Veer Gupta

Jul 29 2024, 16:05

लीबिया की बाढ़ के लिए 12 अधिकारी दोषी करार,हुई 27 साल की जेल

लीबिया की एक कोर्ट ने रविवार को 12 मौजूदा और पूर्व अधिकारियों को पिछले साल दो बांधों के टूटने के मामले में 27 साल तक की जेल की सज़ा सुनाई. बता दें कि बांध टूटने से शहर के बीचों-बीच कई मीटर ऊंची पानी की दीवार बन गई और हज़ारों लोग मारे गए थे.

दरअसल डेरना शहर के बाहर दो बांध 11 सितंबर को टूट गए थे, जब वे के कारण डूब गए थे. इस दौरान जिसके कारण पूर्वी लीबिया में भारी बारिश हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि संरचनाओं के टूटने से शहर का एक चौथाई हिस्सा जलमग्न हो गया, जिससे पूरे इलाके नष्ट हो गए और लोग समुद्र में बह गए.

12 अधिकारी दोषी करार

देश के शीर्ष अभियोक्ता के कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, रविवार को डेरना आपराधिक न्यायालय ने 12 वर्तमान और पूर्व अधिकारियों को कुप्रबंधन, लापरवाही और गलतियों के लिए दोषी ठहराया, जिनके कारण यह आपदा हुई. बयान में कहा गया है कि देश के बांधों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार प्रतिवादियों को नौ से 27 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है, लेकिन उनकी पहचान नहीं बताई गई है. बयान में कहा गया है कि तीन प्रतिवादियों को अवैध लाभ से प्राप्त धन वापस करने का आदेश दिया गया है, लेकिन पूरी जानकारी नहीं दी गई है.

हाईकोर्ट में करेंगे अपील

लीबिया की न्यायिक प्रणाली के अनुसार, रविवार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है. तेल से समृद्ध उत्तरी अफ्रीकी राष्ट्र 2011 से अराजकता में है, जब नाटो समर्थित विद्रोह ने गृह युद्ध में लंबे समय तक तानाशाह रहे मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से बेदखल कर दिया था, जिसे बाद में मार दिया गया था. पिछले दशक के अधिकांश समय में, प्रतिद्वंद्वी प्रशासनों ने लीबिया का नेतृत्व करने का अधिकार जताया है. हर एक को सशस्त्र समूहों और विदेशी सरकारों का समर्थन प्राप्त है.

लीबियाई सेना का नियंत्रण

देश का पूर्वी भाग जनरल खलीफा हिफ़्टर और उनकी स्वयंभू लीबियाई राष्ट्रीय सेना के नियंत्रण में है, जो संसद द्वारा अनुमोदित सरकार के साथ संबद्ध है. राजधानी त्रिपोली में एक प्रतिद्वंद्वी प्रशासन स्थित है, जिसे अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का समर्थन प्राप्त है. ये बांध 1970 के दशक में एक यूगोस्लाव निर्माण कंपनी द्वारा वाडी डेरना के ऊपर बनाए गए थे, जो शहर को विभाजित करने वाली नदी घाटी है. इनका उद्देश्य शहर को अचानक आने वाली बाढ़ से बचाना था, जो इस क्षेत्र में असामान्य नहीं है. वैज्ञानिकों द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद कि ये बांध फट सकते हैं, दशकों तक इनका रखरखाव नहीं किया गया.

दोनों बांधों का नहीं किया गया रखरखाव

2021 में एक राज्य संचालित ऑडिट एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि 2012 और 2013 में इस उद्देश्य के लिए 2 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक के आवंटन के बावजूद दोनों बांधों का रखरखाव नहीं किया गया था. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, बांधों से आए पानी के कारण डेरना के एक तिहाई आवास और बुनियादी ढांचे को क्षति पहुंची है.

Veer Gupta

Jul 29 2024, 13:46

मछुआरे के जाल में फंसा 1500 किलोग्राम की व्हेल शार्क,खुली किस्मत

आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में स्थानीय मछुआरे ने 1500 किलोग्राम की ‘बाहुबली’ मछली पकड़ी. यह मछली कोई और नहीं, बल्कि व्हेल शार्क है. जैसे ही मछुआरे के जाल में यह विशालकाय मछली फंसी, वो दंग रह गया. जब उसे दिखा कि यह तो व्लेह शार्क है, वो खुशी से झूम उठा. इस विशालकाय मछली को फिर क्रेन की मदद से गिलकलाडिंडी बंदरगाह के किनारे पर लाया गया. यहां चेन्नई के व्यापारियों ने इसे तुरंत खरीद लिया वो भी मोटी रकम देकर.

, ये व्हेल शार्क (राइनकोडोन टाइपस) एक लुप्तप्राय प्रजाति है जो अपनी धीमी गति और बड़े आकार के लिए जानी जाती है. हर साल 30 अगस्त को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस मनाया जाता है.

व्हेल शार्क एक धीमी गति से चलने वाली फिल्टर-फीडिंग मछली की प्रजाति है. व्हेल शार्क महासागरों के खुले पानी में रहती हैं. गुजरात के समुद्री तट का तापमान उनके अनुकूल है, जिसकी वजह से व्हेल शार्क अंडे देने के लिए गुजरात के तट पर आती हैं. इसके कारण व्हेल शार्क गुजरात की बेटी भी कही जाती है.

व्हेल शार्क अमूमन 40 फीट लंबी होती है. इनका वजन 40 टन तक होता है. इस विशालकाय मछली का सपाट सिर, पीठ पर सफेद, पीले या भूरे रंग का चेकरबोर्ड पैटर्न होता है. वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि व्हेल शार्क लगभग 60-100 साल तक जीवित रह सकती है. व्हेल शार्क दुनिया भर के सभी उष्णकटिबंधीय और गर्म-समशीतोष्ण समुद्रों में पाई जाती हैं. व्हेल शार्क मुख्यतः छोटे जीवों जैसे छोटी मछलियां, झींगे और स्क्विड खाती हैं.

करोड़ों में बिकती है

मछुआरे ने बताया कि आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में काम आने वाली इस व्हेल शार्क मछली को चेन्नई के व्यापारियों ने अच्छे खासे दाम में खरीदा है. इसली उल्टी भी करोड़ों की कीमत में बिकती है. व्हेल की उल्टी का इस्तेमाल परफ्यूम्स बनाने के लिए भी किया जाता है.

Veer Gupta

Jul 29 2024, 10:56

आधार कार्ड की वजह से मां बाप को मिला 10 साल से खोया हुआ दो बेटे

तेलंगाना के एक अनाथालय में 10 साल से रह रहे दो बच्चों को आखिरकार उनके मां बाप मिल गए हैं. इन दोनों बच्चों के मां बाप की तलाश उनके आधार कार्ड की वजह से हो सकी है. दरअसल इन बच्चों का पहले से आधार कार्ड बना था. जब अनाथालय में इनके आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो इसकी जानकारी हुई है.

हैदराबाद के एक अनाथालय में 10 साल से लावारिश हालत में रह रहे दो बच्चों को उनके मां-बाप मिल गए हैं. ये उनके असली-बाप हैं. महज 5 साल की उम्र में यह दोनों बच्चे अपने मां-बाप से बिछड़ गए थे. तब से ये दोनों अनाथालय में रहकर जीवन बसर कर रहे थे. यहां रहने के दौरान अनाथालाय प्रबंधन ने इनके आधार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की तो पता चला कि इन दोनों ना केवल सगे भाई हैं, बल्कि इनके माता-पिता भी हैं.

अनाथालय प्रबंधन के मुताबिक तेलंगाना में पालनाडु के कोट्टप्पाकोंडा में रहने वाले दंपति नागेंद्र और श्रीनु के दो बच्चे राजू और इमैनुएल हैं. ये दोनों ही मानसिक विक्षिप्त हैं. बालों का व्यवसाय करने वाले नागेंद्र के ये दोनों बेटे दस साल पहले एक दिन रोने लगे तो उनकी पत्नी ने पास की दुकान से कुछ खरीद कर खा लेने के लिए पैसे दिए और बाहर भेज दिया, लेकिन यह दोनों बच्चे रास्ता भटक गए. फिर किसी ने इन्हें लावारिश भटकते देखकर अनाथालय पहुंचा दिया.

माता-पिता ने खो दी थी उम्मीद

इधर, अपने बच्चों की तलाश करते थक चुके नागेंद्र और उनकी पत्नी ने अपने कलेजे के टुकड़ों की वापसी की उम्मीद ही खो दी. इसी बीच अनाथालय में रह रहे बच्चों के आधार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की गई. इस दौरान जैसे ही इन दोनों बच्चों की फिंगर प्रिंट स्कैन किया गया, पता चला कि इन दोनों के आधार कार्ड पहले से बने हुए हैं. इस जानकारी के सामने आने के बाद अनाथालय प्रबंधन ने इन बच्चों के पते निकलवाए. इसमें पता चला कि दोनों सगे भाई हैं.

10 साल बाद हुई बच्चों की घर वापसी

इसके बाद आधार दिए गए मोबाइल नंबर के आधार पर अनाथालय प्रबंधन ने इन बच्चों के माता पिता को सूचना दी. बच्चों के पिता ने बताया कि अनाथालय प्रबंधन की सूचना पर एक बार तो उन्हें भरोसा ही नहीं हुआ. बावजूद इसके, उन्होंने कहा कि एक बार अनाथालय जाकर देख लेने में कोई बुराई नहीं है. इसके बाद दोनों पति पत्नी अनाथालय पहुंचे. वहां जैसे ही उनका अपने दोनों बच्चों से आमना सामना हुआ, चारों लोग अवाक रह गए. इसके बाद जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कराने के बाद नागेंद्र अपने बच्चों को लेकर घर लौटे हैं.

Veer Gupta

Jul 28 2024, 18:53

सीकर जिले में नीदरलैंड की कंपनी द्वारा किसानों को घटिया बीज बेचने का आया मामला सामने

सीकर जिले में नीदरलैंड की कंपनी द्वारा किसानों को घटिया बीज बेचने का मामला सामने आया है. घटिया बीज के कारण किसानों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. दातारामगढ़ के किसानों ने सीकर सांसद अमराराम को ज्ञापन सौंपकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई. वहीं खराब बीज के कारण खराब हुई फसल का मुआवजा दिलाने की गुहार भी लगाई है.

सांसद अमराराम को ज्ञापन देने आए दांतारामगढ़ के किसान खेमाराम ने बताया कि वो पोली हाउस लगाकर खीरे की खेती करते हैं. किसान ने बताया कि नीदरलैंड की कंपनी का रिज्क जवान नाम का खीरे का बीज जो बड़ा महंगा आता है वह खरीद कर खीरे की खेती करते हैं. कंपनी की ओर से रोगों से लड़ने की अधिक प्रतिरोधक क्षमता का दावा किया जाता है. पिछले 5-6 साल से इस बीज को किसान लगातार काम भी ले रहे हैं. लेकिन इस बार खराब बीज दे डीओए गए 

सारी फसल बर्बाद हो गई'

वो कहते हैं, इतने सालों तक किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है आई. लेकिन इस बार जयपुर के डीलर की ओर से खराब बीज दिया गया. जिसके चलते किसानों की सारी फसल बर्बाद हो गई और बहुत बड़े नुकसान का सामना भी किसानों को करना पड़ा है.

किसानों ने कहा कि 181 नंबर पर इस बारे में शिकायत भी दर्ज करवाई गई. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके चलते आज सीकर सांसद अमराराम के पास पहुंचे हैं. सांसद ने भी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए संसद में इस मुद्दे को उठाने की बात कही है. किसानों ने कहा कि अगर फिर भी हमारी समस्या का निदान नहीं किया तो हमारे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई और उपाय नहीं है. क्योंकि हमारे ऊपर बैंक का कर्ज भी है जिसे हम नहीं चुका पा रहे. इसके साथ ही खेती में काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी भी देना मुश्किल हो गई है. इसलिए सरकार फसल खराबे का मुआवजा दिलवाए.

सांसद अमराराम ने उठाई कार्रवाई की मांग 

सीकर सांसद अमराराम ने मामले को लेकर कहा नीदरलैंड की एक कंपनी ने 1 करोड से ज्यादा का खीरे का बीज जिले के किसानों को दिया था. खराब बीज के कारण किसानों की करोड़ों की फसल भी नष्ट हुई है. दांतारामगढ़ में नेट हाउस से खीरे की फसल करने वाले किसानों को भी खराब बीज दिया गया और जिस तरह से खराब बीज देकर किसानों को तबाह करने का काम किया गया है ऐसी कंपनी के खिलाफ कृषि विभाग जांच करें.

Veer Gupta
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Jul 28 2024, 15:28

बढ़ता ही जा रहा है स्कैमर्स का आतंक,आया एक नया स्कैम ( TRAI)

साइबर क्रिमिनल्स नए-नए हथकंड़ों का इस्तेमाल कर मासूम लोगों को ठगी का शिकार बनाते रहते हैं. अब साइबर ठगों ने फ्रॉड का एक नया तरीका ढूंढ़ा है, जिसमें एक शख्स को TRAI के नाम पर ठग लिया गया. शख्स से कहा गया कि उसका मोबाइल नंबर बंद होने वाला है और मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का झांसा देकर उससे करीब 90 लाख रुपये की ठगी की गई. 

पूरा मामला?

दरअसल, यह पूरा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर का है, जहां दिनेश कुमार नाम के व्यवसायी के पास कॉल आता है. कॉल करने वाला शख्स खुद को TRAI का अधिकारी बताता है. अधिकारी बताने वाला शख्स दिनेश को कहता है कि आपके नंबर से एक दूसरा सिम जारी किया गया है, जिसके बाद थाने का नंबर बताकर एक मोबाइल पर कॉल ट्रांसफर किया गया.

कैसे जाल में फंसा रहे स्कैमर्स

शख्स के पास वीडियो कॉल आती है, जिसमें बताया गया कि आपके आधार कार्ड से केनरा बैंक में अकाउंट खोला गया है और इसमें अवैध लेन-देन किया गया है. इस संबंध में आपको तिलक नगर थाने में मौजूद होना होगा. इसके साथ ही शख्स के पास एक लिंक भी भेजा गया जिसे खोलने के बाद SEBI, ED और CBI के दिशा-निर्देश की एक PDF कॉपी और मनी लॉन्ड्रिंग केस का एक डॉक्यूमेंट मिला. इस तरह दिनेश से 89 लाख 90 हजार रुपये ठग लिए गए. 

अब ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि इस तरह के स्कैम से कैसे बचा जा सकता है. आपके लिए यह जरूरी है कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें. इसके साथ ही किसी धमकी भरी कॉल के आने पर धैर्य से काम लें. स्कैमर्स मासूम लोगों को फंसाने के लिए कई तरह के हथकंडे इस्तेमाल करते हैं. इस तरह आपको स्मार्ट तरीके से काम लेना होगा. 

Veer Gupta

Jul 28 2024, 12:20

फुटबॉल मैच के दौरान इजराइल पर किया रॉकेट हमला,12 लोगों की मौत,30 से ज्यादा लोगों घायल

इजराइल के शहर गोलान ड्रूज शनिवार को हिजबुल्लाह के किए गए हमले से दहल उठा, शनिवार को हुए इस हमले में 12 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें से ज्यादा बच्चे हैं, जिनकी उम्र 10 से 20 साल है और लगभग 30 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर आई है. इजराइल और हमास की जंग शुरू होने के बाद से इजराइल पर ये अब तक का सबसे घातक हमला रहा है, हालांकि हिजबुल्लाह ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है.

इजराइल-हमास की जंग को 10 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इस जंग के खत्म होने का कोई आसार नजर नहीं आ रहे है, बल्कि अब मिडिल ईस्ट में एक और जंग शुरू होने का अंदाजा लगाया जा रहा है, क्योंकि हमास को समर्थन देने वाला लेबनान का हिजबुल्लाह समूह और इजराइल के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है. इजराइल डिफेंस फोर्स के मुताबिक, हिजबुल्लाह ने शनिवार को गोलान हाइट्स के उत्तरी शहर ड्रूज के मजदल शम्स में एक फुटबॉल मैच के दौरान रॉकेट से हवाई हमला किया. पिछले साल अक्टूबर से जारी इजराइल-हमास के युद्ध में हिजबुल्लाह इजराइल पर अटैक करता रहता है, लेकिन ये हवाई हमला अब तक का सबसे घातक हमला था. हमले के समय इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका में थे.

हिजबुल्लाह ने इजराइल पर एक साथ तीन हमले किए जो कि गोलान हाइट्स में IDF के बेस, किर्यत शिमोना में बेत हिलेल बेस और फुटबॉल मैच में हमला हुआ. वहां पर मौजूद लोगों ने बताया कि फील्ड पर खतरे का अलर्ट सायरन बजाया गया था, लेकिन समय इतना कम था कि लोग भागने में असमर्थ थे. जानकारी के मुताबिक, जिस वक्त फील्ड पर हमला हुआ उस वक्त वहां 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे. इजराइल पर ये हमला दक्षिणी लेबनान पर इजराइली हवाई हमले में हिजबुल्लाह समूह के तीन सदस्यों के मारे जाने के कुछ घंटों के बाद हुआ, जिसके बाद से इजराइल ने इस हमले की पूरी जिम्मेदारी हिजबुल्लाह को दी है, लेकिन हिजबुल्लाह ने इस हमले की जिम्मेदारी को लेने से इनकार कर दिया है, उन्होंने कहा है कि इजराइल पर हुए इस हमले से हिजबुल्लाह समूह का कोई लेना-देना नहीं है.

इस हमले के बाद से इजराइल और लेबनानी आतंकी समूह में तनाव नए सिरे से बढ़ना शुरू हो गया है, जिससे युद्ध की आशंका पैदा हो गई है. अन्य देशों के राजनीतिक नेताओं ने इस हमले पर अपना गुस्सा जताया है और हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

हमले के बाद से नए जंग की पैदा हो रही आशंका

अमेरिका के बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने इस हमले के बाद एक और युद्ध के शुरू होने की आशंका जताते हुए कहा है कि शनिवार को किए गए इस हमले से जिस युद्ध को 10 महीने से टाले जाने की कोशिश कर रहे थे अब इस हमले से वह ट्रिगर हो सकता है. फुटबॉल फील्ड पर हुए हमले के बाद की तस्वीरें और वीडियोज वायरल होने लगे, जिसमें देखा गया कि कैसे हमले के बाद बच्चों के माता-पिता उन्हें ढूंढने के लिए इधर-उधर भागते देखे गए. घटनास्थल के आस-पास के अस्पतालों में 

अधिकारियों से मिली जानकारी में बताया गया कि घटनास्थल पर ही 10 लोगों की मौत हो गई थी और 2 लोगों की मौत अस्पताल में हो गई. हिजबुल्लाह ने इस घटना की जिम्मेदारी से इनकार किया है, जबकि आईडीएफ ने कहा है कि यह रॉकेट लेबनान के चेबा गांव से लॉन्च किया गया था.

फलर-1 से हुआ हमला, केवल हिजबुल्लाह करता है इस्तेमाल

आईडीएफ के अधिकारी ने बताया कि इस हमले में जिस रॉकेट से हमला किया गया वो ईरान की निर्मित फलर-1 था, जिसमें 50 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक लगे हुए हैं. इस रॉकेट का इस्तेमाल केवल हिजबुल्लाह समूह ही करता है. आईडीएफ के स्पोकपर्सन कर्नल अविचाय अर्देई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह हमला चेबा के रॉकेट लॉन्च साइट के कमांडर अली मुहम्मद याह्या की निर्देशन में किया गया. आईडीएफ के स्पोकपर्सन रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि हिजबुल्लाह इस हमले से भले ही इनकार कर रहा हो, लेकिन इसकी जिम्मेदारी उसी को जाती है और अब इस घटना को लेकर कार्रवाई की जाएगी.

7 अक्टूबर के बाद से हिजबुल्लाह लगभग रोज ही हमास के समर्थन में इजराइल पर हमला कर रहा है. हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच इस झड़प में इजराइल के 24 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें से 18 आईडीएफ और रिजर्व सैनिक मारे गए और हिजबुल्लाह के 381 सदस्यों की मौत हो गई है.

Veer Gupta

Jul 28 2024, 10:39

कांवड़ यात्रा नेम प्लेट विवाद को लेकर फिर भड़के असदुद्दीन ओवैसी

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर बनाए गए नेम प्लेट नियम को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है लेकिन राजनीतिक बयानबाजी अभी भी जारी है. इसी क्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लेते हुए उनकी तुलना हिटलर से कर दी.

पार्टी की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “कई मुसलमानों को नौकरी से निकाल दिया गया और उनके कहा गया कि 5 अगस्त के बाद आना. ये तो हमारे मुल्क के आईन के खिलाफ है. इस बात की इजाजत नहीं मिलती है कि किसी के साथ मजहब के नाम पर नाइंसाफी की जाए. हमारे देश का कानून कहता है कि सब बराबर हैं, कोई बड़ा छोटा नहीं है. उत्तर प्रदेश की सरकार ने जो कानून बनाया उससे मुझे हिटलर की याद आ गई.”

योगी सरकार का फैसला दिलाता हिटलर की याद

उन्होंने आगे कहा, “1930 में जर्मनी के अंदर हिटलर को याद करते हैं तो हिटलर ने यहूदियों से कहा था कि आप अपने दाएं हाथ के ऊपर स्टार ऑफ डेविड यानि जो निशान है उसका पट्टा बांधना पड़ेगा. इसके बाद हिटलर ने कहा कि यहूदियों से कोई सामान नहीं खरीदेगा, उनका बायकॉट होगा. ये जो फैसला उत्तर प्रदेश की योगी हुकूमत ने लिया वो हिटलर के फैसले की याद को ताजा करता है. सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर रोक लगा दी है

इसके अलावा, असदुद्दीन ओवैसी ने मध्य प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा, “जहां कही भी बीजेपी है वहां पर मुसलमानों के साथ भेदभाव है. मध्य प्रदेश में 11 से ज्यादा मुसलमानों के घरों को बुलडोजर से गिरा दिया गया. 4 जून को नतीजे आए उसके बाद 14 से 15 मुसलमानों की मौत मॉब लिंचिंग में हुई. इसी तरह हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, वहां पर एक मुसलमान को लेकर अफवाह उड़ाई गई कि उसने गाय की कुर्बानी दी जबकि उसने बकरीद पर भैसे की कुर्बानी दी थी

Veer Gupta

Jul 27 2024, 21:19

ओलंपिक पर अनुपम खेर के पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल, आखिर क्या है पूरा मामला जाने

बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर आज सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं, जिसकी वजह उन्हीं का एक पोस्ट है. एक्टर ने आज सुबह अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से एक ऐसा वीडियो शेयर किया है, जिसकी वजह से उन्हें काफी ट्रोल किया जा रहा है. खेर का यह पोस्ट ओलंपिक से जुड़ा हुआ है, जिसे देखने के बाद यूजर्स पोस्ट को डिलीट करने की मांग कर रहे हैं. दरअसल, 26 जुलाई को ओलंपिक सेरेमनी हुई थी, जिसके बाद आज शनिवार से पेरिस ओलंपिक की शुरुआत हो गई है. ओलंपिक के पहले दिन ही अनुपम खेर के पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल शुरू हो गया है.

ट्रोल हुए अनुपम खेर

अनुपम खेर ने अपने एक्स हैंडल से एक रिले रेस का वीडियो शेयर किया है और कैप्शन में भारत को फाइनल में जाने की बधाई दी है. एक्टर ने इसके साथ ओलंपिक गेम्स टैग का भी इस्तेमाल किया है. हालांकि, आज पेरिस ओलंपिक का पहला दिन है, जिस गेम में भारत के जीतने का दावा किया जा रहा है, उसका आयोजन 9 अगस्त को होगा और फाइनल 10 अगस्त को होने वाला है. कई यूजर्स एक्टर के पोस्ट पर भड़क गए और तुरंत डिलीट करने की मांग करने लगे. ट्रोलिंग पर रिएक्ट करते हुए अनुपम खेर ने लिखा, "पुराना है तो क्या हुआ, विश फुल थिंकिंग इसी को तो कहते हैं."

वीडियो है पुराना

एक्टर के द्वारा पोस्ट किया गया रिले रेस का वीडियो असल में पिछले साल का है. पिछले साल 2023 में हंगरी के बुडापेस्ट में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स आयोजित किया गया था, जिसमें अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल, मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश सहित चार लोगों की भारतीय टीम ने 2:59.05 सेकेंड के रिकॉर्ड समय में रेस फिनिश कर पहली बार फाइनल में जगह बनाया था.

Veer Gupta

Jul 27 2024, 20:40

चौंकाने वाला खुलासा,पिता ऋषि कपूर के निधन पर नहीं रोए थे रणबीर

रणबीर कपूर बॉलीवुड के सबसे बड़े और चर्चित खानदान 'कपूर खानदान' से ताल्लुक रखते हैं और ऋषि कपूर-नीतू कपूर के बेटे हैं। हालांक, इंडस्ट्री के सबसे बड़े परिवार से होने के बाद भी दर्शकों का दिल जीतने में उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी। पिछले दिनों रणबीर कपूर अपनी फिल्म 'एनिमल' को लेकर सुर्खियों में थे, जिसने दुनियाभर में ताबड़तोड़ कमाई की, लेकिन इसके बाद भी उन्हें खूब ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा। अपने किरदार को लेकर उन्हें काफी खरी-खोटी भी सुननी पड़ी।

पिछले दिनों रणबीर कपूर अपनी फिल्म 'एनिमल' को लेकर सुर्खियों में थे, जिसने दुनियाभर में ताबड़तोड़ कमाई की, लेकिन इसके बाद भी उन्हें खूब ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा। अपने किरदार को लेकर उन्हें काफी खरी-खोटी भी सुननी पड़ी। रणबीर ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। वह जितना अपनी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहते हैं उतने ही अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं। हालांकि, ये बात और है कि वह खुद अपनी निजी जिंदगी के बारे में कम ही बात करते देखे गए हैं।

अब हाल ही में निखिल कामथ के पॉडकास्ट में बात करते हुए रणबीर कपूर ने अपनी पर्सनल लाइफ पर काफी खुलकर बात की। उन्होंने पत्नी आलिया भट्ट संग अपनी खुशहाल जिंदगी के राज से लेकर उस रात के बारे में भी बात की जब उनके पिता ऋषि कपूर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। रणबीर ने याद किया कि कैसे 'दूरी' वाले सालों के रिश्ते के बाद वह 'करीब' आए थे। उन्होंने उस दिन को याद किया, जब उन्हें बताया गया था कि ऋषि कपूर किसी भी वक्त इस दुनिया को अलविदा कह सकते हैं।

मैंने बहुत जल्दी रोना बंद कर दिया थाः रणबीर कपूर

रणबीर ने इस दौरान ये भी बताया कि जब उनके पिता का निधन हुआ, वह बिलकुल नहीं रोए थे। उन्होंने ऐसा क्यों किया, इसके पीछे की वजह का भी खुलासा रणबीर ने खुद ही किया। रणबीर कहते हैं- 'मैंने बहुत जल्दी ही रोना बंद कर दिया था। जब पापा का निधन हुआ, तब भी मैं नहीं रोया था। जब मैं अस्पताल में था, डॉक्टर्स ने मुझसे कहा कि ये उनकी आखिरी रात हो सकती है, वह कभी भी हमेशा के लिए चले जाएंगे।

मुझे याद है, ये जानने के बाद मैं कमरे में गया और मुझे पैनिक अटैक आ गया। मुझे नहीं पता था कि मैं इस दर्द को कैसे एक्सप्रेस करूं। बहुत कुछ ऐसा हो रहा था, जो मैं हैंडल नहीं कर पा रहा था। लेकन, मुझे नहीं लगता कि मैं उनके जाने का शोक भी मना पाया।

मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी कि हमारे बीच की दूरी मिटा सकूंः रणबीर

रणबीर आगे कहते हैं- 'जब उनका इलाज चल रहा था, हमने न्यूयॉर्क में एक साल साथ बिताया था। मैं वहां उनके साथ था,तभी एक दिन अचानक वह रोने लगे। वह मेरे सामने इस तरह कभी कमजोर नहीं पड़े थे। ये मेरे लिए बहुत ही अजीब था, क्योंकि मुझे नहीं पता था कि उन्हें कैसे संभालूं। उन्हें समझाऊं या गले लगाऊं। मुझे वास्तव में कुछ एहसास हुआ, हमारे बीच दूरी का एहसास। मुझे आज भी इस बात का गिल्ट है कि मेरे पास इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं हमारे बीच की दूरी को मिटा सकूं। उन्हें गले लगा सकूं या उन्हें थोड़ा प्यार दे सकूं।'

मैंने कभी कमजोरी नहीं दिखाईः रणबीर कपूर

रणबीर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- 'हर इंसान की परवरिश एक खास तरह से होती है। जहां आपसे ये कहा जाता है कि अब आप एक जिम्मेदार इंसान बन गए हैं, तो फिर दिमाग में तरह-तरह की चीजें घूमने लगती हैं। मेरे पास आज मां, बहन, पत्नी और एक बेटी है। पिता का निधन भी हो चुका है। अब इतनी सारी जिम्मेदारियों के बीच क्या मैं खुद को कमजोर कर सकता हूं? मुझे इन सबका नहीं पता, लेकिन मैंने कभी कमजोरी नहीं दिखाई।'