बिहार के सभी थानों में होगा अलग अनुसंधान कॉम्प्लेक्स, बड़े थानों से होगी शुरुआत
डेस्क : पूरे देश में इंडियन जस्टिस कोड समेत तीन नए कानून के मुख्य रूप से लागू होने के बाद पुलिसिंग के प्रारूप में बड़ा बदलाव हो रहा। इसकी कवायद शुरू हो गई है। इधर बिहार के सभी थानों में अलग अनुसंधान कॉम्प्लेक्स बनाने पर पुलिस महकमा में मंथन शुरू हो गया है।
बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय जितेन्द्र सिंह गंगवार ने बताया कि थानों में अनुसंधान कॉम्प्लेक्स बनाने की परिकल्पना है। फिलहाल इससे संबंधित सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके बाद ही इस पर ठोस निर्णय लेकर जमीन पर उतारा जाएगा।
शुरुआत में बड़े थानों या जिन थानों में लंबित मुकदमों की संख्या सबसे ज्यादा है, उनसे ही इसकी शुरुआत होगी। जिन थानों के बड़े भवन हैं, वहां इसके लिए विशेष फ्लोर आवंटित किया जा सकता है। जहां छोटे भवन हैं, वहां थाना परिसर में इसके लिए अलग से एक संरचना तैयार की जा सकती है। अभी इसके अंतिम स्वरूप पर समुचित विचार-विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही इस अवधारणा को मूर्त रूप देने की संभावना है। हाल में पुलिस महानिदेशक ने एक कार्यक्रम में इसकी रूपरेखा पर चर्चा की थी।
क्यों है इसकी जरूरत
कांडों के अनुसंधान का स्वरूप बदलने जा रहा है। डिजिटल तरीकों को अधिक तरजीह दी जाएगी। इसके मद्देनजर डिजिटल साक्ष्य पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को थानों में सुरक्षित रखना होगा। प्रत्येक अनुसंधान पदाधिकारी के पास लैपटॉप, मोबाइल समेत अन्य सामान भी होंगे, इन्हें रखने एवं उपयोग करने के लिए विशेष स्थान तय करना सुविधाजनक और सुरक्षित होगा। इस विशेष कॉम्प्लेक्स में ऑडियो एवं विजुअल उपकरण भी होंगे, जिनकी मदद से गवाही लेने से लेकर कोर्ट में प्रस्तुत होने तक की व्यवस्था होगी। अनुसंधान से संबंधित ऑनलाइन अन्य सभी कार्य भी यहां से हो सकेंगे।
Aug 13 2024, 10:01