पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों से पीएम मोदी ने की मुलाकात, मनु भाकर की पिस्टल थामे आए नजर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलंपिक से लौटे इंडियन एथलीट्स से मुलाकात की है। पीएम 15 अगस्त के मौके पर इन एथलीट्स से मिले और उनका हौसला बढ़ाते नजर आए। इस दौरान मनु भाकर, भारतीय हॉकी टीम समेत अन्य खिलाड़ी मौजूद रहे। भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पीएम मोदी को अपनी जर्सी दी। वहीं, शूटर मनु भाकर ने प्रधानमंत्री को पिस्टल दी।

भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस में लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतकर इतिहास रचा था. भारत के महान गोलकीपर पीआर श्रीजेश और कप्तान हरमनप्रीत सिंह समेत जब पूरी टीम ने उनसे मुलाकात की तो तोहफे के रूप में साइन की हुई जर्सी दी. इसके अलावा हॉकी स्टिक भी गिफ्ट किया।

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में शूटिंग में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था। वो इस खेल में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। इतना ही नहीं उन्होंने ओलंपिक के एक ही एडिशन में दो मेडल हासिल कर इतिहास रचा है।

मनु के साथ मिस्क्ड इवेंट में ब्रॉन्ज जीतने वाले सरबजोत सिंह और शूटिंग के 50 मीटर 3 पोजिशंस इवेंट में ब्रॉन्ज हासिल करने वाले स्वप्निल कुसाले ने भी पीएम से मिलकर बातचीत की। इसके अलावा युवा पहलवान और पेरिस में रेसलिंग के एकमात्र मेडल विजेता अमन सहरावत ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की।

हालांकि, इस दौरान नीरज चोपड़ कहीं नजर नहीं आए। दरअसल, नीरज चोपड़ा सर्जरी कराने के लिए पेरिस से सीधा जर्मनी चले गए हैं। इसके चलते वह भारत नहीं आ सके।बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु भी निजी कारणों के चलते पीएम से मिलने नहीं पहुचीं। 2 ओलंपिक मेडल जीतने वाली सिंधु इस बार खाली हाथ रहीं। उन्हें क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और लगातार तीसरा ओलंपिक मेडल जीतने का सपना टूट गया।

पेरिस ओलंपिक में भारत को 6 मेडल मिले। शूटिंग में 3, रेसलिंग में 1, हॉकी में 1 और जेवलिन थ्रो में 1। पिछले ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते थे, जो किसी भी एडिशन में मिले सबसे ज्यादा मेडल हैं। पेरिस में हुए ओलंपिक में मनु भाकर ने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल दिलाने के साथ भारत की झोली में पहला मेडल डाला। दूसरा ब्रॉन्ज मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने शूटिंग में दिलाया। तीसरा मेडल स्वप्निल कुसाले ने जीता जो ब्रॉन्ज मेडल था। यह मेडल भी शूटिंग में ही मिला। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले ओलंपिक की तरह इस बार भी ब्रॉन्ज जीता। रेसलिंग में अमन सहरावत ने भारत को ब्रॉन्ज दिलाया और आखिरी मेडल (सिल्वर) नीरज चोपड़ा ने दिलाया।

कोलकाता लेडी डॉक्टर की हत्या-रेप मामले में घिरी ममता बनर्जी, पहली बार नहीं लगा आरोपियों को बचाने का आरोप

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ के साथ हैवानियत की हदें पार की गई।पहले अस्मत लूटी गई, फिर बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया। इस घटना ने एक बार फिर निर्भया कांड की याद दिला दी। जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। देश भर में भारी प्रदर्शन और लोगों के आक्रोश को देखते हे लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच सीबीआई क सौंप दी गी है। दिल्ली से सीबीआई की 25 सदस्यीय टीम कोलकाता पहुंच चुकी है और जांच शुरू कर दी है। इस बीच राज्य की ममता बनर्जी सरकार सवालों के घेरे में है।

एक तरफ जहां विपक्षी बीजेपी और सीपीएम प्रशासन की लापरवाही को मुद्दा बनाकर बंगाल सरकार से इस्तीफा मांग रही हैं। वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता और सहयोगी कांग्रेस भी ममता सरकार पर हमलावर है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तो यहां तक पूछ दिया कि आखिर ममता सरकार उसे प्रोटेक्ट क्यों कर रही हैं?

दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) संदीप घोष ने कल यानी सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ ही देर बाद उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नियुक्त कर दिया गया। ममता सरकार के इसी फैसले की आलोचना हुई। हाईकोर्ट ने अदालत में मौजूद ममता सरकार के वकील से पूछा, ‘आप उनका बचाव क्यों कर रहे हैं? उनका बयान रिकॉर्ड करिए। उन्हें जो कुछ भी पता है, उन्हें बताने दीजिए।’हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देने वाले प्रिंसिपल को दूसरे सरकारी कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे बनाया जा सकता है? 

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी मुद्दे पर बंगाल सरकार की फजीहत हो रही है। पहले भी संदेशखाली केस जैसे बड़े मुद्दों पर ममता बनर्जी चौतरफा घिर चुकी हैं।2024 के लोकसभा चुनाव से पहले संदेशखाली के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस बैकफुट पर आई थी। आरोप था कि तृणमूल के नेता शक्ति का इस्तेमाल कर इन इलाकों में महिलाओं का यौन शोषण करते हैं। ममता ने इस मुद्दे को बीजेपी प्रायोजित बताया।

लाल किले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सीट को लेकर विवाद, ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ बैठे आए नजर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राहुल गांधी को ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ सबसे आखिरी पंक्ति में बैठे नजर आए। जैसे ही ये तस्वीरें आई, कांग्रेस ने सवाल उठा दिया। अब राहुल गांधी की सीट को लेकर विवाद हो गया है।

प्रोटोकॉल के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के नेता, जिनका दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है, उनको हमेशा आगे की पंक्ति में सीट दी जाती है। जहां फिलहाल भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और एस जयशंकर बैठे थे। 

ऐसे में कांग्रेस ने राहुल गांधी की सीट को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा, "रक्षा मंत्रालय इतना खराब व्यवहार क्यों कर रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चौथी कतार में बैठाया गया है। नेता प्रतिपक्ष का पद किसी भी केंद्रीय मंत्री से बड़ा होता है। लोकसभा में वह प्रधानमंत्री के बाद आते हैं। राजनाथ सिंह जी आप रक्षा मंत्रालय को राष्ट्रीय समारोह का राजनीतिकरण करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं। आपसे इसकी उम्मीद नहीं थी।"

कांग्रेस की इस आपत्ति पर रक्षा मंत्रालय का बयान आया है।रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी के लिए आगे की सीट रिजर्व थी, लेकिन उन्होंने अपनी मर्जी से लाइन में पीछे बैठने का फैसला किया।

बता दें कि सफेद कुर्ता-पायजामा पहने राहुल गांधी भारतीय हॉकी टीम के फॉरवर्ड गुरजंत सिंह के बगल में बैठे नजर आ रहे हैं। आगे की रो में मनु भाकर और सरबजोत सिंह जैसे ओलंपिक पदक विजेता बैठे थे। ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश सहित टीम के सदस्य भी राहुल गांधी से आगे बैठे थे।

बता दें कि एक दशक में यह पहली बार था जब विपक्ष का कोई नेता स्वतंत्रता दिवस प्रोग्राम के लिए लाल किले पर मौजूद रहा।ऐसे में उसे पीछे बैठे जाने पर विवाद हो गया है।

मंकीपॉक्स वायरस ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित, डब्ल्यूएचओ ने दो साल में दूसरी बार किया ऐलान
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया  है।साल 2022 के बाद अब दूसरी बार इस बीमारी को वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य आपातकाल बताया गया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफ्रीकी महाद्वीप में इन दिनों मंकीपॉक्स संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसे एमपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। इस साल अफ्रीका में 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। एमपॉक्स के खतरे को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने बुधवार (14 अगस्त) को इसे 'वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित कर दिया है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ . टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, एमपॉक्स को लेकर आपातकालीन समिति ने बैठक की और मुझे सलाह दी कि यह अंतरराष्ट्रीय चिंता विषय है। मैंने  इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की सलाह को स्वीकार कर लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन जमीनी स्तर पर काम कर रहा है और प्रभावित देशों और जोखिम वाले अन्य लोगों के साथ काम कर रहा है।

आशंका जताई जा रही है यह बीमारी अफ्रीका के अलावा दूसरे महाद्वीपों तक भी फैल सकती है। साल 2022 के बाद से ही मंकीपॉक्स के कुछ मामले आ रहे हैं, लेकिन केस कम थे तो इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया। पिछले साल भी अमेरिका और चीन में मंकीपॉक्स के केस आए थे। इसके बाद 2024 की शुरुआत से ही अफ्रीका के देशों में मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है। यह इसलिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है। इसलिए डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर सबसे उच्च स्तर का अलर्ट जारी किया है।

मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है। इसका प्रकोप मुख्यरूप से समलैंगिक, बाइसेक्सुअल लोगों में अधिक देखा जाता रहा है। हालांकि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने एक रिपोर्ट में अलर्ट किया था कि यौन संबंधों के अलावा भी इस संक्रमण को जोखिम कई और तरीके से हो सकता है, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
भारत ने महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी ठुकराई, जय शाह ने बताई वजह

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इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) महिला टी20 विश्व कप 2024 की मेजबानी इस बार बांग्लादेश के पास है। लेकिन पड़ोसी में बिगड़े हालातों को देखते हुए लगता है बांग्लादेश से टी20 विश्व कप की मेजबानी छिन सकती है। वहीं आईसीसी भी लगातार बांग्लादेश के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। दूसरी तरफ रिपोर्ट सामने आई थी कि टी20 विश्व कप की मेजबानी भारत, श्रीलंका या यूएई कर सकते हैं। वहीं अब बड़ी जानकारी सामने आ रही है कि भारत में महिला टी20 विश्व कप 2024 नहीं होगा।

दरअसल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस वैश्विक प्रतियोगिता की मेजबानी को ठुकरा दिया है। बीसीसाई के सचिव जय शाह ने खुद यह बताया है कि वह इसकी मेजबानी नहीं करेंगे।बीसीसीआई सचिव जय शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया, ‘हमने भारत में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी की रिक्वेस्ट ठुकरा दी है, जो बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने किया था। हमें अगले साल महिला वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी करनी है। हम ऐसा कोई संकेत नहीं देना चाहते कि भारत वर्ल्ड कप की लगातार मेजबानी करना चाहता है।

बांग्लादेश पुरुष टीम के अभ्यास पर भी असर

बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शन के कारण महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 के आयोजन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच बांग्लादेश पुरुष टीम के अभ्यास पर भी असर पड़ा था. देश में हो रहे प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश टीम तय शेड्यूल से पहले ही पाकिस्तान के लिए रवाना हो चुकी है। दोनों देशों के बीच दो टेस्ट मैच खेले जाने हैं और यह सीरीज 21 अगस्त को शुरू होगी। पहला बांग्लादेश टीम 17 अगस्त को पाकिस्तान जाने वाली थी, लेकिन अभ्यास, विरोध प्रदर्शन और कई विषयों को ध्यान में रखते हुए टीम 5 दिन पहले ही पाकिस्तान चली गई थी।

अब श्रीलंका या यूएई की ओर नजर

अक्टूबर में होने वाले आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2024 में ज्यादा समय नहीं बचा है। यह टूर्नामेंट 3-20 अक्टूबर तक 2 मैदानों में खेला जाना है। लेकिन उससे पहले बांग्लादेश हो रही हिंसा से वहां के हालात खराब होते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में इस टूर्नामेंट के बांग्लादेश में होने को लेकर संशय बना हुआ है। अगर बांग्लादेश महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी नहीं करता तो अब यह टूर्नामेंट श्रीलंका या यूएई में ही होगा। श्रीलंका में अक्टूबर में बारिश होती है। इस कारण यूएई का रुख किया जा सकता है।

पीएम मोदी ने पहनी लहरिया प्रिंट की पगड़ी, जाने इस प्रिंट की क्या है खासियत

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प्रधानमंत्री मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर गुरुवार को लालकिले पर तिरंगा फहराया। पंडित नेहरू (17 बार) और इंदिरा गांधी (16 बार) के बाद सबसे ज्यादा 11 बार झंडा फहराने वाले तीसरे पीएम हैं। स्वतंत्रता दिवस पर मोदी का पहनावा हमेशा चर्चा में रहता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 से हर स्वतंत्रता दिवस पर रंगीन साफा पहनते रहे हैं। उन्होंने इस बार भी इस परंपरा को बरकरार रखा। इस बार उन्होंने सफेद कुर्ता, चूड़ीदार पायजामा, लाइट ब्लू कलर का बंद गला हाफ जैकेट के साथ राजस्थानी लहरिया पगड़ी पहनी। मोदी ने इस बार नारंगी, पीले और हरे रंग के कॉम्बिनेशन की पगड़ी पहनी।

बता दें कि लहरिया प्रिंट राजस्थान की एक पारंपरिक डिजाइन है। पीएम मोदी लाल किले के प्राचीर से संबोधन के वक्त कई बार राजस्थानी पगड़ी पहन चुके हैं। बीते साल 2023 में भी पीएम मोदी ने राजस्थानी पगड़ी पहनी थी। तब पीएम मोदी ने मल्टी कलर बांधनी प्रिंट वाली राजस्थानी पगड़ी पहनी थी। 2014 के बाद से जबसे बीजेपी सरकार में आई है, तबसे हर साल स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी की पगड़ी की पसंद भारत की समृद्ध विविधता और संस्कृति को दर्शाती है।

लहरिया प्रिंट राजस्थान के पश्चिमी इलाकों के रेगिस्तानी रेत पर बहने वाली हवा से बनने वाली लहरों की प्रतीक है। यही वजह है कि लहरिया प्रिंट में कपड़े के ऊपर आड़ी-तिरड़ी लाइनें होती हैं, जो लहरों की तरह ही दिखती हैं। इस प्रिंट में जिन रंगों का इस्तेमाल होता है, वो भारत की भव्यता को दर्शाता है। शुभ कामों में लहरिया प्रिंट के कपड़े पहनना अच्छा माना है, क्योंकि लहरिया प्रिंट में जिन रंगों का का इस्तेमाल होता है, वो नई शुरूआत के लिए शुभ माने जाते हैं। इस पगड़ी को राजस्थान की शान भी कहा जाता है। 

लहरिया प्रिंट को सबसे पहले 17वीं शताब्दी में ईजाद किया गया था। इसे तैयार करने के लिए टाई एंड डाई तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसे काफी मेहनत से तैयार किया जाता है। 17वीं शताब्दी में इजाद होने के बाद 19वीं शताब्दी के अंत तक इसका इस्तेमाल राजस्थान के कई अलग-अलग हिस्सों में होने लगा। उस वक्त भी इसका इस्तेमाल राजघरानों के पुरुषों की पगड़ी बनाने के लिए किया जाता था। ये लहरिया प्रिंट सिर्फ एक डिजाइन नहीं है, इसके पीछे राजस्थान के राजघरानों की सभ्यता छिपी है।

'डर पैदा करना जरूरी...राक्षसी लोगों को कड़ी सजा दी जाए...', पीएम मोदी ने लाल किले से ऐसे शब्दों का क्यों किया प्रयोग?

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स्वतंत्रता दिवस पर देश आजादी की वर्षगांठ का जश्न मना रहा है। लाल किले में झंडारोहरण के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया।लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने आधी आबादी को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में महिलाओं पर हो रहें अत्याचारों का जिक्र करते हुए आतताइयों को राक्षस बताते हुए उनके मन मे डर पैदा करने की बात कही।

पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कोलकाता कांड का जिक्र तो नहीं किया, मगर उन्होंने रेप की घटना को अंजाम देने वाले को चेता दिया। पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा कि पाप करने की सजा फांसी होती है, यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेटियों पर अत्याचार हो रहे हैं, हमें गंभीरता से सोचना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को जल्द से जल्द सजा हो, ऐसा विश्वास पैदा करना जरूरी है।

राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो-पीएम मोदी

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा,’ हर सेक्टर में हम महिलाओं का दमखम देख रहे हैं। मगर दूसरी तरफ कुछ चिंता की बातें भी आती हैं। आज लाल किले से फिर एक बार अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के नाते हमें गंभीरता से सोचना होगा कि हमाारी माताओं, बहनों और बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति देश का आक्रोश है। जन सामान्य का आक्रोश है। इस आक्रोश को महसूस कर रहा हूं। इसलिए देश को, समाज को और हमारे राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो, राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

राक्षसी कृत्य करने वालों की खबरें सामने आना जरूरी- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, महिलाओं के प्रति अपराधों की तुरंत जांच हो। कृत्य करने वालों को ज्यादा से ज्यादा, सख्त से सख्त और जल्दी से जल्दी सजा हो। जब ऐसी राक्षसी मनोवृत्ति को सजा होती है तो वह नजर नहीं आती कोने में कहीं पड़ी रहती है। ऐसे राक्षसी कृत्य करने वालों को होने वाली सजाओं के बारे में खबरें अब सामने आना जरूरी है, ताकि लोगों को पता चले कि ऐसे कृत्यों का क्या परिणाम होता है।

युवाओं के लिए पीएम मोदी का बड़ा ऐलान,मेडिकल क्षेत्र में 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी

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पीएम मोदी ने लाल किले से बड़ा ऐलान किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत बनाने के संकल्प को दोहराते हुए कई अहम घोषणाएं की। जिसमें एक बड़ी घोषणा मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक युवाओं के लिए भी की। पीएम मोदी ने कहा कि 5 साल में देश में मेडिकल की 75000 सीटें बढ़ाई जाएंगी। बता मौजूदा समय में देश भर में एमबीबीएस की सीटें 1 लाख से अधिक हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले दस साल में एमबीबीएस की सीटें एक लाख बढ़ा दी जाएंगी। हर साल देश के 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई करने विदेश जा रहे हैं। मेडिकल की सीटों में इजाफे के बाद वे देश में ही रहकर पढ़ाई कर सकेंगे और डॉक्टर बनने के अपने सपने पूरे कर सकेंगे।

अभी इतनी हैं सीटें?

सरकारी मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस की कुल 55,648 और प्राइवेट काॅलेजों में 50,685 एमबीबीएस की सीटें हैं। जिन पर इस बार दाखिला होना है। नीट यूजी 2024 काउंसलिंग राउंड 1 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू है, जो 20 अगस्त तक चलेगी। पहले राउंड के लिए सीट आवंटन का रिजल्ट 23 अगस्त को जारी किया जाएगा। नीट यूजी काउंसलिंग का आयोजन कुल चार राउंड में किया जाएगा।

पीएम मोदी ने लाल किले से बांग्लादेश का किया जिक्र, बोले-भारत चाहता है पड़ोसी देश शांति की राह पर रहे

देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। पूरे देश में उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री मोदी ने 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया।

मेरा हर पल देश के लिए- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा हर पल देश के लिए है। मेरा कर्ण-कर्ण मां भारती के लिए है। तीसरे कार्यकाल में तीन गुना गति से काम करूंगा। आपने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उसे मैं पूरा करूंगा।मैं चुनौतियों से डरता नहीं हूं. मैं आपके बेहतर भविष्य के लिए हूं।

वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा। भारत की प्रगति के लिए इस सपने को पूरा करना होगा। मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि वो आगे आएं।

सेकुलर सिविल कोड समय की मांग: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि सेकुलर सिविल कोड समय की मांग है। धर्म के आधार पर भेदभाव मुक्ति जरूरी है। परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति जरूरी है। गलत कानूनों का आधुनिक समाज में स्थान नहीं है।

बांग्लादेश पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देश में कुछ लोग भ्रष्टाचार का जय जयकार कर रहे हैं। ये स्वस्थ समाज के लिए चिंता की बात है। भ्रष्टाचारियों में डर का माहौल बनाना जरूरी है। उनपर कार्रवाई होती रहेगी। पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ वो चिंता की बात है। उम्मीद है कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। वहां के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत चाहता है कि पड़ोसी देश शांति की राह पर रहे। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमारा शुभचिंतन ही रहेगा।

राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाए: पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “…मैं आज लाल किले से एक बार फिर अपना दर्द व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा – इसके खिलाफ आक्रोश है मैं इस आक्रोश को महसूस कर सकता हूं। देश को, समाज को, राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा, महिलाओं के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच हो, इन राक्षसी कृत्यों को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द सख्त सजा मिले। ये विश्वास जगाने के लिए जरूरी है। समाज से मैं यह भी कहना चाहूंगा कि जब महिलाओं पर बलात्कार और अत्याचार की घटनाएं होती हैं तो उस पर व्यापक चर्चा होती है, लेकिन जब ऐसी राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को सजा दी जाती है तो वह खबरों में नहीं दिखती, बल्कि एक कोने तक ही सीमित रहती है। समय की मांग है कि सजा पाने वालों पर व्यापक चर्चा की जाए ताकि यह पाप करने वाले समझें कि इससे फांसी होती है, मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है।

महिला अत्याचार पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि बेटियों पर अत्याचार हो रहे हैं। सरकारों को महिला अत्याचार को गंभीरता से लेना चाहिए। महिलाओं के प्रति अपराधों की गंभीरता से जांच होनी चाहिए देश में आक्रोश है। जल्दी सजा पर चर्चा करना जरूरी है, जिससे दोषियों में डर पैदा हो।

पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार फहराया तिरंगा, बोले- अनगिनत वीरों को हम नमन कर रहे

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देशभर में आज जश्न-ए-आजादी की धूम है। भारत आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा कि यह दिन उन अनगिनत लोगों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया और संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि देश आजादी के दीवानों का कर्जदार है। पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों ये हमारा स्वर्णिम काल खंड है, ये मौका हमें जाने नहीं देना है।

हमें गर्व है कि हमारे पास 40 करोड़ लोगों का खून: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से, प्राकृतिक आपदा के कारण, हमारी चिंताएं बढ़ रही हैं। कई लोगों ने प्राकृतिक आपदा में अपने परिवार के सदस्यों, संपत्ति को खो दिया है. देश को भी नुकसान हुआ है। आज, मैं उन सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि संकट की इस घड़ी में यह देश उनके साथ खड़ा है। लाल किले पर पीएम मोदी ने कहा, हमें गर्व है कि हमारे पास उन 40 करोड़ लोगों का खून है, जिन्होंने भारत से औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंका…आज, हम 140 करोड़ लोग हैं, अगर हम संकल्प करें और एक दिशा में एक साथ आगे बढ़ें, तभी हम रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को पार करके 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन सकते हैं।

युवा, किसान, महिला गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं। अभावों के बीच स्वतंत्रता के प्रति इनकी निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति इनकी श्रद्धा पूरे विश्व के लिए प्रेरक घटना है। जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा. युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हों… वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी।

आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ है। हमारी कोशिश है कि हर सेक्टर में कार्य को गति दें। तेज गति दें। पहले हम सेक्टर में नए अवसर पैदा करें। दूसरा ढांचे में बदलाव करें और नागरिकों की सुविधाओं पर ध्यान दें। आज समाज खुद विश्वास से भरा हुआ है। हम एक ललक लेकर आगे बढ़ रहे हैं। प्रति व्यक्ति आय हम दोगुनी करने में सफल हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि विदेश मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है।