क्या आप जानते है बच्चो, बड़ो और बुजुर्गो को कितने घंटे की नींद लेने चाहिए, आईए जानते है इसके फायदे और नुकसान
जिस से तरह से किसी भी व्यक्ति को जिंदा रहने के लिए भोजन, पानी से लेकर सांस की जरूरत होती है. ठीक उसी तरह हर व्यक्ति को प्रयाप्त मात्रा में हर दिन नींद लेने की जरूरत होती है. चाहे फिर उसमें कोई बच्चा हो या फिर बुजुर्ग. अगर आप पर्याप्त रूप से नहीं लेते हैं तो आपको शारीरिक से लेकर मानसिक रूप तक कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।व्यक्ति को उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है. उन्हें मानसिक स्वास्थ का लाभ नहीं मिलता. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर कितने घंटे सोना चाहिए. आइए जानते हैं महिला पुरुष से लेकर बच्चे या युवाओं को कितने घंटे सोना चाहिए और नींद न लेने से कौन कौन सी समस्याएं हो सकती हैं.
नींद पूरी न होने पर हो सकती हैं ये समस्याएं
एक्सपर्ट्स के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को सोना बेहद जरूरी है. ऐसा न करना उसके स्वास्थ को खराब कर सकता है. व्यक्ति का मेंटल स्ट्रेस तक बढ़ सकता है. अगर आप पर्याप्त नहीं लेत हैं तो आपको डायबिटीज से लेकर ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो सकती है. शरीर में मिनिरल्स का संतुलन बिगड़ जाता है. साथ ही हड्डियां धीरे धीरे कमजोर पड़ जाती है. वहीं महिलाओं में कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा कई गुणा ज्यादा बढ़ जाता है.
बच्चों को लेनी चाहिए इतने घंटे की नींद
बच्चों को खेलने के साथ ही सोना भी बेहद जरूरी होता है. इससे उनकी बॉडी रिलेक्स होती है. नींद के दौरान हमारा शरीर विषाक्त पदार्थों की साफ सफाई करता है. यह शरीर की अंदर से मरम्मत का काम करते हैं. नींद की कमी होने पर हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. यही वजह है कि डॉक्टर्स नवजात बच्चों को 14 से 17 घंटे सोने की सलाह देते हैं. 4 से 11 माह के बच्चों को 11 से 15 घंटे और 1 से 2 साल तक की उम्र में बच्चे को 11 से 14 घंटे सोने की सलाह देते हैं.
नींद पूरी न होने पर हो सकती हैं ये समस्याएं
एक्सपर्ट्स के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को सोना बेहद जरूरी है. ऐसा न करना उसके स्वास्थ को खराब कर सकता है. व्यक्ति का मेंटल स्ट्रेस तक बढ़ सकता है. अगर आप पर्याप्त नहीं लेत हैं तो आपको डायबिटीज से लेकर ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो सकती है. शरीर में मिनिरल्स का संतुलन बिगड़ जाता है. साथ ही हड्डियां धीरे धीरे कमजोर पड़ जाती है. वहीं महिलाओं में कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा कई गुणा ज्यादा बढ़ जाता है.
बच्चों को लेनी चाहिए इतने घंटे की नींद
बच्चों को खेलने के साथ ही सोना भी बेहद जरूरी होता है. इससे उनकी बॉडी रिलेक्स होती है. नींद के दौरान हमारा शरीर विषाक्त पदार्थों की साफ सफाई करता है. यह शरीर की अंदर से मरम्मत का काम करते हैं. नींद की कमी होने पर हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. यही वजह है कि डॉक्टर्स नवजात बच्चों को 14 से 17 घंटे सोने की सलाह देते हैं. 4 से 11 माह के बच्चों को 11 से 15 घंटे और 1 से 2 साल तक की उम्र में बच्चे को 11 से 14 घंटे सोने की सलाह देते हैं.
18 से 65 साल के लोग लेते हैं कम नींद
रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर वयस्क यानी 18 से 65 की उम्र के लोग नियमित जरूरत नींद से कम सोते हैं. अगर आप एक साथ 7 से 8 घंटे नींद नहीं ले सकते तो इसे दो भाग में कर सकते हैं. रात में 4 से 5 घंटे और दिन के दूसरे भाग में 2 से 3 घंटे सो सकते हैं. इससे आपकी नींद पूर्ण होने के साथ ही काम करने की क्षमता बढ़ेगी और इसमें सुधार होगा।
आइए जानते है इसके फायदे और नुकसान
नींद के फायदे:
मानसिक स्वास्थ्य: पर्याप्त नींद मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, तनाव को कम करती है और मूड को बेहतर बनाती है।
शारीरिक स्वास्थ्य: यह हृदय, इम्यून सिस्टम और अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है।
मस्तिष्क का विकास: विशेषकर बच्चों के लिए, नींद मस्तिष्क के विकास और सीखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
स्मृति सुधार: नींद स्मृति को मजबूत बनाने और सूचनाओं को याद रखने में सहायक होती है।
ऊर्जा स्तर: पर्याप्त नींद ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने में मदद करती है और दिन भर की गतिविधियों के लिए तैयार रखती है।
नींद की कमी के नुकसान:
मानसिक समस्याएं: नींद की कमी से तनाव, अवसाद, और चिंता जैसे मानसिक विकार हो सकते हैं।
शारीरिक समस्याएं: इससे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
मस्तिष्क की कार्यक्षमता में कमी: ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने, और समस्या सुलझाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
स्मृति हानि: नींद की कमी स्मृति और संज्ञानात्मक क्षमताओं को कमजोर कर सकती है।
ऊर्जा की कमी: यह थकान और ऊर्जा की कमी का कारण बन सकती है, जिससे दैनिक गतिविधियों में कठिनाई होती है।
इसलिए, उचित नींद लेना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि हमारा शरीर और मस्तिष्क सही तरीके से कार्य कर सके।
Jul 31 2024, 10:15