स्टीट उद्योगों को दी जा रही 713 करोड़ रुपए की छूट , अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में बिजली सस्ती, मात्र 35 पैसे ही बढ़ा ऊर्जा प्रभार
रायपुर- प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी कर दी गई है। बढ़ी हुई दरों के विरोध में स्टील उद्योग और स्पंज आयरन फैक्ट्री 29 जुलाई से बंद है। इधर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कहा है कि प्रदेश में स्टीट उद्योगों को 713 करोड़ रुपए की छूट दी जा रही है। वहीं लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट (पॉवर फैक्टर इन्सेन्टिव) को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है। ऊर्जा प्रभार की दर में भी 6 रुपए प्रति यूनिट से बढ़कर 6.35 रुपए प्रति यूनिट की गई है, जो कि मात्र 35 पैसे प्रति यूनिट (5.83 प्रतिशत) की वृद्धि विगत सात वर्षों में हुई है। वहीं अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में यह दरें कम है।



छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने प्रत्येक वर्ग के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जो पुनरीक्षित विद्युत दरें घोषित की गई हैं उनमें खपत के आधार पर ऊर्जा प्रभार में की गई वृद्धि के बावजूद टैरिफ में लोड फैक्टर पर मिलने वाली छूट के द्वारा 713 करोड़ रुपए की छूट उच्चदाब स्टील उद्योगों को दी जा रही है। यह छूट अन्य किसी भी वर्ग के उपभोक्ता को नहीं मिलती है। नियामक आयोग द्वारा लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट (पॉवर फैक्टर इन्सेन्टिव) को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है।

उल्लेखनीय है कि लोड फैक्टर पर मिलने वाली छूट को अज्ञात कारणों से आश्चर्यजनक रूप से बढ़ाया गया था। इस परिस्थिति में भी छत्तीसगढ़ में उच्चदाब स्टील उद्योगों को विकसित सामाजिक-आर्थिक भौगोलिक अधोसंरचना वाले ताप विद्युत उत्पादक अन्य राज्यों की तुलना में काफी रियायती दरों पर ही विद्युत आपूर्ति की जा रही है। नियामक आयोग ने इस छूट को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दिया है, जो वर्ष 2021-22 के पूर्व 8 प्रतिशत थी इस तरह वर्तमान छूट भी 2 प्रतिशत अधिक ही रखी गई है।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकृत सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से 1 जून 2024 को वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत आपूर्ति की नये दरों की घोषणा की गई है। इसमें उच्चदाब स्टील उद्योगों के प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार में मात्र 25 पैसे (4.10 प्रतिशत) की वृद्धि कर 1 जून 2024 से प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार 6.35 रुपए निर्धारित किया गया है एवं लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है, जो 4 वर्ष पूर्व अचानक, आश्चर्यजनक तथा अज्ञात कारणों से 8 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दी गई थी। नियामक आयोग द्वारा छूट की दर 10 प्रतिशत करने की कार्यवाही इसलिए की गई ताकि अन्य श्रेणी के तथा सामाजिक-आर्थिक रूप से प्राथमिकता वाले विद्युत उपभोक्ताओं पर कम मार पड़े। पूर्व में वर्ष 2021-22 में टैरिफ आदेश जारी करते समय लोड फैक्टर छूट, अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था, जबकि पॉवर कंपनी की ओर से इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था।

आयोग ने विगत वर्षों की वास्तविक खपत को आधार मानते हुए, उच्चदाब स्टील उद्योगों की इस वर्ष की अनुमानित खपत 11,237 मिलियन यूनिट का आकलन किया है। इस खपत के आधार पर ऊर्जा प्रभार में की गई वृद्धि के बावजूद भी टैरिफ में लोड फैक्टर पर मिलने वाले छूट के द्वारा 713 करोड़ रुपए की छूट टैरिफ के माध्यम से स्टील उद्योगों को प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त उच्चतम दाब की अवधि, जो कि प्रतिदिन पहले 6 घंटे थी, उसको भी टैरिफ में 8 घंटे कर दिया गया है, जिसमें स्टील उद्योगों को 80 प्रतिशत ही बिलिंग होगी।

स्टील उद्योगों के टैरिफ का विगत वर्ष 2017-18 से तुलना करते है तो मांग प्रभार में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है। ऊर्जा प्रभार के दर में भी 6 रुपए प्रति यूनिट से बढ़कर 6.35 रुपए प्रति यूनिट की गई है, जो कि मात्र 35 पैसे प्रति यूनिट (5.83 प्रतिशत) की वृद्धि विगत सात वर्षों में हुई है। उदाहरण के लिए, छत्तीसगढ़ में जब यह राशि मात्र 6.35 रुपए है तब महाराष्ट्र में 8.36 रुपए, तेलंगाना में 8.10 रुपए तथा मध्यप्रदेश में 7.15 रुपए है।

छत्तीसगढ़ में विगत वर्षों में एचवी-4 स्टील उद्योग के ऊर्जा प्रभार में हुई वृद्धि इस प्रकार है, जो कि इन वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ी मंहगाई दर की तुलना में बहुत कम है।

वर्ष ऊर्जा प्रभार (रू. प्रति यूनिट)
2017-18 6.00
2018-19 5.85
2019-20 5.85
2020-21 5.85
2021-22 5.95
2022-23 6.10
2023-24 6.10
2024-25 6.35
विश्व आदिवासी दिवस : राजधानी में जनजाति समाज की विशिष्ट विभूतियों को किया जाएगा सम्मानित

रायपुर- हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्व आदिवासी दिवस मनाने की तैयारियां जोरों पर चल रही है. 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजधानी में जनजाति समाज की विशिष्ट विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा.

जनजाति समाज की विभूतियां जिन्होंने शैक्षणिक, सामाजिक, समाज सेवा, सांस्कृतिक, पर्यावरण संरक्षण, ट्राइबल आर्ट, खेल-कूद, कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल की है उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति, अपने नाम, विशिष्ट उपलब्धि, बायोडाटा, मोबाईल नंबर, जिले आदि की विस्तृत जानकारी के साथ कलेक्टर कार्यालय के आदिवासी विकास शाखा कक्ष क्रमांक-40 में 02 अगस्त तक जमा कर सकते हैं.

गरीबों को प्रधानमंत्री आवास दिलाने सरकार प्रतिबद्ध - उप मुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों को आवास दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत दिसम्बर-2023 के पहले हर महीने 1680 के औसत से आवास बनते थे, जबकि जनवरी-2024 से जून-2024 तक राज्य में हर माह 5018 के औसत से 30 हजार 105 आवासों के निर्माण पूर्ण किए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत इस साल जनवरी से जून तक 165 करोड़ 30 लाख रुपए का केन्द्रांश और 94 करोड़ 13 लाख रुपए का राज्यांश स्वीकृत किया गया है। योजना के तहत कुल 358 करोड़ 22 लाख रुपए का भुगतान हितग्राहियों को किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में शहरी क्षेत्रों में आवासों का निर्माण लगातार जारी है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी आवास निर्माण में तेजी आएगी।

धान की अवैध खरीदी के मामले में सहायक समिति प्रबंधक और दो ऑपरेटर निलंबित

रायपुर-     रायगढ़ जिले के खरसिया विकासखंड के बरगढ़ के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के सहायक समिति प्रबंधक शिवकुमार डनसेना, कम्प्यूटर आपरेटर भोलाराम जायसवाल, एवं कम्प्यूटर आपरेटर शेषकुमार जायसवाल को अवैध धान खरीदी की शिकायत सही पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है।

उप आयुक्त सहकारिता चंद्रशेखर जायसवाल ने बताया कि उक्त तीनों के संबंध में यह शिकायत मिली थी कि इन्होंने षड्यंत्र कर अपने परिवार के सदस्यों के नाम फर्जी पंजीयन करने तथा मृत व्यक्तियों के नाम से भूमिहीन व्यक्तियों का फर्जी कृषक पंजीयन कर, फर्जी रूप से धान विक्रय कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई है। इस शिकायत की जांच में मामला सही पाए जाने पर उक्त तीनों कर्मचारियों के निलंबन की कार्रवाई की गई है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकहित के मामले में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री से सवाल पूछा

रायपुर-     SC/ST/OBC के उत्थान के लिए बनी पीएम-दक्ष योजना के संबंध में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री से सवाल पूछे है। जिसपर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने बताया कि, पीएम-दक्ष एक केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम है जिसे वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों , कचरा बीनने वालों सहित सफाई मित्रों आदि जैसे विभिन्न लक्षित समूहों के योग्यता स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

जिससे उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्वरोजगार और कामकाजी-रोजगार दोनों में रोजगार योग्य बनाया जा सके। लक्षित समूह के अधिकांश व्यक्तियों के पास न्यूनतम आर्थिक परिसंपत्ति है; इसलिए, इन लाभवंचित लक्षित समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण/उत्थान के लिए प्रशिक्षण का प्रावधान और उनकी क्षमताओं को बढ़ाना आवश्यक है। स्कीम के अंतर्गत, कोई भी ओबीसी और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवार जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 3.00 लाख रुपये से कम है, प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पात्र हैं, जबकि कचरा बीनने वालों सहित एससी / एसटी, सफाई मित्रों से संबंधित उम्मीदवारों के लिए कोई आय सीमा नहीं है। इस स्कीम में वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक 450 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। वर्ष 2024-25 में पीएम-दक्ष स्कीम के अंतर्गत 130 करोड़ रुपये स्वीकृत है।

छत्तीसगढ़ में साल 2022-23 में CSR मद से करीब 600 करोड़ रुपए के कार्य किए गए

रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कॉरपोरेट कार्य मंत्री से छत्तीसगढ़ समेत देश भर में सीएसआर मद के अंतर्गत विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा उपयोग की गई धनराशि का ब्यौरा मांगा है। जिसपर कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने जानकारी दी है कि, छत्तीसगढ़ में वर्ष 2022-23 में CSR मद से करीब 600 करोड़ रुपए खर्च की गई है। जो की वर्ष 2021 -22 में करीब 300 करोड़ रुपए और 20-21 में 325.53 करोड़ रुपए थी। वहीं देश भर में यह राशि करीब 30 हजार करोड़ रुपए है। जो की 2122 में करीब 26600 करोड़ रुपए और 20-21 में करीब 26210 करोड़ रुपए थी।

देश में इस्पात उत्पादन बढ़ाने और सुधारने के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मांगी जानकारी

इस्पात उत्पादन बढ़ने का सबसे बड़ा फायदा छत्तीसगढ़ होगा, विकास के साथ रोजगार में भी बढ़ोत्तरी होगी

इस्पात उ‌द्योग में अकार्बनीकरण को बढ़ावा देने के सरकार विभिन्न स्तरों पर कर रही कार्य


छत्तीसगढ़ देश का बड़ा इस्पात उत्पादक राज्य है जहां देश का 38 फीसदी स्टील का उत्पादन होता है साथ ही राज्य में देश का कुल 20 फीसदी लौह अयस्क उपलब्ध है। जिस कारण बीएसपी और इस्पात की कई बड़ी कंपनियों के यहां संयंत्र है, जो उत्पाद के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध करा रही हैं। यह कहना है सांसद बृजमोहन अग्रवाल का जिन्होंने देश में इस्पात का उत्पादन बढ़ाने और सुधारने के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी मांगी थी
जिसपर इस्पात राज्य मंत्री ने जानकारी दी है कि, इस्पात उत्पादन में पिछले 5 सालों के वैश्विक रिकॉर्ड के मुताबिक भारत 5.54 फीसदी वार्षिक वृद्धि के साथ विश्व में अग्रणी देश है। सरकार ने देश में विशेष इस्पात के विनिर्माण को बढ़ावा देने और पूंजीगत निवेशों को आकर्षित कर आयात को कम करने के लिए विशेष इस्पात हेतु उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना शुरू की है। जिसके तहत विशेष इस्पात हेतु 29,500 करोड़ रुपए का प्रत्याशित अतिरिक्त निवेश और विशेष इस्पात के लिए लगभग 25 मिलियन टन की अतिरिक्त क्षमता का सृजन अपेक्षित है।

देश में इस्पात के उपयोग, इस्पात की समग्र मांग और इस्पात क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने के लिए रेलवे, रक्षा, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, आवासन, नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, कृषि एवं ग्रामीण विकास क्षेत्रों सहित संभावित उपयोगकर्ताओं के साथ और अधिक सहभागिता के साथ मेक इन इंडिया पहल और प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान पर कार्य कर रहा है। जिसका लाभ छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा। इतना ही नहीं घरेलू स्तर पर उत्पन्न स्क्रैप की उपलब्धता को बढ़ाने हेतु स्टील स्क्रैप पुनर्चक्रण नीति को अधिसूचित करना है। सरकार ‌द्वारा इस्पात उ‌द्योग में अकार्बनीकरण को बढ़ावा देने के सरकार इस्पात क्षेत्र के अकार्बनीकरण हेतु विभिन्न स्तरों पर चर्चा, विचार-विमर्श और सिफारिश करने के लिए उ‌द्योग, शिक्षाविदों, बु‌द्धिजीवियों, एस एंड टी निकायों, विभिन्न मंत्रालयी तथा अन्य हितधारकों को शामिल करते हुए 14 कार्यबलों का गठन किया गया है। इस्पात स्क्रैप पुनर्चक्रण नीति, 2019 इस्पात निर्माण में कोयले की खपत को कम करने के लिए स्वदेशी रूप से उत्पादित स्क्रैप की उपलब्धता को बढ़ाती है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने हरित हाइड्रोजन के उत्पादन तथा उपयोग के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को अधिसूचित किया है। इस्पात क्षेत्र को भी इस मिशन में एक हितधारक बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ई बस सेवा की राज्य स्तरीय स्टेयरिंग समिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर-     मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में प्रधानमंत्री ई बस सेवा योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में समिति द्वारा राज्य के विभिन्न शहरों में सार्वजनिक परिवहन सुविधा के लिए बसों की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान प्रदान की गई।

ज्ञातव्य है कि शहरों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत राज्यों को शहरो के लिए जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है, जिसके संबंध में राज्य स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी (एसएलएससी) की प्रथम बैठक 30 जुलाई 2024 को आयोजित की गई। समिति द्वारा रायपुर हेतु 100 मिडी ई बस, दुर्ग भिलाई हेतु 50 मिडी ई बस, बिलासपुर हेतु 35 मिडी तथा 15 मिनी ई बस और कोरबा हेतु 20 मिडी तथा 20 मिनी ई बसों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव का कार्याेत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया है तथा योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बीटीएम और बस डिपोट सिविल अधोसंरचना हेतु राशि रूपए 70.34 करोड़ रूपए के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये जाने का अनुमोदन किया गया।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की यह योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोड़ने की कोशिश का हिस्सा है। केंद्र सरकार की मंशा है कि यह योजना शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित हो ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले।

ई-बस सेवा से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार तथा पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता एवं आरामदायक सुखद यात्रा प्राप्त होगा। बैठक में परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव बसवराजू एस, विशेष सचिव वित्त शीतल शाश्वत वर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं समिति के सदस्य मौजूद थे।

मनोनीत राज्यपाल रमेन डेका से मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश के विकास पर की चर्चा
रायपुर-    मनोनीत राज्यपाल रमेन डेका से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजभवन में मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने मनोनीत राज्यपाल श्री डेका से प्रदेश के हित से जुड़े विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने मनोनीत राज्यपाल का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया और शॉल भेंटकर सम्मानित किया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द भी उपस्थित थे।
पीएम आवास योजना शहरी की राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर-    मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में स्वीकृत परियोजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत आवास के निर्माण की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई।

मुख्य सचिव ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों को हितग्राहियों को स्वीकृत आवासों का आबंटन करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत क्रियान्वित परियोजनाओं हेतु भारत सरकार के प्रेषित उपयोगिता प्रमाण-पत्र, जीएफआर, एक्शन टेकन रिपोर्ट सहित भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी विभागीय अधिकारियों ने दी।

बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के करीब 156 नगरीय-निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के घटक हितग्राहियों द्वारा स्वयं आवास निर्माण (बीएलसी) के अंतर्गत 937 परियोजनाओं में एक लाख 50 हजार 898 आवास स्वीकृत किए गए है। बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव  बसवराजु एस., विशेष सचिव वित्त शीतल शाश्वत वर्मा सहित नगरीय प्रशासन विभाग के अन्य अधिकारी एवं समिति के सदस्य शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल रामेन डेका पहुंचे रायपुर : CM साय और मंत्रियों ने किया स्वागत

रायपुर- छत्तीसगढ़ के 10वें राज्यपाल रामेन डेका मंगलवार शाम को रायपुर पहुंचे, जहां स्टेट हेंगर में सीएम विष्णुदेव साय और मंत्रियों ने उनका स्वागत किया। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोक नृत्य भी पेश किए गए। राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

राज्यपाल रामेन डेका ने अपने स्वागत समारोह के बाद प्रेस से बात करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हम केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक मजबूत कड़ी का काम करें और विकास की गति को तेज करें। मैं आश्वस्त करता हूं कि मैं छत्तीसगढ़ के विकास के लिए निरंतर काम करूंगा और राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊंगा।”

राज्यपाल ने यह भी कहा कि “छत्तीसगढ़ एक उभरता हुआ राज्य है और विकास की राह पर अग्रसर है। हमारा काम केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय बनाए रखना और विकास की गति को तेज करना है। छत्तीसगढ़ खनिज और संस्कृति के मामले में संपन्न है और असम और छत्तीसगढ़ के बीच संबंधों को भी बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है।”

जब राज्यपाल की भूमिका के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि “मैं अब भाजपा का सदस्य नहीं हूँ। मैंने भाजपा पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और अब एक संवैधानिक पद पर कार्यरत रहूंगा। इसलिए, मुझे संविधान और सरकारी नियमों का पालन करना और उनका मार्गदर्शन करना होगा।”

लंबित आरक्षण मामलों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “आरक्षण पर अभी चर्चा करना जल्दबाजी होगी। वर्तमान में विकास हमारी मुख्य प्राथमिकता होगी।”

इससे पहले, निवर्तमान राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को राजभवन में विदाई दी गई खी। वे आज भुवनेश्वर (ओड़िशा) के लिए रवाना हो गए। इस अवसर पर प्रथम महिला सुप्रभा हरिचंदन भी उपस्थित थीं। राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने राजभवन के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की और आर्शीवाद दिया।

विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि, भगवान जगन्नाथ की कृपा से आप सभी लोग सदैव समृद्ध और सुखी रहे। राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पुष्पवर्षा कर हरिचंदन का स्वागत किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, विधिक सलाहकार भीष्म प्रसाद पांडेय और उपसचिव हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

31 जुलाई को लेंगे शपथ

बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा 31 जुलाई को नए राज्यपाल को शपथ दिलाएंगे। ये कार्यक्रम रायपुर के राजभवन में आयोजित होगा। रमेन डेका का जन्म 1 मार्च 1954 को असम के कामरूप जिले के सुआलकुची में हुआ था। वे असम की मंगलदोई लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर दो बार सांसद रह चुके हैं। वह BJP के संस्थापक सदस्यों में भी हैं। असम बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं।

राहुल गांधी के बयान पर मंत्री ओपी चौधरी का तीखा प्रहार, कहा-

रायपुर-   लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट 2024-25 पर सदन में चर्चा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. राहुल गांधी के भाषण पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कांग्रेस ने पांच दशकों तक देश को “पंजे के चक्रव्यूह” में फंसाए रखा, जिससे युवाओं, किसानों और नारी शक्ति की प्रगति रुकी रही. चौधरी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति का कल्याण हो रहा है, जबकि कांग्रेस केवल “ब्लेम गेम” की राजनीति कर रही है.

मंत्री ओपी चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, पांच दशकों तक देश तो पंजे के चक्र में में फंसा हुआ था. आज गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी शक्ति, ज्ञान का पीएम मोदी के नए-नए योजनाओं के तहत कल्याण हो रहा है तो कांग्रेस ब्लेम गेम की राजनीति पर उतर आई है. उनको जवाब देना चाहिए की पांच दशकों तक उन्होंने क्यों देश की शक्ति, ऊर्जा, युवा, नारी, किसान को रोक करके रखा था. 1971 में गरीबी हटाओ का नारा लगाते रहे लेकिन गरीबी इनसे हटी नहीं. आज पीएम मोदी देश को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए कम कर रहे हैं. तो पंजे के चक्रव्यूह कहने के बजाय आज यह झूठा ब्लेम गेम कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि एक पुरानी परंपरा रही है हलवा सेरेमनी बजट में होती है. कांग्रेस के जमाने से और बरसों से दशकों से यह परंपरा रही है. उसका इस तरह किसी भी एक अच्छे चीज देश की जनता के लिए है तो यह परंपरा रही है. उसकी आलोचना करना बहुत ही गलत है. क्या राहुल गांधी को 1 लाख 48 हजार करोड़ खर्च करके 4 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार के लिए कम करना हलवा नजर आ रहा है. क्या राहुल गांधी को एक करोड़ युवाओं की इंटर्नशिप की व्यवस्था पांच हजार प्रति माह के एडिशल सपोर्ट के साथ करना उनको हलवा नजर आ रहा है ? ग्रीन ग्र हाउस इफेक्ट के कारण जो क्लाइमेट चेंज हो रहा है उससे सामना करने के लिए जो ब्रीड डिवेलप की जा रही है वो राहुल गांधी को क्या हलवा नजर आ रहा है? 11 लाख 11 हजार एक सौ ग्यारह करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने की कोशिश का प्रावधान राहुल गांधी को हलवा नजर आ रहा है? उनको जवाब देना चाहिए.