हेल्थ टिप्स:मखाना और दूध का मिश्रण है एनर्जी बूस्टर इसे खाने से मिलते है कई फायदे


हम सभी जानते हैं कि दूध सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है, इसे संपूर्ण आहार माना जाता है। दूध के साथ कई चीजें मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं, दूध के साथ मखाने का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। कुछ लोग मखाने को रोस्ट कर भी खाते हैं। दूध में मखाना भिगोकर खाने से हड्डियां स्वस्थ रहती हैं, इसके अलावा यह दांतों को भी मजबूत बनाता है। आइए जानते हैं दूध में मखाना मिलाकर खाने के फायदे।

पेट के लिए फायदेमंद

दूध में मखाने भिगोकर खाने से पेट से जुड़ी समस्या कम होती है। इन दोनों में फाइबर की मात्रा अच्छी होती है। जो पाचन को स्वस्थ रखता है। यह पेट में मौजूद हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे आप सूजन, कब्ज, पेट दर्द आदि की समस्या से राहत पा सकते हैं।

हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है

मखाना और दूध एकसाथ खाने से हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। मखाने में एल्कलॉइड नामक तत्व पाया जाता है, जो दिल को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। दूध और मखाना दोनों में पोटैशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो हाई बीपी को सामान्य रखने में मदद करता है।

हड्डियां स्वस्थ रहती हैं

हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखने में मखाना वाला दूध आपकी मदद कर सकता है। हड्डियों को स्वस्थ रखने में मखाने वाले दूध में कैल्शियम की मात्रा होती है, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इससे आपके दांतों को मजबूती मिलती है। जिन लोगों को गठिया की समस्या है, वो अपनी डाइट में मखाना और दूध शामिल कर सकते हैं।

वजन घटाने के लिए फायदेमंद

इनमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। वेट लॉस डाइट में आप मखाने और दूध को शामिल कर सकते हैं। इसे खाने से पेट ज्यादा देर तक भरा रहता है और आप ज्यादा खाने से बच सकते हैं।

इंस्टेंट एनर्जी मिलती है

दूध में मखाना मिला कर खाने से थकान, कमजोरी आदि की समस्या दूर होती है। यह एनर्जी बूस्टर के रूप में काम करता है।

चाँदीपुरा वायरस से दहशत में गुजरात!अब तक 19 बच्चों की मौत,जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय


गुजरात में इन दिनों इंसेफ्लाइटिस से मिलता जुलता वायरस चांदीपुरा वायरस से मौतों में इजाफा ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक अब तक इस वायरस से 19 लोगों की मौत हो चुकी हैं। अब तक यह वायरस गुजरात के 10 से ज्यादा जिलों में फैल चुका है।

वहीं, संदिग्ध मामलों की संख्या भी बढ़कर 29 के करीब पहुंच गई है। डॉक्टर्स और सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में चांदीपुरा वायरस के मामलों में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ऐसे में समय रहते इसके लक्षणों को पहचानकर इसका इलाज शुरू करना जरूरी हो गया है ।

क्या है यह वायरस

चांदीपुरा वायरस एक इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से जुड़ा है। यह वायरस बुखार का कारण बनता है। यह एक ऐसा वायरस है, जो मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है। अगर इस बीमारी की लाक्षण की बात करें तो,चांदीपुरा वायरस के लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इससे दिमाग में सूजन (ए्नसेफेलाइटिस) की समस्या होने लगती है। तेज बुखार, दस्त, उल्टी, दौरे और चेतना की हानि इसके लक्षणों में शामिल है।

इस वायरस से कौन हो सकते हैं प्रभावित

चांदीपुरा वायरस 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों को प्रभावित करता है। डॉक्टर्स के मुताबिक यह वायरस मक्खियों से ज्यादा फैलता है। पहले 24 से 72 घंटे इसमें बेहद अहम होते हैं। यह मुख्य रूप से 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है।

इस वायरस बचने का उपाय

जो मक्खियां रेत में पाई जाती हैं, उनसे बचाव करना ही चांदीपुरा वायरस से बचाव है। इससे बचने के लिए आप कीटनाशक का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। मक्खी और मच्छरों से बचाव के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

चांदीपुरा वायरस का इलाज क्या है?

कोविड की तरह कोई खास एंटीवायरस इलाज या वैक्सीन नहीं है। लक्षणों को पहचानकर, सावधानी बरत कर ही इससे बचा जा सकता है।

चांदीपुरा वायरस गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराएं।

चांदीपुरा वायरस में शरीर को हाइड्रेट करना जरूरी होता है।

गंभीर न्यूरोलॉजिकल लक्षणों में इंटेंसिव केयर की जरूरत होती है।

चांदीपुरा वायरस का सबसे पहला केस

चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है। यह मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है। इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज जिम्मेदार होते हैं। साल 1965 में इस वायरस का पहला मामला महाराष्ट्र में दर्ज किया गया था। साल 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में इस वायरस को रिपोर्ट किया गया था। हर साल गुजरात में इसके मामले दर्ज किए जाते हैं।

ब्यूटी टिप्स: होठों के ऊपर कालापन दूर करने के लिए आजमाइए ये घरेलू नुस्खा,दिखने लगेगा असर


होंठ चेहरे की सुंदरता बढ़ाते हैं, लेकिन होंठो पर मौजूद कालापन होठों और चेहरे, दोनों की सुंदरता को कम करता है। हम चेहरे पर कितना कुछ लगा लें लेकिन कोई एक समस्या तो छूट ही जाती है, जिसमें से एक हैं होंठों के ऊपर और आस-पास के एरिया पर काले पन की समस्या। ये एक ऐसी प्रॉब्लम है जिससे ज्यादातर लड़कियां परेशान रहती हैं और इससे छुटकारा पाने की कई कोशिशें में कई केमिकल वाले ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते रहती हैं।

हम जानते हैं कि आपका और आपकी त्वचा का ख्याल रखने की जिम्मेदारी हमारी है, इसलिए आज हम आपको इस लेख में कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में बताने वाले हैं, जिनका इस्तेमाल करने के बाद आपके होंठों के आसपास के कालेपन से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही स्किन पर ग्लो भी आएगा। तो अब आपको हिचकिचाने की जरूरत नहीं है, बस इन तरीकों को अपनाएं और लिप्स के ऊपर के कालेपन को दूर करें।

होठों के आसपास का एरिया काला क्यों होता है?

लड़कों से लेकर लड़कियों तक में ये देखा जाता है कि उनके होंठों के आसपास का एरिया चेहरे के मुकाबले हल्का काला होता है, जिसका कारण होता है फेस के उस एरिया पर मेलेनिन का अधिक उत्पादन होना।

मेलेनिन के बढ़ने से त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है और यही कारण है कि हम में से कई लोगों की कोहनी और घुटने भी काले होते हैं। इसे हाइपरपिग्मेंटेशन भी दिखाई देता है। लेकिन आप हमारे बताएं इन नुस्खों से होंठों के आसपास जमे कालेपन से छुटकारा पा सकते हैं

दही और बेसन में मिलाएं हल्दी

आप 1 चम्मच में दही में 1 चम्मच बेसन 1/2 हल्दी मिलाएं। साथ ही आप इसे अच्छा पेस्ट बनाने के लिए गुलाब जल करें। ये आपके लिप्स के आसपास के एरिया की डार्कनेस को कम करने और क्लीन करने में मदद करता है।

दही में मौजूद लैक्टिक एसिड हमारे स्किन को साफ करने के साथ-साथ फोड़े-फुंसियों को रोकने में भी मदद करता है। साथ ही हल्दी एक एंटी बैक्टीरियल गुण त्वचा को बैक्टीरिया और एलर्जी होने से बचाते हैं।

इस सब्जी का रस दिखाएगा कमाल

आलू का रस हमारी स्किन के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है, जो चेहरे पर जमा दाग-धब्बों को करने में मदद करता है। इसलिए अगर आप आलू को कद्दूकस करके उसका रस निकालकर लिप्स के आसपास के काले एरिया पर लगाती हैं तो पिगमेंटेशन के कम होने की संभावनी बढ़ जाती है।

वैसे आलू के रस का स्किन पर

 डायरेक्ट इस्तेमाल त्वचा को रूखा कर सकता है। ऐसे में अगर आपकी स्किन ऑयली है तो ठीक है, लेकिन अगर आपकी स्किन ड्राई है तो आलू के रस में शहद मिक्स करें और फिर इसका इस्तेमाल करें।

कच्चा दूध और हल्दी का इस्तेमाल

हमारे चेहरे के लिए कच्चा दूध बहुत ही फायदेमंद होता है। कई लोग तो ग्लोइंग फेस के लिए भी इस नुस्खे का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में आप भी होंठों के ऊपर के कालेपन को दूर कर सकते हैं। आपको सब 2 चम्मच कच्चा दूध लेना है और उसमें 1 चुटकी हल्दी मिक्स करते पिगमेंटेशन वाली जगह पर लगाना है। आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपके काला पड़ा एरिया साफ हो रहा है।

अन्य कारण

वैसे तो इसका मेन कारण मेलेनिन का बढ़ना है, लेकिन और भी कई कारण हैं, जो होंठों के ऊपर के एरिए को काला करते हैं। जैसे बार-बार होंठों को लिक करना और ज्यादा समय तक धूप में रहना हो सकता है।

इसलिए बार-बार अपने होंठों पर बार-बार थूक न लगाएं ये आपके लिप्स के कलर को भी डार्क कर सकता है। साथ ही ज्यादा अगर आपकी स्किन ज्यादा काली हो गई है तो डॉक्टर से सलाह लें और खुद से इस्तेमाल की जाने वाली दवाईयों और नुस्खों को छोड़ दें।

अगर बुढ़ापे तक रहना चाहते है हेल्दी तो करे संतुलित आहार का सेवन,आइए जानते है कैसी होनी चाहिए संतुलित आहार


दिल्ली:-आज के भागदौड़ वाली जिंदगी में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा, जिसका रोजाना का खान-पान बिल्कुल स्वस्थ तरीके से होता हो।स्वस्थ्य जीवन के लिए संतुलित भोजन जरूरी होता है। यह बात हर कोई जानता है. लेकिन संतुलित भोजन (Balanced Diet) किसे कहते हैं ? इस सवाल का जवाब हर किसी के पास नहीं होता है. वैसे तो हर इंसान यही चाहता है कि उसकी सेहत हमेशा अच्छी रहे. अच्छी सेहत के लिए बैलेंस डाइट की जरूरत होती है।

आहार ऐसा होना चाहिए जो शरीर को पोषण देने के साथ विकास में भी सहायक हो। नियमित भोजन में ऐसे पोषक तत्व होने चाहिए जो शरीर को रोगों से लड़ने लायक बनाए. हेल्थ एक्सपर्ट्स के टिप्स हम सभी पढ़ते हैं, सभी यह सलाह देते हैं कि डेली लाइफ में बैलेंस डाइट जरूरी है. कुछ लोगो बैलेंस डाइट चार्ट को भी बनाते हैं।

संतुलित आहार क्या है ?

जब संतुलित आहार की बात होती है तो रोजाना के भोजन में शामिल पोषक तत्वों की बात हो रही होती है। डेली डाइट में सभी प्रकार के पोषक तत्वों का शामिल होना बेहद जरूरी होता है। कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट जैसे कुछ उदाहरणों से हम समझते हैं कि शरीर के लिए सभी जरूरी हैं। जब संतुलित भोजन की बात होती हैं, तो कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में चाहिए यह जानना जरूरी होता है।

जिस डाइट में सभी पोषक तत्व जरूरी मात्रा में शामिल हों उसे बैलेंस डाइट या संतुलित आहार कहा जाता है। संतुलित आहार में फल, सब्जी, दूध, आनाज और अन्य खाद्य सामग्रियों को शामिल किया जा सकता है।

डेली डाइट में सभी प्रकार के पोषक तत्वों का शामिल होना बेहद जरूरी होता है। कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट जैसे कुछ उदाहरणों से हम समझते हैं कि शरीर के लिए सभी जरूरी हैं. जब संतुलित भोजन की बात होती है तो कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में चाहिए यह जानना जरूरी होता है।

रोजाना करें ये 3 योगासन गठिया की समस्या होगी दूर


शरीर में कैल्शियम की कमी और हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड के जमा होने से गठिया की बीमारी होती है। गठिया रोग मुख्यतःदो प्रकार के होते हैं, जो क्रमशः ऑस्टियो एक्यूट, रूमेटाइड और गाउट हैं। 

सामान्यतः यह बीमारी बुजुर्गों को अधिक होती है। हालांकि, आजकल युवाओं में भी गठिया की बीमारी देखी जाती है। एक रिपोर्ट की मानें तो पांच में से एक व्यक्ति गठिया रोग से पीड़ित है। 

गठिया रोग के मरीजों को उठने-बैठने, चलने फिरने में कठिनाई होती है। कई बार दर्द असहनीय हो जाता है। इसके लिए खाने में कैल्शियम रिच फूड को जरूर शामिल करें। इसके अलावा, गठिया की समस्या को दूर करने के लिए रोजाना ये 3 योगासन जरूर करें। आइए जानते हैं

पश्चिमोत्तानासन

शरीर के पीछे वाले हिस्से को आगे की ओर खींचना पश्चिमोत्तानासन कहलाता है। इस योग को करने से कमर और पीठ में खिंचाव पैदा होता है। साथ ही संपूर्ण शरीर में रक्त संचार सही से होता है। इस योग को करने से गठिया में भी आराम मिलता है। इसके अलावा, बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। गठिया के मरीज रोजाना पश्चिमोत्तानासन जरूर करें।

त्रिकोणासन

अगर आप गठिया रोग की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो रोजाना त्रिकोणासन जरूर करें। इस योग को करने से गठिया में आराम मिलता है। इस योग को वृक्षासन से पहले करना चाहिए। इसके बाद वीरभद्रासन करना चाहिए। योग एक्सपर्ट्स की मानें तो त्रिकोणासन करने से कमर दर्द में बहुत जल्द आराम मिलता है। साथ ही मानसिक तनाव से भी निजात मिलता है। वहीं, पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

वीरभद्रासन

वीरभद्रासन करने से पूरे शरीर में खिंचाव पैदा होता है। वीरों की मुद्रा में रहना वीरभद्रासन कहलाता है। पुरुषार्थ बनाने में भी वीरभद्रासन फायदेमंद साबित होता है। इस योग को तीन मुद्राओं में किया जाता है। इसके लिए वीरभद्रासन तीन तरह के होते हैं। इस योग को करने से गठिया रोग में भी आराम मिलता है।

पाना चाहते है इंस्टेंट ग्लो तो चेहरे पे ऐसे इस्तेमाल करें बेसन, लौट आएगी खोई हुई चमक

बेसन का इस्तेमाल कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों के बनाने के लिए किया जाता है. आप बेसन से ढोकला, बेसन के लड्डू और बेसन का चीला जैसी कई तरह की स्वादिष्ट डिश तैयार कर सकते हैं. बेसन से केवल आप कई तरह के डिशेज ही नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल स्किन के लिए भी कर सकते हैं. बेसन में कई तरह के नेचुरल चीजों को मिलाकर आप फेस पैक तैयार कर सकते हैं. बेसन का फेस पैक आपके चेहरे पर नेचुरल ग्लो लगाएगा.

ये आपकी स्किन टोन में सुधार लाता है. ये स्किन को मुलायम बनाता है. आप बेसन का इस्तेमाल करके किन तरीकों से फेस पैक बना सकते है।

आइए जानें.

कच्चा दूध और बेसन

दो चम्मच बेसन में थोड़ा सा कच्चा दूध मिलाएं. इस पेस्ट को मिलाकर चेहरे पर लगाएं. अब बेसन के पैक से कुछ देर के लिए स्किन की मसाज करें. 10 मिनट बाद इस पैक को चेहरे से हटा दें. ये पैक आपकी स्किन को क्लीन करेगा.

बेसन और नींबू

एक कटोरी में 2 चम्मच बेसन लें. इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं. अब बेसन और नींबू के पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं. 10 मिनट बाद इसे हटा दें. बेसन का ये पैक टैनिंग को भी दूर करता है. ये पैक आपकी रंगत निखारता है. एक्ने फ्री और ग्लोइंग स्किन के लिए आप इस फेस पैक का इस्तेमाल हफ्ते में 2 बार कर सकते हैं.

बेसन और शहद

आप चेहरे के लिए बेसन और शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए 1 से 2 चम्मच बेसन में 1 चम्मच शहद मिलाएं. इस पैक को चेहरे पर लगाएं. कुछ देर हल्के हाथों से स्किन की मसाज करें. बेसन और शहद के पेस्ट को 10 मिनट बाद हटा दें. ये पैक आपकी स्किन को मुलायम बनाए रखने का काम करेगा.

टमाटर और बेसन

टमाटर और बेसन से भी फेस पैक तैयार कर सकते हैं. इसके लिए एक कटोरी में 2 चम्मच बेसन में टमाटर का पल्प मिलाएं. टमाटर और बेसन के पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर बीस मिनट के लिए लगा रहने दें. अब सादे पानी से चेहरे को धो लें. टमाटर और बेसन के पैक का इस्तेमाल आप हफ्ते में 2 बार कर सकते हैं.

कुछ महिलाएं आखिर क्यों मां नहीं बन पाती हैं,आइए जानते है उसके कारण


मां बनना हर महिला का सपना होता हैं।प्रेग्नेंसी के वो 9 महीने एक्सपीरिएंस करना, हर दिन होने वाले बच्चे के बारे में नए-नए सपने बुनना. लेकिन इस सपने को फीमेल इंफर्टिलिटी (बांझपन) चूर-चूर कर देता है. एक या दो नहीं बल्कि कई महिलाएं इस परेशानी से जूझती हैं. इस कारण उनके मां बनने का सपना बहुत मुश्किल हो जाता है. बांझपन का कोई एक कारण नहीं बल्कि खाने से जुड़ा कोई रोग या एन्‍डोमीट्रीओसिस (महिलाओं से संबंधित बीमारी जिसमें पीरियड्स और सेक्स के दौरान दर्द होता है) बांझपन की वजह बन सकता है.

आप फीमेल इंफर्टिलिटी के शुरुआती लक्षणों को जानकर इस परेशानी से जल्दी छुटकारा पा सकती हैं. जितना जल्दी इलाज उतना जल्दी निजाद. लेकिन इसके लिए आपको नीचे दिए गए लक्षण पहचानने होंगे.  

1. पीरियड्स की परेशानी

अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स के दौरान दर्द या फिर पीरियड्स ना होना, अगर आपको इन तीनों में से कोई भी परेशानी है तो आपके फीमेल इंफर्टिलिटी की परेशानी हो सकती है. कई लड़कियों को समय पर पीरियड्स नहीं होते, तो किसी को पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द होता है, इन दोनों वजह से भी बांझपन का खतरा बना रहता है. अगर आपको भी ये परेशानी हो तो आज ही अपने डॉक्टर को दिखाएं.  

2. गर्भाशय से खून निकलना

पीरियड्स के अलावा कभी-कभी गर्भाशय में हल्का-हल्का खून निकलना भी बांझपन का कारण हो सकता है. इस तरह की ब्लीडिंग को फाइब्रॉएड्स कहते हैं, यह एक प्रकार का ट्यूमर होता है. यह ट्यूमर मसल्स में टिशू के ज्यादा बनने पर होता है. इस परेशानी के पीड़ित महिलाएं गर्भ धारण कर भी लें लेकिन इस ट्यूमर की वजह से मिसकैरेज का खतरा बहुत बड़ जाता है. कई मामलों में इसका इलाज सर्जरी के जरिए किया जाता है. 

 

3. सेक्स के दौरान दर्द

सेक्स के दौरान दर्द नहीं होना चाहिए लेकिन अगर आपको सेक्स के दौरान दर्द या पेन महसूस होता है तो इसे अवॉइड ना करें बल्कि डॉक्टर से तुरंत बात करें. इसकी वजह एन्‍डोमीट्रीओसिस या फिर बॉवेल मूवमेंट भी हो सकते हैं.

 

4. डिप्रेशन या नींद ना आना

एन्‍डोमीट्रीओसिस में पीरियड्स के दौरान आपको नींद ना आने की शिकायत हो सकती है. वहीं, संभव है कि इससे आपको डिप्रेशन से भी गुज़रना पड़े. इस स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं. पता करें कि यह बांझपन के लक्षण तो नहीं.  

5. फेस के बाल बढ़ना 

शरीर में टेस्टोस्टेरोन बढ़ने की वजह से चेहरे पर बाल भी बढ़ सकते हैं. खासकर अपर लिप्स एरिया और थोढ़ी पर. इसी के साथ छाती और पेट पर भी बाल हो सकते हैं. इसके अलावा सिर के बाल पतले होने की समस्या भी देखी जाती है. ये सभी बदलाव और लक्षण सेक्स हार्मोन यानी टेस्टोस्टेरोन में अव्यवस्था के कारण होते है. ऐसी अवस्था में डॉक्टर को जरूर दिखाएं. 

6. अचानक वज़न बढ़ना

कोई भी महिला खुद को मोटा होता नहीं देख सकती लेकिन वज़न में बदलाव कई कारणों से आता है. खाने पीने में बदलाव और एक्सरसाइज़ के बावजूद अगर वज़न कम ना हो तो i की वजह से डिप्रेशन होता है, डिप्रेशन से स्ट्रेस और सेक्स के दौरान (एन्‍डोमीट्रीओसिस के कारण) दर्द होता है. अगर ऐसा हो डॉक्टर को जरूर चेक कराएं. 

7.सेक्स से मन हटना

सेक्स में मन ना लगने का सीधा संबंध बांझपन से नहीं है, लेकिन इन दोनों में कनेक्शन है. लो लिबिडो (कामेच्छा में कमी) की वजह से डिप्रेशन होता है, डिप्रेशन से स्ट्रेस और सेक्स के दौरान (एन्‍डोमीट्रीओसिस के कारण) दर्द होता है. अगर ऐसा हो डॉक्टर को जरूर चेक कराएं.

मानसून में झड़ते बालों की समस्या से अगर है परेशान तो अपनाएं ये उपाय कंट्रोल होगा हेयर फॉल

चिलचिलाती गर्मी के बाद मानसून भला किसे पसंद नहीं होता है? बारिश की फुहारें और सुहाना मौसम हर किसी के दिल को सुकून पहुंचाता है। लेकिन बरसात का मौसम अपने साथ कई तरह की समस्याएं भी लेकर आता है। हेयर फॉल यानी बालों के झड़ने की समस्या भी इनमें से एक है।

मानसून में बहुत से लोग बाल झड़ने के कारण परेशान रहते हैं. चिपचिपे मौसम में बालों का झड़ना रोकने के लिए बहुत से ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी करते हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल लंबे समय में बालों को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में झड़ते बालों को रोकने के लिए आप यहां दिए गए इन तरीकों को भी आजमा सकते हैं.

आप बालों के लिए अंडे, बादाम का तेल और करी पत्ता जैसी कई तरह की चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये चीजें आपके बालों को मजबूत बनाने का काम करती हैं. इन नेचुरल चीजों का इस्तेमाल आप बालों के लिए किन तरीकों से कर सकते हैं आइए यहां जानते हैं.

अंडे और जैतून का तेल

सबसे पहले एक बाउल में अंडे को तोड़ लें. इसमें दो चम्मच जैतून का तेल मिलाएं. इन दोनों चीजों को मिलाकर स्कैल्प और बालों की मसाज करें. अंडे और जैतून के तेल के पैक को स्कैल्प पर 30 मिनट के लिए लगा रहने दें. आप हफ्ते में 1 से 2 बार इस अंडे और जैतून के तेल के पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं.

एप्पल साइडर विनेगर और बादाम का तेल

एक कटोरी में बड़ा चम्मच सेब का सिरका लें. इसमें 2 चम्मच बादाम का तेल मिलाएं. विनेगर और तेल को मिलाकर स्कैल्प की मसाज करें. इस मिश्रण से कुछ मिनटों तक स्कैल्प की मसाज करें. विनेगर और बादाम के तेल के मिक्सचर का इस्तेमाल आप हफ्ते में कम से कम 2 बार कर सकते हैं.

नारियल तेल और करी पत्ता

मानसून में बालों के लिए आप नारियल तेल और करी पत्ता का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए मुट्ठी भर करी पत्ते की जरूरत होगी. अब पैन में 5 चम्मच नारियल का तेल गर्म करें. इसमें ये पत्तियां डालें. इन पत्तियों को काले होने तक भून लें. अब गैस बंद कर दे. मिश्रण को ठंडा होने दें. इस तेल से पत्तियां अलग कर लें. इस तेल से सिर की मालिश करें. इसे एक घंटे के लिए बालों और स्कैल्प पर लगा कर रखें. ये तेल आपके बालों को समय से पहले सफेद होने से भी रोकेगा. इसके साथ ही आपके बालों को जड़ों से मजबूत बनाएगा. आप हफ्ते में 3 बार करी पत्ते का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं.

महिलाओं के लिए चक्की चलनासन का अभ्यास करने से दूर होती हैं ये समस्या आईए जानते हैं चक्की चलनासन करने का सही तरीका

वर्तमान समय में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं और इसके साथ ही अपने घर को भी संभाल रही हैं। कामकाजी महिलाओं पर घर और ऑफिस दोनों जगह की जिम्मेदारियां होती हैं, ऐसे में महिलाएं खुद का ख्याल कम रख पाती हैं। जिसके कारण कई बार महिलाओं को सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

आजकल के गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण महिलाओं में पीसीओडी, एंडोमेट्रोसिस और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप योग का सहारा ले सकती है। जी हां, रोजाना चक्की चलनासन का अभ्यास करने से महिलाओं की प्रजनन से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं। साथ ही, सेहत को कई अन्य लाभ मिलते हैं। आइए, जानते हैं महिलाओं के लिए चक्की चलनासन के फायदे 

1. पीरियड्स की समस्याओं से राहत

महिलाओं को अक्सर पीरियड्स के दौरान पेट और कमर में दर्द का सामना करना पड़ता है। चक्की चलनासन के अभ्यास से मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही, यह अनियमित पीरियड्स की समस्या को दूर करने में भी सहायक होता है।

2. प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार

चक्की चलनासन के नियमित अभ्यास से महिलाओं के प्रजनन अंगों के कार्यक्षमता में सुधार होता हुआ। यह प्रजनन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।

3. वजन घटाने में मददगार

चक्की चलनासन के नियमित अभ्यास से वजन कम करने में मदद मिलती है। यह आसान पूरे शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है। यह शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है।

4. पेट और कमर की मांसपेशियों को मजबूती दे

चक्की चलनासन पेट और कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इससे पेल्विक हिस्से की मांसपेशियां भी मजबूत होती है, जिससे गर्भधारण करने में मदद मिल सकती है।

5. तनाव को कम करे

चक्की चलनासन न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके नियमित अभ्यास से मन शांत होता है और तनाव, चिंता व अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

चक्की चलनासन करने का तरीका –

इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं और अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं।

अब हाथों जोड़ें और आगे की ओर बढ़ाएं।

अब अपनी पीठ को सीधा रखते हुए, अपने हाथों को पैरों के पास लाएं और चक्की चलाने की क्रिया को करें।

इस दौरान अपनी सांसों को सामान्य रखें।

पहले क्लॉक वाइज और फिर एंटी क्लॉक वाइज दिशा में 10-10 बार इस क्रिया को करें।

हेल्थ टिप्स:सुबह खाली पेट लहसुन की दो कली खाने से सेहत रहेगी बुलंद,बीमारियों से मिलेगी मुक्ति


सामान्य रूप से लहसुन हमारे किचन की महत्वपूर्ण सामग्री है लेकिन यह हमारी सेहत के लिए भी बड़ा फायदेमंद है। हम देखते हैं कि लहसुन का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए खूब किया जाता है।

लेकिन क्या आपको मालूम है कि खाली पेट लहसुन का सेवन करने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं। लहसुन का सेवन करने से आप खुद को कई तरह की बीमारियों से बचा सकते हैं।

लहसुन में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फैट होता है जो सेहत को कई तरह के फायदे पहुंचाता है। आज हम आपको सुबह खाली पेट लहसुन खाने के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।

सुबह खाली पेट लहसुन खाने के फायदे

रोजाना सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करने से हार्ट से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

पेट के लिए

अगर आप पेट की समस्या से परेशान हैं तो सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

दांत दर्द के लिए

अगर आप दांत दर्द से परेशान हैं तो लहसुन की एक कली आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इसमें और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं जो दांत दर्द से राहत दिलाने में सहायक है।

ब्लड शुगर

डायबिटीज के मरीजों के लिए सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।