बीजेपी ने क्यों उठाई बंगाल बांटने की मांग, जानें क्या हो सकता है सियासी फायदा?
#propasal_to_make_north_bengal_a_separate_state_will_benefit_bjp
केंद्रीय राज्य मंत्री और बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बंगाल को बांटने की मांग उठाकर सियासत में हलचल पैदा कर दी है।सुकांत मजूमदार ने उत्तर बंगाल को उत्तर पूर्वी राज्यों में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।मजूमदार का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर कहा है कि राज्य के उत्तरी हिस्सों को उत्तर पूर्व क्षेत्र में शामिल करने की मांग की है।मजूमदार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय समय में प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे। अब यह सवाल उठ रहा है कि कि आखिर बीजेपी उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट स्टेट में क्यों विलय करने की मांग कर रही है?
![]()
दरअसल, उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट में विलय करन मांग के पीछे बीजेपी की खास रणनीति है। हाल के सालों में बीजेपी ने बंगाल में एक सेयासी जमीन तैयार की है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से 18 सीटें हासिल कर सभी को चौंका दिया था।
वहीं, 2019 के इसी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर बंगाल की 8 सीटों में से 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2024 में हालांकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को झटका लगा है और उसकी सीटों की संख्या 18 से घटकर 12 रह गई है, लेकिन उत्तर बंगाल में बीजेपी अपनी पकड़ बकरार रखी है और 8 में से 6 सीटों पर जीत हासिल की। इस नंबर से एक बात तो साफ है कि उत्तर बंगाल में बीजेपी ने अपनी सियासी जमीन तैयार कर ली है और अगर उत्तर बंगाल को लेकर सुकांत मजूमदार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार अमल करती है, तो इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा और उसका वोटबैंक मजबूत होगा। साथ ही टीएमसी को बड़ा झटका लगेगा। ममता बनर्जी को बड़ी सियासी चोट लगेगी।
अगर ये राज्य अलग होता है तो बीजेपी की यहां सरकार बनेगी।अगर ये राज्य अलग होता है तो बीजेपी की यहां सरकार बनेगी। इस तरह पूरे बंगाल पर नहीं तो कम से कम आधे बंगाल पर बीजेपी को राज करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके साथ ही दक्षिण बंगाल के रार बंगाल आंदोलन को भी हवा मिलेगी। दक्षिण बंगाल के आदिवासियों की डिमांड रही है कि उनके लिए अलग राज्य बनाया जाए।जाहिर है कि बीजेपी उनके लिए उम्मीद की किरण होगी।
दूसरी ओर, उत्तर बंगार और दक्षिण बंगाल मौसम, खानपान, भौगौलिक मानचित्र, पर्यटन सभी दृष्टि से एक-दूसरे से अलग है और उत्तर बंगाल के जिले कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और अलीपुरद्वार उत्तर पूर्वी राज्यों के काफी करीब हैं. इस प्रस्ताव के अमलीजामा पहनाने पर बीजेपी की उत्तर बंगाल के साथ-साथ उत्तर पूर्वी राज्यों में पकड़ मजबूत होगी।








Aug 01 2024, 20:17
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
3- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
7.4k