
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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर को होगा, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर तो तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा। चुनाव की घोषणा के बाद से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस बीच नेशनल कांफ्रेंस में असमंजस की स्थिति बरकरार है। सवाल उठ रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस से पिता पारूख अब्दुल्ला और बेटे उमर के बीच कौन चुनावी मैदान में नजर आएगा?

चुनाव की तारीखों के एलान के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं ये चुनाव लड़ूंगा, उमर अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे। जब राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो मैं पद छोड़ दूंगा और उस सीट पर उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम राज्य का दर्जा चाहते हैं, न केवल एनसी बल्कि जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियां ऐसा चाहती हैं। यह भारत सरकार का वादा है कि पूर्ण राज्य का दर्जा होगा।

दरअसल, विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर उमर को लेकर असमंजस इसलिए है क्योंकि उन्होंने 2020 में यह दावा कर दिया था कि जबतक जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता, वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। 2019 में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद इसे राज्य से बदलकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। उमर ने इसी के विरोध में यह सियासी प्रतिज्ञा कर ली थी। लेकिन, परिस्थितियां दावे के विपरीत दिखने लगीं तो उन्होंने हाल ही एक बयान दिया, जिसमें इस बात के संकेत दिए थे कि वह अपने वादे को दूर रखकर चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन पार्टी को उमर अब्दुल्ला जैसे नेता के रूप में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा, जहां बारामुला में वह यूएपीए केस में जेल में बंद इंजीनियर राशिद से हार गए। अब उनके विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर भी संशय है।
दिल्ली के एंबिएंस मॉल समेत कई जगह को मिली बम से उड़ाने की धमकी, अधिकारियों ने जारी किया अलर्ट

मंगलवार को दिल्ली के विभिन्न शॉपिंग मॉल्स को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिलने से हड़कंप मच गया। इस धमकी में चाणक्य मॉल, सेलेक्ट सिटीवॉक, एंबिएंस मॉल, डीएलएफ, सिने पोलिस, पैसिफिक मॉल, प्राइमस हॉस्पिटल और यूनिटी ग्रुप का नाम शामिल है। ईमेल में कहा गया कि 'कुछ घंटों में विस्फोटक फट जाएगा', जिससे सभी जगहों पर दहशत फैल गई।


अधिकारियों ने तुरंत दिल्ली पुलिस को इसकी जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और जांच शुरू कर दी। मौके पर बम निरोधक दस्ते और दमकल की गाड़ियां तुरंत भेजी गईं। अब तक की जांच में किसी भी मॉल से कोई बम नहीं मिला है, लेकिन पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है ताकि कोई चूक न हो।

यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में इस तरह की धमकी दी गई हो। 12 मई को इसी साल कोर्ट ग्रुप नामक आरोपियों ने दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों को भी इसी तरह का धमकी भरा ईमेल भेजा था। इसके अलावा, दिल्ली एनसीआर के 200 से अधिक स्कूलों को भी बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। हालांकि, इन मामलों में अब तक कोई गंभीर घटना सामने नहीं आई है, लेकिन पुलिस जांच में जुटी है।

इस ताजे मामले के बाद दिल्ली पुलिस ने शहर भर में सुरक्षा कड़ी कर दी है। सभी संबंधित मॉल्स और संस्थानों को सुरक्षा के लिहाज से अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस सभी संभावित ठिकानों की छानबीन कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि कहीं भी कोई खतरा न हो।


धमकी भरे ईमेल्स को पुलिस गंभीरता से ले रही है, क्योंकि यह केवल डर फैलाने के लिए भी हो सकता है, लेकिन इस तरह के मामलों में किसी भी चीज़ को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस मेल के पीछे कौन है और इसका उद्देश्य क्या हो सकता है।


दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की किसी भी संदिग्ध सूचना को नजरअंदाज न करें और तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस का कहना है कि किसी भी परिस्थिति में डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है। पुलिस लगातार इस मामले पर नजर रखे हुए है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
फूड प्वाइजनिंग से 200 से अधिक जवान बीमार, BSAP के 935 जवानों ने की भूख हड़ताल


सुपौल जिले के भीमनगर में स्थित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (BSAP) के 265 पीटीसी प्रशिक्षु जवान रविवार को फूड प्वाइजनिंग की चपेट में आ गए। इनमें से छह जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि 20 जवान वीरपुर के अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती हैं। इतने बड़े पैमाने पर जवानों के बीमार होने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। सोमवार को इस घटना से नाराज होकर कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी 935 जवानों ने भूख हड़ताल कर दी है। जवान कैंप के कमांडेंट पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।


खराब खाने से बिगड़ी जवानों की तबीयत

रविवार की सुबह करीब 8:30 बजे जवानों ने नाश्ते में पूरी, जलेबी और काबुली चना की सब्जी खाई थी। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ से दो बजे के बीच कुछ जवानों की तबीयत अचानक खराब होने लगी। लेकिन उन्हें कैंप से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई और कैंप के अंदर ही कुछ दवाइयां दी गईं। शाम होते-होते कई जवानों की तबीयत और भी ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद आनन-फानन में 50 से 60 जवानों को वीरपुर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। धीरे-धीरे अन्य जवान भी बीमार महसूस करने लगे और रात 10:30 बजे तक यह संख्या 265 तक पहुंच गई।


सोमवार की सुबह तक ज्यादातर जवानों की हालत स्थिर हो गई थी और डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद रात करीब एक बजे अधिकांश जवानों को अस्पताल से छुट्टी दे दी। लेकिन इस घटना से नाराज जवानों का आक्रोश सोमवार की सुबह फूट पड़ा। उन्होंने कैंप के कमांडेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और खराब क्वालिटी के खाने की शिकायत की। जवानों का कहना है कि वे पिछले डेढ़ महीने से यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं और शुरुआत से ही उन्हें खराब गुणवत्ता वाला खाना परोसा जा रहा है, लेकिन अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जांच की मांग और भूख हड़ताल की जिद

जवानों ने बताया कि रविवार की सुबह का नाश्ता करने के बाद ही उनकी तबीयत खराब होने लगी थी। बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्हें बाहर इलाज के लिए जाने नहीं दिया गया और कैंप के अंदर ही इलाज चलता रहा। शाम को हालत बिगड़ने पर ही उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। जवानों का आरोप है कि प्रशिक्षण केंद्र में महज 400 अभ्यर्थियों की क्षमता वाले वर्ग कक्ष में 935 जवानों को बैठाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो असहनीय है। इस कुव्यवस्था के विरोध में जवानों ने सोमवार की सुबह से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि, कैंप में भोजन तैयार है, लेकिन जवान तब तक खाना खाने को तैयार नहीं हैं, जब तक मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो जाती। उन्होंने डीआईजी और आईजी से भीमनगर पहुंचकर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
अजमेर कांड में 32 साल बाद फैसला, 6 दोषियों को आजीवन कारावास, सैकड़ों लड़कियों से ब्लैकमेलिंग-गैगरेप का मामला*
#convicted_in_ajmer_1992_sexual_abuse_blackmail_mms_case
देश में बीते कई दिनों से कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर की खबर खुर्खियों में है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लेते हुए नेशनल टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं-लड़कियों के खिलाफ इस तरह के अपराधों को रोकना चाहिए, इसके लिए हम किसी नए मामले का इंतजार नहीं कर सकते। इसी बीच अजमेर रेप एंड ब्लैक मेलिंग केस में भी कोर्ट का फैसला आ गया है। 32 साल पहले हुए अजमेर गैंगरेप और ब्लैकमेल कांड के बाकी बचे 6 आरोपियों को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 5-5 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। साल 1992 में कॉलेज छात्राओं के साथ गैंगरेप हुआ था, जिस पर आज कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है। सभी आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। स्कूली छात्राओं की आपत्तिजनक फोटो खींचकर ब्लैकमेल करने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया। यह मामला 1992 का है । जब राजस्थान के अजमेर में 100 से ज्यादा स्कूली और कॉलेज की लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार और ब्लैकमेलिंग की गई थी। अजमेर के एक गैंग ने 1992 में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली करीब 250 लड़कियों की नग्न तस्वीरें हासिल की। फिर उन्हें लीक करने की धमकी देकर 100 से अधिक छात्राओं के साथ गैंगरेप किया। गैंग के लोग स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को फार्महाउस पर बुलाते थे। उनके साथ गैंगरेप करते थे। कई स्कूल तो अजमेर के जाने-माने प्राइवेट स्कूल थे। इन बच्चियों की उम्र उस समय 11 से 20 साल की हुआ करती थी। एक अखबार ने इसका खुलासा किया तो मामला सामने आया। साल 1992 के मई महीने में अजमेर के एक स्थानीय अखबार दैनिक नवज्योति अखबार में इस मामले का खुलासा किया था। इसके लिए जिम्मेदार गिरोह धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में प्रभाव रखता था। इस पूरे स्कैंडल का मास्टर माइंड तत्कालीन अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती था। उसके साथ कई अन्य आरोपी भी थे। अजमेर जिला पुलिस ने पाया कि अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम परिवारों के कई युवा रईस इसमें शामिल थे।
घर वापसी' की अटकलों पर गुलाम नबी आजाद ने लगाया विराम, जानें क्या है पूरा मामला*
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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही सियासी हलचल और तेज हो गई है। इस बीच बयानबाजियों और अटकलों का दौर जारी है। इसी बीच गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस में वापस जाने की खबरें भी सामने आई थीं। कहा जा रहा था कि एक बार फ‍िर कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं. जम्‍मू कश्मीर चुनाव में उन्‍हें अहम ज‍िम्‍मेदारी दी जा सकती है. अटकलें तो यहां तक हैं क‍ि उनकी पार्टी के कई नेता अगले कुछ दिनों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैंहालांकि, उनकी पार्टी ने इसे बेबुनियाद बताया है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गुलाम नबी आजाद की कांग्रेस में वापसी की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं। जम्‍मू-कश्मीर कांग्रेस के नेताओं की ओर से ये अफवाह फैलाई जा रही है। जब से तारिक हमीद करा को कांग्रेस ने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया है, तब से पार्टी में हलचल काफी बढ़ गई है। पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन कांग्रेस में वापसी की घोषणा भी कर चुके हैं। बताया जा रहा है क‍ि डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी ज‍िलों के कई नेता कांग्रेस में फ‍िर शामिल होने की जुगत लगा रहे हैं। इनमें पूर्व विधायक अब्दुल मजीद वानी, रियासी से पूर्व विधायक जुगल किशोर शर्मा जैसे कई नाम शामिल बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है क‍ि ये सभी कांग्रेस के संपर्क में हैं। इन सबके बीच गुलाब नबी आजाद के भी पार्टी में वापसी की अटकलें लग रही थी। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद की वापसी की इच्छुक है। लेकिन कुछ लोग विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है क‍ि आजाद ने शीर्ष नेताओं के ख‍िलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है। हालांकि, ज्‍यादातर लोगों का यही मानना है क‍ि अगर आजाद कांग्रेस में लौट आएं या अपनी पार्टी का विलय कर लें तो इससे उन्हें मदद मिल सकती है। बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार (16 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की। प्रदेश में तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे। 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। वहीं, वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी। चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं शामिल हैं। गौर करने वाली बात है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने के बाद पहली बार यहां विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ये भी कहा जा रहा था कि आजाद ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वापसी के लिए कुछ शर्तें भी रखी थी। उन्होंने वकार रसूल वानी को लेकर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद कांग्रेस ने तारिक हमीद कर्रा को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। हालांकि, कांग्रेस के नए अध्यक्ष ने तारिक हमीद कर्रा ने गुलाम नबी आजाद की पार्टी DPAP से गठबंधन को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ तौर से कहा है कि उनके बीच गठबंधन अब बंद चैप्टर की तरह है। हमीद कर्रा ने कहा, "गुलाम नबी आजाद साहब की पार्टी से इनकार आ गया है। उसके बाद, गठबंधन या विलय के बारे में बात करने के लिए कुछ भी नहीं है. यह अब एक क्लोज्ड चैप्टर है।"