ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों को मिथिला सर्किट के माध्यम से विकास करने जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा
मिथिला का केंद्र बिंदु दरभंगा मिथिला की अघोषित राजधानी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यहां के चतुर्दिक विकास के लिए अनेकों प्रयास और पहल किए जा रहे हैं। लेकिन यहां के विकास कार्यों को देश के मानचित्र पर स्थापित करना उनके संसदीय जीवन की सबसे बड़ी अनेकों है। दरभंगा के भाजपा सांसद तथा लोकसभा में पार्टी के सचेतक डॉ. गोपालजी ठाकुर ने पटना में बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा से एक औपचारिक भेंट मुलाकात के बाद उपरोक्त बातें कही।

सांसद डा ठाकुर ने अपने सहयोगियों के साथ उनसे मुलाकात की एवं इस क्रम में मिथिला की परंपरा के अनुसर उप मुख्यमंत्री को पाग अंगवस्त्र तथा मखाना के माला से सम्मानित भी किया। संसद डा ठाकुर ने उप मुख्यमंत्री सिन्हा को दरभंगा संसदीय क्षेत्र से सम्बन्धित विभिन्न मौलिक समस्यायों की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष अनुकम्पा की देन है कि आज दरभंगा के विकास की चर्चा देश स्तर पर की जा रही है

लेकिन कुछ अन्य लंबित मुद्दों के समाधान के लिए पहल करने की जरूरत है। उन्होंने शहर में दोनार गुमती आरओबी 25 की प्रशासनिक स्वीकृति, निर्माणाधीन देकुली सिसौनी 44 किमी की सड़क में तेजी लाने, अशोक पेपर मील विदेश्वर स्थान सड़क, सकरी धरौरा निर्माणाधीन सड़क, बरूना रसियारी एसएच 88 जैसे निर्माणाधीन सड़क को अविलंब पूरा करने तथा इस सड़क को आगे विस्तारित कर कोशी पश्चिमी तटबंध में मिलाने मिथिला के सभी ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों को मिथिला सर्किट के माध्यम से विकास करने के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा यथाशीघ्र समाधान की जरूरत है।
जनसुराज विचार मंच की बैठक आयोजित की गई
दरभंगा स्थित सर्वे कार्यालय में जन सुराज विचार मंच की एक बैठक जिला प्रभारी संजय कुमार राय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का संचालन संतोष सिंह कर रहें थे। मंच पर जिला प्रभारी राय के अलावे आशीष झा, केदार साह, ज्योति सिंह, विनीत कुमार नन्हे, उमाकांत राय मौजूद थे। आयोजित बैठक में फ्रेंड ऑफ आनंद के संतोष सिंह ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जनसुराज की सदस्यता ली। प्रभारी राय ने कहा कि बिहार की स्थिति दयनीय है।

बेरोजगारी बड़ी समस्या हैं। कहा कि जिस धरती पर हमारी बैठक हो रही हैं। यह धरती खुद में सक्षम हैं लेकिन विगत तीस वर्षों में राज्य के सभी नेताओं ने खासकर मिथिला के क्षेत्र से नेतृत्व कर रहें हैं उनकी कार्यशैली सही नहीं रही।
डायवर्सन पर चढ़ा बारिश का पानी, आवागमन ठप
दरभंगा के घनश्यामपुर प्रखंड क्षेत्र के देउरी गांव से पाली जाने रास्ते में देउरी मुख्य मार्ग में मोटकहा पुल के समीप अ‌र्द्धनिर्मित पुल है। जिसके बगल में आने-जाने के लिए डायवर्सन बनाया गया है। जो काफी दिनों से बारिश के पानी से डूबा हुआ है। छोटे बच्चे तो गांव के विद्यालय में पढ़ लेते हैं लेकिन 9वीं और 10वीं कक्षा के स्कूली बच्चों को देउरी गांव से अहिरैण स्कूल जाने में घुठने भर पानी से होकर जाना पड़ता है। साइकिल को कंधा पर लेकर पानी को पार कर विद्यालय जाने की मजबूरी है। कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। देउरी गांव के लोगों को पाली बाजार जाने के लिए 4 किमी घूम कर घनश्यामपुर चौक होते हुए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

पुल का काम 2023 से शुरू हुआ

देउरी गांव से पाली मुख्य मार्ग पर मोटकाहा पुल के समीप 357.8543 लाख की लागत से पुल का निर्माण कराया जा रहा था, जिसकी लम्बाई 28.12 मीटर है। पुल का निर्माण कार्य दिसम्बर 2023 से शुरू हुआ था, लेकिन आज तक पूरा नही हुआ है। पुल निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पहले विभागीय नियमानुसार आवाजाही चालू रखने के लिए पक्का डायवर्सन बनाने का प्रावधान है।

लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से संवेदक ने सड़क के समानांतर डायवर्सन का निर्माण नहीं किया। ग्रामीण जय प्रकाश मंडल, मो. सहिद ने बताया है कि आए दिन डर बना रहता है कि डायवर्सन पर अत्यधिक पानी होने के कारण कही कोई बड़ा घटना न हो जाए। जिस कारण अपने बच्चे को हाई स्कूल अहिरैन नहीं जाने देते हैं।

एक सप्ताह में कार्य शुरू करने की आश्वासन

पुल निर्माण कार्य के ठेकेदार संत कुमार ने बताया कि डायवर्सन तो बनाया गया था, पर उसपर बारिश का पानी आ गया है। जिस कारण यातायात बाधित है। एक सप्ताह के अंदर नए डायवर्सन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

वहीं, स्थानीय लोग भगवान कुमार, संतोष कुमार, अनिल कुमार, मो. मुस्तुफा ने बताया है कि एक सप्ताह में डायवर्सन कार्य का निर्माण नहीं किया जाता है तो हम लोग प्रखंड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे।।
दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा का इस्तीफा
दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पीछे उन्होंने निजी और पारिवारिक कारण बताया है। उन्होंने कहा कि मन इस काम में बहुत लग रहा था, लेकिन निजी कारणों से ऐसा निर्णय लिया है। 'लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर IPS काम्या मिश्रा 2019 में पुलिस सेवा में आईं थीं। उन्होंने पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया था। एक महीने से रिजाइन करने का मन बना रहीं थीं। दरभंगा में ग्रामीण एसपी के पद पर रहते हुए उन्हें बिरौल और बेनीपुर अनुमंडल की जिमेदारी सौंपी गई थीं। इस संबंध में काम्या मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उसने संपर्क नहीं हुआ। उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

अक्सर इस्तीफा देने की बात करती थीं काम्या मिश्रा

दरभंगा पुलिस सूत्र बताते हैं कि काम्या मिश्रा अक्सर इस्तीफा देने की बात करती थीं। कहती थी कि उनका मन नहीं लग रहा है। हालांकि, उनके साथी अधिकारी और पुलिसकर्मी इसे मजाक समझते थे।


गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय से नहीं हो सकी पुष्टि

प्रावधान के अनुसार आईपीएस अधिकारी अपना इस्तीफा कैडर राज्य के गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को भेजते हैं। इधर गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय से इस्तीफे की जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन अभी तक किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

पहले ही अटेम्प्ट में क्रैक किया था यूपीएससी काम्‍या मिश्रा ने महज 22 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल की थी। उन्होंने 172वीं रैंक हासिल किया था और इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) के लिए उनका चयन हुआ। मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली काम्या को हिमाचल कैडर से बिहार कैडर में स्थानांतरित किया गया था। काम्या मिश्रा बचपन से ही पढ़ाई में होनहार रहीं हैं। 12वीं की परीक्षा 98 फीसदी अंक से पास की।दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज से स्नातक के बाद पहले ही प्रयास में वो आइपीएस अफसर बन गईं। पति सरोज भी आईपीएस

काम्या मिश्रा के पति अवधेश सरोज भी आईपीएस हैं। उन्होंने भी कामना मिश्रा के इस्तीफे के पीछे निजी कारण ही बताया है। वह 2021 बैच के बिहार कैडर के पुलिस अधिकारी हैं। अवधेश सरोज दीक्षित अभी मुजफ्फरपुर में सिटी एसपी के तौर पर पोस्टेड हैं। इन दोनों ने उदयपुर में शादी की थी। अवधेश ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक किया है।


डीएपी की किल्लत, किसान 200 रुपए अधिक देने को तैयार
जिले में खरीफ मौसम के तहत विभिन्न फसलों की बुआई शुरू हो चुकी है। किसानों को डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) और एनपीके खाद को लेकर दिक्कत शुरू हो गई है। किसानों को डीएपी खाद मिलने में कठिनाई हो रही है। करीब एक-दो महीने से जिले में डीएपी की भारी किल्लत चल रही है। किसानों का कहना है कि 1300 रुपए की डीएपी के लिए 1500 रुपए देने के लिए भी तैयार हैं, फिर भी खाद नहीं मिल रही है। मानसून आने के बाद किसानों को डीएपी खाद की किल्लत शुरू हो गई है।

घान, मक्का और उड़द की खेती में जुट गए किसान

बारिश के बाद किसान धान, मरूआ, मक्का, मूंग, उड़द की फसलों की खेती करने में जुट गए हैं। लेकिन डीएपी और एनपीके खाद नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिरौल प्रखंड के किसान अरुण झा कहते हैं पिछले पांच दिनों से बिस्कोमान का चक्कर काट रहे हैं,

लेकिन धान की बुआई के लिए डीएपी नहीं मिल रहा है। डीएपी की किल्लत से मेरे जैसे सैंकड़ों किसान परेशान हैं। कई किसानों ने तो मजबूरी में बिना डीएपी और एनपीके डाले ही धान की बुआई शुरू कर दी है। किसान संगठन से जुड़े रमेश कुमार ठाकुर कहते हैं देश के कई राज्यों में डीएपी खाद की कमी है। इसकी वजह है कि केंद्र सरकार ने राज्यों का कोटा घटा दिया है। बिहार, पंजाब, यूपी और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के कोटे घटाए गए हैं।

डीएपी खाद की प्रति बैग की कीमत 1300 रुपए

जिस तरह से लगातार कमी की खबर आ रही है इसमें कालाबाजारी से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। डीएपी खाद की प्रति बैग की कीमत 1300 रुपए है. लेकिन व्यापारी 1650 से लेकर 1700 रुपए तक वसूल रहे हैं। डीएओ कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से जुलाई तक जिले में यूरिया की 13997 मीट्रिक टन की आवश्यकता थी। जिले को 7741 मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया। इसी प्रकार से अप्रैल से जुलाई माह तक 4800 मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता थी। लेकिन 1655 मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया। एनपीके की अप्रैल से जुलाई माह तक 4473 मीट्रिक टन की आवश्यकता थी। लेकिन 2656 मीट्रिक टन ही उपलब्ध कराया गया।

जिले में खाद की कोई कमी नहीं है

जिला कृषि पदाधिकारी दरभंगा बिपिन बिहारी सिन्हा ने बताया कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। सरकार डीएपी की जगह मिक्सचर की आपूर्ति अधिक कर रही है, ताकि किसानों को खेती की लागत में कमी आ सके। एक बोरी डीएपी की जितनी कीमत है। उतने में किसानों को मिक्सचर मिल रहा है। मिक्सचर में सभी पोषक तत्व मौजूद रहता है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
मिथिला विवि को मिली मैथिली भाषा की समृद्धि की जिम्मेवारी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत मातृभाषा और भारतीय भाषा में बच्चों को शिक्षा प्रदान करना बुनियादी शर्तो में से एक है। लेकिन, संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली में पढ़ने के लिए बच्चों के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है। उच्च शिक्षा में भी कमोबेश यही हाल है। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी के प्रयास से मिथिला में मैथिली को समृद्ध कर इस भाषा में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए बुनियादी संसाधन जुटाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने मिथिला विश्वविद्यालय को सौंपी है।

कुलपति इसके नोडल पदाधिकारी होंगे। इसके अलावा राज्य के 10 विश्वविद्यालय को सदस्य बनाया गया है। इसमें केंद्रीय, डीम्ड, निजी और राज्य सरकार के अधीन के विश्वविद्यालय शामिल होंगे। यह सब मैथिली की भाषा संवर्धन समिति के अधीन काम करेंगे। इसके तहत मैथिली भाषा में पुस्तकों की रचना होगी। इसका सारा व्यय भारतीय भाषा संवर्धन समिति वहन करेगी।

अनुदान आयोग से भी समन्वय स्थापित करेगी

भारतीय भाषा संवर्धन समिति का दायित्व होगा कि वह राज्य के मैथिली भाषा को लेखकों को चिन्हित करे, जो मैथिली भाषा में पुस्तकें लिख सकें। इतना ही नहीं यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से भी इस संबंध में समन्वय स्थापित करेगी। यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष आर जोशी ने कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी को पहली अगस्त को लिखे पत्र में याद दिलाया है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय भाषा मैथिली की समृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालय अपना मानक निर्धारित करें। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इस बात पर जोर है कि भारतीय भाषा में पढ़ने और सीखने के माध्यम को उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाए। इस दिशा में दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और इसके कुलपति को उपयुक्त मानते हुए उन्होंने यह महती जिम्मेदारी सौंपी है।

भाषा समिति को भेजा जा चुका है शोध भंडार

बता दें कि इससे पूर्व भारतीय भाषा समिति के विषय विशेषज्ञों की कमेटी राजनीति विज्ञान के 38 सौ शब्दों की मूलभूत शब्दावली को मैथिली में तैयार करने के लिए गहन मंथन किया था।

समिति के मुख्य शैक्षणिक समन्वयक प्रो. अवधेश कुमार मिश्र ने विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों के अध्यक्षों के अलावा बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष कामेश्वर झा की उपस्थिति में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली के मैथिली रूपांतर पर काम किया था।

बताया जा रहा है कि समिति के भ्रमण के बाद केवल राजनीति शास्त्र ही नहीं कई अन्य विषयों में भी मैथिली बड़ा शोध भंडार तैयार कर भारतीय भाषा समिति को भेजा जा चुका है। लेकिन कुलपति मात्र इतने से संतुष्ट नहीं हैं, उनका प्रयास है कि मैथिली को अन्य प्रचलित दूसरी भाषाओं की तरह ही प्राथमिक से लेकर उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में सीखने और पढ़ने की भाषा बना दिया जाए।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
2024 के अंत तक एम्स का निर्माण होगा शुरू
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत शनिवार को डीएमसीएच पहुंचें। इस दौरान उन्होंने एम्स निर्माण, नवनिर्मित सर्जरी बिल्डिंग तथा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों के साथ बैठक किया। बैठक में सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इंडोर सेवा शुरू करने तथा नवनिर्मित सर्जरी बिल्डिंग में शेष बचे कार्यो को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश बीएमएसआइसिल के अधिकारियों को दिया। वही मीडिया से बात करते हुए प्रत्यय अमृत ने कहा कि एम्स का निर्माण अपनी जगह पर है। लेकिन DMCH को कैसे बेहतर से बेहतर बने। इसके लिए स्टीमेट के हिसाब से काम करना है। जिसको लेकर मैं खुद मॉनिटर कर रहा हूँ। वही उन्होंने कहा कि 2 माह के अंदर मैं खुद आऊंगा।

तब तक बचे हुए काम कंप्लीट हो जायेगा। जिसको लेकर निर्देश दिया गया है। इस अवसर पर DMCH के प्राचार्य, अधीक्षक, चिकित्सक व कर्मी उपस्थित थे।

साल के अंत तक शुरू होगा

काम वही उन्होंने एम्स के सवाल पर कहा की राज्य सरकार का जो कॉनिटमेंट है। जमीन, पानी और सड़क देना। तीनों जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। इन तीनो पहलुओं पर बहुत सकारात्मक काम हो रहा है। उन्होंने कहा की भारत सरकार की चिट्ठी आ गई।

राज्य सरकार के कमिटमेंट के हिसाब से हमलोग जमीन दे रहे हैं। करीब 70 प्रतिशत जमीन उपलब्ध भी है। उनको टेक ओवर करना है। मेरी बात भारत सरकार के सचिव से बहुत ही सकारात्मक हुई है। इस साल के अंत होने से पहले ही वहां पर काम भी दिखेगा।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में सड़क हादसे में बच्चे की मौत
दरभंगा जिले के बिरौल थाना क्षेत्र के दरभंगा कुशेश्वर स्थान मुख्य मार्ग एसएच 56 पर एक बस की ठोकर से एक बच्चे की मौत हो गई। जिसके बाद बस चालक बस लेकर मौके से फरार हो गया। मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगो ने मुख्य सड़क को आकोश में जाम कर दिया। जिसके बाद मौके पर बिरौल थाना की पुलिस सहित एसडीएम और सीओ भी पहुंचे। लेकिन परिजन अभी तक नही माने से लगभग एक घंटे से मुख्य सड़क जाम है। जिससे यातायात बाधित है।

मृतक बच्चे की पहचान जोगिंगदार पासवान के बेटे आयुष (08) के रूप में की गई। घटना करीब शुक्रवार की शाम लगभग 6 बजे की है। मौके पर प्रशासन के द्वार स्थानीय जनप्रतिनिधि का सहयोग लोगो को मानने के लिए लिया जा रहा है। ग्रामीण चौधरी मुखिया ने बताया की ये घटना दरभंगा केशरी के बस के द्वारा हुआ है।

अक्सर इस कंपनी की गाड़ी लापरवाही से चलाई जाती है। ड्राइवर के द्वारा हमेशा बहुत तेजी से गाड़ी चलाया जाता है। और ब्रेक पर पैर भी नही रखा जाता है। उन्होंने आगे मांग किया है कि जब तक दरभंगा केसरी के मालिक मौके पर नहीं पहुचेंगे तब तक जाम को नहीं हटाया जाएगा।

लोगों को समझाने में जुटी पुलिस

फिलहाल अभी मौके पर पुलिस कैंप कर रही है और लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रही है। बिरौल थाना बिरौल एसडीएम उमेश कुमार भारती बिरौल थाना अध्यक्ष अमृतलाल बर्मन सीओ आदित्य शंकर मौजूद है। लोगों को समझा कर जाम खाली करवाने का प्रयास किया जा रहा है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में दो पक्षों के बीच मारपीट
दरभंगा के घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के बाऊर गांव में बुधवार को घास काटने को लेकर दो पक्षों में जामकर मारपीट हुई, जिसमे चार लोग घायल हो गए। इसी बीच घटना की सूचना स्थानीय थाने को दी गई। इसके बाद सभी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक गंभीर रूप से घायल को डीएमसीएच रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि यदुवीर यादव की खेत में राम सेवक यादव की पोती संगीता कुमारी अपने सहेली के साथ घास काट कर अपने घर लौट आई।

इसी दौरान हरीश चन्द्र साह ने यदुवीर यादव को जाकर बताया कि राम सेवक यादव की पोती अपने सहेली के साथ आपके खेत में घास काट लिया है। इतना सुनते ही यदुवीर यादव राम सेवक यादव के घर पहुंच कर गाली गलौज करने लगा जिसका विरोध राम सेवक यादव के द्वारा करने पर यदुवीर यादव ने हाथ में रखे लाठी से राम सेवक यादव के सर पर वार कर दिया।

धारदार हथियार से भी किया हमला

इसके बाद यदुवीर यादव भाग कर अपने घर पहुंचकर अपने पुरे परिवार भिखारी यादव, विद्या नंद यादव, कन्हैया कुमार, भोगी लाल यादव और अमृती देवी एक साथ राम सेवक यादव के घर पहुंच तेज धारदार हथियार से मारपीट करने लगा।

जिसमे राम सेवक यादव का सर फट गया और खून बहने लगा। बचाने आए भाई मंशी यादव, भतीजा लालू यादव, संगीता कुमारी, रीता देवी , बुधनी देवी जब आए तो सभी लोग ने रामसेवक यादव को छोड़कर इन सभी लोगो की भी जमकर पिटाई कर दी। वही पर स्थानीय लोगो ने घायल राम सेवक यादव, संगीता देवी ,रीता देवी, बुधनी देवी को उठाकर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घनश्यामपुर में भर्ती कराया।

वहीं राम सेवक यादव की हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया है, जहां घायल राम सेवक यादव का इलाज चल रहा है।

क्या बाेले थानाध्यक्ष

घनश्यामपुर थानाध्यक्ष अजित कुमार ने बताया है कि घटना की जानकारी मिली है। सभी को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। अभी तक मामले में कोई आवेदन प्राप्त नहीं मिला है। आवेदन मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
विशिष्ट शिक्षक का दर्जा देने को आज से प्रमाणपत्र सत्यापन
सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण जिले के नौ हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का दर्जा देने के लिए उनके प्रमाणपत्र का सत्यापन आज से कादिराबाद स्थित डीआरसीसी में होगा। इसके लिए सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों को एसएमएस आना भी आरंभ हो गया है। डीईओ समर बहादुर सिंह ने बताया कि शिक्षकों को प्राप्त एसएमएस में अंकित स्लॉट और तिथि के अनुसार सत्यापन कार्य किया जाएगा। इसके लिए प्रधानाध्यापक और बीईओ को निर्देशित किया गया है कि वह सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों को इस प्रकार अधिकतम तीन दिनों का कर्तव्य अवकाश आवंटित करे कि बच्चों की पढ़ाई भी बाधित नहीं हो।

स्थापना डीपीओ संदीप रंजन ने कहा कि अभ्यर्थियों ने सक्षमता परीक्षा का आवेदन करते समय जिन प्रमाण पत्रों को अपलोड किया था, उसकी मूल प्रति का सत्यापन किया जाना है। इसमें मूल जाति, दिव्यांगता प्रमाणपत्र के अलावा मूल आधार कार्ड भी लाने को कहा गया है। मूल नियोजन पत्र, मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक, स्नातकोत्तर, डीएल एड, बीएड का मूल प्रमाणपत्र, दक्षता परीक्षा और एसटीईटी, टीईटी का मूल प्रमाणपत्र भी सत्यापन के समय दिखाना होगा। अभ्यर्थियों को सभी प्रमाणपत्र की छाया प्रति भी साथ लाना होगा।

सत्यापन कार्य अधिकारियों का तीन सदस्यीय दल कराएगा

सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग का केंद्र बदल गया है। अब प्रमाण पत्रों का सत्यापन कादिराबाद स्थित डीआरसीसी में नहीं बल्कि लहेरियासराय के एमएल एकेडमी में गुरुवार से किया जाएगा। काउंसिलिंग के लिए दस काउंटर बनाए गए हैं। इनपर सत्यापन के लिए दो और प्रमाण पत्रों के मिलान के लिए दो कर्मी तैनात किए गए हैं। फूल प्रूफ सत्यापन कार्य के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक के अनुमोदन के बाद डीएम, डीईओ और डीपीओ ने संयुक्त आदेश जारी कर कहा है कि सत्यापन कार्य अधिकारियों का तीन सदस्यीय दल कराएगा। इसमें डीपीओ नवीन कुमार ठाकुर, संदीप रंजन और कार्यक्रम पदाधिकारी कृतिका वर्मा शामिल होंगी।

सेटअप के साथ उपस्थित होने के आदेश

काउंसिलिंग स्थल पर सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष के आधार कार्ड सत्यापन के लिए अलग काउंटर होगा। इसमें महफूज आलम , बबलू कुमार, संतोष कुमार, विमल कुमार झा, गोपाल जी चौधरी, इमरान काजमी, दीप माला कुमारी, रणजीत कुमार, बैधनाथ कुमार यादव और प्रेम शंकर प्रसाद रहेंगे।

आधार ऑपरेटर को आदेश दिया गया है कि वह काउंसिलिंग स्थल पर पूरे सेटअप के साथ सुबह नौ बजे से पहले उपस्थित हो जाएंगे । लेखा सहायक व डाटा इंट्री ऑपरेटर से भी कहा गया है कि वह अपने लैपटॉप और डोंगल के साथ मौजूद रहेंगे। शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों के बायोमीट्रिक सत्यापन के लिए काउंटर होगा।

इसमें जगजीत मंडल रोहित, कश्यप संजय चौधरी, चंदा कुमारी, ज्ञानेश कुमार, छोटू कुमार साह और पारस कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है। काउंसिलिंग के लिए आने वाले शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों को अलग काउंटर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को कहा गया है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट