इनकम टैक्स देने वालों के लिए राहत का ऐलान, न्यू इनकम टैक्स रीजीम में बड़ा बदलाव*
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बजट 2024 को पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को वो सौगात ही है। निर्मला सीतारमण ने पर्सनल इनकम टैक्स को लेकर बहुत बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में जहां एक तरफ स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बदला है। उन्होंने अपने बजट भाषण में नई टैक्स रीजीम चुनने वाले सैलरीड क्लास वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा कर 75000 रुपये करने का ऐलान किया है।हालांकि सरकार से ओल्ड टैक्स रिजीम में भी छूट बढ़ाने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन इसको बदलने से सरकार ने दूरी बनाए रखी है। न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया गया है। *3 लाख तक अब कोई टैक्स नहीं* वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई – नई टैक्स व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी आयकर में 17,500 रुपये बचाएंगे – नई टैक्स व्यवस्था में सबसे कम स्लैब 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया गया – नई टैक्स व्यवस्था में 3-7 लाख रुपये के स्लैब पर 5% टैक्स – नई टैक्स व्यवस्था में 7-10 लाख रुपये के स्लैब पर 10% कर – नई टैक्स व्यवस्था में 10-12 लाख रुपये के स्लैब पर 15% टैक्स – नई कर व्यवस्था में 12-15 लाख रुपये के स्लैब पर 20% टैक्स – नई कर व्यवस्था में 15 लाख रुपये से अधिक के स्लैब पर 30% टैक्स *3 लाख तक अब कोई टैक्स नहीं* सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब को भी आसान बनाया है। अब नई टैक्स स्लैब में 3 लाख रुपए तक की इनकम पर शून्य टैक्स की दर लगेगी। ये पहले की तरह है। वहीं अब 3 से 7 लाख रुपए तक की इनकम पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा। पहले ये टैक्स स्लैब 3 से 6 लाख रुपए का था। इसी तरह सरकार ने 6 से 9 लाख रुपए की इनकम टैक्स स्लैब को 7 से 10 लाख रुपए कर दिया है। इस पर टैक्स की दर 10 प्रतिशत होगी। वहीं 10 से 12 लाख रुपए की इनकम पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए की इनकम पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपए से अधिक की इनकम पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स वसूला जाएगा। *पेंशनधारकों को मिलेगा फायदा* नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाने के साथ ही सरकार ने पेंशनधारकों को एक्स्ट्रा बेनेफिट भी दिया है। अब पेंशन भोगियों को पारिवारिक पैंशन पर 25,000 रुपए तक कर छूट मिलेगी. पहले ये लिमिट 15,000 रुपए थी।
बजट में रोजगार के मोर्चे पर अहम घोषणाएं, तीन योजनाओं का ऐलान, सरकार पांच साल में 20 लाख युवाओं को स्किल्ड करेगी

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वित्त मंत्री ने रोजगार के मोर्चे पर अहम घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि पहली बार नौकरी करने वालों के लिए (सभी औपचारिक क्षेत्रों में नए प्रवेशकों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। दूसरा, विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन की दिशा में EPFO दिशा-निर्देशों के अनुसार कर्मचारियों और नियोक्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ ही कर्मचारियों को सहायता जिसमें सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार, 50 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार देने के लिए प्रोत्साहन योजना शामिल है।

उच्च शिक्षा के लिए लोन

केंद्रीय बजट 2024-25 में हर साल 25,000 छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव है। 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर होगा. घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए हर साल 1 लाख छात्रों को 3% के वार्षिक ब्याज पर सीधे 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।

शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मुझे 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।'

बच्चे का स्थानांतरण प्रमाणपत्र स्कूलों के लिए लंबित फीस वसूलने का साधन नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

बच्चे का स्थानांतरण प्रमाणपत्र स्कूलों के लिए लंबित फीस वसूलने का साधन नहीं है, बल्कि यह बच्चे के नाम से जारी किया गया एक निजी दस्तावेज है, और इसमें बकाया फीस के बारे में कोई प्रविष्टि नहीं की जानी चाहिए, मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा।

उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को राज्य भर के सभी स्कूलों को परिपत्र/निर्देश/आदेश जारी करने का निर्देश दिया, ताकि वे प्रवेश के समय बच्चे से टी.सी. दिखाने पर जोर न दें, और स्कूल प्रबंधन को दस्तावेज में फीस का भुगतान न करने या देरी से भुगतान करने सहित अनावश्यक प्रविष्टियां करने से रोकें।

दिल्ली सरकार ने मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए फीस वृद्धि से पहले पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति सी कुमारप्पन की खंडपीठ ने उपरोक्त निर्देश देते हुए कहा कि उल्लंघन की स्थिति में बच्चों के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई अधिनियम) की धारा 17 और बच्चों की सुरक्षा के लिए लागू प्रासंगिक कानूनों के तहत कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। पीठ ने राज्य सरकार को तमिलनाडु शिक्षा नियमों और मैट्रिकुलेशन स्कूलों के लिए विनियमन संहिता पर फिर से विचार करने और तदनुसार, तीन महीने की अवधि के भीतर आरटीई अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप सभी आवश्यक संशोधन करने का भी निर्देश दिया।

राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए, पीठ ने एकल न्यायाधीश के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें अखिल भारतीय निजी स्कूल कानूनी संरक्षण सोसायटी की याचिका को स्वीकार करते हुए पाया गया था कि छात्र द्वारा देय शुल्क के बकाया का संकेत मात्र से छात्र और अभिभावकों के खिलाफ कोई नकारात्मक अर्थ/प्रभाव नहीं पड़ता है। पीठ ने कहा कि फीस न चुकाने या देरी से भुगतान करने पर बच्चों को परेशान करना क्रूरता के समान है और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत अपराध है। स्कूलों को कानून के अनुसार अभिभावकों से बकाया फीस, यदि कोई हो, वसूलने के लिए उचित कार्रवाई शुरू करने का पूरा अधिकार है। लेकिन इस प्रक्रिया में, फीस का भुगतान न करने पर बच्चे को परेशान करना या दंडित करना अपराध है और यह जेजे अधिनियम की धारा 75 के दायरे में आता है, पीठ ने कहा।

अदालत ने कहा कि स्कूलों को फीस वसूली की प्रक्रिया में बच्चों को शामिल नहीं करना चाहिए।

बच्चों के लिए ट्यूशन फीस के भुगतान के बारे में विवरण जानना आवश्यक नहीं है। उन्हें तनाव से मुक्त, खुशहाल माहौल में बढ़ने में सक्षम बनाने के लिए ऐसी जानकारी उनसे दूर रखी जानी चाहिए। बच्चों को ऐसा माहौल दिया जाना चाहिए जो इन बोझों से मुक्त हो, जिससे वे खुशहाल माहौल में बढ़ सकें। पीठ ने कहा कि स्कूलों को बच्चों के लिए खुशहाल और सहायक माहौल प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट ने फीस वृद्धि विवाद के चलते निजी स्कूल से हटाए गए छात्रों के नाम बहाल किए

पीठ ने कहा कि टीसी स्कूलों के लिए अभिभावकों से बकाया फीस वसूलने या उनकी वित्तीय क्षमता का आकलन करने का साधन नहीं है। यह बच्चे के नाम पर जारी किया गया एक निजी दस्तावेज है। स्कूल टीसी पर अनावश्यक प्रविष्टियां करके अपने खुद के संकट बच्चे पर नहीं डाल सकते। ट्यूशन फीस का भुगतान करना अभिभावकों का स्कूल के प्रति कर्तव्य है। इसमें किसी भी तरह की चूक की भरपाई संबंधित स्कूल को कानून के अनुसार अभिभावकों से करनी चाहिए। 

इसके बजाय, बच्चे के नाम पर टीसी पर फीस का भुगतान न करने की प्रविष्टियां करना सरासर अपमान है। अगर अभिभावक फीस का भुगतान करने में विफल रहते हैं तो बच्चा क्या करेगा। पीठ ने कहा कि यह उनकी गलती नहीं है और बच्चे को कलंकित करना और परेशान करना आरटीई अधिनियम की धारा 17 के तहत मानसिक उत्पीड़न का एक रूप है।

इसमें पाया गया कि एक बार स्कूल द्वारा टीसी में फीस बकाया के बारे में प्रविष्टि होने के बाद, बच्चे का दूसरे संस्थान में प्रवेश एक प्रश्नचिह्न बन जाता है। कोई भी स्कूल बच्चे को दाखिला देने के लिए आगे नहीं आएगा और इससे भी अधिक, टीसी पर फीस का भुगतान न करने का स्पष्ट उल्लेख बच्चे के सामाजिक-आर्थिक कलंक को बढ़ावा देगा। पीठ ने कहा कि यह आरटीई अधिनियम के मूल पर प्रहार करता है।

2024 के बजट से शिक्षा के विभाग में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है, बढ़ती महंगाई और बढ़ती परेशानियों के बिच शिक्षा एक चुनौती बनती जा रही ह देखना होगा कि केंद्र का इसपर क्या रुख रहेगा।

बजट में आंध्र प्रदेश-बिहार की बल्ले-बल्ले, वित्त मंत्री ने दे दी बड़ी सौगातें

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बिहार और आंध्रप्रदेश को बड़े तोहफे दिये हैं। इस तरह उन्होंने सहयोगी पार्टियों को साधने का भी काम किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में दो नये एक्सप्रेस-वे बनेंगे। गंगा नदी पर दो नए पुल बनेंगे। वित्त मंत्री ने बिहार में सड़क के लिये 26 हजार करोड़ रुपये का आवंटन रखा है। वहीं, चंद्रबाबू नायडू की बड़ी डिमांड मानी गई है। आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज की सौगात मिली है। 

आंध्र प्रदेश को बजट में क्या

वित्त मंत्री ने कहा कि 10 साल में पहली बार आंध्रप्रदेश को बजट में प्रमुखता से जगह मिली है। यह उन कुछ पूर्वी राज्यों में से एक है, जिस पर सरकार का विशेष फोकस है। एपी पुनर्गठन अधिनियम में वित्त मंत्री ने राज्य की पूंजी की आवश्यकता को स्वीकार किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि बहुपक्षीय व्यवस्था के जरिए 50,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश के लिए बजट में एलान करते हुए कहा कि 'सरकार का आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किया। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध। इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी। विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे पर जोर। आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन। अधिनियम में रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तर तटी आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान।'

बिहार के लिए किए गए कई बड़े एलान

वित्त मंत्री ने बजट में बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने में भी मदद होगी। बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है। बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का भी निर्माण होगा। पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार सरकार के बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के अनुरोध पर तेजी से कार्यवाही होगी।

लोकसभा में बजट पेश कर रही हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, बताया किन 9 क्षेत्रों पर किया गया फोकस

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में आज देश का आम बजट पेश कर रही हैं। संसद में बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति ने उन्हें दही खिलाई। इसके बाद वित्त मंत्री ने उन्हें बजट की कॉपी सौंपी। राष्ट्रपति से औपचारिक मंजूरी के बाद वित्त मंत्री संसद पहुंची। इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट ने बजट को मंजूरी दे दी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट होगा।

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि बेहतर रही है। उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति कम रही है। यह वर्तमान में 3.1 फीसदी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार महंगाई को 4 फीसदी तक लाने की कोशिश करेगी। 

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 साल के लिए बढ़ा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जैसा कि अंतरिम बजट में बताया गया हमें 4 अलग-अलग जातियों, गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। किसानों के लिए, हमने वादे को पूरा करते हुए सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की है। लागत पर कम से कम 50% मार्जिन के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ।

बजट में युवाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये

वित्त मंत्री ने कहा कि पूरे वर्ष और उससे आगे की ओर ध्यान देते हुए, इस बजट में हमने विशेष रूप से रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया है। मुझे 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री की 5 योजनाओं और पहलों के पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।

बजट में 9 क्षेत्रों पर फोकस

वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा बजट को प्राथमिकताओं के लिए याद रखा जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में 9 क्षेत्रों पर फोकस किया गया है।

• कृषि में उत्पादकता और लचीलापन

• रोजगार और कौशल

• समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय

• विनिर्माण और सेवाएं

• शहरी विकास

• ऊर्जा सुरक्षा

• बुनियादी ढाँचा

• नवाचार, अनुसंधान और विकास

• अगली पीढ़ी के सुधार

जमानत आदेशों पर रोक लगाने पर सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला, कहा बिना कारण नहीं रोका जाना चाहिए जमानत आदेश

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यापक फैसला सुनाया कि जमानत आदेशों पर लापरवाही से रोक नहीं लगाई जा सकती या उन्हें “यांत्रिक रूप से” नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने फैसला सुनाया, जिसमें जमानत आदेशों पर लापरवाही से रोक लगाने के खिलाफ स्पष्ट दिशा-निर्देश और निवारक उपाय स्थापित किए गए हैं।

जस्टिस एएस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने फैसले का मुख्य हिस्सा पढ़ते हुए कहा, “हालांकि अदालतों के पास जमानत पर रोक लगाने का अधिकार हो सकता है, लेकिन ऐसा केवल असाधारण परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए।”

अदालत का यह फैसला एक ऐसे मामले में आया, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक आरोपी के जमानत आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिना कोई कारण बताए रोक लगा दी थी। जमानत आदेश पर एक साल तक रोक लगी रही, जिसके बाद 7 जून को सुप्रीम कोर्ट की अवकाश बेंच ने निर्देश दिया कि आरोपी को तुरंत रिहा किया जाए।

बेंच ने मंगलवार को जमानत पर रोक लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया। 12 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा था कि जमानत आदेशों पर लापरवाही से रोक लगाने की प्रथा गलत है। साथ ही शीर्ष अदालत इस प्रथा को समाप्त करेगी क्योंकि इससे मानव स्वतंत्रता पर “विनाशकारी” प्रभाव पड़ता है। शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तर्क दिया कि यह कई अदालतों में एक स्थापित प्रथा है क्योंकि जमानत रद्द करने की शक्ति में ऐसे आदेशों पर रोक लगाने की शक्ति भी शामिल है। इस पर शीर्ष अदालत ने ऐसी प्रथाओं को समाप्त करने के अपने अधिकार पर जोर दिया। “आप कैसे कह सकते हैं कि कानून में कुछ है या कोई प्रथा है। अगर यह प्रथा है, तो यह गलत प्रथा है। सिर्फ इसलिए कि कुछ आदेश पारित किए गए हैं, यह न्यायोचित नहीं हो जाता। व्यक्तियों की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में यह प्रथा नहीं हो सकती। जमानत देने वाले आदेशों में कारण शामिल होते हैं। इसे लापरवाही से कैसे रोका जा सकता है?” अदालत ने मामले में ईडी की ओर से पेश हुए वकील जोहेब हुसैन से पूछा।

अदालत ने यह भी संकेत दिया कि वह इस बारे में विशिष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित करेगी कि जमानत आदेश पर कब रोक लगाई जा सकती है। मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए पीठ ने कहा, "हम जो कहने जा रहे हैं, वह यह है कि जमानत देने के आदेश पर तभी रोक लगाई जा सकती है, जब कोई विकृत हो और विशेष शर्तों की आवश्यकता हो या कोई व्यक्ति आतंकवादी हो।" मौजूदा मामले में, परविंदर सिंह खुराना को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 17 जून, 2023 को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। ईडी द्वारा अपील दायर करने के बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 जून को जमानत आदेश पर रोक लगा दी, लेकिन कोई कारण नहीं बताया। इसके बाद खुराना ने रोक के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया, जिसके बाद अवकाश पीठ ने 7 जून को उनकी रिहाई का निर्देश दिया।

11 जुलाई को, अदालत ने उच्च न्यायालयों द्वारा निचली अदालतों द्वारा दिए गए जमानत आदेशों पर लापरवाही से रोक लगाने की प्रथा की निंदा की थी, खासकर तब जब आरोपी आतंकवादी न हो। यह क्या हो रहा है? एक व्यक्ति को जमानत दी जाती है, आप (प्रवर्तन निदेशालय) उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं और केवल आपके पूछने पर, जमानत देने का आदेश एक साल के लिए स्थगित रहता है। यह चौंकाने वाला है," पीठ ने कहा। पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के स्थगन केवल जांच एजेंसियों के कहने पर नहीं दिए जाने चाहिए, खासकर तब जब ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत देने के लिए विस्तृत कारण बताए गए हों।

इसने इस बात पर असंतोष व्यक्त किया कि हाई कोर्ट के “एक-लाइन आदेश” द्वारा विस्तृत जमानत आदेश को लापरवाही से रोक दिया गया। शीर्ष अदालत का यह रुख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े एक हालिया विवाद की पृष्ठभूमि में आया है, जो 2011-22 की आबकारी नीति के निर्माण में कथित अवैधताओं के संबंध में न्यायिक हिरासत में हैं।

21 जून को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगा दी।ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ प्रत्यक्ष साक्ष्य की कमी का हवाला दिया और ईडी के दृष्टिकोण में संभावित पक्षपात का सुझाव दिया। ईडी की अपील के बाद, ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत के आदेश के 24 घंटे से भी कम समय में स्थगन आ गया, लेकिन एक अवकाश पीठ द्वारा हाई कोर्ट के प्रारंभिक स्थगन आदेश में कोई कारण नहीं बताया गया, जिससे महत्वपूर्ण कानूनी और नैतिक प्रश्न उठे।

केजरीवाल की जमानत आदेश के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित है।

*जो बिडेन अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए अयोग्य’: ट्रंप, वेंस ने 25वें संशोधन को लागू करने का आह्वान किया

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने घोषणा की कि वह इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में अपने पुनर्निर्वाचन अभियान से पीछे हट गए हैं, डोनाल्ड ट्रंप और उनके उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस ने कहा कि अगर बिडेन राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ने के योग्य नहीं हैं, तो उन्हें अपना शेष कार्यकाल पूरा करने के लिए भी योग्य नहीं माना जाना चाहिए।

जेडी वेंस, जो उपराष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन चेहरा हैं और ओहियो से सीनेटर हैं, सोमवार को फॉक्स न्यूज पर एक साक्षात्कार में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ दिखाई दिए, जहां उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में जो बिडेन को हटाने के लिए उनके खिलाफ 25वें संशोधन को लागू करने के बारे में बात की। वेंस और ट्रंप जेसी वाल्टर के 'प्राइमटाइम' शो में दिखाई दिए, जिसमें उन्होंने जो बिडेन पर हमला किया और उन पर अपने शेष कार्यकाल को पूरा न करने का दबाव बनाया, जो 20 जनवरी, 2025 को समाप्त होने वाला है।

जेडी वेंस यह कहने की हद तक चले गए कि बिडेन राष्ट्रपति के रूप में बने रहने के लिए "अयोग्य" हैं और उनके खिलाफ 25वें संशोधन को लागू किया जाना चाहिए, तो ट्रंप चुपचाप सहमत होते देखे गए। वेंस ने 25वें संशोधन को बिडेन की राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने की क्षमता पर चिंताओं को दूर करने के लिए एक तंत्र के रूप में इंगित किया, पारदर्शिता और संवैधानिक प्रक्रियाओं के पालन की आवश्यकता पर जोर दिया।

"यदि जो बिडेन राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, तो वे राष्ट्रपति के रूप में सेवा नहीं कर सकते हैं। और यदि वे उन्हें इसलिए हटा रहे हैं क्योंकि वे मानसिक रूप से सेवा करने में असमर्थ हैं, तो 25वें संशोधन को लागू करें," वेंस ने साक्षात्कार के दौरान कहा।

वाल्टर्स ने दोनों से डेमोक्रेटिक पार्टी में बिडेन के खिलाफ "तख्तापलट" की संभावना के बारे में भी पूछा, जिसके कारण उन्हें हटा दिया गया। डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ तख्तापलट की संभावना पर सहमति जताई, उनके शीर्ष सांसदों ने कथित तौर पर अंतिम क्षण में उनका समर्थन करने से पीछे हट गए। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा बिडेन से "नफरत" करते हैं, उन्होंने हाल ही में एक सार्वजनिक घटना के बारे में बात की जिसने मतदाताओं के सामने बिडेन की छवि को नुकसान पहुंचाया।

"जब ओबामा कुछ हफ़्ते पहले बिडेन को मंच से नीचे ले गए, तो उन्हें ऐसा करने की ज़रूरत नहीं थी, वे उन्हें लोगों को थोड़ी देर तक हाथ हिलाने दे सकते थे... वे हाथ हिला रहे थे और अचानक ओबामा आ गए, उन्हें पकड़ लिया। चलो जो। जैसे कि वह एक बच्चा था। इसने उन्हें बहुत बुरा बना दिया। और मैं बिडेन के साथ लोगों को जानता हूँ, मैं ओबामा के साथ लोगों को जानता हूँ और वे इससे खुश नहीं थे। इसने उन्हें वास्तव में बुरा बना दिया," ट्रम्प ने कहा।

बजट से पहले शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 200 अंक चढ़ा, निफ्टी 24500 के पार

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का बजट पेश करेंगी। बजट से पहले शेयर मार्केट से अच्छी खबर आई है। लगातार दो दिन की गिरावट के बाद शेयर मार्केट आज तेजी के साथ खुला है। बाजार खुलते ही बीएसई सेंसेक्स में 200 अंक की तेजी आई है जबकि निफ्टी 24,550 अंक के ऊपर पहुंच गया।

बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर 90 अंकों की तेजी के साथ 80,579.22 अंकों पर कारोबार कर रहे हैं। जबकि बाजार ओपन होने के दौरान सेंसेक्स में 200 से ज्यादा अंकों की तेजी देखने को मिली थी और सेंसेक्स 80766.41 अंकों पर दिखाई दिया था। वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी में भी तेजी देखने को मिल रही है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार निफ्टी 9 बजकर 30 मिनट पर 10.35 अंकों की तेजी के साथ 24,519.60 अंकों पर कारोबार कर रहा है। जबकि निफ्टी 59.65 अंकों की तेजी के साथ 24,582.55 अंकों पर ओपन हुई थी।

शेयर बाजार निवेशकों को उम्मीद है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर में इजाफा देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से रेलवे और इंफ्रा स्टॉक्स में तेजी देखने को मिल रही है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर आयशर मोटर्स में करीब दो फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। वहीं अल्ट्रा सीमेंट के शेयर में सवा एक फीसदी का उछाल देखने को मिल रहा है। एनटीपीसी, एलएंडटी और ग्रासिम के शेयरों में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी है।

एक दिन पहले मंगलवार को शेयर बाजार 100 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिली थी। भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क, निफ्टी 50 और सेंसेक्स, सोमवार, 22 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 से पहले लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी 50 22 अंक या 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,509.25 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 103 अंक या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,502.08 पर बंद हुआ। देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में साढ़े तीन फीसदी की गिरावट देखी गई थी।

मिलिए वित्त मंत्री सीतारमण की टीम से, बजट तैयार करने में इनकी भूमिका है अहम

#teambehindofbudget2024

संसद में आज आम बजट 2024 पेश किया जाएगा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्रालय से निकल चुकी है। इससे पहले वित्त मंत्री का बजट बनाने वाली टीम के साथ फोटो सेशन हुआ। यही टीम निर्मला है जिसने बजट तैयार किया है। इस टीम के कंधों पर आम चुनावों के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ चलाने के लिए बजट तैयार करने का जिम्मा था, जिसे अंजाम दे दिया गया है। अब से थोड़ी देर में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।

बजट बनाने की प्रक्रिया आम तौर पर बजट पेश किए जाने से छह महीने पहले शुरू हो जाती है, लेकिन दस्तावेज़ के संकलन और इसको पब्लिश करने की प्रक्रिया हलवा समारोह से शुरू होती है। दरअसल यह वह अवधि होती है जब बजट बनाने के लिए जिम्मेदार टीम खुद को नॉर्थ ब्लॉक के अंदर ही रहती है। इस अवधि के दौरान, टीम को बाहरी दुनिया से, यहां तक कि अपने परिवारों से भी, बहुत सीमित संवाद करने की इजाजत होती है। बजट बनाने में कई भरोसेमंद और उच्च पदस्थ अधिकारियों की एक टीम होती है। बजट 2024-25 को तैयार करने में वित्त मंत्री के अलावे उनकी टीम के सात लोगों की लोगों की भूमिका सबसे अहम रही है। आइए उनके बारे में जानते हैं।

टीवी सोमनाथन

केंद्रीय बजट 2024 तैयार करने में सबसे बड़ी भूमिका में वित्त मंत्रालय के सचिव टीवी सोमनाथन शामिल हैं। वो फाइनेंस सेक्रेटरी और डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर का काम देखते हैं। उन्हें पीएम मोदी का खास माना जाता है। वो पहले भी कई बजट में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

अरविंद श्रीवास्तव

कर्नाटक के 1994 बैच के आईएएस अधिकारी श्रीवास्तव पीएमओ में वित्त और अर्थव्यवस्था अधिकारी हैं। वह वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के कामकाज को देखते हैं। जो कि इस बार का बजट बनाने वाली टीम में शामिल हैं।

हरि रंजन राव

1994 बैच के आईएएस अधिकारी राव पीएमओ के प्रौद्योगिकी और शासन अनुभागों के कामकाज देखते हैं। इससे पहले वे मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सचिव रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने दूरसंचार विभाग में भी काम किया है। इस बजट को बनाने में उन्होंने भी अपना योगदान दिया है।

वी अनंत नागेश्वरण, मुख्य आर्थिक सलाहकार

वी अनंत नागेश्वरण को वर्ष 2022 के बजट के पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) चुना गया था। इस बार बजट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया में नागेश्वरण भी अहम भूमिका अहम रही है। देश का आर्थिक सर्वे भी उनके मार्गदर्शन में ही तैयार किया गया। जिसे सोमवार को वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया।

अजय सेठ, सचिव, आर्थिक मामले

बजट तैयार करने वालों में एक अहम नाम वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी सचिव अजय सेठ का है। मंत्रालय के बजट डिविजन का जिम्मा वही देखते हैं। बजट से जुड़े इनपुट्स और अलग-अलग तरह के वित्तीय विवरण तैयार करने में उनकी बड़ी भूमिका अहम होती है।

तुहिन कांत पांडेय सचिव, डीआईपीएएम (निवेश और लोक प्रबंधन विभाग)

तुहीन कांत पांडेय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले विनिवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएम) के सचिव हैं। हाल के दिनों में सरकार ने विनिवेश के क्षेत्र में जो उपलब्धि हासिल की है उनमें तुहीन का बहुत अहम योगदान रहा है। एलआईसी का आईपीओ लाने और एयर इंडिया के निजीकरण में भी उनकी अहम भूमिका रही है।

अरविंद श्रीवास्तव

इसके अलावा 1994 बैच के आईएएस अधिकारी अरविंद श्रीवास्तव भी टीम सीतारमण में शामिल हैं। वो वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों का काम देखते हैं। बजट 2024 को तैयार करने में श्रीवास्तव की बड़ी भूमिका है।

मिलिए वित्त मंत्री सीतारमण की टीम से, बजट तैयार करने में इनकी भूमिका है अहम*
#team_behind_of_budget_2024
संसद में आज आम बजट 2024 पेश किया जाएगा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्रालय से निकल चुकी है। इससे पहले वित्त मंत्री का बजट बनाने वाली टीम के साथ फोटो सेशन हुआ। यही टीम निर्मला है जिसने बजट तैयार किया है। इस टीम के कंधों पर आम चुनावों के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ चलाने के लिए बजट तैयार करने का जिम्मा था, जिसे अंजाम दे दिया गया है। अब से थोड़ी देर में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। बजट बनाने की प्रक्रिया आम तौर पर बजट पेश किए जाने से छह महीने पहले शुरू हो जाती है, लेकिन दस्तावेज़ के संकलन और इसको पब्लिश करने की प्रक्रिया हलवा समारोह से शुरू होती है। दरअसल यह वह अवधि होती है जब बजट बनाने के लिए जिम्मेदार टीम खुद को नॉर्थ ब्लॉक के अंदर ही रहती है। इस अवधि के दौरान, टीम को बाहरी दुनिया से, यहां तक कि अपने परिवारों से भी, बहुत सीमित संवाद करने की इजाजत होती है। बजट बनाने में कई भरोसेमंद और उच्च पदस्थ अधिकारियों की एक टीम होती है। बजट 2024-25 को तैयार करने में वित्त मंत्री के अलावे उनकी टीम के सात लोगों की लोगों की भूमिका सबसे अहम रही है। आइए उनके बारे में जानते हैं। *टीवी सोमनाथन* केंद्रीय बजट 2024 तैयार करने में सबसे बड़ी भूमिका में वित्त मंत्रालय के सचिव टीवी सोमनाथन शामिल हैं। वो फाइनेंस सेक्रेटरी और डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर का काम देखते हैं। उन्हें पीएम मोदी का खास माना जाता है। वो पहले भी कई बजट में अहम भूमिका निभा चुके हैं। *अरविंद श्रीवास्तव* कर्नाटक के 1994 बैच के आईएएस अधिकारी श्रीवास्तव पीएमओ में वित्त और अर्थव्यवस्था अधिकारी हैं। वह वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के कामकाज को देखते हैं। जो कि इस बार का बजट बनाने वाली टीम में शामिल हैं। *हरि रंजन राव* 1994 बैच के आईएएस अधिकारी राव पीएमओ के प्रौद्योगिकी और शासन अनुभागों के कामकाज देखते हैं। इससे पहले वे मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सचिव रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने दूरसंचार विभाग में भी काम किया है। इस बजट को बनाने में उन्होंने भी अपना योगदान दिया है। *वी अनंत नागेश्वरण, मुख्य आर्थिक सलाहकार* वी अनंत नागेश्वरण को वर्ष 2022 के बजट के पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) चुना गया था। इस बार बजट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया में नागेश्वरण भी अहम भूमिका अहम रही है। देश का आर्थिक सर्वे भी उनके मार्गदर्शन में ही तैयार किया गया। जिसे सोमवार को वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया। *अजय सेठ, सचिव, आर्थिक मामले* बजट तैयार करने वालों में एक अहम नाम वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी सचिव अजय सेठ का है। मंत्रालय के बजट डिविजन का जिम्मा वही देखते हैं। बजट से जुड़े इनपुट्स और अलग-अलग तरह के वित्तीय विवरण तैयार करने में उनकी बड़ी भूमिका अहम होती है। *तुहिन कांत पांडेय सचिव, डीआईपीएएम (निवेश और लोक प्रबंधन विभाग)* तुहीन कांत पांडेय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले विनिवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएम) के सचिव हैं। हाल के दिनों में सरकार ने विनिवेश के क्षेत्र में जो उपलब्धि हासिल की है उनमें तुहीन का बहुत अहम योगदान रहा है। एलआईसी का आईपीओ लाने और एयर इंडिया के निजीकरण में भी उनकी अहम भूमिका रही है। *अरविंद श्रीवास्तव* इसके अलावा 1994 बैच के आईएएस अधिकारी अरविंद श्रीवास्तव भी टीम सीतारमण में शामिल हैं। वो वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों का काम देखते हैं। बजट 2024 को तैयार करने में श्रीवास्तव की बड़ी भूमिका है।