मुख्यमंत्री श्री साय ने गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर को उनकी पुण्यतिथि पर किया नमन

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारत के राष्ट्रगान के रचयिता गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की 07 अगस्त को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के योगदान को याद करते हुए कहा है कि गुरूदेव रवीन्द्रनाथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएं, नाटक और कई गाने लिखे। उन्होंने बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूंक दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक कवि, लेखक, नाटककार, संगीतकार, चित्रकार, दार्शनिक और समाज सुधारक, टैगोर जी अपने कविताओं के संग्रह ‘गीतांजलि’ के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले एशियाई थे। उनके लिखे गीतों ने संगीतबद्ध होकर रविन्द्र संगीत की नई संस्कृति को जन्म दिया। उनकी लेखनी के व्यापक प्रभाव का ही परिणाम है कि उनकी रचनाएं भारत और बांग्लादेश का राष्ट्रगान बनीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का बहुमुखी व्यक्तित्व और कृतित्व अतुलनीय है, उनका जीवन एवं उनकी अद्भुत रचनाएं हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

मंत्री रामविचार नेताम ने की केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से सौजन्य मुलाकात

रायपुर-    आदिम जाति, अनुसूचित जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से सौजन्य मुलाकात की। बैठक में मंत्री श्री नेताम ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि सरगुजा संभाग के आस-पास हाथियों का प्रायः विचरण होता है। जिसके कारण स्थानीय ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।

मंत्री श्री नेताम ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि हाथियों के विचरण से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो रही हैं और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा पर भी खतरा बना रहता है। इस समस्या के समाधान के लिए, उन्होंने हाथी विचरण वाले गांवों में सोलर लाइट की सुविधा प्रदान करने की आग्रह किया। इसके साथ ही, उन स्थानों पर वर्टिकल सोलर फेंस स्थापित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मंत्री श्री नेताम ने केंद्रीय मंत्री से हाथी मित्र दलों के लिए आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग रखी। केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने इन सभी मुद्दों पर यथाशीघ्र उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया साथ ही छत्तीसगढ़ के वन और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए हरसंभव केंद्रीय सहयोग देने की बात कही।

सीबीआई ने सोशल मीडिया के जरिए जारी की अपील, कहा- अधिकारियों के नाम और पद का दुरुपयोग कर स्कैम करने वालों से रहें सावधान

रायपुर- सीबीआई ने सोशल मीडिया पर अपने लोगो (Logo), अधिकारियों के नाम और पद का दुरुपयोग कर स्कैम करने वालों से सावधान रहने की अपील की है।

सीबीआई ने जनसामान्य से कहा है कि वरिष्ठ सीबीआई अधिकारियों के नाम और पदनाम का दुरुपयोग करके, किए जाने वाले स्कैमों के प्रति सतर्क रहें। खासकर इस तरह के स्कैम(Scam) में इंटरनेट/ईमेल/ वाट्स ऐप आदि पर निदेशक सीबीआई सहित सीबीआई अधिकारियों के हस्ताक्षर वाले फर्जी दस्तावेज, फर्जी वारंट/समन को धोखाधड़ी करने के लिए प्रसारित किए जाते हैं।

सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सीबीआई लोगो (Logo) का कुछ अपराधियों की ओर से अपने डिस्प्ले पिक्चर (DP) के रूप में दुरुपयोग किया जाता है ताकि वे पैसे ऐंठने के लिए मुख्य रूप से वाट्स ऐप के माध्यम से कॉल कर सकें। सीबीआई ने लोगों को सलाह दी है कि वे सतर्क रहें और ऐसे घोटालों का शिकार न बनें। ऐसे किसी भी प्रयास की तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दें।

36 कॉलेजों में बनेंगे नए भवन-छात्रावास, मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री चौधरी ने की 131.52 करोड़ की व्यवस्था
रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में सुविधाओं के विस्तार के लिए बड़ा निर्णय लिया है. राज्य के 36 कॉलेजों में नए भवन और छात्रावास निर्माण के लिए 131 करोड़ 52 लाख रुपए की राशि जारी करने की सहमति प्रदान कर दी है.

इसके पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने महज दिखावे के लिए बजट का प्रावधान करके टेंडर जारी कर दिया था, लेकिन राशि की व्यवस्था नहीं की गई थी. मुख्यमंत्री साय के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री चौधरी ने राशि की व्यवस्था कर अपनी सहमति प्रदान कर दी है. स्वीकृत राशि से इन कॉलेजों में आधुनिक भवन, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त छात्रावास और अन्य शैक्षणिक एवं प्रशासनिक सुविधाओं के लिए निर्माण कार्य किया जाएगा.

इन 36 महाविद्यालयों में निर्माण के लिए मिली सहमति

राज्य के जिन 36 महाविद्यालय में भवन और छात्रावास निर्माण की सहमति मिली है, उसमें समोदा महाविद्यालय, आरंग, मोपका-निपनिया महाविद्यालय, बलौदाबाजार-भाटापारा, पिरदा महाविद्यालय, बसना, बरमकेला महाविद्यालय, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सकरी महाविद्यालय, तखतपुर, नगरदा महाविद्यालय, सक्ती, सारागांव महाविद्यालय,जांजगीर-चांपा, नांदघाट महाविद्यालय, नवागढ, दाढ़ी महाविद्यालय, नवागढ़, सन्ना महाविद्यालय, जशपुर, धनोरा महाविद्यालय, केशकाल, बाकी मोंगरा महाविद्यालय, कटघोरा, धौरपुर महाविद्यालय,लुंड्रा, कन्या महाविद्यालय प्रेमनगर, दूब. महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर, डॉ. राधाबाई कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर, कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय, देवेन्द्र नगर, रायपुर, मिनीमाता कर्मा कन्या महाविद्यालय, बलौदाबाजार, मचेवा माता कर्मा कन्या महाविद्यालय, महासमुंद, कन्या महाविद्यालय, बेमेतरा, राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बिकापुर, बिल्हा महाविद्यालय, बिल्हा, सरायपाली महाविद्यालय, महासमुंद, बेरला महाविद्यालय, बेमेतरा, फिंगेश्वर महाविद्यालय, राजिम, कुनकुरी महाविद्यालय, कुनकुरी, शासकीय महाविद्यालय, प्रेमनगर, कुई कुकदूर महाविद्यालय, पंडरिया, पेण्ड्रावन महाविद्यालय, साजा, गोबरा नवापारा कन्या महाविद्यालय, अभनपुर, सिलौटी महाविद्यालय, कुरूद, अमोरा महाविद्यालय, मुंगेली, मनोरा महाविद्यालय, जशपुर, कमलेश्वरपुर महाविद्यालय, सीतापुर, रिसाली महाविद्यालय दुर्ग और कुम्हारी महाविद्यालय, दुर्ग शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ में उच्च शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण और सर्वसुविधायुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. 131 करोड़ 52 लाख रुपए की राशि से प्रदेश के इन 36 कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ होंगे तथा शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. वहीं युवाओं को उच्च स्तर की शैक्षणिक सुविधाएँ प्राप्त होंगी और वे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकेंगे.
मुख्यमंत्री श्री साय की अभिनव पहल : शासकीय स्कूलों में शुरू हुई पालक-शिक्षक बैठक

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नई शिक्षा नीति के संबंध में पालकों को जानकारी देने और शिक्षा में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के मद्देनजर राज्य में मेगा पालक-शिक्षक मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में प्राइवेट स्कूल में आयोजित होने वाले पीटीएम की तरह सरकारी स्कूलों में भी पालक शिक्षक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री श्री साय स्वयं भी पालक-शिक्षक मीटिंग में शामिल हो रहे हैं। अपने जशपुर जिले के प्रवास के दौरान वे ग्राम बंदरचुंआ में आयोजित पालक-शिक्षक मीटिंग में शामिल हुए थे और स्कूली बच्चों से नई शिक्षा नीति पर चर्चा के साथ-साथ पढ़ाई को लेकर संवाद किया। बैठक में सचिव स्कूल शिक्षा सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी शामिल हुए। संचालक लोक शिक्षण दिव्या मिश्रा भी आज महासमुंद जिले के 10 संकुलों में आयोजित बैठकों में शामिल हुई।

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि अब तक 5500 संकुलों में पालक शिक्षकों की मीटिंग हो चुकी है। इसमें 10 लाख से अधिक पालक शिक्षक शामिल हुए हैं। एक पेड़ मां नाम अभियान के तहत स्कूलों में दो लाख से अधिक पौधों का रोपण पालक एवं शिक्षकों द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि पालक-शिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य पढ़ाई लिखाई और स्कूली गतिविधियों में शिक्षकों के साथ पालकों की सहभागिता सुनिश्चित करना है। पालक शिक्षक बैठक चालू शैक्षणिक सत्र में तिमाही और अर्द्धवार्षिक परीक्षा परिणाम के उपरांत पालक शिक्षक बैठक आयोजित करने की योजना है। उन्होंने बताया कि बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय और पालकों के मध्य समन्वय स्थापित करने साथ-साथ बच्चों की संपूर्ण गतिविधियों से पालकों को अवगत कराना है।

श्री परदेशी ने बताया कि इन आयोजनों के दौरान शिक्षकों का उन्मुखीकरण कार्यशाला भी आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं में संकुल प्राचार्य के साथ पालक, शाला विकास समिति के सदस्य, जनप्रतिनिधि, काउंसलर, शिक्षक, शिक्षाविद्, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर आदि शामिल हो रहे हैं। इन बैठकों में 65 हजार से अधिक शिक्षकों का उन्मुखीकरण किया गया। इसके अलावा, 16 हजार से अधिक काउंसलर, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर और शिक्षाविदों ने अपनी सहमति दी।

श्री परदेशी ने बताया कि इन बैठकों में जन प्रतिनिधि, जिला कलेक्टर और पालक उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए शपथ भी ले रहे हैं। बैठक के बाद स्कूलों में न्यौता भोज का भी आयोजन किया जा रहा है। पालक-शिक्षक बैठकों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पालकों से चर्चा के अलावा बच्चों की शिक्षा के लिए घर में पालकों द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं पर सुझाव दिए जा रहे हैं, इसके अलावा योजनाओं और शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रमों, प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी और डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग करने के लिए पालकों को एप डाउनलोड करवाए जा रहे हैं।

6 फर्जी फर्मों के नेटवर्क का पर्दाफाश, GST की टीम ने करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार
रायपुर- सीजीएसटी मुख्यालय, रायपुर के अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाकर 6 फर्जी फर्मों के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. ये फर्म वस्तुओं और सेवाओं की किसी भी प्रकार की आपूर्ति किए बिना केवल फर्जी चालान बनाने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे. विशेष खुफिया जानकारी और डाटा विश्लेषण के आधार पर पता चला था कि जीएसटी के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट गलत तरीके से लेने एवं आगे पारित करने के लिए कई फर्जी फर्में बनाई गई है. व्यापक निगरानी के बाद उस स्थान की पहचान कर सीजीएसटी की टीम ने कार्रवाई की.

सीजीएसटी रायपुर आयुक्त मो. अबु सामा आईआरएस ने बताया, जांच से पता चला है कि रायपुर निवासी बादल गौर इन फर्जी फर्मों को बनाने और चलाने के मामले में मास्टरमाइंड है. तथ्यों और सबूतों के साथ पूछताछ करने पर मास्टरमाइंड बादल गौर ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने के उद्देश्य से काल्पनिक फर्मों का एक समूह बनाने की बात स्वीकार की. उन्होंने बताया कि उसने अभी तक 29.13 करोड़ रुपए की राशि का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया है. आगे अन्य टैक्सपेयर्स को 34.23 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पास आन किए हैं.

फर्जीवाड़ा करने वाले अब तक 19 लोग गिरफ्तार

केंद्रीय जीएसटी टीम ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत आज बादल गौर को गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया. सीजेएम कोर्ट ने आरोपी की न्यायिक हिरासत मंजूर कर ली है. बता दें कि जीएसटी कानून लागू होने के बाद से फर्जी बिलिंग के संबंध में सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय लगातार कार्रवाई कर रहा. अब तक 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
वन मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से की सौजन्य मुलाकात
रायपुर-  वन एवं पर्यावरण मंत्री केदार कश्यप ने आज नई दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने बैठक में छत्तीसगढ़ में वन संरक्षण, पर्यावरण सुधार और वन्यजीवों के सरंक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की।
वनमंत्री श्री कश्यप ने केंद्रीय मंत्री को राज्य के वन प्रबंधन, वृक्षारोपण अभियान और पर्यावरणीय सुधारों की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राज्य द्वारा किए जा रहे प्रयासों और वन भूमि की रक्षा पर ध्यान आकर्षित किया।
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने छत्तीसगढ़ की वन और पर्यावरण नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को हरसंभव केंद्रीय सहायता दिया जाएगा। उन्होंने राज्य के वन प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक सहयोग देने की बात कही। मुलाकात के दौरान वन्य जीवों के संरक्षण, वन क्षेत्रों में विस्तार और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए संयुक्त प्रयासों पर जोर दिया गया। यह बैठक छत्तीसगढ़ के वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित होगी।
वनमंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से की सौजन्य मुलाकात
रायपुर-   वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने आज नई दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल से सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने केन्द्रीय मंत्री श्री पाटिल को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में संचालित राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
आयुष संचालनालय द्वारा जिला आयुर्वेद अधिकारियों और आयुष ग्राम के चिकित्सकों के लिए कार्यशाला का आयोजन

रायपुर-   राज्य शासन के आयुष संचालनालय द्वारा राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत प्रदेश में आयुष ग्राम विकसित करने आज राजधानी रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में आयोजित कार्यशाला में जिला आयुर्वेद अधिकारियों और सभी विकासखंडों के आयुष ग्राम के चिकित्सकों को आयुष ग्राम में क्रियान्वित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

आयुष विभाग की संचालक इफ्फत आरा ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आयुष जीवन शैली के सिद्धांतों और प्रथाओं को अपनाने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वास्थ्य देखभाल व उपचारों पर आधारित आयुष ग्राम की परिकल्पना को साकार करने छत्तीसगढ़ के 146 विकासखंडों में आयुष ग्राम का चिन्हांकन किया गया है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रदेश में 146 आयुष ग्राम विकसित किए जा रहे हैं। आयुष ग्राम के माध्यम से ग्रामीणों के स्वास्थ्य की रक्षा और आजीवन स्वस्थ रखने आयुर्वेद, योग तथा आयुष पद्धतियों के अनुसार उन्हें शिक्षित किया जाएगा। आयुष ग्रामों में जनभागीदारी के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएगी।

छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जे.ए.सी.एस. राव ने कार्यशाला में आयुष अधिकारियों और चिकित्सकों को सर्वसुलभ औषधीय पौधों के रोपण एवं उपलब्ध बाजार की जानकारी दी। उन्होंने औषधीय गुणों से भरपूर स्टीविया, शतावरी, कालमेघ, लेमन-ग्रास, केऊकंद, अश्वगंधा, सर्पगंधा जैसे 20 पौधों को प्रदर्शित कर इनके रोपण के लिए उपयुक्त मौसम और खेती के बारे में विस्तार से बताया।

आयुष विभाग के सहायक संचालक-सह-राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. गजेन्द्र बघेल ने कार्यशाला में आयुष ग्राम की परिकल्पना और वहां संचालित की जाने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयुष ग्राम में लोगों को पेड़-पौधों के औषधीय गुणों के बारे में जागरुक कर इनके पौधरोपण और संरक्षण को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत गांवों का चिन्हांकन कर स्थानीय लोगों को आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुरूप स्वस्थ जीवन शैली, उचित आहार-विहार, सामान्य रोगों के उपचार के लिए आसपास पाए जाने वाले औषधीय पौधों की पहचान एवं उपयोग के लिए प्रेरित करना है।

शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, बिलासपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. विद्याभूषण पाण्डेय ने प्रतिभागी अधिकारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम ‘आयुर्विद्या’ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों को आयुर्वेद के बारे में जागरुक करना है। स्कूलों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करना है। स्थानीय स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन कर लोगों को आयुष की उपयोगिता के बारे में जानकारी प्रदान कर इस क्षेत्र में उनके कौशल का उन्नयन करना है। कार्यशाला में आयुष विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. सुनील कुमार दास और उप संचालक डॉ. ए.सी. किरण सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।

विद्युत उपकेन्द्र निर्माण में लापरवाही, 2 ठेकेदार ब्लैकलिस्टेड, 33 को कड़ी चेतावनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज के अध्यक्ष पी. दयानंद ने आज विद्युत अधोसंरचना विकास से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। जिन संस्थाओं द्वारा लंबे समय से कार्यों में लापरवाही की जा रही है और जिनके कारण निर्धारित समय सीमा में कार्य नहीं हो पा रहे हैं ऐसी 2 संस्थाओं को तीन वर्षों की लिए ब्लैकलिस्टेड किया गया। एक संस्था के निवेदन पर उसे कार्य पूर्ण करने के लिए 3 माह का समय दिया गया यदि इस समयावधि में उन्होंने कार्य पूरा नहीं किया तो उन्हें भी ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा। इसके अलावा 32 संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। श्री दयानंद ने कड़े तेवर दिखाते हुए चेतावनी दी कि विद्युत विकास कार्यों में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
श्री दयानंद ने आज छत्तीसगढ़ स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री राजेश कुमार शुक्ला, छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक भीमसिंह कंवर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.), प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पी.एम. जनमन) तथा मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना की समीक्षा की। उन्हें आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत विकास कार्यों को जल्दी से जल्दी पूरा करने के लिए उन्होंने समस्त संस्थाओं के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पी.एम. सूर्यघर बिजली योजना को लोकप्रिय तथा लोगों की पहुंच में लाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ली तथा इसके लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्हें बताया गया कि 33/11 के.वी. उपकेंद्रों तथा लाइनों के निर्माण का कार्य संबंधित ठेकेदारों की लापरवाही के कारण पूरा नहीं हो पा रहे हैं।
इसे देखते हुए जशपुर जिले के सोनक्यारी एवं कुडे़केला 33/11 केवी उपकेंद्र के निर्माण कार्य में कोताही के लिए जिम्मेदार संस्था मेसर्स एनकेजेए एंड डेवलपर्स इन्फ्रा रायपुर को तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्टेड किया गया। इनका कार्य 4 मार्च, 2024 तक पूर्ण हो जाना था लेकिन बहुत कम कार्य किया गया है। जशपुर जिले में अंकिरा से गंजियाडीह के बीच लाईन निर्माण के कार्य में लापरवाही करने वाले मेसर्स सुरेंद्र राठौर को भी ब्लैकलिस्टेड करते हुए उनकी अमानत राशि राजसात करने के निर्देश दिये गये। इसी तरह सरगुजा जिले के चंगोरी 33/11 केवी उपकेंद्र का ठेका लेने वाली संस्था मेसर्स धनंजय कुमार तिवारी द्वारा 24 दिसम्बर 2023 को कार्य पूर्ण किया जाना था, उन्होंने मात्र 40 प्रतिशत काम किया है। इन्हें भी ब्लैकलिस्टेड किया जा रहा था लेकिन इन्होंने तीन माह का समय मांगा है। तीन माह में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने पर इन्हें भी ब्लैकलिस्ट किया जायेगा।
श्री दयानंद ने पीएम जनमन योजना के तहत 7 हजार 77 घरों में बिजली कनेक्शन देने का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार की योजनाएं व्यापक जनहित के लिए होती है। यदि उनका लाभ सही समय पर संबंधित क्षेत्र की जनता को नहीं मिल पाये तो यह लापरवाही वे बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुशासन पर जोर देते हुए जनहित के कार्याें को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं जिससे लोगों को जल्दी से जल्दी न्याय मिल सके और उनके विकास के रास्ते आसान हो सके।