आज जो कुछ हूं देवतुल्य जनता की वजह से - रवि किशन

गोरखपुर।फिल्म स्टार और गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला का आज 55 वां जन्मदिन दिन है। इस अवसर पर उन्होंने गोरखनाथ मंदिर मे भगवान गोरखनाथ जी का दर्शन पूजन किया और तारा मंडल मे हनुमान मंदिर व गोलघर काली मंदिर पर भंडारे का आयोजन किया गया।

सांसद बुधवार को गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचे यहां समर्थकों की भीड़ पहले से ही उनका इंतजार कर रही थी। सांसद का जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद सांसद ने बुढ़िया माता का दर्शन किया। इसके साथ ही उन्होंने देवरिया बाईपास पर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर और गोलघर काली मंदिर में भी पूजा अर्चना की।

इस असर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमे भरी संख्या में समर्थक मौजूद रहे।

सांसद ने बेतियाहाता स्थित कुष्ठ आश्रम में बच्चे और बुजुर्गों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। इस दौरान उन्होंने इनमें भोजन और वस्त्र भी वितरित किया।

सांसद रवि किशन ने कहा कि आज मैं जो भी जनता की बदौलत हूं। जनता की सेवा ही मेरी प्राथमिकता है। गरीबों को सेवा के लिए ही मेरा जन्म हुआ है। मैं इस जिम्मेदारी को ईमानदारी से पूरा करता रहूंगा।

पीएम मोदी, सीएम योगी सहित इन्होंने दी शुभकामनाएं

सांसद रवि किशन ने बताया कि मेरे जन्मदिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, कई प्रदेश के मुख्यमंत्रियों सहित शीर्ष संगठन के पदाधिकारियों ने शुभकामनाएं दी। मैं आप सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। आप सबका मार्गदर्शन और स्नेह ही मेरी ताकत है।

भविष्य के अनुकूल होगी धान और गेहूं की खेती, घटेगी लागत, बढ़ेगी उत्पादकता

गोरखपुर। अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) के सहयोग से पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान और गेहूं की खेती भविष्य के अनुकूल होगी। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादकता बढ़ेगी। इरी ने इस दिशा में महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) चौक माफी पीपीगंज और गोरखनाथ मंदिर के चौक बाजार (महराजगंज) स्थित 500 एकड़ के फार्म के साथ अनुसंधान परियोजना पर काम शुरू कर दिया है।

इस परियोजना के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। इरी ने महायोगी केवीके चौक माफी और चौक बाजार, महराजगंज स्थित फार्म के एक हिस्से पर इस सीजन में धान की सीधी बुआई कराई। इससे खर पतवार से मुक्ति तो मिली ही है, रोपाई का खर्च भी बच गया है।

इरी के साउथ एशिया रीजनल सेंटर (वाराणसी) के डायरेक्टर डॉ. सुधांशु सिंह के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने बुधवार को चौक बाजार स्थित फार्म पर धान की खेती का निरीक्षण किया और अब तक किए गए प्रयोग/अनुसंधान के परिणाम का मूल्यांकन किया। निरीक्षण और मूल्यांकन के बाद डॉ. सुधांशु सिंह ने बताया कि फार्म के एक हिस्से पर समय रहते मशीन से धान की सीधी बुआई कराई गई थी। इसके कारण फसल में खर पतवार नहीं लगे हैं।

सीधी बुआई से रोपाई की लागत बच गई है। रोपाई में खर पतवार का पनपना आम समस्या भी है। उन्होंने बताया कि समय पर धान की सीधी बुआई करा दी जाए तो प्रति एकड़ 10 से 15 हजार रुपये की लागत कम हो जाएगी। साथ ही खर पतवार की समस्या से भी निजात मिल जाएगी।

इरी के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, महायोगी गोरखनाथ केवीके के साथ मिलकर धान की ऐसी खेती की प्रविधि पर काम कर रहा है जिससे मीथेन का उत्सर्जन कम हो, खाद और सिंचाई की लागत घटे और उत्पादकता में गुणात्मक और मात्रात्मक वृद्धि हो। इसके लिए धान की कई किस्मों को लेकर अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि गेहूं की बुआई समय पर होनी चाहिए। 15 नवंबर के बाद गेहूं की बुआई करने पर 40 से 45 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर प्रति दिन की उत्पादकता गिरती है। डॉ. सुधांशु ने बताया कि इरी पूर्वी उत्तर प्रदेश में सहफसली और मिश्रित खेती को लेकर भी विशेष परियोजना पर काम कर रहा है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के साथ कालानमक धान की खेती पर अनुसंधान किया जा रहा है। साथ ही उन्नत, क्लाइमेट स्मार्ट और बायोफर्टिफाइड धान की किस्मों को भी, जिसमें हाई जिंक प्रमुख है, को वर्टिकल कैफेटेरिया में भी लगाया गया है। सभी परियोजनाओं के प्रारंभिक परिणाम सुखद और उत्साहवर्धक आए हैं।

चौक बाजार स्थित फार्म पर धान की खेती का निरीक्षण करने के दौरान डॉ. सुधांशु सिंह के साथ भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह, इरी के सीनियर एसोसिएट साइंटिस्ट डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, महायोगी गोरखनाथ केवीके चौक माफी के अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह, वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव आदि भी मौजूद रहे।

बुद्धि परीक्षण का भारतीय संस्करण भारतीय परिवेश के मुताबिक: निदेशक जितेंद्र यादव

गोरखपुर। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने सीआरसी गोरखपुर और राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान सिकंदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में इंडियन टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सतत पुनर्वास कार्यक्रम के समापन के दौरान कही।

बता दे उक्त विषयक सीआरई कार्यक्रम तीन दिन से सीआरसी गोरखपुर में चल रहा था। बतौर संयुक्त कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार और डॉ सुनीता देवी ने कार्यक्रम का समन्वय किया। कार्यक्रम में देश के अलग-अलग भागों से नैदानिक और पुनर्वास मनोवैज्ञानिकों के साथ-साथ पुनर्वास व्यवसायिकों ने प्रतिभाग किया। बतौर रिसोर्सपर्सन डाॅ सुनीता देवी एवं डॉ सरोज आर्या मैडम ने टेस्ट की बारीकियों के बारे में प्रतिभागियों से विस्तृत चर्चा किया।

जिसमें टेस्ट के लिए एकत्र किए गए नमूने और उनकी वैधता तथा परीक्षण के संचालन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। बता दें सीआरई कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय पुनर्वास परिषद में पंजीकृत व्यावसायिक अपने पंजीकरण प्रमाण पत्र का नवीनीकरण करवाते हैं।

टीबी का लक्षण हो तो दस्तक की टीम को बताएं, इलाज में मदद पाएं

गोरखपुर।जिले में इस समय चल रहे दस्तक अभियान के दौरान टीबी के नये मरीजों को खोजने पर विशेष जोर है। इकतीस जुलाई तक चलने वाले इस अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर घर जाने का निर्देश दिया गया है। भ्रमण के जरिये वह बुखार के रोगियों को सूचीबद्ध करेंगी, संचारी रोगों से बचाव के उपाय बताएंगी, डायरिया रोको अभियान के तहत ओआरएस का पैकेट देंगी और साथ ही साथ टीबी, फाइलेरिया और कुष्ठ के मरीजों को भी खोजेंगी।

वर्ष 2025 तक जिले में टीबी का उन्मूलन हो सके, इसके लिए विभागीय प्रयासों के साथ समुदाय के स्तर से सहयोग मिलना नितांत आवश्यक है। लोगों से अपील है कि वह घर घर घूम रही आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को टीबी के संभावित लक्षण वाले मरीजों के बारे में जरूर बताएं। इस टीम की मदद से मरीजों की न केवल जांच हो सकेगी, बल्कि सम्पूर्ण इलाज भी संभव होगा।’’

यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी। वह एक चेस्ट फिजिशियन भी हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक की खांसी आ रही है तो वह टीबी का मरीज भी हो सकता है। ध्यान रखना है कि खांसी का ऐसा हर मरीज टीबी का रोगी नहीं होता है, लेकिन अगर यह लक्षण है तो टीबी की जांच करूर कराई जानी चाहिए। इसके अलावा बलगम में खून, सांस फूलना, तेजी के साथ वजन गिरना, भूख न लगना, रात में पसीने के साथ बुखार आना जैसे लक्षण भी टीबी में नजर आते हैं। अगर किसी के परिवार का कोई सदस्य या पड़ोसी व रिश्तेदार इन लक्षणों से ग्रसित है तो उसे जांच के लिए प्रोत्साहित करना है।

अगर ऐसे लोगों की समय से जांच हो जाए और इलाज हो तो वह न केवल वह ठीक हो जाते हैं, बल्कि दूसरे लोग भी टीबी संक्रमित होने से बच जाते हैं।

डॉ दूबे ने बताया कि सामाजिक भेदभाव के डर से टीबी मरीज जांच व इलाज के लिए कई बार सामने नहीं आते हैं। अगर एक मरीज की समय से पहचान कर इलाज न हो तो वह वर्ष में दस से बारह लोगों को टीबी संक्रमित कर सकता है, लेकिन यदि ऐसे मरीज को खोज कर तुरंत दवा शुरू कर दी जाए तो वह तीन हफ्ते बाद किसी को भी संक्रमित नहीं करता है। सरकारी अस्पतालों में टीबी की समस्त जांचे व इलाज की सुविधा उपलब्ध है । मरीजों को इलाज के साथ सही पोषण देने के लिए पांच सौ रुपये प्रति माह की दर से उनके खाते में भी दिये जाते हैं। इस तरह ड्रग सेंसिटिव टीबी मरीज छह माह में, जबकि ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी मरीज डेढ़ से दो साल में ठीक हो जाता है।

इन स्थानों पर है सुविधा

 सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर बलगम संग्रह कर पीएचसी से जांच कराई जाती है

 सीएचसी पर बलगम के साथ एक्स रे जांच की सुविधा

 पीएचसी पर बलगम जांच की सुविधा

 जिला क्षय रोग केंद्र, बड़हलगंज और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सीबीनॉट जांच की सुविधा

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कल्चर डीएसटी जांच की सुविधा

नौ हजार से ज्यादा मरीज उपचाराधीन

सीएमओ ने बताया कि जिले में इस समय टीबी के करीब नौ हजार से अधिक मरीज उपचार ले रहे हैं। जो मरीज जरूरतमंद हैं उन्हें निःक्षय मित्रों के जरिये एडॉप्ट भी कराया जा रहा है ताकि उनकी अच्छी देखभाल हो सके।

बेलघाट क्षेत्र का एक 'भूत' बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जाते ही हो गया काबू, जाने क्या है पूरा मामला

गोरखपुर के बेलघाट क्षेत्र का एक 'भूत' बीआरडी मेडिकल कॉलेज में काबू में आ गया। इसके कारण एक परिवार पिछले आठ महीने से परेशान था। परिवार में अजब-गजब घटनाएं हो रही थीं। रात को किचन के बर्तन टूटे मिलते। घर की खिड़कियों के शीशे टूट जाते।

घर के बाहर खड़ी गाड़ियों के टायर पंक्चर हो जाते। आधी रात को छत से आवाजें आतीं। परिवार की युवती ही ये सब हरकतें कर रही थी। साल भर बाद डॉक्टर असल मर्ज का पता लगा पाए। इस दौरान युवती की तबीयत भी बिगड़ने लगी। वह अनाप- शनाप बोलने लगी। शाम होते ही उसका व्यवहार बदल जाता। परिजनों को लगा कि उस पर जिन्न का प्रकोप हो गया है। परिवार ने पहले झाड़-फूंक कराई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। करीब तीन महीने से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों को अब जाकर मर्ज का पता चला है।

युवती को है इश्क का बुखार

बताया जाता है कि पीड़िता अल्पसंख्यक परिवार की है। परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई भी है। पीड़िता को रिश्तेदारी के एक युवक से प्रेम है। वहीं भाई को भी रिश्तेदारी के एक युवती से इश्क हो गया है। परिवार ने बेटे के रिश्ते को मंजूर कर लिया, निकाह की बात चल रही है। वहीं युवती के इश्क पर परिवार को ऐतराज है।

मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आमिल हयात खान ने बताया कि परिवार के इनकार के बाद युवती को तगड़ा मानसिक आघात लगा है। वह डिसोसिएशन की शिकार हो गई है। यह एक मानसिक बीमारी है। उसके शरीर में ऐंठन होने लगती है। दिमाग में फितूर भर जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज को अजीब तरह की हरकतें करने में मजा आता है। इलाज के साथ ही युवती की काउंसलिंग भी की जा रही है। इसका असर हो रहा है। परिजनों को भी समझाया गया है।

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महायोगी गोरखनाथ विवि की विशिष्ट पहचान : डॉ. जीएन सिंह

गोरखपुर, 16 जुलाई। भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने अनुशासन, नवाचार, परिसर संस्कृति और मानव सेवा के भाव से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। अपने अभिनव शिक्षण पद्धति से बहुत ही कम समय में यह विश्वविद्यालय रोल मॉडल के रूप में प्रतिष्ठित हो गया है।

डॉ. सिंह मंगलवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में नवीन सत्र के विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी बहुत ही सौभाग्यशाली हैं। यहां विद्यार्थियों को संस्कार और अद्यानुतन तकनीक के साथ शिक्षित होकर सशक्त नागरिक बनने का अवसर प्राप्त होगा।

दीक्षारंभ समारोह में सम्मिलित सभी नवांकुरो के उच्च शिक्षा के प्रथम संस्कार की बधाई देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि पूर्ण विश्वास है किआप सभी इस विश्वविद्यालय की मान मर्यादा को अपने नवाचारों से और प्रतिष्ठत करेंगे।

नवागत विद्यार्थियों का परिसर में स्वागत करते हुए कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद शिक्षा के क्षेत्र में लब्ध प्रतिष्ठित संस्थान है। इसके अंतर्गत संचालित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने चार वर्षो की यात्रा में कई प्रतिमान स्थापित किए हैं। यहां के शिक्षको के कुशल नेतृत्व में निरंतर नवाचारों से कई विषयों में अन्वेषण जारी है। डॉ. राव ने कहा कि अनुशासन की ताप में तपे यहां के विद्यार्थी अन्य संस्थानों के लिए अनुकरणीय के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रहे हैं। इस विश्वविद्यालय की परिकल्पना एक ऐसी व्यवस्था को जन्म देना है जो स्वचालित हो। जिसमे विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारी स्वतः संज्ञान लेते हुए एक ऐसे विश्वविद्यालय का निर्माण करें जो लोकार्थ की भावना से ओत- प्रोत होते हुए सभी के लिए अनुकरणीय हो। उन्होंने कहा कि बड़े लक्ष्य के लिए अनुशासन, कार्य निष्ठा, स्वयं के कार्य के प्रति ईमानदारी, सात्विक भाव अर्पण होना चाहिए। दीक्षारंभ संस्कार की पहली पाठशाला है जहा पहली बार विश्वविद्यालय के आंगन में ज्ञान अर्जन के लिए गुरु शिष्य का परिचय साक्षात्कार होता है। पूर्ण विश्वास है अकादमिक सत्र में नए विद्यार्थी विश्वविद्यालय का नाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेंगे ।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने 1932 में शिक्षा के जिस बीज का अंकुरण किया था आज वह विशाल वट के रूप में स्थापित हो चुका है। उन्होंने कहा कि दीक्षारंभ से नए विद्यार्थियों को एक-दूसरे को जानने का अवसर मिलता है। नए विद्यार्थी कोमल माटी के समान होते हैं, उन्हे जिस आकर में ढाला जायेगा वो उसी में ढल जायेंगे। इसलिए शिक्षकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे सभी विद्यार्थियों को उनकी क्षमता के अनुरूप भविष्य के लिए तैयार करें।

दीक्षारंभ समारोह में मुख्य अतिथि,कुलपति, कुलसचिव आदि ने मां सरस्वती, गुरु गोरखनाथ के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। धन्यवाद ज्ञापन नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. डीएस अजीथा ने किया। दीक्षारंभ समारोह में प्रमुख रूप से फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शशिकांत सिंह, अधिष्ठता प्रो. सुनील कुमार सिंह, डॉ. विमल कुमार दूबे, डॉ. रोहित श्रीवास्तव, डॉ. अमित दूबे, डॉ. अनुपमा ओझा, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. विकास यादव, धनंजय पांडेय, डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव, डॉ. संदीप श्रीवास्तव, श्वेता अल्बर्ट सहित सभी विभागों के शिक्षक उपस्थित रहे।

इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों की याद में घर-घर हुई फातिहा

गोरखपुर। नौवीं मुहर्रम को अकीदतमंदों ने विविध तरीकों से हज़रत सैयदना इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों को खिराजे अकीदत पेश किया। उलमा किराम ने इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों पर रोशनी डाली।

इमाम हुसैन, अहले बैत व कर्बला के शहीदों की याद में क़ुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी हुई। जिन लोगों ने नौवीं मुहर्रम को रोज़ा रखा था उन्होंने शाम को रोज़ा खोलकर अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए इबादत की। अकीदतमंदों ने घर व मस्जिद में क़ुरआन शरीफ़ की तिलावत की। अल्लाह का जिक्र किया। दरूदो सलाम का नज़राना पेश किया। पूरा दिन हज़रत इमाम हुसैन की कुर्बानियों को याद करते हुए बीता।

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नौवीं मुहर्रम को हुआ सामूहिक रोजा इफ़्तार

गोरखपुर। मंगलवार को ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की ओर से सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद में रोजा इफ्तार का आयोजन हुआ। जिसमें अकीदतमंदों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। रोज़ा इफ़्तार में जिलाध्यक्ष समीर अली, मो. फैज, मो. जैद कादरी, अमान अहमद, रियाज़ अहमद, मो. जैद चिंटू, अली गज़नफर शाह, मो. शारिक, एहसन खान, अब्दुर्रहमान, नूर मोहम्मद दानिश आदि ने महती भूमिका निभाई। बुधवार दसवीं मुहर्रम को भी शाम 6:55 बजे सामूहिक रोजा इफ़्तार होगा। वहीं रहमतनगर में लंगरे हुसैनी बांटने का सिलसिला जारी रहा।

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आज पूरी दुनिया इमाम हुसैन को याद कर रही है : उलमा किराम

मुहर्रम की दसवीं तारीख़ बहुत फजीलत वाली

गोरखपुर। ‘जिक्रे शोहदाए कर्बला’ महफिल के तहत मंगलवार को गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि मुहर्रम बरकत व अजमत वाला महीना है। मुहर्रम की 10वीं तारीख़ जिसे आशूरा कहा जाता है वह बहुत ही फजीलत वाली है। इसी दिन इमाम हुसैन व उनके साथियों को शहीद किया गया। तारीख़ गवाह है कि आज तक दुनिया में हजारों जंग हुईं। उन सारी जंगों को लोगों ने एकदम से भुला दिया मगर मैदाने कर्बला में हुई हक़ व बातिल की जंग रहती दुनिया तक याद रखी जाएगी।

मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद इमामबाड़ा तुर्कमानपुर में नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि अल्लाह की रज़ा के लिए अपने आपको और अपनी औलाद को कुर्बान करना और उस पर सब्र करना हज़रत इमाम हुसैन और उनके हौसले की ही बात थी। हज़रत इमाम हुसैन ने धर्म व सच्चाई की हिफाजत के लिए खुद व अपने परिवार को कुर्बान कर दिया, जो शहीद-ए-कर्बला की दास्तान में मौजूद है। हम सब को भी उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है।

गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि कर्बला की जंग मनसब नहीं इंसानियत की जंग थी। यही वजह है कि हज़रत इमाम हुसैन ने उस जंग में अपने पूरे खानदान को कुर्बान तो कर दिया मगर जालिम यजीद जो बातिल और बुराई का प्रतीक था, उससे समझौता नहीं किया। दुनिया में कोई ऐसा इंसान नहीं है जो अपने बच्चे, जवान और बुजुर्ग सभी को अल्लाह की रज़ा की खातिर कुर्बान कर दे। साथ ही साथ हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करता रहे। हमें प्रण लेना चाहिए कि हम अपनी पूरी ज़िंदगी इमामे हुसैन के नक्शे कदम पर चलकर गुजारेंगे, तभी हमें कामयाबी मिलेगी।

बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि इमाम हुसैन की जंग हुकूमत हासिल करने के लिए नहीं बल्कि इंसानों को सही रास्ते पर लाने के लिए थी। हज़रत इमाम हुसैन की अजमतों को लाखों सलाम जान तो कुर्बान कर दी लेकिन रूहे इस्लाम बचा ली।

मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि इमाम हुसैन व उनके जांनिसारों ने कर्बला की तपती रेत पर भूखे प्यासे रहकर अज़ीम कुर्बानियां पेश की। 10वीं मुहर्रम (आशूरा) के दिन रोज़ा रखना, सदका करना, नफ़्ल नमाज पढ़ना, एक हजार मर्तबा सूरह इख्लास पढ़ना, यतीमों के सर पर हाथ रखना, घर वालों के लिए अच्छा खाना बनवाना, सुर्मा लगाना, गुस्ल करना, नाखून तराशना और मरीजों की बीमार पुर्सी करना, इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों के लिए फातिहा-नियाज करना अच्छा काम है। खिचड़ा और सबीले इमाम हुसैन वगैरा बांटने में सवाबे खैर है। दसवीं मुहर्रम को गुस्ल करें, क्योंकि उस रोज ज़मज़म का पानी तमाम पानियों में पहुंचता है।

रसूलपुर जामा मस्जिद में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ‘खुतबा हज्जतुल विदा’ में फरमाया है कि ऐ लोगों मैंने तुममें वह चीज छोड़ी है कि जब तक तुम उनको थामें रहोगे, गुमराह न होगे। पहली चीज ‘अल्लाह की किताब’ और दूसरी ‘मेरे अहले बैत’।

नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना असलम ने कहा कि इमाम हुसैन दीन-ए-इस्लाम को बचाने के लिए शहीद हुए। इमाम हुसैन ने कर्बला में शहादत देकर बता दिया कि जुल्म दीन-ए-इस्लाम का हिस्सा नहीं है।

सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद ने कहा कि इमाम हुसैन का मकसद दुनिया को दिखाना था कि अगर इंसान सच्चाई की राह पर साबित कदम रहे और सहनशीलता का दामन न छोड़े तो उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है। आज इमाम हुसैन को पूरी दुनिया याद कर रही है।

मुकीम शाह जामा बुलाकीपुर में मौलाना फिरोज निजामी ने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन के पुत्र इमाम ज़ैनुल आबेदीन जो कर्बला के मैदान में बीमारी की हालत में मौजूद थे, उन्होंने कर्बला में तमाम शहादतों के बाद वहां से शाम तक के सफर में अपने खुतबों से हज़रत इमाम हुसैन के मिशन को आगे बढ़ाया। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई।

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इमाम चौकों पर रखी गई ताजिया

गोरखपुर। नौवीं मुहर्रम को हज़रत सैयदना इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को याद करते हुए शाम के समय तमाम इमाम चौकों पर छोटे-बड़े ताजिया रख कर फातिहा पढ़ी गई। इमाम चौकों पर शर्बत व मलीदा पर भी फातिहा ख्वानी की गई। हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों के वसीले से दुआ व मन्नत मांगी गई। विभिन्न इमाम चौकों व घरों में मलीदा, शर्बत, खिचड़ा व बिरयानी बनाकर अकीदतमंदों में बांटा गया। अकीदतमंदों ने इमाम चौकों पर बड़े ताजिया के साथ छोटे ताजिया मन्नत के तौर पर रखे। कई क्षेत्रों में अकीदतमंद छोटी-छोटी ताजिया खरीदते दिखे। मियां बाज़ार स्थित इमामबाड़ा व जाफ़रा बाजार स्थित कर्बला में फातिहा ख्वानी के लिए अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी। जुलूसों का सिलसिला भी जारी रहा। देर रात तक लाइन की ताजिया का जुलूस निकलता रहा। देश विदेश की मस्जिदों व दरगाह का अक्स ताजिया में नजर आया। एक से बढ़कर एक ताजिया सड़कों पर नज़र आई। लाइन की ताजिया का केंद्र गोलघर रहा। लोग मोबाइल में ताजिया की फोटो व वीडियो कैद करते दिखे।

मुहर्रम सकुशल संपन्न कराने हेतु थाने में बैठक हुई

खजनी गोरखपुर।बुद्धवार को मोहर्रम की दसवीं का जुलूस सकुशल संपन्न कराने के लिए मंगलवार को क्षेत्राधिकारी खजनी की अध्यक्षता में थाना परिसर में पीस कमेटी की बैठक की गई। जिसमें थानाध्यक्ष सभी चौकियों के प्रभारी, थाने के पुलिसकर्मी और मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

क्षेत्राधिकारी ने मोहर्रम के जुलूस के दौरान क्षेत्र में किसी प्रकार का विवाद न हो इसे सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी तरह से कानून उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से किसी को भी तेज आवाज में डीजे नहीं बजाने का आदेश दिया। कहा कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में क्षेत्राधिकारी ओंकारदत्त तिवारी, थानाधक्ष शैलेन्द्र शुक्ला ने मोहर्रम को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने और आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की। इस दौरान कुछ ताजिएदारों ने रास्ते में हाईटेंशन तार और रास्ते के विवाद और अन्य की समस्याओं से अवगत कराया। सीओ ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

इस दौरान चौकी इंचार्ज उनवल, महुआडाबर थाने के एसआई एवं सभी चौकीदार भी मौजूद रहे।

बाइक से सड़क पार कर रहे युवक को बाइक सवार ने मारी टक्कर, गंभीर

खजनी गोरखपुर।थाने की उनवल चौकी क्षेत्र के पावर हाउस के समीप रोड क्रास कर रहे युवक को बाइक सवार ने टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल युवक को शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

पुलिस को दी गई तहरीर में उनवल नगर पंचायत के वार्ड संख्या-3 के निवासी ओमप्रकाश के पुत्र मुन्ना ने बताया है कि आज अपराह्न 4.30 बजे खजनी बांसगांव मार्ग पर उनवल पावर हाउस के पास बाइक से सड़क पार कर रहे उनके चचेरे भाई श्रीप्रकाश के पुत्र अजीत कुमार को बाइक यूपी 53 बीएम 0746 पर सवार एक व्यक्ति ने विपरीत दिशा से आ कर जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर रूप से घायल युवक को इलाज के लिए जिले के एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है।

उनवल चौकी इंचार्ज सोनेंद्र सिंह ने बताया कि सूचना मिली है जल्दी ही आरोपित बाइक सवार को तलाश कर लिया जाएगा।

मोहर्रम शांति पूर्ण संपन्न कराने हेतु उनवल कस्बे में पुलिस का रूट मार्च

खजनी गोरखपुर।थाने की उनवल चौकी क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत कस्बा संग्रामपुर उनवल में मोहर्रम त्योहार के मौके पर बुद्धवार को निकालने वाले दसवीं के जुलूस के दौरान शांति सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से आज खजनी पुलिस ने पीएसी बल के जवानों के साथ सघन रूट मार्च करते हुए स्थानीय लोगों को प्रशासन की मुस्तैदी और सुरक्षा का भरोसा दिलाया।

टीम ने कस्बे के विभिन्न वार्डों में जुलूस निकलने वाले सभी संपर्क मार्गों पर भ्रमण किया।

इस दौरान थानाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में थाने और चौकी की पुलिस टीम तथा पीएसी बल के जवान मौजूद रहे।