नाचते हुए बारातियों में मारपीट जमकर चले लात-घूंसे,घायलों को पुलिस ने इलाज के लिए भेजा
खजनी गोरखपुर।कस्बे के निकट स्थित सिंह मैरेज हॉल में बीती रात नशे के हाल में नाचते गाते बारातियों के बीच मारपीट हो गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाद को शांत कराया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

मिली जानकारी के अनुसार सिंह मैरेज हॉल खजनी के एक ही मैरेज हॉल में दो शादियां थीं। जहां थाना क्षेत्र के बेलडांड़ गांव से और गुलहरियां थाना क्षेत्र के बनगांईं गांव से बारात आई थी। अचानक नशे की हालत में नाचते हुए बारातियों के बीच मारपीट हो गई। इस दौरान जमकर लात घूंसे चले तथा एक दूसरे को ईंट पत्थर मारने लगे। आरोप है कि नाचते हुए बारातियों के द्वारा किसी युवती से छेड़छाड़ को लेकर विवाद की शुरुआत हुई।

विवाद बढ़ता देख कर किसी ने स्थानीय थाने में इसकी सूचना दी, मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाद शांत कराया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। इस दौरान बनगांईं पक्ष के लोग महिलाओं के साथ घटना की शिकायत लेकर थाने पहुंचे किंतु फिर शादी के कारण अगले दिन थाने में पहुंच कर तहरीर देने की बात कही और चले गए।थानाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शुक्ला ने बताया कि मारपीट की घटना की जानकारी मिली है, शिकायत मिलने पर जांच और कार्रवाई की जाएगी।
किशोरी से जबरन दुष्कर्म,8 माह की गर्भवती हुई, आरोपित चचेरे भाई के खिलाफ पिता ने दी तहरीर

खजनी गोरखपुर। थाना क्षेत्र के एक गांव में समाज को शर्मसार कर देने वाली घटना प्रकाश में आई है। नाबालिग किशोरी को डरा धमकाकर और बहला फुसलाकर उसका चचेरा भाई जबरन दुष्कर्म करता रहा। 8 माह की गर्भवती होने के बाद पेट में दर्द और उभार आता हुआ देखकर किशोरी ने जब अपने पिता को बताया तो वह उसे लेकर डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंचा। जांच के बाद जैसे ही किशोरी के 8 माह की गर्भवती होने की जानकारी मिली पिता के पांव तले से जमीन खिसक गई। बिलखते हुए किशोरी ने अपने पिता को अपने साथ हुई घटना की पूरी जानकारी दी, जिसके बाद खजनी थाने में पहुंच कर बाप बेटी ने आरोपित युवक के खिलाफ तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।

मिली जानकारी के अनुसार किशोरी की मां का वर्षों पहले निधन हो चुका है। पत्नी के न होने से गम में डूबे पिता को शराब पीने की बुरी लत है। पड़ोस में रहने वाला किशोरी का चचेरा भाई रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करते हुए अपनी ही बहन पर बुरी नीयत रखने लगा मौका देखकर उसने पहले किशोरी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और फिर आए दिन उसे डरा धमकाकर और बहला फुसलाकर लगातार संबंध बनाता रहा इस बीच किशोरी 8 माह की गर्भवती हो गई। घर में किसी समझदार महिला के न होने से किशोरी को गर्भावस्था और इस दौरान होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की जानकारी नहीं हो पाई।

मामले में थानाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शुक्ला ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपित की तलाश की जा रही है।

गांव में घुसा आमी नदी के बाढ़ का पानी,तहसीलदार कूड़ा भरत गांव में उपलब्ध कराई नाव

खजनी गोरखपुर। तहसील क्षेत्र के कूंड़ा भरत गांव के एक मौजे में निचले इलाके के कुछ घर आमी नदी के बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। गांव के समीप से बहने वाली आमी नदी पर पीपे का पुल बना था जो कि पानी के तेज बहाव से बह चुका है। वहीं गांव के कई मजदूर नदी पार करके 7/8 किलोमीटर की दूरी तय कर रोज शहर में मजदूरी करने के लिए आते जाते हैं। समस्या की जानकारी मिलते ही आज गांव में पहुंचे तहसीलदार खजनी कृष्ण गोपाल तिवारी ने गांव के लिए छोटी डोंगीं नाव उपलब्ध कराई। इस दौरान लेखपाल राजीव रंजन शर्मा ग्राम प्रधान रमेश पासवान सहित बड़ी संख्या में गांव के निवासी मौजूद रहे। समस्या का समाधान मिलने पर लोगों ने तहसील प्रशासन के प्रति आभार जताया।

बता दें कि पहाड़ो पर हो रही बारिश और पड़ोसी देश नेपाल से पानी छोड़े जाने के साथ ही इलाके में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण घाघरा राप्ती जैसी बड़ी नदियों के साथ ही उनसे जुड़ी छोटी और सहायक नदियां भी उफान पर हैं। नदियों का पानी लगातार बढ़ने के कारण उनके किनारे बसे गांवों के निचले इलाकों में पानी भर चुका है, गांवों के किसानों के खेत जलमग्न हो गए हैं।

सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर का हुआ भव्य विदाई समारोह

गोरखपुर। सोमवार को भारत नेपाल मैत्री समाज, वीर सेनानी कल्याण संस्थान व अखिल भारतीय भूतपूर्व सैनिक विकास प्रकोष्ठ ने संयुक तत्वावधान में ज़िला सैनिक कल्याण के अधिकारी विंग कमांडर मुकेश तिवारी का लखनऊ ईटीएफ के पद पर हुए तबादले पर ज़िला सैनिक कल्याण परिषद के हाल में भव्य विदाई समारोह का आयोजन हुआ।

जिसमे मुकेश तिवारी ने अपने संबोधन में कहा की जब गोरखपुर उनका तबादला हुआ था तो यहाँ आने का मन नहीं हो रहा था कारण यहाँ के क्राइम को देखते सुनते हुए पर जब आ गया तो लोगो से उनके असीम प्यार मिलने पर वो बात ख़त्म हो गई अब जाने की इच्छा नहीं हो रही पर तबादले तो नौकरियों में होते ही रहते हैं।

कार्यक्रम में तीनों संस्थानों के अध्यक्षों ने बारी बारी से विंग कमांडर मुकेश तिवारी को माला पहनाया साथ ही वीर सेनानी के अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा की विंग कमांडर मुकेश तिवारी के गोरखपुर कार्यकाल के दरम्यान सभी पूर्व सैनिकों का काम जिम्मेदारीपूर्ण तरीक़े से बिना भेदभाव के निबटाते रहें। अब उनके लखनऊ तबादला हो जाने से वो अभाव तो हम सभी पूर्व जवानों को खलेगा।

भारत नेपाल मैत्री समाज के अध्यक्ष ने कहा कि सेना के पूर्व जवानो की इज्जत हम सभी के दिलों में है उन्हें किसी राजनीतिक दल का पिछलग्गू नहीं बनना चाहिए उनके किसी भी उचित कार्य को बिना किसी लाग लपेट के भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों को करना चाहिए बग़ैर कोई एहसान जताए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विंग कमांडर मुकेश तिवारी को सभी लोगो ने उनके द्वारा ज़िला सैनिक कल्याण परिषद के अधिकारी के रूप में पूर्व सैनिकों के लिए किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में भारत नेपाल मैत्री समाज के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्त, अखिल भारतीय भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के शीतल प्रताप सिंह, वीर सेनानी कल्याण संस्थान के अध्यक्ष अनिरुद्ध शाही, ओंकार नाथ मिश्र, अबुल हसन अंसारी, रामराज प्रसाद, बैद्यनाथ पोद्दार अभिनंदन मिश्र, सुधाकर दुबे, रमन दूबे, हरिश्चंद्र सिंह, लाल बहादुर, शिवाजी यादव, राकेश कुमार भारतीय, रामनाथ, शाल, बैजनाथ गुप्ता, सुदर्शन चौधरी, फ़रियाद अहमद, रामज्ञा प्रसाद, ज्योति कुमारी चौबे आदि शामिल रहे

शांति पूर्वक निकाला गया मुहर्रम के सातवीं का जुलूस

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के सिकरीगंज कस्बे में सातवीं मुहर्रम का जुलूस कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्वक निकला। जुलूस में भारी भीड़ शामिल हुईं। इस दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। अकीदतमंदों ने जुलूस में शामिल इमाम हुसैन के भतीजे जनाबे कासिम की शबीहे ताबूत को बोसे दिए।

जुलूस में शामिल युवाओं ने नौहे पढ़ते हुए मातम किया। इस्लाम धर्म के मुताबिक करीब 14 सौ साल पहले इसी दिन कर्बला की लड़ाई हुई, मोहर्रम महीने की सात तारीख काफी अहम होती है, क्योंकि सात मोहर्रम को इमाम हुसैन के बड़े भाई इमाम हसन के बेटे जनब-ए-कासिम की शहादत मनाई जाती है।


मातमी जुलूस में शामिल युवाओं ने रोमांचक करतब दिखाए जिसे देखने के लिए सड़क के दोनों तरफ लोगों की भारी भीड़ रही। बताया गया कि जिले के दक्षिणांचल में स्थित सिकरीगंज कस्बे में हर साल मुहर्रम का सबसे बड़ा जुलूस निकाला जाता है।

आज क्षेत्र के इमलीडीह खुर्द गाँव से दोपहर 2 बजे मुहर्रम के सातवीं का जलूस निकाला गया जलूस में हरदत्तपुर, नकौड़ी,मलांव,बारीगांव, बढ़यापार ,सिकरीगंज क़स्बा हाता नवाब आदि गाँव के अखाड़ों से आए हुए खिलाड़ियों ने लाठी गदका खेल कर अपने जौहर दिखाए, ढोल तासा बजाने वालों ने मातमी धुनें बजाकर लोगों को  आकर्षित किया।

सभी जगहों से आए जलूस का मिलान सिकरीगंज तिराहे पर किया गया। जलूस में शामिल अकीदतमंदों ने इमलीडीह खुर्द गांव में स्थित मदरसे में पहुँच कर खिचड़ा ग्रहण किया और जलूस समाप्त किया गया। मुहर्रम कमिटी के अध्यक्ष ईद मुहम्मद ने जलूस को सकुशल संपन्न कराने के लिए स्थानीय प्रशासन को धन्यवाद दिया।
श्रीमद्भागवत महापुराण में कर्दम ऋषि की कथा सुन भावविभोर हुए श्रोता

खजनी गोरखपुर।सिकरीगंज के निकट स्थित झौवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ से अयोध्या से पधारे आचार्य चंद्र किशोर महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए बताया कि
मनु महाराज की पुत्री देवहुति जब विवाह योग्य हुई तो उन्होंने भगवान से अच्छे वर की प्रार्थना की, तब भगवान ने उन्हें कर्दम ऋषि से कन्या का विवाह करने के लिए कहा, भगवान ने कर्दम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उनसे कहा मैं तुमसे प्रसन्न हूं क्योंकि तुम सृष्टि हेतु तप करने जा रहे हो।


इसलिए तुम्हारा मनोरथ पूर्ण होगा। तुम महाराज मनु की पुत्री से विवाह करो महाराज मनु अपनी पत्नी सत्यारूपा और पुत्री देवहूति के साथ कर्दम ऋषि के आश्रम जा पहुंचे। कर्दम ऋषि ने विवाह से पूर्व शर्त रखी जब देवहुति गर्भवती होंगी तो मैं संन्यास लेकर वन चला जाऊंगा। माता सत्यारूपा ने पुत्री की ओर देखा उनकी मौन स्वीकृति से विवाह किया गया। माता देवहुति द्वारा पति की सेवा की गई जिससे कर्दम ऋषि ने उन्हें वर मांगने के लिए कहा तब माता देवहूति ने कहा कि आप वन को तब जाएं जब मुझे पुत्र प्राप्त हो। कर्दम ऋषि की प्रथम 9 संतानें कन्या हुईं।


जिनके नाम कला, अनुसुइया, श्रद्धा, हविर्भू, गति, क्रिया, ख्याति,अरूंधती और शान्ति थे तथा पुत्र का नाम कपिल था। कपिल के रूप में देवहूति के गर्भ से स्वयं भगवान विष्णु अवतरित हुये थे। जिन्होंने अपनी माता को सांख्य शास्त्र का उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान चाहे जहां से भी मिले उसे प्राप्त करना चाहिए।

भक्ति पूर्ण कथा सुनकर श्रद्धालु श्रोता भाव विभोर हो उठे। कथा में मुख्य यजमान प्रभा देवी, सर्वदमन शुक्ल, कौशल किशोर, विजय कुमार पाण्डेय, चंद्र किशोर, किर्ति त्रिपाठी, हिमांशु शुक्ल, रीना शुक्ला, रितु, शिवम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहे।
सातवीं मुहर्रम : महिलाओं की महफ़िल में गूंजी या हुसैन की सदा

गोरखपुर। ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफ़िलों के नाम रहा। उलमा किराम ने दीन-ए-इस्लाम, शहादत और कर्बला के बाबत विस्तार से बयान किया। सातवीं मुहर्रम को करीब एक दर्जन से अधिक मस्जिदों में ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिलों का दौर जारी रहा। मुहर्रम की सातवीं तारीख़ को जालिम यजीदियों ने हज़रत इमाम हुसैन व उनके साथियों के लिए पानी पर रोक लगा दी थी। कर्बला का वाकया सुनकर अकीदतमंद इमाम हुसैन की याद में डूब गए।

मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद इमामबाड़ा तुर्कमानपुर में महिलाओं की महफ़िल हुई। महफ़िल या हुसैन की सदाओं से गूंजती रही। अध्यक्षता ज्या वारसी ने की। संचालन सादिया खातून ने किया। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत नूर फातिमा ने की। नात-ए-पाक सना खान, नूर सबा, शिफा नूर, शफक, गुल अफ्शा व हदीस -ए-पाक फिजा खातून ने पेश की। मुख्य वक्ता गाजिया ख़ानम अमजदी ने कहा कि कर्बला के 72 शहीदों ने जो बेमिसाल काम किया, उसकी मिसाल दुनिया में नहीं मिलती है। हज़रत सैयदना इमाम हुसैन सन् 61 हिजरी मुहर्रम की दो तारीख़ को कर्बला पहुंचे।

सातवीं मुहर्रम को कर्बला के मैदान में जालिम यजीद की फौज ने इमाम हुसैन और उनके साथियों पर पानी की आपूर्ति बंद कर दी ताकि वो शासक जालिम यजीद की मातहती स्वीकार कर लें मगर इमाम हुसैन और उनके साथियों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। नहरे फुरात पर यजीदी फौजियों को लगा दिया गया, ताकि हज़रत इमाम हुसैन का काफिला पानी न पी सके। तीन दिन का भूखा प्यासा रखकर इमाम हुसैन व उनके साथियों को कर्बला की तपती ज़मीन पर शहीद कर दिया गया। इमाम हुसैन कल भी ज़िंदा थे, आज भी ज़िंदा हैं। 

शिफा खातून ने कहा हज़रत इमाम हुसैन ने मुल्क या हुकूमत के लिए जंग नहीं की, बल्कि वह इंसानों के सोये हुए जेहन को जगाने आए थे। उनके कुनबे में शामिल बूढ़े, जवान, बच्चे और औरतों ने खुद पर जुल्म सहन कर लिया लेकिन पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दीन-ए-इस्लाम को जालिम यजीद से बचा लिया। आलमे इस्लाम को यह मानने पर मजबूर होना पड़ा कि हक़ और बातिल के बीच हुई जंग में कर्बला के शहीदों ने जो जीत हासिल की वह कयामत तक कायम रहेगी।

गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि आशूरा मुहर्रम की रात खत्म हुई और दसवीं मुहर्रम सन् 61 हिजरी की कयामत नुमा सुबह नमूदार हुई। इमाम हुसैन के अहले बैत व जांनिसार एक-एक कर शहीद हो गए और दीन-ए-इस्लाम का परचम बुलंद कर गए।

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि इमाम हुसैन के साथ मक्का शरीफ से इराक की जानिब सफर करने वालों में आपके तीन पुत्र हज़रत अली औसत (इमाम जैनुल आबेदीन), हज़रत अली अकबर, छह माह के हज़रत अली असगर शामिल थे। इमाम हुसैन के काफिले में कुल 91 लोग थे। जिसमें 19 अहले बैते (पैग़ंबरे इस्लाम के घर वाले) और अन्य 72 जांनिसार थे।

जामा मस्जिद रसूलपुर में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि अपनी औलाद को तीन बातें सिखाओ। अपने पैग़ंबर की उल्फत व मुहब्बत। अहले बैत (पैग़ंबरे इस्लाम के घर वाले) की उल्फत व मुहब्बत। क़ुरआने करीम की किरात। जब तक मुसलमानें के हाथों में क़ुरआन और अहले बैत का दामन रहा वह कभी गुमराह और रुसवा नहीं हुए बल्कि हमेशा फतह उनके कदम चूमती रही लेकिन जैसे ही मुसलमानों ने उन दोनों के दामन से दूरी बनाई हर जगह जिल्लत व रुसवाई उनके सामने आती चली गई। लिहाजा आज भी अगर हम क़ुरआन व अहले बैत से ताल्लुक जोड़ लें तो कामयाबी हमारे कदम चूमेगी।

बेलाल मस्जिद अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम ने इरशाद फरमाया कि अगर तुम हिदायत चाहते हो और गुमराही और जलालत से अपने आपको दूर रखना चाहते हो तो अहले बैत का दामन थाम लो। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान व तरक्की की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई।

लस्सी व लंगरे हुसैनी बांटा गया

रहमतनगर में सातवीं मुहर्रम को भी अकीदतमंदों में लंगरे हुसैनी बांटा गया। वहीं गौसे आज़म फाउंडेशन ने तुर्कमानपुर में लस्सी बांटी। लंगर व लस्सी बांटने में समीर अली, मो. फैज, मो. जैद कादरी, अली गजनफर शाह, मो. जैद, हाफिज सैफ अली, अमान अहमद, मो. शारिक, एहसन खान, मो. अरीब, रियाज अहमद, मौलाना दानिश रज़ा, हाफिज अशरफ रज़ा आदि ने महती भूमिका निभाई।
डॉक्टर रघुनाथ चंद स्मृति नवज्योति पुरस्कार के आवेदन की अंतिम तिथि 28 जुलाई
गोरखपुर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा एवं प्रताप सभागार फाउंडेशन ट्रस्ट की एक बैठक कर सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई। जिसमें इंजीनियर योगेंद्र सिंह सेंगर, सुभाष राव, समर बहादुर सिंह, कृष्ण मोहन शाही, दिलीप शाही, विजय बहादुर सिंह सहित अन्य भाई सम्मिलित हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जनपद इकाई तारामंडल रोड गोरखपुर एवं प्रताप सभागार फाऊंडेशन ट्रस्ट द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी डॉक्टर रघुनाथ चंद स्मृति नवज्योति पुरस्कार समारोह 4 अगस्त 2024 दिन रविवार को दिया जाएगा।


जिसमें हाई स्कूल/ इंटर के किसी भी बोर्ड के टॉपर 21 बच्चों को सम्मानित किया जाएगा. इसके लिए मार्कशीट की फोटो कॉपी और उसके पीछे पिता का नाम,  पताऔर पिता का मोबाइल नंबर जिससे उन्हें कॉल किया जा सके निम्नलिखित नंबरों पर 28 जुलाई 2024 दिन रविवार तक संपर्क किया जाए जो आवेदन की अंतिम तारिख है।

राधे श्याम चंद जिला महामंत्री 8318541026 ,
रामदेव सिंह संरक्षक8004335854
इन्द्रजीत चंदेल महानगर महामंत्री ,8423356047.
अंतराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में गोला के खिलाड़ियों का हुआ चयन

गोला-गोरखपुर। अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में गोला के खिलाडियों के चयन पर लोगो ने सभी प्रतिभागियों को खुशी का इजहार कर दी बधाई।

आगामी 26 27 व 28 जुलाई तक कोलकाता स्थित नेता जी इनडोर स्टेडियम वेस्ट बंगाल में होने वाली इंटरनेशनल सोतो कान प्रतियोगिता में गोला क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर कस्बा स्थित संचालित इंटरनेशनल सोतोकान कराटे डू- क्योंकाई,गोरखपुर सेंटर से 12 खिलाडियों का चयन हुआ है उक्त जानकारी एसोसिएशन के महासचिव (जनरल सेक्रेटरी) शिहान दीपक शाही ने देते हुए बताया की इस प्रतियोग में भारत के साथ बांग्लादेश, नैपाल, भूटान, श्रीलंका, मलेशिया, सऊदी अरबिया, ईरान देशों के कराटे खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। स्थानीय लोगो ने खिलाड़ियो को बधाई दे शुभकामना दी है।

ये खिलाड़ी करेंगे प्रतिभाग

रतन कुमार 18 वर्ष, जितेंद्र कुमार 17वर्ष, आबिद हुसैन 19 वर्ष, मंगेश कुमार 14 वर्ष उदित विश्वकर्मा 11वर्ष राजकपूर 13 वर्ष शिवांश सिंह 16 वर्ष , आदित्य सिंह 15 वर्ष आयुष कुमार सिंह 15 वर्ष , विशाल भारती 18 वर्ष , अनमोल राव 17 वर्ष , तथा सतीश मौर्य 18 वर्ष का चयन हुआ है।

कुंआंनों नदी में तैरता मिला मगरमच्छ, इलाके में दहशत ,सिकरीगंज में मछुआरों ने मगरमच्छ की वीडियो बनाई

खजनी गोरखपुर। इलाके में सिकरीगंज कस्बे के समीप स्थित कुंआंनों नदी में तैरते हुए मगरमच्छ को देख कर लोगों में दहशत फैल गई। वर्षों से कुंआंनों नदी में किसी को मगरमच्छ नहीं दिखाई दिया था। नदी के पानी में मछलियां पकड़ने पहुंचे मछुआरों ने जैसे ही पानी में तैरते हुए मगरमच्छ को देखा तो मोबाइल फोन से उसकी वीडियो भी बना ली। नदी में मगरमच्छ मिलने की जानकारी मिलते ही यह खबर क्षेत्र में जंगल के आग की तरह फैल गई है।

दरअसल कुंआंनों नदी के पानी में प्राय: बच्चे और युवा स्नान करने के लिए पहुंचते हैं, वहीं दिन हो या रात मछुआरे बेखौफ होकर नदी में मछलियां पकड़ने में लगे रहते हैं। पहली बार नदी के पानी में लोगों को मगरमच्छ दिखाई दिया है। स्थानीय लोगों में तबरेज, संतोष, हिमांशु, राहुल, विवेक मौर्या, सुधीर शर्मा,असलम, जावेद रमेश आदि ने बताया कि नदी में बाढ़ आई है पानी लबालब भर चुका है। पहली बार नदी के पानी में मगरमच्छ दिखाई दिया है, अब हम सभी को सतर्क रहना होगा।