इंटरनेशनल स्तर के स्टेडियम वाला यूपी का चौथा शहर होगा गोरखपुर


लखनऊ। नरेंद्र हिरवानी और गोरखपुर का क्रिकेट एक दूसरे के पर्याय हैं। देश के महान लेग स्पिनर्स में शुमार हिरवानी अपने खेल के बूते 1988 में क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिरवानी की परंपरा को और समृद्ध करने जा रहे हैं। इसका जरिया बनेगा गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्र में बनने वाला वैश्विक स्तर का क्रिकेट स्टेडियम। इसके निर्माण की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत छह जुलाई को गोरखपुर दौरे के दौरान थी।

वैश्विक स्तर का यह यूपी चौथा क्रिकेट स्टेडियम होगा

मिली जानकारी के अनुसार करीब 100 एकड़ में बनने वाले इस स्टेडियम की जमीन के लिए सड़क, हवाई यातायात की कनेक्टिविटी को ध्यान रखा जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो कानपुर, लखनऊ, वाराणसी के बाद उत्तर प्रदेश का यह चौथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम होगा। इसका लाभ न केवल गोरखपुर, बल्कि पूर्वांचल, सटे हुए बिहार और मित्र राष्ट्र नेपाल की खेल प्रतिभाओं को भी मिलेगा। बेहतर प्रशिक्षण के जरिए क्रिकेट खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूर्वांचल का नाम रोशन करेंगे।यही नहीं इससे स्पोर्ट्स के कारोबार में भी बूम आएगा। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैच शुरू होने पर स्पोर्ट्स टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को भी लाभ होगा।

खेलों के प्रति सीएम योगी का खासा लगाव

मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खेलों से खासा लगाव है। समय-समय पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश एवं देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों से वह न केवल मिलते हैं बल्कि उनको सम्मानित भी करते हैं। इसी क्रम में कुछ रोज पहले टी-20 विश्व विजेता टीम के हिस्सा रहे उत्तर प्रदेश के क्रिकेटर कुलदीप यादव से भी उनकी अपने आवास पर भेंट हुई थी। यही नहीं ऐसे खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओ में जाने के पहले वह हौसला अफजाई भी करते हैं। अगस्त 2021 में खिलाड़ियों के सम्मान में ही यहां लखनऊ में उनके मार्गदर्शन में खेल कुंभ का भी आयोजन हुआ था।

इसी में मुख्यमंत्री ने लखनऊ में खेल एकेडमी बनाने एवं कुश्ती समेत दो खेलों को एडॉप्ट करने एवं 10 साल तक इनके वित्त पोषण की भी घोषणा की थी। प्रदेश की खेल प्रतिभाओं दक्षता बढ़े इसके लिए मेरठ में हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम से खेल विश्वविद्यालय भी बन रहा है।  गांव-गांव में खेल मैदान, ओपन जिम, गंगा के तटवर्ती गावों में गंगा मैदान बनाने के पीछे भी जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना है। योगी सरकार इसी मकसद से पांच साल के लिए नई खेल नीति लाने की भी तैयारी कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की घोषणा भी इसी की एक खड़ी है। इसका लंबे समय में प्रदेश के खेल जगत पर व्यापक एवं प्रभावी असर पड़ेगा।
सीएम सख्त : डग्गामार और बिना परमिट के चलती मिलीं बसें तो नपेंगे बड़े अफसर



लखनऊ। उन्नाव बस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार किया है। परिवहन विभाग के अधिकारियों को सीएम योगी ने दो टूक निर्देश दिये हैं कि भविष्य में प्रदेश की सड़कों पर डग्गामार या बिना परमिट कोई बस चलती मिली तो संबंधित अधिकारियों की खैर नहीं। अपने सरकारी आवास पर एक अति महत्वपूर्ण बैठक के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों को सीएम ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रही सभी यात्री  बसों और स्कूल बसों का परमिट, फिटनेस, इंश्योरेंस और ड्राइवरों की गहनता से जांच की जाए। वहीं मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद परिवहन विभाग ने पूरे प्रदेश में एक माह तक डग्गामार और बिना परमिट वाले वाहनों के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान के निर्देश जारी कर दिये हैं।

डग्गामार वाहनों को सड़क पर आने से पहले ही रोकें

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव परिवहन को निर्देशित करते हुए कहा कि आखिर डग्गामार और बिना परमिट वाली बसें सड़कों पर कैसे बेरोकटोक घूम रही हैं। ऐसी बसों के खिलाफ पूरी सख्ती के साथ अभियान चलाएं और इनके मालिकों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए। सीएम योगी ने स्पष्ट तौर पर निर्देशित करते हुए कहा है कि जहां भी इस प्रकार की बसों का संचालन हो रहा है, वहां के परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में पंजीकृत सभी यात्री बस और स्कूल बसों के फिटनेस, परमिट, इंश्योरेंस और ड्राइवरों की जांच की जाए। इसके बाद कहीं भी कोई अप्रिय घटना हुई तो सीधे सीधे परिवहन विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। कहा कि डग्गामार और बिना परमिट वाले वाहन किसी भी दशा में सड़क पर न उतरने पाए। उन्होंने कहा कि डग्गामार और बिना परमिट वाली बसों को सड़क पर आने से पहले ही रोकना होगा।  

एक माह तक चलेगा सघन अभियान

मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद परिवहन विभाग के आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने प्रदेश के सभी उप परिवहन आयुक्त (परिक्षेत्र), सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन), सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन) को निर्देश दिए हैं कि एक माह तक अनवरत रूप से सड़क अभियान चलाया जाए। इस दौरान यात्री बसों के साथ ही स्कूली वाहनों की भी चेकिंग की जाए। उन्होंने इसके लिए प्रदेश के विभिन्न टोल प्लाजा पर संभागीय परिवहन अधिकारियों की तिथिवार ड्यूटी लगा दी है। साथ ही निर्देश दिये हैं निर्धारित तिथियों में प्रत्येक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) सम्बन्धित टोल प्लाजा पर स्वयं उपस्थित होकर सम्भाग के समस्त प्रवर्तन अधिकारियों के साथ इन्फोर्समेंट की कार्रवाई करेंगे। चिन्हित स्थानों पर एक-एक इण्टरसेप्टर तैनात की जाएगी। इस दौरान की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी और फोटो विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रेषित की जाएगी
विधि का शासन ही सुशासन की पहली शर्त, परसेप्शन बदलने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिकाः सीएम योगी


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने मुख्य अतिथि और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूण के साथ छात्रों को उपाधि प्रदान की। कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है विधि का शासन। न्याय संगत व्यवस्था हर व्यक्ति को प्रिय है और न्याय समय पर हो, समयबद्ध तरीके से हो, इसके लिए उस फील्ड के विशेषज्ञ उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं। विधि के इस शासन के लिए ही आज भारत जाना जा रहा है।

परसेप्शन बदलने में, आमजन की धारणा बदलने के लिए, देश और दुनिया की धारणा बदलने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय एक सही राह पर आगे बढ़ चुका है। यहां के उपाधि प्राप्त करने वाले जितने भी स्नातक, परास्नातक और शोध करने वाले छात्र हैं, वे अपने कार्यों के माध्यम से न सिर्फ विश्वविद्यालय को बल्कि समाज और राष्ट्र को लाभान्वित करके अपने अभिभावकों और अपने गुरुजनों को गौरवान्वित करने का कार्य करेंगे।

मुख्य न्यायधीश की बातों की हर कोई करता है सराहना

सीएम योगी ने भारत के मुख्य न्यायधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का स्वागत करते हुए कहा कि भारत के अंदर विधि का शासन हो, अच्छे विधि विशेषज्ञ स्नातक, परास्नातक और शोध की डिग्री लेने के उपरांत जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण के अभियान का हिस्सा बन सकें, इसके प्रति यहां के छात्रों के अंतःकरण की जिजीविषा के कारण ही आज यह संयोग देखने को मिल रहा है कि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में भी मुख्य अतिथि के रूप में भारत के मुख्य न्यायधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ का आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है। इससे पहले भी दो दीक्षांत समारोह में उनका आशीर्वाद यहां के विद्यार्थियों को प्राप्त होता रहा है।

इस अवसर पर उनकी उपस्थित हम सबको आह्लादित करती है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में जाने से पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल उत्तर प्रदेश वासियों के लिए और न्याय जगत के लिए अविस्मरणीय पल रहा है। आज भी उत्तर प्रदेश का वासी, न्याय जगत में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति बड़े ही सकारात्मक भाव से उनकी बातों की सराहना करता है।

सकारात्मक राह पर है विश्वविद्यालय

सीएम योगी ने कहा कि जब मुख्य न्यायाधीश उपाधि प्राप्त करने वाले उपाधि धारकों से परिचय पूछने के साथ-साथ वर्तमान में उनके कार्यों के बारे में पूछ रहे थे तो ये देखकर प्रसन्नता हो रही थी कि बहुत सारे उपाधि धारक न्यायिक क्षेत्र की अलग-अलग जगहों पर जाकर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। यानी विश्वविद्यालय की राह सही है, सकारात्मक है। उस पहल के साथ हम सबको भी जुड़ना होगा। बार और बेंच का बेहतर समन्वय बहुत महत्वपूर्ण है। एक आम जनमानस आपके पास एक उम्मीद लेकर आता है।

हम देखते हैं कि परिवारिक विवादों को लेकर जब लोग आते हैं तो वह किसी की नहीं सुनते, लेकिन अधिवक्ता जहां कहता है वो वहां आंख बंद करके साइन कर देते हैं, क्योंकि अधिवक्ता पर उनका  विश्वास है। यह विश्वास आपकी सबसे बड़ी पूंजी है और यह विश्वास सामान्य नागरिक का बार और बेंच दोनों पर बना रहना चाहिए। इस विश्वास पर खरा उतरना हम सबके लिए सदैव सबसे बड़ी चुनौती रही है, क्योंकि बदलते हुए परिवेश में लोगों की आवश्यकताएं, तौर तरीके, टेक्नोलॉजी व्यक्ति को भी और व्यवस्था को भी बदलती है।

सकारात्मक राह जीवन ही नहीं राष्ट्र हित में भी

सीएम योगी ने कहा कि बदलाव की राह क्या होनी चाहिए, वो सकारात्मक है या नकारात्मक ये हमको तय करना है। यदि हमारी राह सकारात्मक होगी तो आपकी राह न्यायिक जगत ही नहीं, जीवन के हर एक क्षेत्र में बहुत उज्ज्वल होगी। अगर राह नकारात्मक होगी तो यह न आपके व्यक्तिगत हित में होगी, न समाज के और न ही राष्ट्र के हित में होगी। इस अवसर पर एक पुरानी कहावत याद आती है कि परिवार के हित में व्यक्ति को छोड़ना पड़े तो हमें उसमें परहेज नहीं करना चाहिए। वहीं, गांव के हित में परिवार को भी छोड़ना पड़े तो परहेज नहीं करना चाहिए। और अगर समाज के हित में गांव से परहेज करना पड़े तो भी हमें उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए। यदि राष्ट्र के हित में इन सबसे अलग हटना पड़े तो राष्ट्र हमारे जीवन में सर्वोच्च होना चाहिए। जब इस ध्येय के साथ हम कार्य करते हैं तो यह छोटी बातें आपको प्रभावित नहीं कर पाएंगी।

कर्तव्यों के प्रति सजग होकर काम करना ही हमारा धर्म

सीएम योगी ने कहा कि कुलपति महोदय जब दीक्षांत उपदेश पढ़ रहे थे तो उसमें तृतीय उपनिषद की बात कर रहे थे। एक स्नातक के जीवन में अच्छा बनने के लिए क्या कुछ होना चाहिए, इसके विषय में उपनिषद विस्तार से बताता है। इसमें कहा गया है कि सत्यं वद, धर्म चरः अर्थात सत्य बोलना और धर्म का आचरण करना। धर्म सिर्फ उपासना विधि नहीं है। धर्म नैतिक मूल्यों का, सदाचार का और हमारे कर्तव्यों का एक पर्याय है जो देश, काल और परिस्थितियों से बिना प्रभावित हुए हम सबको सम और विषम परिस्थितियों में अपने कर्तव्यों के प्रति आगाह करता है। अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होकर के काम करना, यही हमारा धर्म है और वो भी यदि राष्ट्र को साक्षी मानकर हम कार्य कर रहे हैं तो सचमुच हम अपनी उस ऋषि परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने आप को उसका उत्तराधिकारी कह सकते हैं, जिसने हजारों वर्ष पहले ये उपदेश उस काल खंड के युवाओं के लिए रचे थे। प्राचीन गुरुकुल की परंपरा में दीक्षांत समारोह एक समावर्तन समारोह के रूप में होता था, उस समय यह मान्यता थी कि जो भी यहां से स्नातक निकलेगा वह इतना परिपक्व होगा कि सारी परीक्षाओं को पास करके अपने भावी जीवन को आगे बढ़ाएगा। अगर हम भी अपने जीवन में बिना किसी चुनौती की परवाह किए खुद को ढालेंगे, उसका परिणाम हमारे हित में सुखद होगा, हमारे समाज और देश के हित में सुखद होगा। हम भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जाकर बहुत कुछ नया कर पाएंगे।

कानून पढ़ाने की प्रक्रिया में क्षेत्रीय भाषाओं का भी ध्यान रखना चाहिएः चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने इस अवसर पर लॉ की पढ़ाई को क्षेत्रीय भाषा में कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अक्सर देश के तमाम शिक्षाविदों से विचार विमर्श करता हूं कि कैसे कानून की पढ़ाई को सरल भाषा में पढ़ाया जा सके। अगर हम कानून के सिद्धांतों को सरल भाषा में आम जनता को नहीं समझा पा रहे हैं तो इसमें कानूनी पेशे और कानूनी शिक्षा की कमी नजर आ रही है। कानून को पढ़ाने की प्रक्रिया में हमें क्षेत्रीय भाषाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए और मेरा सोचता हूं कि आरएम एनएलयू को जरूर हिंदी में एलएलबी कोर्स शुरू करना चाहिए। हमारे विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय मुद्दों से जुड़े कानूनों को भी पढ़ाना जाना चाहिए।

मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति आपके विश्वविद्यालय के पड़ोस के गांव में, गांव से विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय की विधिक सहायता केंद्र में आता है और अपनी जमीन से जुड़ी समस्या को बताता है, लेकिन यदि छात्र को खसरा और खतौनी का मतलब ही नहीं पता है तो छात्र उस व्यक्ति को कैसे मदद कर पाएगा। इसलिए जमीन संबंधित क्षेत्रीय कानूनों के बारे में भी छात्र को अवगत कराना चाहिए। उन्होंने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ऐसे कई निर्देश दिए हैं, जिससे न्याय की प्रक्रिया को आम लोगों के लिए आसान बनाया जा सके। उदाहरण के तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंग्रेजी में दिए गए निर्णयों का भारत के संविधान में प्रचलित विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है, जिससे आम जनता भी समझ सके कि निर्णय में आखिर लिखा क्या गया है। आज 1950 से लेकर 2024 तक सर्वोच्च न्यायालय के 37000 निर्णय है, जिनका हिंदी में अनुवाद हो गया है और यह सेवा सब नागरिकों के लिए मुफ्त है।कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायायल के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरपाल सिंह, विभागाध्यक्ष विधि प्रो. आदित्य प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कई न्यायमूर्ति उपस्थित रहे।
लखनऊ, मुंबई और कोलकाता में ईडी के छापे

लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लखनऊ, मुंबई और कोलकता में शुक्रवार को छापेमारी की। इस दौरान कई अहम दस्तावेज और 2.98 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं। हमारा इंडिया क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में अनियमितता के मामले में यह कार्रवाई की गई है।

ईडी के मुताबिक पीएमएलए-2002 के प्रावधानों के तहत कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में हमारा इंडिया क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के मामले में तलाशी अभियान चलाया गया है। इस अभियान के दौरान हमारा इंडिया और सहारा समूह की अन्य संस्थाओं के बही-खाते, डिजिटल डिवाइस समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज और 2.98 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
भाजपा अफवाह फैलाने वाली पार्टी: अखिलेश यादव
लखनऊ । सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अफवाह फैलाने वाली पार्टी है। इसी रणनीति के तहत वह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है। उसके पास विकास का कोई विजन नहीं है। अखिलेश यादव पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात कर रहे थे। कार्यकर्ताओं को उन्होंने भाजपा से सावधान रहने की सलाह दी। आरोप लगाया कि वोट न देने वालों से बदला लेने की तैयारी है। वह लोगों से भेदभाव करती है और वादे पूरे नहीं किए। उन्होंने कहा कि गाजीपुर से गोरखपुर समेत दर्जनों जिलों में जलभराव है। नेपाल के सीमावर्ती जिलों में बाढ़ से जनजीवन त्रस्त है। समय रहते बाढ़ और जलभराव रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।
बारात लेकर नहीं आया सॉफ्टवेयर इंजीनियर दूल्हा तो दुल्हन पहुंची थाने
लखनऊ /झांसी। कोतवाली थाना क्षेत्र में गुरुवार रात दुल्हन तैयार हो कर दूल्हे का इंतजार करती रही, लेकिन दूल्हा बारात लेकर नहीं पहुंचा। इससे दुल्हन खफा होकर थाने पहुंच गई। आरोप लगाया कि मंगेतर आयरलैंड में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। शादी में एक करोड़ रुपये की डिमांड की गई, जब रुपये नहीं दिए तो वर पक्ष बारात लेकर नहीं पहुंचा। थोड़ी देर बाद दूल्हा भी थाने पहुंच गया। उसने आरोप लगाते हुए बताया कि उसे कमरे में बंद कर जूतों से पीटा गया है। थानेदार ने दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है।

दूल्हा आचरण जैन कोतवाली थाना क्षेत्र के सुभाषगंज निवासी है और दुल्हन आकृति जैन मध्य प्रदेश के छतरपुर की रहने वाली है। वह भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी है। दुल्हन के चचेरे भाई भूपेंद्र जैन ने बताया कि पांच महीने पहले शादी तय हुई थी। इसके एक महीने बाद सगाई हुई। इसमें झांसी से 150 लोग छतरपुर आए थे। लड़के को डायमंड की अंगूठी, ब्रेसलेट दिया गया। बहन, मां, भाई, पिता को अंगूठी दी थी। सब कुछ अच्छे से हुआ।

भूपेंद्र ने बताया कि गुरुवार सुबह जब हम लोग होटल पहुंचे तो शादी की रस्में शुरू हुईं। दोपहर में हल्दी की रस्म हुई और इसके बाद दूल्हा गायब हो गया। एक करोड़ रुपये की मांग की गई। फिर 50 लाख रुपये पर आ गए। हम चाहते हैं कि कार्रवाई हो। ऐसे दहेज लोभियों को सजा मिलनी चाहिए। दुल्हन आकृति जैन ने कहा- वो लोग पहले एक करोड़ रुपये मांग रहे थे। बाद में 50 लाख रुपये मांगने लगे। बोले पैसे नहीं दिए तो शादी नहीं करेंगे। हमारी सुबह हल्दी हो चुकी थी, इसके बाद उन्होंने फेरे लेने से मना कर दिया। थाने आए तो दबाव डाला जा रहा है कि राजीनामा कर लो। बंधक बनाकर मारपीट करने का झूठा आरोप लगा रहे हैं।

दूल्हे आचरण जैन ने आरोप लगाया कि कुछ दिनों से हमारे घरवालों से बदतमीजी हो रही थी। दुल्हन हर बात पर कमी निकाल रही थी। उसका कहना था कि अच्छे से इवेंट करो, नहीं तो फेरे लेने नहीं आऊंगी। हमारी जितनी हैसियत थी, उस हिसाब से इवेंट करा रहे थे। उसने कहा कि एक करोड़ या 50 लाख रुपये मांगने की कोई बात नहीं है। मुझे और पिता को कमरे में बंद कर जूतों से पीटा गया और अब हम शादी नहीं करेंगे। लड़की का भाई मुझसे कहता है कि उस पर 28 केस दर्ज हैं और वो मुझे उसे फंसा देगा। उसके नेताओं से संबंध हैं। उसने मुझे थाने में बंद करवाने की धमकी दी थी। ये लोग जो आरोप लगा रहे हैं, सब झूठे हैं।

थाना प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से तहरीर मिली है। दुल्हन के घरवालों ने दहेज में 50 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है। दूल्हे पक्ष ने बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय में मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव खारिज, मायावती ने किया फैसले का स्वागत

लखनऊ, । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि के छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाये जाने के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के फैसले का स्वागत किया है।मायावती ने एक्स पोस्ट में कहा कि भारतीय संविधान के मान-सम्मान व मर्यादा तथा इसके समतामूलक एवं कल्याणकारी उद्देश्यों के विरुद्ध जाकर दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि विभाग में मनुस्मृति पढ़ाए जाने के प्रस्ताव का तीव्र विरोध स्वाभाविक है।

इस प्रस्ताव को रद्द किए जाने का फैसला स्वागतयोग्य है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने ख़ासकर उपेक्षितों व महिलाओं के आत्मसम्मान व स्वाभिमान के साथ ही मानवतावाद एवं धर्मनिरपेक्षता को मूल में रखकर भारतीय संविधान की संरचना की, जो मनुस्मृति से कतई मेल नहीं खाता है। अतः ऐसा कोई प्रयास कतई उचित नहीं। हरियाणा में इनेलो के साथ बसपा के गठबंधन पर मायावती ने कहा कि लोग बसपा-इनेलो गठबंधन को तीसरे मोर्चे के रूप में स्वीकार कर रहे हैं क्योंकि भाजपा व कांग्रेस का जातिवादी, साम्प्रदायिक, आरक्षण व संविधान-विरोधी चाल-चरित्र-चेहरे को लोगों ने देख लिया है। अब वे चौधरी देवीलाल और कांशीराम का मानवतावादी सपना साकार करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया आम महोत्सव 2024 का उद्घाटन, जापान को भेजा गया 15 टन आम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अवध शिल्पग्राम में आयोजित तीन दिवसीए आम महोत्सव 2024 का उदघाटन किया। मुख्यमंत्री ने आम की विभिन्न प्रजातियों की लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के हाथों फ्लैग आफ कर जापान को 15 टन आम भेजा गया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आम सबके लिए सुलभ है। महाेत्सव में प्रगतिशील किसानों व बागवानों को सम्मानित किया जाता है। दुनिया के बाजार में पहुंचाने का प्रयास हमारी सरकार कर रही है। पहली बार लखनऊ का दशहरी आम अमेरिका गया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों और उत्पादकों के हितों के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। दुनिया के बाजार में यूपी का आम छा जाये, इसके लिए गुणवत्ता ठीक करनी होगी और उत्पादन भी बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार ने तमात प्रकार की सुविधाएं व प्रोत्साहन आम किसानों को दे रही है। आम उत्पादकों को मुनाफा दिलाने के उद्देश्य से दुनिया के बाजारों में आम भेजा जा रहा है। इससे किसानों को काफी बजत होगी। इस वर्ष जापान और मलेशिया को 40 टन आम निर्यात किया जायेगा। हमें आम नागरिक के लिए भी और दुनिया के बाजारों के लिए आम का उत्पादन करना है। 25 से 30 फीसदी आम का उत्पादन यूपी में होता है।

योगी ने कहा कि आम उत्पादकों और निर्यातकों के मध्य चर्चा परिचर्चा आम महोत्सव में होगी। आम महोत्सव में 700 से अधिक प्रजातियों का प्रदर्शन किया जायेगा।
उद्यान मंंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि बाहर जाने वाले हर जहाज पर उत्तर प्रदेश का आम दुनिया के बाजारों में जा रहा है। हमारी उपज विदेशों में खरीदी जा सके, इसलिए जेवर एयरपोर्ट के पास ट्रीटमेंट पावर प्लांट बनाने का प्रस्ताव है। दुबई, अमेरिका, मलेशिया को भी आम का निर्यात किया गया है। प्रदेश में आम की लगभग 1000 प्रजातियों का उत्पादन किया जा रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से दशहरी, लंगड़ा, चौसा, गौरजीत, आम्रपाली, रामकेला, रतौल, लखनऊ सफेदा, बाम्बेग्रीन एवं अन्य रंगीन प्रजातियां प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं।आम महोत्सव में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और कृषि उत्पादन आयुक्त देवेश चतुर्वेदी और जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
हमीरपुर से महिला को अगवा कर नोएडा में बंधक बनाकर की दरिंदगी
लखनऊ । हमीरपुर जिले में महिलाओं पर शर्मनाक घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। एक महिला को बीच बाजार से अगवा कर नोएडा ले जाया गया जहां उसे बंधक बनाकर लगातार दरिंदगी की गई। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने इस घटना की तफ्तीश शुरू कर दी है। बिंवार थाना प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को बताया कि घटना की तहरीर मिल गई है। जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।जनपद के बिंवार थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला के बच्चों को महाविद्यालय के हास्टल का एक कर्मचारी ट्यूशन पढ़ाने घर जाता था।

बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के दौरान महिला इसके जाल में फंस गई। महिला को किसी काम से बाजार बुलाकर उसे घसीटकर कार में डाल दिया और अपहरण कर महिला को नोएडा ले जाया गया। नोएडा में किराए के मकान में महिला को बंधक बनाकर रखा गया। अर्से तक उसके साथ दरिंदगी की गई। महिला पर नजर रखने के लिए दरिंदे का भाई और अन्य लोग भी पहरा देते रहे। यह महिला किसी तरह वहां से निकलकर हमीरपुर आई और घटना की लिखित जानकारी एसपी को देकर रो पड़ी। एसपी ने इस मामले में बिंवार थाना प्रभारी को जांच कर एक्शन लेने के निर्देश दिए। एसपी के निर्देश के बाद बिंवार थाने की पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। आरोपी की भी तलाश में पुलिस जुट गई है।नोएडा में बंधक बनी महिला किसी तरह दरिंदे के चंगुल से छूटकर यहां आते ही पहले थाने में घटना की तहरीर दी फिर एसपी उसने एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। महिला ने बताया कि महाविद्यालय के हास्टल का बाबू बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने घर आता था।

इसने उसे बाजार बुलवाया और जबरदस्ती कार में बैठाकर नोएडा ले गया। नोएडा के बहलोरपुर पुलिस चौकी के पास आश्रम गली में किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा गया। लगातार लम्बे समय तक उसके साथ दरिंदगी की गई।महिला को अगवाकर नोएडा ले जाकर बंधक बनाकर दरिंदगी करने के मामले में अब पुलिस एक्शन में आ गई है। पुलिस ने पीड़ित महिला की तहरीर पर प्रकरण की तफ्तीश शुरू कर दी है। आरोपी भी गांव से फरार हो गया है। बिंवार थाना प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को बताया कि घटना की तहरीर मिल गई है। जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हाेंने बताया कि इस महिला को पति ने छोड़ दिया है। आरोपी एक क्षेत्र के एक महाविद्यालय का कर्मचारी है जिसकी तलाश भी कराई जा रही है।
सीएम याेगी का अफसराें काे जनसुनवाई कर समाधान करने के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर 'जनता दर्शन' किया। पीड़ितों ने पुलिस, कब्जा, स्थानांतरण आदि मुद्दों को लेकर सीएम से
अपनी वेदना रखी, जिस पर सीएम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फरियादियों की सुनिये, फिर संवाद कर यथोचित कार्रवाई कीजिये। हर उचित मामलों में पीड़ित की संतुष्टि जरूरी है।

जन-जन की सुरक्षा, समृद्धि एवं खुशहाली की भावना के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर 'जनता दर्शन' कार्यक्रम
में विभिन्न जनपदों से आए सैकड़ों लोगों की समस्याएं सुनीं। एक शिक्षक ने अपनी निजी परेशानी को बताते हुए स्थानांतरण का आग्रह किया, जिस पर उनके आवेदन को कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशालय भेज दिया गया।

वहीं मृतक आश्रित कोटे से नौकरी का प्रार्थना पत्र लेकर भी एक फरियादी पहुंचे, जिस पर मुख्यमंत्री ने अफसरों को इसे सम्बंधित विभाग में भेजकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। सीएम योगी ने प्रत्येक पीड़ित के पास पहुंचे। उनकी शिकायत सुनी और प्रार्थना पत्र लेकर अफसरों को आगे की कार्रवाई के लिये कहा। इस दौरान पुलिस और जमीन कब्जे से जुड़े मामले भी आये, जिस पर मुख्यमंत्री ने सम्बंधित जिलों के अफसरों को इस पर कार्रवाई का निर्देश दिया।  कहा इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।