वापस नहीं हुए नामांकन में वसूले गए रुपए
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन 41 अंगीभूत कॉलेजों के एससी-एसटी और महिला छात्र-छात्राओं से नामांकन के समय ली गई राशि डेढ़ वर्ष बाद भी वापस नहीं की गई है। सभी कॉलेजों के खाते में डेढ़ वर्ष पूर्व छात्रों के नामांकन मद में 25 करोड़ रुपए वापस किए गए थे। दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय के 41 कॉलेजों समेत पीजी अध्ययन वाले विभागों की ओर से अनुसूचित जाति, जनजाति व सभी वर्ग की महिला छात्रों से वित्तीय वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में ली गई नामांकन शुल्क की राशि अबतक नहीं लौटाई जा सकी है।

2023 के मार्च में 25 करोड़ रुपए लौटा दी थी

विश्वविद्यालय की ओर से वर्ष 2016 से 20 तक इस मद के लिए सरकार से 74 करोड़ 21 लाख 41 हजार 1 सौ 33 रुपए की मांग की गई थी। इसके आलोक में सरकार ने विभिन्न 41 कॉलेजों के लिए वर्ष 2023 के मार्च माह में ही 25 करोड़ रुपए लौटा दी थी।

इसके बाद भी अब तक वापसी मद की राशि छात्र-छात्राओं को नहीं लौटाई जा सकी है। इधर 18 जुलाई को उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय समेत राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र जारी करते हुए बताया है कि विभागीय स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट की स्वीकृति की समीक्षा बैठक की जा रही है।

मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अजय कुमार पंडित ने बताया कि सरकार की ओर से अबतक शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति राशि नहीं मिली है। उक्त श्रेणी के जिन छात्रों से राशि ली गई हो, वे अपने कॉलेजों में दावा कर सकते हैं, राशि उपलब्ध होने पर लौटाई जानी चाहिए।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
जीतन सहनी मर्डर केस उलझा, शक के दायरे में परिजन
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी(70) का मर्डर केस उलझता जा रहा है। दो दिन पहले पुलिस इस मामले में कासिम अंसारी को गिरफ्तार की है। इसे मुख्य आरोपी बताया गया है। अब पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड में मुकेश सहनी के रिश्तेदार का भी हाथ है। पुलिस उनके रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। इसमें एक-दो परिजन शक के दायरे में हैं। हालांकि दरभंगा के एसएसपी जगरनाथ रेड्डी फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। पुलिस ने इस मर्डर केस को लगभग सॉल्व करने का दावा किया था। थ्योरी थी कासिम सूद का पैसा देने में असमर्थ था। इसलिए अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। लेकिन मुकेश सहनी का कहना है कि उनके पिता लोगों की मदद करते थे। सूद की बात को उन्होंने नकार दिया है।

जिसने मदद की उसी का मर्डर यह सोचनीय- मुकेश सहनी

मुकेश सहनी ने पुलिसिया जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जल्दबाजी में फैसला लेने के बजाय डिटेल्ड तहकीकात करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि दिवंगत जीतन सहनी ब्याज का धंधा करते थे, इस विषय पर स्थानीय लोगों से जब पूछा जाएगा, तो लोग खुद कहेंगे, नहीं करते थे। वे स्थानीय लोगों की मदद जरूर करते थे। अगर कोई किसी की मदद करे और वही फिर मार दे तो यह सोचनीय है, कोई किसी को क्यों मदद करेगा?

शक के घेरे में कई लोग- SSP

एसएसपी जगरनाथ रेड्डी ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल हथियार अब तक बरामद नहीं किया गया है। पुलिस हथियार बरामद करने में जुटी है। वहीं, गिरफ्तार आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इसको लेकर प्रक्रिया शुरू की गई है।

उन्होंने आगे कहा कि अगल-बगल लगे सभी सीसीटीवी की जांच की है। अब तक कोई अलग से सबूत नहीं मिले है। कुछ लोग संदिग्ध के घेरे में हैं, उन लोगों की भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही कई लोग शक के घेरे में है। अभी किसी को क्लीन चिट नहीं दे सकते हैं।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में पुल का डायवर्सन बहा
दरभंगा के जाले के विवादित बेलबाड़ा कमतौल में ग्रामिणों ने वोट का वहिष्कार किया था। अधिकारियों के आग्रह पर फिर वोटिंग हुई थी। वहीं अब पुल का डायवर्सन बह गया है। सड़क बंद हो गई है। यहां कमर से उपर पानी है। दस मिनट का सफर अब एक घंटे का हो गया है। गौतम आश्रम और मौनीबाबा आश्रम का चक्कर लगाकर उस पार जाना होगा। इससे काफी परेशानी हो रही है।

क्या बोला राहगीर

राहगीर ने बताया की कल अपने एक मित्र के बेटे के फलदान में अहियारी जाना था। सोचा शाॅटकट इसी रास्ते निकल जाउंगा, यहां पुल के नीचे काफी पानी था। हारकर गौतम आश्रम वाली सड़क का सहारा लिया।

अभी कुछ कदम गया था की बारिश आ गई। मिनटों का सफर घंटों का बन गया, पुरी दायी तटबंध की स्थिती जर्जर है। कई जगह दरारें पड़ी हुई हैं।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट