मुकेश सहनी की पिता के हत्या के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार पर किया यह तीखा कटाक्ष

पटना : वीआईपी सुप्रीमो व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की हत्या कर दी गई है। आज मंगलवार की सुबह उनकी क्षत-विक्षत लाश उनके दरभंगा जिले के पैतृक गांव स्थित आवास से बरामद हुई है। इधर उनके पिता की हत्या के बाद इसपर सियासत शुरु हो गई है। विपक्ष इस मामले को लेकर प्रदेश की एनडीए सरकार और खासकर सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर है।

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी राज्य सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर कर दिया है। उन्होंने सहनी के पिता की हत्या पर दुख जताया है। साथ ही इसके लिए उन्होंने सीधे-सीधे बिहार की खराब कानून व्यवस्था को जिम्मेदार बता दिया है। तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को थका हुआ नेता बता दिया है।

तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा "वीआईपी पार्टी के संरक्षक एवं बड़े भाई मुकेश सहनी जी के पिता जी की अपराधियों द्वारा निर्मम हत्या की दुःखद खबर सुन स्तब्ध एवं मर्माहत हूँ। शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर से प्रार्थना है कि इस दुख की घड़ी में परिजनों को दुःख सहने की शक्ति एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।

प्रदेश में आतंकराज स्थापित हो चुका है। निरंतर कह रहा हूँ कि बिहार की डबल इंजन पावर्ड सरकार में सत्ता संपोषित, सत्ता संरक्षित और सत्ता प्रायोजित सरकारी अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि वो जब चाहे, जहां चाहे, जैसे चाहे, कैसे भी, किसी की भी हत्या कर सकते है।

NDA सरकार सच्चाई स्वीकारने की बजाय वही घिसा-पीटा डायलॉग दोहरती रहती है कि सुशासन का राज है जबकि प्रतिदिन सैकड़ों लोग आपराधिक घटनाओं में अकाल मौत मारे जा रहे है। हम तो क्राइम बुलेटिन भी जारी करते है लेकिन अहंकारी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। टायर्ड नेता और रिटायर्ड अधिकारी प्रदेश की विधि व्यवस्था सम्भालेंगे तो यही हश्र होगा"

वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अखिलेश सिंह ने बिहार सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश सिंह ने कहा कि जिसने भी इस तरह का कार्य किया है उसे सलाखों के पीछे पहुंचना चाहिए। उन्होंने प्रदेश की नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आए दिन प्रदेश के तकरीबन हर जिले में हत्या हो रही है और नीतीश जी कान में तेल डालकर सोए हुए हैं।
अब दुनिया भर में मशहूर हुआ बिहार का हाजीपुर शहर, यहां के बने बूट पहनकर रुसी सेना सैन्य अभियान में करती है मार्च

डेस्क : बिहार के वैशाली जिले का जिला मुख्यालय हाजीपुर अबतक केले की खेती के लिए जाना जाता था। लेकिन अब इसकी एक अलग पहचान बनी है। जिसे लेकर यह देश ही नहीं विदेश में भी मशहूर हो गया है। अब इस शहर ने रूसी सेना के लिए बूट बनाकर खुद की नई इबारत लिखी है। ऐसा करके हाजीपुर शहर दुनियाभर में मशहूर हो गया है। रूस का यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है। यूक्रेन में सैन्य अभियानों के दौरान रूसी सैनिक हाजीपुर में बने 'मेड इन बिहार' जूतों को पहनकर मार्च करती है। इस तरह हाजीपुर शहर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान दर्ज कराई है।

*यह कंपनी बनाती है ये जूते*

हाजीपुर के इंडस्ट्रेलियल एरिया स्थित कॉम्पिटेंस एक्सपोर्ट्स (Competence Exports) कंपनी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, जो रूस में स्थित कंपनियों के लिए सेफ्टी शूज् रूसी की सेना के लिए जूते बनाती है। यह साथ ही यह कंपनी यूरोपीय बाजारों के लिए भी डिजाइनर जूते बनाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस कंपनी के जूतों की वहां काफी डिमांड है।

कंपनी के जनरल मैनेजर ने बताया, 'हमने 2018 में हाजीपुर फैसेलिटी शुरू की। इसके पीछे का मुख्य मकसद स्थानीय लोगों को रोजगार पैदा करना है।' उन्होंने ने बताया, 'हाजीपुर में सेफ्टी शूज बनाते हैं, जिन्हें रूस को एक्सपोर्ट किया जाता है। अभी रूस को ही एक्सपोर्ट किए जाते हैं। हम धीरे-धीरे यूरोप पर भी काम कर रहे हैं और जल्द ही घरेलू बाजार में लॉन्च करेंगे।'

उन्होंने बताया कि जूतों को रूसी सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है। ये जूते हल्के और फिसलन रोधी होते हैं। इन जूतों को फिसलन रोधी बनाने के लिए इनके तलवों को खास तरह से डिजाइन किया गया है। इतना ही नहीं इन जूतों को -40 डिग्री सेल्सियस के जबरदस्त ठंड के मौसम के लिए बनाया गया है। बताया गया है कि जब रूसी सैनिक इन जूतों को पहनते हैं, तो उनके पैर जबरदस्त ठंड से बच पाते हैं। रॉय ने बताया है कि इन्हीं खूबियों के चलते ही रूसी सैनिकों के लिए ये जूते पहली पसंद बने हुए हैं।

बताया कि उनकी कंपनी रूस के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। कंपनी के एमडी की महत्वाकांक्षा बिहार में एक वर्ल्ड क्लास फैक्ट्री बनाने और राज्य के रोजदार में योगदान देना है। हम कर्मचारियों को अधिकतम रोजगार देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, जिनमें से 300 कर्मचारियों में से 70 फीसदी महिलाएं हैं।' उन्होंने बताया कि पिछले साल 1.5 मिलियन जोड़ी जूते निर्यात किए गए, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये है। उनका टारगेट अगले साल इसे 50 फीसदी तक बढ़ाना है।
सीएम नीतीश कुमार ने वीआईपी सुप्रीमों को कॉल कर पिता के निधन पर जताया गहरा शोक, डीजीपी को दिया तुरंत एक्शन लेने का निर्देश

डेस्क : दरभंगा में वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस हाईप्रोफाइल हत्या की घटना के बाद हाई प्रोफाइल हत्याकांड से बिहार के सियासी गलियारे में भूचाल आ गया है। सत्ताधारी दल के नेता जहां अपराधियों को सख्स से सख्त सजा दिलाने की बात कह रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल सरकार पर सवाल उठा रहे हैं और इसे डबल इंजन सरकार का जंगलराज करार दे रहे हैं।

वहीं राज्य में बढ़ती अपराध की घटनाओं को लेकर हो रही सियासत के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुकेश सहनी के पिता के निधन पर शोक जताया है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने डीजीपी आर.एस भट्टी को फोन लगाकर तुरंत एक्शन लेने को कहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी के असामयिक निधन पर गहरा दुख जताया है और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी पूरी संवेदना जताई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जीतन सहनी की हत्या अत्यंत दुखद घटना है। मुख्यमंत्री ने डीजीपी आरएस भट्टी को फोन कर दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने को कहा है। सीएम ने पूर्व मंत्री और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी से भी फोन पर बातचीत की है और उन्हें सांत्वना दी है।
मुकेश सहनी की पिता का हत्या मामला : जांच के लिए एसआईठी गठित, दरभंगा के इस तेज-तर्रार एसपी टीम को करेंगी लीड

डेस्क  : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता की धारदार हथियार से काटकर निर्मम हत्या कर दी गई है। मुकेश सहनी के पैतृक घर दरभंगा जिले के विरौल थाना क्षेत्र के सुपौल में आज मंगलवार की सुबह उनके पिता जीतन सहनी घर के अंदर से ही क्षत-विक्षत लाश बरामद हुई है।

हत्या के पीछे आपसी रंजिश की आशंका जताई जा रही है. इस हत्याकांड की जांच के लिए दरभंगा के एसएसपी जगुनाथ जलारेड्डी ने एसआईटी का गठन किया गया है। दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा एसआईटी को लीड करेंगी। काम्या मिश्रा की देखरेख में एसआईटी इस हत्याकांड की जांच करेगी।

इस टीम में बिरौल एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी, बिरौल एसएचओ और तकनीकि कोषांक दरभंगा को शामिल किया गया है। एसआईटी जल्द ही अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी, इसके आधार पर पुलिस एक्शन लेगी। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय की तरफ से घटना की जांच के लिए एडीजी रैंक के अधिकारी को पटना से दरभंगा भेजा जा रहा है। इस हत्याकांड की वैज्ञानिक जांच के लिए मुजफ्फरपुर से एफएसएल की टीम दरभंगा पहुंच गई है।
बड़ी खबर : पूर्व विधायक गुलाब यादव के पटना समेत कई ठिकानों पर ईडी छापेमारी, मनी लॉंड्रिग से जुड़ा बताया जा रहा है मामला*

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। ईडी ने आज मंगलवार की सुबह-सुबह झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी की छापेमारी से हड़कंप मच गया है। ईडी ने गुलाब यादव के पटना और मधुबनी और पुणे समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की है। मिल रही जानकारी के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पूर्व विधायक के खिलाफ एक्शन लिया है। पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी अंबिका गुलाब यादव स्थानीय निकाय क्षेत्र से एमएलसी हैं, जबकि उनकी बेटी बिंदु गुलाब यादव जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। बताया जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार की सुबह करीब पांच बजे ईडी की टीम झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के लखनौर प्रखंड के गंगापुर स्थित आवास पहुंची और छापेमारी की है। हालांकि इस दौरान घर में परिवार को कोई सदस्य मौजूद नहीं था। झंझारपुर के साथ साथ पूर्व विधायक के पटना और पुणे स्थित आवास पर छापेमारी की बात कही जा रही है। मिल रही जानकारी के अनुसार गुलाव यादव के परिवार के सभी लोग पटना में मौजूद हैं। पैतृक गांव गंगापुर में दो तीन केयर टेकर मौजूद हैं। छापेमारी के दौरान घर के अंदर किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं है। केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ पहुंचे ईडी के एक दर्जन अधिकारी गुलाब यादव के घर के कोने-कोने की तलाशी ले रहे हैं। छापेमारी के दौरान सुरक्षाबलों ने गुलाब यादव के घर को घेर लिया। घर में न तो गुलाब यादव हैं और ना ही उनकी पत्नी और बेटी ही मौजूद हैं। घर में सिर्फ केयर टेकर मौजूद है और उसी की मौजूदगी में ईडी की टीम ने छापेमारी की है।
*बिहार में बढ़ रहा बाढ़ का खतरा : कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी, कटिहार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के

डेस्क : बिहार में एकबार फिर भयंकर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में नदियों के जलस्तर में वृद्धि सोमवार को भी जारी रही। कटिहार में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया। वहीं कारी कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में भी वृद्धि जारी रही। सुपौल में कोसी नदी में फिर से पानी बढ़ने लगा है। कटिहार में पिछले 18 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर, कोसी नदी के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर, कारी कोसी नदी के जलस्तर में आठ सेंटीमीटर और बरंडी नदी के जलस्तर में करीब 10 सेंटीमीटर की वृद्धि की हुई है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया है। वहीं सुपौल में कोसी नदी में सोमवार को दिन के 12 बजे के बाद से पानी पुन बढ़ने लगा। नेपाल के तराई क्षेत्र में बारिश होने के बाद बराह क्षेत्र में जलस्तर में एक बार पुन वृद्धि होने लगी है। सहरसा जिले में कोसी नदी के जलस्तर में कमी के कारण कटाव का खतरा बढ़ गया है। इधर सारण जिले में गंडक नदी में दूसरी बार आये उफान के पानी से तरैया प्रखंड के तीन गांव घिर चुके हैं। जिमदाहा, सगुनी व चंचलिया दियारा गांव के लोग अचानक आये पानी से बुरी तरह प्रभावित हैं। नाव से ग्रामीणों को बाहर निकाला जा रहा है। इसी तरह से मुजफ्फरपुर जिले के कई निचले गांव में बाढ़ का पानी घूस गया है। जिसकी वजह से बड़ी आबादी प्रभावित है।
पटीदारों को फंसाने के लिए फर्जी आरडीओ बन खुद ही अपने अपहरण की रची थी साजिश, रेल पुलिस ने गिरफ्तार कर मामले का किया खुलासा डेस्क : बीते रविवार

डेस्क : बीते रविवार को पटना के खुशरुपुर से पूर्णियां-हटिया कोशी एक्सप्रेस से दीपक कुमार पाठक नामक नव चयनित ग्रामीण विकास पदाधिकारी के अपहरण की खबर सामने आई थी। इस मामले में नाटकीय मोड़ आया है। दरअसल दीपक कुमार पाठक फर्जी आरडीओ निकला है और उसने खुद ही अपने अपरहण की झूठी खबर फैलाई थी।  

दरअल दीपक कुमार पाठक ने फर्जी अपहरण में पटीदारों के नाम डालकर फंसाने की साजिश रची थी। अपहरण के बहाने ट्रेनिंग पूरी नहीं करने की कहानी बनाता, इससे पहले ही रेल पुलिस ने बख्तियारपुर स्थित होटल से गिरफ्तार कर लिया।

रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया की आरोपित के खिलाफ फर्जीवाड़ा और झूठा अपहरण का केस दर्ज किया गया है। 

मिली जानकारी के अनुसार बेगूसराय के तेघड़ा थाना के अम्बा गांव निवासी दीपक छौरा ब्लाक में संविदा पर काम करता है। 67वीं बीपीएससी परीक्षा में फेल होने पर भी प्रतिष्ठा के लिए गांव वालों को पास होने की बात बता दी। फर्जी नियुक्ति पत्र आदि बनवा लिए। 15 जुलाई को योगदान देने की बात बता सोमवार सुबह वह पूर्णियां हटिया कोशी एक्सप्रेस में चढ़ा। सुबह नौ बजे उसने परिवार वालों को फोन कर कहा कि खुसरुपुर में अपराधियों ने उसका अपहरण कर लिया है। वे तीन लाख रुपये मांग कर रहे हैं।

दीपक के पिता रामानंद पाठक ने खुसरूपुर जीआरपी और थाना में शिकायत दर्ज कराई। तीन लोगों पर आरोपित बनाया गया। उधर, कथित अधिकारी के अपहरण पर रेल पुलिस सक्रिय हो गई। जांच के दौरान दीपक बख्तियारपुर स्टेशन के पास होटल में मिला। जांच में उसके बीपीएससी परीक्षा पास करने के सभी दस्तावेज फर्जी मिले। एक लेटर 15 जुलाई का था। इसमें लिखा था कि ट्रेनिंग पूरी नहीं कर पाने के कारण उम्मीदवार की नियुक्ति रद्द की जाती है।

बड़ी खबर : वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता की धारदार हथियार से काटकर हत्या, घर से बरामद हुई क्षत-विक्षत लाश*

डेस्क : अभी-अभी बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां वीआईपी सुप्रीमो व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता की धारदार हथियार से काटकर निर्मम हत्या कर दी गई है। घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। मिली जानकारी के अनुसार अपराधियों ने घटना को मुकेश सहनी के पैतृक घर दरभंगा जिले के विरौल थाना क्षेत्र के सुपौल में अंजाम दियाहै। मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की आज यानी बुधवार की सुबह उनके घर के अंदर से ही क्षत-विक्षत लाश बरामद हुई है। दरभंगा के एसएसपी ने इसकी पुष्टि की है। एएसपी जगुनाथ रेड्डी ने बताया है कि जीतन सहनी का शव घर के भीतर क्षत-विक्षत हालत में बरामद का गया है। एफएसएल की टीम को बुलाया गया है। एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी मामले की जांच कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जीतन सहनी के अलावा घर में 2 से 3 नौकर और ड्राइवर रहते थे। जीतन सहनी की धारदार हथियार से हत्या की गई है, जिसके चलते उनका शव क्षत-विक्षत पड़ा हुआ था।
बिहार में सड़क दुर्घटना रोकने के किए गए पुख्ता इंतजाम, एनएच पर अब अत्याधुनिक वाहनों से होगी गश्ती

डेस्क : बिहार में हादसों को रोकने के लिए सरकार ने पुख्ता इंतेजाम कर लिया है। राज्य में सबसे अधिक दुर्घटना वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर अब अत्याधुनिक वाहनों से गश्ती होगी। यह वाहन फोरडी स्पीड रडार और कैमरों से लैस होंगे जो आटोमैटिक चालान निर्गत कर सकेंगे। 

सबसे बड़ी बात यह है कि आपात स्थिति के लिए वाहन में गैस कटिंग मशीन, ट्रैफिक कोन, फोल्डेबल स्ट्रेचर आदि उपकरण भी होंगे। प्रत्येक 50 किमी पर कैमरे और रडार से लैस वाहन गश्ती करेंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर इन वाहनों की मदद से ई-चालान भी काटा जाएगा।

पुलिस मुख्यालय से मिली सूचना के अनुसार पहले चरण में सर्वाधिक दुर्घटना वाले चार एनएच का चयन किया गया है। इनमें इनमें एनएच-28 (छपरा- बेतिया -लौरिया- बगहा), एनएच-30 (पटना-बख्तियारपुर), एनएच-31 (बरौनी-मुजफ्फरपुर-पिपराकोठी) और एनएच-57 (मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया) शामिल हैं। इन चार एनएच पर कुल 1125 किमी की दूरी की निगरानी के लिए 23 राजमार्ग गश्ती वाहन लगाए जाएंगे। इन वाहनों को डायल-112 से जोड़ा गया है, जो एनएच पर दुर्घटना होने पर फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा एनएच पर हादसे रोकने के लिए राजमार्ग पेट्रोल योजना के तहत 1560 मानव बल की स्वीकृति भी दी गई है।

इसके साथ ही राजधानी पटना के अंदर भी बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए सरकार ने नये वाहनों का आवंटन किया है। पटना शहर के लिए 56 नए वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। यह वाहन नवगठित 28 ट्रैफिक थानों को दिए गए हैं। हर नए ट्रैफिक थाने को दो-दो नए वाहन मिले हैं। इनमें एक वाहन यातायात थाने जबकि दूसरा वाहन डीएसपी यातायात के लिए स्वीकृत किया गया है। सरकार लगातार ट्रैफिक पुलिस के लिए आधारभूत संरचनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रही है।

गजब : बिहार का एक ऐसा गांव जहां परिवार से अधिक संख्या में है नाव, जानिए क्यों…

डेस्क : बिहार में कई ऐसे अद्भुत गांव है जो अपने नाम, संस्कृति और विशेष कारणों से अपनी अलग पहचान बनाते है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे गांव के विषय में बताने जा रहे जिसकी विशेषता जानकर आप आश्चर्य में पर जाएंगे। 

बिहार के सारण प्रमंडल अंतगर्त सीवान जिले में एक ऐसा गांव है जहां परिवार की संख्या से भी अधिक नाव है। इस गांव का नाम है तीर बलुआ गांव है। गंडक और सरयू नदी के तट पर स्थित इस गांव में परिवार की संख्या 120 है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इससे अधिक यहां नाव की संख्या है। इस गांव में तकरीबन 150 नाव है। 

अब आप यह समझ रहे होंगे कि यह इस गांव में निवास करने वाले लोगों का शौक होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। यहां के लोगों के लिए नाव रखना शौक नहीं बल्कि मजबूरी है। यह गांव अपने आप में भी काफी अजूबा है। यहां के लोगों की पूरी दिनचर्या नाव पर ही व्यतीत हो जाता है। नहाने-धोने से लेकर बर्तन मांजने तक का काम नाव पर ही होता है।

तीर बलुआ गांव के एक निवासी ने बताया कि इस गांव में कुल परिवारों की संख्या 120 है। जबकि यहां नाव की 150 के आस-पास है। यानि कि यहां परिवार की संख्या से अधिक नावों की संख्या है। यहां के लोगों के पास बाइक, कार या घोड़ा सहित अन्य साधन भले ना मिले, लेकिन प्रत्येक घर में नाव जरूर मिल जाएगा। इस गांव के लोगों की डोर नाव बन गयी है। सभी दैनिक कार्य नाव के सहारे हीं होता है। चाहे वे नहाने, कपड़ा धोने, बर्तन मांजने, खेती बाड़ी करने जाना, पशुओं के चारा लाने, फसलों को लाने, जीविका के लिए मछली पकड़ने या फिर जीवन बचाना हो, सभी काम नाव से हीं होता है।

आखिर क्या है इसकी वजह ?

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां प्रत्येक वर्ष नदियों में पानी बढ़ने से बाढ़ आ जाता है। इस वजह से नाव ही एक सहारा बचता है। अगर नदी के तट पर रिंग बांध बन जाए तो बाढ़ की समस्या से निजात मिलेगा और बाढ़ के साथ-साथ नाव रखने की समस्या से भी निजात मिल जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के समय आपदा विभाग या जिला प्रशासन की ओर से कोई राहत नहीं दी जाती है। बाढ़ के दिनों में फसल भी पूरी तरीके से बर्बाद हो जाता है। खाने-पीने तक के लाले पड़ने लगते हैं। जैसे-तैसे व्यवस्था की जाती है। इसके बावजूद राहत सामग्री नहीं मिल पता है।