बस्तर विश्वविद्यालय अध्ययन शाला के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 31 जुलाई तक मिलेगा प्रवेश

रायपुर-   शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर (जगदलपुर) द्वारा पहली बार अपने विश्वविद्यालय के अध्ययन शाला में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से बीए, बीएससी, बीकॉम सहित एमए, एमएसी एवं एमकॉम में सीधे प्रवेश की सुविधा प्रदान किया जा रहा है। प्रवेश के इच्छुक छात्र-छात्राएं न्यूनतम 975 रुपए शुल्क में ग्रेजुएशन और 3650 रुपये के शुल्क में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। कोई भी छात्र-छात्रा सीधे विश्वविद्यालय आकर 31 जुलाई 2024 तक प्रवेश ले सकते हैं। प्रवेश से संबंधित समस्त जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://smkvbastar.ac.in पर देखी जा सकती है।

बस्तर अंचल के अंदरूनी ईलाके के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से अलग-अलग छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही छात्र-छात्राओं की अध्ययन के प्रति रूझान को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए 24×7 लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध है। प्रवेश सम्बन्धी अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 87122-27321, 87122-29289 अथवा ई-मेल पर सम्पर्क कर सकते हैं।

ज्ञातव्य है कि राज्य शासन द्वारा शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर को 20 नवीन शिक्षण विभागों में 33 नवीन स्नात्तक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई है। साथ ही भारत सरकार द्वारा बस्तर विश्वविद्यालय को पीएम उषा बहुविषयी शिक्षा एवं शोध योजनांतर्गत अनुदान भी स्वीकृत किया गया है। उक्त प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विश्विद्यालय को बहुविषयक शिक्षा आधारित पाठ्यक्रमों का संचालन एवं सभी अध्ययनशाला में महत्वपूर्ण विषयों पर शोध को भी प्रारंभ किया गया है।

बस्तर यूनिवर्सिटी पीएम उषा विश्वविद्यालय होने के कारण सम्पूर्ण बस्तर अंचल के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य वर्ग के युवाओं को अपने अध्ययनशाला में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने एवं युवाओं के रुचिकर व्यवसाय एवं रोजगार चुनने का अवसर प्रदान करना चाहता है। लेकिन वर्तमान में बस्तर क्षेत्र की उच्च शिक्षा में ग्रास इनरोलमेंट रेशियो (जीईआर) लगभग 11 प्रतिशत है, जो कि बहुत कम है। इसे मद्देनजर रखते हुए नवपदस्थ कमिश्नर बस्तर संभाग डोमन सिंह ने बस्तर विश्वविद्यालय के उक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु सभी शासकीय एवं गैर शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूलों में सत्र 2023-24 के तहत कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में कक्षा बारहवी उत्तीर्ण करने वाले समस्त छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय अध्ययनशाला में प्रवेश हेतु मार्गदर्शन कर उच्च शिक्षा हासिल करने हेतु प्रोत्साहित किये जाने के निर्देश सयुंक्त संचालक स्कूल शिक्षा और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं। साथ ही बस्तर संभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय एवं गैर शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के समस्त प्राचार्यों के माध्यम से इस दिशा में अंदरूनी ईलाके के विद्यालयों से उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने हेतु प्राथमिकता के साथ अभिप्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।

वित्त विभाग के 2 अफसरों का तबादला
रायपुर- राज्य सरकार ने वित्त सेवा के दो अफसरों का तबादला किया है। संयुक्त संचार और उप संचालक का तबादला किया गया है।
रायपुर परिसीमन; 2 वार्ड खत्म कर दूसरे में मर्ज, 70 वार्डों की बदली तस्वीर

रायपुर-   नगरीय निकाय चुनाव से नगर निगम रायपुर का परिसीमन हो गया है। परिसीमन के बाद ज्यादातर वार्डों के नंबर और तस्वीर बदल गई है। परिसीमन से 2 वार्ड तो पूरी तरह से अलग-अलग वार्डों में मर्ज हो गए। हालांकि रायपुर में कुल वार्डों की संख्या 70 ही है।

बाकी वार्डों में भी परिसीमन का खासा असर पड़ा है। किसी वार्ड में नए इलाके शामिल हुए तो किसी इलाके से कई हिस्से कम हो गए। शहर के आउटर एरिया को मिलाकर 2 नए वार्ड बनाए गए है। मोवा,सड्डू,आमा सिवनी वाले क्षेत्र को मिलाकर एक नया वार्ड बनाया गया है।

ये वार्ड विलोपित हुआ

पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड जहां से MIC सदस्य आकाश तिवारी पार्षद है उस वार्ड को विलोपित कर दिया गया है। इसे आस-पास के वार्ड में मर्ज कर दिया गया है। 2011 जनगणना को आधार बनाते हुए यह परिसीमन किया गया है। इसमें प्रत्येक वार्डों की जनसंख्या 12 हजार से 16 हजार के बीच है। वार्डों का भूगोल बदलने से एक वार्ड के मतदाता दूसरे वार्ड में शिफ्ट हो गए हैं, जिससे पार्षदों की चिंता भी बढ़ गई है।

एक सप्ताह में दावा आपत्ति

परिसीमन के पहले प्रकाशन के साथ ही सात दिन के भीतर दावा-आपत्ति मंगवाई है। नगर निगम मुख्यालय के चौथे फ्लोर में कमरा नंबर- 502 में इसे चस्पा किया गया है। कोई भी व्यक्ति वार्डों के नए सीमा निर्धारण के इस प्रस्ताव को समझकर दावा-आपत्ति पेश कर सकता है।

वार्ड क्रमांड- 51 अब पंडित रवि शंकर शुक्ला वार्ड

रायपुर नगर निगम ने वार्ड क्रमांक 35 जिसका नाम पूर्व में रविशंकर शुक्ल था उसे विलोपित कर दिया। अब वार्ड क्रमांक 51 को इसी नाम से रखा गया है। इस वार्ड में ऐश्वर्या अंपायर छोकरा नाला के पीछे से होते हुए विशाखापट्टनम रेलवे लाइन अमायरा कॉलोनी, सिल्वर स्प्रिंग से पीछे एक्सप्रेस-वे मिलन बिंदु छोकरा नाला होते हुए गौरव गार्डन VIP रोड और VIP रोड चौक करंसी टावर का क्षेत्र होगा।

बस्तर अंचल की महिला कृषक को जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए मिला लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार

रायपुर-  नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 20 से 22 जुलाई तक सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय कृषि एवं उद्यानिकी पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मेले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बस्तर अंचल के महिला कृषक को लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वहीं उद्यानिकी के क्षेत्र में नवाचार तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले छत्तीसगढ़ के पांच कृषकों को भी सम्मानित किया गया है। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने उद्यानिकी के क्षेत्र में वनांचल क्षेत्रों सहित प्रदेश के किसानों को अंतर्राष्ट्रीय मेले में अवार्ड मिलने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि बस्तर के सुदूर अंचल के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 1000 महिला कृषकों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देने एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली महिला कृषक वेदेश्वरी (बिंदु) शर्मा को उक्त एक्पो में लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बस्तर की जैविक महिला की पदवी प्राप्त श्रीमती शर्मा के मार्गदर्शन में जिला-कोंडागांव के ग्राम कोकोड़ी एवं आस पास के गांवों के 1000 महिला कृषक, जैविक खेती अपनाकर विगत 6 वर्षों से अधिक आमदनी अर्जित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 5 एकड़ खेत में श्रीमती शर्मा द्वारा पूर्ण जैविक खेती ली जा रही है, इनके कठिन परिश्रम के परिणामस्वरूप इन्हें राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कारों से पहले भी सम्मानित किया जा चुका है।

जिला-बिलासपुर के ग्राम मल्हार के कृषक यदुनंदन प्रसाद वर्मा को विगत 5-6 वर्षों से 2.5 एकड क्षेत्र में केला, सब्जी आदि की जैविक खेती करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। जिरेनियम की खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एवं राज्य में इसकी खेती को बढावा देने वाले जयराम नगर जिला-बिलासपुर के कृषक लोकेश बालकृष्ण पताडे को तकनीकी नवाचार के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। जय किसान नर्सरी, ग्राम बम्हनी चारपारा, जिला राजनांदगांव के कृषक जसवंत कुमार साहू के कुशल मार्गदर्शन एवं अथक प्रयासों से ग्राफ्टेड सब्जी पौध तैयार करने तथा उद्यानिकी के क्षेत्र में नवाचार करने हेतु प्रशस्ति पत्र से नवाज़ा गया। पुष्प की खेती में अपना नाम रोशन करने वाली महिला कृषक अंकिता वर्मा, जिला-रायपुर को ग्रीन हाउस में गुलाब के फूलों की उत्कृष्ट खेती हेतु प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

गौरतलब है कि 3 दिवसीय एक्सपो में छत्तीसगढ़ उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी द्वारा स्टॉल लगाकर पुष्प, फल, सब्जी आदि की प्रदर्शनी लगाई गयी तथा विभागीय योजनाओं, गतिविधियों एवं प्रगतिशील कृषकों की सफलता की कहानी को बैनर के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था। साथ ही मशरूम के उत्पाद, प्रसंस्करण उत्पाद, महुआ तथा जामुन का जूस आदि भी स्टाल में प्रदर्शनी एवं विक्रय हेतु रखा गया था। स्टाल में मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा जरेनियम की खेती, पॉली हाउस में आर्किड की खेती, ग्राफ्टेड बैंगन की खेती, ड्रैगन फ्रूट, कालीमिर्च एवं चाय की खेती की विस्तृत जानकारी के साथ लगे डिस्प्ले जिसे पढने और उसकी अधिक जानकारी प्राप्त करने विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहा। प्रदर्शनी में आये विशेष अतिथियों एवं अधिकारियों द्वारा भी छत्तीसगढ़ उद्यानिकी के स्टाल में लगाई गयी उत्कृष्ट प्रदर्शनी की प्रशंसा की गयी एवं ‘‘प्रमोशन ऑफ़ बेस्ट हॉर्टिकल्चर एंड फार्म फॉरेस्ट्री प्रैक्टिसेज‘‘ के केटेगरी में भी अवार्ड से सम्मानित किया गया।

बस्तर के हरा सोना संग्राहकों को बैंक मित्र एवं बैंक सखियों से सीधे मिल रही पारिश्रमिक राशि

रायपुर-   बस्तर अंचल में तेंदूपत्ता को हरा सोना माना जाता है, जो वनांचल के संग्राहकों की अतिरिक्त आय का मुख्य जरिया है। गर्मी के दिनों में जब ग्रामीणों के पास न तो खेतों में काम होता है और न ही घर में कुछ काम, तब इसी तेंदूपत्ता यानी हरा सोना का संग्रहण उन्हें मेहनत एवं संग्रहण के आधार पर भरपूर पारिश्रमिक देता है। वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के लिये तेंदूपत्ता के प्रति मानक बोरा की दर में हुई वृद्धि भी खुशियां जगा दी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा राशि 5500 रुपए किए जाने के बाद संग्राहकों में अपार खुशी है। वहीं तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि स्थानीय स्तर पर बैंक सखियों के माध्यम से भुगतान होने के फलस्वरूप विशेषकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के संग्राहकों को बहुत सहूलियत हो रही है। इसे मद्देनजर रखते हुए बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. के मार्गदर्शन में जिले के अंदरूनी इलाके के संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान बैंक मित्र और बैंक सखियों के माध्यम से किया जा रहा है। तेंदूपत्ता सीजन 2024 में संग्रहित तेंदूपत्ता का 36 हजार 229 संग्राहकों को 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए पारिश्रमिक राशि अपने गांव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों द्वारा की जा रही है।

लोहण्डीगुड़ा विकासखंड के दूरस्थ ग्राम कुथर के तेंदूपत्ता संग्राहक आयतू और बैसू तेंदूपत्ता संग्रहण कर उसे समिति में बेचने का कार्य वर्षों से कर रहे हैं। एक सीजन में तीन से पांच से आठ हजार रूपए तक कमाई करने वाले इन संग्राहकों का कहना है कि वे सुबह से शाम तक पत्ते तोड़कर उसे गड्डी तैयार करते हैं, फिर फड़ में ले जाकर विक्रय करते हैं। उनका अधिकांश समय वन में ही गुजरता है। मुख्यमंत्री द्वारा 04 हजार रूपए प्रति मानक बोरा राशि की दर को 05 हजार 500 रूपए किए जाने पर खुशी जताते हुए बैसू ने कहा कि इससे उसके जैसे अनेक संग्राहकों को अच्छा लाभ मिला है।

दरभा ब्लॉक के ग्राम पखनार की रहने वाली संग्राहक मासे मंडावी एवं सुकली मंडावी का कहना है कि वह कई साल से तेंदूपत्ता तोड़ने का कार्य कर रही है। संग्राहकों के हित में 4000 की राशि 5500 रूपए प्रति मानक बोरा होने पर गरीब संग्राहकों को इससे फायदा होने की बात कही। बकावंड ब्लॉक के डिमरापाल निवासी सुकरी नेताम ने बताया कि वह खेती-किसानी के साथ-साथ तेंदूपत्ता संग्रहण का काम कई वर्षों से कर रही हैं। गांव में तेंदूपत्ता संग्रहण से गर्मी के दिनों में कुछ कमाई हो जाती है। एक-एक पत्तों को तोड़कर बण्डल बनाने में मेहनत लगता है। शासन ने संग्राहकों के परिश्रम का महत्व को समझते हुए राशि बढ़ाई है जो सराहनीय है।

इन ग्रामीण संग्राहकों ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा दर 4000 रुपए से बढ़ाकर 05 हजार 500 रूपये किए जाने से संग्राहकों को राहत मिल रही है। बकावंड डिमरापाल के संग्राहक सैयतो यादव ने बताया कि गांव के पास ही मरहान और जंगल है। आसपास के क्षेत्र में तेंदूपत्ता संग्रहण आसानी से हो जाता है। तेंदूपत्ता संग्रहन से राशि मिलती है तो घर-परिवार की जरूरतें होती है। यह ग्रामीण संग्राहकों के लिए अतिरिक्त आमदनी का मुख्य जरिया है। इस प्रकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा दर में वृद्धि से जिले के वनांचल में रहने वाले सभी तेंदूपत्ता संग्राहकों को सुखद अनुभूति हुई है।

बैंक मित्र पखनार रामो कुंजाम ने बताया कि वह ईलाके के 05 ग्राम पंचायतों के 250 से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान कर चुके हैं। वहीं लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के कस्तूरपाल के बैंक मित्र सामू कश्यप ने 50 से अधिक संग्राहकों तथा बस्तर विकासखण्ड के भानपुरी की बैंक सखी जमुना ठाकुर ने 56 से ज्यादा संग्राहकों को भुगतान किया है। वहीं बकावंड ब्लॉक के डिमरापाल की बैंक सखी तुलेश्वरी पटेल अब तक डिमरापाल एवं छिंदगांव के 90 से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान कर चुकी हैं।

जिले के 15 समितियों के तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक सखियों ने किया भुगतान

वनमंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक जिला सहकारी यूनियन जगदलपुर उत्तम गुप्ता ने बताया कि जिले के सभी 07 विकासखण्डों के अंतर्गत 15 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के कुल 36 हजार 229 संग्राहकों को 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए पारिश्रमिक राशि अपने गांव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों से भुगतान किया जा रहा है। जिसके तहत लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के 13 ग्राम पंचायतों के 1947 संग्राहकों को 79 लाख 47 हजार 665 रुपए, तोकापाल विकासखण्ड के एक ग्राम पंचायत के 76 संग्राहकों को 03 लाख 36 हजार 193 रुपए,बास्तानार ब्लॉक के 22 ग्राम पंचायतों के 1831 संग्राहकों को 79 लाख 69 हजार 995 रुपए,बस्तर विकासखण्ड के 65 ग्राम पंचायतों के 10 हजार 78 संग्राहकों को 02 करोड़ 68 लाख 72 हजार 736 रुपए, दरभा ब्लॉक के 21 ग्राम पंचायतों के 1782 संग्राहकों को एक करोड़ 37 लाख 71 हजार 934 रुपए तथा बकावंड विकासखण्ड के 86 ग्राम पंचायतों के 16 हजार 510 संग्राहकों को 05 करोड़ 45 लाख 47 हजार 614 रुपए पारिश्रमिक राशि का भुगतान स्थानीय बैंक सखियों द्वारा किया जा रहा है। जिससे जहां ग्रामीण संग्राहकों को भुगतान प्राप्त करने में सुविधा हुई, वहीं इन बैंक सखियों को भी अच्छी कमीशन राशि मिली।

GAD ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर नया निर्देश किया जारी, सभी विभाग प्रमुख व कलेक्टर को कहा…

रायपुर- अनुकंपा नियुक्ति को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने नया पत्र जारी किया है। सभी विभाग प्रमुखों और कलेक्टर को जीएडी सेकरेट्री मुकेश बंसल ने पत्र जारी कर कहा है कि अनुकंपा नियुक्ति को लेकर तत्परता के साथ काम करे। उन्होंने लिखा है कि अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों के समुचित परीक्षण एवं निराकरण करने की दृष्टि से अनुकम्पा नियुक्ति निर्देश में हुए समस्त संशोधनों को शामिल करते हुए अद्यतन एकजाई संकलन 15 अप्रैल 2024 को जारी किया गया है।

प्रकरणों के तुरंत निपटारे के लिए चीफ सेकरेट्री ने 29 अप्रैल 2024 के माध्यम से समस्त विभागों को लेख करते हुए निर्देश जारी किया था कि अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण का निपटारा करें। अब एक बार फिर से विभाग प्रमुखों व कलेक्टर को निर्देश जारी कर जीएडी ने कहा है कि अनुकम्पा नियुक्ति दिवंगत परिवार के सदस्यों को तत्काल सहायता प्रदान करने हेतु प्रावधानित किया गया है। तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति हेतु 10 प्रतिशत पदों पर ही नियुक्ति का प्रावधान है. जबकि चतुर्थ श्रेणी में ऐसी कोई बंधनकारी सीमा नहीं है।

इसलिए लंबित अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों की समीक्षा करें।  समीक्षा के बाद लंबित प्रकरणों में दिवंगत परिवार के आवेदनकर्ता को अगर तृतीय श्रेणी के पद रिक्त है तो उनकी मांग अनुरूप अनुकम्पा नियुक्ति दें। अगर पद खाली नहीं है, तो चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति प्रस्तावित करें एवं लिखित में उनको जानकारी दें।

लोकसभा में एक्शन मोड में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, देश के विकास के लिए विभिन्न मंत्रालयों से पूछा सवाल

रायपुर-      रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने जानकारी दी है कि, भारत सरकार के कुशल भारत मिशन (सिम) का उद्देश्य भारत के युवाओं को उद्योग प्रासंगिक कौशल से लैस कर भविष्य के लिए तैयार करना है।

दरअसल रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री जयंत चौधरी से पूछा था कि, सरकार ने युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार करने तथा नई नौकरियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी। साथ ही पूछा था कि क्या सरकार स्किल इंडिया डिजिटल पहल के अंतर्गत नए डिजिटल पाठ्यक्रमों की योजना बना रही है। साथ ही सरकार द्वारा शुरू की गई कि स्किल इंडिया डिजिटल की मुख्य विशेषताएं एवं अन्य जानकारी मांगी थी। जिसपर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री ने बताया कि, स्किल इंडिया मिशन (सिम) के अंतर्गत विभिन्न स्कीमों जैसे प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना, जन शिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन स्कीम और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से शिल्पकार प्रतिक्षण स्कीम के अंतर्गत कौशल विकास केंद्रों और संस्थानों के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से देश भर में समाज के सभी वर्गों को कौशल, पुनर्कौशल और कौशलोनयन प्रतिक्षण प्रदान करता है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बाजार की आवश्यकताओं के अनुरुप बनाने तथा प्रशिक्षुओं की नियोजनीयता में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की स्कीमों के अंतर्गत प्रस्तुत प्रशिक्षण कार्यक्रम बाजार मांग को ध्यान में रखते विकसित किए जाते हैं। इतना ही नहीं भविष्य के लिए तैयार जॉब रोल, ड्रोन, कृत्रिम मेधा, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स आदि जैसे उभरते क्षेत्रों को पीएमकेवीवाई के तहत प्राथमिकता दी गई है। उभरती प्रौद्योगिकियों में भविष्य की जॉब रोल की मांग को पूरा करने के लिए आधुनिक युग के पाठ्यक्रम विकसित किए गए हैं।

स्वच्छ भारत मिशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से मिला ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड

बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री ने बताया है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए ग्लोबल गोलकीपर पुरुस्कार से नवाजा है।

देश में क्षेत्रीय संपर्क योजना और 'उड़ान' के तहत 13 हेलीपोर्टो और 02 वाटर एयरोड्रोमों समेत 579 हवाई मार्ग कार्यरत

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने देश में हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए विमानपत्तनों के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए बनाई गई योजनाओं और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और पर्यटकों के आकर्षण वाले अल्पसेवित क्षेत्रों और जिलों में विमान यात्रा को सुलभ बनाने के लिए की गई पहल का ब्यौरा मांगा था।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से बगीचा में शुरू होगा अपेक्स बैंक की शाखा, किसानों को मिलेगी बड़ी सुविधा

रायपुर-   जशपुर जिले के बगीचा में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जल्द ही अपेक्स बैंक की शाखा का शुभारंभ होगा। रायपुर स्थित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की क्षेत्रिय बैंक ने बगीचा में अपेक्स बैंक की शाखा शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है। आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद जल्द ही अपेक्स बैंक बगीचा में काम करना प्रारंभ होगा। इस बैंक के शुरू हो जाने से बगीचा ब्लाक के किसानों को बड़ी सुविधा मिलेगी। अपेक्स बैंक का प्रयोग किसानों के समर्थन मूल्य में फसलों की खरीदी के भुगतान के लिए किया जाता है। इस बैंक में जमा होने वाली राशि को निकालने के लिए किसानों को जशपुर और कुनकुरी तक दौड़ लगाना पड़ता था। अपेक्स बैंक की शाखा खुल जाने किसानों को इस दौड़ से मुक्ति मिल जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नेतृत्व वाली राज्य सरकार किसानों के हित में लगातार निर्णय ले रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी की गारंटी के तहत किये गए वायदों को पूरा करते हुए पंजीकृत किसानों से 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी कर, बोनस सहित धान का मूल्य किसानों के खाते में डाल चुकी है। इससे किसानों में प्रसन्नता व्याप्त है।

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत विधानसभा आवासीय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन

रायपुर-    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के आवासीय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपनी मां के सम्मान में वहां बेल का पौधा लगाया। विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सीताफल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हनुमान फल और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नीम के पौधे का रोपण किया।

विधानसभा आवासीय परिसर में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने रामफल, वन मंत्री केदार कश्यप ने महुआ, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आंवला, श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने हर्रा, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने लक्ष्मण फल, वित्त मंत्री  ओ.पी. चौधरी ने बेल तथा राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने पीपल का पौधा लगाया।

वृक्षारोपण कार्यक्रम में विधायकों और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपनी मां की स्मृति और सम्मान में पौधे लगाए। कार्यक्रम में आज विभिन्न प्रजाति के सौ से अधिक पौधे लगाए गए। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा के आवासीय परिसर में 50 एकड़ क्षेत्र में इकोलॉजिकल पार्क विकसित किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज यहां ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

नल जल योजना से जल संकट वाले गांवों में दूर होने लगी है पेयजल की समस्या

कोरबा-    यह कोरबा जिले के कोरबा विकासखण्ड के अंतर्गत पहाड़ों से घिरा विमलता गाँव है। भले ही इन गांव में रहने वाले परिवारों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन पानी को लेकर यहाँ की समस्या बहुत बड़ी है। गर्मी क्या आई ? गाँव का हैंडपंप जलस्तर नीचे जाने से जवाब दे जाता था। इस गांव के लोगों ने ऐसे कई गर्मी के मौसम देखे हैं, जो उन्हें पानी के बूँद-बूँद के लिए मोहताज करते हुए उनकी आँखों से आँसुओं के बूँद गिराए हैं। अब जबकि गाँव में जल जीवन मिशन से घर-घर नल लग गया है तो यहाँ पीने के पानी के लिए गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को आँखों से आँसुओं की बूंद नहीं गिराना पड़ता। गाँव में लगे नल और घरों के कनेक्शन से उन्हें गर्मी और बरसात में स्वच्छ पानी की धार मिल जाती है। उन्हें लगभग एक किलोमीटर दूर पहाड़ के नीचे मुसीबत मोल लेकर खतरनाक ढोढ़ी में पानी भरने नहीं जाना पड़ता।

कोरबा ब्लाक के नकिया पंचायत अंतर्गत ग्राम विमलता में जल जीवन मिशन के माध्यम से नल कनेक्शन घर-घर लगाया गया है। जल संकट वाले इस ग्राम में हर साल गर्मी के दिनों में पानी की समस्या विकराल हो जाती थी। बारिश के समय जान जोखिम में लेकर पहाड़ के चट्टानों के बीच ढोढ़ी का पानी निकालना पड़ता था। इस दौरान पत्थरों के फिसलन होने से गिरने का खतरा भी बना रहता था। वे मटमैला पानी पीने मजबूर थे। ग्राम विमलता की महिला रामवती बाई, फुसुन्दरी बाई ने बताया कि गर्मी आते ही सभी को पानी के लिए जूझना पड़ता है। जलस्तर नीचे चले जाने के बाद समस्या और भी बढ़ जाती थी। बारिश के समय बहुत कम पानी से काम चलाना पड़ता था। अब घर में नल का कनेक्शन लग जाने से सुबह शाम पानी उपलब्ध हो जाता है। उन्हें 01 किलोमीटर दूर ढोढ़ी से पानी नहीं लाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में पानी की समस्या देखकर रोना आ जाता था। ग्रामीण दिलमती बाई ने बताया कि पास का हैण्डपम्प से लगातार पानी निकालने से हैंडपंप भी बिगड़ जाते थे। गांव में सोलर ड्यूल पंप लगा है, जिससे गांव वालों को आसानी से पीने का पानी मिलने लगा है। उन्होंने बताया कि घरों में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा महिलाओं को ही परेशानी उठानी पड़ती थी। उन्हें ही दूर कहीं से पानी लाना पड़ता था। अब ऐसी समस्या दूर हो गई है। गाँव के जनेऊ सिंह का कहना है कि घर-घर नल लगाना बहुत अच्छी पहल है। इससे स्वच्छ पेयजल मिल रहा है। घरों में नल का कनेक्शन भी लगा है। पानी की सप्लाई से गाँव वालों को राहत मिलने लगी है। सोलर ड्यूल पंप लग जाने से 24 घण्टे पानी की सुविधाएं मिल गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव द्वारा हर घर पेयजल पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। जिला कलेक्टर के निर्देश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा दूरस्थ ग्रामों में क्रेडा के सहयोग से सोलर ड्यूल पंप स्थापित कराकर घरों में नल कनेक्शन दिया गया है। इससे दूरस्थ क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या कम हो गई है। उन्हें घर पर ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है।