गौशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएः धर्मपाल सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि आगामी 1 सितंबर से 31 दिसंबर 2024 तक वृहद स्तर पर अभियान चलाकर पशुओं में ईयर टैगिंग का कार्य पूर्ण किया जाए।
पशुधन की रोगों से सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन कार्य निरन्तर किया जाए और ईयर टैंगिग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

गौशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाए। हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाए। अधिकारी निराश्रित गोवंश के लिए गोआश्रय स्थलों में पर्याप्त चारा, भूसा, पानी, प्रकाश, औषधि आदि आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करें। हरा चारा बुवाई के लक्ष्य प्राप्ति में जनपद स्तर पर सीवीओ की जिम्मेदारी तय की जाए।

धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थल तक पहुंचाने, गोवंश के भरण पोषण की बेहतर व्यवस्था, ईयर टैगिंग कार्य, पशुधन बीमा, वर्षा ऋतु में गोसंरक्षण केंद्रों की व्यवस्था तथा हरा चारा बुआई के कार्यां की विस्तृत समीक्षा की। श्री सिंह ने गौ संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने पर बल देते हुए निर्देशित किया कि गौशाला के स्वावलम्बन के लिए गौ जनित पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।

उन्होंने गोशाला में गोबर के विविध उपयोग के द्वारा यथा कंडें बनवाकर बिक्री किये जाने तथा कम्पोस्ट खाद आदि बनाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपदों में उपलब्ध कब्जामुक्त/गोचर भूमि पर अन्य चारा बीज की तत्काल बुआई कराकर शत-प्रतिशत हरा चारा आच्छादन का लक्ष्य ससमय पूर्ण किया जाए। इस कार्य के लिए सीवीओ की जिम्मेदारी तय की जाए और यदि निर्धारित समय में लक्ष्य प्राप्त नहीं होता है तो संबंधित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए। श्री सिंह ने कहा कि टीकाकरण कार्य की स्थिति का सत्यापन भी कराया जाए। समस्त गो सदनों की वर्तमान स्थिति एवम भूमि संबंधी विवरण राजस्व अभिलेखों से प्राप्त कराया जाए तथा जो गो सदन विभाग अथवा जिला प्रशासन द्वारा संचालित हैं, के सुदृढ़ीकरण पर भी कार्य किया जाए। पशुधन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जनपदों में भूसा, हराचारा, दाना, पानी, प्रकाश, वैक्सीन, औषधि आदि की उपलब्धता का प्रभावी अनुश्रवण एवं निरीक्षण कर सत्यापित कराया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनपदों में जाकर गौशालाओं का स्थलीय निरीक्षण करें और वहां आवश्यक व्यवस्थाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। श्री सिंह ने कहा कि जनपदों में जहां कहीं कोई भी समस्या आये तो उसके संबंध में तत्काल मुख्यालय को अवगत कराया जाए। निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इन कार्यों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री रवीन्द्र ने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि कहा कि अधिकारी गोसंरक्षण कार्याे को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से करें। बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक डा पीएन सिंह, अपर निदेशक डा अरविन्द कुमार सिंह, अपर निदेशक डा जयकेश कुमार पाण्डेय, एलडीबी के डॉ नीरज गुप्ता सहित सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह जुलाई तक कर राजस्व के तहत रू0 68477.31 करोड़ का राजस्व प्राप्तः सुरेश कुमार खन्ना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि प्रदेश के मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2024-25 के जुलाई माह में 17304.60 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 के जुलाई माह में 15418.34 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस प्रकार गत् वर्ष के माह जुलाई की तुलना में इस वर्ष के माह जुलाई में 1886.26 करोड़ राजस्व अधिक प्राप्त हुआ है।

उन्होंने बताया कि माह जुलाई 2024 में जीएसटी एवं वैट के तहत 9448.83 करोड़ की प्राप्ति हुई है, जो माह जुलाई में राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य का 70.4 प्रतिशत है। जीएसटी एवं वैट के तहत गत् वर्ष की तुलना में इस वर्ष माह जुलाई में 663.29 करोड़ की अधिक प्राप्ति हुई है। उन्होंने बताया कि जी०एस०टी० के अन्तर्गत माह जुलाई, 2024 में 6804.46 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत् वर्ष जुलाई, 2023 के माह में प्राप्ति 6107.25 करोड़ रही थी। वैट के अन्तर्गत माह जुलाई, 2024 में 2644.37 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत् वर्ष माह जुलाई, 2023 में प्राप्ति 2678.29 करोड़ रही थी।

वित्त मंत्री ने बताया कि आबकारी के अन्तर्गत माह जुलाई, 2024 में कुल 3952.53 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जो माह जुलाई 2024 में निर्धारित लक्ष्य का 84.1 प्रतिशत है। जबकि इस मद में गत् वर्ष माह जुलाई, 2023 में प्राप्ति 3423.98 करोड़ रही थी। इसी प्रकार आबकारी मद में जुलाई माह में गत् वर्ष की तुलना में इस वर्ष 528.55 करोड़ अधिक की प्राप्ति हुई है। स्टाम्प तथा निबन्धन के तहत माह जुलाई, 2024 की राजस्व प्राप्ति 2762.50 करोड़ है, जो माह जुलाई 2024 में निर्धारित लक्ष्य का 86.3 प्रतिशत है। जबकि गत् वर्ष माह जुलाई, 2023 में प्राप्ति 2225.00 करोड़ रही थी। इसी प्रकार स्टाम्प तथा निबन्धन मद में जुलाई माह में गत् वर्ष की तुलना में इस वर्ष 537.50 करोड़ अधिक की प्राप्ति हुई है। उन्होंने बताया कि परिवहन के अन्तर्गत माह जुलाई, 2024 की राजस्व प्राप्ति 902.55 करोड़ है, जो माह जुलाई 2024 में निर्धारित लक्ष्य का 92.2 प्रतिशत है। जबकि गत् वर्ष इस मद में माह जुलाई, 2023 में प्राप्ति 775.98 करोड़ रही थी।

इस प्रकार परिवहन मद में जुलाई माह में गत् वर्ष की तुलना में इस वर्ष 126.57 करोड़ अधिक की प्राप्ति हुई है। उन्होंने बताया कि करेत्तर राजस्व प्राप्ति की प्रमुख मद भू-तत्व तथा खनिकर्म के तहत माह जुलाई, 2024 में प्राप्ति 238.19 करोड़ है जो इस मद के अन्तर्गत राजस्व प्राप्ति की निर्धारित लक्ष्य का 78.7 प्रतिशत है। जबकि गत् वर्ष माह जुलाई, 2023 में इस मद के तहत प्राप्ति 207.84 करोड़ रही थी। सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह जुलाई तक कर राजस्व के तहत 68477.31 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है,जो माह जुलाई तक राजस्व प्राप्ति के निर्धारित लक्ष्य का 76.4 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जुलाई माह तक करेत्तर राजस्व प्राप्ति के तहत 2977.26 करोड़ श की प्राप्ति हुई जो इस अवधि तक राजस्व प्राप्ति के निर्धारित लक्ष्य का 40.3 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह जुलाई 2024 तक जीएसटी एवं वैट के तहत 37780.04 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो इस अवधि तक निर्धारित लक्ष्य 71.8 प्रतिशत है। जिसमें जीएसटी के तहत प्राप्ति 28462.31 करोड़ एवं वैट के अन्तर्गत रू0 9317.73 करोड़ है। इसी प्रकार वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह जुलाई तक आबकारी मद में रू0 15737.11 करोड़ की प्राप्ति हुई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 83.7 प्रतिशत है। स्टाम्प तथा निबन्धन में रू0 10177.65 करोड़ है जो निर्धारित लक्ष्य का 84.4 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि परिवहन मद में माह जुलाई तक रू0 3870.76 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो इस अवधि के निर्धारित लक्ष्य का 96.9 प्रतिशत है।
चारा बुआई का कार्य 15 अगस्त तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कर लिया जाएः धर्मपाल सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि पशुधन की संक्रामक रोगों से सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन कार्य निरन्तर किया जाए और ईयर टैंगिग कार्य में तेजी लाई जाए तथा पशुधन पोर्टल पर अपलोड भी किया जाए।

ईयर टैंगिंग कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। अधिकारी वर्षाकाल के दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के लिए गोआश्रय स्थलों का पर्याप्त चारा, भूसा, पानी, प्रकाश, औषधि आदि आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करें। इसके साथ ही निराश्रित गोवंश को वर्षभर हरे चारे की उपलब्धता के लिए 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में चारा बुआई का कार्य अभियान के रूप में 15 अगस्त तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कर लिया जाए। श्री सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थल तक पहुंचाने, बरसात से बचाव के लिए गोशालाओं की समुचित व्यवस्था, ईयर टैगिंग कार्य, पशुधन बीमा तथा हरा चारा बुआई के कार्यांे की विस्तृत समीक्षा की। श्री सिंह ने निर्देश दिये कि जनपदों में उपलब्ध कब्जामुक्त/गोचर भूमि पर अन्य चारा बीज की तत्काल बुआई कराकर शत-प्रतिशत हरा चारा आच्छादन का लक्ष्य ससमय पूर्ण किया जाए। सड़कों तथा ग्रामों में विचरण कर रहे गोवंश को प्राथमिकता के आधार पर संरक्षित कराया जाए और पशुधन को संचारी रोग से बचाव हेतु व्यापक प्रबंधन किया जाए तथा वैक्सीन औषधियों की कोई कमी न होने पाए।

पशुधन मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि सभी जनपदों में भूसा, हराचारा, दाना, पानी, प्रकाश, वैक्सीन, औषधि आदि की उपलब्धता का प्रभावी अनुश्रवण एवं निरीक्षण कर सत्यापित कराया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनपदों में जाकर गौशालाओं का स्थलीय निरीक्षण करें और वहां आवश्यक व्यवस्थाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। श्री सिंह ने कहा कि जनपदों में जहां कहीं कोई भी समस्या आये तो उसके संबंध में तत्काल मुख्यालय को अवगत कराया जाए। निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इन कार्यों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री रवीन्द्र ने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि हरा चारा बुआई का कार्य निर्धारित अवधि के अंदर पूरा किया जाए। लक्ष्य प्राप्त न करने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों द्वारा वर्षाकाल के दृष्टिगत पशुधन की सुरक्षा हेतु आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी गोसंरक्षण कार्यो को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से लें। बैठक मंे पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक डा पीएन सिंह, अपर निदेशक डा अरविन्द कुमार सिंह, अपर निदेशक डा जयकेश कुमार पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
साफ-सफाई व डी सिल्टिंग के किये जा रहे कार्यों का मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने लिया जायजा
लखनऊ। मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब द्वारा शहर के विभिन्न नालों की साफ-सफाई व डी सिल्टिंग के किये जा रहे कार्यों का जायजा लेने के लिये सुबह 8 बजे निकली फील्ड पर, सर्वप्रथम उन्होंने 1090 (हैदर कैनाल) का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मशीनों द्वारा डी सिल्टिंग का कार्य होते हुए पाया गया। उन्होंने उपस्थित संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बड़े नालों की गहराई से सफाई की जाए साथ ही बड़ी मशीनों की संख्या में बढोत्तरी करते हुए साफ-सफाई कार्य प्राथमिकता पर कराते रहे।

पुराना किला (हैदर कैनाल) का निरीक्षण करते हुए मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बड़े मशीनों को लगाकर गहराई से शिल्ट निकलते हुए नालो की सफाई कराये। शिल्ट नालो में न जमा होने दे, जिससे जल भराव की समस्या न उत्पन्न होने पाये। निरीक्षण के क्रम में मंडलायुक्त ने किला मोहम्मदी नाला व सरकटा नाला का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि नालों की साफ सफाई नियमित रूप से कराते रहे। नालो के साफ-सफाई कार्य मे किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नही की जाएगी।
अल्पसंख्यक महापंचायत का आयोजन, मुस्लिम धर्म गुरुओं ने की शिरकत
लखनऊ। चारबाग स्तिथ रविंद्रालय सभागार में अल्पसंख्यकों को जागरूक करने और उनके अत्याधुनिकरण के लिए "अल्पसंख्यक महापंचायत" का आयोजन किया गया।
जिसमें यूपी के सभी जिलों से उलेमाओं, मुस्लिम धर्म गुरुओं ने शिरकत की।
वहीं इसमें अल्पसंख्यक कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी मौजूद रहे।

इस अल्पसंख्यक महापंचायत का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को अपने-अपने विचारों को रखने व उनके अधिकार क्षेत्रो में जायज़ मांग को लेकर आपस में विचार विमर्श किया गया। आज की इस अल्पसंख्यक महापंचायत में शिक्षा, चिकित्सा जैसी मांग को रखा गया। वहीं कार्यक्रम के आयोजक खुर्शीद आलम ने बताया कि हमने आज अल्पसंख्यक कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर से कई मुद्दों पर चर्चा की और उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिम क्षेत्रों में अल्पसंख्यको के लिए एक-एक विश्वविद्यालय, मदरसा बोर्ड की कामिल और फाजिल का दोनों बीए एवं एमए के मदरसा बोर्ड की है। पश्चिमी एवं पूर्वांचल का एक-एक विश्वविद्यालय को अवध क्षेत्र के लिए लिए ख्वाजा मोइनहीन चिश्ती उर्दू अरबी, फ़ारसी विश्वविद्याय को आदेशित किया जाए और मदरसा आधुनिकरण शिक्षकों को प्रदेश सरकार स्थाई तौर पर नियुक्त करें और प्रदेश सरकार अपने कोष से हर माह उनको वेतन प्रदान करें ताकि मदरसों में होने वाले छात्र एवं छात्राएं आधुनिक शिक्षा पाकर देश की मुख्य धारा में जुड़ सके।

वहीं ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सरकार ने हमें अल्पसंख्यक मंत्री बनाया है जो भी लोग हमारे पास दिक्कत लेकर आएंगे उन्हें समाधान किया जाएगा उन्होंने कहा कि जिस तरह से राज्य बाल संरक्षण आयोग ने एक पत्र लिखकर अवैध मदरसों के छात्रों को बेसिक शिक्षा विद्यालय में पढ़ने के लिए कहा है या सरकार का विषय है इस पर ध्यान दिया जाएगा वहीं शिक्षकों को लेकर कहा कि उनका वेतन समय मिले इसको लेकर भी हम यह मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे।

लखनऊ में हुई इस अल्पसंख्यक महापंचायत में यूपी के कई उलेमा और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगो ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया जिसमे ओपी राजभर ने ही कहा की खुर्शीद आलम द्वारा किया गया ये आयोजन अल्पसंख्यकों की एकता और उनकी समस्याओ को उनके समक्ष लाया है जिसके लिए वो सरकार से बैठक कर साड़ी समस्याओ को दूर कर अप्ल्संख्यको के लिए जनकल्याण के उनके हित का काम करेंगे ,.... उन्होंने ये भी कहा की सरकार में उनके अलावा ऐसा कोई कैबिनेट मंत्री नहीं जो सीएम के अपनी बात सीधी ज़ुबान पर रख पाए। .. और वो एक अकेले मंत्री है जो सरकार में अल्पसंख्यकों का मुद्दा बेख़ौफ़ होकर सरकार के समक्ष रखते है। इस आयोजन में शमशाद आलम, रामू पहलवान, मौलाना साकिब, के अलावा कई लोग मौजूद रहे।
त्योहारों व कावड़ यात्रा पर साफ सफाई, मार्ग प्रकाश, जलापूर्ति, जल निकासी व स्वच्छता कार्यों पर विशेष ध्यान देंगे निकायः नगर विकास मंत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि सावन का पवित्र महीना चल रहा है और आगे राष्ट्रीय पर्व, धार्मिक त्यौहार आने वाले हैं, इस दृष्टि से सभी निकाय अपने क्षेत्रों की बेहतर साफ सफाई, स्वच्छता, मार्ग प्रकाश, जलापूर्ति, जल निकासी तथा स्वच्छता सर्वेक्षण आदि कार्यों पर विशेष ध्यान देंगे।

सभी निकाय अपने क्षेत्रों में अमृत सरोवरों, पार्कों, वेंडिंग जोन आदि में 9 से 15 अगस्त, 2024 तक राष्ट्रीय पर्व, हर घर तिरंगा कार्यक्रम, शहीदों को नमन, काकोरी दिवस को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराए और नागरिकों को स्वच्छता के प्रति तथा प्लास्टिक मुक्त निकाय के लिए जागरूक करें। उन्होंने निकायों के बेहतर व्यवस्थापन के लिए सभी अधिशासी अधिकारियों को अपने निकाय के मुख्यालय क्षेत्र में ही रहने के निर्देश दिए और कहां की अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन करने के पश्चात ही उनकी अच्छे निकायों में नियुक्ति की जाए या अतिरिक्त प्रभार दिया जाए।

नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा रविवार को डी ट्रिपल सी लाइव मॉनिटरिंग के माध्यम से सभी निकायों के कार्यों की वर्चुअल समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बलिया, बुलंदशहर, शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, हाथरस, चित्रकूट, गोलाबाजार, गोलागोकर्णनाथ, बहराइच, बाराबंकी, हरदोई, उन्नाव, बस्ती, देवरिया, बलिया, इटावा, शामली, कन्नौज, सीतापुर, मिर्जापुर, बड़हलगंज, चंदौली, वाराणसी, अयोध्या, कानपुर नगर, लखनऊ आदि निकायों के अधिकारियों से वर्चुअल संवाद कर स्थितियों का जायजा लिया तथा निकायों के व्यवस्थापन के अहम निर्देश दिए। ए.के. शर्मा ने निर्देशित किया कि कावड़ यात्रा मार्गो, धार्मिक स्थलों, शिवालयों एवं प्रमुख मंदिरों के आसपास साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था करने के साथ इन क्षेत्रों की सड़के और गालियां साफ सुथरी और गड्ढा मुक्त हो, मार्गों में प्रकाश की व्यवस्था हो, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करें। सामुदायिक, सार्वजनिक व पिंक शौचालयों की साफ सफाई तथा मोबाइल टॉयलेट आदि की व्यवस्था हो, कूड़ा इधर उधर न फैले इसके लिए डस्टबिन रखवाएं। कूड़े का नियमित उठान कराए और एमआरएफ सेंटर ले जाकर सोर्स सेग्रीगेशन कर कूड़ा प्रबंधन पर ध्यान देंगे। पूजा स्थलों से निकलने वाली सामग्री का बेहतर निपटान कराए या इससे अगरबत्ती, धूप दीप, हवन सामग्री आदि बनवाने का भी प्रयास करें। नगर विकास मंत्री ने कहा कि बरसात का मौसम है सभी निकाय जल निकासी के बेहतर प्रबंध करें, पंपिंग स्टेशन, जेट पंप और पंपिंग सेट चालू हालत में हों, वॉटर लॉगिंग न हो नाले/नालियों की सफाई पर ध्यान देंगे। बरसात में संचारी रोगों की रोकथाम तथा मच्छर और मक्खी जनित बीमारियों, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि को फैलने से रोकने के लिए एंटीलार्वा दवा का छिड़काव करें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की साफ सफाई कराने तथा रोगों की रोकथाम का भी प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी निकाय स्वच्छता को लेकर नागरिकों को जागरूक करें, स्वच्छता स्लोगन लिखवाए, प्लास्टिक मुक्ति अभियान चलाएं, लोगों को प्लास्टिक प्रयोग न करने के लिए भी जागरूक करें। सीवर व गटर का पानी रिहायसी इलाकों में न भरे, सीवर का पानी जलापूर्ति में न मिले, सीवर सफाई पर भी ध्यान देंगे। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने में सभी निकाय पूर्ण मनोयोग से कार्य करें, इसमें किसी भी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यों को बेहतर ढंग से करने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा ले, कार्यों की ड्रोन से मॉनिटरिंग कराए। त्योहारों में दुर्घटना मुक्त कार्यक्रम हो, ऐसी व्यवस्था करें। निकायों को ओडीएफ प्लस प्लस बनाना है। निकायों में कुल 771 वेस्ट टू वेंडर पार्क बनाए गए हैं, इन पार्कों में राष्ट्रीय पर्व के दौरान स्थानीय लोगों की भागीदारी से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराया जाए। कार्यों की काफ़ीटेबल बुक बनवाए।मॉनिटरिंग के लिए आईईसी टीम भी एक्टिव रखें। बैठक में सचिव नगर विकास अजय कुमार शुक्ला, निदेशक नगरीय निकाय अनुज कुमार झा, नगर निगमों के नगर आयुक्त, नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतो के अधिशासी अधिकारी, मुख्य अभियंता, महाप्रबंधक जलकल/जल संस्थान तथा मुख्यालय से अपर निदेशकों ने वर्चुअल प्रतिभाग़ किया।
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में हुआ त्रिदिवसीय 'वेटलेंड्स फॉर लाइफ' फिल्म फेस्टिवल का समापन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेयी प्रेक्षागृह में आज आयोजित तीन दिवसीय 'वेटलेंड्स फॉर लाइफ' फिल्म फेस्टिवल का बेहतरीन समापन हुआ।

इस फिल्म महोत्सव के लखनऊ संस्करण का आयोजन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (नई दिल्ली) द्वारा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय,‌ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए जर्मन एजेंसी (जीआईज़ेड) एवं डबल्यू डबल्यू एफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 1- 3 अगस्त तक आयोजित किया गया था। समापन सत्र के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से आयोजन समिति में प्रो. राजेश कुमार, प्रो. यू. वी. किरण, प्रो. नरेंद्र कुमार , डॉ. रचना गंगवार उपस्थित रहीं। मंच संचालन का कार्य सब्यसाची भारती द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम के तीसरे दिन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ( नई‌ दिल्ली ) की डायरेक्टर जनरल डॉ. वसंती राव के दिशानिर्देशन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मों की स्क्रीनिंग की गयी, जो आर्द्रभूमि, पानी और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित थी। साथ ही नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन - फिल्म प्रोडक्शन मुंबई के सीनियर मैनेजर रितेश ताकसांदे के निर्देशन में तीन दिनों से 'सामाजिक प्रभाव फिल्म निर्माण' विषय पर चल रही मोजो कार्यशाला का समापन हुआ।

कार्यक्रम के दौरान वेटलैंड मित्र कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ जिसमें उत्साही छात्रों ने उत्तर प्रदेश में स्थानीय आर्द्रभूमि की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होकर आर्द्रभूमि मित्र के रूप में नामांकन किया। वैटलैंड मित्रों को आयोजन समिति की ओर से वैटलैंड के संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई। इसी के साथ त्रिदिवसीय मोजो कार्यशाला के प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। प्रतिभागियों के 10 ग्रुप द्वारा वेटलैंड की महत्ता, उनसे जुड़ी समस्याओं एवं संरक्षण के उपायों आदि से संबधित विषयों पर फिल्में बनाई गई । 

कार्यक्रम के अंत में सा‌माजिक प्रभाव फिल्म निर्माण के छात्रों, न्यू वेटलैंड मित्र स्वयंसेवकों, दूसरे दिन आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं एवं विभिन्न शिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। पेंटिंग प्रतियोगिता में भूगर्भ विभाग की शताक्षी चौहान ने प्रथम, गृह विज्ञान विद्यापीठ की जिया परवीन ने द्वितीय एवं श्रीराम स्नेही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रतापपुर , कासगंज की सोनम मौर्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, विभिन्न‌ पर्यावरण संबंधी संस्थानों के सदस्य, शोधार्थी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे
डाॅ आरपी सिंह रालोद पार्टी के बने अवध क्षेत्र के संगठन महासचिव
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष  चौ जयंत सिंह जी के निर्देशानुसार तथा राष्ट्रीय महासचिव संगठन त्रिलोक त्यागी के अनुमोदन के बाद तथा प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय की सहमति से अवध क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष चौधरी राम सिंह पटेल ने लखनऊ के डाॅ आरपी सिंह को अवध क्षेत्र के संगठन महासचिव के पद के दायित्वों के निर्वहन की जिम्मेदारी सौंपी है।

उन्होंने आशा की है कि डाॅ आरपी सिंह इस गहन दायित्व का निर्वहन करते हुए भारत रत्न श्रद्धेय चौ चरण सिंह एवं श्रद्धेय चौ अजित सिंह की विचारधारा-रालोद की रीति-नीति में आस्था रखते हुए राष्ट्रीय लोकदल के संगठन को मजबूती प्रदान करेंगे। इस अवसर पर उपस्थित पार्टी जनों ने उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की।
यूपी में कूड़ा प्रबंधन क्षमता को दोगुना करने की तैयारी, प्रतिदिन 12,862 टन अतिरिक्त सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट क्षमता बढ़ाएगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना द्वारा प्रदेश की नगरीय व्यवस्थापन एवं कूड़ा प्रबंधन को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि बढ़ते शहरीकरण के साथ ही सॉलिड और लिक्विड वेस्ट का प्रबंधन करना देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए कूड़ा प्रबंधन क्षमता को दोगुना करने की तैयारी में नगर विकास विभाग जुटा है। शहरों से प्रतिदिन निकलने वाले हजारों टन कूड़े को प्रोसेस करके न केवल सड़कें बनाई जा रही हैं, बल्कि वेस्ट टू वंडर योजना के तहत पार्कों का भी निर्माण किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि कूड़ा प्रबंधन के मामले में उत्तर प्रदेश बेहतर स्थिति में है। इसके अलावा प्रदेश के नगरों की एयर क्वालिटी भी देश के तमाम शहरों से बहुत अच्छी है। प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार टन सॉलिड वेस्ट निकलता है, हालांकि अभी फिलहाल 15 हजार टन सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस किया जाता है। सरकार इस क्षमता को तकरीबन दोगुना करते हुए 12,862 टन प्रतिदिन का इजाफा करने जा रही है। प्रदेश में फिलहाल 933 एमआरएफ सेंटर अभी बनाए गए हैं, जिनमें से 711 कार्यरत हैं, जहां पर सूखे और गीले कचरे को अलग कर सॉलिड वेस्ट को प्रोसेस करने का कार्य हो रहा है।कूड़ा प्रबंधन के लिए लगे संयंत्रों में हजार्ड्स (hazardous) और नॉन हजार्ड्स (non hazardous) कचरे को भी अलग-अलग करके प्रोसेस किया जाता है। वेस्ट मैनेजमेंट का उत्कृष्ट उदाहरण है 'यूपी दर्शन पार्कप्रदेश सरकार ने सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस कर इससे सड़कों और पार्कों का निर्माण किया जा रहा है। लखनऊ में न्यू हाईकोर्ट और पुलिस मुख्यालय के पास की रोड को अबर्न वेस्ट को प्रॉसेस करके बनाया गया है। कूड़े को प्रतिदिन घरों से उठाकर एमआरएफ सेंटर में ले जाकर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और एयर प्रेशर के माध्यम से प्रॉसेस किया जाता है। प्रोसेस्ड मैटेरियल का तीन प्रकार से उपयोग होता है। इसमें प्राइवेट वेंडर्स को प्लास्टिक का री-यूजेबल मैटेरियल देना, सड़कें बनाना और वेस्ट टू वंडर पार्क बनाने में उपयोग शामिल है। राजधानी लखनऊ में पांच एकड़ में वेस्ट टू वेंडर पार्क के रूप में 'यूपी दर्शन पार्क' का निर्माण हुआ है, जो कूड़े के प्रबंधन का उत्कृष्ट मिसाल है। इसके अलावा हैपिनेस पार्क और आगरा, गोरखपुर, मीरजापुर सहित अन्य नगरों में वेस्ट टू वेंडर पार्क का निर्माण किया गया है। उन्होंने विपक्ष से लखनऊ में बने वेस्ट टू वेंडर पार्क का अवलोकन करने को कहा, जहां पर बेस्ट मटेरियल को प्रोसेस करके ताजमहल और बांके बिहारी मंदिर तक बनाए गए हैं।
प्रदेश में निर्धारित शिड्यूल के अनुसार हो सभी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत अपूर्ति : एके शर्मा
लखनऊ। भीषण गर्मी और उमस के बीच प्रदेश की जनता को समस्या न हो, इसके लिए निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप सभी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने के लिए नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिय हैं।

उन्होंने कहा कि शिड्यूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति के बीच होने वाली विद्युत् समस्या की भरपाई रोस्टर के दौरान अतिरिक्त अपूर्ति देकर पूरी की जाये। ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में 18:00 घण्टे, तहसील मुख्यालय स्तर पर 21:30 घण्टे व जनपद मुख्यालय स्तर पर 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति का शिड्यूल प्रदेश सरकार ने निर्धारित किया है, जिसे हर हाल में बनाए रखना है। किसी भी क्षेत्र में विद्युत् आपूर्ति के दौरान यदि कोई स्थानीय फाल्ट के कारण कुछ समय के लिए विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, तो उसकी भरपाई रोस्टर कटौती के दौरान अतिरिक्त आपूर्ति देकर की जाये। उन्होंने कहा कि यदि किसी गांव में सुबह 06 से 09 बजे के बीच व अपरान्ह 12 से 03 बजे के बीच रोस्टिंग तय की गयी है और इसी दौरान सुबह 09 से 12 बजे के बीच स्थानीय फाल्ट के कारण 02 घण्टे विद्युत आपूर्ति बाधित होती है तो दोपहर 12 से 03 बजे के बीच में 02 घण्टे की अतिरिक्त विद्युत् आपूर्ति की व्यवस्था कर ली जाये, जिससे उस क्षेत्र में कुल 18 घण्टे की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

साथ ही बाधित सप्लाई के बदले प्रतिपूरक आपूर्ति (Compensatory supply) की यही व्यवस्था कृषि फीडरों पर भी लागू होगी, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए समस्या न हो। इस व्यवस्था को अनिवार्य रूप से सभी डिस्कॉम अपने क्षेत्रों में लागू करेंगे, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।