Gorakhpur

Jul 16 2024, 10:11

वर्तमान पत्रकारिता और समाज" विषय पर संगोष्ठी व सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

गोरखपुर। सीमांचल प्रहरी समाचार पत्र के प्रकाशन के प्रथम वर्षगांठ पर "वर्तमान पत्रकारिता और समाज" विषय पर एक संगोष्ठी व सम्मान समारोह का आयोजन गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के सभागार में किया गया।

 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति उमेश चंद्र शर्मा (सेवानिवृत्त) उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, विशिष्ट अतिथियों में एस एन भट्ट, चीफ टेक्निकल ऑफीसर, वरुण बेवरेज लिमिटेड (पेप्सीको), मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी, अध्यक्ष गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब, मुख्य वक्ता चन्द्र किशोर शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार, विशिष्ट वक्ता पंकज कुमार सिंह मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे, विद्यानंद, प्रधान महाप्रबंधक, भारतीय संचार दूर निगम लिमिटेड, 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सीमांचल प्रहरी के प्रधान संपादक श्याम नारायण भट्ट, ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

 सीमांचल प्रहरी के संपादक विनय कुमार शर्मा ने स्वागत संबोधन एवं विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है, जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण, लिखना, जानकारी एकत्रित करके पहुँचाना, सम्पादित करना और सम्यक प्रस्तुतीकरण आदि सम्मिलित हैं। बदलते वक्त के साथ बाजारवाद और पत्रकारिता के अन्तर्सम्बन्धों ने पत्रकारिता की विषय-वस्तु तथा प्रस्तुति शैली में व्यापक परिवर्तन किए।

वर्तमान में पत्रकारिता सरकारी गजट या नोटिफ़िकेशन बनकर रह गई है।‌ इक्कीसवीं सदी में दुनिया विज्ञान और टेक्नोलॉजी पर बात कर रही है परन्तु मीडिया धर्म, जातिवाद, मन्दिर मस्जिद की तथाकथित राजनीति से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इस तरह की पत्रकारिता भारतीय समाज में अन्धविश्वास, धार्मिक उन्माद, सामाजिक विघटन ही पैदा करेगी। वर्तमान समय में मीडिया की नजरों में सेक्युलर, उदारवादी या संविधानवादी होना स्वयं में एक गाली हो गया है। यह पत्रकारों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।

 इसके लिए कहीं ना कहीं समाज भी जिम्मेदार है। बतौर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि सामाजिक सरोकारों तथा सार्वजनिक हित से जुड़कर ही पत्रकारिता सार्थक बनती है। सामाजिक सरोकारों को व्यवस्था की दहलीज तक पहुँचाने और प्रशासन की जनहितकारी नीतियों तथा योजनाओं को समाज के सबसे निचले तबके तक ले जाने के दायित्व का निर्वाह ही सार्थक पत्रकारिता है। जो आज की पत्रकारिता में बहुत ही काम देखने को मिलता है। 

विशिष्ट अतिथि मार्कंडेय मणि त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान पत्रकारिता पर पूंजी हावी हो गई है जो पत्रकारों के लिए एक चुनौती है। वर्तमान पत्रकारिता सत्ता के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है। मुख्य वक्ता चंद्र किशोर शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता को लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ भी कहा जाता है। पत्रकारिता ने लोकतन्त्र में यह महत्त्वपूर्ण स्थान अपने आप नहीं प्राप्त किया है बल्कि सामाजिक सरोकारों के प्रति पत्रकारिता के दायित्वों के महत्त्व को देखते हुए समाज ने ही दर्जा दिया है। कोई भी लोकतन्त्र तभी सशक्त है जब पत्रकारिता सामाजिक सरोकारों के प्रति अपनी सार्थक भूमिका निभाती रहे। सार्थक पत्रकारिता का उद्देश्य ही यह होना चाहिए कि वह प्रशासन और समाज के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी की भूमिका अपनाये।

विशिष्ट वक्ता मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि आज की पत्रकारिता को बहुआयामी और अनन्त बना दिया है। आज कोई भी जानकारी पलक झपकते उपलब्ध की और कराई जा सकती है। मीडिया आज बहुत सशक्त, स्वतन्त्र और प्रभावकारी हो गया है। पत्रकारिता की पहुँच और आभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का व्यापक इस्तेमाल आमतौर पर सामाजिक सरोकारों और भलाई से ही जुड़ा है, किन्तु कभी कभार इसका दुरपयोग भी होने लगा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्याम नारायण भट्ट एवं संचालन डॉक्टर प्रेम नारायण भट्ट ने किया। अंत में अतिथियों व आगंतुकों के प्रति समाचार पत्र की प्रकाशिका अनीता भट्ट ने आभार व्यक्त किया।उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभूतियों को किया गया सम्मानित कार्यक्रम के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रोफेसर रामनरेश चौधरी, गोरख लाल श्रीवास्तव, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में डॉ राहुल राय, के के पांडे, संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में पंडित अमरनाथ शर्मा, समाज सेवा के क्षेत्र में पुष्प दंत जैन, पंडित राजेश शर्मा,बृजेश राम त्रिपाठी, रणजीत सिंह, मनीष जैन, उत्तम जायसवाल शिव शंकर शर्मा, पत्रकारिता के क्षेत्र में मार्कंडेय मेडिकल त्रिपाठी, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर अश्विनी अग्रवाल, डॉक्टर विजय प्रताप सिंह, अभियांत्रिकी के क्षेत्र में इंजीनियर आशुतोष द्विवेदी, उत्तरीय, सम्मान पत्र वह मोमेंटो को देखकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में पत्रकार, साहित्यकार, चिकित्सक, रंगकर्मी, अधिवक्ता आदि उपस्थित रहें।

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Jul 16 2024, 10:04

कर्बला के शहीदों की याद में लबों पर जारी 'या हुसैन' की सदा
गोरखपुर। मुहर्रम की 8वीं तारीख़ को मस्जिदों व घरों में हज़रत सैयदना इमाम हुसैन व उनके जांनिसारों की याद में महफिलों का दौर जारी रहा। मस्जिदों, घरों व इमाम चौकों पर फातिहा ख्वानी हुई। उलमा किराम ने ‘शहीद-ए-आज़म इमाम हुसैन’ व कर्बला के शहीदों की कुर्बानियों पर तकरीर की। जिसे सुनकर अकीदतमंदों की आंखें नम हो गईं और लबों से 'या हुसैन' की सदा जारी हुई।

सोमवार को जामा मस्जिद रसूलपुर में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि इमाम हुसैन ने दीन-ए-इस्लाम की खातिर सब कुछ कुर्बान कर दिया लेकिन जुल्म करने वालों के आगे सिर नहीं झुकाया। इमाम हुसैन ने दीन-ए-इस्लाम का झंडा बुलंद कर नमाज़, रोजा, अज़ान व दीन-ए-इस्लाम के तमाम कवानीन की हिफाजत की।

मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद इमामबाड़ा तुर्कमानपुर में हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि कर्बला से हक़ की राह में कुर्बान हो जाने का सबक मिलता है। कर्बला के शहीदों की कुर्बानियों से ताकतवर से ताकतवर के सामने हक़ के लिए डटे रहने का जज्बा पैदा होता है। यदि आपको इमाम हुसैन से सच्ची मुहब्बत है तो उनके नक्शे कदम पर चलने की पूरी कोशिश कीजिए।

नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना असलम ने कहा कि जो लोग अल्लाह की राह में अपनी जान कुर्बान कर देते हैं वह शहीद हो जाते हैं और शहीद कभी नहीं मरता बल्कि वह ज़िंदा रहता है। इमाम हुसैन व उनके जांनिसार आज भी ज़िंदा हैं।

गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया हसन और हुसैन दोनों दुनिया में मेरे दो फूल हैं। पैग़ंबरे इस्लाम से पूछा गया कि अहले बैत में आपको सबसे ज्यादा कौन प्यारा है? तो आपने फरमाया हसन और हुसैन। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत फातिमा से फरमाते थे कि मेरे पास बच्चों को बुलाओ, फिर उन्हें सूंघते थे और अपने कलेजे से लगाते थे।

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि कर्बला के मैदान में जबरदस्त मुकाबला हक़ और बातिल के बीच शुरू हुआ। तीर, नेजा और तलवार के बहत्तर ज़ख्म खाने के बाद इमाम हुसैन सजदे में गिरे और अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए शहीद हो गए।

बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम हुसैन ने अज़ीम कुर्बानी पेश कर बातिल कुव्वतों को करारी शिकस्त दी। इमाम हुसैन व उनके जांनिसारों को सलाम जिन्होंने हक़ की आवाज़ बुलंद की और दीन-ए-इस्लाम को बचा लिया। करीब 56 साल पांच माह पांच दिन की उम्र शरीफ में जुमा के दिन मुहर्रम की 10वीं तारीख़ सन् 61 हिजरी में इमाम हुसैन इस दुनिया को अलविदा कह गए। साहबजादगाने अहले बैत (पैग़ंबरे इस्लाम के घर वाले) में से कुल 17 हज़रात इमाम हुसैन के हमराह हाजिर होकर रुतबा-ए-शहादत को पहुंचे। कुल 72 अफराद ने शहादत पाईं। यजीदी फौजों ने बचे हुए लोगों पर बहुत जुल्म किया।

मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम हुसैन ने हमें पैग़ाम दिया कि जो बुरा है उसकी बुराई दुनिया के सामने पेश करके बुराई को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए चाहे जिस चीज की कुर्बानी देनी पड़े, ताकि दुनिया में जो अच्छी सोसाइटी के ईमानदार लोग हैं वह अमनो-अमान के साथ अपनी ज़िंदगी गुजार सकें। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। वहीं गौसे आजम फाउंडेशन ने शहर में कई जगहों पर अकीदतमंदों में लंगरे हुसैनी बांटा। लंगर बांटने में फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष समीर अली, मो. फैज, मो. जैद, रियाज़ अहमद, अमान अहमद, मो. शारिक, मो. जैद कादरी, एहसन खान, अली गजनफर शाह, अब्दुर्रहमान आदि ने महती भूमिका निभाई।
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रहमतनगर में सामूहिक रोज़ा इफ़्तार आज व कल

गोरखपुर। गौसे आजम फाउंडेशन की ओर से मंगलवार (नौवीं मुहर्रम) व बुधवार (दसवीं मुहर्रम) को शाम 6:55 बजे सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर पर सामूहिक रोज़ा इफ़्तार का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष समीर अली ने दी है।

मकतब इस्लामियात के कारी मो. अनस रजवी व हाफिज रहमत अली निजामी ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि नौवीं व दसवीं मुहर्रम को सभी लोग रोज़ा रखें। इबादत करें। नौवीं व दसवीं मुहर्रम का रोज़ा रखने की हदीस में बहुत फज़ीलत आई है। नौवीं व दसवीं मुहर्रम दोनों दिन का रोज़ा रखना अफ़ज़ल है।

चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर के इमाम मौलाना महमूद रज़ा क़ादरी ने बताया कि नौवीं मुहर्रम (16 जुलाई) को सहरी का आख़िरी वक्त सुबह 3:41 बजे व इफ़्तार का वक्त शाम में 6:55 बजे है। वहीं दसवीं मुहर्रम (17 जुलाई) को सहरी का आख़िरी वक्त सुबह 3:41 बजे व इफ़्तार का वक्त शाम में 6:55 बजे है।

Gorakhpur

Jul 16 2024, 10:03

नाचते हुए बारातियों में मारपीट जमकर चले लात-घूंसे,घायलों को पुलिस ने इलाज के लिए भेजा
खजनी गोरखपुर।कस्बे के निकट स्थित सिंह मैरेज हॉल में बीती रात नशे के हाल में नाचते गाते बारातियों के बीच मारपीट हो गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाद को शांत कराया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

मिली जानकारी के अनुसार सिंह मैरेज हॉल खजनी के एक ही मैरेज हॉल में दो शादियां थीं। जहां थाना क्षेत्र के बेलडांड़ गांव से और गुलहरियां थाना क्षेत्र के बनगांईं गांव से बारात आई थी। अचानक नशे की हालत में नाचते हुए बारातियों के बीच मारपीट हो गई। इस दौरान जमकर लात घूंसे चले तथा एक दूसरे को ईंट पत्थर मारने लगे। आरोप है कि नाचते हुए बारातियों के द्वारा किसी युवती से छेड़छाड़ को लेकर विवाद की शुरुआत हुई।

विवाद बढ़ता देख कर किसी ने स्थानीय थाने में इसकी सूचना दी, मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाद शांत कराया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। इस दौरान बनगांईं पक्ष के लोग महिलाओं के साथ घटना की शिकायत लेकर थाने पहुंचे किंतु फिर शादी के कारण अगले दिन थाने में पहुंच कर तहरीर देने की बात कही और चले गए।थानाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शुक्ला ने बताया कि मारपीट की घटना की जानकारी मिली है, शिकायत मिलने पर जांच और कार्रवाई की जाएगी।

Gorakhpur

Jul 15 2024, 19:25

किशोरी से जबरन दुष्कर्म,8 माह की गर्भवती हुई, आरोपित चचेरे भाई के खिलाफ पिता ने दी तहरीर

खजनी गोरखपुर। थाना क्षेत्र के एक गांव में समाज को शर्मसार कर देने वाली घटना प्रकाश में आई है। नाबालिग किशोरी को डरा धमकाकर और बहला फुसलाकर उसका चचेरा भाई जबरन दुष्कर्म करता रहा। 8 माह की गर्भवती होने के बाद पेट में दर्द और उभार आता हुआ देखकर किशोरी ने जब अपने पिता को बताया तो वह उसे लेकर डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंचा। जांच के बाद जैसे ही किशोरी के 8 माह की गर्भवती होने की जानकारी मिली पिता के पांव तले से जमीन खिसक गई। बिलखते हुए किशोरी ने अपने पिता को अपने साथ हुई घटना की पूरी जानकारी दी, जिसके बाद खजनी थाने में पहुंच कर बाप बेटी ने आरोपित युवक के खिलाफ तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।

मिली जानकारी के अनुसार किशोरी की मां का वर्षों पहले निधन हो चुका है। पत्नी के न होने से गम में डूबे पिता को शराब पीने की बुरी लत है। पड़ोस में रहने वाला किशोरी का चचेरा भाई रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करते हुए अपनी ही बहन पर बुरी नीयत रखने लगा मौका देखकर उसने पहले किशोरी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और फिर आए दिन उसे डरा धमकाकर और बहला फुसलाकर लगातार संबंध बनाता रहा इस बीच किशोरी 8 माह की गर्भवती हो गई। घर में किसी समझदार महिला के न होने से किशोरी को गर्भावस्था और इस दौरान होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की जानकारी नहीं हो पाई।

मामले में थानाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शुक्ला ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपित की तलाश की जा रही है।

Gorakhpur

Jul 15 2024, 19:24

गांव में घुसा आमी नदी के बाढ़ का पानी,तहसीलदार कूड़ा भरत गांव में उपलब्ध कराई नाव

खजनी गोरखपुर। तहसील क्षेत्र के कूंड़ा भरत गांव के एक मौजे में निचले इलाके के कुछ घर आमी नदी के बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। गांव के समीप से बहने वाली आमी नदी पर पीपे का पुल बना था जो कि पानी के तेज बहाव से बह चुका है। वहीं गांव के कई मजदूर नदी पार करके 7/8 किलोमीटर की दूरी तय कर रोज शहर में मजदूरी करने के लिए आते जाते हैं। समस्या की जानकारी मिलते ही आज गांव में पहुंचे तहसीलदार खजनी कृष्ण गोपाल तिवारी ने गांव के लिए छोटी डोंगीं नाव उपलब्ध कराई। इस दौरान लेखपाल राजीव रंजन शर्मा ग्राम प्रधान रमेश पासवान सहित बड़ी संख्या में गांव के निवासी मौजूद रहे। समस्या का समाधान मिलने पर लोगों ने तहसील प्रशासन के प्रति आभार जताया।

बता दें कि पहाड़ो पर हो रही बारिश और पड़ोसी देश नेपाल से पानी छोड़े जाने के साथ ही इलाके में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण घाघरा राप्ती जैसी बड़ी नदियों के साथ ही उनसे जुड़ी छोटी और सहायक नदियां भी उफान पर हैं। नदियों का पानी लगातार बढ़ने के कारण उनके किनारे बसे गांवों के निचले इलाकों में पानी भर चुका है, गांवों के किसानों के खेत जलमग्न हो गए हैं।

Gorakhpur

Jul 15 2024, 16:11

सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर का हुआ भव्य विदाई समारोह

गोरखपुर। सोमवार को भारत नेपाल मैत्री समाज, वीर सेनानी कल्याण संस्थान व अखिल भारतीय भूतपूर्व सैनिक विकास प्रकोष्ठ ने संयुक तत्वावधान में ज़िला सैनिक कल्याण के अधिकारी विंग कमांडर मुकेश तिवारी का लखनऊ ईटीएफ के पद पर हुए तबादले पर ज़िला सैनिक कल्याण परिषद के हाल में भव्य विदाई समारोह का आयोजन हुआ।

जिसमे मुकेश तिवारी ने अपने संबोधन में कहा की जब गोरखपुर उनका तबादला हुआ था तो यहाँ आने का मन नहीं हो रहा था कारण यहाँ के क्राइम को देखते सुनते हुए पर जब आ गया तो लोगो से उनके असीम प्यार मिलने पर वो बात ख़त्म हो गई अब जाने की इच्छा नहीं हो रही पर तबादले तो नौकरियों में होते ही रहते हैं।

कार्यक्रम में तीनों संस्थानों के अध्यक्षों ने बारी बारी से विंग कमांडर मुकेश तिवारी को माला पहनाया साथ ही वीर सेनानी के अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा की विंग कमांडर मुकेश तिवारी के गोरखपुर कार्यकाल के दरम्यान सभी पूर्व सैनिकों का काम जिम्मेदारीपूर्ण तरीक़े से बिना भेदभाव के निबटाते रहें। अब उनके लखनऊ तबादला हो जाने से वो अभाव तो हम सभी पूर्व जवानों को खलेगा।

भारत नेपाल मैत्री समाज के अध्यक्ष ने कहा कि सेना के पूर्व जवानो की इज्जत हम सभी के दिलों में है उन्हें किसी राजनीतिक दल का पिछलग्गू नहीं बनना चाहिए उनके किसी भी उचित कार्य को बिना किसी लाग लपेट के भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों को करना चाहिए बग़ैर कोई एहसान जताए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विंग कमांडर मुकेश तिवारी को सभी लोगो ने उनके द्वारा ज़िला सैनिक कल्याण परिषद के अधिकारी के रूप में पूर्व सैनिकों के लिए किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में भारत नेपाल मैत्री समाज के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्त, अखिल भारतीय भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के शीतल प्रताप सिंह, वीर सेनानी कल्याण संस्थान के अध्यक्ष अनिरुद्ध शाही, ओंकार नाथ मिश्र, अबुल हसन अंसारी, रामराज प्रसाद, बैद्यनाथ पोद्दार अभिनंदन मिश्र, सुधाकर दुबे, रमन दूबे, हरिश्चंद्र सिंह, लाल बहादुर, शिवाजी यादव, राकेश कुमार भारतीय, रामनाथ, शाल, बैजनाथ गुप्ता, सुदर्शन चौधरी, फ़रियाद अहमद, रामज्ञा प्रसाद, ज्योति कुमारी चौबे आदि शामिल रहे

Gorakhpur

Jul 15 2024, 13:10

शांति पूर्वक निकाला गया मुहर्रम के सातवीं का जुलूस

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के सिकरीगंज कस्बे में सातवीं मुहर्रम का जुलूस कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्वक निकला। जुलूस में भारी भीड़ शामिल हुईं। इस दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। अकीदतमंदों ने जुलूस में शामिल इमाम हुसैन के भतीजे जनाबे कासिम की शबीहे ताबूत को बोसे दिए।

जुलूस में शामिल युवाओं ने नौहे पढ़ते हुए मातम किया। इस्लाम धर्म के मुताबिक करीब 14 सौ साल पहले इसी दिन कर्बला की लड़ाई हुई, मोहर्रम महीने की सात तारीख काफी अहम होती है, क्योंकि सात मोहर्रम को इमाम हुसैन के बड़े भाई इमाम हसन के बेटे जनब-ए-कासिम की शहादत मनाई जाती है।


मातमी जुलूस में शामिल युवाओं ने रोमांचक करतब दिखाए जिसे देखने के लिए सड़क के दोनों तरफ लोगों की भारी भीड़ रही। बताया गया कि जिले के दक्षिणांचल में स्थित सिकरीगंज कस्बे में हर साल मुहर्रम का सबसे बड़ा जुलूस निकाला जाता है।

आज क्षेत्र के इमलीडीह खुर्द गाँव से दोपहर 2 बजे मुहर्रम के सातवीं का जलूस निकाला गया जलूस में हरदत्तपुर, नकौड़ी,मलांव,बारीगांव, बढ़यापार ,सिकरीगंज क़स्बा हाता नवाब आदि गाँव के अखाड़ों से आए हुए खिलाड़ियों ने लाठी गदका खेल कर अपने जौहर दिखाए, ढोल तासा बजाने वालों ने मातमी धुनें बजाकर लोगों को  आकर्षित किया।

सभी जगहों से आए जलूस का मिलान सिकरीगंज तिराहे पर किया गया। जलूस में शामिल अकीदतमंदों ने इमलीडीह खुर्द गांव में स्थित मदरसे में पहुँच कर खिचड़ा ग्रहण किया और जलूस समाप्त किया गया। मुहर्रम कमिटी के अध्यक्ष ईद मुहम्मद ने जलूस को सकुशल संपन्न कराने के लिए स्थानीय प्रशासन को धन्यवाद दिया।

Gorakhpur

Jul 15 2024, 13:08

श्रीमद्भागवत महापुराण में कर्दम ऋषि की कथा सुन भावविभोर हुए श्रोता

खजनी गोरखपुर।सिकरीगंज के निकट स्थित झौवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ से अयोध्या से पधारे आचार्य चंद्र किशोर महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए बताया कि
मनु महाराज की पुत्री देवहुति जब विवाह योग्य हुई तो उन्होंने भगवान से अच्छे वर की प्रार्थना की, तब भगवान ने उन्हें कर्दम ऋषि से कन्या का विवाह करने के लिए कहा, भगवान ने कर्दम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उनसे कहा मैं तुमसे प्रसन्न हूं क्योंकि तुम सृष्टि हेतु तप करने जा रहे हो।


इसलिए तुम्हारा मनोरथ पूर्ण होगा। तुम महाराज मनु की पुत्री से विवाह करो महाराज मनु अपनी पत्नी सत्यारूपा और पुत्री देवहूति के साथ कर्दम ऋषि के आश्रम जा पहुंचे। कर्दम ऋषि ने विवाह से पूर्व शर्त रखी जब देवहुति गर्भवती होंगी तो मैं संन्यास लेकर वन चला जाऊंगा। माता सत्यारूपा ने पुत्री की ओर देखा उनकी मौन स्वीकृति से विवाह किया गया। माता देवहुति द्वारा पति की सेवा की गई जिससे कर्दम ऋषि ने उन्हें वर मांगने के लिए कहा तब माता देवहूति ने कहा कि आप वन को तब जाएं जब मुझे पुत्र प्राप्त हो। कर्दम ऋषि की प्रथम 9 संतानें कन्या हुईं।


जिनके नाम कला, अनुसुइया, श्रद्धा, हविर्भू, गति, क्रिया, ख्याति,अरूंधती और शान्ति थे तथा पुत्र का नाम कपिल था। कपिल के रूप में देवहूति के गर्भ से स्वयं भगवान विष्णु अवतरित हुये थे। जिन्होंने अपनी माता को सांख्य शास्त्र का उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान चाहे जहां से भी मिले उसे प्राप्त करना चाहिए।

भक्ति पूर्ण कथा सुनकर श्रद्धालु श्रोता भाव विभोर हो उठे। कथा में मुख्य यजमान प्रभा देवी, सर्वदमन शुक्ल, कौशल किशोर, विजय कुमार पाण्डेय, चंद्र किशोर, किर्ति त्रिपाठी, हिमांशु शुक्ल, रीना शुक्ला, रितु, शिवम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहे।

Gorakhpur

Jul 15 2024, 13:07

सातवीं मुहर्रम : महिलाओं की महफ़िल में गूंजी या हुसैन की सदा

गोरखपुर। ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफ़िलों के नाम रहा। उलमा किराम ने दीन-ए-इस्लाम, शहादत और कर्बला के बाबत विस्तार से बयान किया। सातवीं मुहर्रम को करीब एक दर्जन से अधिक मस्जिदों में ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिलों का दौर जारी रहा। मुहर्रम की सातवीं तारीख़ को जालिम यजीदियों ने हज़रत इमाम हुसैन व उनके साथियों के लिए पानी पर रोक लगा दी थी। कर्बला का वाकया सुनकर अकीदतमंद इमाम हुसैन की याद में डूब गए।

मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद इमामबाड़ा तुर्कमानपुर में महिलाओं की महफ़िल हुई। महफ़िल या हुसैन की सदाओं से गूंजती रही। अध्यक्षता ज्या वारसी ने की। संचालन सादिया खातून ने किया। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत नूर फातिमा ने की। नात-ए-पाक सना खान, नूर सबा, शिफा नूर, शफक, गुल अफ्शा व हदीस -ए-पाक फिजा खातून ने पेश की। मुख्य वक्ता गाजिया ख़ानम अमजदी ने कहा कि कर्बला के 72 शहीदों ने जो बेमिसाल काम किया, उसकी मिसाल दुनिया में नहीं मिलती है। हज़रत सैयदना इमाम हुसैन सन् 61 हिजरी मुहर्रम की दो तारीख़ को कर्बला पहुंचे।

सातवीं मुहर्रम को कर्बला के मैदान में जालिम यजीद की फौज ने इमाम हुसैन और उनके साथियों पर पानी की आपूर्ति बंद कर दी ताकि वो शासक जालिम यजीद की मातहती स्वीकार कर लें मगर इमाम हुसैन और उनके साथियों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। नहरे फुरात पर यजीदी फौजियों को लगा दिया गया, ताकि हज़रत इमाम हुसैन का काफिला पानी न पी सके। तीन दिन का भूखा प्यासा रखकर इमाम हुसैन व उनके साथियों को कर्बला की तपती ज़मीन पर शहीद कर दिया गया। इमाम हुसैन कल भी ज़िंदा थे, आज भी ज़िंदा हैं। 

शिफा खातून ने कहा हज़रत इमाम हुसैन ने मुल्क या हुकूमत के लिए जंग नहीं की, बल्कि वह इंसानों के सोये हुए जेहन को जगाने आए थे। उनके कुनबे में शामिल बूढ़े, जवान, बच्चे और औरतों ने खुद पर जुल्म सहन कर लिया लेकिन पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दीन-ए-इस्लाम को जालिम यजीद से बचा लिया। आलमे इस्लाम को यह मानने पर मजबूर होना पड़ा कि हक़ और बातिल के बीच हुई जंग में कर्बला के शहीदों ने जो जीत हासिल की वह कयामत तक कायम रहेगी।

गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि आशूरा मुहर्रम की रात खत्म हुई और दसवीं मुहर्रम सन् 61 हिजरी की कयामत नुमा सुबह नमूदार हुई। इमाम हुसैन के अहले बैत व जांनिसार एक-एक कर शहीद हो गए और दीन-ए-इस्लाम का परचम बुलंद कर गए।

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि इमाम हुसैन के साथ मक्का शरीफ से इराक की जानिब सफर करने वालों में आपके तीन पुत्र हज़रत अली औसत (इमाम जैनुल आबेदीन), हज़रत अली अकबर, छह माह के हज़रत अली असगर शामिल थे। इमाम हुसैन के काफिले में कुल 91 लोग थे। जिसमें 19 अहले बैते (पैग़ंबरे इस्लाम के घर वाले) और अन्य 72 जांनिसार थे।

जामा मस्जिद रसूलपुर में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि अपनी औलाद को तीन बातें सिखाओ। अपने पैग़ंबर की उल्फत व मुहब्बत। अहले बैत (पैग़ंबरे इस्लाम के घर वाले) की उल्फत व मुहब्बत। क़ुरआने करीम की किरात। जब तक मुसलमानें के हाथों में क़ुरआन और अहले बैत का दामन रहा वह कभी गुमराह और रुसवा नहीं हुए बल्कि हमेशा फतह उनके कदम चूमती रही लेकिन जैसे ही मुसलमानों ने उन दोनों के दामन से दूरी बनाई हर जगह जिल्लत व रुसवाई उनके सामने आती चली गई। लिहाजा आज भी अगर हम क़ुरआन व अहले बैत से ताल्लुक जोड़ लें तो कामयाबी हमारे कदम चूमेगी।

बेलाल मस्जिद अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम ने इरशाद फरमाया कि अगर तुम हिदायत चाहते हो और गुमराही और जलालत से अपने आपको दूर रखना चाहते हो तो अहले बैत का दामन थाम लो। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान व तरक्की की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई।

लस्सी व लंगरे हुसैनी बांटा गया

रहमतनगर में सातवीं मुहर्रम को भी अकीदतमंदों में लंगरे हुसैनी बांटा गया। वहीं गौसे आज़म फाउंडेशन ने तुर्कमानपुर में लस्सी बांटी। लंगर व लस्सी बांटने में समीर अली, मो. फैज, मो. जैद कादरी, अली गजनफर शाह, मो. जैद, हाफिज सैफ अली, अमान अहमद, मो. शारिक, एहसन खान, मो. अरीब, रियाज अहमद, मौलाना दानिश रज़ा, हाफिज अशरफ रज़ा आदि ने महती भूमिका निभाई।

Gorakhpur

Jul 15 2024, 13:04

डॉक्टर रघुनाथ चंद स्मृति नवज्योति पुरस्कार के आवेदन की अंतिम तिथि 28 जुलाई
गोरखपुर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा एवं प्रताप सभागार फाउंडेशन ट्रस्ट की एक बैठक कर सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई। जिसमें इंजीनियर योगेंद्र सिंह सेंगर, सुभाष राव, समर बहादुर सिंह, कृष्ण मोहन शाही, दिलीप शाही, विजय बहादुर सिंह सहित अन्य भाई सम्मिलित हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जनपद इकाई तारामंडल रोड गोरखपुर एवं प्रताप सभागार फाऊंडेशन ट्रस्ट द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी डॉक्टर रघुनाथ चंद स्मृति नवज्योति पुरस्कार समारोह 4 अगस्त 2024 दिन रविवार को दिया जाएगा।


जिसमें हाई स्कूल/ इंटर के किसी भी बोर्ड के टॉपर 21 बच्चों को सम्मानित किया जाएगा. इसके लिए मार्कशीट की फोटो कॉपी और उसके पीछे पिता का नाम,  पताऔर पिता का मोबाइल नंबर जिससे उन्हें कॉल किया जा सके निम्नलिखित नंबरों पर 28 जुलाई 2024 दिन रविवार तक संपर्क किया जाए जो आवेदन की अंतिम तारिख है।

राधे श्याम चंद जिला महामंत्री 8318541026 ,
रामदेव सिंह संरक्षक8004335854
इन्द्रजीत चंदेल महानगर महामंत्री ,8423356047.